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ट्रांसलेशन अकादमी का तआरूफ

This page answers the question: ट्रांसलेशन अकादमी क्या है?

ट्रांसलेशन अकादमी में आपका खैर मकदम है

. ‘ट्रांसलेशन अकादमी’ का मकसद किसी को भी कहीं भी इस काबिल बनाना है कि वह खुद से बाइबिल के मवाद का आला मेयारी तर्जमा अपनी ज़बान में कर सके. ट्रांसलेशन अकादमी को इन्तहाई लचकदार तरीके से डिजाईन किया गया है. इसे मुनज्ज़म तरीके से, तरक्कियाती नुक्ता नज़र से या सिर्फ ज़रूरत के वक़्त सीखने के ग़रज़ से इस्तेमाल किया जा सकता है (या दोनों तरीके से, हस्ब-ए-ज़रूरत). यह बनावट के एतबार से मेआरी है.

ट्रांसलेशन अकादमी मंदर्जा जैल हिस्सों पर मुश्तमिल है:

  • [तआरूफ] (../ta-intro/01.md) - ट्रांसलेशन अकादमी और अन्फोल्डिंग वर्ड प्रोजेक्ट का तआरूफ पेश करता है
  • अमल दस्ती - “आगे क्या है?” इसका जवाब देता है
  • तर्जमा दस्ती –तर्जमा के उसूल की बुनियादी बातों की वजाहत करता है और इससे अमली तर्जमा में मदद मिलती है
  • दस्ती जांच – जांच की थ्योरी और बेहतरीन मश्क की बुनियादी बातों की वजाहत करता है

हम बाइबिल का तर्जमा क्यों करते हैं

This page answers the question: हमें बाइबिल का तर्जमा क्यों करना चाहिए?

In order to understand this topic, it would be good to read:

ट्रांसलेशन अकादमी का मकसद बाइबिल का मुतर्जिम बनने के लिए तरबियत देना है. ईसा मसीह के शागिर्द के तौर पर अपने लोगों की तादाद बढ़ाने में मदद करने के लिए खुदा के कलाम को अपनी ज़बान में तर्जमा करना एक अहम काम है. आपको अज्म कर लेना चाहिए कि इस काम को करना है, अपनी ज़िम्मेदारी को संजीदगी से लीजिए, और दुआ कीजिए कि खुदा आपकी मदद करे.

खुदा ने बाइबिल में हमसे बात की है. उसने बाइबिल के मुसन्नफीन को इबरानी, अरबी और यूनानी ज़बानों में अपने कलाम को लिखने के लिए हौसलाअफजाई किया है. तकरीबन 40 मुख्तलिफ मुसन्नफीन थे जो तकरीबन 1400 B.C. से 100 A.D. तक लिख रहे थे. यह दस्तावेजात मशरिक उस्ता, शुमाली अफ्रीका और यूरोप में लिखे गए थे. उन ज़बानों में अपने कलाम को रिकॉर्ड कर के खुदा को यकीन हो गया कि उन जगहों पर उस वक्त के लोग उसको समझ सकते थे.

आज, आपके मुल्क में लोग इबरानी, अरबी और यूनानी नहीं समझते हैं. मगर उनकी ज़बान में खुदा के कलाम का तर्जमा उन्हें इस काबिल बनाएगा कि वह उसे समझ सकें.

किसी की “मादरी ज़बान” या “दिल की ज़बान” का मतलब होता है कि वह एक बच्चे के तौर पर सबसे पहले उसी को बोलता है और अपने घर पर इस्तेमाल करता है. यही वह ज़बान होती है जिसे वह सबसे ज्यादा आरामदेह समझता है और अपने गहरे ख्यालात का इज़हार करने के लिए उसी का इस्तेमाल करता है. हम चाहते हैं कि खुदा के कलाम को सब कोई अपनी ज़बान में पढ़े.

