Psalms
Psalms 1
Psalms 1:1
जो पुरुष धन्य है वह कहाँ नहीं चलता है?
वह दुष्टों की सलाह पर नहीं चलता है।
धन्य पुरुष कहाँ नहीं खड़ा होता है?
वह पापियों के मार्ग में खड़ा नहीं होता है।
धन्य पुरुष कहाँ नहीं बैठता है?
वह ठट्ठा करने वालों की मण्डली में नहीं बैठता है।
Psalms 1:2
वह किस बात से प्रसन्न रहता है?
वह यहोवा के कानून से प्रसन्न रहता है।
धन्य पुरुष यहोवा के कानून पर कब ध्यान लगाता है?
वह दिन-रात यहोवा के कानून पर ध्यान लगाता रहता है।
Psalms 1:3
धन्य पुरुष किसके जैसा है?
वह उस वृक्ष के समान है जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है।
धन्य पुरुष के हर काम का परिणाम कैसा होता है?
जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।
Psalms 1:4
दुष्ट लोग किसके समान हैं?
वे उस भूसी के समान हैं जो पवन से उड़ाई जाती है।
Psalms 1:5
दुष्ट लोगों का अदालत में क्या होगा?
दुष्ट लोग अदालत में स्थिर नहीं रह सकेंगे।
Psalms 1:6
धर्मियों के मार्ग का अनुमोदन कौन करता है?
यहोवा धर्मियों के मार्ग का अनुमोदन करता है।
दुष्टों के मार्ग का क्या होगा?
दुष्टों का मार्ग नष्ट हो जाएगा।
Psalms 2
Psalms 2:2
पृथ्वी के राजा मिलकर क्या करते हैं?
वे यहोवा और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध सम्मति करते हैं।
Psalms 2:3
पृथ्वी के राजा तोडना और फेंकना चाहते है?
पृथ्वी के राजा कहते हैं कि वे यहोवा और उसके अभिषिक्त के बन्धन तोड़ डालें और उसकी जंजीर को अपने ऊपर से उतार फेंकें।
Psalms 2:4-5
उन पर कौन हंसेगा और उन्हें ठट्ठों में उड़ाएगा?
प्रभु उन पर हंसेगा और उन्हें ठट्ठों में उड़ाएगा।
Psalms 2:6
परमेश्वर ने किसका अभिषेक किया है?
परमेश्वर ने अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठाने के लिए उसका अभिषेक किया है।
Psalms 2:7
यहोवा ने लेखक से क्या कहा?
यहोवा ने लेखक से कहा, "तू मेरा पुत्र है! आज मैंने तुझे जन्माया है।"
Psalms 2:8
यहोवा जाति-जाति के लोगों और दूर-दूर के देशों के साथ क्या करेगा?
वह उन्हें अपने अभिषिक्त की सम्पत्ति और निज भूमि बना देगा।
Psalms 2:9-10
अन्य जातियों का क्या होगा?
वे टुकड़े-टुकड़े की जाएंगी और चकनाचूर हो जाएंगी।
Psalms 2:11
राजा और शासक यहोवा की आज्ञाओं पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाएं?
वे डरते हुए यहोवा की उपासना करें और कांपते हुए मगन हों।
Psalms 2:12
राजा यहोवा के पुत्र के साथ कैसा सम्बन्ध रखें?
वे उसके साथ मित्रता रखें कि यहोवा क्रोधित होकर उन्हें मार न दे।
पुत्र पर भरोसा रखने वालों का क्या होगा?
वे धन्य हैं।
Psalms 3
Psalms 3:1-2
दाऊद के बैरियों ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया?
वे उसके विरुद्ध उठ खड़े हुए।
Psalms 3:3
दाऊद यहोवा की तुलना किससे करता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा उसकी ढाल, उसकी महिमा और मस्तक का ऊँचा करने वाला है।
Psalms 3:4-5
दाऊद ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता है तब वह क्या करता है?
वह अपने पवित्र पर्वत पर से उसे उत्तर देता है।
Psalms 3:6
यहोवा की सुरक्षा के कारण दाऊद किससे नहीं डरेगा?
दाऊद दस हजार मनुष्यों से नहीं डरेगा जो उसके विरुद्ध चारों ओर पांति बांधे खड़े हैं।
Psalms 3:7
यहोवा दाऊद के दुश्मनों के साथ क्या करेगा?
वह उसके सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारेगा और दुष्टों के दांत तोड़ डालेगा।
Psalms 3:8
उद्धार किस से आता है?
उद्धार यहोवा से आता है।
Psalms 4
Psalms 4:1
दाऊद अपनी पुकार का उत्तर किससे चाहता है?
दाऊद अपने धर्म के परमेश्वर से विनती करता है कि वह उसकी दोहाई का उत्तर दे।
Psalms 4:2
मनुष्य दाऊद की महिमा का क्या कर रहे थे?
वे उसकी महिमा का निरादर कर रहे थे।
Psalms 4:3
यहोवा किसको अपने लिए अलग कर लेता है?
यहोवा भक्त जन को अपने लिए अलग कर लेता है।
Psalms 4:4
दाऊद ध्यान करने को कैसे कहता है?
दाऊद कहता है, "अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो।"
Psalms 4:5
दाऊद कैसे बलिदान चढ़ाने का सुझाव देता है?
दाऊद कहता है, "धर्म के बलिदान चढ़ाओ।"
दाऊद किस पर भरोसा रखने के लिए कहता है?
दाऊद कहता है, "यहोवा पर भरोसा रखो।"
Psalms 4:6
अधिकांश मनुष्य क्या कहते हैं?
अधिकांश मनुष्यों का कहना है कि कौन उन्हें भलाई दिखाएगा?
दाऊद यहोवा से क्या चमकाने को कहता है?
दाऊद कहता है, "हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका।"
Psalms 4:7
यहोवा ने दाऊद के मन में क्या भर दिया है?
यहोवा ने दाऊद के मन में कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता है।
Psalms 4:8
जब दाऊद शान्ति से लेटकर सो जाता है तब उसे सुरक्षित कौन रखता है?
केवल यहोवा उसको सुरक्षित एवं निश्चिन्त रहने देता है।
Psalms 5
Psalms 5:1
दाऊद किससे कहता है कि वह उसके वचनों पर और कराहने पर ध्यान लगाए?
दाऊद यहोवा से कह रहा है कि वह उसके वचनों पर और कराहने पर ध्यान लगाए।
Psalms 5:2
दाऊद की दोहाई सुनने वाले को दाऊद क्या कहता है?
दाऊद उसे कहता है, "हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर।"
Psalms 5:3
दाऊद भोर को क्या करेगा?
वह यहोवा से प्रार्थना करके उसकी बाट जोहता रहेगा।
Psalms 5:4
परमेश्वर निश्चय ही क्या नहीं करता है?
परमेश्वर न तो दुष्टता से प्रसन्न होता है और न ही बुराई करने वालों को साथ रखता है।
Psalms 5:5
परमेश्वर की उपस्थिति में कौन खड़ा नहीं हो पाएगा?
घमण्डी परमेश्वर के सम्मुख खड़े न हो पाएंगे।
यहोवा किससे घृणा करता है?
यहोवा सब अनर्थकारियों से घृणा करता है।
Psalms 5:6
यहोवा झूठ बोलने वालों का क्या करेगा?
यहोवा उनको नष्ट कर देगा।
यहोवा किससे घृणा करता है?
यहोवा हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है।
Psalms 5:7
दाऊद यहोवा के भवन में क्यों आएगा?
यहोवा की अपार करुणा के कारण दाऊद उसके भवन में जाएगा।
दाऊद यहोवा के पवित्र भवन में कैसे दण्डवत् करेगा?
वह यहोवा का भय मानकर उसके पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करेगा।
Psalms 5:8
दाऊद यहोवा से क्यों विनती करता है कि वह धर्म के मार्ग में उसकी अगुवाई करे?
दाऊद अपने शत्रुओं के कारण यहोवा से विनती करता है कि धर्म के मार्ग में वह उसकी अगुवाई करे।
Psalms 5:9
दाऊद अपने शत्रुओं का वर्णन कैसे करता है?
उनके मुंह में कोई सच्चाई नहीं, उनके मन में निरी दुष्टता है, उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी-चुपड़ी बातें करते हैं।
Psalms 5:10
दाऊद अपने बैरियों के अपराधों और विद्रोह के कारण यहोवा से उनके विरुद्ध क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके बैरियों को दोषी ठहराए।
Psalms 5:11
परमेश्वर पर भरोसा रखने वाले क्यों आनन्द करें?
उनके आनन्द का कारण है कि यहोवा उनकी रक्षा करता है।
Psalms 5:12
यहोवा धर्मी मनुष्य के लिए क्या करेगा?
यहोवा धर्मी को आशीष देगा और उनको अपने अनुग्रह-रूपी ढाल से घेरे रखेगा।
Psalms 6
Psalms 6:1
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह क्या न करे?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह अपने क्रोध में उसे न डांटे और न झुंझलाहट में उसकी ताड़ना करे।
Psalms 6:2-3
दाऊद दुर्बल हो गया है इसलिए वह यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह उस पर अनुग्रह करे और उसे चंगा करे।
Psalms 6:4
यहोवा दाऊद को क्यों बचाए, क्यों उसकी रक्षा करे?
यहोवा अपनी करुणा के कारण दाऊद को बचाए एवं उसकी रक्षा करे।
Psalms 6:5
मरणोपरान्त क्या नहीं होता है?
मरणोपरान्त यहोवा का स्मरण नहीं होता है।
Psalms 6:6
कराहते-कराहते थक जाने के कारण दाऊद का क्या कारण है?
वह अपनी खाट को आँसुनों से भिगोता है।
Psalms 6:7
उसे दुख देने वालों और सताने वालों के कारण उसकी आँखें कैसी हो गई?
उसकी आँखें बैठ गईं और धुंधला गई हैं।
Psalms 6:8
अनर्थकारी दाऊद से दूर क्यों हो जाएं?
क्योंकि यहोवा ने उसके रोने का शब्द और उसका गिड़गिड़ाना सुन लिया और उसकी प्रार्थना ग्रहण की है।
Psalms 6:9
अनर्थकारी दाऊद से दूर क्यों हो जाएं?
क्योंकि यहोवा ने उसके रोने का शब्द और उसका गिड़गिड़ाना सुन लिया और उसकी प्रार्थना ग्रहण की है।
Psalms 6:10
दाऊद के बैरियों का क्या होगा?
उसके सब बैरी लज्जित होंगे और बहुत ही घबराएंगे, वे लौट जाएंगे और एकाएक लज्जित होंगे।
Psalms 7
Psalms 7:1
दाऊद का भरोसा किस पर था?
दाऊद का भरोसा परमेश्वर यहोवा पर था।
दाऊद यहोवा से क्या याचना कर रहा था?
दाऊद यहोवा से याचना कर रहा था कि वह उसके पीछा करने वालों से उसे बचाए और छुटकारा दे।
Psalms 7:2
दाऊद के लिए केवल यहोवा ही क्या कर सकता है?
दाऊद को छुड़ानेवाला केवल यहोवा ही है।
Psalms 7:3
दाऊद क्या कहता है कि उसने नहीं किया?
दाऊद यहोवा से कहता है कि उसने वह कोई काम नहीं किया जो उसके बैरियों ने कहा की उसने वह करा है और उसने अपने हाथों से कोई कुटिल काम नहीं किया।
Psalms 7:4
दाऊद क्या कहता है कि उसने मेल रखने वालों या बैर रखनेवालों के साथ नहीं किया?
मेल रखने वालों के साथ भलाई के बदले बुराई नहीं की या बैर रखने वालों को अकारण लूटा नहीं।
Psalms 7:5
यदि दाऊद की बात सच नहीं तो वह यहोवा से क्या कहता है कि उसके साथ हो?
शत्रु उसके प्राण का पीछा करके उसे पकड़े और उसके प्राण को भूमि पर रौंदे और उसकी महिमा को मिट्टी में मिला दे।
Psalms 7:6
दाऊद यहोवा से क्या कहता है कि वह अपने क्रोध में करे?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह अपने क्रोध में उठे और क्रोध से भरे उसके सतानेवाले के विरुद्ध खड़ा हो जाए
दाऊद यहोवा से क्या कहता है कि वह उसके लिए करें?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह जाग जाए और न्याय की उस आज्ञा को पूरी करे जो यहोवा ने दी है।
Psalms 7:7
दाऊद अन्य जातियों के विषय यहोवा से क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा उनके ऊपर अपने ऊँचे स्थान पर उपस्थिति हो जाए।
Psalms 7:8
दाऊद यहोवा से किसका न्याय करने को कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह सब जातियों का न्याय करे।
Psalms 7:9
दाऊद क्या कहता है कि धर्मी परमेश्वर जानता है?
धर्मी परमेश्वर मन और मर्म का ज्ञाता है।
Psalms 7:10
दाऊद की ढाल कहाँ है?
दाऊद की ढाल परमेश्वर के हाथों में है।
परमेश्वर किसको बचाता है?
परमेश्वर सीधे मन वालों को बचाता है।
Psalms 7:11
दाऊद परमेश्वर के बारे में क्या कहता है?
परमेश्वर धर्मी और न्यायी है, वह ऐसा ईश्वर है जो प्रतिदिन क्रोध करता है।
Psalms 7:12-13
मनुष्य मन न फिराए तो परमेश्वर क्या करता है?
परमेश्वर अपनी तलवार पर सान चढ़ाएगा और वह अपना धनुष चढ़ाकर तीर सन्धान चुका है।
Psalms 7:14
मन न फिराने वाले की दुष्टता का वर्णन दाऊद कैसे करता है?
दाऊद उसका वर्णन करके कहता है, दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएं होती हैं, उसे उत्पात का गर्व है और उससे झूठ का जन्म हुआ है।
Psalms 7:15
गड़हा खोदने वाले दुष्ट के साथ क्या होता है?
जो खाई उसने बनाई थी उसमें वह आप ही गिरा।
Psalms 7:16
दुष्ट की विनाशक योजनाओं का क्या होता है?
दुष्ट के उत्पात की योजना उसी के सिर पर गिरती है और उसका उपद्रव उसी के माथे पर पड़ता है।
Psalms 7:17
दाऊद यहोवा का धन्यवाद क्यों करता है?
यहोवा के धर्म के कारण दाऊद उसका धन्यवाद करता है।
दाऊद किसका भजन गाएगा?
दाऊद परम-प्रधान यहोवा के नाम का भजन गाएगा।
Psalms 8
Psalms 8:1
सारी पृथ्वी पर किसका नाम प्रतापमय है?
हमारे प्रभु यहोवा का नाम सारी पृथ्वी पर प्रतापमय है।
Psalms 8:2
बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा परमेश्वर ने किसकी नींव डाली?
यहोवा ने उनके मुंह से स्तुति की नींव डाली है।
यहोवा ने स्तुति की नींव क्यों डाली?
शत्रु और पलटा लेने वालों को रोकने के लिए परमेश्वर ने शिशुओं और पलटा लेने वालों के मुंह में स्तुति की नींव डाली है।
Psalms 8:3-4
दाऊद किसको देखकर कहता है कि मानवजाति का क्या महत्त्व?
उसने आकाश, चन्द्रमा और तारागण को देखा।
Psalms 8:5
मानव जाति की तुलना स्वार्गिक प्राणियों से कैसे की गई है?
परमेश्वर ने मनुष्य को स्वार्गिक प्राणियों से थोड़ा ही कम बनाया है।
परमेश्वर मनुष्य को कैसा मुकुट पहनाता है?
परमेश्वर ने मनुष्य के सिर पर महिमा और प्रताप का मुकुट रखा है।
Psalms 8:6
यहोवा ने मनुष्य को क्या दिया है?
यहोवा ने उसे अपने हाथ के कार्यों पर प्रभुता दी है।
Psalms 8:7
यहोवा ने मनुष्य के पावों तले क्या कर दिया है?
उसने सब भेड़-बकरियां और गाय-बैल और जितने वन पशु हैं, आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां और जितने जीव-जन्तु समुद्र में चलते फिरते हैं, सबको मनुष्य के पावों तले कर दिया है।
Psalms 8:8
यहोवा ने मनुष्य के पावों तले क्या कर दिया है?
उसने सब भेड़-बकरियां और गाय-बैल और जितने वन पशु हैं, आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां और जितने जीव-जन्तु समुद्र में चलते फिरते हैं, सबको मनुष्य के पावों तले कर दिया है।
Psalms 8:9
सारी पृथ्वी पर किसका नाम प्रतापमय है?
हमारे प्रभु यहोवा का नाम सारी पृथ्वी पर प्रतापमय है।
Psalms 9
Psalms 9:1-2
दाऊद यहोवा को धन्यवाद कैसे देगा और क्या वर्णन करेगा?
दाऊद अपने संपूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करेगा और उसके सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करेगा।
Psalms 9:3
दाऊद के शत्रु जब पीछे हटते हैं तब उनका क्या होगा?
वे यहोवा के सामने ठोकर खाकर नष्ट हो जाते हैं।
Psalms 9:4
धर्मी न्यायी ने दाऊद के लिए क्या किया है?
धर्मी न्यायी ने सिंहासन पर विराजमान होकर दाऊद का न्याय और मुकद्दमा चुकाया है।
Psalms 9:5
धर्मी न्यायी ने अन्य जातियों और दुष्टों के साथ क्या किया?
उसने जाति-जाति को झिड़का और दुष्ट को नष्ट किया है और उनका नाम अनन्तकाल के लिए मिटा दिया।
Psalms 9:6
शत्रुओं का क्या होता है जब धर्मी उनके नगरों को उजाड़ देता है?
उनके नगर ढा दिए गये और उनका नाम और निशान भी मिट गया है।
Psalms 9:7
कौन है जो सदा के लिए है और न्याय के लिए अपना सिंहासन स्थिर करता है?
यहोवा ही है जो सदाकालीन है और न्याय का सिंहासन स्थिर करता है।
Psalms 9:8
यहोवा संसार का कैसे न्याय करता है और अन्य जातियों के लिए क्या करता है?
वह जगत का न्याय धर्म से करता है और देश-देश के लोगों का मुकद्दमा खराई से निपटाएगा
Psalms 9:9
यहोवा पिसे हुओं के लिए क्या ठहरेगा?
पिसे हुओं के लिए यहोवा संकट के समय में ऊँचा गढ़ ठहरेगा।
Psalms 9:10
यहोवा के खोजियों के लिए दाऊद उससे क्या विनती करता है?
दाऊद विनती करता है कि यहोवा अपने खोजियों को त्याग न दे।
Psalms 9:11
सिय्योन में विराजमान यहोवा के लिए दाऊद मनुष्यों से क्या करने को कहता है?
दाऊद कहता है कि उसका भजन गाएं, जाति-जाति के लोगों के बीच उसके महाकर्मों का प्रचार करें।
Psalms 9:12
परमेश्वर क्या नहीं भूलता है?
वह दीन लोगों की दोहाई को नहीं भूलता है।
Psalms 9:13
दाऊद यहोवा से कैसे अनुग्रह की याचना करता है?
वह यहोवा से दया की भीख मांगता है।
दाऊद को सतानेवाले कौन थे?
दाऊद से घृणा करने वाले उसे सताते थे
Psalms 9:14
दाऊद यहोवा के उद्धार के लिए आनन्द मनाने कहाँ उपस्थित होगा?
वह सिय्योन के फाटकों के पास यहोवा के उद्धार के लिए आनन्द मनाएगा।
Psalms 9:15
अन्य जातियों का क्या हुआ?
अन्य जातियों ने जो गड़हा खोदा था वे उसी में गिर गए और जो जाल उन्होंने लगाया था उसमें उन्हीं का पांव फंस गया।
Psalms 9:16
किसने स्वयं को प्रगट किया और न्याय किया?
यहोवा ने स्वयं को प्रकट किया और नयाय किया।
Psalms 9:17
दुष्टों को कहाँ भेजा जाएगा?
दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे जो परमेश्वर को भूल जाने वाली सब जातियों की नियति है।
Psalms 9:18
दरिद्र और नम्र मनुष्यों का क्या होगा?
दरिद्र लोग अनन्तकाल तक बिसरे हुए न रहेंगे और न नम्र लोगों की आशा सर्वदा के लिए नष्ट होगी।
Psalms 9:19
दाऊद यहोवा से क्या चाहता है कि वह मनुष्य को करने से रोके?
दाऊद चाहता है कि यहोवा उठे और मनुष्य को प्रबल न होने दे।
Psalms 9:20
दाऊद अन्य जातियों के लिए यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद की याचना है कि यहोवा अपना भय दिखाकर उन्हें बोध करवाए कि वह मात्र मनुष्य है
Psalms 10
Psalms 10:1
लेखक को यहोवा का व्यवहार कैसा लगता है?
लेखक को ऐसी अनुभूति होती है कि यहोवा दूर खड़ा है और छिपा हुआ है।
Psalms 10:2-3
लेखक यहोवा से दुष्टों के लिए क्या विनती करता है?
दाऊद विनती करता है कि दुष्ट अपनी ही युक्तियों में फंस जाए।
Psalms 10:4-5
दुष्ट जन परमेश्वर की खोज क्यों नहीं करता है?
दुष्ट अभिमान के कारण यहोवा की खोज नहीं करता है।
Psalms 10:6
दुष्ट अपने मन में क्या कहता है?
दुष्ट कहता है, "मैं कभी टलने का नहीं: मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक दुःख से बचा रहूंगा।"
Psalms 10:7-8
दुष्ट के मुंह में क्या भरा है?
दुष्ट के मुंह में शाप, छल और अन्धेरा भरा है।
Psalms 10:9-10
दुष्ट किस पशु के समान है?
दुष्ट जन सिंह के समान है जो झाड़ी में घात लगाने के लिए बैठता है और दुष्ट दीन को पकड़ने के लिए घात लगाए रहता है।
Psalms 10:11
दुष्ट अपने मन में परमेश्वर के लिए क्या कहता है?
दुष्ट कहता है, "ईश्वर भूल गया, वह अपना मुंह छिपाता है, वह कभी नहीं देखेगा।"
Psalms 10:12
लेखक दुष्ट के लिए परमेश्वर से कैसी प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता है?
वह यहोवा से अपेक्षा करता है कि वह अपना हाथ बढ़ाकर दीनों को न भूले।
Psalms 10:13-14
दुष्ट अपने मन में यहोवा से क्या कहता है?
वह कहता है, "तू लेखा न लेगा।"
Psalms 10:15
दुष्ट और दुर्जन अपने कामों के बारे में क्या सोचते हैं?
वे सोचते हैं कि परमेश्वर उनके कामों को ढूंढ नहीं पाएगा।
Psalms 10:16-18
परमेश्वर दीन मनुष्य के कामों पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
परमेश्वर उनकी अभिलाषा सुनता है, वह उनका मन तैयार करता है और उनकी रक्षा करता है।
Psalms 100
Psalms 100:1
यहोवा के लिए आनन्द-पूर्वक जयजयकार करने के लिए किसको आमन्त्रित करता है?
वह पृथ्वी के सब लोगों को आमन्त्रित करता है कि यहोवा का जयजयकार करें।
Psalms 100:2
मनुष्य यहोवा की उपस्थिति में कैसे प्रवेश करें?
मनुष्य जयजयकार के साथ यहोवा की उपस्थिति में प्रवेश करें।
Psalms 100:3
यहोवा के अपने लोगों के लिए लेखक किसकी उपमा देता है?
लेखक कहता है, यहोवा के अपने लोग उसकी प्रजा और उसकी चराई की भेड़े हैं।
Psalms 100:4
आराधक यहोवा के फाटकों में और उसके आंगनों में कैसे आएं?
वे धन्यवाद देते हुए उसके फाटकों में और भजन गाते हुए उसके आंगनों में प्रवेश करें।
Psalms 100:5
लेखक के अनुसार सदा का क्या है?
लेखक कहता है कि यहोवा की करुणा सदा की है।
Psalms 101
Psalms 101:1-2
दाऊद की और से दो गुणों के लिए गाएगा?
वह करुणा और न्याय के विषय गाएगा।
Psalms 101:3-4
दाऊद किस काम पर चित्त नहीं लगाएगा?
दाऊद किसी भी ओछे काम पर चित्त नहीं लगाएगा।
Psalms 101:5
दाऊद किसको नष्ट कर देगा?
जो छिपकर अपने पड़ोसी की बुराई करे उसे दाऊद नष्ट कर देगा।
Psalms 101:6
दाऊद अपने साथ रखने के लिए और अपनी सेवा करने के लिए कैसे मनुष्यों को चाहता है?
देश के विश्वास-योग्य लोगों को वह साथ रखना चाहता है और खरे मार्ग पर चलने वालों को वह अपने सेवक बनाना चाहता है।
Psalms 101:7
दाऊद किसको अपने निवास में रहने नहीं देगा?
जो छल करता है वह दाऊद के निवास में रहने नहीं पाएगा।
Psalms 101:8
दाऊद देश के दुष्टों का नाश कब करेगा?
भोर ही भोर को दाऊद देश के सब दुष्टों का नाश करेगा।
Psalms 102
Psalms 102:2-3
संकट में पड़ा मनुष्य यहोवा से क्या न करने की प्रार्थना करता है?
वह प्रार्थना करता है कि यहोवा संकट के समय अपना चेहरा उससे न छिपाए।
Psalms 102:4
दुखी मनुष्य अपने दया की तुलना किससे करता है?
दुखी मनुष्य कहता है कि उसका हृदय झुलसी हुई घास के समान हो गया है।
Psalms 102:5-7
दुखी मनुष्य को कराहते-कराहते क्या हो गया है?
कराहते-कराहते वह सूख कर कांटा हो गया है।
Psalms 102:8-9
दुखी मनुष्य का ठट्ठा करने वाले उसका नाम कैसे लेते हैं?
वे उसका नाम लेकर श्राप देते हैं।
Psalms 102:10-11
दुखी मनुष्य परमेश्वर के क्रोधी व्यवहार के लिए क्या कहता है?
वह कहता है कि परमेश्वर ने उसे उठाया और फिर फेंक दिया है।
Psalms 102:12-13
यहोवा की ख्याति कब तक बनी रहेगी?
यहोवा की ख्याति पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेगी।
Psalms 102:14
यहोवा के दास किस पर तरस खाएंगे?
वे सिय्योन की धूल पर तरस खाएंगे।
Psalms 102:15-16
पृथ्वी के राजा यहोवा के सम्मान में क्या करेंगे?
पृथ्वी के सब राजा यहोवा के प्रताप से डरेंगे।
Psalms 102:17
यहोवा लाचार की किस बात पर प्रतिक्रिया दिखाता है?
यहोवा लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है।
Psalms 102:18
लेखक यहोवा की स्तुति को भविष्य में कहाँ तक बताता है?
वह कहता है कि जो अब तक नहीं जन्मे वे भी यहोवा की स्तुति करेंगे।
Psalms 102:19-21
यहोवा स्वर्ग से क्या देखता है?
यहोवा स्वर्ग से पृथ्वी को देखता है।
Psalms 102:22-23
देश-देश और राज्य-राज्य के लोग क्यों एकत्र होंगे?
वे सब यहोवा की उपासना करने के लिए एकत्र होंगे।
Psalms 102:24
दुखी लेखक यहोवा से क्या न करने की याचना करता है?
लेखक की याचना है, "हे मेरे ईश्वर, मुझे आधी आयु में न उठा ले।"
Psalms 102:25-26
लेखक प्राचीन काल के कौन से कामों का वर्णन करता है जो यहोवा ने किए?
लेखक कहता है कि यहोवा ने प्राचीनकाल में पृथ्वी की नींव डाली थी।
Psalms 102:27
यहोवा के वर्षों का क्या होगा?
यहोवा के वर्षों का अन्त कभी नहीं होगा।
Psalms 102:28
लेखक के अनुसार यहोवा के दासों की सन्तान कहाँ रहेंगी?
यहोवा के दासों की सन्तान उसके उसके सामने स्थिर रहेंगी।
Psalms 103
Psalms 103:2-3
दाऊद किस बात को भूल जाना नहीं चाहता है?
वह यहोवा के उपकारों को कभी भूलना नहीं चाहता है।
Psalms 103:4-5
यहोवा दाऊद के सिर पर कैसा मुकुट रखता है?
यहोवा दाऊद के सिर पर करुणा और दया का मुकुट रखता है।
Psalms 103:6
यहोवा सब पिसे हुओं के लिए क्या करता है?
यहोवा सब पिसे हुओं के लिए धर्म और न्याय के काम करता है।
Psalms 103:7-8
यहोवा ने इस्राएल-वंशियों पर क्या प्रकट किया?
यहोवा ने अपने काम उन पर प्रकट किए।
Psalms 103:9
दाऊद क्या कहता है कि यहोवा सदा करता नहीं रहेगा?
दाऊद कहता है कि यहोवा सदा वाद-विवाद करता नहीं रहेगा और न ही उसका क्रोध सदा के लिए भड़का रहेगा।
Psalms 103:10-12
दाऊद किस बात के लिए कहता है कि यहोवा हमें उसके अनुसार बदला नहीं देता है?
यहोवा हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हमें बदला नहीं देता है।
Psalms 103:13-16
यहोवा अपने डरवैयों पर किस के जैसी विशेष दया दिखाता है?
यहोवा अपने डरवैयों पर विशेष दया दिखाता है जैसे एक पिता के सदृश्य अपने बालकों पर दया करता है।
Psalms 103:17-18
यहोवा की करुणा कब तक की होती है?
यहोवा की करुणा उसके डरवैयों पर युग-युग रहती है।
Psalms 103:19
यहोवा ने अपन सिंहासन कहाँ स्थापित किया है?
यहोवा ने स्वर्ग में अपना सिंहासन स्थापित किया है।
Psalms 103:20-21
महाबली कौन है जिन्हें यहोवा को धन्य कहने और उसके आज्ञापालन के लिए पुकारा गया है?
यहोवा के स्वर्गदूतों को उसके आज्ञापालन के लिए पुकारा गया है।
Psalms 103:22
वे कौन से दास हैं जिनके लिए दाऊद कहता है कि यहोवा की इच्छा पूरी करते हैं?
यहोवा के स्वर्गदूतों की सेना उसकी इच्छा पूरी करती है।
Psalms 104
Psalms 104:1
लेखक यहोवा के पहरावे के लिए क्या कहता है?
लेखक कहता है कि यहोवा वैभव और ऐश्वर्य का वस्त्र पहने हुए है।
Psalms 104:2-4
यहोवा ने स्वर्ग को कैसे फैलाया है?
यहोवा आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है।
Psalms 104:5-6
यहोवा ने पृथ्वी की नींव डाली, उसके विषय लेखक क्या कहता है?
लेखक कहता है कि पृथ्वी की नींव जो यहोवा ने डाली है वह कभी नहीं डगमगाएगी।
Psalms 104:7-8
लेखक के कथनानुसार जल किसकी घुड़की से भागा था?
यहोवा की घुड़की सुनकर जल भागा था।
Psalms 104:9-14
जल पृथ्वी को फिर आवृत्त क्यों नहीं करेगा?
यहोवा ने उसकी सीमा बांध दी है कि वह उसे पार न करे।
Psalms 104:15-18
लेखक कौन सी तीन बातें बताता है कि जिन्हें यहोवा मनुष्य के लिए उपलब्ध करवाता है?
यहोवा मनुष्य को दाखमधु देता है कि उसका मन आनंदित हो, तेल जिससे उसका मुख चमकता है, और अन्न जिससे वह संभल जाता है।
Psalms 104:19-21
यहोवा ने चांद और सूरज को क्यों बनाया है?
उसने नियत समयों के लिए चांद को बनाया और सूर्य को उसके अस्त होने के लिए बनाया है।
Psalms 104:22-24
सूर्योदय के समय जवान सिंह क्या करते हैं?
सूर्योदय के समय वे अपनी मांदों में जाकर बैठ जाते हैं
Psalms 104:25-26
बड़े और चौड़े समुद्र में क्या है?
समुद्र में सब बड़े और छोटे सब जन्तु रहते हैं।
Psalms 104:27-28
समुद्र के सब जीव भोजन के लिए किसके आसरे पर हैं?
वे भोजन के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं।
Psalms 104:29-30
यहोवा अपना मुख छिपा ले और उनकी सांस ले ले तो क्या हो?
यहोवा अपना मुख छिपा ले तो वे घबरा जाते हैं और यहोवा उनकी सांसें ले लेता है तो उनके प्राण छूट जाते हैं और वे मिट्टी में फिर मिल जाते हैं।
Psalms 104:31-32
लेखक यहोवा से क्या चाहता है कि वह अपनी सृष्टि के साथ करे?
लेखक चाहता है कि यहोवा अपनी सृष्टि से आनन्द पाए।
Psalms 104:33-34
लेखक अपने शेष जीवन में क्या करने की प्रतिज्ञा करता है?
लेखक प्रतिज्ञा करता है कि वह अपने शेष जीवन में यहोवा का भजन गाता रहेगा।
Psalms 104:35
लेखक पृथ्वी के पापियों और दुष्टों के लिए क्या चाहता है?
वह चाहता है कि पापी लोग पृथ्वी पर से मिट जाएं और दुष्ट लोग आगे को न रहें।
Psalms 105
Psalms 105:1-2
लेखक यहोवा के कामों की चर्चा कहाँ करवाना चाहता है?
लेखक कहता है कि देश-देश के लोगों में उसके कामों की चर्चा की जाए।
Psalms 105:3
लेखक किसके लिए काम करता है कि उनका हृदय आनन्दित रहे?
लेखक की कामना है कि यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो।
Psalms 105:4-7
मनुष्य कब तक यहोवा की उपस्थिति को खोजे?
लेखक कहता है कि मनुष्य सदैव यहोवा को खोजते रहें।
Psalms 105:8
लेखक के अनुसार यहोवा ने कब तक के लिए अपना वचन ठहराया है?
लेखक कहता है कि यहोवा ने अपना वचन हज़ार पीढ़ियों के लिए ठहरा दिया है।
Psalms 105:9-10
लेखक के कथनानुसार यहोवा कौन सी वाचा को स्मरण रखता है?
यहोवा अब्राहम के साथ बांधी वाचा और इसहाक के साथ खाई शपथ को स्मरण रखता है।
Psalms 105:11
यहोवा ने इस्राएल के साथ कौन सी वाचा को सदा के लिए दृढ़ किया है?
यहोवा ने इस्राएल को कनान देश देने की वाचा को सदा के लिए दृढ़ किया है।
Psalms 105:12-14
यहोवा ने यह वाचा इस्राएल के साथ कब बांधी थी?
यहोवा ने इस्राएल के साथ जब वाचा बांधी थी तब वे गिनती में थोड़े ही थे।
Psalms 105:15-16
यहोवा ने राजाओं से किसे छूने को मना किया?
यहोवा ने राजाओं को चिताया कि वे उसके अभिषिक्तों को न छूएं।
Psalms 105:17-18
यहोवा ने यूसुफ को इस्राएल के आगे कैसे भेजा था?
यहोवा ने उसे दासत्व में बिकवाकर इस्राएल के आगे भेजा था।
Psalms 105:19-20
यूसुफ कब तक साँकलों में जकड़ा रहा था?
जब तक उसकी भविष्यद्वाणी पूरी न हुई वह साँकलों में जकड़ा रहा था।
Psalms 105:21-22
राजा ने यूसुफ को अपने भवन और सम्पत्ति का अधिकारी ठहराया तो उसके लिए क्या शब्द काम में लिया गया है?
उसे राज्य की सम्पूर्ण सम्पदा का शासक बनाया गया था।
Psalms 105:23-24
याकूब जब मिस्र पहुंचा तब कहाँ रहता था?
याकूब कुछ समय हाम के देश में रहा।
Psalms 105:25-26
यहोवा ने किसे प्रेरित किया कि उसके लोगों से घृणा करें?
यहोवा ने मिस्रियों के मन को ऐसा फेर दिया कि वे उसकी प्रजा से बैर रखने लगे।
Psalms 105:27-28
मूसा और हारून ने यहोवा के चिन्ह और चमत्कार कहाँ दिखाए थे?
उन्होंने मिस्रियों के मध्य यहोवा के चिन्ह और चमत्कार दिखाए थे।
Psalms 105:29-31
यहोवा ने मिस्रियों के पानी और मछलियों का क्या किया था?
यहोवा ने उनका पानी लहू में बदल दिया और उनकी सब मछलियां मार दीं।
Psalms 105:32-35
यहोवा ने ओलों और वर्षा के साथ मिस्र में क्या भेजा था?
यहोवा ने उनके देश में ओलों और वर्षा के साथ बिजली और गरजन भेजी थी।
Psalms 105:36-37
यहोवा ने मिस्र में किसको मारा?
यहोवा ने उनके देश में सब पहिलौठों को, उनके पौरुष के सब पहले फल को नष्ट किया था।
Psalms 105:38-39
इस्राएलियों के चले जाने पर मिस्री क्यों आनन्दित हुए?
इस्राएलियों के चले जाने से मिस्री आनन्दित हुए क्योंकि उनका डर उनमें समाया हुआ था।
Psalms 105:40-41
यहोवा ने इस्राएलियों को कैसा भोजन देकर तृप्त किया?
यहोवा ने स्वर्ग से रोटी देकर उन्हें तृप्त किया था।
Psalms 105:42-43
इस्राएलियों के विषय यहोवा ने कौन सी पवित्र प्रतिज्ञा को स्मरण किया?
यहोवा ने अपने दास अब्राहम से की गई पवित्र प्रतिज्ञा को स्मरण किया।
Psalms 105:44-45
यहोवा ने अपने लोगों को किसका अधिकार दिया?
यहोवा ने अपने लोगों को जाति-जाति की सम्पदा का अधिकारी बना दिया।
Psalms 106
Psalms 106:1-3
लेखक किसको सदाकालीन मानता है?
लेखक कहता है कि यहोवा की करुणा सदा की है।
Psalms 106:4
लेखक यहोवा को उसका स्मरण कब करने को कहता है?
जब यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न हो तब वह लेखक को स्मरण करे।
Psalms 106:5-6
लेखक किसके कारण आनंदित होगा?
लेखक यहोवा के चुने हुओं की समृद्धि देखकर आनंदित होगा।
Psalms 106:7
लेखक के पूर्वजों ने यहोवा के कामों पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
लेखक के पूर्वजों ने मिस्र में किए गए यहोवा के कामों पर मन नहीं लगाया।
Psalms 106:8-10
यहोवा ने लेखक के पूर्वजों को क्यों बचाया था?
उसने उन्हें अपने नाम के निमित्त बचाया कि वह अपना सामर्थ्य प्रकट करें।
Psalms 106:11-13
इस्राएल के शत्रुओं का क्या हुआ?
वे सब जलमग्न हो गए, एक भी नहीं बचा।
Psalms 106:14-16
जंगल में जब उनकी लालसा भड़की तब उन्होंने क्या किया?
उन्होंने जंगल में यहोवा की परीक्षा ली।
Psalms 106:17-19
दातान और अबीराम के दल का पृथ्वी ने क्या किया?
पृथ्वी फट कर दातान को निगल गई, और अबीराम के झुण्ड को निगल लिया।
Psalms 106:20-22
इस्राएलियों ने होरेब में क्या किया?
उन्होंने बछड़ा बनाया और ढली हुई मूर्ति को दण्डवत् किया।
Psalms 106:23-25
यहोवा ने उन्हें नष्ट क्यों नहीं किया?
उसके चुने हुए मूसा ने जो खिम के स्थान में खड़े होकर मध्यस्थता नहीं की होती तो यहोवा उनको नष्ट कर देता।
Psalms 106:26-28
यहोवा ने उनके विषय क्या शपथ खाई थी?
यहोवा ने शपथ खाई थी कि उनको वह जंगल में नाश करेगा और उनके वंश को देश-देश में तितर-बितर करेगा।
Psalms 106:29
यहोवा को क्रोध दिलाने पर इस्राएल का क्या हुआ?
उनमें महामारी फूट पड़ी।
Psalms 106:30-32
पीनहास के हस्तक्षेप से क्या हुआ?
पीनहास के हस्तक्षेप से महामारी थम गई।
Psalms 106:33-36
मरीबा के सोते के पास मूसा से पाप क्यों हुआ था?
इस्राएलियों ने मूसा की आत्मा से बलवा किया तब मूसा बिना सोचे बोल उठा था।
Psalms 106:37-40
जब इस्राएलियों ने अन्य जातियों के साथ मूर्ति-पूजा की तब क्या हुआ?
मूर्तियां उनके लिए फन्दा बन गईं।
Psalms 106:41-44
यहोवा ने क्रोध में आकर उन्हें अन्य जातियों के हाथ में कर दिया तब क्या हुआ?
अन्य जातियों ने उन पर प्रभुता की।
Psalms 106:45-46
यहोवा ने पछता कर इस्राएल के संकट में उन पर ध्यान क्यों दिया?
यहोवा को अपनी वाचा स्मरण आई इसलिए वह पछताया और उन पर करुणा प्रकट की।
Psalms 106:47-48
क्या कारण है कि यहोवा ने इस्राएल को अन्य जातियों में से निकालकर एकत्र करे?
यहोवा उन्हें अन्य जातियों में से निकालकर एकत्र करे कि वे उसके पवित्र नाम का धन्यवाद करें और स्तुति करते हुए उसकी बड़ाई करें।
Psalms 107
Psalms 107:1-2
यहोवा की करुणा कब तक की है?
उसकी करुणा सदा की है।
Psalms 107:3-5
यहोवा ने अपने छुड़ाए हुओं को कहाँ से लेकर एकत्र किया है?
यहोवा ने उन्हें देश-देश से, पूरब-पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है।
Psalms 107:6-7
यहोवा के छुड़ाए हुओं ने जब संकट में अपने यहोवा को पुकारा तब यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने उन्हें सकेती से छुड़ाया।
Psalms 107:8-11
यहोवा का धन्यवाद क्यों करना चाहिए?
यहोवा की करुणा और मनुष्यों के लिए किए गए आश्चर्यकर्मों के कारण उसका धन्यवाद करना चाहिए।
Psalms 107:12-15
यहोवा ने इस्राएलियों के मन को दीन कैसे किया?
यहोवा ने उन्हें कष्टों के द्वारा दबाया तो वे दीन हुए।
Psalms 107:16
यहोवा ने अपने लोगों के लिए कैसे फाटक तोड़े और कैसे बेण्डों के टुकड़े-टुकड़े किए?
यहोवा ने पीतल के फाटकों को तोड़ा और लोहे के बेण्डों को टुकड़े-टुकड़े किया।
Psalms 107:17-21
मनुष्य दुःखी क्यों होता है?
मनुष्य अपने अधर्म के कारण दुःखी होता है।
Psalms 107:22-23
यहोवा के लिए कैसी बलि चढ़ाई जाए?
"यहोवा के लिए धन्यवाद की बलि चढ़ाई जाए।
Psalms 107:24-26
जहाजों में यात्रा करने वाले और समुद्र पार व्यापार करने वाले यहोवा के बारे में क्या देखते हैं?
वे यहोवा के कामों को और समुद्र में किए गए उसके आश्चर्यकर्मों को देखते हैं।
Psalms 107:27
समुद्र की तरंगे आकाश तक उठकर फिर गहराई में उतर जाती है तब मनुष्यों की क्या दशा होती है?
क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रह जाता।
Psalms 107:28
जब मनुष्य संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं तब क्या होता है?
यहोवा उनको सकेती से निकालता है और आंधी को शान्त कर देता है।
Psalms 107:29-31
जब मनुष्य संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं तब क्या होता है?
यहोवा उनको सकेती से निकालता है और आंधी को शान्त कर देता है।
Psalms 107:32-33
यहोवा को सराहने और उसकी स्तुति करने का स्थान कहाँ है?
सभाओं में उसको सराहें और पुरनियों की बैठक में उसकी स्तुति करें।
Psalms 107:34-36
यहोवा ने फलवन्त भूमि को मनुष्यों की दुष्टता के कारण क्या करा?
यहोवा ने मनुष्यों की दुष्टता के कारण फलवन्त भूमि को नोनी करता है।
Psalms 107:37-39
उन्होंने अपने नगरों में क्या उगाया?
उन्होंने खेत और दाख की बारियां लगाई।
Psalms 107:40-41
यहोवा जब उनके हाकिमों पर अपमान लादता था तब क्या होता था?
यहोवा उन्हें मार्गरहित जंगल में भटकाता था, जहाँ कोई मार्ग नहीं था।
Psalms 107:42
यहोवा जब सीधे लोग यहोवा की सुरक्षा का आनन्द लेते हैं तब दुष्टों का क्या होता है?
सीधे लोगों को यहोवा की सुरक्षा का आनन्द लेते देख दुष्टों के मुंह बन्द हो जाते हैं।
Psalms 107:43
इन बातों पर ध्यान देने के लिए लेखक किसको पुकारता है?
लेखक बुद्धिमानों को पुकारता है कि इन बातों पर ध्यान दें और यहोवा की करुणा के कामों पर मनन करें।
Psalms 108
Psalms 108:1-3
दाऊद कैसी स्तुति करने के लिए कहता है?
दाऊद कहता है कि वह आत्मा से भजन गाएगा।
Psalms 108:4
दाऊद यहोवा की करुणा को कैसी महान कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा की करुणा आकाश से भी ऊँची है।
Psalms 108:5-7
दाऊद यहोवा की महिमा के लिए क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा की महिमा पृथ्वी के ऊपर हो।
Psalms 108:8
यहोवा ने एप्रैम और यहूदा केलिए क्या कहा?
