50. यीशु का पुनरागमन
लगभग 2,000 से अधिक वर्षों से, संसार भर में अधिक से अधिक लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को सुन रहे हैं | कलीसिया बढ़ रही है | यीशु ने वादा किया कि संसार के अंत में वह वापस आएगा | यद्यपि वह अभी तक वापस नहीं आया है, लेकिन वह अपना वादा पूरा करेगा |
जबकि हम यीशु के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो परमेश्वर चाहता है कि हम ऐसा जीवन जियें जो पवित्र हो तथा उसे आदर देता हो | वह यह भी चाहता है कि हम दूसरों को भी उसके राज्य के बारे में बताएँ | जब यीशु पृथ्वी पर रहता था तो उसने कहा, "मेरे चेले दुनिया में हर जगह लोगों को परमेश्वर के राज्य के बारे में शुभ समाचार का प्रचार करेंगे, और फिर अन्त आ जाएगा।"
बहुत से जनसमूहों ने अभी तक यीशु के बारे में नहीं सुना है | स्वर्ग में वापस जाने से पहले, यीशु ने मसीहों से कहा कि वे उन लोगों को शुभ समाचार सुनाएँ जिन्होंने इसे कभी नहीं सुना | उसने कहा, “जाओ और सारे जनसमूह के लोगों को चेला बनाओ!” और, "खेत कटनी के लिए पके खड़े हैं!"
यीशु ने यह भी कहा, “एक सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता | ठीक जैसे इस संसार के लोगों ने मुझ से बैर किया, इसी तरह वे तुम्हें भी मेरे कारण सताएँगे और मार डालेंगे | यद्यपि इस संसार में तुम्हें दुःख भोगना पड़ेगा, लेकिन हिम्मत रखो मैंने शैतान को जो इस संसार पर शासन करता है उसे पराजित कर दिया है | यदि तुम अन्त तक मेरे प्रति वफादार रहोगे, तो परमेश्वर तुम्हें बचाएगा!”
जब जगत का अंत होगा तो लोगों के साथ क्या होगा उसके बारे में यीशु ने अपने चेलों को एक कहानी सुनाई | उसने कहा, “एक मनुष्य ने अपने खेत में अच्छा बीज बोया | पर जब वह सो रहा था, तो उसका शत्रु आकर गेहूँँ के बीच जंगली बीज बोकर चला गया |”
“जब अंकुर निकले, तो उस मनुष्य के सेवकों ने कहा, ‘स्वामी, आपने उस खेत में अच्छे बीज बोये थे | तो फिर इसमें जंगली दाने कहाँ से आ गये?’ स्वामी ने उत्तर दिया, ‘किसी शत्रु ने इन्हें बोया होगा |’”
“दासों ने स्वामी को उत्तर दिया, ‘क्या हम जाकर जंगली पौधे उखाड़ दें?’ स्वामी ने कहा, ‘नहीं' | अगर तुम ऐसा करोगे, तो तुम कुछ गेहूँ को भी उखाड़ दोगे | कटनी तक इन्तजार करो और फिर जंगली पौधों को इकठ्ठा कर जलाने के लिए एक ढेर लगा देना, लेकिन गेहूँ को मेरे खत्ते में इकट्ठा करना |’”
चेले कहानी का अर्थ नहीं समझ पाए , इसलिए उन्होंने यीशु से इसे समझाने की विनती की |” यीशु ने कहा कि, “जिस व्यक्ति ने अच्छा बीज बोया वो मसीह का प्रतिनिधित्व करता है | खेत संसार का प्रतिनिधित्व करता है | और अच्छा बीज परमेश्वर के राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है |”
“जंगली दाने उन मनुष्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो दुष्ट से सम्बंधित हैं | जिस शत्रु ने जंगली बीज बोये वह शैतान का प्रतिनिधित्व करता है | कटनी संसार के अंत का प्रतिनिधित्व करती है, और फसल काटने वाले परमेश्वर के दूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं |”
“जब संसार का अंत होगा, तो जो लोग शैतान के हैं उन सभी लोगों को स्वर्गदूत एक साथ इकठ्ठा करेंगे और उन्हें एक धधकती आग में डाल देंगे, जहाँ वे भयंकर पीड़ा के कारण रोएँगे और अपने दाँँत पीसेंगे | तब धर्मी लोग अपने पिता परमेश्वर के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे |”
यीशु ने यह भी कहा कि वह संसार के अन्त से ठीक पहले पृथ्वी पर वापस आएगा | वह उसी तरह वापस आएगा जिस तरह वह यहाँ से गया था, अर्थात, उसका एक भौतिक शरीर होगा और वह आकाश में बादलों पर वापस आएगा | जब यीशु वापस आएगा, तो हर मसीही जो मरा है वह मृतकों में से जी उठेगा और उससे आकाश में मिलेगा |
तब जो मसीही उस समय जीवित होंगे वे आकाश में ऊपर उठेंगे और जो मृतकों में से जी उठे हैं उन मसीही लोगों के साथ ये भी मिल जाएँगे | वे सब वहाँ यीशु के साथ होंगे | उसके बाद, यीशु पूर्ण शान्ति और एकता में अपने लोगों के साथ हमेशा रहेगा ।
यीशु ने वादा किया है कि हर वह व्यक्ति जिसने उस पर विश्वास किया है, उसे जीवन का मुकुट मिलेगा | वे हमेशा पूर्ण शान्ति में परमेश्वर के साथ रहेंगे और राज्य करेंगे |
परन्तु जो यीशु पर विश्वास नहीं करेंगे परमेश्वर उनमें से हर एक का न्याय करेंगे | वह उन्हें नरक में फेंक देगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँँत पीसेंगे | वह आग जो कभी नही बुझती उन्हें हमेशा जलाती रहेगी और कीड़े उन्हें हमेशा खाते रहेंगे |
जब यीशु वापस आएगा तो वह शैतान और उसके राज्य को सर्वदा के लिये नष्ट कर देगा | वह शैतान को नरक में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया |
क्योंकि आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा का उलंघन किया और इस दुनिया में पाप को लाए, इसलिये परमेश्वर ने इसे श्राप दिया और इसे नष्ट करने का निर्णय किया | लेकिन एक दिन परमेश्वर एक नया आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा जो सिद्ध होगी |
यीशु और उसके लोग नई पृथ्वी पर रहेंगे, और यहाँ जो कुछ भी पाया जाता है उसपर हमेशा राज्य करेंगे | वह हर आँसू पोंछ देगा और फिर वहाँ कोई दुख, उदासी, रोना, बुराई, दर्द, या मृत्यु नहीं होगी | यीशु अपने राज्य पर शान्ति व न्याय के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा |
बाइबिल की यह कहानी ली गयी है : मती 24: 14 ; 28: 18 ; यूहन्ना 15:20, 16: 33 ; प्रकाशितवाक्य 2: 10 ; मती 13 : 24-30 ; 36-42, थिस्सलुनीकियो 4 : 13-5 : 11; याकूब 1: 12 ; मती 22: 13 ’ प्रकाशितवाक्य 20: 10 , 21 : 1-22 ; 21