हर ज़बान अहम और काबिल-ए-कद्र है. छोटी ज़बानें भी उतनी अहम हैं जितनी कि आपके मुल्क में बोली जाने वाली कौमी ज़बान, और वह भी उस मतलब को बयान कर सकती हैं. किसी को भी अपनी ज़बान बोलने में शर्म नहीं आनी चाहिए. कभी कभी, अकलियत में रहने वाले लोग अपनी ज़बान बोलने में शर्म महसूस करते हैं और उसका इस्तेमाल उन लोगों के बीच नहीं करते जो मुल्क में अक्सरियत में हैं. लेकिन ज़ाती तौर पर कोई भी ज़बान ज्यादा अहमियत का हामिल, पुर वकार, या मुहज्ज़ब नहीं है, चाहे वह कौमी ज़बान हो या मकामी. हर ज़बान का एक मुनफ़रिद अंदाज़ है और उसके मानी के मुख्तलिफ रंग हैं जो कि इन्फरादियत को बनाए रखती हैं. हमें वही ज़बान इस्तेमाल करनी चाहिए जिसमें हम ज्यादा आराम महसूस करते हैं और जिसमें हम अपने जज़्बात को अच्छी तरह बयान कर सकें.

  • क्रेडिट: "Bible Translation Theory & Practice" बज़रियः Todd Price, Ph.D. CC BY-SA 4.0 से लिया गया. *

अन्फोल्डिंग वर्ड प्रोजेक्ट

This page answers the question: अन्फोल्डिंग वर्ड प्रोजेक्ट क्या है ?

In order to understand this topic, it would be good to read:

अन्फोल्डिंग वर्ड प्रोजेक्ट वजूद में है क्योंकि , हम हर ज़बान में ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद देखना चाहते हैं *

ईशु ने अपने शागिर्दों को हुक्म दिया कि हर क़ौम में अपने शागिर्द बनाओ :

” ईशु उनके पास आए और उनसे बात की और कहा, और ज़मीन आसमान पे मुझे तमाम इख़तियार दिए गए है I इस लिए जाओ और तमाम क़ौमों के शागिर्द बनाओ I उन्हें आबा-ओ-अज्दाद - फ़र्ज़ंद , और रूहुल-क़ुदुस के नाम पर बपतिस्मा दें. इन सब चीज़ों का इताअत करो जिसने मैंने तुम्हें हुक्म दिया है. और देखो, में हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, दुनिया के इख़तताम तक. "(मथ्यू 28: 18-20 ULT )

हम वादा करते है की जन्नत में हर जबान के लोग होंगे :

“इन चीज़ों के बाद मैंने देखा, और पाया, वहां , बहुत भीड़ थी, कोई गिनती नहीं कर सकता था ,वहां लोग हर  शख़्स, क़ौम,क़बीले, और ज़बान से थे ,और तख़्त के सामने और मैमन के आगे खड़े थे " (इन्किशाफ7:9 ULT)

खुदा की दुनियां अपनी जबान में समझना बहुत जरूरी है :

“ अकीदा क्राइस्ट की बातें , क्राइस्ट के लफ़्ज़ों में सुनने से आती है “ (रोमन 10:17 ULT)

हम यह कैसे करते है ?

हम हर ज़बान में ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद का

मक़सद कैसे हासिल करते हैं ?

  • [ अन्फोल्डिंग वर्ड project] दूसरे हम ज़हनी तन्ज़ीमों के साथ काम करके I
  • ईमान का बयान -उन लोगों के साथ काम करके जो इसी हम अक़ाइद रखते हों
  • तर्जुमा हिदायात - एक आम तर्जुमा के उसूल का इस्तिमाल करते हुए
  • ओपन लाईसैंस - हम अपने तखलीक को एक खुली लाईसैंस के तहत जारी करेंगे
  • गेट वे ज़बानी हिक्मत-ए-अमली - बाइबल मवाद को एक मारूफ़ ज़बान से तर्जुमाकरने के लिए दस्तयाब करके

हम काया करते है ?

