19. भविष्यद्वक्ता
इस्राएलियों के इतिहास भर में, परमेश्वर ने बहुत से भविष्यद्वक्ता भेजे | भविष्यद्वक्ता ने परमेश्वर के संदेशों को सुना और फिर लोगों को परमेश्वर का संदेश बताया |
एलिय्याह भविष्यद्वक्ता था, जब अहाब इस्राएली राज्य का राजा था | अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को झूठे, बाल नामक देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित करता था | एलिय्याह ने अहाब से कहा, “इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी |”
यह सुन अहाब बहुत क्रोधित हुआ | परमेश्वर ने एलिय्याह से कहा कि वह जंगल में जाकर छिप जाए, क्योंकि अहाब उसे मारने की ताक में है | और सबेरे और साँझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे | अहाब और उसके सैनिक एलिय्याह की ताक में थे, परन्तु वह उसे खोज न सकें | कुछ दिनों के बाद उस देश में वर्षों न होने के कारण नाला सूख गया |
तब एलिय्याह पड़ोसी देश को चला गया | उस शहर में एक विधवा और उसके साथ उसका पुत्र रहता था, अकाल के कारण उनके पास जो भोजन बचा था वह लगभग समाप्ति पर था | परन्तु तब उन्होंने एलिय्याह का ख्याल रखा, और परमेश्वर ने उनके घड़े का मैदा समाप्त न होने दिया, और न उनके कुप्पी का तेल घटने दिया | पूरे अकाल के दौरान उनके पास खाने को पर्याप्त भोजन था | एलिय्याह वहाँ कई वर्षों तक रहता रहा |
साढ़े तीन वर्ष के बाद, परमेश्वर का यह वचन एलिय्याह के पास पहुँचा , “जाकर अपने आप को अहाब को दिखा, और मैं भूमि पर मेंह बरसा दूँगा |” एलिय्याह को देखते ही अहाब ने कहा, “हे इस्राएल को सतानेवाले क्या तू ही है |” तब एलिय्याह ने उससे कहा, “मैंने इस्राएल को कष्ट नहीं दिया, परन्तु तूने ही दिया है | क्योंकि तुम परमेश्वर की उपासना को टालकर बाल देवता की उपासना करने लगे |” तब अहाब ने सारे इस्राएलियों को बुला भेजा और भविष्यवक्ताओं को कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा किया |
इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो |’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो |’”
और एलिय्याह ने बाल के भविष्यवक्ताओं से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुन के तैयार कर लो, क्योंकि तुम तो बहुत हो; तब अपने देवता से प्रार्थना करना, परन्तु आग न लगाना | मैं भी ऐसा ही करूँगा | और जो आग गिराकर उत्तर दे वही परमेश्वर ठहरे |” तब बाल के भविष्यवक्ताओं ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई |
तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन |” बाल के भविष्यवक्ताओं ने दिन भर प्रार्थना की, और बड़े शब्द से पुकार पुकार के अपनी रीति के अनुसार छुरियों और बर्छियों से अपने अपने को यहाँ तक घायल किया कि लहू लुहान हो गए | परन्तु बाल ने उत्तर न दिया |
दिन के अंत में, एलिय्याह ने परमेश्वर के लिए बलिदान तैयार किया | तब उसने लोगों से कहा कि बारह घड़ों को ऊपर तक पानी से भर दो और बलिदान की वेदी के ऊपर डाल दो | लोगों ने वैसा ही किया और होमबली-पशु, लकड़ी और यहाँ तक कि वेदी के चारों ओर मैदान भी पूरी तरह से गीला हो गया |
फिर एलिय्याह ने प्रार्थना की, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ! आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्वर है, और मैं तेरा दास हूँ | हे यहोवा मेरी सुन, मेरी सुन कि लोग जान लें कि हे यहोवा तू ही परमेश्वर है |”
तब यहोवा की आग आकाश से प्रगट हुई, और होमबली को लकड़ी और पत्थरों और धूलि समेत भस्म कर दिया और गड़हे में का जल भी सुखा दिया | यह देख सब मूंह के बल गिरकर बोल उठे, “यहोवा ही परमेश्वर है! यहोवा ही परमेश्वर है |”
तब एलिय्याह ने कहा, “बाल के भविष्यवक्ताओं को पकड़ लो, उनमें से एक भी छूटने ने न पाए; तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे ले जाकर मार डाला |
फिर एलिय्याह ने अहाब से कहा, “तुरंत ही शहर की और लौट जा क्योंकि भारी वर्षा की सनसनाहट सुन पड़ती है |” थोड़ी ही देर में आकाश वायु से उड़ाई हुए घटाओ और आँधी से काला हो गया और भारी वर्षा होने लगी | यहोवा ने अकाल को समाप्त कर दिया और यह सिद्ध कर दिया कि वही सच्चा परमेश्वर है |
एलिय्याह के समय के बाद, परमेश्वर ने एलीशा नामक भविष्यद्वक्ता को चुना | परमेश्वर ने एलीशा के द्वारा बहुत से चमत्कार किए | जिनमे से एक चमत्कार नामान नामक व्यक्ति के जीवन में हुआ, वह शत्रुओं का सेनापति था और कोढ़ी था | उसने एलीशा के बारे में सुना था तो वह एलीशा के पास गया कि वह उसे चंगा करे | एलीशा ने उसे कहा, “तू जाकर यरदन नदी में साथ बार डुबकी मार |”
पहले तो नामान क्रोधित हुआ, और वह ऐसा नहीं करना चाहता था, क्योंकि उसे यह मूर्खता पूर्ण कार्य लग रहा था | परन्तु शीघ्र ही उसने अपना विचार बदल लिया और यरदन को जाकर उसमे सात बार डुबकी मारी | जब वह आखिरी बार ऊपर आया तो उसका कोढ़ पुरी तरह से ठीक हो गया था | परमेश्वर ने उसे चंगा किया |
परमेश्वर ने कई अन्य भविष्यवक्ताओं को भेजा | उन्होंने लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए न्याय और उन पर दया करना आरंभ करें | उन भविष्यवक्ताओं ने लोगों को चेतावनी देना आरंभ किया कि, यदि उन्होंने दुष्ट कार्य करना बंद न किया, और परमेश्वर कि आज्ञा का पालन करना आरंभ न किया, तब परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएगा और उन्हें दण्डित करेंगा |
बहुत सी बार लोग परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं करते थे | वह अकसर भविष्यवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करते थे और कभी कभी तो उन्हें मार भी देते थे | एक बार यिर्मयाह भविष्यवक्ता को सूखे कुएँ में डाल दिया और उसे वहाँ मरने के लिए छोड़ दिया | कुएँ में पानी नहीं केवल दलदल थी, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया, परन्तु तब राजा ने उस पर दया की और उसने अपने सेवकों को आज्ञा दी कि मरने से पहले उसे कुएँ में से निकाल लाए |
भविष्यवक्ताओं ने परमेश्वर के बारे में लोगों को बताना निरंतर जारी रखा भले ही लोग उनसे बैर रखते थे | उन्होंने लोगों को चेतावनी दी, कि यदि वह पश्चाताप नहीं करेंगे तो परमेश्वर उन्हें नष्ट कर देगा | उन्होंने लोगों को परमेश्वर की वह वाचा भी स्मरण कराई कि मसीह शीघ्र ही आने वाला है |
बाइबिल की यह कहानी ली गई है : 1 राजाओं 16-18 ; 2 राजाओं 5; यिर्मयाह 38