यहोवा ने कहा कि एप्रैम उसके सिर का टोप है और यहूदा उसका राजदण्ड है।
Psalms 108:9-11
यहोवा पलिश्त के विषय क्या कहता है?
यहोवा कहता है कि वह उन पर जयजयकार करेगा।
Psalms 108:12
दाऊद किसकी सहायता को व्यर्थ कहता है?
दाऊद यहोवा से सहायता मांगता है क्योंकि मनुष्य से सहायता मांगना व्यर्थ है।
Psalms 108:13
यहोवा की सहायता से अपनी विजय का वर्णन दाऊद कैसे करता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा की सहायता से उसकी सेना विजयी होगी क्योंकि यहोवा उसके शत्रुओं को रौंदेगा।
Psalms 109
Psalms 109:2-3
दाऊद किसके लिए कहता है कि वे उससे लड़ते हैं?
दाऊद कहता है कि दुष्ट और कपटी मनुष्य उससे लड़ते हैं।
Psalms 109:4-6
दुष्ट दाऊद के प्रेम के बदले क्या देते हैं?
दाऊद के प्रेम के बदले वे उससे बैर करते है।
Psalms 109:7-9
दाऊद क्या चाहता है कि उसका बैरी न्याय में पाया जाए?
दाऊद चाहता है कि उसका बैरी न्याय में दोषी पाया जाए।
Psalms 109:10
दाऊद अपने बैरियों की सन्तान के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि उसके बैरी की सन्तान मारे-मारे फिरे और भीख मांगे और अपने घर से दूर टुकड़े मांगना पड़े।
Psalms 109:11
दाऊद अपने बैरी की कमाई के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि परदेशी उसके बैरी की कमाई को लूट लें।
Psalms 109:12-14
दाऊद यहोवा से दया के व्यवहार की विनती क्यों करता है?
दाऊद अपने प्रभु यहोवा से उसके नाम के निमित्त दया के व्यवहार की विनती करता है।
Psalms 109:15
दाऊद अपने बैरी की स्मृत्ति के लिए यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उसका नाम पृथ्वी पर से मिटा दे।
Psalms 109:16
दाऊद ने उसका नाम पृथ्वी पर से मिटा देने की प्रार्थना क्यों की?
दाऊद ने ऐसी प्रार्थना इसलिए की कि उस मनुष्य ने करुणा कभी नहीं दिखाई।
Psalms 109:17-19
दाऊद का शत्रु आशीर्वाद देने से प्रसन्न नहीं होता था इसलिए दाऊद ने उसके लिए क्या मांगा?
दाऊद का शत्रु आशीर्वाद देने से प्रसन्न नहीं होता था, दाऊद ने मांगा कि आशीर्वाद उससे सदा दूर रहे।
Psalms 109:20-22
दाऊद अपने बैरियों के लिए प्रतिफल किससे चाहता था?
दाऊद चाहता था कि यहोवा उनको प्रतिफल दे।
Psalms 109:23-24
दाऊद अपने ढलते हुए जीवन की तुलना किससे करता है?
दाऊद कहता है कि वह ढलती हुई छाया के समान समाप्त हो रहा है।
Psalms 109:25
दाऊद के बैरी उसे देखकर क्या करते हैं?
दाऊद कहता है कि उसके बैरी उसे देखकर सिर हिलाते हैं।
Psalms 109:26-27
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह उसकी रक्षा किससे करे?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह अपनी करुणा से उसकी रक्षा करें।
Psalms 109:28-30
दाऊद विनती करता है कि उसके बैरी उसके विरुद्ध उठें तो उनका क्या हो?
दाऊद विनती करता है कि उसके बैरी उसके विरुद्ध उठें तो वे लज्जित हो जाएं।
Psalms 109:31
यहोवा दरिद्र की दाहिनी ओर खड़ा रहेगा तो वह क्या करेगा?
वह उसको प्राणदंड दिलाने वालों से बचाएगा।
Psalms 11
Psalms 11:1
दाऊद किस पर भरोसा करता है?
दाऊद यहोवा पर भरोसा करता है।
मनुष्य दाऊद के प्राण से क्या कहते थे?
वह पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जाए।
Psalms 11:2-3
सीधे मन वालों पर आक्रमण करने के लिए दुष्ट कैसी तैयारी करते हैं?
वे अपने धनुष चढ़ाते और तीर डोरी पर रखते हैं कि उन पर अन्धेरे में तीर चलाएं।
Psalms 11:4
यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में क्या करता है?
वह मनुष्य की सन्तान को नित्त देखता है और जांचता है।
Psalms 11:5
यहोवा किसको परखता है?
यहोवा धर्मी और दुष्ट दोनों को परखता है।
यहोवा किससे घृणा करता है?
वह उपद्रव करने वालों से घृणा करता है।
Psalms 11:6
यहोवा दुष्ट के साथ क्या करेगा?
वह आग और गन्धक उन पर बरसाएगा और उन्हें प्रचण्ड लूह दी जाएगी।
Psalms 11:7
यहोवा धर्म के कामों के लिए क्या सोचता है?
वह धर्म के कामों से प्रसन्न रहता है।
धर्मी का क्या होगा?
धर्मी उसके दर्शन पाएँगे।
Psalms 110
Psalms 110:1-2
यहोवा दाऊद के प्रभु से कहां बैठने को कहता है और कितने समय के लिए बैठने को कहता है?
यहोवा ने उससे कहा कि जब तक वह उसके शत्रुओं को उसके चरणों की चौकी न कर दे तब तक वह उसके दाहिनी ओर बैठे।
Psalms 110:3
दाऊद के प्रभु का अनुसरण करते समय लोग क्या धारण करेंगे?
वे पवित्रता से शोभायमान होंगे।
Psalms 110:4
यहोवा ने क्या शपथ खाई और वह पछताएगा नहीं?
यहोवा ने दाऊद के प्रभु से शपथ खाई, "तू सर्वदा का याजक है।"
Psalms 110:5-6
दाऊद का प्रभु अपने क्रोध के दिन क्या करेगा?
वह अपने क्रोध के दिन राजाओं को चूर कर देगा।
Psalms 110:7
दाऊद का प्रभु मार्ग में चलता हुआ नदी का जल पीकर क्या करेगा?
वह विजयी होकर अपना सिर ऊंचा करेगा।
Psalms 111
Psalms 111:1-2
लेखक संपूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद कहां करेगा?
वह सीधे लोगों की गोष्ठी में और मंडली में सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करेगा।
Psalms 111:3-4
यहोवा का धर्म कब तक बना रहेगा?
यहोवा का धर्म सदा तक बना रहेगा।
Psalms 111:5
यहोवा किस बात को सदैव स्मरण रखेगा?
यहोवा अपनी वाचा को सदैव स्मरण रखेगा।
Psalms 111:6-7
यहोवा ने अपने सामर्थी कार्यों को लोगों पर कैसे प्रकट किया?
यहोवा ने उन्हें जाति-जाति का भाग देने के लिए अपने सामर्थी काम दिखाए।
Psalms 111:8
यहोवा के आदेशों का पालन कैसे किया जाए?
उसके सब आदेशों को सच्चाई और सीधाई से माना जाता है।
Psalms 111:9
लेखक यहोवा के नाम का वर्णन कैसे करता है?
लेखक कहता है, "उसका नाम पवित्र और भययोग्य है।"
Psalms 111:10
बुद्धि का मूल क्या है?
यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है।
यहोवा की आज्ञाओं को मानने वालों को क्या मिलता है?
यहोवा की आज्ञा मानने वालों को अच्छी समझ मिलती है।
Psalms 112
Psalms 112:2
यहोवा का भय मानने वाले और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहने वाले मनुष्य के वंश का क्या होता है?
उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा और आशिष पाएगा।
Psalms 112:3-4
यहोवा की आज्ञाओं को मानने वाले के घर में क्या रहता है?
उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है।
Psalms 112:5-6
लेखक के अनुसार किसका कल्याण होगा?
जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है उसका कल्याण होता है।
Psalms 112:7-8
धर्मी जन भयभीत होने की अपेक्षा क्या करता है?
वह बुरे समाचार से नहीं डरता, उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है।
Psalms 112:9
दरिद्रों को उदारता से दान देने वाले मनुष्य का क्या होता है?
उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जायेगा।
Psalms 112:10
धर्मीजन की आशिषों से जो दुष्ट कुपित होता है उसका क्या होगा?
वह दांत पीस-पीसकर गल जाएगा।
Psalms 113
Psalms 113:2-3
यहोवा का नाम कब धन्य कहा जाएगा?
यहोवा का नाम अब से लेकर सदा तक धन्य कहा जाएगा।
Psalms 113:4
यहोवा की महिमा कहां तक पहुंचती है?
उसकी महिमा आकाश से ऊंची पहुंचती है।
Psalms 113:5
यहोवा कहां विराजमान है?
यहोवा ऊंचे पर विराजमान है और आकाश और पृथ्वी पर, देखने के लिये झुकता है।
Psalms 113:6-7
यहोवा कहां विराजमान है?
यहोवा ऊंचे पर विराजमान है और आकाश और पृथ्वी पर, देखने के लिये झुकता है।
Psalms 113:8
यहोवा दरिद्र और कंगाल को उठाकर कहां बैठाएगा?
यहोवा उसे प्रधानों, अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाएगा।
Psalms 113:9
यहोवा बांझ को क्या देता है?
यहोवा बांझ को घर में लड़कों की आनंद करने वाली माता बनाता है।
Psalms 114
Psalms 114:2-3
मिस्र से कूच करने के बाद यहूदा और इस्राएल क्या हो गए?
यहूदा यहोवा का पवित्र स्थान और इस्राएल उसके राज्य के लोग हो गए।
Psalms 114:4-6
जब इस्राएली प्रतिज्ञा के देश पहुंचे तब पहाड़ और पहाड़ियों ने क्या किया?
पहाड़ मेढ़ों के समान उछलने लगे और पहाड़ियां भेड़-बकरियों के बच्चों के समान उछलने लगीं।
Psalms 114:7
लेखक क्यों कहता है कि पृथ्वी थरथराए?
पृथ्वी प्रभु के सामने, याकूब के परमेश्वर के सामने थरथराए।
Psalms 114:8
लेखक के अनुसार यहोवा चट्टान को और चकमक के पत्थर को क्या बना देता है?
यहोवा चट्टान को जल का ताल और चकमक के पत्थर को जल का सोता बना डालता है।
Psalms 115
Psalms 115:1-3
किस कारण से दाऊद कहता है कि यहोवा अपने ही नाम की महिमा करे?
यहोवा अपनी करुणा और सच्चाई के निमित्त अपने ही नाम की महिमा करे।
Psalms 115:4
अन्यजातियों की मूर्तियों के लिए दाऊद क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि वे सोने और चांदी की हैं परन्तु मनुष्य के हाथ की बनाई हुई हैं।
Psalms 115:5
मूर्तियां क्या नहीं कर सकतीं?
वे बोल नहीं सकतीं, वे देख नहीं सकतीं, सुन नहीं सकतीं और सूंघ नहीं सकती हैं।
Psalms 115:6-8
मूर्तियां क्या नहीं कर सकतीं?
वे बोल नहीं सकतीं, वे देख नहीं सकतीं, सुन नहीं सकतीं और सूंघ नहीं सकती हैं।
Psalms 115:9
इस्राएल यहोवा पर भरोसा क्यों रखे?
इस्राएल यहोवा पर भरोसा रखे क्योंकि उसका सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:10
इस्राएल यहोवा पर भरोसा क्यों रखे?
इस्राएल यहोवा पर भरोसा रखे क्योंकि उसका सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:11-12
इस्राएल यहोवा पर भरोसा क्यों रखे?
इस्राएल यहोवा पर भरोसा रखे क्योंकि उसका सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:13-15
दाऊद कहता है कि मनुष्य यहोवा को कब धन्य कहे?
मनुष्य अब से लेकर सदा तक यहोवा को धन्य कहे।
Psalms 115:16-17
स्वर्ग और पृथ्वी किसके हैं?
स्वर्ग यहोवा का है परन्तु पृथ्वी उसने मनुष्यों को दे दी है।
Psalms 115:18
दाऊद कहता है कि मनुष्य यहोवा को कब धन्य कहे?
मनुष्य अब से लेकर सदा तक यहोवा को धन्य कहे।
Psalms 116
Psalms 116:1-2
लेखक यहोवा से क्यों प्रेम करता है?
लेखक यहोवा से प्रेम करता है क्योंकि वह उसके गिड़गिड़ाने को सुनता है और दया की उसकी याचना को स्वीकार करता है।
Psalms 116:3-5
जब लेखक रस्सियों से घिरा हुआ था और अधोलोक की सकेती में था तब उसको कैसी अनुभूति हो रही थी?
उसको संकट और शोक भोगना पड़ा था।
Psalms 116:6-7
यहोवा किसकी रक्षा करता है?
यहोवा भोलों की रक्षा करता है।
Psalms 116:8
लेखक के प्राण को यहोवा ने कहां से बचाया?
यहोवा ने लेखक के प्राण को मृत्यु से बचाया।
Psalms 116:9-13
लेखक यहोवा की सेवा कहां करेगा?
लेखक कहता है कि वह जीवितों के लोक में यहोवा की सेवा करेगा।
Psalms 116:14
लेखक यहोवा के लिए मन्नतें कहां पूरी करेगा?
वह सभों की दृष्टि में यहोवा के लिए मन्नतें पूरी करेगा।
Psalms 116:15-16
यहोवा की दृष्टि में क्या अनमोल है?
यहोवा के भक्तों की मृत्यु उसकी दृष्टि में अनमोल है।
Psalms 116:17-18
यहोवा ने लेखक के बंधन खोल दिए इसलिए वह यहोवा के लिए क्या करेगा?
लेखक यहोवा के लिए धन्यवाद बलि चढ़ाएगा।
Psalms 116:19
लेखक यहोवा के लिए मन्नतें कैसे पूरी करेगा?
लेखक प्रगट में उसकी सारी प्रजा के सामने अपनी मन्नतें पूरी करेगा।
Psalms 117
Psalms 117:1
लेखक यहोवा की स्तुति के लिए किसको पुकारता है?
वह जाति-जाति के सब लोगों को यहोवा की स्तुति के लिए पुकारता है।
Psalms 117:2
यहोवा के लोगों के लिए क्या महान है?
यहोवा की करुणा उसके लोगों के लिए महान है।
यहोवा की सच्चाई कब तक की है?
यहोवा की सच्चाई सदा की है।
Psalms 118
Psalms 118:2-4
लेखक कौन से दो कारणों के लिए यहोवा को धन्यवाद देना चाहता है?
यहोवा को धन्यवाद देने के कारण है, यहोवा भला है और उसकी करुणा सदा की है।
Psalms 118:5-7
लेखक ने जब यहोवा को पुकारा तब यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने उसकी पुकार सुनकर उसे छुड़ाया।
Psalms 118:8-11
लेखक के अनुसार यहोवा की शरण लेना किससे उत्तम है?
लेखक कहता है कि यहोवा की शरण लेना मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:12-14
लेखक के कथनानुसार सब अन्य जातियों ने उसे घेर लिया था तब वे किसके तुल्य थीं?
लेखक कहता है कि अन्य जातियों ने उसे ऐसे घेर लिया था जैसे मधुमक्खियां।
Psalms 118:15-17
धर्मी मनुष्य के तम्बूओं में कैसा शब्द सुनाई देता है?
धर्मियों के तम्बूओं में जयजयकार की ध्वनि सुनाई देती है।
Psalms 118:18
यहोवा ने लेखक की बड़ी ताड़ना तो की परन्तु क्या नहीं किया?
यहोवा ने लेखक की कड़ी ताड़ना तो की परन्तु उसे मृत्यु के वश में नहीं किया।
Psalms 118:19-21
यहोवा लेखक के लिए धर्म के द्वार खोल देगा तब वह क्या करेगा?
लेखक के लिए जब धर्म के द्वार खोले जाएंगे तब वह उनमें प्रवेश करेगा यहोवा का धन्यवाद करेगा।
Psalms 118:22-23
राज मिस्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वह क्या था?
वह कोने का सिरा हो गया था।
Psalms 118:24-26
यहोवा ने जिस दिन को बनाया है उस में लोग क्या करेंगे?
उस दिन वे आनंदित और मगन होंगे।
Psalms 118:27
यज्ञपशु के साथ क्या करना चाहिए?
यज्ञपशु को वेदी के सींगों से रस्सियों से बांधा जाए।
Psalms 118:28-29
यहोवा लेखक का परमेश्वर है इसलिए वह क्या करेगा?
वह उसका धन्यवाद करेगा और उसे सराहेगा।
Psalms 119
Psalms 119:2-5
मनुष्य यहोवा की खोज कैसे करे?
मनुष्य पूर्ण मन से यहोवा की खोज करे।
Psalms 119:6
लेखक यहोवा की विधियों को मानने में दृढ़ हो तो उनके साथ क्या नहीं होगा?
यहोवा की सब विधियों को और आज्ञाओं को मानने में दृढ़ रहेगा और चित्त लगाए रहेगा तब वह लज्जित नहीं होगा।
Psalms 119:7-8
लेखक यहोवा का धन्यवाद कैसे करेगा?
वह सीधे मन से यहोवा का धन्यवाद करेगा।
Psalms 119:9-103
जवान अपनी चाल किस प्रकार शुद्ध रखे?
यहोवा के वचन के अनुसार सावधान रहने से वह अपनी चाल शुद्ध रख पाएगा।
Psalms 119:104-105
लेखक के अनुसार यहोवा के वचन किससे भी अधिक मधुर हैं?
यहोवा के वचन लेखक के मुंह में मधु से भी अधिक मीठे हैं!
Psalms 119:106-10
लेखक ने किस बात की शपथ खाई और ठान लिया?
उसने शपथ खाई और ठान लिया कि वह यहोवा के धर्ममय नियमों के अनुसार चलेगा।
Psalms 119:11-110
लेखक ने यहोवा के वचनों को अपने हृदय में कैसे रख छोड़ा है?
उसने यहोवा के वचनों को अपने मन में इसलिए रख छोड़ा है कि वह यहोवा के विरूद्ध पाप न करे।
Psalms 119:111-113
लेखक किसको सदा के लिए अपना निज भाग और हृदय के हर्ष का कारण मानता है?
लेखक यहोवा की चितौनियों को सदा के लिए अपना निज भाग मानता है क्योंकि वे उसके हृदय के लिए हर्ष का कारण हैं।
Psalms 119:114-117
यहोवा लेखक की आड़ और ढाल है, लेखक की आशा किस पर है?
लेखक की आशा यहोवा के वचनों पर हैं।
Psalms 119:118-119
लेखक क्यों कहता है कि उसकी विधियों से भटक जाने वालों को यहोवा तुच्छ जानता है?
यहोवा उन्हें तुच्छ इसलिए जानता है कि वे धोखा देने वाले हैं और उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
Psalms 119:120-122
किसके भय से लेखक का शरीर कांपता है?
लेखक का शरीर यहोवा के भय से कांपता है।
Psalms 119:123-124
किस बात की प्रतीक्षा में लेखक की आंखें धुंधली पड़ गई हैं?
लेखक यहोवा के उद्धार और उसके धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते उसकी आंखें धुँधली पड़ गई हैं।
Psalms 119:125-127
लेखक यहोवा से समझ क्यों मांगता है?
लेखक यहोवा की चितौनियों को समझने के लिए समझ मांगता है।
Psalms 119:128-129
लेखक किस बात से घृणा करता है?
लेखक सब मिथ्या मार्गों से घृणा करता है।
Psalms 119:130-131
लेखक के कथनानुसार यहोवा के वचनों के खुलने से क्या होता है?
लेखक कहता है कि यहोवा के वचनों के खुलने से प्रकाश होता है और भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।
Psalms 119:132-133
लेखक क्या कहता है कि यहोवा अपने प्रेमियों के लिए सदा करता है?
यहोवा सदा उनकी ओर फिरकर उन पर अनुग्रह करता है।
Psalms 119:134-135
लेखक क्यों कहता है कि यहोवा उसको मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले?
लेखक मनुष्य के अन्धेर से छुड़ाए जाने की प्रार्थना करता है जिससे कि वह यहोवा के उपदेशों को माने।
Psalms 119:136-137
लेखक की आंखों से जल की धारा क्यों बहती है?
लेखक की आंखों से जल की धारा बहती है क्योंकि लोग उसकी व्यवस्था नहीं मानते हैं।
Psalms 119:138-13
यहोवा ने अपनी चितौनियों को कैसे कहा है?
यहोवा ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।
Psalms 119:14-140
लेखक कैसे सब प्रकार के धन से अधिक आकर्षित होता है?
यहोवा की सब चितौनियों के मार्ग से वह सब प्रकार के धन से भी अधिक हर्षित होता है।
Psalms 119:141-142
लेखक इस तथ्य को अस्वीकार क्यों नहीं करता कि वह छोटा और तुच्छ है?
क्योंकि वह यहोवा के आदेशों को नहीं भूलता है।
Psalms 119:143-145
यद्यपि लेखक संकट और सकेती में पड़ा है, यहोवा की आज्ञायें उसके लिए क्या हैं?
संकट और सकेती के उपरान्त भी लेखक यहोवा की आज्ञाओं से सुखी है।
Psalms 119:146-14
यदि यहोवा लेखक का उद्धार करे तो वह क्या करेगा?
यहोवा लेखक का उद्धार करे तो वह उसकी चितौनियों को माना करेगा।
Psalms 119:15-151
लेखक यहोवा के उपदेश का क्या करेगा?
लेखक यहोवा के उपदेश पर ध्यान करेगा।
Psalms 119:152
लेखक ने यहोवा की चितौनियों से बहुत पहले ही क्या सीख लिया था?
उसने सीख लिया था कि यहोवा ने उनकी नींव सदा के लिए डाली है।
Psalms 119:153-154
लेखक क्यों कहता है कि यहोवा उसके दुखों को देखकर उसकी सहायता करे?
यहोवा को उसकी सहायता करना है क्योंकि वह यहोवा की व्यवस्था को भूला नहीं है।
Psalms 119:155-157
लेखक क्यों कहता है कि दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है?
दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है क्योंकि वे यहोवा की विधियों की सुधि नहीं रखते।
Psalms 119:158-159
लेखक क्यों कहता है कि वह विश्वासघाती को देखकर उदास होता है?
लेखक के उदास होने का कारण है कि वे यहोवा के वचन को नहीं मानते हैं।
Psalms 119:160
यहोवा का एक-एक नियम कब तक का है?
यहोवा का एक-एक धर्ममय नियम सदा काल का है।
Psalms 119:161-163
जब हाकिम व्यर्थ में लेखक को सताते हैं तब लेखक को किस बात का भय होता है?
लेखक को भय होता है कि उससे यहोवा की आज्ञाओं की अवज्ञा न हो जाए।
Psalms 119:164-167
यहोवा के धर्ममय नियमों के कारण लेखक कब तक स्तुति करता रहेगा?
लेखक दिन में सात बार यहोवा की स्तुति करेगा।
Psalms 119:168-169
लेखक क्यों कहता है कि वह यहोवा के उपदेशों और चितौनियों को मानता है?
लेखक यहोवा के उपदेशों और चितौनियों को मानता है क्योंकि यहोवा के सामने उसका संपूर्ण आचरण प्रकट है।
Psalms 119:170-171
लेखक के कथनानुसार यहोवा ने अपने वचन में क्या करने की प्रतिज्ञा की है?
लेखक का गिड़गिड़ाना यहोवा तक पहुंचा तो उसने अपने वचन के अनुसार उसे छुड़ाने की प्रतिज्ञा की है।
Psalms 119:172-175
लेखक यहोवा से क्यों याचना करता है कि वह उसे उसके वचन के अनुसार गीत गाने दे?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि वह उसके वचन के अनुसार उसे गीत गाने दे क्योंकि यहोवा की आज्ञाएं धर्ममय हैं।
Psalms 119:176-17
लेखक खोई हुई भेड़ के समान भटका है तो वह यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
ऐसी स्थिति में लेखक यहोवा से विनती करता है कि वह उसे ढूंढ ले क्योंकि वह यहोवा की आज्ञाओं को भूला नहीं।
Psalms 119:18-19
लेखक यहोवा की व्यवस्था की अद्भुत बातों को कैसे देखेगा?
यहोवा उसकी आंखें खोल दे तो वह यहोवा की व्यवस्था की अद्भुत बातें देखेगा।
Psalms 119:20
यहोवा के नियमों की अभिलाषा के कारण लेखक का मन सदैव कैसा रहता था?
यहोवा के नियमों की अभिलाषा में लेखक का मन सदा खेदित रहता था।
Psalms 119:21-22
लेखक किसको शापित और यहोवा की आज्ञाओं से भटका हुआ कहता है?
लेखक अभिमानियों को शापित और आज्ञाओं से भटका हुआ कहता है।
Psalms 119:23-24
लेखक के विरोधी और हाकिम उसके विरूद्ध षड्यंत्र रचते और बुराई करते तो लेखक क्या करता है?
वह यहोवा की विधियों पर ध्यान करता है।
Psalms 119:25-26
लेखक किसके अनुसार यहोवा से जीवनदान मांगता है?
लेखक यहोवा से उसके जीवन के अनुसार जीवन दान मांगता है।
Psalms 119:27-28
लेखक यहोवा से उसके उपदेशों का मार्ग समझाने को क्यों कहता है?
वह यहोवा के उपदेशों का मार्ग समझना चाहता है क्योंकि वह यहोवा के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान लगाना चाहता है।
Psalms 119:29-35
लेखक यहोवा से किस मार्ग से उसे दूर रखने की याचना करता है?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि वह उसे झूठ के मार्ग से दूर रखे।
Psalms 119:36
लेखक उसे किस मार्ग की ओर तथा किस मार्ग से दूर रखने की याचना यहोवा से करता है?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि यहोवा उसे उसकी चितौनियों की ओर फेर दे और लोभ से दूर रखे।
Psalms 119:37-42
लेखक यहोवा से क्यों याचना करता है कि उसकी आंखों को वह फेरले?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि उसकी आंखों को व्यर्थ की वस्तुओं से फेरकर अपने मार्गों में उसे जिलाए।
Psalms 119:43-44
लेखक यहोवा से किस बात की याचना करता है कि उसके मुख को न रोके?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि यहोवा उसे सत्य के वचन कहने से न रोके।
Psalms 119:45-46
लेखक क्यों कहता है कि वह सुरक्षित स्थान में चलेगा?
लेखक कहता है कि वह सुरक्षित स्थान में चलेगा क्योंकि उसने यहोवा के उपदेशों पर चित्त लगाया है।
Psalms 119:47-48
लेखक किससे प्रीति रखता है?
लेखक यहोवा की आज्ञाओं से प्रीति रखता है।
Psalms 119:49-50
लेखक यहोवा से किसका स्मरण रखने की याचना करता है?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि वह अपने दास को दिए गए वचन का स्मरण करे।
Psalms 119:51-53
यद्यपि अभिमानियों ने उसे ठट्ठों में उड़ाया है, लेखक ने क्या नहीं किया?
अभिमानियों द्वारा ठट्ठों में उडत्राए जाने के उपरान्त भी लेखक यहोवा की व्यवस्था से नहीं हटा।
Psalms 119:54-57
यहोवा की विधियां कहां लेखक के लिए गाने का विषय बनी हैं?
जहां लेखक परदेशी होकर रहता है वहां यहोवा की विधियां उसके लिए गीत गाने का विषय बन गई हैं।
Psalms 119:58-60
लेखक किसके अनुसार यहोवा से अनुग्रह की मांग करता है?
लेखक ने यहोवा को पूरे मन से मनाया है इसलिए वह यहोवा के वचन के अनुसार उसके अनुग्रह की मांग करता है।
Psalms 119:61-62
लेखक दुष्ट की रस्सियों से बंध जाने के बाद भी क्या नहीं भूला है?
लेखक यहोवा की व्यवस्था को नहीं भूला है।
Psalms 119:63-65
लेखक कैसे लोगों की संगति में रहता है?
यहोवा का भय मानने वालों और उसके आदेशों पर चलने वालों की संगति में वह रहता है।
Psalms 119:66-68
लेखक यहोवा से विवेक शक्ति और ज्ञान की याचना क्यों करता है?
लेखक यहोवा से विवेक शक्ति और ज्ञान की याचना करता है क्योंकि उसने यहोवा की आज्ञाओं का विश्वास किया है।
Psalms 119:69-70
अभिमानियों ने उसके विरूद्ध झूठी बातें गढ़ी तब लेखक ने क्या किया?
तौभी वह यहोवा के आदेशों को पूरे मन से पकड़ा रहा।
Psalms 119:71
लेखक क्यों कहता है कि उसके लिए दुख उठाना भला ही था?
लेखक कहता है कि उसके लिए दुख उठाना भला ही था क्योंकि वह इसके द्वारा यहोवा की विधियों को सीख गया।
Psalms 119:72-73
लेखक कहता है कि यहोवा की दी हुई व्यवस्था उसके लिए किससे अधिक उत्तम है?
लेखक कहता है कि यहोवा की दी हुई व्यवस्था उसके लिए हजारों रूपयों और मुहरों से भी उत्तम है।
Psalms 119:74-75
लेखक क्यों कहता है कि यहोवा का भय मानने वाले उसे देखकर आनंदित होंगे?
लेखक कहता है कि यहोवा का भय मानने वाले उसे देखकर आनंदित होंगे क्योंकि लेखक को यहोवा ही में आशा दिखाई दी है।
Psalms 119:76-79
लेखक को यहोवा ने दुख दिया, कैसे?
यहोवा ने अपनी सच्चाई के अनुसार लेखक को दुख दिया था।
Psalms 119:80-81
लेखक कहता है कि उसका मन यहोवा की विधियों को मानने में सिद्ध हो कि उसे क्या न होना पड़े?
लेखक कहता है कि उसका मन यहोवा की विधियों को मानने में सिद्ध है कि उसे लज्जित न होना पड़े।
Psalms 119:82-84
लेखक की आंखें क्या देखने की अभिलाषी हैं?
लेखक की आंखें यहोवा की प्रतिज्ञाओं को देखने की अभिलाषी हैं।
Psalms 119:85-87
अभिमानियों ने यहोवा की व्यवस्था को कैसे अशुद्ध किया है?
अभिमानियों ने यहोवा की व्यवस्था को तुच्छ समझकर लेखक के लिए गड़हे खोदे हैं।
Psalms 119:88-89
लेखक प्रार्थना करता है कि यहोवा उसे जीवन दे कि वह क्या करे?
लेखक जीवन दान माँगता है कि की वह यहोवा की दी हुई चितौनियों को माने।
Psalms 119:90-92
यहोवा की करुणा कब तक की है?
यहोवा की करुणा पीढ़ी से पीढ़ी तक की है।
Psalms 119:93-95
लेखक क्यों कहता है कि वह यहोवा के आदेशों को कभी नहीं भूलेगा?
लेखक कहता है कि वह यहोवा के उपदेशों को कभी नहीं भूलेगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा यहोवा ने उसे जीवनदान दिया है।
Psalms 119:96-98
एकमात्र असीमित बात क्या है?
यहोवा की आज्ञाएं ही हैं जो असीमित हैं।
Psalms 119:99-176
लेखक क्यों कहता है कि उसमें उसके सब शिक्षकों से अधिक समझ है?
लेखक कहता है कि उसमें उसके सब शिक्षकों से अधिक समझ है क्योंकि वह यहोवा की चितौनियों पर ध्यान लगाए हुए है।
Psalms 12
Psalms 12:1
दाऊद यहोवा से सहायता क्यों मांग रहा है?
दाऊद यहोवा से सहायता इसलिए मांग रहा है कि भक्त जन नहीं रहे और विश्वास-योग्य लोग मर मिटे।
Psalms 12:2
मनुष्यों में हर एक जन अपने पड़ोसी से कैसी बातें करता है?
मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहते और चापलूसी करते तथा दो रंगी बातें करते हैं।
Psalms 12:3
दाऊद चापलूसी करने वाले होंठों के लिए परमेश्वर से क्या विनती करता है?
दाऊद परमेश्वर से विनती करता है कि वह चापलूसी करने वाले होंठों को तथा बड़ा बोल बोलने वाली जीभ को काट डाले।
Psalms 12:4
चापलूस क्या कहते हैं?
वे कहते हैं, "हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे। हमारे होंठ हमारे ही वश में हैं, हमारा प्रभु कौन है?"
Psalms 12:5
यहोवा दीन-दरिद्रों के लिए क्या करता है?
यहोवा कहता है कि वह उठकर उन्हें चैन और विश्राम देगा।
Psalms 12:6
यहोवा के वचन कैसे हैं?
परमेश्वर का वचन पवित्र है, उस चांदी के समान जो भट्ठी में मिट्टी पर ताई गई और सात बार निर्मल की गई हो।
Psalms 12:7
दाऊद भक्तों के लिए परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उनको इस पीढ़ी के दुष्टों से सदा के लिए बचाए रखे।
Psalms 12:8
दुष्टों के अकड़कर चलने का कारण क्या है?
जब मनुष्यों में नीचपन का आदर होता है तब दुष्ट लोग चारों ओर अकड़ कर चलते हैं।
Psalms 120
Psalms 120:1
लेखक ने संकट के समय यहोवा को पुकारा तो यहोवा ने क्या किया?
लेखक कहता है कि यहोवा ने उसकी विनती सुन ली थी।
Psalms 120:2-3
लेखक अपने प्राण के लिए यहोवा से क्या विनती करता है?
लेखक यहोवा से विनती करता है कि वह झूठ बोलने वालों और छल करने वालों से उसकी रक्षा करे।
Psalms 120:4
लेखक के अनुसार यहोवा छल करने वालों के साथ क्या करेगा?
यहोवा उन पर नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे बरसाएगा।
Psalms 120:5
लेखक कहां परदेशी होकर रहा और बहुत समय से उसे कहां रहना पड़ा था?
लेखक कहता है कि उसे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा और बहुत समय केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा था।
Psalms 120:6
लेखक शान्ति के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है कि वह बहुत समय से शान्ति के बैरियों के मध्य रहा जब कि वह शान्ति का पक्षधर है।
Psalms 120:7
लेखक शान्ति के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है कि वह बहुत समय से शान्ति के बैरियों के मध्य रहा जब कि वह शान्ति का पक्षधर है।
Psalms 121
Psalms 121:1
लेखक अपनी आंखें किसकी ओर उठाएगा?
लेखक कहता है कि वह अपनी आंखें पहाड़ों की ओर उठाएगा।
Psalms 121:2
लेखक की सहायता कहां से आती है?
लेखक कहता है कि उसकी सहायता यहोवा ही से आती है।
Psalms 121:3
यहोवा लेखक की सहायता कैसे करेगा?
यहोवा लेखक के पांव को टलने नहीं देगा, वह उसकी रक्षा करेगा।
Psalms 121:4-5
इस्राएल के रक्षक के लिए लेखक क्या कहता है कि वह कभी नहीं करेगा?
लेखक कहता है कि इस्राएल का रक्षक न ऊंघेगा और न सोएगा।
इस्राएल का रक्षक और आड़ कौन है?
यहोवा इस्राएल का रक्षक है और दाहिनी ओर उसकी आड़ है।
Psalms 121:6
इस्राएल को किससे हानि न होगी?
उसे न तो दिन की धूप से और न रात की चांदनी से कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7
इस्राएल की सब विपत्ति से और उसके आने जाने से उसकी रक्षा कौन करेगा?
यहोवा सारी विपत्ति से उसके प्राण की और आने जाने में उसकी रक्षा सदा तक करता रहेगा।
Psalms 121:8
इस्राएल की सब विपत्ति से और उसके आने जाने से उसकी रक्षा कौन करेगा?
यहोवा सारी विपत्ति से उसके प्राण की और आने जाने में उसकी रक्षा सदा तक करता रहेगा।
Psalms 122
Psalms 122:1
दाऊद के लिए आनंद का समाचार क्या था?
दाऊद से कहा गया, "आओ, हम यहोवा के भवन को चलें"।
Psalms 122:2
उन लोगों के पांव कहां थे?
वे यरूशलेम के फाटकों के बीच खड़े हो गए थे।
Psalms 122:3
यरूशलेम का निर्माण कैसे किया गया था?
यरूशलेम के घर एक-दूसरे से जुड़े हुए थे।
Psalms 122:4
यहोवा के गोत्र-गोत्र के लोग यरूशलेम क्यों गए थे?
वे यहोवा के नाम का धन्यवाद करने के लिए यरूशलेम जाते थे।
Psalms 122:5
प्रधान यरूशलेम के सिंहासनों पर क्यों बैठते हैं?
वे दाऊद के घराने की ओर से न्याय करने हेतु सिंहासनों पर बैठते हैं।
Psalms 122:6
यरूशलेम से प्रेम करने वालों का क्या होगा?
यरूशलेम से प्रेम करने वाले समृद्ध होंगे।
Psalms 122:7
यरूशलेम की शहरपनाह के भीतर वरन् यरूशलेम के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यरूशलेम की शहरपनाह के भीतर शान्ति और महलों में कुशल की प्रार्थना करता है।
Psalms 122:8
दाऊद किसके लिए कहता है, "तुममें शान्ति होवे!"?
दाऊद अपने भाइयों और संगियों के लिए कामना करता है कि वहां शान्ति हो।
Psalms 122:9
दाऊद यरूशलेम की शान्ति का यत्न क्यों करेगा?
वह यहोवा के भवन के निमित्त यरूशलेम की शान्ति का यत्न करेगा।
Psalms 123
Psalms 123:1
लेखक अपनी आंखें किसकी ओर उठाता है?
लेखक अपनी आंखें स्वर्ग में विराजमान की ओर उठाता है।
Psalms 123:2
उनकी आंखें यहोवा की ओर कब तक लगी रहेंगी?
उनकी आंखें यहोवा की ओर तब तक लगी रहेंगी जब तक वह उन पर अनुग्रह न करे।
Psalms 123:3
वे यहोवा की दया की याचना क्यों करते हैं?
वे अपमान से बहुत भर गए थे और उनका जीव सुखी लोगों के ठट्ठों से और अहंकारियों के अपमान से बहुत ही भर गया था।
Psalms 123:4
वे यहोवा की दया की याचना क्यों करते हैं?
वे अपमान से बहुत भर गए थे और उनका जीव सुखी लोगों के ठट्ठों से और अहंकारियों के अपमान से बहुत ही भर गया था।
Psalms 124
Psalms 124:1
जब मनुष्यों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की थी तब यहोवा उनकी ओर न होता तो क्या होता?
यहोवा इस्राएलियों कि ओर न होता तो वे उसी समय उनको निगल जाते जब उनका क्रोध भड़का था।
Psalms 124:2
जब मनुष्यों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की थी तब यहोवा उनकी ओर न होता तो क्या होता?
यहोवा इस्राएलियों कि ओर न होता तो वे उसी समय उनको निगल जाते जब उनका क्रोध भड़का था।
Psalms 124:3
जब मनुष्यों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की थी तब यहोवा उनकी ओर न होता तो क्या होता?
यहोवा इस्राएलियों कि ओर न होता तो वे उसी समय उनको निगल जाते जब उनका क्रोध भड़का था।
Psalms 124:4
उमड़ते जल और धारा में उनका क्या होता?
वे उमड़ते जल की धारा में बह जाते और जल में डूब जाते।
Psalms 124:5
उमड़ते जल और धारा में उनका क्या होता?
वे उमड़ते जल की धारा में बह जाते और जल में डूब जाते।
Psalms 124:6
यहोवा ने उन्हें शत्रुओं के दांतों तले जाने न दिया तो उन्होंने क्या किया?
उन्होंने यहोवा को धन्य कहा।
Psalms 124:7
इस्राएलियों का बचाव किसके तुल्य था?
उनका बचाव उस पक्षी के तुल्य था जो चिड़ीमार के जाल से छूट गया।
Psalms 124:8
दाऊद इस्राएल की सहायता किसकी ओर से बताता है?
उनकी सहायता आकाश और पृथ्वी के सृजनहार यहोवा की ओर से आती है।
Psalms 125
Psalms 125:1
यहोवा में विश्वास करने वाले किसके तुल्य हैं?
वे सिय्योन पर्वत के तुल्य हैं जो टलता नहीं वरन् सदा बना रहता है।
Psalms 125:2
यहोवा सदा अपनी प्रजा के चारों ओर बना रहता है तो उसकी तुलना लेखक किससे करता है?
लेखक उसकी तुलना उन पहाड़ों से करता है जो यरुशलेम को घेरे हुए हैं।
Psalms 125:3
धर्मी के देश में किसका राज नहीं होना है?
दुष्टों के राजदण्ड का राज्य धर्मियों के देश में नहीं होगा।
Psalms 125:4
लेखक किसकी भलाई के लिए यहोवा से प्रार्थना करता है?
लेखक प्रार्थना करता है कि यहोवा भलों का और सीधे मन वालों का भला करे।
Psalms 125:5
जो टेढ़े मार्गों पर चलते हैं उनका क्या होगा?
उनको यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा।
लेखक इस्राएल के लिए क्या प्रार्थना करता है?
लेखक इस्राएल की शान्ति के लिए प्रार्थना करता है।
Psalms 126
Psalms 126:1
यहोवा ने जब सिय्योन वासियों को खुशहाली लौटा दी तब कैसा लगा?
ऐसा लगता था कि वे स्वप्न देखने वाले हो गए।
Psalms 126:2
यहोवा ने जब खुशहाली लौटा दी तब उनके मुंह में क्या था?
वे आनन्द से हंसने और जयजयकार करने लगे।
Psalms 126:3
यहोवा ने जब खुशहाली लौटा दी तब उनके मुंह में क्या था?
वे आनन्द से हंसने और जयजयकार करने लगे।
Psalms 126:4
लेखक यहोवा से क्या निवेदन करता है?
लेखक यहोवा से निवेदन करता है कि वह उनकी किस्मत संवार दे।
Psalms 126:5
आँसू बहाते हुए बोने वालों का क्या होता है?
वे जयजयकार करते हुए लवने पाते हैं।
Psalms 126:6
जो बोने वाला बीज लेकर रोते हुए चला जाए उसका क्या होगा?
वह पूलियां लेकर जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा।
Psalms 127
Psalms 127:1
यदि यहोवा घर को न बनाए और नगर की रक्षा न करे तो क्या होगा?
यदि घर यहोवा न बनाए तो उसके बनाने वालों का परिश्रम व्यर्थ होगा, यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे तो रखवाले का जागना व्यर्थ होगा।
Psalms 127:2
यहोवा ने अपने प्रियों को क्या दिया?
यहोवा ने अपने प्रियों को नींद प्रदान करी।
Psalms 127:3
यहोवा का दिया हुआ भाग और फल क्या है?
लड़के यहोवा का दिया हुआ भाग है, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।
Psalms 127:4
जवानी के लड़के कैसे होते हैं?
जैसे वीर के हाथ में तीर वैसे ही जवानी के लड़के होते हैं।
Psalms 127:5
वह धन्य पुरुष जिसके तरकश में सन्तान भरी हो वह कब लज्जित न होगा?
वह फाटक पर शत्रुओं का सामना करते लज्जित न होगा।
Psalms 128
Psalms 128:1
यहोवा का भय मानने वाले और उसके मार्गों में चलने वालों का क्या होता है?
यहोवा का भय मानने वाला और उसके मार्गों में चलने वाला धन्य है।
Psalms 128:2
लेखक के अनुसार अपने हाथों की कमाई खाने वाले का क्या होता है?
वह पुरुष धन्य है और वह समृद्ध होगा।
Psalms 128:3
लेखक के अनुसार एक धन्य पुरुष की पत्नी किसके तुल्य है?
उसकी स्त्री फलवन्त दाखलता की सी है।
लेखक ने क्या कहाँ धन्य पुरुष की सन्तान किसके तुल्य है?
वे जलपाई के पौधे से है।
Psalms 128:4
यहोवा का भय मानने वाले का क्या होता है?
यहोवा का भय मानने वाला आशिषों का वारिस होता है।
Psalms 128:5
सिय्योन से आशिष पाने वाले के लिए लेखक यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
लेखक प्रार्थना करता है कि सिय्योन से आशिष पाने वाला जीवनभर यरुशलेम का कुशल देखता रहे, वरन् अपने नाती-पोतों को भी देखने पाए।
Psalms 128:6
सिय्योन से आशिष पाने वाले के लिए लेखक यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
लेखक प्रार्थना करता है कि सिय्योन से आशिष पाने वाला जीवनभर यरुशलेम का कुशल देखता रहे, वरन् अपने नाती-पोतों को भी देखने पाए।
Psalms 129
Psalms 129:1
इस्राएल कब से क्लेशों में रहा परन्तु हारा नहीं?
इस्राएल बचपन से क्लेशों में रहा परन्तु हारा नहीं।
Psalms 129:2
इस्राएल कब से क्लेशों में रहा परन्तु हारा नहीं?
इस्राएल बचपन से क्लेशों में रहा परन्तु हारा नहीं।
Psalms 129:3
हलवाहों ने इस्राएल की पीठ पर क्या किया?
हलवाहों ने इस्राएल की पीठ पर हल चलाया और लम्बी-लम्बी रेखाएं कीं।
Psalms 129:4
यहोवा धर्मी है, उसने इस्राएल के लिए क्या किया है?