  • * मवाद * - हम तर्जुमा मुफ़्त और ग़ैर महिदूद बाइबल

की मवाद के लिए दस्तयाब और तख़लीक़ करते हैं. वसाइल और तर्जुमा की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए मुलाहिज़ा करें . चंद नमूने आगे हैं:

  • बाइबल की कहानियां खोलें तारीख़ वाराना सागीर बाइबिल में बाइबिल की 50 कलीदी कहानियां होती है I यह कहानियां तख़लीक़ से, ऐसी अलैहिस-सलाम और परनसपी तक की बातें बताती है, प्रिंट, आडीयो और वीडीयो के लिए लिंक ये है (see http://ufw.io/stories/).
  • बाइबल - ग़ैर मुतवक़्क़े तर्जुमा, इस्तिमाल, और तक़सीम के लिए, एक खुली लाईसैंस के तहत ,दस्तयाब , मुस्तहकम खुदा की जबान ( http://ufw.io/bible/ देखें).
  • * तर्जुमा नकाई* मुतर्जिम को ज़बाने मुतालिक , सक़ाफ़्ती और तवील में मदद मिलती है I वो बाइबल कहानियां और बाइबल के लिए मौजूद हैं (http://ufw.io/tn/ देखें).
  • * तर्जुमा सवालात * - मुतर्जिम और मुआइना कर के वो सवाल जो तर्जुमा से तालुक रखते हो और यक़ीन करने में मदद करते हो की तर्जुमा सही तौर पर समझा गया है I ओपन बाइबिल और बाइबिल की कहानियों के लिए यहाँ दस्तयाब है I (http://ufw.io/tq/ देखें)
  • * लफ्जे तर्जुमा * बाइबल की शराइत की एक फ़हरिस्त ,जिसमें मुख़्तसर वजाहत , तज़किरा

और तर्ज़ुमायें इमदाद टूल मौजूद हैं I ओपन बाइबिल और बाइबिल की कहानियों के लिए ज़रूरी (http://ufw.io/tw/ देखें)

  • टूल्स - हम तर्जुमा करने , उसे जांचने और तकसीम के लिए आला बनाते है I ये मुफ़्त और खुली लाईसैंस याफताह हैं I टूल्ज़ की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए मुलाहिज़ा करें I यहाँ चंद नमूने मौजूद हैं :
  • * डोर 43* - एक ऑनलाइन तर्जुमा प्लेटफार्म जहां लोग तर्जुमा और जांच पड़ताल में तआवुन कर सकते हैं, उनके लिए मवाद मैनिजमंट सिस्टम भी शामिल है. (मुलाहिज़ा करें https://door43.org/).
  • * तर्जुमा स्टूडीयो* - एक मोबाइल एप और एक डेस्कटॉप एप जहां मुतर्जिमऑफलाइन तर्जुमा कर सकते हैं (http://ufw.io/ts/ देखें).
  • तरजमहकी बोर्ड एक वेब और मोबाइलअप्प है जो की इस्तेमाल करने वाले को , कस्टम की बोर्ड , बग़ैर ज़बान जाने , इस्तिमाल करने में मदद करता है (http://ufw.io/tk/ देखें )
  • अन्फोल्डिंग वर्ड एप - एक मोबाइल एप जहाँ तर्जुमा तक़सीम किया जा सकता है (http://ufw.io/uw/) देखें.
  • * तर्जुमा * - ये एक ऐसा प्रोग्राम है जो बाइबल तर्जुमाओं की वसीअ जांच पड़ताल के काबिल बनाता है (http://ufw.io/tc/ देखें).
  • ट्रेनिंग - हम अपनी जबान में तर्जुमा करने के लिए वसाइल पैदा करते हैं. तर्जुमा अकैडमी में (ये वसाइल) हमारी बुनियादी तर्बीयत का आला है. हमारे पास आडीयो रिकार्डिंग और तर्बीयती वसाइल भी हैं. http://ufw.io/training/ तर्बीयत मवाद की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए देखें I

ईमान का बयान

This page answers the question: हमारा ईमान क्या है?

