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1 Peter

1 Peter 1

1 Peter 1:1-2

पतरस किसका प्रेरित था?

पतरस मसीह यीशु का प्रेरित था।

पतरस ने किसे पत्र लिखा था?

पतरस ने उन विस्थापित विश्वासियों को पत्र लिखा था जो पुन्तुस, गलातिया,कप्पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में रहते थे।

ये परदेशी कैसे चुने हुए कहलाए?

वे परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार आत्मा के पवित्र करने के द्वारा चुन लिए गए थे।

1 Peter 1:3

पतरस इन चुने हुओं के लिए क्या कामना करता है?

पतरस की मनोकामना थी कि उन्हे अनुग्रह और शान्ति बहुतायत से मिले।

पतरस किसका धन्यवाद करना चाहता था?

पतरस हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद करना चाहता है।

परमेश्वर ने हमें नया जन्म कैसे दिया हैं?

परमेश्वर ने हमें बड़ी दया से नया जन्म दिया है।

1 Peter 1:4

वह मीरास अविनाशी, निर्मल और अजर कैसे हैं?

क्योंकि उनके लिए स्वर्ग में मीरास सुरक्षित है।

1 Peter 1:5-6

वह परमेश्वर के सामर्थ्य से किस माध्यम से सुरक्षित होती है?

उसकी रक्षा परमेश्वर के सामर्थ्य विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिए जो आनेवाले समय में प्रकट होनेवाली है, की जाती है।

1 Peter 1:7

नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उन्हे दुःख उठाना क्यों आवश्यक था?

यह इसलिए कि उनका परखा हुआ विश्वास यीशु मसीह के प्रकट होने पर प्रशंसा और महिमा और आदर का कारण ठहरे।

नाशमान सोने से अधिक मूल्यवान क्या है?

विश्वास सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है।

1 Peter 1:8

इन चुने हुए परदेशियों ने मसीह यीशु को नहीं देखा था, तोभी उन्होने क्या किया?

वे उससे बिन देखे प्रेम करते थे और उस पर विश्वास करके ऐसे आनन्दित और मगन थे जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है।

1 Peter 1:9

विश्वासियों ने परिणाम स्वरूप क्या पाया है?

उन्होने अपनी आत्माओं का उद्धार प्राप्त किया।

1 Peter 1:10

भविष्यद्वक्ताओं ने किस बात की खोज और जांच पड़ताल की थीं?

उनके उद्धार और अनुग्रह के बारे में भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत खोज और जांच पड़ताल की।

1 Peter 1:11

मसीह का आत्मा भविष्यद्वक्ताओं को किस बात का पूर्व ज्ञान प्रदान करता था?

वह उन्हे मसीह के दु:खों और आनेवाली महिमा के बारे में बता रहा था।

1 Peter 1:12

भविष्यद्वक्ता अपनी जांच पड़ताल और खोज के द्वारा किसकी सेवा करते थे?

वे इन चुने हुओं की सेवा के लिए ये बातें कहा करते थे।

भविष्यद्वक्ताओं की खोज और जांच पड़ताल का परिणाम देखने की लालसा किसमें थी?

स्वर्गदूत भी परिणाम देखने की लालसा रखते थे।

1 Peter 1:13-14

पतरस उनसे क्या कहता है कि वे आज्ञाकारी बालकों के समान करें?

वह उनसे कहता है कि वे अपनी बुद्धि की कमर बांध कर और सचेत रहकर उस अनुग्रह की पूरी आशा रखें जो यीशु मसीह के प्रकट होने के समय उन्हे मिलनेवाला है, वे पुरानी अभिलाषाओं के सदृश्य न बनें।

1 Peter 1:15-16

पतरस इन चुने हुओं को पवित्र रहने के लिए क्यों कहता है?

क्योंकि जिसने उन्हे बुलाया वह पवित्र है।

1 Peter 1:17

इन परदेशी चुने हुओं को अपना समय भय से क्यों बिताना था?

वे हर एक के काम के अनुसार निष्पक्ष न्याय करनेवाले को "हे पिता" कहकर प्रार्थना करते थे।

1 Peter 1:18

ये परदेशी चुने हुए विश्वासी किससे उद्धार पाए हुए थे?

उनका उद्धार सोने चांदी से नहीं, मसीह के बहुमूल्य लहू से हुआ था एक निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने का लहू।

1 Peter 1:19

इन परदेशी चुने हुए विश्वासियों के निकम्मे चालचलन का कारण क्या था?