यहोवा ने दुष्टों के फन्दों को काट डाला है।
Psalms 129:5-7
लेखक सिय्योन के बैरियों के लिए क्या चाहता है?
वह चाहता है की वे लज्जित होकर पीछे हटें।
Psalms 129:8
लेखक क्या नहीं चाहता है कि आने जाने वाले कहें?
लेखक नहीं चाहता है कि वे कहें, "यहोवा की आशिष तुम पर होवे! हम तुमको यहोवा के नाम से आशीर्वाद देते हैं।"
Psalms 13
Psalms 13:3
दाऊद अपनी प्रार्थना के प्रति यहोवा से कैसी प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता है?
वह यहोवा से कहता है कि वह उसकी ओर ध्यान दे और उत्तर दे और अपनी आँखों को ज्योतिर्मय करे।
यदि यहोवा उत्तर न दे तो दाऊद को किस बात का भय था?
उसे भय था कि वह मृत्यु की नींद सो जाएगा।
Psalms 13:4
दाऊद क्या नहीं चाहता था कि उसके बैरी उसके लिए कहें?
दाऊद नहीं चाहता था कि उसके बैरी इस योग्य हों कि कह पाएं, "मैं उस पर प्रबल हो गया।
दाऊद पर वे प्रबल हुए तो क्या होगा?
वे दाऊद के पतन पर मगन होंगे।
Psalms 13:5
दाऊद को भरोसा किस पर था?
दाऊद ने यहोवा की करुणा पर भरोसा रखा था।
दाऊद का मन किससे मगन होगा?
दाऊद का मन यहोवा के उद्धार से मगन होगा।
Psalms 13:6
दाऊद यहोवा के लिए भजन क्यों गाएगा?
दाऊद यहोवा के नाम के भजन गाएगा क्योंकि उसने उसकी भलाई की है।
Psalms 130
Psalms 130:1
लेखक यहोवा को पुकार कर क्या कहता है?
लेखक यहोवा को पुकारकर कहता है कि वह उसकी प्रार्थना सुने और उसके कान उसके गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें।
Psalms 130:2
लेखक यहोवा को पुकार कर क्या कहता है?
लेखक यहोवा को पुकारकर कहता है कि वह उसकी प्रार्थना सुने और उसके कान उसके गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें।
Psalms 130:3
लेखक क्यों कहता है कि यहोवा का भय माना जाए?
लेखक कहता है कि यहोवा का भय माना जाए क्योंकि वह क्षमा करने वाला है।
Psalms 130:4
लेखक क्यों कहता है कि यहोवा का भय माना जाए?
लेखक कहता है कि यहोवा का भय माना जाए क्योंकि वह क्षमा करने वाला है।
Psalms 130:5
लेखक का प्राण किसकी बाट जोहता है और उसकी आशा किस पर है?
लेखक यहोवा की बाट जोहता है और उसकी आशा यहोवा के वचन पर है।
Psalms 130:6
लेखक का प्राण किसकी बाट जोहता है और उसकी आशा किस पर है?
लेखक यहोवा की बाट जोहता है और उसकी आशा यहोवा के वचन पर है।
Psalms 130:7
लेखक यहोवा में आशा लगाने को इस्राएल से क्यों कहता है?
क्योंकि यहोवा करुणा करने वाला और पूरा छुटकारा देने वाला है, इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा।
Psalms 130:8
लेखक यहोवा में आशा लगाने को इस्राएल से क्यों कहता है?
क्योंकि यहोवा करुणा करने वाला और पूरा छुटकारा देने वाला है, इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा।
Psalms 131
Psalms 131:1
दाऊद अपने मन और आँखों का वर्णन कैसे करता है?
उसका मन गर्व से भरा नहीं है और न उसकी आँखें घमण्ड से भरी हैं।
Psalms 131:2
दाऊद का मन किसके तुल्य है?
दाऊद का मन दूध छुड़ाए हुए लड़के के तुल्य है।
Psalms 131:3
दाऊद इस्राएल के यहोवा में कब आशा लगाने के लिए कहता है?
दाऊद इस्राएल से कहता है कि वह अब से लेकर सदा तक यहोवा ही पर आशा लगाए रहे।
Psalms 132
Psalms 132:1
लेखक ने यहोवा को क्या स्मरण करने को कहा?
लेखक दाऊद के लिए उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण करने को कहता है, उसने यहोवा से शपथ खाई और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी।
Psalms 132:2-4
लेखक ने यहोवा को क्या स्मरण करने को कहा?
लेखक दाऊद के लिए उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण करने को कहता है, उसने यहोवा से शपथ खाई और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी।
Psalms 132:5-6
दाऊद ने किस बात की शपथ खाई कि जब तक न कर ले तब तक न तो अपने घर में प्रवेश करेगा और न पलंग पर सोएगा?
जब तक वह याकूब के सर्वशक्तिमान के लिए निवास का स्थान नहीं बना लेगा तब तक न तो घर में प्रवेश करेगा और न पलंग पर सोएगा।
Psalms 132:7-8
जब लोग वहाँ जाएंगे तब क्या करेंगे?
वे उसके निवास में प्रवेश करेंगे और उसके चरणों की चौकी के आगे उसे दण्डवत् करेंगे।
Psalms 132:9
याजक कैसे वस्त्र पहनेंगे और कौन जयजयकार करेंगे?
याजक धर्म के वस्त्र पहनेंगे और यहोवा के विश्वासी जयजयकार करेंगे।
Psalms 132:10
विश्वासी जन किससे विमुख न हों?
विश्वासी अपने अभिषिक्त राजा से विमुख न हों।
Psalms 132:11-12
यहोवा ने दाऊद से क्या शपथ खाई थी?
यहोवा ने दाऊद से निष्ठा की शपथ खाई थी।
Psalms 132:13
लेखक कहाँ विश्राम करके सदा रहना चाहता है?
लेखक यहोवा के चुने हुए सिय्योन में विश्राम करके सदा रहना चाहता है।
Psalms 132:14
लेखक कहाँ विश्राम करके सदा रहना चाहता है?
लेखक यहोवा के चुने हुए सिय्योन में विश्राम करके सदा रहना चाहता है।
Psalms 132:15
यहोवा सिय्योन के लिए क्या करेगा?
यहोवा सिय्योन को अति आशिषें देगा, वह दरिद्रों को रोटी से तृप्त करेगा, उसके याजकों को उद्धार का वस्त्र पहनाएगा।
Psalms 132:16-17
यहोवा सिय्योन के लिए क्या करेगा?
यहोवा सिय्योन को अति आशिषें देगा, वह दरिद्रों को रोटी से तृप्त करेगा, उसके याजकों को उद्धार का वस्त्र पहनाएगा।
Psalms 132:18
यहोवा किसको लज्जा का वस्त्र पहनाएगा?
यहोवा उसके शत्रुओं को लज्जा का वस्त्र पहनाएगा।
Psalms 133
Psalms 133:1
दाऊद भाइयों के बारे में क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहे हैं।
Psalms 133:2
भाइयों के आपस में मिलने को दाऊद किसके समान कहता है?
उनके मेल उस उत्तम तेल के समान है जो हारून के सिर पर डाला गया था और उसकी दाढ़ी पर बहकर उसके वस्त्र की छोर तक पहुंचा था। यह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है।
Psalms 133:3
भाइयों के आपस में मिलने को दाऊद किसके समान कहता है?
उनके मेल उस उत्तम तेल के समान है जो हारून के सिर पर डाला गया था और उसकी दाढ़ी पर बहकर उसके वस्त्र की छोर तक पहुंचा था। यह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है।
यहोवा ने सदा के जीवन की आशिष कहाँ ठहराई है?
यहोवा ने तो सिय्योन पर्वत पर सदा की आशीष ठहराई है।
Psalms 134
Psalms 134:1
यहोवा के सब सेवक क्या करें?
वे सब पवित्र स्थान में हाथ उठाकर यहोवा को धन्य कहें।
Psalms 134:2
यहोवा के सब सेवक क्या करें?
वे सब पवित्र स्थान में हाथ उठाकर यहोवा को धन्य कहें।
Psalms 134:3
आकाश और पृथ्वी का सृजनहार यहोवा अपने सेवकों को कहाँ आशिष देगा?
वह सिय्योन में से उन्हें आशिष देगा।
Psalms 135
Psalms 135:1
यहोवा की स्तुति कौन करे?
यहोवा के सेवक जो यहोवा के भवन में और उसके आंगनों में खड़े होने वाले उसकी स्तुति करें।
Psalms 135:2
यहोवा की स्तुति कौन करे?
यहोवा के सेवक जो यहोवा के भवन में और उसके आंगनों में खड़े होने वाले उसकी स्तुति करें।
Psalms 135:3-4
यहोवा के सेवक उसकी स्तुति और उसका भजनगान क्यों करें?
यहोवा भला है, वह मनोहर है इसलिए उसकी स्तुति और भजनगान किया जाए।
Psalms 135:5
लेखक यहोवा के बारे में क्या जानता है?
लेखक जानता है कि यहोवा सब देवताओं में महान है और जो वह चाहता है उसे आकाश, पृथ्वी और समुद्र में करता है।
Psalms 135:6
लेखक यहोवा के बारे में क्या जानता है?
लेखक जानता है कि यहोवा सब देवताओं में महान है और जो वह चाहता है उसे आकाश, पृथ्वी और समुद्र में करता है।
Psalms 135:7
यहोवा ऐसा क्या काम करता है जो उसकी महानता का वर्णन करता है?
वह पृथ्वी की छोर से कोहरा उठाता हे, वर्षा के साथ बिजलियां चमकाता है और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है।
Psalms 135:8
यहोवा ने मिस्रियों के साथ क्या किया था?
उसने मिस्र में मनुष्यों और पशुओं, सबके पहलौठों को मार डाला और फिरौन और उसके सब कर्मचारियों के समक्ष चमत्कार किए।
Psalms 135:9-11
यहोवा ने मिस्रियों के साथ क्या किया था?
उसने मिस्र में मनुष्यों और पशुओं, सबके पहलौठों को मार डाला और फिरौन और उसके सब कर्मचारियों के समक्ष चमत्कार किए।
Psalms 135:12-14
इस्राएलियों ने जिन जातियों पर आक्रमण किया उनका यहोवा ने क्या किया?
उसने अपनी प्रजा इस्राएल को उनका देश दे दिया।
Psalms 135:15
अन्य जातियों की मूर्तियां कैसी दिखती हैं?
वे सोने-चांदी की हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं, उनके मुंह हैं, आँखे हैं, कान हैं परन्तु वे न तो बोल सकती, न देख सकती, न सुन सकती हैं, न सांस ले सकती हैं।
Psalms 135:16
अन्य जातियों की मूर्तियां कैसी दिखती हैं?
वे सोने-चांदी की हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं, उनके मुंह हैं, आँखे हैं, कान हैं परन्तु वे न तो बोल सकती, न देख सकती, न सुन सकती हैं, न सांस ले सकती हैं।
Psalms 135:17
अन्य जातियों की मूर्तियां कैसी दिखती हैं?
वे सोने-चांदी की हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं, उनके मुंह हैं, आँखे हैं, कान हैं परन्तु वे न तो बोल सकती, न देख सकती, न सुन सकती हैं, न सांस ले सकती हैं।
Psalms 135:18
अन्य जातियों की मूर्तियों को किसने बनाया है?
उनके सदृश्य मनुष्य ने उनको बनाया और उन पर भरोसा किया।
Psalms 135:19
यहोवा को धन्य कौन कहे?
इस्राएल, हारून, लेवी के घराने और यहोवा के सब डरैवये यहोवा को धन्य कहें।
Psalms 135:20-21
यहोवा को धन्य कौन कहे?
इस्राएल, हारून, लेवी के घराने और यहोवा के सब डरैवये यहोवा को धन्य कहें।
Psalms 136
Psalms 136:1-3
मनुष्य यहोवा को धन्यवाद क्यों करे?
वे यहोवा का धन्यवाद करें क्योंकि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है।
Psalms 136:4-9
यहोवा ऐसा क्या काम करता है जो अन्य कोई नहीं कर सकता है?
यहोवा को छोड़कर कोई बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म नहीं कर सकता।
Psalms 136:10-13
यहोवा ने मिस्र के पहलौठों का क्या किया?
यहोवा ने मिस्र के सब पहलौठे मार डाले थे।
Psalms 136:14-15
लाल सागर को विभाजित करके यहोवा ने इस्राएल के लिए क्या किया था?
यहोवा ने लाल सागर को विभाजित करके इस्राएल को उससे पार कर दिया।
Psalms 136:16-20
यहोवा अपनी प्रजा के लिए कैसे विश्वासयोग्य ठहरा?
उसने जंगल में उनकी अगुवाई की।
Psalms 136:21
यहोवा ने बड़े-बड़े राजाओं के देशों का क्या किया?
उसने अपने दास इस्राएल का निज भाग होने के लिए दे दिया।
Psalms 136:22-25
यहोवा ने बड़े-बड़े राजाओं के देशों का क्या किया?
उसने अपने दास इस्राएल का निज भाग होने के लिए दे दिया।
Psalms 136:26
लेखक स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करने को क्यों कहता है?
लेखक स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करने को कहता है क्योंकि वह विश्वास-योग्य है।
Psalms 137
Psalms 137:1-2
जब इस्राएली बन्धुए बैठ कर रोने लगे तब वे कहाँ थे?
वे उस समय बेबीलोन की नहरों के किनारे पर थे।
Psalms 137:3-4
उनके बन्दी बनाने वालों ने उनसे कौन सा गीत गवाना चाहा?
उनके बन्दी बनाने वालों ने उनसे सिय्योन के आनन्द का गीत गवाना चाहा था।
Psalms 137:5
यदि लेखक यरुशलेम को भूलकर यहोवा को स्मरण न करे तो उसका क्या हो?
लेखक कहता है कि यदि ऐसा हो तो उसका दाहिना हाथ सूख जाए और उसकी जीभ तालू से चिपक जाए।
Psalms 137:6
यदि लेखक यरुशलेम को भूलकर यहोवा को स्मरण न करे तो उसका क्या हो?
लेखक कहता है कि यदि ऐसा हो तो उसका दाहिना हाथ सूख जाए और उसकी जीभ तालू से चिपक जाए।
Psalms 137:7
लेखक यहोवा से एदोमियों के विषय क्या स्मरण करने को कहता है?
लेखक चाहता है कि यहोवा स्मरण करे कि वे यरुशलेम के पतन के समय कहते थे, "ढाओ, उसको नींव से ढा दो।"
Psalms 137:8
लेखक किसके लिए प्रार्थना करता है कि वह धन्य हो?
लेखक प्रार्थना करता है कि जो कोई बेबीलोन का सर्वनाश करे वह धन्य होगा।
Psalms 137:9
लेखक किसके लिए प्रार्थना करता है कि वह धन्य हो?
लेखक प्रार्थना करता है कि जो कोई बेबीलोन का सर्वनाश करे वह धन्य होगा।
Psalms 138
Psalms 138:2
यहोवा ने सबसे अधिक महत्व किसको दिया है?
यहोवा ने अपने वचन को और अपने नाम को सबसे अधिक महत्व दिया है।
Psalms 138:3
दाऊद ने जब यहोवा को बुलाया था तब उसके लिए क्या किया?
यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुन कर उत्तर दिया और उसे बल देकर हियाव बन्धाया।
Psalms 138:4-5
पृथ्वी के राजा क्या करेंगे?
वे यहोवा के वचन सुनने के कारण उसका धन्यवाद करेंगे।
Psalms 138:6-7
यहोवा किस पर दृष्टि करता है?
यहोवा नम्र मनुष्य पर दृष्टि करता है।
Psalms 138:8
दाऊद यहोवा से किसे न भूलने की याचना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह अपने हाथों की रचना को न भूले।
Psalms 139
Psalms 139:2-5
यहोवा दूर ही से क्या समझ लेता है?
यहोवा दाऊद के विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psalms 139:6-7
यहोवा ने दाऊद को चारों से घेर रखा है तो उस पर दाऊद की प्रतिक्रिया कैसी है?
उसका ज्ञान दाऊद के लिए बहुत कठिन है, वह गम्भीर और दाऊद की समझ से बाहर है।
Psalms 139:8-11
ऐसा कौन सा स्थान है जहाँ यहोवा न हो और दाऊद छिप जाए?
दाऊद स्वर्ग में चढ़जाए तो यहोवा वहाँ है, यदि वह अपना बिछौना अधोलोक में बिछाए तो यहोवा वहाँ भी है।
Psalms 139:12
यहोवा के लिए अन्धियारा और उजियाला कैसा है?
यहोवा के लिए अन्धियारा और उजियाला दोनों समान है।
Psalms 139:13-15
यहोवा ने दाऊद को कहाँ रचा था?
यहोवा ने दाऊद को उसकी माता के गर्भ में रचा था।
Psalms 139:16
यहोवा ने दाऊद के जीवन के सब अंग कहाँ लिखे हैं?
वे सब रचे जाने से पूर्व यहोवा की पुस्तक में लिखे हैं।
Psalms 139:17-18
दाऊद परमेश्वर के विचारों का वर्णन कैसे करता है?
दाऊद के लिए परमेश्वर के विचार अत्यधिक बहुमूल्य है और उनकी संख्या महान है।
Psalms 139:19-23
दाऊद दुष्ट और उपद्रवी मनुष्य के लिए परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि परमेश्वर दुष्टों को निश्चय घात करे और उपद्रवियों को दूर करे।
Psalms 139:24
दाऊद परमेश्वर से कैसी अगुवाई चाहता था?
दाऊद चाहता था कि यहोवा अनन्त के मार्ग में उसकी अगुवाई करे।
Psalms 14
Psalms 14:1
मूर्ख ने मन में क्या कहा?
मूर्ख ने अपने मन में कहा, "कोई परमेश्वर है ही नहीं।"
Psalms 14:2
परमेश्वर ने स्वर्ग से मनुष्यों पर दृष्टि क्यों की?
परमेश्वर देखना चाहता था कि कोई बुद्धिमान, कोई परमेश्वर का खोजी है या नहीं।
Psalms 14:3
कौन भटक गया और भ्रष्ट हो गया?
सबके सब भटक गए, सब भ्रष्ट हो गए हैं।
Psalms 14:4
यहोवा को कौन नहीं पुकारता है?
अनर्थकारी जो दाऊद के लोगों को ऐसे खा जाते हैं जैसे रोटी, वे परमेश्वर का नाम भी नहीं लेते।
Psalms 14:5
परमेश्वर का नाम नहीं लेने वाले भय से क्यों कांपते हैं?
भय से इसलिए कांपते हैं कि परमेश्वर धर्मी लोगों के बीच में निरन्तर रहता है।
Psalms 14:6
दीन का शरणस्थान कौन है?
यहोवा दीन का शरणस्थान है।
Psalms 14:7
दाऊद सिय्योन से किसके प्रकट होने की कामना करता है?
दाऊद की मनोकामना थी कि इस्राएल का उद्धार सिय्योन से प्रकट हो।
याकूब कब मगन होगा और इस्राएल कब आनन्दित होगा?
जब यहोवा अपनी प्रजा को दासत्व से लौटा ले आएगा तब याकूब मगन होगा और इस्राएल आनन्दित होगा।
Psalms 140
Psalms 140:1
दाऊद किससे चाहता था कि यहोवा उसे बचाए?
दाऊद चाहता था कि यहोवा उसे बुरे मनुष्य से बचाए और उपद्रवी पुरुष से उसकी रक्षा करे।
Psalms 140:2
दाऊद दुष्टों की तुलना किससे करता है?
उनका बोलना सांप का काटना और मुंह में नाग का विष सा है।
Psalms 140:3
दाऊद दुष्टों की तुलना किससे करता है?
उनका बोलना सांप का काटना और मुंह में नाग का विष सा है।
Psalms 140:4
उपद्रवी मनुष्य दाऊद के विरुद्ध क्या षड्यन्त्र रचते थे?
वे दाऊद के पैरों को उखाड़ने का षड्यन्त्र रचे हुए थे।
Psalms 140:5
घमण्डियों ने दाऊद के लिए क्या किया था?
घमण्डियों ने उसके लिए फन्दा और पासे लगाए और जाल बिछाया था।
Psalms 140:6
दाऊद क्या चाहता था कि यहोवा सुने?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उसका गिड़गिड़ाना सुने।
Psalms 140:7
युद्ध के दिन यहोवा ने दाऊद के लिए क्या किया?
युद्ध के दिन यहोवा ने दाऊद के सिर की रक्षा की थी।
Psalms 140:8
युद्ध के दिन यहोवा ने दाऊद के लिए क्या किया?
युद्ध के दिन यहोवा ने दाऊद के सिर की रक्षा की थी।
Psalms 140:9-10
दाऊद की प्रार्थना में उसके घेरने वालों के साथ क्या होना चाहिए?
उनके सिरों पर उन्हीं का विचारा हुआ उत्पाड़ पड़े।
Psalms 140:11
दाऊद दूसरों की बुराई करने वालों के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद उनके लिए प्रार्थना करता है कि वे पृथ्वी पर स्थिर न रहें।
Psalms 140:12
यहोवा दीन और दरिद्रों के लिए क्या करेगा?
यहोवा दीन और दरिद्रों का न्याय चुकाएगा।
Psalms 140:13
धर्मी जन निश्चय ही क्या करेगा?
धर्मी जन निश्चय ही यहोवा के नाम का धन्यवाद करेंगे।
सीधे लोगों का क्या होगा?
सीधे लोग यहोवा के सम्मुख वास करेंगे।
Psalms 141
Psalms 141:1
दाऊद यहोवा से क्या पुकार करता है?
दाऊद यहोवा को पुकारता है कि वह फुर्ती करे और उसकी प्रार्थना की ओर कान लगाए।
Psalms 141:2-3
दाऊद अपनी प्रार्थना और उठे हुए हाथों को यहोवा के सम्मुख किसके तुल्य चाहता है?
वह अपनी प्रार्थना को यहोवा के सम्मुख सुगन्धित धुप और उसका हाथ उठाना संध्याकाल का अन्न-बलि ठहरें।
Psalms 141:4
दाऊद अपने मन से क्या चाहता है कि वह न करे?
दाऊद चाहता है कि उसका मन किसी बुरी बात की ओर न फिरे या वह अनर्थकारियों के संग दुष्ट कामों में न लगे और वह उनकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं में से कुछ न खाए।
Psalms 141:5
दाऊद क्या कहता है कि धर्मी की मार उसके लिए है?
दाऊद कहता है कि धर्मी की मार उसके लिए कृपा मानी जाएगी।
दाऊद किस बात के विरुद्ध प्रार्थना करता है?
वह सदैव दुष्टों के कामों के विरुद्ध प्रार्थना करता है।
Psalms 141:6
दुष्टों के अगुवों का क्या होगा?
वे चट्टान के ऊपर से गिराए जाएंगे और उन्होंने दाऊद के मधुर वचन सुने।
Psalms 141:7
किसे कहना पड़ेगा, "जैसे भूमि पर हल चलाने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुंह पर छितराई हुई हैं?
दुष्टों को कहना पड़ेगा, "जैसे भूमि पर हल चलाने से ढेले फूटते हैं वैसे ही हमारी हड्डियां अधोलोक के मुंह पर छितराई हुई हैं।"
Psalms 141:8
दाऊद की आँखें किस पर गढ़ी हुई हैं?
दाऊद की आँखें प्रभु यहोवा ही पर गढ़ी हुई हैं।
दाऊद किससे बचाए जाने की यहोवा से प्रार्थना करता है?
वह उसके लिए लगाए गए फन्दे और अनर्थकारियों के जाल से बचाए जाने की प्रार्थना यहोवा से करता है।
Psalms 141:9
दाऊद किससे बचाए जाने की यहोवा से प्रार्थना करता है?
वह उसके लिए लगाए गए फन्दे और अनर्थकारियों के जाल से बचाए जाने की प्रार्थना यहोवा से करता है।
Psalms 141:10
दाऊद दुष्टों के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि दुष्ट अपने ही जाल में फंस जाएं और वह बच जाएं।
Psalms 142
Psalms 142:2
दाऊद यहोवा से मन खोलकर क्या कहता है?
दाऊद मन खोलकर अपने शोक की बातें यहोवा से करता है और अपना संकट उसके आगे प्रकट करता है।
Psalms 142:3
दाऊद की आत्मा जब उसके अन्दर व्याकुल हो रही होती है तब यहोवा दाऊद के बारे में क्या जानता है?
यहोवा दाऊद की दशा को जानता है।
Psalms 142:4
दाहिनी ओर देखकर दाऊद क्या पाता है?
दाऊद देखता है कि उसके लिए शरण कहीं नहीं रहीं और न ही उसे कोई पूछता है।
Psalms 142:5
यहोवा दाऊद के लिए क्या था?
यहोवा दाऊद का शरण स्थान है और जीते जी उसका भाग है।
Psalms 142:6
दाऊद को अपने सताने वालों से रक्षा पाने के लिए यहोवा की आवश्यकता क्यों थी?
वे दाऊद से अधिक सामर्थी थे।
Psalms 142:7
धर्मी लोग दाऊद के चारों ओर क्यों आएंगे?
धर्मी लोग दाऊद के चारों ओर आएंगे क्योंकि यहोवा उसका उपकार करेगा।
Psalms 143
Psalms 143:2
दाऊद परमेश्वर से क्यों याचना करता है कि उस पर मुकद्दमा नहीं चलाए?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि उस पर मुकद्दमा नहीं चलाए क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में कोई भी प्राणी निर्दोष नहीं है।
Psalms 143:3
दाऊद का शत्रु उसके साथ कैसा व्यवहार करता है?
उसका शत्रु उसके प्राण का ग्राहक बना हुआ है, उसने दाऊद को चूर-चूर करके मिट्टी में मिलाया है और बहुत दिन के मरे हुओं के समान उसे अंधेरे स्थान में डाल दिया है।
Psalms 143:4-5
शत्रु के कारण दाऊद की आत्मा और उसके मन को क्या हो गया है?
उसकी आत्मा भीतर से व्याकुल हो रही है और उसका मन विकल है।
Psalms 143:6
दाऊद अपनी प्राण कि अभिलाषा के बारे में यहोवा को क्या कहता है?
दाऊद सूखी भूमि के समान, यहोवा के लिए प्यासा है।
Psalms 143:7
दाऊद कब्र में पड़े हुओं के समान कैसे हो जाएगा?
यदि यहोवा फुर्ती करके दाऊद की प्रार्थना न सुने और अपना मुंह उससे छिपा ले तो दाऊद की दशा कब्र में पड़े हुए मुर्दों के समान हो जाएगी।
Psalms 143:8-9
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखता है इसलिए वह भोर के समय क्या सुनना चाहता है?
दाऊद यहोवा की करुणा की बातें सुनना चाहता है।
दाऊद अपना मन यहोवा की ओर लगाता है इसलिए वह क्या चाहता है कि यहोवा उसके लिए करे?
दाऊद चाहता है कि यहोवा उसे वह मार्ग बताए जिसमें उसे चलना है।
Psalms 143:10-11
दाऊद किसे चाहता है कि उसे धर्म के मार्ग में लेकर चले?
दाऊद चाहता है कि परमेश्वर का भला आत्मा उसे धर्म के मार्ग में लेकर चले।
Psalms 143:12
दाऊद अपने शत्रुओं के लिए यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद की याचना है कि यहोवा उसके सब सताने वालों का नाश कर दे।
Psalms 144
Psalms 144:1-2
यहोवा दाऊद के हाथों को किस काम के लिए तैयार करता है?
यहोवा दाऊद के हाथों को युद्ध करने के लिए तैयार करता है।
Psalms 144:3-4
दाऊद यहोवा की किस बात को देखकर चकित होता है
दाऊद के चकित होने का कारण है कि यहोवा मनुष्य जैसे नगण्य प्राणी की भी सुधि लेता है जो मात्र सांस के समान है।
Psalms 144:5-6
यदि यहोवा पर्वतों को छू ले तो क्या होगा?
यदि यहोवा पर्वतों को छू ले तो उनसे धूआं उठेगा।
Psalms 144:7-8
यहोवा ने दाऊद को परदेशियों के हाथों से कैसे छुड़ाया?
यहोवा ने अपने हाथ ऊपर से बढ़ाकर, उसे महासागर से अर्थात परदेशियों के वश से छुड़ा लिया।
Psalms 144:9-10
दाऊद यहोवा के लिए एक नया गीत कैसे गाएगा?
दाऊद दस तार वाली सारंगी बजाकर यहोवा के लिए एक नया गीत गाएगा।
Psalms 144:11
परदेशियों के मुंह से क्या बात निकलती है?
उनके मुंह से झूठ निकलता है और उनका दाहिना हाथ झूठ का दाहिना हाथ है।
Psalms 144:12-14
दाऊद इस्राएल के पुत्रों को कैसा विकसित होना चाहता है?
वह चाहता है कि इस्राएल के पुत्र उन पौधों के सदृश्य हों जो अपनी जवानी में पूरी परिपक्वता में होते हैं।
दाऊद इस्राएल की पुत्रियों के लिए क्या चाहता है
दाऊद चाहता है कि इस्राएल की पुत्रियां कोने वाले स्तंभों के सदृश्य हों जो महल के लिए बनाए जाएं।
Psalms 144:15
दाऊद किसे आनंदित मनुष्य कहता है?
दाऊद कहता है कि जिनका परमेश्वर यहोवा है वे क्या ही धन्य हैं।
Psalms 145
Psalms 145:1
दाऊद किसे सराहेगा और किसके नाम को धन्य कहेगा?
दाऊद अपने परमेश्वर, राजा को सराहेगा और उसके नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहेगा।
Psalms 145:2-3
दाऊद कितनी बार यहोवा को धन्य कहेगा?
दाऊद प्रतिदिन यहोवा को धन्य कहा करेगा।
Psalms 145:4
पीढ़ी से पीढ़ी किसकी चर्चा होती रहेगा?
यहोवा के कामों की प्रशंसा और उसके पराक्रम का वर्णन पीढ़ी से पीढ़ी होता रहेगा।
Psalms 145:5-6
दाऊद किस पर ध्यान करेगा?
दाऊद यहोवा के ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और उसके भांति-भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करेगा।
Psalms 145:7-9
एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी के लिए क्या गाथा सुनाएगी?
वे यहोवा की बड़ी भलाई का स्मरण करके उसकी चर्चा करेंगे और उसके धर्म का जयजयकार करेंगे।
Psalms 145:10
यहोवा का धन्यवाद कौन करेगा और उसे धन्य कौन कहेगा?
यहोवा की संपूर्ण सृष्टि उसका धन्यवाद करेगा और उसके भक्त उसे धन्य कहते रहेंगे।
Psalms 145:11-12
यहोवा के राज्य की महिमा की चर्चा कौन करेगा और उसके पराक्रम के विषय कौन बातें करेंगे?
यहोवा के भक्त उसके राज्य की महिमा की र्चाा करेंगे और उसके पराक्रम के विषय बातें करेंगे।
Psalms 145:13
यहोवा का राज्य कब तक का है?
यहोवा का राज्य युग-युग का है और उसकी प्रभुता सब पीढ़ियों पर बनी रहेगी।
Psalms 145:14
यहोवा किस को संभालता और किसको सीधा खड़ा करता है?
यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है।
Psalms 145:15
किसकी आंखें यहोवा की ओर लगी रहती हैं और यहोवा किसको समय-समय भोजन देता है?
सभों की आंखें यहोवा की ओर लगी रहती हैं और वह सभों को समय-समय भोजन देता है।
Psalms 145:16-17
यहोवा प्रत्येक प्राणी को कैसे तृप्त करता है?
यहोवा अपनी मुट्ठी खोलकर सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।
Psalms 145:18-19
यहोवा किस के निकट है?
जितने यहोवा को सच्चाई से पुकारते हैं उन सभों के वह निकट रहता है।
Psalms 145:20-21
यहोवा से प्रेम रखने वालों के लिए यहोवा क्या करता है?
यहोवा अपने सब प्रेमियों की रक्षा करता है।
यहोवा सब दुष्टों का क्या करेगा?
वह सब दुष्टों का नाश करेगा।
Psalms 146
Psalms 146:2
लेखक कब तक यहोवा की स्तुति करेगा?
वह आजीवन यहोवा की स्तुति करता रहेगा।
Psalms 146:3
किस पर मनुष्य भरोसा न करे?
न तो प्रधानों पर न किसी मनुष्य पर भरोसा किया जाए क्योंकि उनमें उद्धार की शक्ति नहीं है।
Psalms 146:4
मनुष्य का प्राण निकलने पर क्या होता है?
वह मिट्टी में मिल जाता है उसी दिन उसकी सब कल्पनाएं नष्ट हो जाती हैं।
Psalms 146:5
धन्य जन कौन है?
जिसका सहायक याकूब का परमेश्वर है और जिसका भरोसा अपने परमेश्वर यहोवा पर है वह पुरूष धन्य है।
Psalms 146:6
यहोवा ने क्या सृजा है?
आकाश, पृथ्वी और समुद्र और उनमें जो कुछ है सब परमेश्वर ने सृजा है।
Psalms 146:7
यहोवा पिसे हुओं के लिए क्या करता है और भूखों को क्या देता है?
यहोवा पिसे हुओं का न्याय चुकाता है और भूखों को रोटी देता है।
Psalms 146:8
यहोवा अंधों को क्या देता है और झुके हुओं के साथ क्या करता है?
यहोवा अंधों को दृष्टि दान देता है और झुके हुओं को सीधा खड़ा कर देता है।
Psalms 146:9
यहोवा किसकी रक्षा करता है?
यहोवा अपने देश में परदेशियों की रक्षा करता है।
Psalms 146:10
यहोवा का राज्य कितने समय का है?
यहोवा का राज्य सदा का है वह पीढ़ी पीढ़ी राज करता है।
Psalms 147
Psalms 147:1
यहोवा की स्तुति क्यों की जाए?
यहोवा की स्तुति की जाए क्योंकि उसका भजन गाना अच्छा है क्योंकि वह मनभावना है, उसकी स्तुति करना मनभावन है।
Psalms 147:2-3
यहोवा अपने अनुयायियों की सहायता कैसे करता है?
यहोवा यरूशलेम को बसा रहा है, वह निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठा कर रहा है।
Psalms 147:4
यहोवा तारों को गिनकर क्या करता है?
यहोवा तारों को गिनकर उनका नाम रखता है।
Psalms 147:5
यहोवा की बुद्धि की सीमा क्या है?
यहोवा की बुद्धि अपरम्पार है।
Psalms 147:6-8
यहोवा दुष्ट के साथ क्या करेगा?
यहोवा दुष्टों को धराशायी कर देता है।
Psalms 147:9
यहोवा पशुओं और कौवों के बच्चों को क्या देता है?
यहोवा पशुओं और कौवों के बच्चों को आहार देता है।
Psalms 147:10
यहोवा किसको नहीं चाहता और किससे प्रसन्न नहीं होता है?
यहोवा घोड़े के बल को नहीं चाहता और पुरूष के शक्तिशाली पैरों से प्रसन्न नहीं होता है।
Psalms 147:11
यहोवा किससे प्रसन्न होता है?
यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है अर्थात उनसे जो उसकी करुणा की आशा लगाए होते हैं।
Psalms 147:12
यहोवा यरूशलेमवासियों को किससे तृप्त करता है?
यहोवा उन्हें उत्तम से उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
Psalms 147:13
यहोवा यरूशलेमवासियों को किससे तृप्त करता है?
यहोवा उन्हें उत्तम से उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
Psalms 147:14
यहोवा यरूशलेमवासियों को किससे तृप्त करता है?
यहोवा उन्हें उत्तम से उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
Psalms 147:15-16
यहोवा की आज्ञायें पृथ्वी पर कैसे पहुंचती हैं?
यहोवा पृथ्वी पर अपनी आज्ञा का प्रचार करता है और उसका वचन अति वेग से दौड़ता है।
Psalms 147:17-18
यहोवा ओलवृष्टि कैसे कराता है?
यहोवा बर्फ के टुकड़े गिराता है।
Psalms 147:19
यहोवा ने अपना वचन और विधियां और नियम किसको बताए?
यहोवा ने याकूब को अपना वचन और इस्राएल को अपनी विधियां एवं नियम बताए हैं।
Psalms 147:20
यहोवा ने अन्य किसी जाति को अपने वचन, विधियां और नियम बताए?
उसने अन्य किसी जाति को अपने वचन, नियम और विधियां नहीं बताई हैं।
Psalms 148
Psalms 148:1
यहोवा की स्तुति कौन करे?
स्वर्ग में, ऊंचे स्थानों में, उसके स्वर्गदूत, उसकी सब सेना उसकी स्तुति करे।
Psalms 148:2
यहोवा की स्तुति कौन करे?
स्वर्ग में, ऊंचे स्थानों में, उसके स्वर्गदूत, उसकी सब सेना उसकी स्तुति करे।
Psalms 148:3
यहोवा की स्तुति कौन करे?
सूर्य, चन्द्रमा, चमकते हुए सितारे, सर्वोच्च स्वर्ग, आकाश के ऊपर वाले जल सब यहोवा की स्तुति करें।
Psalms 148:4
यहोवा की स्तुति कौन करे?
सूर्य, चन्द्रमा, चमकते हुए सितारे, सर्वोच्च स्वर्ग, आकाश के ऊपर वाले जल सब यहोवा की स्तुति करें।
Psalms 148:5
यहोवा की स्तुति क्यों की जाए?
यहोवा की स्तुति करना आवश्यक है क्योंकि उसी ने आज्ञा दी और ये सब सृजे गए।
Psalms 148:6
कौन सी विधि कभी टलने की नहीं?
यहोवा ने जो विधि ठहराई है वह कभी टलने की नहीं।
Psalms 148:7
पृथ्वी पर कौन यहोवा की स्तुति करे?
मगरमच्छ और गहरे सागर, अग्नि और ओले, हिम और कुहरे, उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार, पहाड़ और सब टीले, सब उसकी स्तुति करें।
Psalms 148:8
पृथ्वी पर कौन यहोवा की स्तुति करे?
मगरमच्छ और गहरे सागर, अग्नि और ओले, हिम और कुहरे, उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार, पहाड़ और सब टीले, सब उसकी स्तुति करें।
Psalms 148:9
और कौन यहोवा की स्तुति करे?
पहाड़ों और सब टीलों, फलदाई वृक्षों और सब देवदारों, वन-पशुओं और सब घरेलू पशुओं, रेंगनेवाले जन्तुएं और पक्षियां सब यहोवा के नाम की स्तुति करें।
Psalms 148:10
और कौन यहोवा की स्तुति करे?
पहाड़ों और सब टीलों, फलदाई वृक्षों और सब देवदारों, वन-पशुओं और सब घरेलू पशुओं, रेंगनेवाले जन्तुएं और पक्षियां सब यहोवा के नाम की स्तुति करें।
Psalms 148:11
और कौन यहोवा की स्तुति करे?
पृथ्वी के राजा, राज्य-राज्य के लोग, हाकिम और पृथ्वी के सब न्यायी, जवान, कुंवारियां, पुरनिये और बालक सब यहोवा के नाम की स्तुति करें।
Psalms 148:12
और कौन यहोवा की स्तुति करे?
पृथ्वी के राजा, राज्य-राज्य के लोग, हाकिम और पृथ्वी के सब न्यायी, जवान, कुंवारियां, पुरनिये और बालक सब यहोवा के नाम की स्तुति करें।
Psalms 148:13
यहोवा की स्तुति क्यों की जाए?
यहोवा की स्तुति करना आवश्यक है क्योंकि केवल उसी का नाम महान है, उसका ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है।
Psalms 148:14
यहोवा के भक्त कौन हैं?
इस्राएल और यहोवा के समीप रहने वाली प्रजा उसके भक्त हैं।
Psalms 149
Psalms 149:1
यहोवा की स्तुति कैसे की जाए?
यहोवा के लिए एक नया गीत गाकर और भक्तों की सभा में उसका स्तुति गान करके।
Psalms 149:2
इस्राएल किसमें आनंदित हो?
इस्राएल अपने सृजनहार के कारण आनंदित हो और अपने राजा के कारण मगन हो।
Psalms 149:3
यहोवा की स्तुति कैसे की जाए?
वे नाचते हुए और डफ और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करें और उसके भजन गाएं।
Psalms 149:4
यहोवा किससे प्रसन्न होता है?
यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न होता है।
यहोवा किस को शोभायमान करता है?
यहोवा नम्र लोगों का उद्धार करके उनको शोभायमान करता है।
Psalms 149:5
भक्त जन किस कारण से प्रफुल्लित हों?
भक्त जन महिमा के कारण प्रफुल्लित हों और जयजयकार करें।
Psalms 149:6
भक्त जन के कंठ से क्या निकले?
भक्त जन के कंठ से परमेश्वर की स्तुति निकले।
भक्त जन के हाथ में दोधारी तलवार का उद्देश्य क्या है?
भक्तों के हाथों में दोधारी तलवार का उद्देश्य है कि वे जाति-जाति से पलटा ले सकें और राज्य-राज्य के लोगों को ताड़ना दें।
Psalms 149:7
भक्त जन के हाथ में दोधारी तलवार का उद्देश्य क्या है?
भक्तों के हाथों में दोधारी तलवार का उद्देश्य है कि वे जाति-जाति से पलटा ले सकें और राज्य-राज्य के लोगों को ताड़ना दें।
Psalms 149:8
भक्त जन अन्य जातियों के राजाओं और प्रतिष्ठित पुरूषों के साथ क्या करेगा?
वह राजाओं को साँकलों से और उनके प्रतिष्ठित पुरूषों को लोहे की बेड़ियों से जकड़ रखेगा।
Psalms 149:9
न्याय के समय किसकी प्रतिष्ठा होगी?
यहोवा के सब भक्तों की ऐसी ही प्रतिष्ठा होगी। (149:9)
Psalms 15
Psalms 15:1
यहोवा के तम्बू में कौन रहेगा और उसके पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता और हृदय से सच बोलता है, वह यहोवा के तम्बू में और उसके पवित्र पर्वत पर निवास करेगा।
Psalms 15:2
यहोवा के तम्बू में कौन रहेगा और उसके पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता और हृदय से सच बोलता है, वह यहोवा के तम्बू में और उसके पवित्र पर्वत पर निवास करेगा।
Psalms 15:3
निर्दोष मनुष्य अपनी जीभ से क्या नहीं करता है?
वह अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता है।
Psalms 15:4
निर्दोष मनुष्य किससे घृणा करता है?
उसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य घृणित है।
निर्दोष मनुष्य किसका सम्मान करता है
वह यहोवा का भय मानने वालों का सम्मान करता है।
शपथ खाने पर उसे हानि उठानी पड़े तौभी वह क्या नहीं करता है?
वह शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठानी पड़े।
Psalms 15:5
पैसा उधार देकर यह निर्दोष मनुष्य क्या नहीं करता है?
वह ब्याज नहीं लेता है।
निर्दोष मनुष्य घूस क्यों नहीं लेता है?
वह निर्दोष की हानि करने के लिए घूस नहीं लेता है।
ऐसा काम करने वाले निर्दोष मनुष्य का क्या कभी नहीं होगा?
वह कभी नहीं डगमगाएगा।
Psalms 150
Psalms 150:1
लोग यहोवा की स्तुति कहां करें?
वे परमेश्वर के पवित्र स्थान में उसकी स्तुति करें।
Psalms 150:2
लोग परमेश्वर की स्तुति क्यों करें?
उसके पराक्रम के कामों के कारण और उसकी अत्यन्त बढ़ाई के अनुसार लोग उसकी स्तुति करें।
Psalms 150:3
लोग किसके साथ यहोवा की स्तुति करें?
नरसिंगे फूंकते हुए, सारंगी और वीणा बजाते हुए, डफ बजाते और नाचते हुए, ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करें।
Psalms 150:4
लोग किसके साथ यहोवा की स्तुति करें?
नरसिंगे फूंकते हुए, सारंगी और वीणा बजाते हुए, डफ बजाते और नाचते हुए, ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करें।
Psalms 150:5
लोग किसके साथ यहोवा की स्तुति करें?
नरसिंगे फूंकते हुए, सारंगी और वीणा बजाते हुए, डफ बजाते और नाचते हुए, ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करें।
Psalms 150:6
यहोवा की स्तुति कौन करे?
जितने प्राणी हैं सब के सब यहोवा की स्तुति करें।
Psalms 16
Psalms 16:1
दाऊद परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसकी रक्षा करे क्योंकि वह उसी का शरणागत है।
Psalms 16:2
दाऊद यहोवा के साथ अपने सम्बन्ध में किस बात को अंतर्ग्रहण करता है?
दाऊद को समझ में आता है कि यहोवा उसका प्रभु है और उससे पृथक उसकी भलाई कहीं नहीं है।
Psalms 16:3
पृथ्वी पर पवित्र जन कौन है?
पृथ्वी पर जो आदर के योग्य है और जिनसे दाऊद प्रसन्न होता है वही पवित्र जन है।
Psalms 16:4-5
देवी-देवताओं की उपासना करने वालों का क्या होगा?
देवी-देवताओं की उपासना करने वालों का दुःख बढ़ जाएगा।
दाऊद क्या नहीं करेगा?
वह देवी-देवताओं के लहू वाले अर्घ नहीं चढ़ाएगा और अपने होंठों पर उनका नाम नहीं आने देगा।
Psalms 16:6
दाऊद को यहोवा के कौन से उपकारों का बोध होता है?