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इस दस्तावेज़ का दफ्तरी नुस्खा पर मौजूद है.

ईमान के मंदर्जा जैल बयान की अन्फोल्डिंग वर्ड, नीकानी नसल, और [असाना सयुसी नसल] (https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md) नीज़ [लूजीन अहद] के सभी मेम्बर तंज़ीम और शराकत दारों ने तस्दीक़ की है.

हमारा ईमान है कि ईसाइयत के अक़ीदा को लाज़मी अक़ाएद और नज़रीयाती अक़ाएद में तक़सीम किया जा सकता है और किया जाना चाहिए (रूमियों 14).

लाज़मी अक़ाएद

लाज़मी अक़ाएद वह हैं जो ईसा मसीह के पैरोकार की वजाहत करते हैं और जिनसे कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता और नह ही उन्हें नज़र अंदाज़ किया जा सकता है.

  • हम ईमान रखते हैं कि सिर्फ बाइबिल ही ग़ैबी, हर खता से पाक, किफ़ायत करने वाली, खुदा का मुस्तनद कलाम है (1 Thessalonians 2:13; 2 Timothy 3:16-17).
  • हम ईमान रखते हैं कि खुदा एक है, अजली तौर पर तीन अफराद में मौजूद है: खुदा बाप, ईसा मसीह बेटे और रूहुलकुद्स (Matthew 28:19; John 10:30).
  • हम ईसा मसीह की खुदाई पर यकीन रखते हैं (John 1:1-4; Philippians 2:5-11; 2 Peter 1:1).
  • हम ईसा मसीह की इंसानियत, उनकी कुंवारी पैदाइश, उनकी मासूम ज़िन्दगी,उनके मोजज़ात, उनकी मजमूई और गैर आहंग बहते हुए खून के साथ मौत, उनके जिस्मानी तौर पर जिंदा होने, और उनके बाप के दाहिने तरफ आसमान पर उठा लिए जाने पर यकीन रखते हैं (Matthew 1:18,25; 1 Corinthians 15:1-8; Hebrews 4:15; Acts 1:9-11; Acts 2:22-24).
  • हम यकीन रखते हैं कि हर आदमी खल्की तौर पर गुनहगार है और इसीलिए अब्दी जहन्नम का मुस्तहक है (Romans 3:23; Isaiah 64:6-7).
  • हम यकीन रखते हैं कि गुनाह से निजात खुदा का एक तोहफा है, जो ईसा मसीह की क़ुरबानी वाली मौत और उनके दोबारा आने के ज़रियः अता किया गया है, इसे ईमान के ज़रियः पाया जाता है, कामों से नहीं (John 3:16; John 14:6; Ephesians 2:8-9, Titus 3:3-7).
  • हम यकीन रखते हैं कि हकीकी ईमान हमेशा तौबा के ज़रियः और रूहुल्कुद्स के अहया से हासिल होता है (James 2:14-26; John 16:5-16; Romans 8:9).
  • हम रूहुल्कुद्स की मौजूदा वज़ारत में यकीन रखते हैं जिसके ज़रियः ईसा मसीह के पैरोकार एक खुदाई ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल हैं (John 14:15-26; Ephesians 2:10; Galatians 5:16-18).
  • हम खुदा ईसा मसीह में तमाम ईमान वालों की रूहानी इत्तिहाद में यकीन रखते हैं, तमाम कौमों और ज़बानों और लोगों की जमात की जानिब से (Philippians 2:1-4; Ephesians 1:22-23; 1 Corinthians 12:12,27).
  • हम ईसा मसीह की जाती और जिस्मानी वापसी पर यकीन रखते हैं (Matthew 24:30; Acts 1:10-11).
  • हम नाजी और गैर नाजी दोनों के हश्र पर ईमान लाते हैं: जिनको निजात नहीं मिली उनका हश्र जहन्नम की दायिमी तबाही के साथ होगा और जिनको निजात मिल गई उनका हश्र खुदा के साथ जन्नत में अब्दी नेमत के साथ होगा (Hebrews 9:27-28; Matthew 16:27; John 14:1-3; Matthew 25:31-46).