उनका निकम्मा चालचलन बाप दादों से चला आ रहा था।

1 Peter 1:20-21

मसीह का चुनाव कब हुआ था और कब वह प्रकट हुआ?

उसका ज्ञान (मसीह) तो जगत की उत्पत्ति के पहले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में उनके लिए प्रगट हुआ था।

ये चुने हुए परदेशी परमेश्वर में विश्वास और आशा कैसे करने लगे थे?

परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया और महिमा दी, उसके द्वारा वे परमेश्वर में विश्वास करते थे।

1 Peter 1:22

इन चुने हुए परदेशियों ने अपने मनों को पवित्र कैसे किया था?

उन्होने भाई चारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया था।

1 Peter 1:23

इन चुने हुए परदेशियों ने नया जन्म कैसे पाया था?

उन्होने अविनाशी बीज से परमेश्वर जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया था।

1 Peter 1:24

प्राणी और उसकी महिमा किसके समान है?

हर एक प्राणी घास के समान है और उसकी महिमा घास के फूल के समान ही है।

1 Peter 1:25

प्रभु का वचन का क्या होता है?

प्रभु का वचन युगानयुग स्थिर बना रहता है।

1 Peter 2

1 Peter 2:1

इन चुने हुए परदेशियों से क्या दूर करने को कहा गया था?

उनसे कहा गया कि वे सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और निन्दा दूर करें।

1 Peter 2:2-3

इन चुने हुए परदेशियों निर्मल आत्मिक दूध की लालसा क्यों करनी थी?

उन्हे निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करना थी ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिए आगे बढ़ते जाएं।

1 Peter 2:4

जीवित पत्थर कौन है जिसे मनुष्यों ने निकम्मा जाना परन्तु परमेश्वर ने चुन लिया?

मसीह यीशु जीवित पत्थर है।

1 Peter 2:5-6

ये चुने हुए परदेशी जीवित पत्थर क्यों थे?

वे भी जीवित पत्थरों के समान आत्मिक घर बन रहे थे जिससे याजकों का पवित्र समाज बन कर कभी लज्जित न हो वरन् आदर पाएं।

1 Peter 2:7-8

वचन को न मानने के कारण राजमिस्त्रियों ने ठोकर क्यों खाई?

राजमिस्त्रियों ने ठोकर खाई क्योंकि उन्हे उसी के लिए नियुक्त किया गया था।

1 Peter 2:9-10

वे एक चुना हुआ वंश, राज पदधारी याजकों का समाज, पवित्र लोग और परमेश्वर की निज प्रजा क्यों हुए?

वे तो इसलिए चुने गए थे कि वे परमेश्वर के अद्भुत कामों का वर्णन करें।

1 Peter 2:11-12

पतरस उन प्रियजनों को अभिलाषाओं से बचने को क्यों कहता हैं?

वे अभिलाषाओं से बचें और चालचलन भला रखें कि जो उन्हे बदनाम करते थे उनके भले कामों को देखकर परमेश्वर की महिमा करें।

1 Peter 2:13-15

उन चुने हुए परदेशियों को मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्ध के अधीन क्यों रहना था?

वे मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्ध के अधीन रहें क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है कि वे भले कामों द्वारा निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्द कर पाएं।

1 Peter 2:16-17

अपनी स्वतंत्रता को बुराई के लिए आड़ बनाने की अपेक्षा उन चुने हुए परदेशियों को क्या करना था?

उन्हे अपनी स्वतंत्रता को परमेश्वर के दास होने के लिए रखें।

1 Peter 2:18-20

सेवकों के लिए क्यों आवश्यक था कि वे अपने स्वामियों के अधीन रहे, कुटिल स्वामियों के भी?

वे जो सेवक थे हर प्रकार के भय के साथ अपने स्वामियों के अधीन रहें, न केवल भले और नम्र के परन्तु कुटिल के भी क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुःख उठाता हुआ क्लेश सहता है तो यह परमेश्वर को भाता है।

1 Peter 2:21-23

सेवकों के लिए भलाई के लिए दुःख उठाने की बुलाहट क्यों दी गई थी?