यहोवा दाऊद के भविष्य को स्थिर रखता है, उसे मन-भावने स्थान देता है और उसका भाग मन-भावना है।
Psalms 16:7
दाऊद यहोवा को धन्य क्यों कहता है?
दाऊद यहोवा को धन्य कहता है क्योंकि यहोवा ने उसे सम्मति दी है।
Psalms 16:8
दाऊद यहोवा को धन्य क्यों कहता है?
दाऊद यहोवा को धन्य कहता है क्योंकि यहोवा ने उसे सम्मति दी है।
Psalms 16:9
दाऊद का मन यहोवा के लिए कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
दाऊद का मन आनन्दित और आत्मा मगन हुआ।
Psalms 16:10
जिस पर परमेश्वर की करुणा प्रकट है उसका यहोवा क्या न होने देगा?
यहोवा उसके प्राण को अधोलोक में न पड़ने देगा।
Psalms 16:11
दाऊद यहोवा से कैसा सुख पाता है?
यहोवा दाऊद को जीवन का रास्ता दिखाता है, उसे आनन्द की भरपूरी और दाहिने हाथ से सर्वदा का सुख प्रदान करता है।
Psalms 17
Psalms 17:1
दाऊद परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह न्याय के लिए उसकी विनती सुने, सहायता के लिए उसकी पुकार पर ध्यान दे, और उसकी प्रार्थना की ओर कान लगाए।
Psalms 17:2
दाऊद किस बात के लिए यहोवा से प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा की उपस्थिति में उसका पलटा लिया जाए।
Psalms 17:3
यदि यहोवा रात में दाऊद की ओर आए तो क्या होगा?
यहोवा उसे शुद्ध करेगा और उसके मुंह में न तो बुरी योजना, न अपराध की बात पाएगा।
Psalms 17:4-5
दाऊद ने स्वयं को अनर्थकारियों से कैसे बचाए रखा है?
दाऊद ने यहोवा के मुंह के वचन के द्वारा स्वयं को बचाए रखा था।
Psalms 17:6
दाऊद परमेश्वर को क्यों पुकारता है?
दाऊद परमेश्वर को पुकारता है क्योंकि वह सुनता है।
Psalms 17:7
दाऊद यहोवा से क्या दिखाने की प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से विनती करता है कि वह उसे अपनी अद्भुत करुणा दिखाए।
परमेश्वर अपनी दाहिनी भुजा से किसे बचाता है?
जो अपने विरोधियों के विरूद्ध उसकी शरण में आते हैं उन्हें वह अपनी दाहिनी भुजा से बचाता है।
Psalms 17:8
अपने प्राण के शत्रुओं से यहोवा की सुरक्षा का वर्णन दाऊद कैसे करता है?
यहोवा दाऊद को अपनी आंख की पुतली के समान सुरक्षित रखता है, अपने पंखों तले उसे छिपा लेता है।
Psalms 17:9
अपने प्राण के शत्रुओं से यहोवा की सुरक्षा का वर्णन दाऊद कैसे करता है?
यहोवा दाऊद को अपनी आंख की पुतली के समान सुरक्षित रखता है, अपने पंखों तले उसे छिपा लेता है।
Psalms 17:10
दाऊद अपने शत्रुओं का वर्णन कैसे करता है?
उन्होंने अपने हृदयों को कठोर किया है और वे अपने मुंह से घमंड की बातें करते हैं।
Psalms 17:11-12
दाऊद के बैरियों ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया?
उन्होंने पग-पग उसको घेरा और उसे भूमि पर गिरा देने के लिए घात लगाए हुए हैं।
Psalms 17:13
दाऊद अपने शत्रुओं के लिए यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उठकर उनका सामना करे और उन्हें पटक दे और अपनी तलवार के बल से उसके प्राण को शत्रुओं से बचा ले।
Psalms 17:14
दाऊद किससे बचाने के लिए यहोवा से प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उसे संसारी मनुष्यों से बचा ले जिनका भाग इसी जीवन में है।
यहोवा अपने चयनितों को कैसे पोषित करता है?
यहोवा उनका पेट अपने भंडार से भरता है यहां तक कि वे शेष संपत्ति अपनी संतान के लिए छोड़ जाते हैं जो अनेक हैं।
Psalms 17:15
दाऊद जब धर्मी होकर यहोवा के मुख का दर्शन करेगा तब वह क्या आशा रखता है?
तब वह उसके स्वरूप से संतुष्ट होगा।
Psalms 18
Psalms 18:1-2
यहोवा के लिए दाऊद की मनोभावना कैसी है?
वह कहता है, "मैं तुझसे प्रेम करता हूं।"
Psalms 18:3-5
दाऊद यहोवा को पुकारेगा तो क्या होगा?
वह अपने शत्रुओं से बचाया जाएगा।
Psalms 18:6
दाऊद की वाणी सुनी तब यहोवा कहां था?
यहोवा ने अपने मंदिर में से उसकी वाणी सुनी।
Psalms 18:7-8
पहाड़ों की नींव क्यों कंपित हुई थी?
यहोवा अति क्रोधित हुआ तो पहाड़ों की नींव कंपित हुई।
Psalms 18:9-13
यहोवा स्वर्ग से कैसे उतरा?
वह करूब पर सवार होकर उड़ा वरन् पवन के पंखों पर सवारी कर के वेग से उड़ा।
Psalms 18:14
यहोवा ने अपने शत्रुओं को कैसे तितर-बितर किया?
उसने अपने तीर चलाकर उनको तितर-बितर किया।
Psalms 18:15
जगत की नींव कैसे प्रकट हुई?
यहोवा की डांट से और उसके नथनों की सांस की झोंक से जगत की नींव प्रकट हो गई थी।
Psalms 18:16-18
यहोवा ने दाऊद को कहां से खींच लिया?
यहोवा ने उसे गहरे जल में से खींच लिया।
Psalms 18:19-26
यहोवा ने दाऊद को क्यों बचाया?
यहोवा ने दाऊद को बचाया क्योंकि यहोवा उससे प्रसन्न था।
Psalms 18:27-29
दीन मनुष्यों के लिए यहोवा क्या करता है?
यहोवा दीन मनुष्यों को बचाता है।
यहोवा घमंड से भरी आंखों का क्या करता है?
यहोवा घमंड से भरी आंखों को नीची करता है।
Psalms 18:30-36
दाऊद यहोवा के मार्गों के बारे में क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा के मार्ग सिद्ध हैं।
Psalms 18:37-40
दाऊद अपने शत्रुओं का क्या करेगा?
दाऊद उनका पीछा करके उन्हें पकड़ लेगा।
Psalms 18:41-42
दाऊद के शत्रुओं ने जब यहोवा को पुकारा तब यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने उन्हें उत्तर नहीं दिया।
Psalms 18:43-47
यहोवा ने दाऊद को किसका प्रधान बनाया था?
यहोवा ने दाऊद को अन्य जातियों का प्रधान बनाया था।
Psalms 18:48-49
दाऊद किस से छुड़ाया गया था?
दाऊद अपने शत्रुओं से छुड़ाया गया था।
Psalms 18:50
यहोवा किस पर करुणा प्रकट करता है?
यहोवा अपने अभिषिक्त दाऊद पर और उसके वंश पर युगानयुग करुणा करता रहेगा।
Psalms 19
Psalms 19:1
आकाश और आकाशमंडल क्या वर्णन करते हैं?
आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है और आकाशमंडल उसकी हस्तकला को प्रकट कर रहा है।
Psalms 19:2-3
भाषा क्या प्रकाशित करती है?
भाषा ज्ञान का प्रकाशन करती है।
Psalms 19:4
आकाश और आकाशमंडल के स्वर और वचन कहां तक सुनाई देते हैं?
उसका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उसके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं।
Psalms 19:5-6
सूर्य किसके समान दिखता है?
वह दुल्हे के समान और शूरवीर के समान दिखाई देता है।
Psalms 19:7
यहोवा की व्यवस्था क्या करती है?
वह प्राण को बहाल कर देती है।
यहोवा के नियम क्या करते हैं?
वे साधारण लोगों को बुद्धिमान बनाते हैं।
Psalms 19:8-9
यहोवा के उपदेश क्या करते हैं?
वे हृदय को आनंदित कर देते हैं।
यहोवा की आज्ञाएं क्या करती हैं?
वे आंखों में ज्योति ले आती हैं।
Psalms 19:10
यहोवा के धर्ममय नियमों की तुलना कुंदन से कैसे की गई है?
वे सोने से और बहुत से कुंदन से भी बढ़कर मनोहर हैं।
Psalms 19:11
यहोवा के धर्ममय नियम उसके दास के लिए क्या करते हैं?
उनसे यहोवा का दास चिताया जाता है, उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।
Psalms 19:12
दाऊद किससे पवित्र होना चाहता है?
दाऊद अपने गुप्त पापों से पवित्र होना चाहता है।
Psalms 19:13
जब दास अपने ढिठाई के पापों को प्रभुता नहीं करने देता है तब क्या होता है?
वह अनेक अपराधों से बचकर सिद्ध हो जाता है।
Psalms 19:14
दाऊद परमेश्वर के सम्मुख क्या ग्रहणयोग्य चाहता है?
उसके मुंह के वचन और हृदय के ध्यान यहोवा को ग्रहणयोग्य हों।
Psalms 20
Psalms 20:2
दाऊद कहां से चाहता है कि यहोवा उसकी सहायता करे और उसे संभाले?
यहोवा अपने पवित्र स्थान से उसकी सहायता करे और सिय्योन से उसे संभाले।
Psalms 20:3-4
दाऊद यहोवा को क्या स्मरण करने और ग्रहण करने के लिए कहता है?
वह उसकी सब अन्नबलियों को ग्रहण करे और उसकी होमबलियों को ग्रहण करे।
Psalms 20:5
दाऊद किसमें आनंद करने की बात करता है?
दाऊद कहता है कि वे उसके उद्धार में आनंदित होंगे।
Psalms 20:6
दाऊद किसके लिए कहता है कि यहोवा बचाएगा?
दाऊद जानता है कि यहोवा उसके अभिषिक्त को बचाएगा।
Psalms 20:7-9
लोगों को किस बात पर भरोसा होता है?
किसी को रथों का और किसी को घोड़ों का भरोसा है।
दाऊद और उसकी प्रजा विजय के लिए क्या करते हैं?
वे अपने परमेश्वर यहोवा का नाम लेते हैं।
Psalms 21
Psalms 21:1
राजा किससे आनंदित होता है?
वह यहोवा के सामर्थ्य से आनंदित होता है और उसके किए हुए उद्धार से अति मगन होता है।
Psalms 21:2
यहोवा ने राजा के लिए क्या किया है?
उसने राजा के मनोरथ को पूरा किया और उसके मुंह की विनती को अस्वीकार नहीं किया।
Psalms 21:3
यहोवा राजा के लिए क्या लाया और उसके सिर पर क्या रखा?
यहोवा ने उसे उत्तम आशिषें दीं और उसके सिर पर कुंदन का मुकुट पहनाया है।
Psalms 21:4
राजा ने क्या मांगा और यहोवा ने उसे क्या दिया?
उसने यहोवा से जीवन मांगा और उसने उसे युगानयुग का जीवनदान दिया।
Psalms 21:5-6
राजा की महिमा क्यों महान है?
यहोवा उसे विजय दिलाता है इसलिए उसकी महिमा महान है।
यहोवा ने राजा को किससे आभूषित किया है?
यहोवा उसे वैभव और ऐश्वर्य से आभूषित करता है।
Psalms 21:7
राजा क्यों नहीं टलेगा?
राजा का भरोसा यहोवा पर है और उसकी करुणा से वह कभी नहीं टलेगा।
Psalms 21:8
यहोवा का हाथ किसको ढूंढ निकालेगा?
यहोवा का हाथ उससे घृणा करने वालों को सबको ढूंढ निकालेगा।
Psalms 21:9
यहोवा अपने बैरियों का क्या करेगा?
वह उन्हें जलते हुए भट्ठे के समान जलाएगा और यहोवा अपने क्रोध में उनको निगल जाएगा।
Psalms 21:10
यहोवा अपने शत्रुओं के वंशजों का क्या करेगा?
वह उनके वंशजों को पृथ्वी से नष्ट कर देगा।
Psalms 21:11
यहोवा अपने बैरियों को क्यों नष्ट कर देगा?
यहोवा अपने बैरियों को नष्ट कर देगा क्योंकि उन्होंने उसकी हानि ठानी है।
यहोवा के बैरियों की युक्ति सफल क्यों नहीं होगी?
क्योंकि यहोवा अपना धनुष उनके विरूद्ध चढ़ाएगा और वे पीठ दिखाकर भागेंगे।
Psalms 21:12
यहोवा के बैरियों की युक्ति सफल क्यों नहीं होगी?
क्योंकि यहोवा अपना धनुष उनके विरूद्ध चढ़ाएगा और वे पीठ दिखाकर भागेंगे।
Psalms 21:13
मनुष्य यहोवा के पराक्रम का गुणानुवाद कैसे करेंगे?
वे गा-गाकर उसके पराक्रम का भजन सुनायेंगे।
Psalms 22
Psalms 22:1
दाऊद यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद यहोवा से प्रार्थना में पूछता है कि उसने उसे क्यों छोड़ दिया और वह उससे दूर क्यों रहता है।
Psalms 22:2
दाऊद दिन में और रात में क्या करता है?
वह दिन में यहोवा को पुकारता है और रात में भी चुप नहीं रहता है।
Psalms 22:3
दाऊद यहोवा को कैसे महिमान्वित करता है?
दाऊद कहता है कि वह इस्राएल की स्तुति के सिंहासन वर विराजमान है और पवित्र है।
Psalms 22:4
दाऊद के पूर्वजों ने क्या किया और यहोवा ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
उन्होंने यहोवा पर भरोसा रखा और उसने सदैव उन्हें छुड़ाया, वे निराश नहीं हुए।
Psalms 22:5
दाऊद के पूर्वजों ने क्या किया और यहोवा ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
उन्होंने यहोवा पर भरोसा रखा और उसने सदैव उन्हें छुड़ाया, वे निराश नहीं हुए।
Psalms 22:6-7
दाऊद अपने बारे में क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि वह मनुष्य नहीं कीड़ा है, मनुष्यों में उसकी नामधराई है और लोगों में उसका अपमान होता है।
Psalms 22:8
दाऊद का ठट्ठा करने वाले क्या कहते हैं?
वे यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, "वह उसको उबारे क्योंकि वह उससे प्रसन्न है।"
Psalms 22:9
दाऊद कब से यहोवा पर भरोसा रखता आया है?
वह जब से माता के गर्भ में था और जब से दूध पीता बच्चा था तब ही से वह यहोवा पर भरोसा रखता आया है।
Psalms 22:10
दाऊद कब से यहोवा पर भरोसा रखता आया है?
वह जब से माता के गर्भ में था और जब से दूध पीता बच्चा था तब ही से वह यहोवा पर भरोसा रखता आया है।
Psalms 22:11
दाऊद अपने लिए परमेश्वर से क्या मांग रहा है?
वह परमेश्वर से निवेदन कर रहा है कि वह उससे दूर न हो क्योंकि संकट निकट है और कोई सहायक नहीं था।
Psalms 22:12
गरजने वाले सिंह के समान दाऊद को किसने घेर लिया है?
बाशान के बलवन्त सांड उसे चारों ओर से घेरे हुए हैं और उस पर अपना मुंह पसारे हुए हैं।
Psalms 22:13
गरजने वाले सिंह के समान दाऊद को किसने घेर लिया है?
बाशान के बलवन्त सांड उसे चारों ओर से घेरे हुए हैं और उस पर अपना मुंह पसारे हुए हैं।
Psalms 22:14
दाऊद अपने बारे में क्या कहता है?
मैं जल के समान बह गया और मेरी सब हड्डियों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, मेरा बल टूट गया, और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई।
Psalms 22:15
दाऊद अपने बारे में क्या कहता है?
मैं जल के समान बह गया और मेरी सब हड्डियों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, मेरा बल टूट गया, और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई।
Psalms 22:16-17
दाऊद को किसने घेर लिया?
कुत्तों ने उसे घेर लिया, कुकर्मियों की मंडली उसे चारों ओर से घेरे हुए है वे उसके हाथ और पैर छेदते हैं।
Psalms 22:18
उसके वस्त्र और पहरावे का क्या किया जा रहा है?
वे उसके वस्त्र आपस में बांटते हैं और उसके पहरावे पर चिट्ठी डालते हैं।
Psalms 22:19
दाऊद यहोवा से क्या प्रार्थना करता है?
वह यहोवा से प्रार्थना करता है कि वह उससे दूर न हो।
Psalms 22:20
दाऊद किससे बचना चाहता है?
दाऊद चाहता है कि उसका प्राण तलवार से, कुत्ते के पंजे से, जंगली सांड के सींगों से और शेर के मुंह से बचाया जाए।
Psalms 22:21
दाऊद किससे बचना चाहता है?
दाऊद चाहता है कि उसका प्राण तलवार से, कुत्ते के पंजे से, जंगली सांड के सींगों से और शेर के मुंह से बचाया जाए।
Psalms 22:22
दाऊद अपने भाइयों के सामने क्या प्रचार करेगा और यहोवा की प्रशंसा कहां करेगा?
वह अपने भाइयों के सामने यहोवा के नाम का प्रचार करेगा और सभा के बीच में उसकी प्रशंसा करेगा।
Psalms 22:23
कौन यहोवा की स्तुति करे, कौन उसकी महिमा करे, कौन उसका भय माने?
यहोवा के सब डरवैये, याकूब के वंश, इस्राएल के वंश उसकी स्तुति करें, उसकी महिमा करें और उसका भय मानें।
Psalms 22:24
यहोवा ने दुख की वाणी कब सुनी?
जब उसने दोहाई दी तब यहोवा ने उसकी सुन ली।
Psalms 22:25
दाऊद यहोवा की स्तुति कहां करेगा और अपना प्रण पूरा करेगा?
वह भरी सभा में उसकी स्तुति करेगा और भय रखने वालों के सामने अपना प्रण पूरा करेगा।
Psalms 22:26
कौन भोजन करके तृप्त होंगे और यहोवा की स्तुति करेंगे
नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे और यहोवा के खोजी उसकी स्तुति करेंगे।
Psalms 22:27
पृथ्वी के लोग और जाति-जाति के सब कुल क्या करेंगे?
पृथ्वी के सब लोग यहोवा को स्मरण करके उसकी ओर फिरेंगे और जाति-जाति के कुल उसके सामने दण्डवत् करेंगे।
Psalms 22:28
यहोवा किस पर राज करता है?
सब जातियों पर यहोवा ही राज करता है।
Psalms 22:29
यहोवा के सामने कौन दंडवत् करेगा?
वे सब जो मिट्टी में मिल जाते हैं और अपना प्राण नहीं बचा सकते वे सब उसी के सामने घुटने टेकेंगे।
Psalms 22:30
भावी पीढ़ियां क्या करेंगी?
वे अभी तक उत्पन्न न हुई पीढ़ी को यहोवा के अद्भुत कामों की गाथा सुनायेंगे।
Psalms 22:31
भावी पीढ़ियां क्या करेंगी?
वे अभी तक उत्पन्न न हुई पीढ़ी को यहोवा के अद्भुत कामों की गाथा सुनायेंगे।
Psalms 23
Psalms 23:1
दाऊद का चरवाहा कौन है?
यहोवा उसका चरवाहा है।
Psalms 23:2
यहोवा दाऊद को कहां लेटाता है?
यहोवा दाऊद को हरी-हरी चारागाहों में लेटाता है।
यहोवा दाऊद को कहाँ ले जाता है?
यहोवा दाऊद को सुखदायी जल के झरने के पास ले जाता है।
Psalms 23:3
यहोवा दाऊद का क्या कर देता है?
यहोवा दाऊद के जी में जी ले आता है।
यहोवा दाऊद की अगुवाई कहाँ करता है?
यहोवा धर्म के मार्गों में दाऊद की अगुवाई करता है।
Psalms 23:4
जब दाऊद घोर अन्धकार से भरी हुई तराई से होकर चले तो उसके साथ कौन रहता है?
यहोवा उसके साथ रहता है।
Psalms 23:5
यहोवा दाऊद के लिए क्या बिछाता है?
यहोवा उसके सताने वालों के सामने उसके लिए मेज़ बिछाता है।
यहोवा ने किस पर तेल मला है?
यहोवा ने दाऊद के सिर पर तेल मला है।
Psalms 23:6
दाऊद के साथ जीवनभर क्या रहेगा?
भलाई और करुणा जीवनभर उसके साथ रहेगी।
दाऊद कहाँ संधि वास करेगा?
दाऊद यहोवा के धाम में संधि वास करेगा।
Psalms 24
Psalms 24:1-2
पृथ्वी को किसने बनाया?
यहोवा ने पृथ्वी की नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ करके रखी और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
Psalms 24:3
यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है और उसके पवित्र स्थान में कौन चढ़ सकता है?
जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध हैं, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया और न कपट से शपथ खाई है, वही यहोवा के पर्वत पर चढ़ सकता है और उसके पवित्र स्थान में खड़ा हो सकता है।
Psalms 24:4
यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है और उसके पवित्र स्थान में कौन चढ़ सकता है?
जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध हैं, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया और न कपट से शपथ खाई है, वही यहोवा के पर्वत पर चढ़ सकता है और उसके पवित्र स्थान में खड़ा हो सकता है।
Psalms 24:5
यहोवा से आशीष कौन पाएगा?
यहोवा के खोजियों का वंश वरन् याकूब के परमेश्वर के दर्शन के खोजी यहोवा से आशिष पाएंगे।
Psalms 24:6
यहोवा से आशीष कौन पाएगा?
यहोवा के खोजियों का वंश वरन् याकूब के परमेश्वर के दर्शन के खोजी यहोवा से आशिष पाएंगे।
Psalms 24:7-10
फाटक अपने सिर ऊँचे क्यों करें?
क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।
Psalms 25
Psalms 25:2-3
दाऊद परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे लज्लित न होने दे और उसके शत्रु उस पर जयजयकार करने न पाएं।
Psalms 25:4
दाऊद यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह उसे मार्ग समझाए।
Psalms 25:5
दाऊद यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह उसे मार्ग समझाए।
Psalms 25:6
दाऊद यहोवा से किस बात को स्मरण करने की विनती करता है?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण करे परन्तु उसकी जवानी के पापों और अपराधों को स्मरण न करे।
Psalms 25:7
दाऊद यहोवा से किस बात को स्मरण करने की विनती करता है?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण करे परन्तु उसकी जवानी के पापों और अपराधों को स्मरण न करे।
Psalms 25:8
यहोवा क्योंकि भला और सीधा है इसलिए वह क्या करता है?
वह पापियों को अपना मार्ग दिखाता है, वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देता है और नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखाता है।
Psalms 25:9
यहोवा क्योंकि भला और सीधा है इसलिए वह क्या करता है?
वह पापियों को अपना मार्ग दिखाता है, वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देता है और नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखाता है।
Psalms 25:10
वह यहोवा के मार्ग कैसे हैं?
यहोवा के सब मार्ग करुणा और सच्चाई के हैं।
Psalms 25:11
यहोवा दाऊद के पाप क्यों क्षमा करे?
वह अपने नाम के निमित्त दाऊद के अनेक पापों को क्षमा करेगा।
Psalms 25:12
यहोवा का भय मानने वालों के लिए यहोवा क्या करता है?
यहोवा उसे उस मार्ग पर चलाएगा जिससे वह प्रसन्न होता है।
Psalms 25:13
यहोवा का भय मानने वालों के लिए यहोवा क्या करता है?
यहोवा उसे उस मार्ग पर चलाएगा जिससे वह प्रसन्न होता है।
Psalms 25:14
यहोवा अपना सम्मान करने वालों के लिए क्या करता है?
वह उनसे मित्रता निभाएगा और अपनी वाचा उन पर प्रकट करेगा।
Psalms 25:15
दाऊद यहोवा पर सदैव आँखे लगाए क्यों रहता है?
क्योंकि यहोवा ही है जो उसके पाँवों को जाल से छुड़ाता है।
Psalms 25:16
जब दाऊद अकेला और दुःखी होता है तब वह यहोवा से प्रार्थना में क्या कहता है?
वह यहोवा से प्रार्थना करता है कि यहोवा उसकी ओर फिरकर उस पर अनुग्रह करे।
Psalms 25:17
जब दाऊद का मन विचलित होता है तब वह क्या प्रार्थना करता है?
वह प्रार्थना करता है कि यहोवा उसके संकट और परिश्रम पर ध्यान दे, उसके पाप क्षमा करे और उसके बैरियों को देखे जो उससे घृणा करते हैं और उसके प्रति कठोर हैं।
Psalms 25:18
जब दाऊद का मन विचलित होता है तब वह क्या प्रार्थना करता है?
वह प्रार्थना करता है कि यहोवा उसके संकट और परिश्रम पर ध्यान दे, उसके पाप क्षमा करे और उसके बैरियों को देखे जो उससे घृणा करते हैं और उसके प्रति कठोर हैं।
Psalms 25:19
जब दाऊद का मन विचलित होता है तब वह क्या प्रार्थना करता है?
वह प्रार्थना करता है कि यहोवा उसके संकट और परिश्रम पर ध्यान दे, उसके पाप क्षमा करे और उसके बैरियों को देखे जो उससे घृणा करते हैं और उसके प्रति कठोर हैं।
Psalms 25:20-21
दाऊद लज्जित क्यों नहीं होगा?
क्योंकि वह इसका शरणागत है।
Psalms 25:22
दाऊद यहोवा से इस्राएल के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद यहोवा से प्रार्थना करता है कि वह इस्राएल को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले।
Psalms 26
Psalms 26:1
दाऊद अपने आचरण के विषय में क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि वह खराई से चलता आया है और उसका भरोसा यहोवा पर अटल बना है।
Psalms 26:2
दाऊद यहोवा से किसको जांचने और परखने के लिए कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह उसे और उसके हृदय को जांचे और परखे।
Psalms 26:3
दाऊद की आँखों में क्या बसा हुआ था?
दाऊद की आँखों में यहोवा की करुणा बसी हुई थी।
Psalms 26:4
दाऊद किसकी संगति नहीं करता है और किसके साथ नहीं बैठेगा?
दाऊद धोखा देने वालों की संगति नहीं करता है और न ही वह अनिष्ठ लोगों के साथ बैठेगा।
Psalms 26:5
दाऊद किससे घृणा करता है?
दाऊद कुकर्मियों की संगति से घृणा करता है।
दाऊद किसके मध्य वास नहीं करेगा?
वह दुष्टों के मध्य वास नहीं करेगा।
Psalms 26:6
यहोवा की वेदी की प्रदक्षिणा करते समय दाऊद क्या करेगा?
वह ऊंचे शब्द से यहोवा का धन्यवाद करेगा और उसके सब आश्चर्य कर्मों का वर्णन करेगा।
Psalms 26:7
यहोवा की वेदी की प्रदक्षिणा करते समय दाऊद क्या करेगा?
वह ऊंचे शब्द से यहोवा का धन्यवाद करेगा और उसके सब आश्चर्य कर्मों का वर्णन करेगा।
Psalms 26:8
दाऊद यहोवा के धाम से कैसी अनुभूति रखता है?
वह उसकी महिमा के निवास स्थान से प्रीति रखता है।
Psalms 26:9-10
दाऊद यहोवा से क्या न करने की विनती करता है?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह उसके प्राण को पापियों के साथ और उसके जीवन को हत्यारों के साथ न मिलाए।
Psalms 26:11
दाऊद अपने चाल-चलन के बारे में क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि वह खराई से चलता रहेगा।
Psalms 26:12
दाऊद के पांव कहां हैं और वह यहोवा को कहां धन्य कहेगा?
उसके पांव चौरस स्थान में स्थिर हैं और वह सभाओं में यहोवा को धन्य कहेगा।
Psalms 27
Psalms 27:1
दाऊद किसी से क्यों नहीं डरेगा?
यहोवा उसकी ज्योति और उसका उद्धार और उसके जीवन का दृढ़ गढ़ है इसलिए वह किसी से नहीं डरेगा।
Psalms 27:2
जब कुकर्मियों ने दाऊद पर चढ़ाई की तब क्या हुआ?
वे ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3
कैसी परिस्थिति में भी दाऊद निर्भय होकर निश्चिंत रहेगा?
चाहे सेना उसके विरूद्ध छावनी डाले चाहे उसके विरूद्ध लड़ाई ठन जाए वह निर्भय एवं निश्चिंत होगा।
Psalms 27:4
दाऊद ने यहोवा से क्या मांगा?
दाऊद ने यहोवा से वर मांगा कि वह जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाए और यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहे और उसके मंदिर में ध्यान करता रहे।
Psalms 27:5
विपत्ति के समय यहोवा दाऊद के लिए क्या करेगा?
विपत्ति के समय यहोवा दाऊद को अपने मंडप में छिपा लेगा वरन् अपने तम्बू के गुप्त स्थान में उसे रखेगा और चट्टान पर चढ़ाएगा।
Psalms 27:6
दाऊद यहोवा की उपासना कैसे करेगा?
वह यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाएगा और उसका भजन गाएगा।
Psalms 27:7
दाऊद यहोवा से क्या याचना करता है?
दाऊद यहोवा से याचना करता है कि वह उसका शब्द सुने, उस पर अनुग्रह करे और उसको उत्तर दे।
Psalms 27:8
दाऊद का मन यहोवा के बारे में क्या कहता है?
दाऊद का मन कहता है कि वह यहोवा के दर्शन का खोजी रहे।
Psalms 27:9
दाऊद यहोवा से क्या नहीं करने की विनती करता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह अपना मुख उससे न छिपाए, क्रोध करके उसे न हटाए और उसे न त्यागे न छोड़े।
Psalms 27:10
यहोवा कैसी परिस्थिति में उसे संभालेगा?
चाहे उसके माता-पिता उसे त्याग दें, यहोवा उसे संभालेगा।
Psalms 27:11
अपने द्रोहियों के कारण दाऊद यहोवा से क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा अपने मार्ग में उसकी अगुआई करे और उसके द्रोहियों के कारण उसे चौरस रास्ते पर ले चले।
Psalms 27:12
दाऊद क्यों प्रार्थना करता है कि यहोवा उसे उसके सताने वालों की इच्छा पर न छोड़े?
दाऊद विनती करता है कि यहोवा उसे उसके सताने वालों की इच्छा पर न छोड़ दें क्योंकि उपद्रव करने की धुन में लगे झूठे साक्षी उसके विरूद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13
दाऊद को किस बात का विश्वास था जिससे उसे सहायता मिली?
उसे विश्वास था कि जीवितों की पृथ्वी पर वह यहोवा की भलाई को देखेगा।
Psalms 27:14
दाऊद मनुष्यों को किस काम का प्रोत्साहन देता है?
वह मनुष्यों को प्रोत्साहित करके कहता है कि वे यहोवा की बाट जोहते रहें, हियाव बांधें और उनका हृदय दृढ़ हो।
Psalms 28
Psalms 28:1
दाऊद किसे पुकारता है?
वह अपनी चट्टान, यहोवा को पुकारता है।
यदि यहोवा उसे उत्तर न दे तो उसका क्या होगा?
वह कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाएगा जो मृतक लोक में चले जाते हैं।
Psalms 28:2
दाऊद अपनी गिड़गिड़ाहट किसे सुनाना चाहता है?
दाऊद यहोवा से चाहता है कि वह उसकी गिड़गिड़ाहट सुने।
Psalms 28:3
दाऊद यहोवा से क्या नहीं करने की विनती करता है?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह दुष्टों और अनर्थकारियों के संग उसे न घसीटे।
Psalms 28:4
दाऊद यहोवा से दुष्टों के लिए क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उनके कामों और उनकी करनी की बुराई के अनुसार उनसे बर्ताव करे।
Psalms 28:5
दुष्ट को किस बात की समझ नहीं है?
दुष्ट यहोवा के कामों पर और उसके हाथ के कामों पर ध्यान नहीं करते।
Psalms 28:6
यहोवा ने क्या सुन ली?
यहोवा ने दाऊद की गिड़गिड़ाहट सुन ली।
Psalms 28:7
दाऊद का बल और उसकी ढाल कौन है?
दाऊद का बल और उसकी ढाल परमेश्वर यहोवा है।
दाऊद का हृदय किस पर भरोसा करता है?
दाऊद का हृदय यहोवा पर भरोसा रखकर प्रफुल्लित होता है।
Psalms 28:8
दाऊद की प्रजा का बल कौन है?
यहोवा दाऊद की प्रजा का बल है।
अपने अभिषिक्त के उद्धार का दृढ़ गढ़ कौन है?
यहोवा अपने अभिषिक्त के उद्धार का दृढ़ गढ़ है।
Psalms 28:9
दाऊद किसके लिए चाहता है कि यहोवा उसकी प्रजा का उद्धार करे और आशिष दे?
दाऊद की मनोकामना थी कि यहोवा उसकी प्रजा का उद्धार करे और अपने निज भाग को आशीष दे।
Psalms 29
Psalms 29:1
दाऊद किसे कहता है कि यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को समझें?
दाऊद कहता है कि शक्तिमानों के पुत्र यहोवा की महिमा और उसके सामर्थ्य को समझकर उन्हें सराहें।
Psalms 29:2
यहोवा का नाम किस योग्य है?
यहोवा का नाम महिमा के योग्य है।
Psalms 29:3-4
दाऊद यहोवा की वाणी की तुलना किससे करता है?
दाऊद यहोवा की वाणी की तुलना गरजन से करता है।
Psalms 29:5-7
यहोवा किसको टुकड़े-टुकड़े कर देता है?
यहोवा लबानोन के देवदारों को तोड़ डालता है।
Psalms 29:8
यहोवा किसको हिला डालता है?
यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।
Psalms 29:9
यहोवा के मंदिर में हर एक जन क्या कहता है?
यहोवा के मंदिर में हर एक जन "महिमा ही महिमा" बोलता है।
Psalms 29:10
यहोवा कब तक राजा होकर बैठेगा?
यहोवा सदा सर्वदा राजा होकर बैठेगा।
Psalms 29:11
यहोवा अपने लोगों को कौन सी दो बातें देता है?
यहोवा अपनी प्रजा को बल देता है और शान्ति की आशीष देता है।
Psalms 30
Psalms 30:1
दाऊद यहोवा को क्यों सराहता है?
दाऊद यहोवा को सराहता है क्योंकि यहोवा ने उसे खींचकर निकाला है और उसके शत्रुओं को उस पर आनंद करने नहीं दिया।
Psalms 30:2
दाऊद ने यहोवा को पुकारा तब यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने दाऊद को चंगा किया।
Psalms 30:3
यहोवा ने दाऊद के प्राण को कहां से उभारा है?
यहोवा ने दाऊद के प्राण को कब्र से उभारा है।
Psalms 30:4
यहोवा की पवित्रता को स्मरण रखने हेतु विश्वासी क्या करें?
विश्वासियों से कहा गया है कि यहोवा के लिए भजन गाएं और उसका धन्यवाद करें।
Psalms 30:5
यहोवा का क्रोध और प्रसन्नता कितने समय के होते हैं?
उसका क्रोध तो क्षण भर का होता है परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है।
रात में रोना भी पड़े तो क्या होता है?
सवेरे आनंद पहुंचेगा।
Psalms 30:6
दाऊद ने विश्वास के साथ क्या कहा?
दाऊद ने विश्वास के साथ कहा, "मैं कभी नहीं टलने का।"
Psalms 30:7
यहोवा ने अपना चेहरा छिपा लिया तो दाऊद का क्या हुआ?
यहोवा ने अपना चेहरा छिपा लिया तो दाऊद घबरा गया।
Psalms 30:8-9
दाऊद ने परमेश्वर से क्या मांगा?
दाऊद ने परमेश्वर से अनुग्रह मांगा।
Psalms 30:10
दाऊद यहोवा से अपने लिए क्या मांग रहा है?
दाऊद यहोवा से विनती कर रहा है कि वह उसकी याचना सुनकर उस पर दया करे और उसकी सहायता करे।
Psalms 30:11
यहोवा ने दाऊद के लिए क्या किया?
यहोवा ने दाऊद का विलाप नृत्य में बदल दिया और उसका टाट उतरवाकर उसकी कमर में आनंद का पटुका बांधा।
Psalms 30:12
दाऊद का मन क्या करता रहे?
दाऊद का मन यहोवा का भजन गाता रहे और कभी चुप न रहे। वह सर्वदा उसका धन्यवाद करता रहे।
Psalms 31
Psalms 31:1
दाऊद किस पर भरोसा रखता है?
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखता है।
दाऊद यहोवा को अपने लिए क्या बनाना चाहता है?
दाऊद चाहता है कि यहोवा उसकी शरण की चट्टान और उद्धार का गढ़ हो।
Psalms 31:2
दाऊद यहोवा को अपने लिए क्या बनाना चाहता है?
दाऊद चाहता है कि यहोवा उसकी शरण की चट्टान और उद्धार का गढ़ हो।
Psalms 31:3
दाऊद क्यों चाहता है कि यहोवा उसे लेकर चले और उसकी अगुआई करे?
यहोवा के नाम के निमित्त दाऊद चाहता है कि वह उसे लेकर चले और उसकी अगुआई करे।
Psalms 31:4
दाऊद को विश्वास क्यों है कि यहोवा उसे बैरियों के छिपे हुए जाल से छुड़ा लेगा?
यहोवा उसका दृढ़ गढ़ है इसलिए उसे विश्वास है कि यहोवा उसे बैरियों के जाल से छुड़ा लेगा।
Psalms 31:5
दाऊद अपनी आत्मा किसके हाथ में सौंप देता है?
दाऊद अपनी आत्मा को यहोवा ही के हाथ में सौंप देता है।
Psalms 31:6
दाऊद किससे घृणा करता है?
जो व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं उनसे दाऊद घृणा करता है।
Psalms 31:7
दाऊद यहोवा की करुणा से मगन और आनंदित क्यों है?
दाऊद यहोवा की करुणा से मगन और आनन्दित है क्योंकि यहोवा ने उसके दुःख पर दृष्टि की और कष्ट के समय उसकी सुधि ली।
Psalms 31:8
यहोवा ने दाऊद के पांवों को कहां रखा?
यहोवा ने दाऊद के पांवों को चौड़े स्थान में खड़ा किया है।
Psalms 31:9
दाऊद क्यों चाहता था कि यहोवा उस पर अनुग्रह करे?
दाऊद संकट में था और उसकी आंखें वरन् प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुल जाते थे।
Psalms 31:10
दाऊद का बल क्यों जाता रहा और उसकी हड्डियां क्यों घुल गईं?
पाप के कारण उसका बल समाप्त हो गया और उसकी हड्डियां घुल गईं।
Psalms 31:11
दाऊद की परिस्थितियों पर उसके पड़ोसियों की प्रतिक्रिया कैसी थी?
उसके पड़ोसी उसकी नाम धराई करते थे और उससे डरते थे, वे उसे देखकर दूर भाग जाते थे।
Psalms 31:12
दाऊद अपनी तुलना किससे करता है?
दाऊद अपनी तुलना एक मृतक के समान करता है जिसे लोग भूल गए, वह टूटे बर्तन के समान हो गया था।
Psalms 31:13-14
दाऊद ऐसा परेशान क्यों था?
दाऊद की परेशानी का कारण था कि लोग उसकी निन्दा करते थे, उसके चारों ओर भय ही भय था और लोग उसके प्राण लेने की युक्ति करते थे।
Psalms 31:15
दाऊद किससे छुटकारे के लिए यहोवा से विनती करता है?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह उसे उसके शत्रुओं और सताने वालों के हाथ से छुड़ा ले।
Psalms 31:16
दाऊद यहोवा से उसके दास के लिए कैसे अनुग्रह की याचना करता है?
यहोवा अपने दास दाऊद पर अपने मुंह का प्रकाश चमकाए और अपनी करुणा से उसका उद्धार करे।
Psalms 31:17
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि उसके साथ क्या न होने दे?
दाऊद यहोवा से विनती करता है कि वह उसे लज्जित न होने दे।
Psalms 31:18
झूठ बोलने वाले मुंह क्यों बन्द किये जाएं?
झूठ बोलने वाले मुंह बन्द किये जाये क्योंकि वे अहंकार और अपमान से धर्मी की निन्दा करते हैं।
Psalms 31:19
यहोवा ने अपनी भलाई किसके लिए रख छोड़ी है?
यहोवा ने अपनी भलाई उसके डरवैयों के लिए रख छोड़ी है।
Psalms 31:20
यहोवा अपने डरवैयों को किससे छिपा कर रखता है?
यहोवा उन्हें मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से और झगड़े-रगड़े से छिपा कर रखता है।
Psalms 31:21
यहोवा धन्य क्यों है?
क्योंकि उसने दाऊद को गढ़वाले नगर में रखकर अद्भुत करुणा की है।
Psalms 31:22
जब दाऊद ने घबरा कर कहा कि वह यहोवा की दृष्टि से दूर हो गया तब यहोवा ने दाऊद के लिए क्या किया?
यहोवा ने दाऊद की गिड़गिड़ाहट को सुन लिया था।
Psalms 31:23
यहोवा अपने विश्वासी अनुयायियों के लिए क्या करता है?
यहोवा सच्चे अनुयायियों की रक्षा करता है परन्तु अहंकारियों को वह भली भाँति बदला देता है।
Psalms 31:24
यहोवा में भरोसा रखने वालों को दाऊद क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि वे हियाव बांधें और उनका हृदय दृढ़ हो।
Psalms 32
Psalms 32:1-2
यहोवा मनुष्यों को आशिष कैसे देता है?
यहोवा उनके अपराध क्षमा करता है और उन को ढांप देता है।
Psalms 32:3
जब दाऊद चुप रहा तब क्या हुआ?
जब दाऊद चुप रहा तब दिन भर कराहते-कराहते उसकी हड्डियां पिघल गईं क्योंकि वह रात-दिन यहोवा के हाथ के नीचे दबा रहता था और उसका बल समाप्त हो गया।
Psalms 32:4
जब दाऊद चुप रहा तब क्या हुआ?
जब दाऊद चुप रहा तब दिन भर कराहते-कराहते उसकी हड्डियां पिघल गईं क्योंकि वह रात-दिन यहोवा के हाथ के नीचे दबा रहता था और उसका बल समाप्त हो गया।
Psalms 32:5
दाऊद ने जब अपना पाप परमेश्वर के समक्ष प्रकट किया और अपना अधर्म नहीं छिपाया तब क्या हुआ?
परमेश्वर ने उसके अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6
भक्त जनों को क्या करना चाहिए?
जब वे बड़े संकट में हों तब यहोवा से प्रार्थना करें।
भक्त जब महासंकट में यहोवा को पुकारते हैं तब क्या होता है?
जल की बाढ़ भी उन तक नहीं पहुंचेगी।
Psalms 32:7-9
यहोवा दाऊद को चारों ओर से किससे घेरे रखता है?
यहोवा उसे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेरे रखेगा।
Psalms 32:10
यहोवा में भरोसा रखने वाले का क्या होता है?
वह यहोवा की करुणा से घिरा रहता है।
Psalms 32:11
धर्मी और मन का खरे मनुष्य यहोवा के लिए क्या करें?
वह आनन्दित और मगन हो और आनन्द से जयजयकार करें।
Psalms 33
Psalms 33:1
धर्मियों को किसमें आनन्दित रहने के लिए लेखक कहता है?
धर्मी जन यहोवा के कारण आनन्दित हों।
Psalms 33:2-3
यहोवा का धन्यवाद कैसे किया जाए?
वीणा बजाकर यहोवा का धन्यवाद करना चाहिए।
Psalms 33:4
लेखक यहोवा के वचन और काम के विषय में क्या कहता है?
यहोवा का वचन सीधा है और उसका सब काम सच्चाई से होता है।
Psalms 33:5
यहोवा किससे प्रसन्न होता है?
यहोवा धर्म और न्याय से प्रसन्न होता है।
Psalms 33:6
यहोवा के वचन से क्या बना है?
यहोवा के वचन से आकाशमण्डल बना है।
यहोवा के मुंह की श्वास से क्या बना है?
यहोवा के मुंह की श्वास से आकाश के सारे गण उत्पन्न हुए।
Psalms 33:7
लेखक के अनुसार यहोवा समुद्र के जल को क्या करता है?
वह समुद्र के जल को ढेर के समान इकट्ठा करता है।
Psalms 33:8-10
सारी पृथ्वी के लोगों के लिए क्या आवश्यक है?
सारी पृथ्वी के लोग यहोवा का भय मानें।
Psalms 33:11-13
यहोवा की युक्ति कितने समय की होती है?
यहोवा की युक्ति सदा स्थिर रहती है। उसके मन की कल्पनाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।
Psalms 33:14-17
यहोवा अपने निवास के स्थान से किसे देखता है?
यहोवा अपने निवास के स्थान से पृथ्वी के सब रहने वालों को देखता है।
Psalms 33:18-20
यहोवा की दृष्टि किस पर लगी रहती है?
यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर लगी रहती है।
Psalms 33:21-22
हमारा हृदय यहोवा के कारण आनन्दित क्यों हो?
हमारा हृदय यहोवा के कारण आनन्दित हो क्योंकि हमने उसके पवित्र नाम का भरोसा रखा है।
Psalms 34
Psalms 34:1
दाऊद यहोवा को कब धन्य कहे?
दाऊद सदैव यहोवा को धन्य कहे।
Psalms 34:2
दाऊद यहोवा पर घमण्ड करे तो कौन सुने?