नज़रीयाती अक़ाएद

नज़रीयाती अक़ाएद में वह सब शामिल हैं जो साहीफे में दर्ज हैं मगर जिसके बारे में मसीह के मुखलिस पैरोकारों से इख्तिलाफ नहीं हो सकता है (जैसे बप्तिस्मा, रब का दस्तूर, वजदानी कैफियत वगैरह). हम इन मौज़ूआत पर मुत्तफ़िक़ तरीके से मुत्तफ़िक़ होने पर इत्तिफाक करते हैं और एक साथ जोर लगा कर सभी तबके के लोगों को शागिर्द बनाने के आम मकसद का इंतखाब करते हैं. (Matthew 28:18-20).


तर्जुमा के हिदायत

This page answers the question: हम किस उसूल पे तर्जुमा कर रहे है ?

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इस काम के असली दस्तावेज के लिए यहाँ क्लिक करें http://ufw.io/guidelines/.*

  • सभी रुकुन, तन्ज़ीमों के ज़रीये , तर्जुमा में इस्तिमाल

होने वाले उसूलों और तरीका-ए-कार ,अन्फोल्डिंग वर्ड प्राजैक्ट पर सबस्क्राइब करतें है और (शराकतदार https://wordfoldingwordbible) में शराकतदार. तमाम तर्जुमा की सरगर्मीयां इन आम हिदायात के मुताबिक़ किए जाते हैं. *

  1. दरुस्त - असल मतन के मअनी में, तबदीली किये बग़ैर दरुस्त तरीक़े से तर्जुमा करें I तर्जुमा शूदा मवाद , जितना हो सके, दुरुस्त तौर पर , असल मतन - मअनी को , सुनने वालों के लिए समझने लायक बनाये I (मुलाहिज़ा करें तर्जुमा दरुस्त बनाएँ)
  • * वाज़िह * - किसी भी ज़ुबानी ढांचे को इस्तमाल करके मवाद को काबिले – फ़हम बनाये I इसमें शब्दों को अलग तरतीब देना शामिल है , पर कोशिश करें की तर्जुमा का असल मतलब ही मुन्ताकी हो I
  • *क़ुदरती * - वो जबान का तरीका इस्तिमाल करें जो मोस्सर हैं और आप की ज़बान में जिस मुफदत में इस्तमाल किया जाता हो I (मुलाहिज़ा करें क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ)
  • *वफ़ादारी * - किसी भी सयासी, मज़हबी, नज़रियाती,

समाजी, सक़ाफ़्ती, या मज़हबी तास्सुब से बचें. कलीदी इस्तिलाहात का इस्तिमाल करें जो असल बाइबल की ज़बानों के अलफ़ाज़ के वफ़ादार रहे I खुदा और उसके बन्दों के बीच ताल्लुक़ात बयान करने के लिए बिबलिकल हम मैना लफ्ज़ इस्तेमाल करें I ये वाज़िह तौर पर, फ़वाइद या दूसरे ज़िमनी वसाइल में वाज़िह किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें ईमान मंद तर्जुमा बनाएँ)

  1.  * मुस्तनद * - बाइबल के मवाद की तर्जुमा के लिए

सबसे ज़्यादा अथार्टी के तौर पर असल ज़बान बाइबल के मज़ामीन का इस्तिमाल करें. दूसरी ज़बानों में काबिल-ए-एतिमाद बाइबल मवाद वाज़िहऔर बक़ीया वसाइल के मतन के तौर पर इस्तिमाल किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें तख़लीक़ी तर्जुमे बनाएँ)