मसीह दुःख उठाकर एक आदर्श दे गया कि विश्वासी उसके पद चिन्हों पर चलें, वह अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौंपता था।

1 Peter 2:24

मसीह ने पतरस, परदेशी, चुने हुओं, और सेवकों के पापों को अपनी देह पर उठाकर क्रूस क्यों सहा?

वह हमारे पापों को अपनी देह में लेकर क्रूस पर चढ़ गया जिससे कि हम पापों के लिए मर कर धार्मिकता का जीवन बिताएं, उसी के मार खाने से हम चंगे हुए।

1 Peter 2:25

खोई हुए भेड़ों के समान भटकने के बाद वे किस के पास लौट आए थे?

वे अपने प्राणों के रखवाले और चरवाहे के पास लौट आए थे।

1 Peter 3

1 Peter 3:1-2

पत्नियां अपने अपने पति के अधीन क्यों रहें?

पत्नियां अपने अपने पति के अधीन रहें क्योंकि वचन में विश्वास नहीं करनेवाले पति उनके चालचलन को देखकर खिंच जाएं।

1 Peter 3:3-4

पत्नियां अपने पति को कैसे जीतें?

पत्नियां बाहरी श्रृंगार की अपेक्षा मन की दीनता की अविनाशी सजावट से सुसज्जित रहें।

1 Peter 3:5-6

पतरस ने उदाहरण स्वरूप किस पवित्र स्त्री का नाम लिया जो परमेश्वर में विश्वास रखकर अपने पति के अधीन रहती थी?

पतरस ने सारा का उदाहरण दिया है।

1 Peter 3:7

पति बुद्धिमानी से पत्नियों के साथ निर्वाह क्यों करें?

पतियों को भी बुद्धिमानी से पत्नियों के साथ जीवन निर्वाह करना चाहिए जिससे उनकी प्रार्थनाएं न रुक जाएं।

1 Peter 3:8-9

पतरस सब चुने हुए परदेशियों को एक मन होने और आशिष देने के लिए क्यों कहता है?

वे आशिष के वारिस होने के लिए बुलाए गए थे।

1 Peter 3:10-11

जो जीवन की इच्छा रखता है वह उसे अपनी जीभ को बुराई से और होठों को छल की बातें करने से क्यों रोके रहे और क्यों भलाई करें?

क्योंकि प्रभु की आंखें धर्मियों पर लगी रहती हैं।

1 Peter 3:12-13

दुष्ट लोग जिन बातों से डरते और परेशान होते थे उनसे भयभीत होने की आपेक्षा इस चुने हुए परदेशियों को क्या करना आवश्यक था?

उन्हें मसीह को प्रभु जानकर अपने मन में पवित्र समझना है।

1 Peter 3:14

धन्य कौन हैं?

धर्म के कारण दुःख उठानेवाले धन्य है।

1 Peter 3:15-17

आशा के विषय पूछे जाने पर चुने हुए परदेशी सदैव किस प्रकार उत्तर देने के लिए तैयार रहें?

वे सर्वदा नम्रता और भय के साथ उत्तर देने के लिए सर्वदा तैयार रहें।

1 Peter 3:18

मसीह ने पापों के लिए एक बार दुःख क्यों उठाया?

मसीह ने एक बार दुःख उठाया कि पतरस और चुने हुए परदेशियों को परमेश्वर के पास पहुंचाए।

1 Peter 3:19

जिन आत्माओं के लिए मसीह ने कैद में प्रचार किया था वे बन्दी क्यों थीं?

कैदी आत्माओं ने उस समय आज्ञा न मानी थी जब परमेश्वर नूह के समय धीरज धरकर ठहरा रहा था।

1 Peter 3:20-21

जल प्रलय से कुछ लोगों का बचाया जाना किसका प्रतीक है?

उसी पानी का दृष्टान्त भी, अर्थात बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के कारण, अब चुने हुए परदेशियों को शुद्ध विवेक से परमेश्वर के वश में हो जाने के द्वारा बचाता है।

1 Peter 3:22

यीशु स्वर्ग में परमेश्वर की दाहिनी और बैठा है तो स्वर्गदूत, अधिकारी और सामर्थी अब क्या करेगे?

सब उसके अधीन किए गए हैं।

1 Peter 4

1 Peter 4:1-2

पतरस ने चुने हुए परदेशियों को कैसा मन रखने के लिए कहा था?