दाऊद चाहता है कि नम्र मनुष्य सुनकर आनन्दित हों।
Psalms 34:3
दाऊद मनुष्यों से क्या चाहता है कि उसके साथ करें?
दाऊद चाहता है कि मनुष्य उसके साथ यहोवा की बढ़ाई करें और सब मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
Psalms 34:4
दाऊद ने यहोवा की खोज की तब क्या हुआ?
यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया और उसे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psalms 34:5
यहोवा को निहारने वालों का क्या होता है?
उन्होंने ज्योति पाई और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psalms 34:6
दीन जन की पुकार सुनकर यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7
यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए क्या करता है?
वह उनको बचाता है।
Psalms 34:8
कौन से ऐसा पुरुष है जो धन्य है?
जो पुरुष यहोवा की शरण लेता है वह धन्य है।
Psalms 34:9
यहोवा के डरवैयों का क्या होता है?
यहोवा के डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती है।
Psalms 34:10
यहोवा के खोजियों के विषय दाऊद क्या होता है?
यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी।
Psalms 34:11-12
दाऊद बच्चों से क्या कहता है?
दाऊद कहता है, "हे लड़कों आओ मेरी सुनो, मैं तुमको यहोवा का भय मानना सिखाऊँगा।"
Psalms 34:13
जीवन की इच्छा रखने वाले से दाऊद क्या करने को कहता है?
दाऊद कहता है कि वह अपनी जीभ को बुराई से रोक रखे और उसके मुंह से छल की बात न निकले, वह बुराई को छोड़ भलाई करे, मेल को ढूंढ कर उसका पीछा करे।
Psalms 34:14
जीवन की इच्छा रखने वाले से दाऊद क्या करने को कहता है?
दाऊद कहता है कि वह अपनी जीभ को बुराई से रोक रखे और उसके मुंह से छल की बात न निकले, वह बुराई को छोड़ भलाई करे, मेल को ढूंढ कर उसका पीछा करे।
Psalms 34:15
यहोवा धर्मियों के प्रति कैसी प्रतिक्रिया करता है?
यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती है और उसके कान भी उनकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
Psalms 34:16
यहोवा बुराई करने वालों के साथ कैसा व्यवहार करता है?
यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है तो कि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा दे।
Psalms 34:17
धर्मी के पुकारने पर यहोवा क्या कहता है?
यहोवा धर्मी की पुकार सुनता है और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
Psalms 34:18
यहोवा किसके निकट होता है?
यहोवा टूटे मन वालों के निकट रहता है।
यहोवा किसका उद्धार करता है?
यहोवा पिसे हुओं का उद्धार करता है।
Psalms 34:19
धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ पड़ती हैं परन्तु उसका क्या होता है?
यहोवा उसको उन सबसे मुक्त करता है और उसकी हड्डी-हड्डी की रक्षा करता है।
Psalms 34:20
धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ पड़ती हैं परन्तु उसका क्या होता है?
यहोवा उसको उन सबसे मुक्त करता है और उसकी हड्डी-हड्डी की रक्षा करता है।
Psalms 34:21
दुष्ट का अन्त कैसा होगा?
दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा।
धर्मी से घृणा करने वालों का क्या होगा?
धर्मी से घृणा करने वाले दोषी ठहरेंगे।
Psalms 34:22
यहोवा अपनी शरण आने वाले दासों के लिए क्या करता है?
यहोवा उनके प्राणों को मोल लेकर बचा लेता है, उनमें से कोई भी दोषी नहीं ठहरेगा।
Psalms 35
Psalms 35:1
दाऊद यहोवा से अपने लिए क्या करने को कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि उसके विरुद्ध मुकद्दमा लड़ने वालों से वह मुकद्दमा लड़े और उससे युद्ध करने वालों से वही युद्ध करे।
Psalms 35:2
अपनी सहायता के लिए दाऊद यहोवा को कौन से हथियार काम में लेने को कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह ढाल और भाला लेकर उसकी मदद करे और बर्छी लेकर उसका पीछा करने वालों को रोके।
Psalms 35:3
अपनी सहायता के लिए दाऊद यहोवा को कौन से हथियार काम में लेने को कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह ढाल और भाला लेकर उसकी मदद करे और बर्छी लेकर उसका पीछा करने वालों को रोके।
Psalms 35:4
जो दाऊद की हानि की योजना बनाते हैं उनके लिए दाऊद क्या चाहता है?
वे पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो।
Psalms 35:5-6
दाऊद अपने शत्रुओं को खदेड़ने में किसकी सहायता मांगता है?
दाऊद चाहता है कि यहोवा का दूत उन्हें खदेड़ता जाए।
Psalms 35:7
दाऊद के बैरियों ने अकारण क्या किया?
दाऊद के बैरियों ने अकारण ही उसके लिए जाल बिछाया और उसका प्राण लेने के लिए गड़हा खोदा।
Psalms 35:8
दाऊद अपने बैरियों के लिए क्या चाहता है?
दाऊद चाहता है कि उन पर अचानक विपत्ति आ पड़े और वे अपने ही बिछाए हुए जाल में फंस जाएं और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें।
Psalms 35:9-10
दाऊद किस बात से हर्षित होगा?
दाऊद यहोवा के उद्धार में हर्षित होगा।
Psalms 35:11
दाऊद दुःखी क्यों है?
दाऊद दुःखी है क्योंकि झूठे साक्षी उस पर दोष लगाने को खड़े होते हैं और उसकी भलाई के बदले बुराई करते हैं।
Psalms 35:12
दाऊद दुःखी क्यों है?
दाऊद दुःखी है क्योंकि झूठे साक्षी उस पर दोष लगाने को खड़े होते हैं और उसकी भलाई के बदले बुराई करते हैं।
Psalms 35:13
दाऊद ने अपने बैरियों के संकट के समय क्या किया?
दाऊद ने टाट पहनकर उपवास किया उसने उनके लिए विलाप किया और सिर झुकाकर शोक किया।
Psalms 35:14
दाऊद ने अपने बैरियों के संकट के समय क्या किया?
दाऊद ने टाट पहनकर उपवास किया उसने उनके लिए विलाप किया और सिर झुकाकर शोक किया।
Psalms 35:15
दाऊद ने अपने बैरियों के संकट के समय क्या किया?
दाऊद ने टाट पहनकर उपवास किया उसने उनके लिए विलाप किया और सिर झुकाकर शोक किया।
Psalms 35:16
दाऊद ने अपने बैरियों के संकट के समय क्या किया?
दाऊद ने टाट पहनकर उपवास किया उसने उनके लिए विलाप किया और सिर झुकाकर शोक किया।
Psalms 35:17
दाऊद बड़ी सभा में यहोवा को धन्यवाद कब कहेगा?
जब यहोवा उसे बैरियों के विनाशक आक्रमण से बचाएगा तब वह यहोवा को धन्यवाद देगा।
Psalms 35:18-19
दाऊद बड़ी सभा में यहोवा को धन्यवाद कब कहेगा?
जब यहोवा उसे बैरियों के विनाशक आक्रमण से बचाएगा तब वह यहोवा को धन्यवाद देगा।
Psalms 35:20-21
दाऊद के बैरी शान्ति की बातें करने की अपेक्षा क्या करते हैं?
वे शान्ति से रहने वालों के विरुद्ध छल की कल्पनाएं करते हैं।
Psalms 35:22
यहोवा ने दाऊद के कष्टों को देखा है अतः दाऊद क्या चाहता है कि यहोवा उसके लिए करे?
दाऊद चाहता है कि यहोवा चुप न रहे, उससे दूर न रहे, उठकर उसके न्याय के लिए जागे और उसकी रक्षा करे।
Psalms 35:23
यहोवा ने दाऊद के कष्टों को देखा है अतः दाऊद क्या चाहता है कि यहोवा उसके लिए करे?
दाऊद चाहता है कि यहोवा चुप न रहे, उससे दूर न रहे, उठकर उसके न्याय के लिए जागे और उसकी रक्षा करे।
Psalms 35:24-28
दाऊद क्यों चाहता है कि यहोवा उसकी रक्षा करे?
दाऊद चाहता है कि यहोवा अपने धर्म के अनुसार उसकी रक्षा करे।
Psalms 36
Psalms 36:1
दुष्ट के मन में पाप क्या कहता है?
पाप दुष्ट के मन में आज्ञा देता है।
Psalms 36:2
दुष्ट कैसे स्वयं को सान्त्वना देता है?
वह सोचता है कि उसका पाप प्रकट नहीं होगा और वह घृणित नहीं ठहरेगा।
Psalms 36:3
दुष्ट के वचन कैसे होते हैं?
उसकी बातें अनर्थ और छल की होती हैं।
दुष्ट क्या नहीं होना चाहता है?
वह बुद्धिमान होना और भलाई करना नहीं चाहता है।
Psalms 36:4
दुष्ट अपने बिछौने पर पड़ा-पड़ा क्या करता है?
वह अपने बिछौने पर पड़े-पड़े अनर्थ की कल्पना करता है।
Psalms 36:5
स्वर्ग और आकाश तक क्या पहुंचता है?
यहोवा की करुणा स्वर्ग में और उसकी विश्वासयोग्य सच्चाई आकाशमंडल तक पहुंचती है।
Psalms 36:6
यहोवा का न्याय कैसा है?
यहोवा का न्याय ऊंचे पर्वतों के समान और उसके नियम अथाह सागर ठहरें हैं।
यहोवा किस की रक्षा करता है?
यहोवा मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
Psalms 36:7
परमेश्वर के पंखों तले कौन शरण लेते हैं?
मनुष्य परमेश्वर के पंखों तले शरण लेते हैं।
Psalms 36:8-9
मनुष्य किससे तृप्त होगा?
मनुष्य परमेश्वर के भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे।
Psalms 36:10
दाऊद किसके लिए कहता है कि परमेश्वर करुणा करे?
दाऊद कहता है कि परमेश्वर उसको जानने वालों पर करुणा करता रहे।
Psalms 36:11
दाऊद परमेश्वर से किस बात के लिए कहता है कि होने दें?
दाऊद कहता है कि अहंकारी उस पर लात उठाने न पाएं और न दुष्ट अपने हाथ के बल से उसे भगाने पाएं।
Psalms 36:12
अनर्थकारी गिर गए तो उनका क्या होगा?
वे ढकेल दिए गए और फिर उठ न सकेंगे।
Psalms 37
Psalms 37:1
दाऊद क्यों कहता है कि कुकर्मियों के कारण कुढ़ना नहीं चाहिए?
दाऊद कहता है कि कुकर्मियों के कारण कुढ़ना नहीं चाहिए क्योंकि वे घास के समान झट कट जायेंगे और हरी घास के समान मुरझा जायेंगे।
Psalms 37:2-3
दाऊद क्यों कहता है कि कुकर्मियों के कारण कुढ़ना नहीं चाहिए?
दाऊद कहता है कि कुकर्मियों के कारण कुढ़ना नहीं चाहिए क्योंकि वे घास के समान झट कट जायेंगे और हरी घास के समान मुरझा जायेंगे।
Psalms 37:4
दाऊद क्यों कहता है कि यहोवा को अपने सुख का मूल जानें?
दाऊद कहता है कि यहोवा को अपने सुख का मूल जानें क्योंकि वह मनोरथों को पूरा करता है।
Psalms 37:5
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखने के लिए क्यों कहता है?
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखने को इसलिए कहता है कि वह मनुष्य के धर्म को ज्योति के समान और उसकी निर्दोषिता को दोपहर के उलियाले के समान प्रकट करेगा।
Psalms 37:6
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखने के लिए क्यों कहता है?
दाऊद यहोवा पर भरोसा रखने को इसलिए कहता है कि वह मनुष्य के धर्म को ज्योति के समान और उसकी निर्दोषिता को दोपहर के उलियाले के समान प्रकट करेगा।
Psalms 37:7
दाऊद क्या कहता है कि हमें यहोवा के समक्ष करना आवश्यक है?
यहोवा के सामने हमें चुपचाप रहना है और धीरज से उसकी प्रतीक्षा करना है और उस मनुष्य के कारण न कुढ़ें जिसके काम सफल होते हैं।
Psalms 37:8
दाऊद क्यों कहता है कि क्रोध से परे रहें और जलजलाहट को छोड़ दें और बुरा करने वाले से न कुढ़ें?
कुकर्मी लोग काट डाले जायेंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:9
दाऊद क्यों कहता है कि क्रोध से परे रहें और जलजलाहट को छोड़ दें और बुरा करने वाले से न कुढ़ें?
कुकर्मी लोग काट डाले जायेंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:10
दाऊद क्यों कहता है कि क्रोध से परे रहें और जलजलाहट को छोड़ दें और बुरा करने वाले से न कुढ़ें?
कुकर्मी लोग काट डाले जायेंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:11-13
नम्र लोगों का क्या होगा?
वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे और बड़ी शान्ति के कारण आनंद मनाएंगे।
Psalms 37:14
सीधी चाल चलने वालों का वध करने वाले दुष्टों का क्या होगा?
उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे और उनके धनुष तोड़े जायेंगे।
Psalms 37:15
सीधी चाल चलने वालों का वध करने वाले दुष्टों का क्या होगा?
उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे और उनके धनुष तोड़े जायेंगे।
Psalms 37:16
धर्मी का थोड़ा सा धन अधर्मी के बहुत से धन से उत्तम क्यों है?
धर्मी का थोड़ा सा धन उत्तम है क्योंकि दुष्टों की भुजाएँ तो तोड़ी जायेंगी परन्तु यहोवा धर्मियों को संभालता है।
Psalms 37:17
धर्मी का थोड़ा सा धन अधर्मी के बहुत से धन से उत्तम क्यों है?
धर्मी का थोड़ा सा धन उत्तम है क्योंकि दुष्टों की भुजाएँ तो तोड़ी जायेंगी परन्तु यहोवा धर्मियों को संभालता है।
Psalms 37:18
यहोवा धर्मियों की सुधि कैसे लेता है?
विपत्ति के समय धर्मियों की आशा नहीं टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, अकाल के दिनों में वे तृप्त होंगे और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
Psalms 37:19
यहोवा धर्मियों की सुधि कैसे लेता है?
विपत्ति के समय धर्मियों की आशा नहीं टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, अकाल के दिनों में वे तृप्त होंगे और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
Psalms 37:20-22
यहोवा के शत्रुओं का क्या होगा?
यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास के समान नष्ट होंगे, वे धूएं के समान लुप्त हो जायेंगे।
Psalms 37:23
यहोवा की ओर से मनुष्य की गति के दृढ़ होने का क्या लाभ है?
वह चाहे गिर जाए तौभी पड़ा न रहेगा क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:24
यहोवा की ओर से मनुष्य की गति के दृढ़ होने का क्या लाभ है?
वह चाहे गिर जाए तौभी पड़ा न रहेगा क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:25
दाऊद ने धर्मी के साथ क्या होते नहीं देखा है?
उसने न तो कभी धर्मी का त्याग हुआ और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा।
Psalms 37:26
धर्मी का व्यवहार कैसे होता है?
वह दिन भर अनुग्रह करता और ऋण देता है।
Psalms 37:27-28
सर्वदा बने रहने के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए?
मनुष्य बुराई को छोड़कर भलाई करता रहे।
Psalms 37:29
धर्मी को क्या मिलेगा?
वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे और उसमें सदा बसे रहेंगे।
Psalms 37:30-31
धर्मी के मुंह से क्या निकलता है?
धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता और न्याय का वचन कहता है।
Psalms 37:32
दुष्ट जिस धर्मी को मार डालने की ताक में रहता है उसका क्या होगा?
यहोवा उसे दुष्ट के हाथ में नहीं पड़ने देगा और न्याय के समय उसे दोषी नहीं ठहराएगा।
Psalms 37:33
दुष्ट जिस धर्मी को मार डालने की ताक में रहता है उसका क्या होगा?
यहोवा उसे दुष्ट के हाथ में नहीं पड़ने देगा और न्याय के समय उसे दोषी नहीं ठहराएगा।
Psalms 37:34
यहोवा की बाट जोहने वालों का क्या होगा?
यहोवा उसे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा।
Psalms 37:35
दुष्ट और बड़े पराक्रमी का क्या होगा?
वह निज भूमि में पल्लवित होते हुए हरे वृक्ष के समान बढ़ता है परन्तु वह ऐसा हो जाएगा जैसा कभी था ही नहीं।
Psalms 37:36-38
दुष्ट और बड़े पराक्रमी का क्या होगा?
वह निज भूमि में पल्लवित होते हुए हरे वृक्ष के समान बढ़ता है परन्तु वह ऐसा हो जाएगा जैसा कभी था ही नहीं।
Psalms 37:39
यहोवा धर्मी जन के लिए क्या करता है?
संकट के समय यहोवा उनका दृढ़ गढ़ है और उनकी सहायता करके उन्हें बचाता है।
Psalms 37:40
यहोवा धर्मी जन के लिए क्या करता है?
संकट के समय यहोवा उनका दृढ़ गढ़ है और उनकी सहायता करके उन्हें बचाता है।
Psalms 38
Psalms 38:1-2
दाऊद यहोवा से क्या कहता है कि क्रोध में उसके साथ न करे?
दाऊद यहोवा से कहता है कि क्रोध में आकर उसे न झिड़के और न जलजलाहट में आकर उसकी ताड़ना करे।
Psalms 38:3
दाऊद क्यों कहता है, "मेरी हड्डियों में कुछ भी चैन नहीं?"
पाप के कारण उसकी हड्डियों में कुछ भी चैन न रहा।
Psalms 38:4-5
दाऊद का सिर किस कारण डूब गया?
अधर्म के कारण उसका सिर डूब गया।
Psalms 38:6
दाऊद दिन भर क्या करता है?
दाऊद दिन भर शोक का पहिरावा पहने चलता फिरता है।
Psalms 38:7-8
दाऊद किस बात से अभिभूत है?
वह लज्जा से अभिभूत हो गया है।
Psalms 38:9-10
दाऊद किस बात के लिए कहता है कि प्रभु समझता है?
दाऊद कहता है कि प्रभु उसकी अभिलाषा को समझता है।
Psalms 38:11-15
दाऊद के मित्र और संगी उससे अलग क्यों हो गये थे?
दाऊद के मित्र और संगी विपत्ति में उससे दूर हो गए थे।
Psalms 38:16-19
दाऊद को अपना पांव फिसलने पर किस बात का डर था?
यदि दाऊद का पांव फिसल गया तो उसके शत्रु उसके साथ बुरा करेंगे।
Psalms 38:20
दाऊद के बैरी उसकी भलाई के बदले उसके साथ क्या करते हैं?
वे भलाई के बदले उसकी बुराई करते हैं और उसका विरोध करते हैं।
Psalms 38:21
यहोवा से सहायता मांगते समय दाऊद उसे क्या कहकर संबोधित करता है?
दाऊद परमेश्वर को "यहोवा", "परमेश्वर", "प्रभु" और "उद्धारकत्र्ता" कहता है।
Psalms 38:22
यहोवा से सहायता मांगते समय दाऊद उसे क्या कहकर संबोधित करता है?
दाऊद परमेश्वर को "यहोवा", "परमेश्वर", "प्रभु" और "उद्धारकत्र्ता" कहता है।
Psalms 39
Psalms 39:1
दाऊद ने क्या करने का निर्णय लिया?
दाऊद ने अपने चाल-चलन में चौकसी करने और जब तक दुष्ट उसके सामने हैं तब तक लगाम लगाए अपना मुंह बन्द करने का निर्णय लिया।
Psalms 39:2
दाऊद मौन धारण करके गूंगा बन गया और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा तब क्या हुआ?
उसकी पीड़ा बढ़ गई और उसका हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था।
Psalms 39:3
दाऊद मौन धारण करके गूंगा बन गया और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा तब क्या हुआ?
उसकी पीड़ा बढ़ गई और उसका हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था।
Psalms 39:4
दाऊद अपने जीवन के बारे में क्या जानना चाहता था?
दाऊद जानना चाहता था कि उसके जीवन का अन्त कब होगा और उसकी आयु के दिन कितने हैं और कि वह कितना अनित्य है।
Psalms 39:5
दाऊद यहोवा के समक्ष अपने जीवन के लिए क्या कहता है?
दाऊद की अवस्था यहोवा की दृष्टि में कुछ भी नहीं है।
Psalms 39:6
मनुष्य किस बात की उतावली करता है?
मनुष्य धन संचय की उतावली करता है।
Psalms 39:7
दाऊद की एकमात्र आशा क्या है?
दाऊद की एकमात्र आशा परमेश्वर है।
Psalms 39:8
दाऊद किस पर विजयी होने के लिए यहोवा से विनती करता है?
दाऊद अपने सब अपराधों पर विजयी होने के लिए यहोवा से विनती करता है।
दाऊद किस का पात्र नहीं होना चाहता है?
दाऊद मूढ़ की निन्दा का पात्र नहीं होना चाहता है।
Psalms 39:9
दाऊद परमेश्वर के काम पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
दाऊद गूंगा बन गया और मुंह न खोला।
Psalms 39:10
दाऊद किससे दब गया?
दाऊद यहोवा के हाथी की मार से दब गया था।
Psalms 39:11
परमेश्वर जब पाप के लिए मनुष्य की ताड़ना करता है तब क्या होता है?
परमेश्वर उसकी सुन्दरता को पतंगे के समान नष्ट कर देता है और वे भाप से अधिक कुछ नहीं रह जाते हैं।
Psalms 39:12
दाऊद यहोवा से क्यों कहता है कि वह उसका रोना सुनकर शान्त न रहे और उसकी दोहाई की ओर कान लगाए?
दाऊद यहोवा से पूछता है क्योंकि वह अपने सब पुरखाओं के समान परदेशी है।
Psalms 39:13
दाऊद मरने से पूर्व यहोवा से क्या चाहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि उसके मरने से पूर्व वह उसे बचा ले कि वह प्रदीप्त जीवन प्राप्त करे।
Psalms 40
Psalms 40:1
दाऊद जब धीरज धरकर यहोवा की बाट जोहता रहा तब यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने झुककर उसकी दोहाई सुनी।
Psalms 40:2
यहोवा ने दाऊद के लिए और क्या किया?
यहोवा ने उसे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच से ऊबारा और उसे चट्टान पर खड़ा करके उसके पैरों को दृढ़ किया।
Psalms 40:3
यहोवा ने दाऊद को स्तुति का एक नया गीत सिखाया तो लोग क्या करेंगे?
उसे देखकर बहुत लोग डरेंगे और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4
धन्य कौन है?
धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता है।
Psalms 40:5-6
दाऊद परमेश्वर के कामों और कल्पनाओं का वर्णन कैसे करता है?
परमेश्वर के आश्चर्यकर्म अनेक हैं और उसकी कल्पनाओं की गिनती नहीं की जा सकती है।
Psalms 40:7
पुस्तक में दाऊद के लिए क्या लिखा है?
दाऊद परमेश्वर की इच्छा पूरी करने प्रसन्न है और उसकी व्यवस्था दाऊद के अन्तःकरण में बसी है।
Psalms 40:8
पुस्तक में दाऊद के लिए क्या लिखा है?
दाऊद परमेश्वर की इच्छा पूरी करने प्रसन्न है और उसकी व्यवस्था दाऊद के अन्तःकरण में बसी है।
Psalms 40:9
दाऊद ने बड़ी सभा में क्या किया?
दाऊद ने बड़ी सभा में धर्म के शुभ समाचार का प्रचार किया।
Psalms 40:10
दाऊद ने किस बात को छिपाकर नहीं रखा?
दाऊद ने परमेश्वर का धर्म मन ही मन में नहीं रखा। उसने परमेश्वर की सच्चाई और उद्धार की चर्चा की, उसने परमेश्वर की करुणा और सत्यता बड़ी सभा में गुप्त नहीं रखी।
Psalms 40:11
दाऊद क्या प्रार्थना करता है कि यहोवा उसके लिए करे?
दाऊद प्रार्थना करता है कि परमेश्वर अपनी बड़ी दया उस पर से न हटा ले वरन् उसकी करुणा और सत्यता से निरन्तर उसकी रक्षा होती रहे।
Psalms 40:12
दाऊद का हृदय क्यों टूट गया था?
दाऊद अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ था और उसके अधर्म के कामों ने उसे आ पकड़ा और वह दृष्टि नहीं उठा सकता था। इस कारण उसका हृदय टूट गया था।
Psalms 40:13
दाऊद क्या विनती करता है कि यहोवा करने में प्रसन्न हो?
वह विनती करता है कि यहोवा उसे छुड़ा लेने में प्रसन्न हो।
Psalms 40:14-15
जो दाऊद के प्राण की खोज में हैं उनके लिए वह क्या प्रार्थना करता है?
वे सब लज्जित हों और उनके मुंह काले हों और वे पीछे हटाए और अपमानित किए जाएं।
Psalms 40:16
जो परमेश्वर के खोजी हैं और परमेश्वर का उद्धार चाहते हैं उनके लिए दाऊद क्या प्रार्थना करता है?
वे परमेश्वर के कारण हर्षित और आनन्दित हों और सदा कहते रहें, "यहोवा की बढ़ाई हो!"
Psalms 40:17
दाऊद यहोवा के बारे में क्या कहता है?
यहोवा उसकी चिन्ता करता है, वह उसका सहायक और छुड़ाने वाला है।
Psalms 41
Psalms 41:1
दाऊद किसको धन्य कहता है?
कंगाल की सुधि लेने वाले को दाऊद धन्य कहता है।
यहोवा ऐसे मनुष्य के लिए क्या करेगा?
यहोवा उसको विपत्ति के दिन बचाएगा और उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा।
Psalms 41:2
यहोवा ऐसे मनुष्य के लिए क्या करेगा?
यहोवा उसको विपत्ति के दिन बचाएगा और उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा।
यहोवा ऐसे धन्य पुरुष का क्या नहीं करेगा?
यहोवा उसको शत्रुओं की इच्छा पर नहीं छोड़ेगा।
Psalms 41:3
वह धन्य पुरुष व्याधि के मारे शय्या पर पड़ा हो तो यहोवा क्या करेगा?
यहोवा रोग शय्या पर उसकी सहायता करेगा और उसकी रोग शय्या को चंगाई की शय्या बना देगा।
Psalms 41:4
दाऊद ने यहोवा से दया की याचना क्यों की?
दाऊद ने यहोवा से दया की याचना की क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध पाप किया था।
Psalms 41:5
दाऊद के शत्रुओं ने उसकी क्या बुराई की?
वे कहते थे कि दाऊद कब मरेगा और उसका नाम कब मिटेगा।
Psalms 41:6
दाऊद के शत्रु क्या कहते थे?
वे व्यर्थ की बातें करते थे।
Psalms 41:7-8
दाऊद से घृणा करने वाले कानाफूसी करके क्या कहते थे?
वे दाऊद के विरुद्ध होकर उसकी हानि की कल्पना करते थे।
Psalms 41:9
दाऊद का परम मित्र जिस पर वह भरोसा रखता था उसने उसके साथ क्या किया?
उसने दाऊद के विरुद्ध लात उठाई।
Psalms 41:10
यहोवा ने दाऊद के लिए क्या किया?
यहोवा ने दया करके उसे उठाया कि वह अपने घृणा करने वालों को बदला दे सके।
Psalms 41:11
दाऊद कैसे जानेगा कि यहोवा उससे प्रसन्न है?
दाऊद का शत्रु उस पर जयवन्त नहीं हो पाता है इसलिए दाऊद जानता है कि यहोवा उससे प्रसन्न है।
Psalms 41:12
यहोवा दाऊद को कैसे संभालता है?
यहोवा उसे खराई में संभालता और सर्वदा के लिए अपने सम्मुख स्थिर करता है।
Psalms 41:13
इस्राएल का यहोवा कब तक धन्य है?
इस्राएल का यहोवा आदि से अनन्तकाल तक धन्य है।
Psalms 42
Psalms 42:1
लेखक परमेश्वर के लिए कैसे हांफता है?
जैसे हरिणी नदी के जल के लिए हांफती है वैसे ही लेखक भी परमेश्वर के लिए हांफता है।
Psalms 42:2
लेखक अपने प्राण के लिए क्या कहता है?
वह जीवते परमेश्वर का प्यासा है।
Psalms 42:3
लेखक के आंसू क्या हो गए?
उसके आंसू दिन-रात उसका आहार हो गए।
Psalms 42:4
लेखक किस बात का स्मरण करता है?
वह कैसे भीड़ के संग जाया करता था। वह जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे-धीरे जाया करता था।
Psalms 42:5-6
लेखक अपने प्राण से क्या कहता है?
लेखक अपने प्राण से कहता है, परमेश्वर पर आशा लगाए रह, क्योंकि वह उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर से उसका धन्यवाद करेगा।
Psalms 42:7
लेखक के ऊपर से क्या निकल गया?
लेखक परमेश्वर की सारी तरंगों और लहरों में डूब गया।
Psalms 42:8
यहोवा दिन के समय क्या प्रकट करेगा?
यहोवा दिन के समय अपनी करुणा प्रकट करेगा।
रात के समय क्या होगा?
रात के समय यहोवा का गीत लेखक के मुंह में होगा और वह अपने जीवनदाता परमेश्वर से प्रार्थना करेगा।
Psalms 42:9
लेखक यहोवा अपनी चट्टान से क्या कहेगा?
वह यहोवा से कहेगा कि वह उसे क्यों भूल गया, वह शत्रु के अन्धेर के मारे क्यों शोक का पहरावा पहने हुए चलता फिरता है।
Psalms 42:10
लेखक अपने शत्रुओं की निन्दा की तुलना किससे करता है?
उनकी निन्दा कटार के समान उसकी हड्डियों में चुभती है।
Psalms 42:11
लेखक परमेश्वर से क्या याचना करता है?
लेखक परमेश्वर से याचना करता कि वह उसे आशिष दे।
Psalms 43
Psalms 43:1
लेखक परमेश्वर से क्या याचना करता है?
लेखक परमेश्वर से याचना करता है कि वह उसका न्याय चुकाए और विधर्मी जाति से उसका मुकद्दमा लड़े।
Psalms 43:2
यहोवा उसका न्याय क्यों करे और उसका मुकद्दमा क्यों लड़े?
परमेश्वर उसका न्याय करे क्योंकि परमेश्वर ही उसका बल है।
Psalms 43:3
लेखक परमेश्वर से क्या कहता है कि उसका प्रकाश और सच्चाई उसके लिए करे?
परमेश्वर का प्रकाश और सच्चाई उसकी अगुवाई करें और उसे अपने पवित्र पर्वत पर और उसके निवास स्थान में पहुंचाएं।
Psalms 43:4
परमेश्वर के निवास स्थान में पहुंचकर लेखक क्या करेगा?
वह परमेश्वर की वेदी के पास जाएगा।
लेखक अपनी वीणा से क्या करेगा?
वह अपनी वीणा बजाकर परमेश्वर का धन्यवाद करेगा।
Psalms 43:5
लेखक का प्राण उसके भीतर क्यों गिरा न जाए और क्यों व्याकुल न हो?
उसका प्राण परमेश्वर पर भरोसा रखे क्योंकि वह लेखक के मुख की चमक और उसका परमेश्वर है।
Psalms 44
Psalms 44:1
लेखकों ने अपने कानों से क्या सुना?
लेखकों ने सुना कि परमेश्वर ने उनके बाप-दादों के दिनों में, प्राचीन काल में क्या-क्या काम किए थे।
Psalms 44:2
परमेश्वर ने अपने हाथ से क्या किया था?
परमेश्वर ने अपने हाथों से जातियों को निकाल दिया और अपनी प्रजा के चारों ओर फैला दिया।
Psalms 44:3-4
इस्राएलियों को वह देश कैसे मिला और कैसे सुरक्षित रहे?
वे न तो अपनी तलवार के बल से उस देश के अधिकारी हुए और न अपने बाहुबल से परन्तु यहोवा के दाहिने हाथ और उसकी भुजा और उसके प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए।
Psalms 44:5
परमेश्वर के सहारे से इस्राएली क्या करेंगे?
परमेश्वर के सहारे से वे अपने द्रोहियों को धकेलकर गिरा देंगे और उसके नाम से विरोधियों को रौंदेंगे।
Psalms 44:6
लेखक किस पर भरोसा नहीं रखेगा?
लेखक अपने धनुष पर भरोसा नहीं रखेगा और न अपनी तलवार के बल से बचेगा।
Psalms 44:7-8
परमेश्वर ने उन्हें किससे बचाया?
परमेश्वर ने इस्राएल को द्रोहियों से बचाया और उनके बैरियों को निराश और लज्जित किया।
Psalms 44:9
अब परमेश्वर ने क्या किया?
परमेश्वर ने अब उनको त्याग दिया और उनका अनादर किया और उनकी सेना के साथ नहीं जाता है।
Psalms 44:10
परमेश्वर इस्राएलियों को क्या करने पर विवश करता है?
परमेश्वर उन्हें शत्रुओं को पीठ दिखाने पर विवश करता है।
इस्राएलियों से घृणा करने वाले क्या करते हैं?
वे मनमाने लूटमार करते हैं।
Psalms 44:11-12
परमेश्वर ने इस्राएलियों को कैसा कर दिया है?
परमेश्वर ने उन्हें कसाई की भेड़ों के समान कर दिया जो भोजन के लिए होती है और उन्हें अन्य जातियों में तितर-बितर कर दिया है।
Psalms 44:13-14
परमेश्वर इस्राएलियों को पड़ोसियों के लिए क्या बनाता है?
परमेश्वर उनके पड़ोसियों में नामधराई कराता है, उनके चारों ओर के रहने वाले उनका ठट्ठा करते हैं, उनकी हंसी करते हैं।
Psalms 44:15-16
उन्हें दिन-भर तिरस्कार क्यों सहना पड़ता है?
निन्दा करने वाले और कलंक लगाने वाले के बोल से तथा शत्रु और बदला लेने वालों के कारण उन्हें दिन-भर तिरस्कार सहना पड़ता है।
Psalms 44:17
इस्राएलियों ने क्या नहीं किया?
वे फिर भी परमेश्वर को नहीं भूले और न उसकी वाचा के विषय विश्वासघात किया।
Psalms 44:18
उनके मन और पैर क्या न हुए?
उनके मन न बहके और न उनके पैर परमेश्वर की राह से मुड़े।
Psalms 44:19
तौभी परमेश्वर ने क्या किया?
परमेश्वर ने उन्हें गीदड़ों के स्थान में पीस डाला और उन्हें घोर अन्धकार में छिपा दिया।
Psalms 44:20
परमेश्वर निश्चय ही क्या खोजेगा?
परमेश्वर देखेगा कि वे अपने परमेश्वर का नाम भूल गए या किसी पराए देवता की ओर अपने हाथ फैलाए।
Psalms 44:21
परमेश्वर निश्चय ही क्या खोजेगा?
परमेश्वर देखेगा कि वे अपने परमेश्वर का नाम भूल गए या किसी पराए देवता की ओर अपने हाथ फैलाए।
Psalms 44:22-24
इस्राएली परमेश्वर के निमित्त क्या माने जाते हैं?
वे उन भेड़ों के समान समझे जाते हैं जो वध होने पर है।
Psalms 44:25
इस्राएलियों के प्राण ने क्या करा?
उनके प्राण मिट्टी से लग गये और उनके शरीर भूमि से सट गये है।
Psalms 44:26
लेखक यहोवा से क्या प्राथना करता है?
वह प्राथना करता है कि परमेश्वर उनकी सहायता के लिये उठ खड़ा हो और अपनी करुणा के निमित्त से उनको छुड़ा ले।
Psalms 45
Psalms 45:1
लेखक क्या सुनाना चाहता है?
लेखक ने राजा के विषय जो बात रची है उसे सुनाना चाहता है।
Psalms 45:2-3
लेखक राजा का वर्णन कैसे करता है?
वह मनुष्यों की सन्तान में परम सुन्दर है, उसके होठों में अनुग्रह भरा हुआ है इसलिए परमेश्वर ने उसे सदा के लिए आशिष दी है।
Psalms 45:4
राजा सफलता से क्यों सवार हो?
राजा सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो।
Psalms 45:5
राजा के तीरों का वर्णन कैसे किया गया है?
राजा के तीर तेज हैं, उसके शत्रुओं के हृदय उनसे छिदेंगे।
Psalms 45:6
राजा के सिंहासन और न्याय के राजदण्ड का वर्णन कैसे किया गया है?
उसका सिंहासन सदा का है और न्याय का राजदण्ड परमेश्वर के राज्य का राजदण्ड है।
Psalms 45:7
राजा ने किससे प्रीति रखी और किससे बैर रखा है?
राजा ने धर्म से प्रीति और दुष्टता से बैर रखा है।
Psalms 45:8
राजा के वस्त्रों में कैसी सुगंध आती है?
राजा के सारे वस्त्र, गन्धरस, अगर और तेज से सुगंधित हैं।
Psalms 45:9-11
राजा की पुत्रियां और रानी कहां हैं?
उसकी पुत्रियां प्रतिष्ठित स्त्रियों में हैं और परमेश्वर की दाहिनी ओर पटरानी ओपीर के कुन्दन से विभूषित खड़ी है।
Psalms 45:12-13
धनवान लोग क्या करेंगे?
धनवान लोग राजा को प्रसन्न करने का यत्न करेंगे।
Psalms 45:14
राजा की पुत्री कहां ले जाई जाएगी?
वह बूटदार वस्त्र पहने हुए राजा के पास पहुंचाई जाएगी।
Psalms 45:15
कुमारियां कहां और कैसे पहुंचाई जाएंगी?
वे आनंदित और मगन होकर राजा के महल में प्रवेश करेंगी।
Psalms 45:16
राजा के पितरों के स्थान पर कौन होंगे?
राजा के पितरों के स्थान पर उसके पुत्र होंगे जिनको वह सारी पृथ्वी पर हाकिम ठहराएगा।
Psalms 45:17
राजा का नाम कैसा होगा?
राजा के नाम की चर्चा पीढ़ी से पीढ़ी तक होती रहेगी।
Psalms 46
Psalms 46:1
लेखक परमेश्वर के लिए क्या कहता है?
परमेश्वर हमारा शरण स्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psalms 46:2-3
चाहे पृथ्वी उलट जाए और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं और कांप उठें तौभी इस्राएली क्या न करेंगे?
वे भयभीत न होंगे।
Psalms 46:4
परमेश्वर के नगर में आनंद कैसे होता है?
एक नहीं है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में आनंद होता है।
Psalms 46:5
परमेश्वर का नगर क्या नहीं करेगा?
परमेश्वर का नगर कभी टलने का नहीं।
Psalms 46:6
जाति-जाति के लोग झल्ला उठे राज्य-राज्य के लोग डगमगाने लगे, परमेश्वर बोल उठा तब क्या हुआ?
पृथ्वी पिघल गई।
Psalms 46:7-8
सेनाओं का यहोवा कहां है और क्या है?
सेनाओं का यहोवा इस्राएल के संग है और याकूब का परमेश्वर उनका ऊंचा गढ़ है।
Psalms 46:9
यहोवा युद्धों का क्या करता है?
यहोवा पृथ्वी की छोर तक की लड़ाइयों को मिटाता है, वह धनुष को तोड़ता और भाले के दो टुकड़े कर डालता है और रथों को आग में झोंक देता है।
Psalms 46:10
परमेश्वर लोगों से क्या करने को कहता है?
चुप हो जाओ और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूं।
जातियों में परमेश्वर कैसा है?
परमेश्वर सब जातियों में महान है।
Psalms 46:11
याकूब का परमेश्वर यहोवा इस्राएल के लिए क्या है?
वह इस्राएल का ऊचा गढ़ है।
Psalms 47
Psalms 47:1
सब लोग ताली बजाकर ऊंचे शब्द से परमेश्वर के लिए जयजयकार क्यों करें?
सब लोग तालियां बजाकर ऊंचे शब्द से जयजयकार करें क्योंकि यहोवा परमप्रधान और भययोग्य हैं, वह सारी पृथ्वी के ऊपर महाराजा है।
Psalms 47:2
सब लोग ताली बजाकर ऊंचे शब्द से परमेश्वर के लिए जयजयकार क्यों करें?
सब लोग तालियां बजाकर ऊंचे शब्द से जयजयकार करें क्योंकि यहोवा परमप्रधान और भययोग्य हैं, वह सारी पृथ्वी के ऊपर महाराजा है।
Psalms 47:3-4
यहोवा देश-देश के लोगों और जाति-जाति के लोगों को क्या करता है?
वह देश-देश के लोगों को इस्राएल के सम्मुख नीचा करता है और जाति-जाति को इस्राएल के पांवों तले कर देता है।
Psalms 47:5
यहोवा ऊपर कैसे गया?
यहोवा जयजयकार सहित और नरसिंगों के साथ ऊपर गया है।
Psalms 47:6
सब लोग परमेश्वर के लिए भजन क्यों गाएं?
सब लोग परमेश्वर के लिए भजन गाएं क्योंकि परमेश्वर सारी पृथ्वी का महाराजा है।
Psalms 47:7
सब लोग परमेश्वर के लिए भजन क्यों गाएं?
सब लोग परमेश्वर के लिए भजन गाएं क्योंकि परमेश्वर सारी पृथ्वी का महाराजा है।
Psalms 47:8
परमेश्वर किस पर राज करता है?
परमेश्वर जाति-जाति पर राज करता है।
परमेश्वर कहां पर विराजमान है?
परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है।
Psalms 47:9
राज्य-राज्य के सामन्त कहां एकत्र हुए हैं?
राज्य-राज्य के सामन्त अब्राहम के परमेश्वर की प्रजा होने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
राज्य-राज्य के सामन्त अब्राहम के वंश के पास एकत्र क्यों हुए हैं?
वे सब अब्राहम के वंश के पास एकत्र हुए हैं क्योंकि यहोवा शिरोमणि है।
Psalms 48
Psalms 48:1
लेखक यहोवा के विषय क्या कहता है?
यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है।
Psalms 48:2
सिय्योन पर्वत का वर्णन कैसे किया गया है?
सिय्योन पर्वत ऊंचाई में सुंदर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है।
Psalms 48:3
परमेश्वर ने स्वयं को प्रकट कैसे किया?
परमेश्वर ऊंचा गढ़ माना गया है।
Psalms 48:4
राजा लोग इकट्ठे हुए और सिय्योन पर्वत को देखा तो क्या हुआ?
वे देखते ही विस्मित हुए और घबराकर भाग गए, वहां कंपकंपी ने उन्हें आ पकड़ा और जच्चा की सी पीड़ाएं उन्हें होने लगीं।
Psalms 48:5
राजा लोग इकट्ठे हुए और सिय्योन पर्वत को देखा तो क्या हुआ?
वे देखते ही विस्मित हुए और घबराकर भाग गए, वहां कंपकंपी ने उन्हें आ पकड़ा और जच्चा की सी पीड़ाएं उन्हें होने लगीं।
Psalms 48:6-7
राजा लोग इकट्ठे हुए और सिय्योन पर्वत को देखा तो क्या हुआ?
वे देखते ही विस्मित हुए और घबराकर भाग गए, वहां कंपकंपी ने उन्हें आ पकड़ा और जच्चा की सी पीड़ाएं उन्हें होने लगीं।
Psalms 48:8
सेनाओं के यहोवा के नगर का परमेश्वर क्या करेगा?
परमेश्वर उनको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा।
Psalms 48:9
इस्राएलियों ने परमेश्वर के मंदिर के भीतर किस पर ध्यान किया?
उन्होंने परमेश्वर की करुणा पर ध्यान किया।
Psalms 48:10
लेखक परमेश्वर के दाहिने हाथ का वर्णन कैसे करता है?
परमेश्वर का दाहिना हाथ धर्म से भरा है।
Psalms 48:11-12
सिय्योन पर्वत क्यों आनंद करे और यहूदा के नगर की पुत्रियां क्यों मगन हों?
परमेश्वर के न्याय के कामों के कारण सिय्योन पर्वत आनंद करे और यहूदा के नगर की पुत्रियां मगन हों।
Psalms 48:13
इस्राएली सिय्योन की परिक्रमा क्यों करें और उसके गुम्मटों को क्यों गिनें और उसके महलों को ध्यान से क्यों देखें?
वे ऐसा करें कि आने वाली पीढ़ी से उसका वर्णन कर पाएं।
Psalms 48:14
परमेश्वर इस्राएलियों के लिए क्या होगा?
वह मृत्यु तक इस्राएलियों का अगुआ होगा।
Psalms 49
Psalms 49:1
लेखक किससे कहता है कि सुने और कान लगाएं?
लेखक सब मनुष्यों से सुनने को कहता है, क्या ऊंच क्या नीच क्या धनी क्या दरिद्र कान लगाएं।
Psalms 49:2
लेखक किससे कहता है कि सुने और कान लगाएं?
लेखक सब मनुष्यों से सुनने को कहता है, क्या ऊंच क्या नीच क्या धनी क्या दरिद्र कान लगाएं।
Psalms 49:3
लेखक के मुंह से कैसी बातें निकलेंगी?
उसके मुंह से बुद्धि की बातें निकलेंगी।
लेखक के हृदय के विचार कैसे होंगे?
लेखक के हृदय के विचार समझ के होंगे।
Psalms 49:4-5
लेखक किस पर कान लगाएगा और अपनी गुप्त बात कैसे प्रकट करेगा?
वह नीति वचन की ओर अपना कान लगाएगा और वीणा बजाते हुए अपनी गुप्त बात प्रकट करेगा।
Psalms 49:6
अपने धन पर भरोसा रखने वाले क्या न कर पाएंगे?