  • * तारीख़ी * - तारीख़ी वाक़ियात और हक़ायक़ दरुस्त तरीक़े से मुवासलात करेंI असल मवाद के असल वसूल कुनुन्दगान के तौर पर ,एक ही सयाक़-ओ-सबॉक् और सक़ाफ़्त का इश्तिराक नहीं करने वाले अफ़राद को , सही पैग़ाम मतलाकरन केलिए इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करना. (मुलाहिज़ा करें तारीख़ी तर्जुमा बनाएँ)
  • बराबर - ज़रीया मतन के इरादे को ही मुवासलात करें, इसमें बिशमोल एहसासातऔर के इज़हार शामिल है Iजितना हो सके अब्दियआत को बुन्याद – ए- मातन में रखे I इसमें दास्तान, शेअर, तहरीर और पैशन गोई शामिल है I इनके मवाफिक तर्जुमा को , आपके जबान के तर्ज़ पर बदलें I

 तर्जुमा की कैफ़ीयत की शनाख़्त और इंतिज़ाम करना

तर्जुमा की कैफ़ीयत आम तौर पर असल के मअनी में तर्जुमा की मुख़लिस से मुराद है I यह इस बात की तामिल करेगा की आपका तर्जुमा,स्पीकर के लिए कितना समझने लायक और असरकारी है I हम इस हिक्मत-ए-अमली में मश्वरा देते हैं कि तर्जुमा के मरसले – मयार को जबाने बरदारी और इखलास की चर्च के लोगों से जांच करायेI

अक्सर हम एक अच्छा तर्जुमा उसे समझते है जो की ज़बानी कम्यूनिटी के स्पीकर और ज़बानी ग्रुप में कलीसिया की क़ियादत की तरफ़ से जायज़ा लिया गया हो , ताकि

*दरुस्त, वाज़िह, क़ुदरती, और मुसावात * - इरादा मअनी में वफ़ादारी ,जैसा की चर्च के और से बताया गया हो I चर्च के आलमी और तारीख़ी से इत्तेहाद रखता हो I

  1. *गिरजाघर की तरफ़ से तसदीक़ * -  चर्च की तरफ़ से इस्तिमाल और हिमायत किया जाता हो. (देखें चर्च मंज़ूर शूदा तर्जुमा):

हम ये भी तजवीज़ करते हैं कि तर्जुमा का काम :

  • * शराकत * - जहां मुम्किन हो, दूसरे मोमिनों के साथ मिलकर काम करें ,जो तर्जुमा करने , उसे जाचने, और तक़सीम करने वाले मवाद  हो Iमवाद को अपनी ज़बान में तक़सीम करने के लिए , इस बात को जांच करें कि ये सबसे आला मयार और मुम्किना हद तक मुम्किना लोगों के लिए दस्तयाब है. (मुलाहिज़ा करें तआवुन तआवुन तर्जुमा)
  • 1.मुसलसल- तर्जुमा का काम , मुकम्मल तौर पर कभी ख़त्म नहीं .ओता है I उन लोगों की हौसला-अफ़ज़ाई करें जो ज़बान के साथ माहिर हैं और तर्जुमा को बेहतर बनाने के तरीक़ों का मश्वरा देते हैं I

तर्जुमा में हुई कोई गलती को तलाश करके जल्द से जल्द उसे सही करना चाहिए I तर्जुमा के वक्तन फुकIतन जांच को बढ़ावा देI अन्फोल्डिंग वर्ड ऑनलाइन टूल की मदद से इन तब्दिलिओन को जल्दी और आसानी से किया जा सकता है I


ओपन लाइसेंस

This page answers the question: अन्फोल्डिंग वर्ड कंटेंट इस्तमाल करने पे क्या आज़ादीयां होंगी ?