पतरस उन्हे आज्ञा देता है कि उनमें भी वही मन हो जो मसीह का था जब उसने शरीर में रहते हुए दुःख उठाया था।

1 Peter 4:3-4

अन्य जातियां इन चुने हुए परदेशियों की निन्दा क्यों करती थीं?

अन्य जातिया इन चुने हुए परदेशियों के विरुद्ध बोलते थे क्योंकि ये विश्वासी उनके समान व्यभिचार, लालसाओं, पियक्कड़पन, भोगविलास तथा घृणित मूर्तिपूजा में सहभागी नहीं होते थे।

1 Peter 4:5-6

परमेश्वर किसका न्याय करेगा?

परमेश्वर जीवितों और मृतकों का न्याय करेगा।

1 Peter 4:7-9

इन चुने हुए परदेशियों को सचेत रहकर एक दूसरे से अधिक प्रेम क्यों रखना था?

उन्हे ऐसा ही करना था क्योंकि सब बातों का अन्त होने वाला है और उन की प्रार्थनाओं के कारण भी उन्हे ऐसा करना है।

1 Peter 4:10-11

चुने हुए परदेशी अपने-अपने वरदान को एक दूसरे की सेवा में क्यों लगाएं?

वे अपने-अपने वरदान को एक दूसरे की सेवा में लगाएं कि यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की महिमा प्रकट हो।

1 Peter 4:12-14

चुने हुए परदेशियों को मसीह के दु:खों में सहभागी होने और मसीह के नाम के लिए निन्दित होने पर आनन्द मनाने को क्यों कहा गया था?

उनकी निंदा की जाए तो वे धन्य हैं।

1 Peter 4:15-16

चुने हुए परदेशियों को हत्यारा, चोर, कुकर्मी, पराए काम में हाथ डालने के कारण दुःख क्यों न उठाना पड़े?

वह समय आ पहुंचा है कि पहले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए।

1 Peter 4:17-18

अधर्मी और पापी को परमेश्वर का सुसमाचार क्यों ग्रहण करना चाहिए है?

क्योंकि धर्मी व्यक्ति ही कठिनाई से उद्धार पाएगा।

1 Peter 4:19

जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुःख उठाते हैं उन्हे क्या करना चाहिए?

वे भलाई करते हुए अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के साथ में सौंप दें।

1 Peter 5

1 Peter 5:1-4

पतरस कौन था?

पतरस प्राचीनों में से एक और मसीह के दु:खों का गवाह और प्रकट होने वाली महिमा का सहभागी था।

पतरस ने अपने साथी प्राचीनों से क्या आग्रह किया था?

पतरस ने उनसे परमेश्वर के झुंड की रखवाली करने और उनकी सुधि लेने का आग्रह किया।

1 Peter 5:5-6

युवा किस के अधीन रहें?

उन्हे प्राचीनों के अधीन रहना था।

चुने हुए परदेशियों को दीनता से कमर बांधकर एक दूसरे की नम्रता पूर्वक सेवा क्यों करना है?

परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परन्तु दीनों को अनुग्रह करता है कि समय आने पर उन्हे बढ़ाए।

1 Peter 5:7-8

शैतान किसके समान

है?शैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाए।

चुने हुए परदेशियों को क्या करने का निर्देश दिया गया था?

उन्हें निर्देश था कि चिन्ताएं प्रभु पर डाल दे, सचेत रहें, जगते रहें, शैतान के सामने दृढ़ता से खड़े रहे और विश्वास में स्थिर रहना है।

1 Peter 5:9-11

चुने हुए परदेशियों ने कुछ समय दुःख उठाया जैसा कि उनके भाई उठा रहे थे तो उनका क्या होगा?

परमेश्वर उन्हे सिद्ध, स्थिर और बलवन्त करेगा।

1 Peter 5:12

पतरस ने सिलवानुस के लिए क्या कहा था?

पतरस सिलवानुस को विश्वासयोग्य भाई कहता था।

पतरस अपने पत्र के बारे में क्या कहता हैं?

पतरस कहता है कि उसने जो लिखा है वही परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह है।

1 Peter 5:13-14

इन चुने हुए परदेशियों को किसने नमस्कार भेजा और उन्हे एक दूसरे का अभिवादन कैसे करना हैं?

बेबीलोन के चुने हुए और पतरस के पुत्र मरकुस ने उन्हे नमस्कार भेजा उन्हे प्रेम के चुम्बन से एक दूसरे को नमस्कार कहना था।