उनमें से कोई अपने भाई को किसी भांति छुड़ा नहीं सकता है, और न परमेश्वर को उसके बदले प्रायश्चित में कुछ दे सकता है।
Psalms 49:7
अपने धन पर भरोसा रखने वाले क्या न कर पाएंगे?
उनमें से कोई अपने भाई को किसी भांति छुड़ा नहीं सकता है, और न परमेश्वर को उसके बदले प्रायश्चित में कुछ दे सकता है।
Psalms 49:8
लेखक किसी के जीवन की छुड़ौती का वर्णन कैसे करता है?
किसी के भी जीवन की छुड़ौती भारी है वह अन्त तक कभी न छुड़ा सकेंगे।
Psalms 49:9
कौन है जो सदैव जीवित रहेगा?
ऐसा कोई नहीं जो सदैव जीवित रहे और उसका शरीर न सड़े।
Psalms 49:10-11
बुद्धिमान, मूर्ख और पशु सरीखे मनुष्यों का अन्त क्या है?
बुद्धिमान मनुष्य मरता है, मूर्ख और पशु सरीखा मनुष्य दोनों ही नष्ट होते हैं और अपनी संपत्ति दूसरों के लिए छोड़ जाते हैं।
Psalms 49:12-13
मनुष्य का अन्त क्या होतपा है?
धन पाकर भी मनुष्य सदा जीवित नहीं रहता है।
Psalms 49:14
मनुष्य का चरवाहा कौन है?
मनुष्य का चरवाहा मृत्यु है।
मनुष्य का भोर को क्या होता है?
भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करते हैं।
Psalms 49:15
परमेश्वर लेखक के लिए क्या करेगा?
परमेश्वर उसके प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ाएगा क्योंकि वही उसे ग्रहण कर अपनाएगा।
Psalms 49:16
लेखक किस बात से निडर रहने को कहता है?
जब कोई धनी हो जाए और उसके घर का वैभव बढ़ जाए तब तू भय न खाना।
लेखक क्यों कहता है, "तू भय न खाना"?
वह भरकर कुछ भी साथ न ले जाएगा, न उसका वैभव उसके साथ कब्र में जाएगा।
Psalms 49:17
लेखक क्यों कहता है, "तू भय न खाना"?
वह भरकर कुछ भी साथ न ले जाएगा, न उसका वैभव उसके साथ कब्र में जाएगा।
Psalms 49:18
मनुष्य कब किसी की प्रशंसा करता है?
जब कोई किसी की भलाई करता है तब लोग उसकी प्रशंसा करते हैं।
Psalms 49:19
धनवान मनुष्य कहाँ चला जाएगा?
वह अपने पुरखाओं के पास चला जाएगा।
धनवान और उसके पुरखा क्या न देखेंगे?
वे कभी उजियाला न देखेंगे।
Psalms 49:20
मनुष्य प्रतिष्ठित होकर भी समझ न रखे तो वह किसके तुल्य है?
वह पशु तुल्य है जो मर मिटते हैं।
Psalms 50
Psalms 50:1-3
आसाप परमेश्वर को कौन से तीन नामों से सम्बोधित करता है?
आसाप परमेश्वर को "सर्वशक्तिमान", "परमेश्वर" और "यहोवा" कहता है।
Psalms 50:4-7
परमेश्वर ऊपर के आकाश और पृथ्वी को क्यों पुकारेगा?
परमेश्वर आकाश और पृथ्वी को पुकारेगा क्योंकि वह अपनी प्रजा का न्याय करेगा।
Psalms 50:8-9
परमेश्वर अपनी प्रजा से क्या कहता है कि वह उन पर दोष नहीं लगाएगा?
परमेश्वर कहता है कि वह उन पर उनके मेलबलियों का दोष नहीं लगाएगा।
Psalms 50:10-13
परमेश्वर क्यों कहता है कि वह अपने लोगों से न तो बैल लेगा और न बकरे लेगा?
वन के सारे जीव-जन्तु और हज़ारों पहाड़ों के जानवर सब उसी के हैं।
Psalms 50:14-16
आसाप परमेश्वर को क्या चढ़ाने और क्या पूरी करने को कहता है?
परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ाओ और अपनी मन्नतें पूरी करो।
Psalms 50:17-20
परमेश्वर दुष्ट के लिए क्या कहता है कि वह घृणा करके तुच्छ जानता है?
परमेश्वर कहता है कि दुष्ट शिक्षा से बैर रखता है और उसके वचनों को तुच्छ जानता है।
Psalms 50:21
परमेश्वर चुप रहा तो दुष्ट ने क्या समझा?
परमेश्वर कहता है कि उसके चुप रहने से दुष्ट ने समझा कि परमेश्वर बिल्कुल उसके समान है।
Psalms 50:22
जब परमेश्वर दुष्ट को फाड़ देगा तब कौन उसकी सहायता के लिए आएगा?
उसकी सहायता करने वाला तब कोई न होगा।
Psalms 50:23
परमेश्वर अपना उद्धार किसको दिखाएगा?
धन्यवाद का बलिदान चढ़ाने वाले को और अपना चरित्र उत्तम रखने वाले को परमेश्वर अपना उद्धार दिखाएगा।
Psalms 51
Psalms 51:1-3
दाऊद क्यों कहता है कि परमेश्वर उस पर अनुग्रह करे?
परमेश्वर अपनी करुणा के अनुसार उस पर अनुग्रह करे।
Psalms 51:4
दाऊद ने किसके विरुद्ध पाप किया था?
दाऊद ने केवल परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
Psalms 51:5-6
दाऊद के अनुसार उसके पाप का आरंभ कब हुआ था?
दाऊद कहता है कि वह अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
Psalms 51:7-9
दाऊद अपने शोधन के लिए परमेश्वर से क्या याचना करता है?
दाऊद कहता है कि परमेश्वर उसे जूफा से शुद्ध करे कि वह पवित्र हो जाए और उसे धो दे तो वह हिम से भी अधिक श्वेत हो जाएगा।
Psalms 51:10
दाऊद उसमें क्या उत्पन्न करने और नए सिरे से रचने के लिए परमेश्वर से याचना करता है?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि वह उसमें शुद्ध मन उत्पन्न करे और उसके भीतर स्थिर आत्मा नए सिरे से उत्पन्न करे।
Psalms 51:11-13
दाऊद परमेश्वर से क्या नहीं करने को कहता है?
दाऊद परमेश्वर से कहता है कि वह उसे उसके सम्मुख से निकाल न दे और अपने पवित्र-आत्मा को उससे अलग न करे।
Psalms 51:14-16
दाऊद परमेश्वर से उसका कौन सा पाप क्षमा करने के लिए कहता है?
दाऊद परमेश्वर से अपनी हत्या के पाप की क्षमा मांगता है।
Psalms 51:17-19
परमेश्वर के लिए वास्तविक बलिदान क्या है?
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है, परमेश्वर टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता है।"
Psalms 52
Psalms 52:1-2
परमेश्वर से प्रतिदिन क्या मिलता है?
परमेश्वर से प्रतिदिन करुणा मिलती है।
Psalms 52:3
वीर भलाई से अधिक किससे प्रीति रखता है?
वह भलाई से अधिक बुराई से बैर रखता है।
Psalms 52:4
वीर को कैसे शब्द मनभावन लगते हैं?
सब विनाश करने वाली बातों से वह प्रसन्न रहता है।
Psalms 52:5-6
परमेश्वर वीर के साथ क्या करेगा?
परमेश्वर उसे सदा के लिए नष्ट कर देगा।
Psalms 52:7
मनुष्य ने किस बात पर भरोसा रखा?
उसने अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखा।
Psalms 52:8-9
दाऊद अपना भरोसा किस पर रखेगा?
वह सदा सर्वदा परमेश्वर की करुणा पर भरोसा रखेगा।
Psalms 53
Psalms 53:1-2
मूर्ख अपने मन में क्या कहता है?
मूर्ख ने अपने मन में कहा, "कोई परमेश्वर है ही नहीं।"
Psalms 53:3-4
परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों पर दृष्टि की तो क्या उसे बुद्धि से चलने वाला और परमेश्वर का पूछने वाला कोई दिखा?
नहीं, सब एक साथ बिगड़ गए, कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं दिखा।
Psalms 53:5
जो परमेश्वर को नहीं पुकारते, वे लज्जित क्यों होंगे?
वे लज्जित होंगे क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें निकम्मा ठहराया है।
Psalms 53:6
दाऊद को इस्राएल के उद्धार की आशा कहां से थी?
दाऊद को इस्राएल के उद्धार की आशा सिय्योन से थी!
Psalms 54
Psalms 54:1-2
दाऊद ने अपने उद्धार के लिए परमेश्वर से क्यों याचना की?
दाऊद ने परमेश्वर से याचना की कि वह अपने नाम के द्वारा उसका उद्धार करे।
Psalms 54:3
दाऊद के विरूद्ध कौन उठे और उसके प्राण के ग्राहक हुए?
परदेशी उसके विरूद्ध उठे और कुकर्मी उसके प्राण के ग्राहक हुए।
Psalms 54:4
दाऊद के प्राण को संभालने वाला कौन है?
प्रभु परमेश्वर दाऊद के प्राण को संभालने वाला है।
Psalms 54:5
परमेश्वर दाऊद के द्रोहियों का क्या करेगा?
परमेश्वर दाऊद के द्रोहियों की बुराई उन्हीं पर लौटा देगा।
Psalms 54:6
दाऊद यहोवा के नाम का धन्यवाद कैसे करेगा?
दाऊद यहोवा के नाम का धन्यवाद करेगा क्योंकि ऐसा करना उत्तम है।
Psalms 54:7
दाऊद को अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके कैसा लगा?
दाऊद अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके संतुष्ट हुआ था।
Psalms 55
Psalms 55:3
दाऊद की व्याकुलता का कारण क्या था?
दाऊद व्याकुल था क्योंकि उसके शत्रु कोलाहल और दुष्ट उपद्रव कर रहे थे।
Psalms 55:4-5
दाऊद में कैसा भय समा गया था?
दाऊद में मृत्यु का भय समा गया था।
Psalms 55:6-8
दाऊद क्यों चाहता था कि उसे कबूतर जैसे पंख होते?
दाऊद चाहता था कि उसके कबूतर जैसे पंख होते तो वह उड़कर चला जाता और विश्राम पाता।
Psalms 55:9
दाऊद परमेश्वर से अपने शत्रुओं के लिए क्या मांगता है?
दाऊद परमेश्वर से मांगता है कि वह उनका सत्यानाश करे और उसकी भाषा में गड़बड़ी पैदा कर दे।
Psalms 55:10
नगर के मध्य क्या देखा गया?
नगर के भीतर दुष्टता, उत्पात, अन्धेर, अत्याचार और छल होता है।
Psalms 55:11
नगर के मध्य क्या देखा गया?
नगर के भीतर दुष्टता, उत्पात, अन्धेर, अत्याचार और छल होता है।
Psalms 55:12
दाऊद की नामधराई करके बढ़ाई मारने वाला कौन था?
वह उसका परममित्र और बराबरी का मनुष्य था।
Psalms 55:13-14
दाऊद की नामधराई करके बढ़ाई मारने वाला कौन था?
वह उसका परममित्र और बराबरी का मनुष्य था।
Psalms 55:15-16
दाऊद क्या चाहता था कि अचानक उसके शत्रुओं पर आ पड़े?
वह चाहता था कि उसके शत्रुओं पर मृत्यु अचानक आ पड़े और वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं।
Psalms 55:17-18
दाऊद सांझ को, भोर को और दोपहर, तीनों पहर क्या करता है?
वह परमेश्वर को पुकारता और कराहता रहता है।
Psalms 55:19
परमेश्वर दाऊद के शत्रुओं को सुनकर प्रतिक्रिया क्यों दिखाएगा?
क्योंकि उनमें कोई परिवर्तन नहीं और उनमें परमेश्वर का भय है ही नहीं।
Psalms 55:20-22
दाऊद के मित्रों ने उसकी वाचा के साथ क्या किया?
दाऊद के मित्रों ने उसकी वाचा को तोड़ दिया।
Psalms 55:23
परमेश्वर दुष्ट के साथ क्या करेगा?
परमेश्वर उनको विनाश के गड़हे में गिरा देगा।
Psalms 56
Psalms 56:1
दाऊद परमेश्वर से अनुग्रह की भीख क्यों मांगता है?
दाऊद परमेश्वर से अनुग्रह की भीख मांगता है क्योंकि मनुष्य उसे निगलना चाहते हैं।
Psalms 56:2
वे दाऊद को किस समय निगलना चाहते हैं?
वे दाऊद को दिन भर निगलना चाहते हैं।
Psalms 56:3
दाऊद जब भयभीत होता तब क्या करना चाहता है?
जिस समय दाऊद भयभीत होता है तब वह यहोवा पर भरोसा रखना चाहता है।
Psalms 56:4
परमेश्वर पर भरोसा रखने का परिणाम दाऊद को क्या मिला?
दाऊद भयभीत नहीं हुआ क्योंकि उसने परमेश्वर पर भरोसा रखा।
Psalms 56:5-6
दाऊद के शत्रु उसके वचनों का क्या करते है?
वे दिन भर उसके वचनों का उलटा अर्थ लगाते हैं।
दाऊद के शत्रुओं की कल्पनाएं दाऊद के लिए कैसी हैं?
उनकी कल्पनाएं उसकी बुराई ही करने की होती हैं।
Psalms 56:7
दाऊद अपने शत्रुओं के लिए परमेश्वर से क्या मांगता है?
दाऊद परमेश्वर से मांगता है कि वह अपने क्रोध में उनको गिरा दे।
Psalms 56:8
दाऊद अपने आंसूओं के लिए परमेश्वर से क्या कहता है?
दाऊद परमेश्वर से कहता है कि वह दाऊद के आंसू अपनी कुप्पी में भर ले।
Psalms 56:9-11
दाऊद के शत्रु कब उलटे फिरेंगे?
जिस समय दाऊद पुकारेगा उसी समय उसके शत्रु उलटे फिरेंगे।
Psalms 56:12
दाऊद परमेश्वर को क्या देने की शपथ खाता है?
दाऊद शपथ खाता है कि वह परमेश्वर को धन्यवाद बलि चढ़ाएगा।
Psalms 56:13
दाऊद परमेश्वर के समक्ष कहां चलेगा?
दाऊद परमेश्वर के समक्ष जीवतों के उजियाले में चलेगा।
Psalms 57
Psalms 57:1
दाऊद परमेश्वर से दया की याचना क्यों करता है?
दाऊद परमेश्वर से दया की याचना करता है क्योंकि उसका प्राण परमेश्वर का शरणागत है।
दाऊद कितने समय तक परमेश्वर की शरण में है?
दाऊद अपनी विपत्तियों के निकल जाने तक परमेश्वर की शरण में है।
Psalms 57:2
दाऊद के अनुसार परमेश्वर उसके लिए क्या करता है?
परमेश्वर दाऊद के लिए करुणा और सच्चाई प्रकट करेगा।
Psalms 57:3
दाऊद के अनुसार परमेश्वर उसके लिए क्या भेजेगा?
उसके अनुसार परमेश्वर उसके लिए अपनी करुणा और सच्चाई प्रगट करेगा।
Psalms 57:4
दाऊद किसके बीच लेटा हुआ है?
दाऊद जलते हुओं के बीच लेटा हुआ है।
Psalms 57:5
दाऊद परमेश्वर की महिमा के लिए क्या याचना करता है?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि उसकी महिमा पृथ्वी पर फैल जाए।
Psalms 57:6-7
दाऊद के लिए गड़हा खोदने वालों का क्या हुआ?
वे ही उस गड़हे के बीच में गिर गए।
Psalms 57:8
दाऊद कौन से वाद्य-यंत्रों को जाग उठने के लिए कहता है?
दाऊद सारंगी और वीणा से कहता है कि वे जाग उठें।
Psalms 57:9-10
दाऊद परमेश्वर को धन्यवाद कहां देगा?
दाऊद देश-देश के लोगों के बीच परमेश्वर को धन्यवाद देगा।
दाऊद परमेश्वर की स्तुति कहां करेगा?
दाऊद राज्य-राज्य के लोगों के बीच परमेश्वर का भजन गाएगा।
Psalms 57:11
दाऊद परमेश्वर की महिमा को कितना ऊंचा करना चाहता है?
दाऊद चाहता है कि परमेश्वर की महिमा सारी पृथ्वी पर फैल जाए।
Psalms 58
Psalms 58:2
दाऊद क्या चाहता है कि मनुष्यवंशी देशभर में करते हैं?
दाऊद कहता है कि मनुष्यवंशी देशभर में उपद्रव करते जाते हैं।
Psalms 58:3-6
दाऊद के अनुसार दुष्ट कब से ही भटके हुए होते हैं?
दाऊद कहता है कि दुष्ट जन्म से ही भटके हुए होते हैं।
Psalms 58:7-9
दाऊद दुष्टों के तीरों के लिए परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि दुष्टतीर चढ़ाएं तो वे दो टुकड़े हो जाएं।
Psalms 58:10-11
धर्मी जन कब आनंदित होंगे?
वे परमेश्वर का पलटा लेना देखकर आनंदित होंगे।
Psalms 59
Psalms 59:1-2
दाऊद कैसे चाहता है कि परमेश्वर उसे बचाए?
दाऊद चाहता है कि परमेश्वर उसे ऊंचे स्थान पर रखकर बचाए।
Psalms 59:3-4
दाऊद के विरूद्ध कौन इकट्ठे होते हैं?
दाऊद के विरूद्ध बलवन्त दुष्ट इकट्ठे होते हैं।
Psalms 59:5-9
दाऊद परमेश्वर से किस पर दया नहीं करने को कहता है?
दाऊद परमेश्वर से कहता है कि वह किसी विश्वासघाती अत्याचारी पर अनुग्रह न करे।
Psalms 59:10-12
दाऊद अपने परमेश्वर से क्या अपेक्षा करता है?
दाऊद परमेश्वर से अपेक्षा करता है कि करुणा करता हुआ उससे मिले।
Psalms 59:13-15
दाऊद उसके शत्रुओं को कैसे ध्वंस करने की विनती करता है?
दाऊद परमेश्वर से विनती करता है कि वह जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर दे, उनका अन्त कर दे कि वे नष्ट हो जाएं।
Psalms 59:16-17
दाऊद परमेश्वर के सामर्थ्य का यश कैसे गाता है?
वह उसका ऊंचा गढ़ है और संकट के समय उसका शरण स्थान ठहरा है।
Psalms 60
Psalms 60:1
परमेश्वर ने इस्राएलियों के लिए क्या किया है?
परमेश्वर ने उनको त्याग दिया, उनको तोड़ डाला और उनसे क्रोधित हुआ है।
Psalms 60:2
परमेश्वर ने उनके देश का क्या कर दिया है?
उसने उनके देश को कंपकंपाया और फाड़ डाला है।
Psalms 60:3
परमेश्वर ने अपनी प्रजा को क्या दिया और क्या पिलाया?
परमेश्वर ने उन्हें कठिन दुख भुगताया और लड़खड़ा देने वाला दाखमधु पिलाया।
Psalms 60:4-5
परमेश्वर ने किसको झंडा दिया है?
परमेश्वर ने अपने डरवैयों को झंडा दिया है।
Psalms 60:6-7
परमेश्वर शकेम और सुक्कोत की तराई को क्या करेगा?
वह शकेम को बांट देगा और सुक्कोत की तराई को नपवाएगा।
Psalms 60:8-9
परमेश्वर एदोम पर क्या करेगा?
परमेश्वर एदोम पर अपना जूता फेंकेगा।
Psalms 60:10
परमेश्वर ने इस्राएल की सेना के साथ कैसा व्यवहार किया
परमेश्वर अब इस्राएल की सेना के साथ युद्ध में नहीं जाता है।
Psalms 60:11
इस्राएली विजय का योग्य कैसे होंगे?
परमेश्वर की सहायता से वे वीरता दिखायेंगे क्योंकि इस्राएल के शत्रुओं को वही रौंदेगा।
Psalms 60:12
इस्राएली विजय का योग्य कैसे होंगे?
परमेश्वर की सहायता से वे वीरता दिखायेंगे क्योंकि इस्राएल के शत्रुओं को वही रौंदेगा।
Psalms 61
Psalms 61:1-2
दाऊद यहोवा से अपने लिए क्या याचना करता है?
दाऊद परमेश्वर से कहता है कि वह उसका चिल्लाना सुने और उसकी प्रार्थना की ओर कान लगाए।
Psalms 61:3
परमेश्वर दाऊद के लिए क्या ठहरा है?
परमेश्वर दाऊद के लिए शरण स्थान और शत्रु से बचने के लिए ऊंचा गढ़ ठहरा है।
Psalms 61:4
दाऊद कहां रहकर शरण लेगा?
दाऊद सदैव परमेश्वर के तम्बू में वास करेगा और उसके पंखों की ओट में शरण लिए रहेगा।
Psalms 61:5
दाऊद की मन्नतें सुनकर परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया?
परमेश्वर ने उसे उसके नाम के डरवैयों को उनका सा भाग दिया है।
Psalms 61:6-7
परमेश्वर राजा के जीवन के लिए क्या करेगा?
परमेश्वर राजा की आयु को बहुत बढ़ाएगा कि उसके वर्ष पीढ़ी पीढ़ी के बराबर होंगे।
Psalms 61:8
दाऊद सदा परमेश्वर के नाम का भजन क्यों गाएगा?
दाऊद सदा परमेश्वर के नाम का भजन गाएगा जिससे कि वह अपनी मन्नतें हर दिन पूरा करे।
Psalms 62
Psalms 62:1
दाऊद केवल परमेश्वर की ओर चुप रहकर मन क्यों लगाए रहेगा?
दाऊद चुपचाप रहकर परमेश्वर की ओर मन लगाए रहे क्योंकि उसका उद्धार परमेश्वर ही से होता है।
Psalms 62:2-3
दाऊद परमेश्वर को अपना क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि परमेश्वर उसकी चट्टान और उसका उद्धार तथा उसका ऊंचा गढ़ है।
Psalms 62:4-7
वे मनुष्य के ऊंचे पद पर देख क्या करते हैं?
वे उसको ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं, मुंह से तो वे आशीर्वाद देते हैं परन्तु मन में कोसते हैं।
Psalms 62:8
दाऊद लोगों से क्या करने को कहता है?
दाऊद लोगों से कहता है कि वे हर समय उस पर भरोसा रखें, उससे अपनी बातें खोलकर कहें।
Psalms 62:9
दाऊद ऊंचे और नीचे पद के मनुष्यों का वर्णन कैसे करता है?
नीच लोग तो अस्थाई और बड़े लोग मिथ्या हैं, तौल में वे हल्के निकलते हैं, वे सब सांस से भी हल्के हैं।
Psalms 62:10
दाऊद के परामर्श के अनुसार मनुष्य किसमें मन न लगाएं?
मनुष्य अन्धेर करने पर भरोसा नहीं रखें और लूटपाट करने पर नहीं फूलें, चाहे धन सम्पत्ति बढ़े तौभी उस पर मन नहीं लगाना।
Psalms 62:11
परमेश्वर ने कहा तो दाऊद ने क्या सुना?
दाऊद ने सुना कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psalms 62:12
करुणा किसकी है?
करुणा परमेश्वर की है, क्योंकि परमेश्वर एक-एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है।
Psalms 63
Psalms 63:1
दाऊद परमेश्वर को कैसे खोजता है?
दाऊद परमेश्वर को यत्न से ढूंढता है, उसका मन परमेश्वर का प्यासा है और उसकी देह परमेश्वर की अति अभिलाषी है।
Psalms 63:2
परमेश्वर को अपने पवित्र स्थान में देखने पर दाऊद को क्या दिखाई देता है?
वह परमेश्वर के सामर्थ्य और उसकी महिमा को देखता है।
Psalms 63:3
परमेश्वर की करुणा के कारण दाऊद क्या करेगा?
दाऊद परमेश्वर की प्रशंसा करेगा और जीवनभर उसको धन्य कहेगा और उसका नाम लेकर अपने हाथ उठाएगा।
Psalms 63:4
परमेश्वर की करुणा के कारण दाऊद क्या करेगा?
दाऊद परमेश्वर की प्रशंसा करेगा और जीवनभर उसको धन्य कहेगा और उसका नाम लेकर अपने हाथ उठाएगा।
Psalms 63:5
दाऊद के जीव को सन्तुष्टि किससे मिलती है और परमेश्वर की स्तुति की प्रेरणा कहाँ से आती है?
जब वह बिछौने पर पड़ा परमेश्वर का स्मरण करता है और रात के एक-एक पहर परमेश्वर का ध्यान करता है तब वह सन्तुष्ट होकर परमेश्वर की स्तुति करता है।
Psalms 63:6
दाऊद के जीव को सन्तुष्टि किससे मिलती है और परमेश्वर की स्तुति की प्रेरणा कहाँ से आती है?
जब वह बिछौने पर पड़ा परमेश्वर का स्मरण करता है और रात के एक-एक पहर परमेश्वर का ध्यान करता है तब वह सन्तुष्ट होकर परमेश्वर की स्तुति करता है।
Psalms 63:7
दाऊद कहाँ आनन्द करता है?
परमेश्वर के पँखों की छांव में दाऊद आनन्द करता है।
Psalms 63:8
दाऊद को थामने वाला कौन है?
परमेश्वर अपने दाहिने हाथ से दाऊद को थामकर रखता है।
Psalms 63:9
दाऊद के प्राण को नाश करने वालों का क्या होगा?
वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे और गीदड़ों का आहार हो जाएंगे।
Psalms 63:10
दाऊद के प्राण को नाश करने वालों का क्या होगा?
वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे और गीदड़ों का आहार हो जाएंगे।
Psalms 63:11
परमेश्वर की शपथ खाने वालों का क्या होगा?
परमेश्वर की शपथ खाने वाले बढ़ाई करने पाएंगे।
झूठ बोलनेवालों का क्या होगा?
परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा।
Psalms 64
Psalms 64:1
दाऊद परमेश्वर से क्या सुनने की याचना करता है?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि वह उसकी दोहाई सुने।
Psalms 64:2
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि उसे किससे छिपा ले?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि वह उसे कुकर्मियों के षड्यंत्र से और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से छिपा ले।
Psalms 64:3
दाऊद के शत्रुओं ने अपनी जीभ का क्या किया है?
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज किया है।
Psalms 64:4
वे किस पर वार करते हैं?
वे खरे मनुष्य पर वार करते हैं।
Psalms 64:5-6
दाऊद के शत्रु बुराई की योजना बनाते समय और फंदे लगाते समय क्या कहते हैं?
वे कहते हैं, "हमको कौन देखेगा?"
Psalms 64:7
परमेश्वर दाऊद के बैरियों के विरुद्ध कैसी प्रतिक्रिया दिखाएगा?
परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा और वे अचानक घायल हो जाएंगे।
Psalms 64:8
परमेश्वर के कार्य के द्वारा उसके शत्रुओं का क्या होगा?
वे ठोकर खाकर गिर पड़ेंगे और उनको देखने वाले सिर हिलाएंगे।
Psalms 64:9
दाऊद के शत्रुओं पर परमेश्वर के दण्ड को देख लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी?
सब लोग डर जाएंगे और परमेश्वर के कामों का बखान करेंगे और उसके कार्यक्रम को भली-भांति समझेंगे।
Psalms 64:10
धर्मी और सीधे मन वाले क्या करेंगे?
धर्मी परमेश्वर के कारण आनन्दित होकर उसके शरणागत हो जाएंगे और सीधे मन वाले बड़ाई करेंगे।
Psalms 65
Psalms 65:1-2
दाऊद किसके लिए कहता है कि मन्नतें पूरी की जाएंगी?
उनकी मन्नतें सिय्योन में परमेश्वर के लिए पूरी की जाएंगी।
Psalms 65:3
दाऊद के कथनानुसार परमेश्वर उनके अपराधों को क्या करेगा?
परमेश्वर उनके अपराधों को ढांप देगा।
Psalms 65:4
दाऊद किसे धन्य पुरुष कहता है?
क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसे परमेश्वर चुनकर अपने समीप आने देता है कि वह उसके आंगनो में वास करे और परमेश्वर के भवन के उत्तम पदार्थों से तृप्त हो।
Psalms 65:5-6
उनका उद्धार का परमेश्वर उनकी प्रार्थना का उत्तर कैसे देगा?
परमेश्वर धर्म से किए गए महान कामों के द्वारा उन्हें मुंह माँगा वर देगा।
Psalms 65:7
परमेश्वर क्या शान्त करता है?
परमेश्वर समुद्र का महा-शब्द, उसकी तरंगों का महा-शब्द और देश-देश के लोगों का कोलाहल शान्त करता है।
Psalms 65:8
परमेश्वर के चिन्हों का प्रमाण देखकर कौन डरेंगे?
दूर-दूर देशों के रहने वाले परमेश्वर के चिन्ह देखकर डर जाएंगे।
Psalms 65:9-10
दाऊद के अनुसार परमेश्वर पृथ्वी की सुधि कैसे लेता है?
परमेश्वर उसको सींचता है, वह उसको बहुत फलदायक करता है और मनुष्य के लिए अन्न उपजाने हेतु उसे तैयार करता है।
Psalms 65:11-12
परमेश्वर के रथों के निकल जाने पर पृथ्वी का क्या होता है?
उसके मार्गों में उत्तम पदार्थ पाए जाते हैं।
Psalms 65:13
चारागाहों में क्या फूट पड़ता है और तराइयां किससे ढंपी होती हैं?
चारागाहों में हरियाली फूट पड़ती है और तराइयां अन्न से ढंपी होती हैं।
Psalms 66
Psalms 66:1-2
लेखक संपूर्ण पृथ्वी को क्या करने के लिए कहता है?
लेखक कहता है, हे सारी पृथ्वी के लोगों, परमेश्वर के लिए जयजयकार करो, उसके नाम की महिमा का भजन गाओ, उसकी स्तुति करते हुए उसकी महिमा करो।
Psalms 66:3-5
परमेश्वर के बैरी किस कारण उसकी अधीनता स्वीकार करेंगे?
परमेश्वर के महा-सामर्थ्य के कारण उसके बैरी उसके अधीन हो जाएंगे।
Psalms 66:6-8
परमेश्वर ने मनुष्य के लिए कैसे अद्भुत काम किए?
परमेश्वर ने समुद्र को सूखी भूमि कर डाला, वे उस पर पांव-पांव पार उतरे।
Psalms 66:9
परमेश्वर अपने लोगों के जीवन में क्या करता है?
परमेश्वर अपने लोगों को जीवित रखता है और उनके पांवों को टलने नहीं देता है।
Psalms 66:10-11
परमेश्वर ने अपने लोगों को कैसे जांचा और उन्हें कहाँ पहुंचाया?
परमेश्वर ने उन्हें ऐसे जांचा जैसे चांदी ताई जाती है।
Psalms 66:12
परमेश्वर अपने लोगों को कहाँ लेकर आया?
परमेश्वर उन्हें सुखद स्थान में ले आया।
Psalms 66:13-14
लेखक परमेश्वर के भवन में क्या लेकर आएगा?
लेखक होमबलि लेकर परमेश्वर के भवन में आएगा।
Psalms 66:15
लेखक परमेश्वर के लिए क्या चढ़ाएगा?
लेखक परमेश्वर के लिए मोटे पशुओं की होमबलि, भेढ़ों, बैलों और बकरों की मनमोहक सुगन्ध चढ़ाएगा।
Psalms 66:16-17
लेखक परमेश्वर के सब डरवैयों को क्या सुनाएगा?
लेखक उनको सुनाएगा कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है।
Psalms 66:18-19
यदि लेखक अपने मन में अधर्म का विचार करता तो परमेश्वर क्या करता?
यदि लेखक मन में अधार्मिक विचार करता तो परमेश्वर उसकी नहीं सुनता।
Psalms 66:20
परमेश्वर किस बात से नहीं टला?
परमेश्वर लेखक की प्रार्थना सुनने से और अपनी करुणा से नहीं टला।
Psalms 67
Psalms 67:1
परमेश्वर अपने लोगों पर क्यों दयावान हो और क्यों उन्हें आशीष दे?
परमेश्वर अपने लोगों पर दयावान होकर उन्हें आशीष दे जिससे कि उसकी गति पृथ्वी पर और उसका किया हुआ उद्धार सारी जातियों में जाना जाए।
Psalms 67:2
परमेश्वर अपने लोगों पर क्यों दयावान हो और क्यों उन्हें आशीष दे?
परमेश्वर अपने लोगों पर दयावान होकर उन्हें आशीष दे जिससे कि उसकी गति पृथ्वी पर और उसका किया हुआ उद्धार सारी जातियों में जाना जाए।
Psalms 67:3
परमेश्वर की स्तुति कौन करे?
देश-देश के सब लोग उसकी स्तुति करें।
Psalms 67:4-5
देश-देश के लोग आनंद और जयजयकार क्यों करें?
देश-देश के लोग आनंद और जयजयकार करें क्योंकि परमेश्वर सब का न्याय धर्म से करता है और पृथ्वी की सब जातियों पर राज करता है।
Psalms 67:6
भूमि ने अपनी उपज क्यों दी है?
भूमि ने अपनी उपज दी क्योंकि परमेश्वर ने सब जातियों को आशीषित किया है।
Psalms 67:7
परमेश्वर ने सब जातियों को आशीषित किया इसलिए क्या होना चाहिए?
पृथ्वी के दूर-दूर के सब देशों के लोगों को उसका भय मानना चाहिए।
Psalms 68
Psalms 68:1-2
परमेश्वर के शत्रुओं और बैरियों के लिए दाऊद की क्या प्रार्थना है?
उसके शत्रु तितर-बितर हों और उसके बैरी उसके सामने से भाग जाएं।
Psalms 68:3-5
धर्मी जन क्या करें?
धर्मी जन आनंदित हों और प्रफुल्लित हों और परमेश्वर के समक्ष मगन हों।
Psalms 68:6
परमेश्वर अनाथों और बन्दियों के लिए क्या करता है?
परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है और बन्दियों को छुड़ाकर सम्पन्न करता है।
Psalms 68:7
परमेश्वर अपने लोगों के आगे-आगे चला तो आकाश और पृथ्वी ने क्या किया?
पृथ्वी कांप उठी और आकाश उसके सामने टपकने लगा।
Psalms 68:8
परमेश्वर अपने लोगों के आगे-आगे चला तो आकाश और पृथ्वी ने क्या किया?
पृथ्वी कांप उठी और आकाश उसके सामने टपकने लगा।
Psalms 68:9
परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए क्या भेजा?
परमेश्वर ने बहुतायत की वर्षा भेजी जिससे उसका निज भाग जो बहुत सूखा था हरा-भरा हो गया।
Psalms 68:10
परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए क्या भेजा?
परमेश्वर ने बहुतायत की वर्षा भेजी जिससे उसका निज भाग जो बहुत सूखा था हरा-भरा हो गया।
Psalms 68:11
बड़ी सेना ने क्या घोषणा की?
सेना ने परमेश्वर की आज्ञाओं की घोषणा की।
Psalms 68:12
जब राजा अपनी-अपनी सेना समेत भाग जाते हैं तब गृहणियां क्या करती हैं?
गृहणियां लूट को बांट लेती हैं।
Psalms 68:13-15
जब राजा अपनी-अपनी सेना समेत भाग जाते हैं तब गृहणियां क्या करती हैं?
गृहणियां लूट को बांट लेती हैं।
Psalms 68:16
पहाड़ी प्रदेश ईष्र्या से किस को देख रहे हैं?
वे उस पर्वत को घूरते हैं जिसे परमेश्वर ने अपने वास के लिए चाहा है, और जहां यहोवा सदा वास किए रहेगा।
Psalms 68:17-18
परमेश्वर के कितने रथ हैं?
परमेश्वर के रथ बीस हजार वरन् हजारों हजार हैं।
Psalms 68:19-21
परमेश्वर अपने लोगों के लिए प्रतिदिन क्या करता है?
परमेश्वर प्रतिदिन उनका बोझ उठाता है।
Psalms 68:22-23
परमेश्वर अपने लोगों को कहां से लौटा लाता है?
परमेश्वर उन्हें बाशान से निकाल लाएगा और गहरे सागर के तल से भी फेर लाएगा।
Psalms 68:24
पवित्र स्थान में परमेश्वर का जुलूस किस क्रम में था?
गाने वाले के आगे-आगे और तार वाले बाजे बजाने वाले उनके पीछे तथा चारों ओर कुमारियां डफ बजाती थीं।
Psalms 68:25
पवित्र स्थान में परमेश्वर का जुलूस किस क्रम में था?
गाने वाले के आगे-आगे और तार वाले बाजे बजाने वाले उनके पीछे तथा चारों ओर कुमारियां डफ बजाती थीं।
Psalms 68:26
सभा में परमेश्वर को कौन धन्य कहे और उसकी स्तुति करे?
इस्राएल के सच्चे वंशज परमेश्वर को धन्य कहें और उसकी स्तुति करें।
Psalms 68:27
सबसे छोटा गोत्र कौन सा था?
बिन्यामीन का गोत्र सबसे छोटा था।
Psalms 68:28-29
दाऊद परमेश्वर से अपने लोगों पर क्या प्रकट करने को कहता है?
दाऊद कहता है कि परमेश्वर पूर्वकाल के से सामर्थ्य के काम उन्हें दिखाए।
Psalms 68:30
दाऊद परमेश्वर से किसे झिड़कने को कहता है?
दाऊद परमेश्वर से कहता है कि वह बनैले पशुओं, सांडों के झुंड को और देश-देश के बछड़ों को झिड़क दे।
Psalms 68:31
मिस्र से कौन निकलकर आएगा?
मिस्र से अधिकारी आएंगे।
Psalms 68:32-33
परमेश्वर का गीत किसे गाना चाहिए?
पृथ्वी पर के राज्य-राज्य के लोग परमेश्वर का गीत गाएंगे।
Psalms 68:34
दाऊद कहता है कि सामर्थ्य किसका है?
दाऊद कहता है कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psalms 68:35
परमेश्वर मनुष्यों को क्या कहता है?
परमेश्वर अपने लोगों को सामर्थ्य और शक्ति प्रदान करता है।
Psalms 69
Psalms 69:1-2
दाऊद किससे सुरक्षा पाने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करता है?
दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे प्राण विनाशक जल से सुरक्षित करे।
Psalms 69:3
दाऊद अपने परमेश्वर की बाट जोहता है तो उसे क्या होता है?
वह पुकारते-पुकारते थक गया, उसका गला सूख गया, उसकी आंखें धुंधली पड़ गईं।
Psalms 69:4
दाऊद से घृणा करने वाले शत्रु कितने हैं?
वे उसके सिर के बालों से अधिक हैं।
Psalms 69:5
परमेश्वर दाऊद के बारे में क्या जानता है?
परमेश्वर दाऊद की मूढ़ता को जानता है और उसके दोष परमेश्वर से छिपे नहीं हैं।
Psalms 69:6-8
परमेश्वर के खोजियों और उसकी बाट जोहने वालों के लिए दाऊद क्या चाहता है कि उनके साथ न हो?
दाऊद के कारण उनकी आशा न टूटे और उनके मुंह काले न हों।
Psalms 69:9
दाऊद किस कारण जलता था?
दाऊद परमेश्वर के भवन की धुन में जलते-जलते भस्म हुआ था।
Psalms 69:10
दाऊद ने अपनी ताड़ना के लिए क्या किया?
दाऊद रोकर और उपवास करके दुख उठाता था।
Psalms 69:11
दाऊद दृष्टान्त कब बन गया था?
जब दाऊद ने टाट पहना तब वह एक दृष्टान्त बन गया था।
Psalms 69:12
दाऊद दृष्टान्त कब बन गया था?
जब दाऊद ने टाट पहना तब वह एक दृष्टान्त बन गया था।
Psalms 69:13-15
दाऊद यहोवा से अपनी प्रार्थना का उत्तर कैसा चाहता था?
दाऊद चाहता था कि यहोवा अपनी करुणा की बहुतायत से बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार उसे उत्तर दे।
Psalms 69:16-17
दाऊद यहोवा से प्रार्थना के कैसे उत्तर की आशा करता है?
दाऊद आशा करता है कि परमेश्वर अपनी दया के बहुतायत के अनुसार उसको उत्तर दे।
Psalms 69:18-20
दाऊद अपने शत्रुओं के कारण यहोवा से क्या चाहता है कि वह करे?
दाऊद चाहता था कि यहोवा उसके निकट आकर उसे छुड़ा ले।
Psalms 69:21
दाऊद के शत्रुओं ने उसे क्या खाने और पीने को दिया?
दाऊद के शत्रुओं ने उसे खाने के लिए विष और पीने के लिए सिरका दिया।
Psalms 69:22-24
दाऊद अपने शत्रुओं की मेज के लिए क्या कामना करता है?
दाऊद चाहता था कि उनके भोजन की मेज उनके लिए फंदा और जाल बन जाए।
Psalms 69:25-26
दाऊद अपने शत्रुओं की छावनी के लिए क्या कामना करता है?
दाऊद चाहता था कि उनकी छावनी उजड़ जाए और उनके डेरों में कोई न रहे।
Psalms 69:27-29
दाऊद यहोवा से क्या याचना करता है कि उसके शत्रुओं को दोषी ठहराए?
दाऊद चाहता है कि यहोवा उसके शत्रुओं को अधर्म पर अधर्म बड़ा कर दोष दे।
Psalms 69:30
बैल वरन् सींग और खुरवाले बैल से अधिक यहोवा को क्या भाता है?
गीत गाकर यहोवा के नाम की स्तुति करना और धन्यवाद करना यहोवा को अधिक भाता है।
Psalms 69:31-32
बैल वरन् सींग और खुरवाले बैल से अधिक यहोवा को क्या भाता है?
गीत गाकर यहोवा के नाम की स्तुति करना और धन्यवाद करना यहोवा को अधिक भाता है।
Psalms 69:33
यहोवा दरिद्रों और अपने लोगों में बन्दियों को कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
यहोवा दरिद्रों की ओर ध्यान लगाता है और अपने बन्दियों को तुच्छ नहीं जानता है।
Psalms 69:34
दाऊद किसके लिए कहता है कि परमेश्वर की स्तुति करें?
दाऊद कहता है कि स्वर्ग और पृथ्वी उसकी स्तुति करें और समुद्र अपने सब जीव जन्तुओं समेत उसकी स्तुति करें।
Psalms 69:35
परमेश्वर सिय्योन और यहूदा के नगरों का क्या करेगा?
परमेश्वर सिय्योन का उद्धार करेगा और यहूदा के नगरों को फिर बसाएगा और लोग फिर बसकर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
Psalms 69:36
परमेश्वर सिय्योन और यहूदा के नगरों का क्या करेगा?
परमेश्वर सिय्योन का उद्धार करेगा और यहूदा के नगरों को फिर बसाएगा और लोग फिर बसकर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
Psalms 70
Psalms 70:1
दाऊद परमेश्वर से क्या करने की याचना करता है?
दाऊद परमेश्वर से याचना करता है कि उसे छुड़ाने के लिए और उसकी सहायता करने के लिए फुर्ती करे।
Psalms 70:2
अपने प्राण के खोजियों के लिए परमेश्वर से क्या कहता है?
उनकी आशा टूटे और मुंह काला हो जाए, वे पीछे हटाए और अपमानित किए जाएं।
Psalms 70:3
अपने प्राण के खोजियों के लिए परमेश्वर से क्या कहता है?
उनकी आशा टूटे और मुंह काला हो जाए, वे पीछे हटाए और अपमानित किए जाएं।
Psalms 70:4
दाऊद यहोवा के सब खोजियों से क्या करने को कहता है?
दाऊद चाहता है कि वे सब हर्षित और आनंदित हों और कहें, "परमेश्वर की बड़ाई हो!"
Psalms 70:5
दाऊद दीन और दरिद्र है इसलिए वह परमेश्वर से क्या चाहता है?
दाऊद चाहता है कि वह अविलम्ब उसकी सहायता करे और उसको छुड़ाए।
Psalms 71
Psalms 71:2
लेखक यहोवा से क्या कहता है कि वह उससे चाहता है?
लेखक चाहता है कि परमेश्वर उसे छुड़ाए और उसका उद्धार करे, उसकी ओर कान लगाए और उसका उद्धार करे।
Psalms 71:3
लेखक क्या चाहता है कि यहोवा उसके लिए हो?
लेखक चाहता है कि यहोवा उसकी चट्टान और उसका गढ़ हो।
Psalms 71:4
लेखक किसके हाथ से छुड़ाया जाना चाहता है?
लेखक दुष्ट के और कुटिल तथा क्रूर मनुष्य के हाथ से छुड़ाया जाना चाहता है।
Psalms 71:5-6
लेखक कब से यहोवा पर भरोसा रखता है?
लेखक बचपन से ही यहोवा पर भरोसा रखता आया है।
Psalms 71:7
लेखक अनेकों के लिए क्या बन गया है?
वह बहुतों के लिए उदाहरण बन गया है।
Psalms 71:8
लेखक दिन भर अपने मुंह से क्या करता है?