In order to understand this topic, it would be good to read:

आजादी का लाइसेंस

  • हर ज़बान में ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद * हासिल करने के लिए , एक लाइसेंस की जरूरत होती है , जो की अIलमगीर चर्च को * मवाद पे , अमायबंदत पहुँच देती हैं I हम ये मानते हैं की ये इन्कलाबी तबदीली हो जाएगी, जब चर्च के पास अमायबंदत पहुँच होगी I [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License] बाइबल के मवाद की तर्जुमा और तक़सीम के लिए ज़रूरी ज़रूरीयात फ़राहम करता है और, अगर कोई और अलग नोटिस ना हो तो, इस बात की तामिल करता है की मवाद अवाम के पहुँच में हो I हमारे सारे मवाद CC BY-SA से लासेन्सयाफ्ता है I
  • डोर 43 का ऑफिसियल लाइसेंस यहाँ है https://door43.org/en/legal/license.*

क्रिएटिव कोमा आत्रिबुशन – शेयर अलाईक4.0 इंटरनेशनल ((CC BY-SA 4.0))

आप आजाद है

  • शेयर - कॉपी और आलमी मवाद की किसी भी तरीके से बाटने के लिए
  • एडाप्ट - रीमिक्स, तबदील, और मवाद पर तामीर करने के लिए

किसी और तवक्कु या तिजारती तौर पर इस्तमाल के लिए

लाइसेंस याफ्ता लाईसैंस के शराइत पर अमल करते वक़्त इन इस्तास्नाओं को मंसूख़ नहीं कर सकते

मुंदरजा ज़ैल हालात के तहत

  • इंतसाब आप लाइसेंस को मुनासिब क्रेडिट दें, उसका लिंक डालें , और अगर कोई बदलाव किया गया है तो बताएं I आप ये किसी भी तरीके से कर सकते है , पर ऐसा नहीं लगना चाहिए की लिसनसर आपकी हिमायत कर रहा है I
  • शेयर अलाइक - अगर आपने मवाद में कोई तबदीली की या नया लिखा ,

तो, आपको अपनी शराकतों को असल लाईसैंस के तहत तक़सीम करना लाज़िमी है I

इसके अलवा कोई इज़ाफ़ी पाबंदीयां नहीं है आप क़ानूनी शराइत या तकनीकी इक़दामात , दूसरों पे ,जो लाइसेंस में काबिले मंजूर हो , कानूनी पाबंदियां लगाने के लिए नहीं कर सकते हैं I

नोटिस

आपको अवामी हलक में , मवाद के अनासिर के लिए , लाईसैंस के साथ अमल करने की ज़रूरत नहीं है या आपके इस्तिमाल को काबुल इतलाक़ इस्तिस्ना या हदूद की जरूरत नहीं है

आपको कोई वारंटी नहीं दी जाएगी I लाईसैंस आपको आपके मतलूब इस्तिमाल के लिए ज़रूरी तमाम इजाज़तनहीं दे सकता I मिसाल के तौर पर, मवाद का इस्तिमाल , अवामी हक़राज़दारी, या अख़लाक़ी हुक़ूक़ पर मुनसार होगा I

इन्साबे अमल तोसीक के मातहत काम के लिए : असली कIम, जो की डोर 43 वर्ल्ड मिशन कम्युनिटी ने बनाया है , यहाँ दस्तियाब है: available at इसे तख़लीक़ी अलाम इंतिसाब, शेयर अलायक 4, इंटरनेशनल लाइसेंस, के तहत जारी किया गया है I . (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/). ये काम अलसी काम का तर्जुमा है और असल तखलीख करने वाले , इस काम की हिमायत नहीं करते है I