लेखक दिन भी परमेश्वर का गुणानुवाद और शोभा का वर्णन करता है।
Psalms 71:9
जब लेखक बूढ़ा हो जाए और उसका बल घट जाए तब परमेश्वर उसके साथ क्या न करे
परमेश्वर उसे छोड़ न दे और त्याग न दे।
Psalms 71:10
लेखक के बैरी उसके विरूद्ध षड्यंत्र रचते समय क्या कहते हैं?
वे कहते हैं, "परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है, उसका पीछा करके उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नही।"
Psalms 71:11-12
लेखक के बैरी उसके विरूद्ध षड्यंत्र रचते समय क्या कहते हैं?
वे कहते हैं, "परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है, उसका पीछा करके उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नही।"
Psalms 71:13-14
लेखक अपने प्राण के विरोधियों के लिए क्या कहता है?
लेखक चाहता है कि उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए, वे नाम धराई और अनादर में न गड़ जाएं।
Psalms 71:15-16
लेखक यहोवा के बारे में अपने मुंह से क्या कहेगा?
वह अपने मुंह से यहोवा के धर्म का और उसके उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहेगा।
Psalms 71:17
यहोवा लेखक को त्याग क्यों न दे?
यहोवा लेखक को त्याग न दे क्योंकि वह अगली पीढ़ी में उसके पराक्रम का वर्णन करता आया है और वह हर एक उत्पन्न होने वाले से उसके सामर्थ्य की चर्चा करता आया है।
Psalms 71:18
यहोवा लेखक को त्याग क्यों न दे?
यहोवा लेखक को त्याग न दे क्योंकि वह अगली पीढ़ी में उसके पराक्रम का वर्णन करता आया है और वह हर एक उत्पन्न होने वाले से उसके सामर्थ्य की चर्चा करता आया है।
Psalms 71:19-20
लेखक किसके लिए कहता है कि अति महान है?
परमेश्वर का धर्म अति महान है।
Psalms 71:21
लेखक अपनी वीणा पर किस का धन्यवाद करता है?
वह परमेश्वर की सच्चाई का धन्यवाद देगा।
Psalms 71:22
लेखक अपनी वीणा पर किस का धन्यवाद करता है?
वह परमेश्वर की सच्चाई का धन्यवाद देगा।
Psalms 71:23
लेखक अपने मुंह से दिन भर क्या करेगा?
लेखक परमेश्वर के धर्म की चर्चा दिन भर करता रहेगा।
Psalms 71:24
लेखक अपने मुंह से दिन भर क्या करेगा?
लेखक परमेश्वर के धर्म की चर्चा दिन भर करता रहेगा।
Psalms 72
Psalms 72:1-4
सुलैमान राजा और उसके पुत्र के लिए परमेश्वर से क्या मांगता है?
सुलैमान परमेश्वर से कहता है कि वह राजा को अपने नियम बताए और राजपुत्र को अपना धर्म सिखाए।
Psalms 72:5
सुलैमान कब तक चाहता है कि मनुष्य यहोवा का भय माने
जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहें तब तक लोग पीढ़ी-पीढ़ी परमेश्वर का भय मानते रहें।
Psalms 72:6-7
सुलैमान राजा के दिन कैसे चाहता था?
सुलैमान चाहता था कि राजा के दिन कटी हुई घास पर मेंह और भूमि सींचने वाली झाड़ियों के समान हों।
Psalms 72:8-10
राजा की प्रभुता कहां तक हो?
उसकी प्रभुता समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक हो।
Psalms 72:11-12
सब राजा और जाति-जाति के लोग राजा के समक्ष क्या करें?
सब राजा और जाति-जाति के लोग उसे दण्डवत् करें और उसके अधीन हो जाएं।
Psalms 72:13-15
राजा दरिद्र और असहाय मनुष्यों के साथ कैसा व्यवहार करे?
वह दरिद्र और दुखी पर दया करे और असहाय मनुष्य का उद्धार करे।
Psalms 72:16
राजा पर परमेश्वर की आशिषों के चिन्ह क्या होंगे?
देश में बहुत सा अन्न होगा और नगरवासी लहलहायेंगे।
Psalms 72:17
सुलैमान राजा का नाम कितने समय तक बने रहने की कामना करता है?
सुलैमान की मनोकामना थी कि राजा का नाम सदा-सर्वदा बना रहे और जब तक सूर्य बना रहे उसका नाम नित्य नया होता रहे।
Psalms 72:18-20
यहोवा अकेला ही क्या कर सकता है?
यहोवा अकेला ही है जो आश्चर्यकर्म कर सकता है।
Psalms 73
Psalms 73:1
परमेश्वर किसके लिए भला है?
परमेश्वर इस्राएल के लिए शुद्ध मन वालों के लिए भला है।
Psalms 73:2
आसाप का पांव फिसलने ही पर क्यों था?
आसाप ने दुष्टों का कुशल देखा और घमण्डियों के विषय डाह किया तो उसके पांव फिसलने ही पर थे
Psalms 73:3
आसाप का पांव फिसलने ही पर क्यों था?
आसाप ने दुष्टों का कुशल देखा और घमण्डियों के विषय डाह किया तो उसके पांव फिसलने ही पर थे
Psalms 73:4
आसाप घमण्डी और दुष्ट का वर्णन कैसे करता है?
उनकी मृत्यु में वेदनाएं नहीं होतीं, उनका बल अटूट रहता है, उन्हें कष्ट नहीं होता, अन्य मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती।
Psalms 73:5
आसाप घमण्डी और दुष्ट का वर्णन कैसे करता है?
उनकी मृत्यु में वेदनाएं नहीं होतीं, उनका बल अटूट रहता है, उन्हें कष्ट नहीं होता, अन्य मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती।
Psalms 73:6
दुष्ट के लिए अहंकार और उपद्रव कैसा है?
अहंकार उसके गले का हार और उपद्रव उसका ओढ़ना है।
Psalms 73:7
दुष्ट के अन्धेपन का परिणाम क्या होता है?
उसके अन्धेपन का परिणाम पाप और बुरी कल्पनाएं हैं।
Psalms 73:8
दुष्ट क्या कहता है?
वे ठट्ठा करते, अन्धेर की बातें बोलते, डींग मारते हैं और स्वर्ग विरोधी बातें करते हैं।
Psalms 73:9-10
दुष्ट क्या कहता है?
वे ठट्ठा करते, अन्धेर की बातें बोलते, डींग मारते हैं और स्वर्ग विरोधी बातें करते हैं।
Psalms 73:11-12
दुष्ट परमेश्वर के बारे में क्या कहते हैं?
वे कहते हैं, "परमेश्वर कैसे जानता है क्या परमप्रधान में कुछ ज्ञान है?"
Psalms 73:13
आसाप को ऐसा क्यों लगता है कि उसने व्यर्थ ही अपने को शुद्ध क्यों किया?
उसे ऐसा इसलिए लगता है कि वह दिन भर खाता आया है और प्रति भोर को उसकी ताड़ना होती आई है।
Psalms 73:14
आसाप को ऐसा क्यों लगता है कि उसने व्यर्थ ही अपने को शुद्ध क्यों किया?
उसे ऐसा इसलिए लगता है कि वह दिन भर खाता आया है और प्रति भोर को उसकी ताड़ना होती आई है।
Psalms 73:15
यदि आसाप ऐसी बातें करेगा तो क्या होगा?
वह परमेश्वर की सन्तान की पीढ़ी के साथ विश्वासघात करेगा।
Psalms 73:16
आसाप इन बातों की समझ प्राप्त करने कहाँ गया था?
आसाप परमेश्वर के पवित्र स्थान में गया था।
Psalms 73:17-18
आसाप इन बातों की समझ प्राप्त करने कहाँ गया था?
आसाप परमेश्वर के पवित्र स्थान में गया था।
Psalms 73:19-21
दुष्ट का पल-भर में क्या होगा?
दुष्ट पल-भर में उजड़ जाएंगे।
Psalms 73:22-23
आसाप स्वयं को परमेश्वर के समक्ष किसके तुल्य कहता है?
वह परमेश्वर की उपस्थिति में पशु सरीखा है।
Psalms 73:24
परमेश्वर आसाप को सम्मति देकर मार्गदर्शन प्रदान करने के बाद क्या करेगा?
परमेश्वर उसे अपनी महिमा में अपने पास रखेगा।
Psalms 73:25-26
आसाप की इस पृथ्वी पर एकमात्र लालसा क्या है?
उसकी एकमात्र लालसा स्वर्ग का परमेश्वर है।
Psalms 73:27
कौन नष्ट हो जाएगा?
जो परमेश्वर से दूर रहते हैं वे नष्ट हो जाएंगे और जो कोई परमेश्वर से विश्वासघात करेगा उसको परमेश्वर नाश कर देगा।
Psalms 73:28
आसाप को एकमात्र क्या करने की आवश्यकता है?
उसका एकमात्र काम है कि वह परमेश्वर के समीप रहे।
Psalms 74
Psalms 74:2-3
आसाप परमेश्वर से क्या स्मरण रखने को कहता है?
आसाप परमेश्वर से कहता है कि वह स्मरण रखे कि उसने उन्हें प्राचीनकाल में मोल लिया था और अपना निज भाग होने के लिए छुड़ा लिया था।
Psalms 74:4
शत्रु ने पवित्र स्थान में क्या किया था?
वे परमेश्वर के पवित्र स्थान के बीच गरजते रहे, उन्होंने अपनी ही ध्वजाओं को चिन्ह ठहराया, उन्होंने परमेश्वर के भवन की नवकाशी को कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से तोड़ डाला।
Psalms 74:5
शत्रु ने पवित्र स्थान में क्या किया था?
वे परमेश्वर के पवित्र स्थान के बीच गरजते रहे, उन्होंने अपनी ही ध्वजाओं को चिन्ह ठहराया, उन्होंने परमेश्वर के भवन की नवकाशी को कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से तोड़ डाला।
Psalms 74:6
शत्रु ने पवित्र स्थान में क्या किया था?
वे परमेश्वर के पवित्र स्थान के बीच गरजते रहे, उन्होंने अपनी ही ध्वजाओं को चिन्ह ठहराया, उन्होंने परमेश्वर के भवन की नवकाशी को कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से तोड़ डाला।
Psalms 74:7
उन्होंने पवित्र स्थान में और क्या किया?
उन्होंने उसमें आग लगा दी और उसे गिराकर अशुद्ध कर डाला।
Psalms 74:8
उन्होंने परमेश्वर के सब सभा स्थलों का क्या किया?
उन्होंने संपूर्ण देश में परमेश्वर के सभा स्थलों को फूंक दिया।
Psalms 74:9-11
परमेश्वर को लोगों को अब क्या दिखाई नहीं देता है?
उन्हें अब कोई चमत्कारी चिन्ह दिखाई नहीं देते और कोई नबी भी नहीं रहा।
Psalms 74:12
प्राचीन युग से ऐसे क्या चिन्ह हैं कि परमेश्वर आसाप का राजा है?
परमेश्वर ने समुद्र को दो भाग कर दिया और जल में मगरमच्छों के सिरों को फोड़ डाला।
Psalms 74:13
प्राचीन युग से ऐसे क्या चिन्ह हैं कि परमेश्वर आसाप का राजा है?
परमेश्वर ने समुद्र को दो भाग कर दिया और जल में मगरमच्छों के सिरों को फोड़ डाला।
Psalms 74:14-15
परमेश्वर ने लिब्यातानों का क्या किया?
परमेश्वर ने लिब्यातानों के सिरों के टुकड़े-टुकड़े करके जंगली जन्तुओं को खिला दिए।
Psalms 74:16
परमेश्वर ने किसको अपने स्थान में स्थिर किया?
परमेश्वर ने सूर्य और चन्द्रमा को अपने-अपने स्थान में स्थिर किया और पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया।
Psalms 74:17
परमेश्वर ने किसको अपने स्थान में स्थिर किया?
परमेश्वर ने सूर्य और चन्द्रमा को अपने-अपने स्थान में स्थिर किया और पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया।
Psalms 74:18-19
आसाप शत्रु का कौन सा काम यहोवा को स्मरण कराना चाहता है?
उन्होंने परमेश्वर की नामधराई की और उसके नाम की निन्दा की।
Psalms 74:20-21
आसाप परमेश्वर से क्यों कहता है कि वह अपनी वाचा को स्मरण करे?
आसाप चाहता है कि परमेश्वर अपनी वाचा को स्मरण करे क्योंकि पृथ्वी अत्याचार के घरों से भरी हुई है।
Psalms 74:22-23
आसाप परमेश्वर से किसकी रक्षा करने को कहता है?
आसाप परमेश्वर से कहता है कि वह उठकर अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करे।
Psalms 75
Psalms 75:1
मनुष्य किस बात का धन्यवाद देते हैं?
वे धन्यवाद देते हैं क्योंकि परमेश्वर अपनी उपस्थिति प्रकट करता है।
Psalms 75:2
परमेश्वर निश्चित समय पर क्या करता है?
परमेश्वर निश्चित समय पर ठीक-ठीक न्याय करेगा और उसके खम्भों को स्थिर करेगा।
Psalms 75:3
परमेश्वर निश्चित समय पर क्या करता है?
परमेश्वर निश्चित समय पर ठीक-ठीक न्याय करेगा और उसके खम्भों को स्थिर करेगा।
Psalms 75:4
आसाप अहंकारियों और दुष्टों से क्या नहीं करने को कहता है?
आसाप घमंडियों से कहता है कि वे घमंड नहीं करें और दुष्टों से कहता है कि सिर उठाकर ढिठाई की बात न बोलें।
Psalms 75:5-6
आसाप अहंकारियों और दुष्टों से क्या नहीं करने को कहता है?
आसाप घमंडियों से कहता है कि वे घमंड नहीं करें और दुष्टों से कहता है कि सिर उठाकर ढिठाई की बात न बोलें।
Psalms 75:7
आसाप परमेश्वर के बारे में क्या कहता है?
आसाप कहता है कि परमेश्वर न्यायी है वह एक को घटता और दूसरे को बढ़ाता है।
Psalms 75:8
दुष्ट परमेश्वर के हाथ में झाग वाले मदिरा के कटोरे का क्या करेंगे?
वे तलछट तक वह दाखमधु पी जाएंगे।
Psalms 75:9
आसाप याकूब के परमेश्वर की स्तुति कैसे करेगा?
वह लगातार परमेश्वर के कामों का वर्णन करेगा और उसका भजन गाएगा।
Psalms 75:10
परमेश्वर दुष्ट जन और धर्मी जन के सींग के लिए क्या करने की बात करता है?
परमेश्वर दुष्ट के सींग को काट डालेगा परन्तु धर्मी का सींग ऊँचा करेगा।
Psalms 76
Psalms 76:2-3
यहूदा के परमेश्वर का निवास स्थान कहाँ है?
उसका निवास स्थान सिय्योन में है।
Psalms 76:4-5
पर्वतों से उतरते समय परमेश्वर कैसा दिखता है?
परमेश्वर प्रचण्ड ज्योति सा महिमा प्रकट करता है।
Psalms 76:6-7
याकूब के परमेश्वर ने शत्रुओं को घुड़का तब क्या हुआ?
उसकी घुड़की पर घोड़े और सवार सब मर गए।
Psalms 76:8-9
स्वर्ग से निर्णय सुनाया गया तब क्या हुआ?
पृथ्वी सुनकर डर गई और चुप रही।
Psalms 76:10
परमेश्वर के शत्रुओं को उसने क्रोध में दण्ड दिया तब क्या हुआ?
शत्रुओं को उसका क्रोध-पूर्ण दण्ड उसकी स्तुति का कारण हुआ।
Psalms 76:11
मनुष्य परमेश्वर के लिए मन्नतें मानें तो क्या करें?
वे उन्हें पूरा करें।
Psalms 76:12
पृथ्वी के प्रधान और राजा यहोवा के समक्ष कैसी प्रतिक्रिया दिखाते हैं?
प्रधानों का अभिमान नष्ट हो जाता है और राजाओं को भय योग्य जान पड़ता है।
Psalms 77
Psalms 77:2
संकट के दिन आसाप ने क्या किया?
संकट के दिन वह प्रभु की खोज में लगा रहा और पूरी रात प्रार्थना करता रहा और अपने हाथ फैलाए रखे।
Psalms 77:3-4
संकट के दिन आसाप ने क्या किया?
संकट के दिन वह प्रभु की खोज में लगा रहा और पूरी रात प्रार्थना करता रहा और अपने हाथ फैलाए रखे।
Psalms 77:5
आसाप रात में सो नहीं पा रहा था तो उसके मन में क्या विचार आए?
वह प्राचीनकाल के दिनों और युग-युग के वर्षों के बारे में सोचने लगा।
Psalms 77:6-9
आसाप ने रात के समय किस बात का स्मरण किया?
उसे अपना वह गीत स्मरण हुआ जो उसने कभी गाया था।
Psalms 77:10
आसाप का दुःख क्या था?
उसको दुःख इस बात का था कि परमेश्वर का दाहिना हाथ जो उसके और उसके लोगों के लिए था बदल गया।
Psalms 77:11-12
आसाप परमेश्वर के कौन से कामों का ध्यान कर रहा था?
वह यहोवा के प्राचीनकाल के अद्भुत कामों का ध्यान कर रहा था।
Psalms 77:13
यहोवा अन्य देवताओं से भिन्न कैसे है?
परमेश्वर असाधारण है वह आश्चर्यकर्म करता है, वह अपनी शक्ति प्रकट करता है और वह अपनी प्रजा को विजयी बनाता है।
Psalms 77:14
यहोवा अन्य देवताओं से भिन्न कैसे है?
परमेश्वर असाधारण है वह आश्चर्यकर्म करता है, वह अपनी शक्ति प्रकट करता है और वह अपनी प्रजा को विजयी बनाता है।
Psalms 77:15
यहोवा अन्य देवताओं से भिन्न कैसे है?
परमेश्वर असाधारण है वह आश्चर्यकर्म करता है, वह अपनी शक्ति प्रकट करता है और वह अपनी प्रजा को विजयी बनाता है।
Psalms 77:16
प्रकृति ने परमेश्वर को कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
समुद्र परमेश्वर को देखकर डर गया, गहरा सागर भी कांप उठा, मेघों से बड़ी वर्षा हुई, और आकाश से शब्द हुआ।
Psalms 77:17
प्रकृति ने परमेश्वर को कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
समुद्र परमेश्वर को देखकर डर गया, गहरा सागर भी कांप उठा, मेघों से बड़ी वर्षा हुई, और आकाश से शब्द हुआ।
Psalms 77:18
परमेश्वर का मार्ग कहाँ गया?
उसका मार्ग समुद्र में है, उसका रास्ता गहरे जल में हुआ और उसके पांव के चिन्ह दिखाई नहीं देते।
Psalms 77:19
परमेश्वर का मार्ग कहाँ गया?
उसका मार्ग समुद्र में है, उसका रास्ता गहरे जल में हुआ और उसके पांव के चिन्ह दिखाई नहीं देते।
Psalms 77:20
परमेश्वर का मार्ग कहाँ गया?
उसका मार्ग समुद्र में है, उसका रास्ता गहरे जल में हुआ और उसके पांव के चिन्ह दिखाई नहीं देते।
Psalms 78
Psalms 78:2-3
आसाप अपने लोगों को शिक्षा कैसे देगा?
वह अपना मुंह नीतिवचन कहने के लिए खोलेगा और प्राचीनकाल की गुप्त बातें कहेगा।
Psalms 78:4-5
आसाप अगली पीढ़ी के लिए क्या करेगा?
वह अगली पीढ़ी के लिए यहोवा का गुणानुवाद और उसके सामर्थ्य और आश्चर्यकर्मों का वर्णन करेगा।
Psalms 78:6
यहोवा ने आसाप के पूर्वजों को क्यों आज्ञा दी कि वे अपनी सन्तान को परमेश्वर की व्यवस्था की शिक्षा दें?
परमेश्वर ने उन्हें यह आज्ञा दी कि आने वाली पीढ़ी को उसकी व्यवस्था का ज्ञान हो और वह पीढ़ी अपनी आने वाली पीढ़ी को उसकी शिक्षा दें।
Psalms 78:7
आसाप के पूर्वजों के लिए परमेश्वर की व्यवस्था का ज्ञान अपनी सन्तान को देना महत्वपूर्ण क्यों था?
यह महत्वपूर्ण था अन्यथा वे भी अपने पूर्वजों के समान हठीले और बलवा करने वाले हो जाएं।
Psalms 78:8-9
आसाप के पूर्वजों के लिए परमेश्वर की व्यवस्था का ज्ञान अपनी सन्तान को देना महत्वपूर्ण क्यों था?
यह महत्वपूर्ण था अन्यथा वे भी अपने पूर्वजों के समान हठीले और बलवा करने वाले हो जाएं।
Psalms 78:10-13
एप्रैमियों ने परमेश्वर की दृष्टि में बुरा क्या किया?
उन्होंने परमेश्वर की वाचा पूरी नहीं कि और उसकी व्यवस्था पर चलने से इन्कार किया।
Psalms 78:14-17
परमेश्वर ने उनके पूर्वजों की अगुवाई कैसे की थी?
उसने दिन में बादल के खम्भे से और रातभर अग्नि के प्रकाश के द्वारा उनकी अगुवाई की थी।
Psalms 78:18
इस्राएल ने परमेश्वर को क्या चुनौती दी?
उन्होंने अपने मन में परमेश्वर को चुनौती दी कि क्या वह उनको तृप्त करने के लिए भोजन दे सकता है।
Psalms 78:19-21
इस्राएल ने परमेश्वर के विरुद्ध क्या कहा
उन्होंने कहा, "क्या परमेश्वर जंगल में मेज़ लगा सकता है?"
Psalms 78:22
परमेश्वर ने क्रोध में आकर इस्राएल को दण्ड क्यों दिया?
उन्होंने परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया और उसके उद्धारक सामर्थ्य पर भरोसा नहीं रखा, इस कारण परमेश्वर का क्रोध भड़क उठा था।
Psalms 78:23
यद्यपि इस्राएलियों ने विश्वास नहीं किया, परमेश्वर ने उनके लिए कैसे प्रबन्ध किया?
परमेश्वर ने उनके लिए खाने को मन्ना और मांस धूल के समान बहुत बरसाया और वे खाकर तृप्त हुए।
Psalms 78:24-30
यद्यपि इस्राएलियों ने विश्वास नहीं किया, परमेश्वर ने उनके लिए कैसे प्रबन्ध किया?
परमेश्वर ने उनके लिए खाने को मन्ना और मांस धूल के समान बहुत बरसाया और वे खाकर तृप्त हुए।
Psalms 78:31-33
परमेश्वर ने क्रोधित होकर इस्राएल के साथ क्या किया?
परमेश्वर ने उनके हष्ट-पुष्टों को घात किया और इस्राएल के जवानों को गिरा दिया।
Psalms 78:34-36
जब परमेश्वर उन्हें दण्ड देता था तब वे क्या करते थे?
वे उसकी खोज करते और लौटकर उसको स्मरण करते कि वही उनकी चट्टान है।
Psalms 78:37
इस्राएलियों का मन परमेश्वर के प्रति कैसा था?
उनका मन परमेश्वर की ओर दृढ़ न था और वे उसकी वाचा के प्रति सच्चे नहीं थे।
Psalms 78:38-43
परमेश्वर इस्राएलियों पर दया कैसे करता था?
वह उनके अपराधों को क्षमा कर देता और उनको नष्ट नहीं करता था क्योंकि उसे स्मरण था कि वे नाशमान प्राणी हैं।
Psalms 78:44-50
परमेश्वर ने मिस्रियों की नदियों को क्या कर दिया था?
परमेश्वर ने उनका पानी लहू में बदल दिया था, वे पानी नहीं पी सकते थे।
Psalms 78:51
परमेश्वर ने मिस्रियों के पहलौठों का क्या किया था?
उसने मिस्र के सब पहलौठों को जो हाम के डेरों के पौरुष के पहले फल थे, नष्ट कर दिया था।
Psalms 78:52-54
परमेश्वर ने अपने लोगों की अगुवाई कैसे की?
उसने अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों के समान प्रस्थान कराया और जंगल में उनकी अगुवाई पशुओं के झुण्ड की सी की।
Psalms 78:55-56
परमेश्वर ने विजातियों का क्या किया?
परमेश्वर ने उन्हें भगाकर इस्राएल के गोत्रों को वहाँ बसाया।
Psalms 78:57
इस्राएलियों ने अपने पूर्वजों के सदृश्य क्या किया?
उन्होंने अपने पूर्वजों के समान विश्वासघात किया और धोखा दिया
Psalms 78:58-61
इस्राएल ने परमेश्वर को किस बात से क्रोध दिलाया?
उन्होंने मूरतों और ऊँचे स्थानों द्वारा परमेश्वर में जलन और क्रोध उपजाया।
Psalms 78:62
परमेश्वर ने उन्हें किसको सौंप दिया?
परमेश्वर ने उन्हें तलवार से मरवा दिया और उनके जवान आग से भस्म हुए।
Psalms 78:63-67
परमेश्वर ने उन्हें किसको सौंप दिया?
परमेश्वर ने उन्हें तलवार से मरवा दिया और उनके जवान आग से भस्म हुए।
Psalms 78:68-69
परमेश्वर ने इस्राएल में कौन सा गोत्र चुना था?
परमेश्वर ने यहूदा के गोत्र को अपने प्रिय सिय्योन पर्वत को चुन लिया था।
Psalms 78:70-72
इस्राएल का चरवाहा होने के लिए परमेश्वर ने किसको चुना था?
उसने अपने दास दाऊद को चुनकर भेड़शालाओं में से लिया।
Psalms 79
Psalms 79:1-3
अन्य जातियों ने इस्राएल में प्रवेश करके क्या किया?
उन्होंने परमेश्वर के पवित्र मन्दिर को अशुद्ध किया और यरुशलेम को खण्डहर बना दिया।
Psalms 79:4-5
पड़ोसियों के मध्य इस्राएल की क्या दशा थी?
पड़ोसियों के बीच उनकी नामधराई होती थी और उनके परिवेश की जातियाँ उन हंसती थी और उनका ठट्ठा करती थीं।
Psalms 79:6-7
आसाप किस पर परमेश्वर के क्रोध के उण्डेले जाने के लिए कहता है?
आसाप परमेश्वर से कहता है कि जो जातियां उसको नहीं जानती और जिन राज्यों के लोग परमेश्वर से प्रार्थना नहीं करते उन्हीं पर परमेश्वर क्रोध करे।
Psalms 79:8-9
आसाप परमेश्वर से किस बात को स्मरण नहीं करने की याचना करता है?
आसाप परमेश्वर से याचना करता है कि वह उनके पूर्वजों के अधर्म के कामों का बदला उनसे न ले।
Psalms 79:10-12
आसाप विजातियों को क्या कहने का अवसर नहीं देना चाहता है?
आसाप नहीं चाहता कि अन्यजातियाँ कहने पाएं, "उनका परमेश्वर कहाँ रहा?"
Psalms 79:13
आसाप इस्राएल को परमेश्वर का क्या कहता है?
आसाप कहता है कि इस्राएल परमेश्वर की प्रजा और उसकी चराई की भेड़े हैं।
Psalms 80
Psalms 80:1
लेखक इस्राएल के चरवाहे से क्या करने की याचना करता है?
लेखक इस्राएल के चरवाहे से याचना करता है कि वह अपना कान लगाए और अपना तेज दिखाए।
Psalms 80:2
लेखक इस्राएल के चरवाहे से एप्रैम, बिन्यामीन, मनश्शे के सामने क्या दिखाने की याचना करता है?
लेखक याचना करता है कि वह अपना पराक्रम दिखाकर उनका उद्धार करने के लिए आए।
Psalms 80:3
लेखक परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
लेखक की प्रार्थना है कि परमेश्वर उन्हें ज्यों का त्यों कर दे, अपने मुख का प्रकाश उन पर चमकाए तो उनका उद्धार हो जाएगा।
Psalms 80:4
जब परमेश्वर के लोगों ने प्रार्थना की तो परमेश्वर ने क्या किया?
वह उनसे क्रोधित ही रहा।
Psalms 80:5
परमेश्वर ने उन्हें खाने को और पीने को क्या दिया?
परमेश्वर ने उन्हें आँसू ही खिलाए और पिलाए।
Psalms 80:6
इस्राएल के पड़ोसी और उनके शत्रु उनके साथ कैसा व्यवहार कर रहे थे?
उनके पड़ोसी उनसे झगड़ रहे थे और मनमाना ठट्ठा कर रहे थे।
Psalms 80:7
जब परमेश्वर उनको ज्यों का त्यों कर देगा और अपने मुख का प्रकाश उन पर चमकाएगा तब क्या होगा?
उस समय इस्राएल का उद्धार हो जाएगा।
Psalms 80:8
सेनाओं के परमेश्वर ने उस दाखलता का क्या किया जिसे वह मिस्र से ले आया था?
परमेश्वर ने अन्य जातियों को निकालकर उसे वहाँ रोपित कर दिया।
Psalms 80:9-10
परमेश्वर ने उस दाखलता को रोपित करने के लिए क्या किया?
परमेश्वर ने उसके लिए स्थान तैयार किया।
Psalms 80:11
उस दाखलता की शाखाएं कहाँ तक फैल गई थीं?
उसकी छाया पहाड़ों तक फैल गई और उसकी डालियां ऊँचे-ऊँचे देवदारों के तुल्य हो गईं।
उस दाखलता की शाखाएं और अंकुर कहाँ तक पहुंचे थे?
उसकी शाखाएं समुद्र तक और उसके अंकुश महानद तक बढ़ गए थे।
Psalms 80:12
उस दाखलता के बाड़े टूटने से क्या हुआ?
सब बटोही उसके फलों को तोड़ते हैं।
Psalms 80:13
जंगली सूअर और वन पशु उसका क्या करते हैं?
सूअर उसे नष्ट करते और वन पशु उसे चर जाते हैं।
Psalms 80:14
लेखक सेनाओं के परमेश्वर से उस दाखलता के लिए क्या प्रार्थना करता है?
वह परमेश्वर से विनती करता है कि वह लोट आए, स्वर्ग से ध्यान देकर देखे और इस दाखलता की सुधि ले।
Psalms 80:15
वह दाखलता किसने लगाई और उसको किसने बढ़ाया?
परमेश्वर ने उसे अपने दाहिने हाथ से लगाया और उसी ने उसे बढ़ाकर दृढ़ किया।
Psalms 80:16
अब उस दाखलता की दशा कैसी है?
अब जल गई और कट गई।
लेखक सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के शत्रुओं के लिए क्या कहता है?
लेखक चाहता है कि सेनाओं के परमेश्वर के शत्रु परमेश्वर की घुड़की से नष्ट हो जाएं।
Psalms 80:17
लेखक परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है कि उसके दाहिने हाथ से संभाले हुए पुरुष के साथ व्यवहार करे?
लेखक की प्रार्थना है कि ऐसे पुरुष पर परमेश्वर का हाथ रखा रहे।
परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र के साथ क्या किया?
परमेश्वर ने उसे अपने लिए दृढ़ किया।
Psalms 80:18
परमेश्वर अपने लोगों को नवजीवन प्रदान करेगा तो वे क्या करेंगे?
वे परमेश्वर का नाम लेंगे।
Psalms 80:19
सेनाओं का यहोवा इस्राएलियों पर अपने मुख का प्रकाश चमकाएगा तो वे क्या करेंगे?
यहोवा उन पर अपने मुख का प्रकाश चमकाएगा तो उनका उद्धार होगा।
Psalms 81
Psalms 81:1
लेखक सबसे परमेश्वर के लिए क्या करने को कहता है?
लेखक कहता है कि वे परमेश्वर का जयजयकार करें और उसका गीत आनन्द से गाएं।
Psalms 81:2
परमेश्वर का गीत गाते समय वे कौन से वाद्य यन्त्र काम में लें?
वे डफ और मधुर बजने वाली वीणा और सारंगी बजाकर गाएं।
Psalms 81:3
वे नरसिंगा कब फूंके?
नए चांद के दिन और पूर्णमाशी को और पर्व के आरंभ के दिन वे नरसिंगे फूंकें।
Psalms 81:4
इस्राएल के लिए विधि और नियम किसने ठहराए?
याकूब के परमेश्वर यहोवा ने उन्हें नियम और विधि दीं।
Psalms 81:5
याकूब के परमेश्वर ने उन्हें नियम और विधि क्यों दीं?
उसने यूसुफ में विधान के लिए यह सब दिया था।
Psalms 81:6
परमेश्वर ने अपने लोगों के कंधों पर से क्या उतार दिया?
परमेश्वर ने उनके कंधों पर से बोझ उतार दिया।
Psalms 81:7-8
उन्होंने संकट में पड़कर पुकारा तब परमेश्वर ने क्या किया?
परमेश्वर ने उनकी सहायता की, उनको उत्तर दिया और उनको परखा।
Psalms 81:9
परमेश्वर ने अन्य देवताओं के विषय क्या आज्ञा दी?
उनके मध्य कोई देवता न हो और वे मूर्ति-पूजा नहीं करें।
Psalms 81:10
यहोवा ने इस्राएल के लिए किए गए कामों के विषय क्या कहा?
वह उन्हें मिस्र से निकाल कर लाया।
परमेश्वर ने उनसे मुंह पसारने को क्यों कहा?
परमेश्वर ने उनसे मुंह पसारने का कहा कि उसे भर दें।
Psalms 81:11
यहोवा की प्रजा इस्राएल ने क्या नहीं किया?
उन्होंने परमेश्वर की नहीं सुनी या उसकी आज्ञा नहीं मानी।
Psalms 81:12
परमेश्वर ने इस्राएल को उसके मन के हठ पर क्यों छोड़ दिया?
परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया कि वे अपने ही मन की युक्ति के अनुसार चलें।
Psalms 81:13
यहोवा अपने लोगों से किस काम की इच्छा करता है?
वे परमेश्वर की सुनें और उसके मार्गों पर चलें।
Psalms 81:14
यदि वे परमेश्वर की सुनें और उसके मार्गों पर चलें तो परमेश्वर उनके लिए क्या करेगा?
परमेश्वर क्षण भर में उनके शत्रुओं को दबाएगा और उनके द्रोहियों के विरुद्ध अपना हाथ चलाएगा।
Psalms 81:15
लेखक यहोवा के बैरियों के लिए क्या चाहता है?
वे उसके वश में हो जाएं और उनका अन्त सदाकाल बना रहे।
Psalms 81:16
यहोवा इस्राएल के लिए क्या करने का विचार प्रकट करता है?
परमेश्वर उनको उत्तम से उत्तम गेहूँ खिलाता और चट्टान में के मधु से उनको तृप्त करता।
Psalms 82
Psalms 82:1
परमेश्वर न्याय करने के लिए कहाँ खड़ा होता है?
वह परमेश्वर की सभा में और ईश्वरों के बीच न्याय करने के लिए खड़ा रहता है।
Psalms 82:2
आसाप परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
वह कब तक टेढ़ा न्याय करेगा और दुष्टों का पक्ष लेता रहेगा?
Psalms 82:3
आसाप कंगाल, अनाथों, दीन-दरिद्र और निर्धन के लिए परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
वह परमेश्वर से विनती करता है कि उनकी रक्षा करे और उनके अधिकार को सुरक्षित करे।
Psalms 82:4
आसाप कंगाल और दरिद्र के लिए परमेश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
वह परमेश्वर से विनती करता है कि उन्हें दुष्टों के हाथ से छुड़ाओ।
Psalms 82:5
जो लोग न तो कुछ समझते और न कुछ जानते वे कहाँ भटकते रहते हैं?
वे अन्धकार में भटकते रहते हैं।
Psalms 82:6
आसाप सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्रों की मृत्यु के बारे में क्या कहता है?
वे मनुष्यों के समान ही मरेंगे और किसी प्रधान के समान गिर जाएंगे।
Psalms 82:7
आसाप सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्रों की मृत्यु के बारे में क्या कहता है?
वे मनुष्यों के समान ही मरेंगे और किसी प्रधान के समान गिर जाएंगे।
Psalms 82:8
आसाप परमेश्वर से उठकर पृथ्वी का न्याय करने की प्रार्थना क्यों करता है?
आसाप इसलिए ऐसी प्रार्थना करता है कि परमेश्वर ही है जो सब जातियों को अपने भाग में लेगा।
Psalms 83
Psalms 83:2
परमेश्वर के शत्रु क्या कर रहे हैं?
परमेश्वर के शत्रु हंगामा मचा रहे हैं और उसके बैरियों ने सिर उठाया है।
Psalms 83:3
परमेश्वर के शत्रु किसके विरुद्ध षड्यन्त्र रचते और योजना बनाते हैं?
वे परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध षडयन्त्र रचते और चतुराई से परमेश्वर के सुरक्षित लोगों की हानि की योजना बनाते हैं।
Psalms 83:4
परमेश्वर के शत्रु क्या कहते हैं कि वे इस्राएल के साथ करेंगे?
वे कहते हैं, "आओ हम उनका ऐसा नाश करें कि राज्य भी मिट जाए।"
इस्राएल के नाम का क्या होगा अगर परमेश्वर के शत्रु ने उसका नाश कर दिया?
इस्राएल का नाम आगे स्मरण नहीं होगा।
Psalms 83:5-8
परमेश्वर के शत्रुओं ने किसके विरुद्ध युक्ति निकाली?
उन्होंने यहोवा के विरुद्ध युक्ति निकाली और वाचा बांधी।
Psalms 83:9
आसाप परमेश्वर के शत्रुओं के लिए क्या प्रार्थना करता है?
वह परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि एनदोर को नष्ट कर दे और भूमि के लिए खाद बन गए।
Psalms 83:10
आसाप परमेश्वर के शत्रुओं के लिए क्या प्रार्थना करता है?
वह परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि एनदोर को नष्ट कर दे और भूमि के लिए खाद बन गए।
Psalms 83:11
परमेश्वर के शत्रुओं के रईसों और प्रधानों ने क्या कहा था?
उन्होंने कहा था, "हम परमेश्वर की चराइयों के अधिकारी आप ही हो जाएं।"
Psalms 83:12
परमेश्वर के शत्रुओं के रईसों और प्रधानों ने क्या कहा था?
उन्होंने कहा था, "हम परमेश्वर की चराइयों के अधिकारी आप ही हो जाएं।"
Psalms 83:13
आसाप परमेश्वर से उसके बैरियों को किस के समान बना देने की प्रार्थना करता है?
आसाप परमेश्वर से कहता है कि वह उन्हें बवंडर की धूलि या पवन से उड़ाए हुए भूसे के समान कर दे, उस आग के समान जो वन को भस्म करती है, और उस लौ के समान जो पहाड़ों को जला देती है।
Psalms 83:14
आसाप परमेश्वर से उसके बैरियों को किस के समान बना देने की प्रार्थना करता है?
आसाप परमेश्वर से कहता है कि वह उन्हें बवंडर की धूलि या पवन से उड़ाए हुए भूसे के समान कर दे, उस आग के समान जो वन को भस्म करती है, और उस लौ के समान जो पहाड़ों को जला देती है।
Psalms 83:15
आसाप परमेश्वर के शत्रुओं पर कैसा भय चाहता है कि वे भगाए जाएं?
आसाप चाहता है कि परमेश्वर उन्हें आंधी से भगा दे और बवन्डर से घबरा दे।
Psalms 83:16
आसाप क्यों चाहता है कि परमेश्वर उसके शत्रुओं के मुंह को अति लज्जित कर दे?
आसाप चाहता है कि परमेश्वर उसके शत्रुओं को अति लज्जित कर दे कि वे यहोवा के नाम को ढूंढें।
Psalms 83:17
आसाप क्या चाहता है कि परमेश्वर के बैरियों के साथ हो?
आसाप चाहता है कि वे लज्जित हो और सदा के लिए घबराए रहें, उनके मुंह काले हों और उनका नाश हो जाए।
Psalms 83:18
परमेश्वर के शत्रु उसके बारे में क्या जानेंगे?
वे जानेंगे कि परमेश्वर जिसका नाम यहोवा है सारी पृथ्वी के ऊपर परम-प्रधान है।
Psalms 84
Psalms 84:1
लेखक सेनाओं के यहोवा के निवास-स्थान के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है कि सेनाओं के यहोवा का निवास-स्थान क्या ही प्रिय है।
Psalms 84:2
लेखक का प्राण किस अभिलाषा में मूर्छित हो जाता है?
लेखक का प्राण यहोवा के आंगनों की अभिलाषा में मूर्छित हो गया है।
लेखक का तन-मन किसको पुकार रहा है?
लेखक का तन-मन परमेश्वर को पुकार रहा है।
Psalms 84:3
गौरेया ने अपना बसेरा कहाँ किया और शूपाबेनी ने अपने बच्चे रखने के लिए घोंसला कहाँ बनाया?
उन पक्षियों ने यहोवा की वेदी के निकट अपने घोंसले बनाए।
सेनाओं के यहोवा के लिए अन्य कौन-कौन से नाम लेखक काम में लेता है?
लेखक सेनाओं के यहोवा के लिए "हे मेरे राजा", "मेरे परमेश्वर" भी कहता है।
Psalms 84:4
यहोवा के भवन में वास करने वालों का क्या होता है?
वे धन्य हैं, वे उसकी स्तुति निरन्तर करते रहते हैं।
Psalms 84:5
जिस पुरुष की शक्ति यहोवा में है उसका क्या होता है?
जिस पुरुष की शक्ति यहोवा में है वह पुरुष धन्य है।
Psalms 84:6
धन्य मनुष्य पीने के लिए जल के सोंते कहाँ पाते हैं?
वे रोने की तराई में जाते हुए सोते पाते हैं।
Psalms 84:7
धन्य मनुष्य किसके सम्मुख उपस्थित होते हैं?
वे सिय्योन में परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित होंगे।
Psalms 84:8
लेखक किससे चाहता है कि उसकी प्रार्थना सुने?
वह चाहता है कि सेनाओं का यहोवा उसकी प्रार्थना सुने।
लेखक किससे विनती करता है कि उसकी प्रार्थना पर कान लगाए?
वह याकूब के परमेश्वर से विनती करता है कि उसकी प्रार्थना पर कान लगाए।
Psalms 84:9
लेखक किसके लिए चाहता है कि दृष्टि करे और कौन उनकी सुधि ले?
वह चाहता है कि परमेश्वर उस पर दृष्टि करे और उसके अभिषिक्त की सुधि ले।
Psalms 84:10
परमेश्वर के आंगनों में एक दिन किससे उत्तम है?
परमेश्वर के आंगन में एक दिन कहीं और के हज़ार दिनों से उत्तम है।
लेखक दुष्टों के डेरों में रहने की अपेक्षा परमेश्वर के भवन में क्या करना चाहता है?
उसे अपने परमेश्वर की डेवढ़ी पर खड़ा रहना दुष्टों के डेरों में वास करने से कहीं अधिक मनभावना लगता है।
Psalms 84:11
परमेश्वर यहोवा लेखक के लिए क्या है?
यहोवा परमेश्वर उसका सूर्य और ढाल है।
यहोवा क्या प्रदान करता है?
यहोवा अनुग्रह और महिमा प्रदान करता है।
जो लोग खरी चाल चलते हैं उनसे यहोवा क्या न रोक रखेगा।
खरी चाल चलने वालों से यहोवा कोई अच्छी वस्तु न रख छोड़ेगा।
Psalms 84:12
सेनाओं के परमेश्वर यहोवा में भरोसा रखने वाले का क्या होता है?
यहोवा में भरोसा रखने वाला मनुष्य धन्य होता है।
Psalms 85
Psalms 85:1
यहोवा ने याकूब के कल्याण के लिए क्या किया?
यहोवा अपने देश पर प्रसन्न हुआ और याकूब के कल्याण को पुनः स्थापित किया।
Psalms 85:2
यहोवा ने अपने लोगों के पापों का क्या किया?
उसने अपने लोगों को क्षमा करके उनके सब पाप ढांप दिए।
Psalms 85:3
यहोवा ने अपने रोष और भड़के हुए कोप को क्या किया?
यहोवा ने अपने रोष को शान्त किया और भड़के हुए कोप को दूर किया।
Psalms 85:4-5
लेखक परमेश्वर को और क्या दूर करने को कहता है?
लेखक यहोवा से प्रार्थना करता है कि वह अपना क्रोध उन पर से दूर करे।
Psalms 85:6
यदि परमेश्वर अपने लोगों को नवजीवन दान करे तो वे क्या करेंगे?
वे उसमें आनन्दित होंगे।
Psalms 85:7
लेखक परमेश्वर से क्या प्रकट करने और प्रजा को देने के लिए कहता है?
लेखक परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह अपने लोगों पर करुणा प्रकट करे और उनका उद्धार करे।
Psalms 85:8
जब लेखक को परमेश्वर यहोवा कुछ कहता है तब लेखक क्या करता है?
वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा।
उसकी प्रजा परमेश्वर से शान्ति बनाएं रखने के लिए क्या करें ?
वे मूर्खता न करने लगे।
Psalms 85:9
जब परमेश्वर के डरवैयों के निकट उद्धार हो तब देश में क्या रहेगा?
उस समय उनके देश में महिमा विकास करेगी।
Psalms 85:10
आपस में कौन मिल गए और किसने आपस में चुम्बन किया?
करुणा और सच्चाई आपस में मिल गई और धर्म और मेल ने आपस में चुम्बन किया।
Psalms 85:11
पृथ्वी पर क्या आता है और स्वर्ग से क्या झुकता है?
पृथ्वी पर सच्चाई उगती है और स्वर्ग से धर्म झुकता है।
Psalms 85:12
यहोवा उत्तम पदार्थ देगा तो क्या होगा?
भूमि अपनी उपज देगी।
Psalms 85:13
यहोवा के आगे-आगे कौन चलेगा और उसके पदों के लिए मार्ग बनाएगा?
यहोवा के आगे-आगे धर्म चलेगा।
Psalms 86
Psalms 86:1
दाऊद यहोवा से क्यों कहता है कि उसे सुनकर उत्तर दे?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह उसे उत्तर दे क्योंकि वह दीन और दरिद्र है।
Psalms 86:2
दाऊद यहोवा का भक्त और भरोसा करने वाला है इसलिए यहोवा उसके लिए क्या करे?
वह उसकी रक्षा करे और उसका उद्धार करे।
Psalms 86:3
दाऊद परमेश्वर को पुकारता है तो क्या मांगता है?
दाऊद परमेश्वर से दया की भीख मांगता है।
Psalms 86:4
दाऊद अपना मन परमेश्वर की ओर लगाकर क्या मांगता है?
दाऊद परमेश्वर से मांगता है कि उसके मन को आनन्दित करे।
Psalms 86:5
परमेश्वर जो भला है उसे पुकारने वालों का क्या होता है?
परमेश्वर क्षमा करता है और करुणा दिखाता है।
Psalms 86:6
दाऊद किससे कहता है कि उसकी प्रार्थना सुने और उसके गिड़गिड़ाने पर ध्यान दे?
दाऊद यहोवा से कहता है कि उसकी प्रार्थना सुने और उसके गिड़गिड़ाने पर ध्यान दे।
Psalms 86:7
दाऊद संकट के समय पुकारेगा तो यहोवा क्या करेगा?
यहोवा दाऊद को उत्तर देगा।
Psalms 86:8
देवताओं में यहोवा के तुल्य कौन है?
यहोवा के तुल्य कोई नहीं है।
Psalms 86:9
सब जातियां यहोवा के सम्मुख क्या करेंगी?
वे सब आकर परमेश्वर को दण्डवत करेंगी और उसके नाम की महिमा करेंगी।
Psalms 86:10
आश्चर्यकर्म करने वाला एकमात्र कौन है?
केवल यहोवा ही है जो महान आश्चर्यकर्म करता है।
Psalms 86:11
दाऊद यहोवा से क्या सिखाने को कहता है?
दाऊद यहोवा से कहता है कि वह दाऊद को अपने मार्ग सिखाए।
यहोवा दाऊद को सिखाएगा तो क्या होगा?
दाऊद यहोवा के सत्य में चलेगा।
Psalms 86:12
दाऊद यहोवा से क्या कहता है कि वह करेगा?
दाऊद संपूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करेगा और उसके नाम की महिमा सदा करता रहेगा।
Psalms 86:13
दाऊद के लिए परमेश्वर की करुणा ने क्या किया है?
परमेश्वर ने अपनी करुणा के द्वारा दाऊद को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया।
Psalms 86:14
दाऊद अभिमानियों और उपद्रव करने वालों के लिए क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि अभिमानी उसके विरुद्ध उठे और उपद्रवी मनुष्य उसके प्राण के खोजी हुए हैं।
Psalms 86:15
दाऊद यहोवा के लिए क्या कहता है?
दाऊद कहता है कि यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करुणामय परमेश्वर है।
Psalms 86:16
दाऊद यहोवा से उसके लिए क्या करने की प्रार्थना करता है?
दाऊद प्रार्थना करता है कि यहोवा उसकी ओर फिरकर उस पर अनुग्रह करे और उसे शक्ति दे और उसका उद्धार करे।
Psalms 86:17
यहोवा दाऊद पर अपने अनुग्रह का चिन्ह दिखाएगा तब क्या होगा?
परमेश्वर दाऊद पर अपने अनुग्रह का चिन्ह दिखाएगा तब उससे घृणा करने वाले उसे देखकर लज्जित होंगे।
दाऊद के लिए यहोवा ने क्या किया?
यहोवा ने दाऊद की सहायता की और उसे शान्ति दी है।
Psalms 87
Psalms 87:1
यहोवा का नगर कहाँ बसा हुआ है?
यहोवा का नगर पवित्र पर्वत पर बसा हुआ है।
Psalms 87:2
यहोवा सिय्योन के फाटकों से कैसी प्रीति रखता है?
याकूब के सारे निवासियों से बढ़कर यहोवा सिय्योन के फाटकों से प्रीति रखता है।
Psalms 87:3
परमेश्वर के नगर के बारे में क्या-क्या कहा गया है?
परमेश्वर के नगर के विषय महिमा की बातें कहीं गई हैं।
Psalms 87:4
लेखक ने रहब और बाबेल की चर्चा किससे की?
लेखक ने अपने जान-पहचान वालों से रहब और बाबेल की चर्चा की है।
Psalms 87:5
परम-प्रधान परमेश्वर सिय्योन के लिए क्या करेगा?
परम-प्रधान आप ही उसको स्थिर करेगा।
Psalms 87:6
यहोवा जब लोगों के नाम लिखकर गिन लेगा तब क्या कहेगा?
यहोवा कहेगा, "यह वहाँ उत्पन्न हुआ था।"
Psalms 87:7
गवैये और नृतक क्या कहेंगे?
गवैये और नृतक कहेंगे, "हमारे सब सोते तुझ ही में पाए जाते हैं।"
Psalms 88
Psalms 88:1
लेखक अपने उद्धारक परमेश्वर को कब पुकारता है?
वह दिन-रात यहोवा को पुकारता है।
Psalms 88:2
लेखक परमेश्वर से क्या करने की याचना करता है?
लेखक की याचना है कि परमेश्वर उसकी प्रार्थना सुने और उसके चिल्लाने की ओर कान लगाए।
Psalms 88:3
लेखक को प्राण और जीवन की समस्या क्या है?
उसका प्राण क्लेश में पड़ा हुआ है और उसकी जान अधोलोक के निकट है।
Psalms 88:4
जब लोग लेखक के साथ कब्र में पड़ने वालों का सा व्यवहार करते हैं तब लेखक अपना वर्णन कैसे करता है?
लेखक कहता है कि वह बलहीन मनुष्य के समान हो गया है।
Psalms 88:5
जब लेखक कब्र में पड़े मुर्दों के सदृश्य हो गया तब उसको कैसी अनुभूति हुई?
वह कहता है कि यहोवा मुर्दों को स्मरण नहीं करता है क्योंकि वे यहोवा के सामर्थ्य से पृथक किए गए हैं।
Psalms 88:6
लेखक के अनुसार परमेश्वर ने उसे कहाँ छोड़ दिया है?
लेखक कहता है कि परमेश्वर ने उसे गड्ढे के तल पर छोड़ दिया है।
Psalms 88:7
लेखक पर किस बात का बोझ है?
लेखक पर यहोवा का क्रोध अति भारी है।
Psalms 88:8
परमेश्वर ने लेखक के साथ ऐसा क्या किया कि उसके पहचान वाले उससे दूर हो गए?
यहोवा ने उसको उनकी दृष्टि में घिनौना किया है।
Psalms 88:9
लेखक की आँखें क्यों धुन्धला गई हैं?
लेखक की आँखें दुःख भोगते-भोगते धुन्धला गई हैं।
Psalms 88:10
लेखक मृत्तकों और मरे हुओं के लिए परमेश्वर से क्या पूछता है?
लेखक पूछता है कि क्या वह मुर्दों के लिए अद्भुत काम करेगा या मरे हुए उठकर उसका धन्यवाद करेंगे।
Psalms 88:11
लेखक यहोवा की करुणा, विश्वासयोग्यता, आश्चर्यकर्मों तथा धार्मिकता के बारे में क्या पूछता है?
लेखक यहोवा से पूछता है कि क्या कब्र में उनका वर्णन किया जाएगा, मृत्यु लोक में, अन्धकार में और विस्मरण के स्थान में क्या उसके अद्भुत कामों की चर्चा की जाएगी।
Psalms 88:12
लेखक यहोवा की करुणा, विश्वासयोग्यता, आश्चर्यकर्मों तथा धार्मिकता के बारे में क्या पूछता है?
लेखक यहोवा से पूछता है कि क्या कब्र में उनका वर्णन किया जाएगा, मृत्यु लोक में, अन्धकार में और विस्मरण के स्थान में क्या उसके अद्भुत कामों की चर्चा की जाएगी।
Psalms 88:13
लेखक की प्रार्थना यहोवा के समक्ष कब आती है?
लेखक की प्रार्थना यहोवा के समक्ष भोर को पहुंचती है।
Psalms 88:14
यहोवा ने लेखक का क्या किया है?
यहोवा ने लेखक को त्याग कर अपना चेहरा उससे छिपा लिया है।
Psalms 88:15
लेखक कितने समय से दुखी और अधमुआ है?
लेखक बचपन ही से दुखी और अधमुआ है।
Psalms 88:16
लेखक यहोवा के भयोत्पादक कामों और क्रोधी कृत्यों के परिणाम के लिए क्या कहता है?
यहोवा के क्रोधी कृत्य उस पर आ पड़े और भयोत्पादक कामों से वह मिट गया है।
Psalms 88:17
यहोवा के कामों और कृत्यों के प्रभाव से लेखक पर कैसा प्रभाव पड़ा?
लेखक उनसे जल के सदृश्य घिर गया और उसके चारों ओर उसे वही दिखाई देते हैं।
Psalms 88:18
लेखक का एकमात्र जान-पहचान वाला कौन रह गया है?
अन्धकार उसका एकमात्र जान-पहचान वाला रह गया है।
Psalms 89
Psalms 89:1
लेखक किसके विषय सदैव गाता रहेगा?
लेखक यहोवा की सारी करुणा के विषय सदैव गाता रहेगा।
लेखक भावी पीढ़ी में किसका प्रचार करता रहेगा?
लेखक भावी पीढ़ी में यहोवा की सच्चाई का प्रचार करता रहेगा।
Psalms 89:2
यहोवा की सच्चाई कहाँ स्थिर की गई है?
यहोवा की सच्चाई स्वर्ग में स्थिर की गई है।
Psalms 89:3
यहोवा ने किससे वाचा बांधी और किससे शपथ खाई?
यहोवा ने अपने चुने हुओं से वाचा बांधी और अपने दास दाऊद से शपथ खाई है।
Psalms 89:4
उसका वंश और राजगद्दी कब तक स्थिर रहेंगे?
उसका वंश सदा स्थिर रहेगा और उसकी राजगद्दी पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेगी।
Psalms 89:5-6
स्वर्ग यहोवा की स्तुति किसलिए करेगा?
स्वर्ग यहोवा के अद्भुत कामों की स्तुति करेगा।
पवित्र जनों की सभा यहोवा की स्तुति क्यों करेगी?
पवित्र जनों की सभा यहोवा की सच्चाई के कारण उसकी स्तुति करेगी।
Psalms 89:7
यहोवा की तुलना उसके चारों ओर के लोगों से कैसे की गई है?
यहोवा सबसे अधिक भय-योग्य है।
Psalms 89:8
लेखक यहोवा की सच्चाई के विषय क्या कहता है?
यहोवा की सच्चाई उसके चारों ओर है।
Psalms 89:9
लेखक समुद्र की तरंगों के लिए यहोवा की प्रभुता के बारे में क्या कहता है?
जब समुद्र की तरंगे उठती हैं तब यहोवा उनको शान्त कर देता है।
Psalms 89:10
यहोवा ने रहब का क्या किया था?
यहोवा ने रहब को घात किए हुए के सदृश्य कुचल डाला था।
यहोवा ने अपने शत्रुओं को तितर-बितर करने के लिए किसका प्रयोग किया?
यहोवा ने अपने बाहुबल से अपने शत्रुओं को तितर-बितर किया।
Psalms 89:11
यहोवा का क्या है और जगत में जो कुछ है उसे किसने बनाया?
आकाश यहोवा का है और पृथ्वी भी उसी की है और जो कुछ जगत में है सब उसी ने बनाया है।
Psalms 89:12
यहोवा ने क्या बनाया है?
यहोवा ने उत्तर और दक्खिन को बनाया है।
Psalms 89:13
लेखक यहोवा की भुजा और हाथ के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है कि यहोवा की भुजा बलवन्त है और उसका हाथ शक्तिमान है और उसका दाहिना हाथ प्रबल है।
Psalms 89:14
यहोवा के सिंहासन की नींव क्या है?
धर्म और न्याय यहोवा के सिंहासन की नींव है।
यहोवा के आगे-आगे क्या चलता है?
करुणा और सच्चाई उसके आगे-आगे चलती है।
Psalms 89:15
यहोवा के उपासकों का क्या होता है?
वे धन्य हैं और यहोवा के मुख के प्रकाश में चलते हैं, वे यहोवा के नाम में मगन रहते हैं और यहोवा के धर्म के कारण महान हो जाते हैं।
Psalms 89:16
यहोवा के उपासकों का क्या होता है?
वे धन्य हैं और यहोवा के मुख के प्रकाश में चलते हैं, वे यहोवा के नाम में मगन रहते हैं और यहोवा के धर्म के कारण महान हो जाते हैं।
Psalms 89:17
यहोवा के बल की शोभा और उसकी प्रसन्नता उसके लोगों को कैसे लाभ पहुंचाती है?
वे जयवन्त होते हैं।
Psalms 89:18
यहोवा का क्या है और वह क्या कहलाता है?
उनकी ढाल यहोवा है और वह इस्राएल का पवित्र कहलाता है।
Psalms 89:19
यहोवा ने अपने भक्तों को दर्शन देकर क्या कहा?
यहोवा ने उनसे कहा कि उसने एक वीर को मुकुट पहनाया और उसके चुने हुओं में से एक को उठाया है।
Psalms 89:20
यहोवा ने क्या कहा कि वह अपने चयनित दास दाऊद के लिए किया है?
यहोवा ने कहा कि उसने अपने दास दाऊद का पवित्र तेल से अभिषेक किया है, उसका हाथ उसके साथ बना रहेगा और उसकी भुजा उसे दृढ़ रखेगी।
Psalms 89:21
यहोवा ने क्या कहा कि वह अपने चयनित दास दाऊद के लिए किया है?
यहोवा ने कहा कि उसने अपने दास दाऊद का पवित्र तेल से अभिषेक किया है, उसका हाथ उसके साथ बना रहेगा और उसकी भुजा उसे दृढ़ रखेगी।
Psalms 89:22
यहोवा ने क्या कहा कि वह अपने चयनित दास दाऊद के लिए किया है?
यहोवा ने कहा कि उसने अपने दास दाऊद का पवित्र तेल से अभिषेक किया है, उसका हाथ उसके साथ बना रहेगा और उसकी भुजा उसे दृढ़ रखेगी।
Psalms 89:23
यहोवा ने क्या कहा कि वह अपने चयनित दास दाऊद के लिए किया है?
यहोवा ने कहा कि उसने अपने दास दाऊद का पवित्र तेल से अभिषेक किया है, उसका हाथ उसके साथ बना रहेगा और उसकी भुजा उसे दृढ़ रखेगी।
Psalms 89:24-25
दाऊद के साथ क्या रहेगा और कैसे जयवन्त रहेगा?
दाऊद के साथ यहोवा की सच्चाई और करुणा सदा बनी रहेगी और उसके नाम के कारण दाऊद जयवन्त रहेगा।
Psalms 89:26
दाऊद यहोवा को क्या कहेगा?
दाऊद यहोवा को अपना पिता, अपना परमेश्वर और अपने उद्धार की चट्टान कहेगा।
Psalms 89:27
यहोवा दाऊद के लिए, जिसे वह अपना पहिलौठा पुत्र और पृथ्वी के राजाओं में प्रधान ठहराता है, क्या करेगा?
यहोवा दाऊद पर अपनी करुणा सदा बनाए रहेगा और उसकी वाचा दाऊद के लिए अटल रहेगी।
Psalms 89:28
यहोवा दाऊद के लिए, जिसे वह अपना पहिलौठा पुत्र और पृथ्वी के राजाओं में प्रधान ठहराता है, क्या करेगा?
यहोवा दाऊद पर अपनी करुणा सदा बनाए रहेगा और उसकी वाचा दाऊद के लिए अटल रहेगी।
Psalms 89:29
दाऊद का वंश और सिंहासन कब तक बना रहेगा?
उसका वंश सदा तक रहेगा और उसकी गद्दी स्वर्ग के समान सदा बनी रहेगी।
Psalms 89:30
यदि दाऊद की संतान यहोवा की व्यवस्था को त्याग दे, उसके नियमों को न मानें, उसकी विधियों का उल्लंघन करें और उसकी आज्ञा न माने तो वह क्या करेगा?
यहोवा उनके अपराध का दंड सोंटे से देगा और उनके अधर्म के लिए कोड़े मारेगा।
Psalms 89:31
यदि दाऊद की संतान यहोवा की व्यवस्था को त्याग दे, उसके नियमों को न मानें, उसकी विधियों का उल्लंघन करें और उसकी आज्ञा न माने तो वह क्या करेगा?
यहोवा उनके अपराध का दंड सोंटे से देगा और उनके अधर्म के लिए कोड़े मारेगा।
Psalms 89:32
यदि दाऊद की संतान यहोवा की व्यवस्था को त्याग दे, उसके नियमों को न मानें, उसकी विधियों का उल्लंघन करें और उसकी आज्ञा न माने तो वह क्या करेगा?
यहोवा उनके अपराध का दंड सोंटे से देगा और उनके अधर्म के लिए कोड़े मारेगा।
Psalms 89:33
यहोवा दाऊद से क्या प्रतिज्ञाएं करता है?
यहोवा अपनी करुणा उस पर से न हटायेगा और न सच्चाई त्याग कर झूठा ठहरेगा, अपनी वाचा नहीं तोड़ेगा और जो उसके मुंह से निकल चुका है उसे नहीं बदलेगा।
Psalms 89:34
यहोवा दाऊद से क्या प्रतिज्ञाएं करता है?
यहोवा अपनी करुणा उस पर से न हटायेगा और न सच्चाई त्याग कर झूठा ठहरेगा, अपनी वाचा नहीं तोड़ेगा और जो उसके मुंह से निकल चुका है उसे नहीं बदलेगा।
Psalms 89:35-37
यहोवा एक बार में सदा के लिए किस की शपथ खाता है?
यहोवा एक बार में सदा के लिए अपनी पवित्रता की शपथ खाता है।
Psalms 89:38-40
लेखक अब दाऊद के साथ यहोवा के व्यवहार के लिए क्या कहता है?
लेखक कहता है कि उसने अपने अभिषिक्त राजा को छोड़ा और उसे तज दिया और वह उससे क्रोधित है।
Psalms 89:41
लेखक अभिषिक्त राजा की दशा के बारे में क्या कहता है?
वह लूट लिया गया और पड़ोसियों में नामधराई का कारण हो गया है।
Psalms 89:42
अभिषिक्त राजा के शत्रुओं ने क्या किया है?
उसके शत्रुओं से दाहिना हाथ उठाया और वे आनंदित हुए।
Psalms 89:43
अभिषिक्त राजा युद्ध में गया तो क्या हुआ?
परमेश्वर ने उसकी तलवार को मोड़ दिया और युद्ध में उसके पांव उखाड़ दिए।
Psalms 89:44
राजा के वैभव और सिंहासन का क्या हुआ?
उसका वैभव समाप्त हो गया और उसका सिंहासन भूमि पर पटक दिया गया।
Psalms 89:45
अभिषिक्त राजा के दिनों का क्या हुआ?
उसकी जवानी के दिन घटाए गए और वह लज्जा से ढांपा गया।
Psalms 89:46
लेखक यहोवा से उसके क्रोध के बारे में क्या कहता है?
लेखक पूछता है कि यहोवा कब तक मुंह मोड़े रहेगा और उसका क्रोध कब तक आग के समान भड़का रहेगा।
Psalms 89:47-48
लेखक यहोवा से क्या स्मरण करने को कहता है?
लेखक यहोवा से कहता है कि वह उसका स्मरण करे कि वह कैसा अनित्य है और उसने सब मनुष्यों को व्यर्थ सिरजा है।
Psalms 89:49
लेखक यहोवा से उसकी करुणा के पूर्वकालिक कामों के बारे में क्या कहता है?
लेखक परमेश्वर से पूछता है, "तेरी प्राचीन काल की करुणा कहां रही?"
Psalms 89:50
लेखक यहोवा को क्या स्मरण करने के लिए कहता है?
वह यहोवा से कहता है कि वह अपने दासों की नामधराई की सुधि ले, उसके शत्रुओं ने उसके अभिषिक्त के कदमों का ठट्ठा किया है।
Psalms 89:51
लेखक यहोवा को क्या स्मरण करने के लिए कहता है?
वह यहोवा से कहता है कि वह अपने दासों की नामधराई की सुधि ले, उसके शत्रुओं ने उसके अभिषिक्त के कदमों का ठट्ठा किया है।
Psalms 89:52
लेखक यहोवा को कब तक के लिए धन्य कहता है?
यहोवा सर्वदा धन्य रहेगा।
Psalms 90
Psalms 90:1-2
यहोवा मूसा और उसकी प्रजा के लिए कब से धाम बना है?
यहोवा पीढ़ी से पीढ़ी उनका धाम बना है।
Psalms 90:3
यहोवा मनुष्य को लौटा कर कहां ले जाता है?
यहोवा मनुष्य को लौटा कर मिट्टी में ले जाता है।
Psalms 90:4
यहोवा की दृष्टि में हजार वर्ष क्या हैं?
यहोवा की दृष्टि में हजार वर्ष ऐसे हैं जैसे कल का दिन जो बीत गया था जैसे रात का एक पहर।
Psalms 90:5
मनुष्य के वंशज किसके सदृश्य हैं?
वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते हैं जो फूलती और बढ़ती है और फिर मुरझाकर सूख जाती है।
Psalms 90:6
मनुष्य के वंशज किसके सदृश्य हैं?
वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते हैं जो फूलती और बढ़ती है और फिर मुरझाकर सूख जाती है।
Psalms 90:7
मनुष्य क्यों परमेश्वर के क्रोध से भस्म हुए और उसकी जलजलाहट से घबरा गए?
क्योंकि परमेश्वर ने उनके अधर्म के कामों को अपने सम्मुख और उनके छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है।
Psalms 90:8-9
मनुष्य क्यों परमेश्वर के क्रोध से भस्म हुए और उसकी जलजलाहट से घबरा गए?
क्योंकि परमेश्वर ने उनके अधर्म के कामों को अपने सम्मुख और उनके छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है।
Psalms 90:10-11
यदि मनुष्य स्वस्थ हो तो उसके जीवन के वर्ष कितने होते हैं?
उसकी आयु के वर्ष सत्तर होते हैं।
Psalms 90:12-13
मूसा यहोवा से मनुष्य को क्या सिखाने के लिए कहता है?
मूसा यहोवा से कहता है कि वह मनुष्यों को अपने दिन गिनने को समझा दे कि वे बुद्धिमान हो जाएं।
Psalms 90:14-15
मूसा मनुष्य को किससे तृप्त करने के लिए यहोवा से कहता है?
मूसा यहोवा से कहता है कि वह मनुष्यों को अपनी करुणा से तृप्त करे कि वे जीवन भर जयजयकार और आनंद करते रहें।
Psalms 90:16
मूसा यहोवा से क्या कहता है कि वह अपने दासों को देखने दे?
मूसा यहोवा से कहता है कि वह अपने दासों को उसके काम देखने दे और उनकी संतान उसका प्रताप देखने पाए।
Psalms 90:17
यहोवा मनुष्यों पर अपना अनुग्रह कैसे प्रकट करता है?
वह उनके हाथों के कामों को समृद्ध करता है।
Psalms 91
Psalms 91:2
लेखक यहोवा के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है, "वह मेरा शरण स्थान और दृढ़ गढ़ है, वह मेरा परमेश्वर है मैं उस पर भरोसा रखूंगा।"
Psalms 91:3
यहोवा अपने भरोसा रखने वालों के लिए क्या करेगा?
वह उसे बहेलिये के जाल से और महामारी से बचाएगा और उसे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा।
Psalms 91:4
यहोवा अपने भरोसा रखने वालों के लिए क्या करेगा?
वह उसे बहेलिये के जाल से और महामारी से बचाएगा और उसे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा।
Psalms 91:5
यहोवा में भरोसा रखने वाले को किससे डरने की आवश्यकता नहीं है?
यहोवा में भरोसा रखने वाले को न रात के भय से और न उस तीर से डरने की आवश्यकता है जो दिन को उड़ता है, न उस मरी से जो अंधेरे में फैलती है और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है, डरने की आवश्यकता नहीं है।
Psalms 91:6-8
यहोवा में भरोसा रखने वाले को किससे डरने की आवश्यकता नहीं है?
यहोवा में भरोसा रखने वाले को न रात के भय से और न उस तीर से डरने की आवश्यकता है जो दिन को उड़ता है, न उस मरी से जो अंधेरे में फैलती है और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है, डरने की आवश्यकता नहीं है।
Psalms 91:9
लेखक के लिए यहोवा क्या है?
यहोवा लेखक के लिए शरणस्थान है।
Psalms 91:10
यहोवा में भरोसा रखने वाले पर कोई भी विपत्ति और न कोई दुख उसके डेरे के निकट क्यों नहीं आएगा?
न कोई विपत्ति, न ही कोई दुःख उसके डेरे के निकट आएगा क्योंकि यहोवा अपने दूतों को आज्ञा देगा कि जहाँ कहीं भी वह जाए, वे उसकी रक्षा करे।
Psalms 91:11
यहोवा में भरोसा रखने वाले पर कोई भी विपत्ति और न कोई दुख उसके डेरे के निकट क्यों नहीं आएगा?
न कोई विपत्ति, न ही कोई दुःख उसके डेरे के निकट आएगा क्योंकि यहोवा अपने दूतों को आज्ञा देगा कि जहाँ कहीं भी वह जाए, वे उसकी रक्षा करे।
Psalms 91:12
यहोवा में भरोसा रखने वालों को स्वर्गदूत कैसे संभालते और सुरक्षित रखते हैं?
वे उन्हें हाथों में उठा लेंगे कि वे फिसल कर पत्थर पर न गिरें।
Psalms 91:13
यहोवा में भरोसा रखने वालों को स्वर्गदूत कैसे संभालते और सुरक्षित रखते हैं?
वे उन्हें हाथों में उठा लेंगे कि वे फिसल कर पत्थर पर न गिरें।
Psalms 91:14
यहोवा अपने भक्त के लिए क्या करता है?
यहोवा उसको छुड़ाता है, उसकी रक्षा करता है, उसकी पुकार सुनकर उत्तर देता है, संकट के समय उसे विजय दिलाकर सम्मानित करता है, दीर्घायु करता है और उसे अपना उद्धार का दर्शन दिखाता है।
Psalms 91:15
यहोवा अपने भक्त के लिए क्या करता है?
यहोवा उसको छुड़ाता है, उसकी रक्षा करता है, उसकी पुकार सुनकर उत्तर देता है, संकट के समय उसे विजय दिलाकर सम्मानित करता है, दीर्घायु करता है और उसे अपना उद्धार का दर्शन दिखाता है।
Psalms 91:16
यहोवा अपने भक्त के लिए क्या करता है?
यहोवा उसको छुड़ाता है, उसकी रक्षा करता है, उसकी पुकार सुनकर उत्तर देता है, संकट के समय उसे विजय दिलाकर सम्मानित करता है, दीर्घायु करता है और उसे अपना उद्धार का दर्शन दिखाता है।
Psalms 92
Psalms 92:1
लेखक किस बात को भला कहता है?
यहोवा का धन्यवाद करना और उसका भजन गाना भला है।
Psalms 92:2-3
लेखक यहोवा की करुणा और सच्चाई के लिए क्या कहता है?
लेखक कहता है कि प्रातःकाल को उसे यहोवा की करुणा और प्रतिरात उसकी सच्चाई का प्रचार करना आवश्यक है।
Psalms 92:4
लेखक यहोवा के महान कार्यों पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
वह यहोवा के कामों से आनंदित हुआ और उसका जयजयकार करता है।
Psalms 92:5
लेखक यहोवा के महान कार्यों पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?
वह यहोवा के कामों से आनंदित हुआ और उसका जयजयकार करता है।
Psalms 92:6
जो मनुष्य ऐसे आनंद को नहीं समझता और उस पर विचार नहीं करता वह कैसा मनुष्य है?
जो मनुष्य ऐसे आनंद को नहीं समझता वह पशु के समान और मूर्ख है।
Psalms 92:7
घास की नाईं फूलने-फलने वाले दुष्ट और प्रफुल्लित होने वाले अनर्थकारियों की नियति क्या है?
घास की नाईं फूलने-फलने वाले दुष्ट और प्रफुल्लित होने वाले अनर्थकारियों अनन्त विनाश के भागी होते हैं।
Psalms 92:8
यहोवा के शत्रु सब दुष्ट और अनर्थकारी क्यों तितर-बितर होंगे?
वे सब तितर-बितर किये जायेंगे क्योंकि यहोवा सदा राज करेगा।
Psalms 92:9
यहोवा के शत्रु सब दुष्ट और अनर्थकारी क्यों तितर-बितर होंगे?
वे सब तितर-बितर किये जायेंगे क्योंकि यहोवा सदा राज करेगा।
Psalms 92:10
यहोवा ने लेखक के सींग को कैसे ऊंचा किया और ताजे तेल से अभिषेक किया?
वह अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके और उसके विरोधी कुकर्मियों का हाल सुनकर सन्तुष्ट हुआ।
Psalms 92:11-12
यहोवा ने लेखक के सींग को कैसे ऊंचा किया और ताजे तेल से अभिषेक किया?
वह अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके और उसके विरोधी कुकर्मियों का हाल सुनकर सन्तुष्ट हुआ।
Psalms 92:13
धर्मी कहां रोपे जायेंगे?
वे धर्मी यहोवा के भवन में रोपे जायेंगे।
Psalms 92:14
यहोवा सच्चा है, इसकी घोषणा करने के लिए धर्मी क्या करेंगे?
वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे और रसभरे और लहलहाते रहेंगे जिससे प्रकट होगा कि यहोवा सच्चा है।
Psalms 92:15
यहोवा सच्चा है, इसकी घोषणा करने के लिए धर्मी क्या करेंगे?
वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे और रसभरे और लहलहाते रहेंगे जिससे प्रकट होगा कि यहोवा सच्चा है।
यहोवा लेखक की चट्टान क्यों है?
यहोवा उसकी चट्टान है क्योंकि उसमें कुटिलता कुछ भी नहीं।
Psalms 93
Psalms 93:1-2
यहोवा ने कैसा पहिरावा पहना है और कैसा फेंटा बांधा है?
यहोवा ने महातम्य का पहिरावा पहना है और सामर्थ्य का फेंटा बांधा है।
Psalms 93:3
महानद क्या कर रहे हैं?
महानदों का कोलाहल हो रहा है, महानद गरज रहे हैं।
Psalms 93:4
महासागर के शब्द से और समुद्र की महातरंगों से भी महान कौन है?
महासागर के शब्दों से और समुद्र की महातरंगों से भी अधिक महान यहोवा है जो ऊंचे पर विराजमान है।
Psalms 93:5
यहोवा की आज्ञाओं और पवित्रता का वर्णन कैसे करता है?
लेखक कहता है कि आज्ञाएं अति विश्वासयोग्य हैं और यहोवा के भवन की पवित्रता शोभा सदाकालीन शोभा है।
Psalms 94
Psalms 94:1
लेखक यहोवा से क्या करने की याचना करता है?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि वह अपने लोगों पर तेज प्रकट करे और अभिमानियों को उनके योग्य बदला दे।
Psalms 94:2
लेखक यहोवा से क्या करने की याचना करता है?
लेखक यहोवा से याचना करता है कि वह अपने लोगों पर तेज प्रकट करे और अभिमानियों को उनके योग्य बदला दे।
Psalms 94:3
दुष्ट डींग मारकर कैसे प्रसन्न होते हैं?
वे ढिठाई की बातें बोलते, अवज्ञा की बातें करते और बड़ाई मारते हैं।
Psalms 94:4
दुष्ट डींग मारकर कैसे प्रसन्न होते हैं?
वे ढिठाई की बातें बोलते, अवज्ञा की बातें करते और बड़ाई मारते हैं।
Psalms 94:5
दुष्ट का व्यवहार कैसा होता है?
वे यहोवा की प्रजा को पीस डालते, विधवा और परदेशी को घात करते और अनाथों को मार डालते हैं।
Psalms 94:6
दुष्ट का व्यवहार कैसा होता है?
वे यहोवा की प्रजा को पीस डालते, विधवा और परदेशी को घात करते और अनाथों को मार डालते हैं।
Psalms 94:7
दुष्ट क्या कहता है?
दुष्ट कहता है, यहोवा न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा।
Psalms 94:8-10
लेखक मूर्ख से क्या प्रश्न करता है?
लेखक मूर्ख से पूछता है, "तुम कब बुद्धिमान बनोगे?"
Psalms 94:11
यहोवा मनुष्य की कल्पनाओं के बारे में क्या जानता है?
यहोवा जानता है कि मनुष्य की कल्पनाएं मिथ्या हैं।
Psalms 94:12
यहोवा धन्य पुरुषों के लिए क्या करता है?
यहोवा धन्य पुरुषों को अपनी व्यवस्था सिखाता है और मुश्किलों के दिन में विश्राम देता है।
Psalms 94:13
यहोवा धन्य पुरुषों के लिए क्या करता है?
यहोवा धन्य पुरुषों को अपनी व्यवस्था सिखाता है और मुश्किलों के दिन में विश्राम देता है।
Psalms 94:14
लेखक यहोवा की प्रजा के लिए क्या चेतावनी देता है?
लेखक कहता है, यहोवा अपनी प्रजा को न तजेगा, न ही अपने निज भाग को छोड़ेगा।
Psalms 94:15-16
यहोवा की प्रतिज्ञा का परिणाम क्या होगा?
यहोवा की प्रतिज्ञा का परिणाम होगा कि न्याय धर्म के अनुसार किया जाएगा और सारे सीधे मन वाले उसके पीछे-पीछे हो लेंगे।
Psalms 94:17
लेखक को यहोवा के कैसे प्रावधान से सहायता मिली?
लेखक ने पुकारा, "मेरा पांव फिसलने लगा है", तब यहोवा की करुणा ने उसे थाम लिया।
Psalms 94:18-19
लेखक को यहोवा के कैसे प्रावधान से सहायता मिली?
लेखक ने पुकारा, "मेरा पांव फिसलने लगा है", तब यहोवा की करुणा ने उसे थाम लिया।
Psalms 94:20
दुष्ट कानून की आड़ में कैसा उत्पात मचाते हैं?
वे धर्मी का प्राण लेने की युक्ति करते हैं और निर्दोष को प्राण दण्ड देते हैं।
Psalms 94:21
दुष्ट कानून की आड़ में कैसा उत्पात मचाते हैं?
वे धर्मी का प्राण लेने की युक्ति करते हैं और निर्दोष को प्राण दण्ड देते हैं।
Psalms 94:22
यहोवा ने लेखक को कैसे प्रोत्साहन किया?
यहोवा उसका ऊँचा गढ़ और उसकी शरण की चट्टान बन गया।
Psalms 94:23
यहोवा दुष्ट शासकों का क्या करेगा?
यहोवा उनका अनर्थ उन्हीं पर लौटा देगा और उन्ही की बुराई द्वारा उन्हें नष्ट कर देगा।
Psalms 95
Psalms 95:2
लेखक यहोवा की उपस्थिति में आने के लिए लोगों को कैसे उत्साहित करता है?
वह कहता है, हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएं।
Psalms 95:3
यहोवा अन्य देवताओं की तुलना में कैसा है?
यहोवा महान ईश्वर है और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है।
Psalms 95:4
यहोवा सब ईश्वरों से महान कैसे है?
यहोवा सब ईश्वरों में महान है क्योंकि पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं, समुद्र उसका है और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ की रचना है।
Psalms 95:5
यहोवा सब ईश्वरों से महान कैसे है?
यहोवा सब ईश्वरों में महान है क्योंकि पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं, समुद्र उसका है और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ की रचना है।
Psalms 95:6
यहोवा को झुककर दण्डवत् करना और उसके सामने घुटने टेकना क्यों उचित है?
यहोवा की उपासना में ऐसा करना उचित है क्योंकि वह हमारा परमेश्वर है और हम उसकी चराई की प्रजा और उसकी भेड़ें हैं।
Psalms 95:7-8
यहोवा को झुककर दण्डवत् करना और उसके सामने घुटने टेकना क्यों उचित है?
यहोवा की उपासना में ऐसा करना उचित है क्योंकि वह हमारा परमेश्वर है और हम उसकी चराई की प्रजा और उसकी भेड़ें हैं।
Psalms 95:9
इस्राएलियों के पूर्वजों ने यहोवा के प्रति कैसी प्रतिक्रिया दिखाई थी?
इस्राएलियों के पूर्वजों ने यहोवा के कामों को देखने के उपरान्त भी उसके अधिकार को चुनौती दी और उसके धीरज को परखा।
Psalms 95:10
यहोवा अपने अधिकार को चुनौती देने वालों का वर्णन कैसेक करता है?
यहोवा कहता है, "ये तो भटकने वाले मन के हैं, इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहचाना।"
Psalms 95:11
यहोवा ने क्रोध में आकर क्या शपथ खाई?
यहोवा ने क्रोध में आकर शपथ खाई कि वे यहोवा के विश्राम स्थान में कभी प्रवेश नहीं करने पाएंगे।
Psalms 96
Psalms 96:2
लेखक मनुष्यों को कैसे उत्साहित करता है?
लेखक कहता है, दिन प्रतिदिन उसके किए हुए उद्धार का शुभ सन्देश सुनाते रहा करो।
Psalms 96:3
उसकी महिमा और उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन सब जातियों में क्यों किया जाए?
यहोवा की महिमा और उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन सब जातियों में किया जाए क्योंकि यहोवा महान और स्तुति के योग्य है, वह सब देवताओं से अधिक भययोग्य है।
Psalms 96:4-5
उसकी महिमा और उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन सब जातियों में क्यों किया जाए?
यहोवा की महिमा और उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन सब जातियों में किया जाए क्योंकि यहोवा महान और स्तुति के योग्य है, वह सब देवताओं से अधिक भययोग्य है।
Psalms 96:6-7
यहोवा की उपस्थिति में क्या हुआ है?
उसकी उपस्थिति के चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है, और वह सामर्थ्य और शोभा से विभूषित है।
Psalms 96:8-9
यहोवा के नाम के योग्य महिमा के निमित्त क्या करना है?
उसकी महिमा के निमित्त भेंट लेकर उसके आंगनों में आना है।
Psalms 96:10
लेखक सब जातियों में क्या कहने के लिए कहता है?
लेखक कहता है, "जाति-जाति में कहो, ‘यहोवा का राजा हुआ है।’"
यहोवा मनुष्यों का न्याय कैसे करता है?
वह धर्म से जगत का और सच्चाई से देश-देश के लोगों का न्याय करेगा।
Psalms 96:11
क्यों आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो?
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो यहोवा आनेवाला है।
Psalms 96:12
क्यों आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो?
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो यहोवा आनेवाला है।
Psalms 96:13
क्यों आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो?
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो यहोवा आनेवाला है।
ऐसा क्या होगा जब वो आएंगे?
वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है, वह धर्म से जगत का, और सच्चाई से देश-देश के लोगों का न्याय करेगा।
Psalms 97
Psalms 97:2
यहोवा के सिंहासन की नींव क्या है?
यहोवा के सिंहासन की नींव धर्म और न्याय की है।
Psalms 97:3
यहोवा के आगे-आगे चलने वाली आग से क्या होता है?
वह उसके विरोधियों को चारों ओर भस्म करती है।
Psalms 97:4
यहोवा की उपस्थिति से क्या होता है?
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित होता है, पृथ्वी थरथरा जाती है, और पहाड़ मोम के समान पिघल जाते हैं।
Psalms 97:5
यहोवा की उपस्थिति से क्या होता है?
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित होता है, पृथ्वी थरथरा जाती है, और पहाड़ मोम के समान पिघल जाते हैं।
Psalms 97:6
यहोवा के धर्म और महिमा की घोषणा कौन करते हैं?
आकाश उसके धर्म की साक्षी देता है और सब जातियां उसकी महिमा देखती हैं।
Psalms 97:7
यहोवा किसको लज्जित करेगा?
जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते हैं और मूरतों पर फूलते हैं, वे सब लज्जित होंगे।
Psalms 97:8
सिय्योन के आनन्द करने का और यहूदा के नगरों के मगन होने का कारण क्या है?
सिय्योन का आनन्द और यहूदा के नगरों का मगन होना यहोवा के नियमों के कारण हैं।
Psalms 97:9
लेखक यहोवा के बारे में क्या कहता है?
लेखक कहता है कि यहोवा सारी पृथ्वी के ऊपर परम-प्रधान है और सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है।
Psalms 97:10-11
यहोवा अपने भक्तों के लिए क्या करता है?
वह अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा करता है और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है।
Psalms 97:12
लेखक धर्मियों को किस बात के लिए प्रोत्साहित करता है?
लेखक कहता है, हे धर्मियों, यहोवा के कारण आनन्दित हो और उसके पवित्र नाम का धन्यवाद करो।
Psalms 98
Psalms 98:1
यहोवा की प्रजा को विजय दिलाने वाला कौन है?
यहोवा के दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उनको विजय दिलाई है।
Psalms 98:2
यहोवा ने अन्य जातियों की दृष्टि में क्या प्रकट किया है?
यहोवा ने अन्य जातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रकट किया है।
Psalms 98:3
यहोवा किस बात को स्मरण करता है?
यहोवा ने इस्राएल के घराने पर अपनी करुणा और विश्वास-योग्यता को स्मरण किया है।
इस्राएल के परमेश्वर की विजय को कौन देखेगा?
पृथ्वी के सब दूर-दूर के देशों ने यहोवा की विजय को देखा है।
Psalms 98:4
यहोवा के प्रबन्ध पर इस्राएल की प्रतिक्रिया कैसी हो?
वे उत्साह-पूर्वक जयजयकार करें और भजन गाए, वीणा बजाकर यहोवा का भजन गाएं।
Psalms 98:5
यहोवा के समक्ष स्तुति और आनन्द का गीत गाने के लिए इस्राएल कौन से वाद्य-यन्त्र काम में लें?
वे वीणा, तुरहियों और नरसिंगों द्वारा उसका स्तुतिगान करें।
Psalms 98:6
यहोवा के समक्ष स्तुति और आनन्द का गीत गाने के लिए इस्राएल कौन से वाद्य-यन्त्र काम में लें?
वे वीणा, तुरहियों और नरसिंगों द्वारा उसका स्तुतिगान करें।
Psalms 98:7
लेखक सृष्टि को यहोवा के आगमन के लिए क्या करने को कहता है?
समुद्र और उसमें की सब वस्तुएं, जगत और उसके निवासी महाशब्द करें, नदियां तालियां बजाएं, और पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
Psalms 98:8
लेखक सृष्टि को यहोवा के आगमन के लिए क्या करने को कहता है?
समुद्र और उसमें की सब वस्तुएं, जगत और उसके निवासी महाशब्द करें, नदियां तालियां बजाएं, और पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
Psalms 98:9
यहोवा जगत का न्याय कैसे करेगा?
यहोवा धर्म और सच्चाई से जगत का न्याय करेगा।
Psalms 99
Psalms 99:1
विश्वासी यहोवा के राज्य पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाएं?
यहोवा के राजा होने पर देश-देश के लोग कांप उठें।
पृथ्वी क्यों डोल उठे?
पृथ्वी डोल उठे क्योंकि यहोवा करुबों पर विराजमान है।
Psalms 99:2
यहोवा सब जातियों पर प्रधान क्यों हुआ है?
यहोवा सब जातियों पर प्रधान है क्योंकि वह सिय्योन में महान है।
Psalms 99:3
सब जातियां यहोवा के भय-योग्य एवं महान नाम का धन्यवाद क्यों करें?
वे उसके महान नाम का धन्यवाद करें क्योंकि वह पवित्र है।
Psalms 99:4
लेखक राजा का वर्णन कैसे करता है?
लेखक कहता है कि राजा सामर्थी है और न्याय से प्रीति रखता है।
Psalms 99:5
लेखक यहोवा के प्रति सब जातियों को कैसी प्रतिक्रिया दिखाने को कहता है?
चौकी लेखक कहता है कि सब जातियां यहोवा को सराहें और उसके चरणों की के सामने दण्डवत् करें क्योंकि वह पवित्र है।
Psalms 99:6
कुछ लोगों ने यहोवा से प्रार्थना की और यहोवा ने उन्हें उत्तर दिया, वे कौन-कौन थे?
मूसा, हारून और शमूएल उन मनुष्यों में से थे जिनकी प्रार्थनाओं का उत्तर यहोवा ने दिया।
Psalms 99:7
यहोवा से प्रार्थना का उत्तर पाने वालों ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई थी?
वे उसकी चितौनियों और उसकी दी हुई विधियों पर चलते थे।
Psalms 99:8
यहोवा ने उससे प्रार्थना करने वालों के लिए क्या किया?
यहोवा उनको उनके कामों का बदला तो देता था परन्तु उन्हें क्षमा कर देता था।
Psalms 99:9
लेखक सब लोगों को किस बात के लिए प्रोत्साहित करता है?
लेखक कहता है, यहोवा को सराहो और उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत् करो क्योंकि यहोवा पवित्र है।