डोर 43 के इमदाद का इंतसाब

डोर 43 में , वसाइल दरआमद करते वक़्त ,  असलकाम को लाज़िमी तौर , जैसा की ओपन लाइसेंस में कहा गया है , मंसूब करना चाहिए I मिसाल के तौर पर , बाइबल कहानीयों में  इस्तिमाल होने वाली आर्ट वर्क , को वाज़िह तौर पर, प्रोजेक्ट के मैं पेज पर , मंसूब किया गया है I

डोर 43 प्रोजेक्ट, के इमदाद, इस बात पे राज़ी है की , हर पन्ने पे मिला इंतसाब उनके काम के लिए काफी है I जिसमें कहा गया है की ,

डोर 43 का हर इमदाद का नाम “डोर 43 मिशन कम्युनिटी” या इसी तरह के किसी चीज़ में होगा I

हर शराकत का इमदाद इस काम के लिए नज़र-ए-सानी की तारीख़ में महफ़ूज़ है

सोर्स टेक्स्ट

सोर्स टेक्स्ट सिर्फ तब काम में लिया जायेगा , जब उनके पास इनमें से कोई एक लाइसेंस हो :

जयादा मालूमात के लिए यहाँ देखें कॉपीराइट ,लाइसेंसिंग और सोर्स टेक्स्ट


गेटवे लैंग्वेज स्ट्रेटेजी

This page answers the question: हर जबान तक पहुँच कैसे हो सकती है

In order to understand this topic, it would be good to read:

  • इस दस्तावेज की असली तावील यहाँ मौजूद है http://ufw.io/gl/.*

वजाहत

गेटवे लैंग्वेज स्ट्रेटेजी का मक़सद , 100 फ़ीसद लोगों तक पहुचना है Iइसमें ग्लोबल चर्च का बिब्लिक मवाद शामिल है जो की , जिसपे कॉपीराइट की पाबंदीयां नहीं हो,और लोगों को उस जबान में दस्तयाब की जाये जो वो अच्छी तरह से समझते हैं ( उनकीं अपनी जबान में ) .’गेटवे लैंगुएज’ वसीअ मुवासलात की ज़बान है , जिसके ज़रीये ,दूसरी जबान बोलने वाले लोगों तक मवाद पहुच सकती है , जिसे वो अपने जबान में तर्जुमा कर सकते है I

आलमी सतह पर “ गेटवे लैंग्वेज “ बहुत कम जबाने शामिल है , जिसके जरिये मवाद को हर जबान में फ़राहम किया जा सकता है I मिसाल के तौर पे , फ्रेंच , अक्लियात जबानो की एक गेटवे लैंग्वेज है I फ्रंकोफोंन (फ्रेंच समझने वाले ) अफ्रीका में फ्रेंच मवाद को दो जबान बोलने वाले लोग अपनी जबान में तर्जुमा कर सकते है I

कौमी सतह पर , किसी कौम की गेटवे जबान , उन कुछ जबानो में से होती है जिससे जयादा से ज्यादा लोगों के साथ राबता किया जा सके I हर कौम में , दो जबान बोलने वाले लोग (ना की वतन तरक लोग ) , मवाद का अक्लियात जबान में तर्जुमा करके ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते है I

असर

इस मॉडल से दो जरूरी असर पड़ेंगे: सबसे पहले यह हर जबान , मवाद को अपनी जबान में जानना , इख़्तियार करेगा I एक बार मवाद और मदद पहुँचने के बाद , इसे हर काबिले रसाई जबान में तर्जुमा किया जायेगा ( गेटवे लैंग्वेज ) . दूसरा यह तर्जुमा तर्जुमा की मिक़दार को महिदूद करती है , क्योंकि तर्जुमा सिर्फ गेटवे जबान में करने की जरूरत ओटी है I दूसरी ज़बानें सिर्फ़ बाइबल के मवाद का तर्जुमा कर सकते हैं, क्योंकि तर्जुमा में मदद मिलने से (गेटवे लैंग्वेज)कोई ज़बान उन पर इन्हिसार नहीं होगी I

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जवाब तलश करना

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