Haryanvi: Open Bible Stories

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3.बाढ़

Frame 03-01

एक घणै बख्त के पाच्छे बहुत से माणस जगत म्ह रहणै लागै थे| वो घणयै दुष्ट अर अपराधी हो गेया सै | वो घणायै बुरे होग्ये | ज्याते पणमेश्वर ने यो फैसला करया कि वो एक बड्डी बाढ़ तै इस सारे जगत को नाश कर देवेगा |

Frame 03-02

जदयै पणमेश्वर मेहर की नजर नुह पे बणी रही | नुह धर्मी माणसो अरै अपणै समय के माणस मे खरा था | फेर पणमेश्वर ने उस्सै बाढ़ के बारेै म्है नूह ते कहया जिसके दवारा वो धरती को नाश करण आणा था | ज्याते पणमेश्वर ने नुह ते एक बड्डी किस्ती बनावण नै कह्या|

Frame 03-03

पणमेश्वर ने उस्तै कहया कि तै इसै ढंग ते किस्ती बनाणा140 मीटर लम्बी, 23 मीटर चोडी, अरै13.5 मीटर ऊँची बनाणा| पणमेश्वर ने नुह ते कहया कि इस किस्ती को लाकडी ते बनाणा , अर जहाज म्हैै एक खिड़की बनाणा ,अरै उसके एक हाथ ऊपर ते इसै की छत बनाणा ,अरै जहाज की और एक बारना रखणा; अरै जहाज म्है पहला , दूसरा अर तीसरा खंड बनाणा | पणमेश्वर ने नुह ते कहया की तै अपणा की परिवार गैल्या नाव म्है चढ़णा , अर सारे जिन्दे जिनावरा म्है ते तै एक एक जात के पशु, पक्षियों अर रेंगने आणै नै अपणै गर्त्घ्युजी ल्या जहाज म्है अपणै गल्या जीवित रखणा |

Frame 03-04

पणमेश्वर की इसैै आज्ञा के मुताबिक नूह ने करेया| नूह अरै उसके तीन छोरा ने नाव की रचना जुकर ही की जिस्तरया पणमेश्वर ने उनतै कहया थ्या| उसै नाव को बनाणै के खातेर घणयै साल लागै गये , क्युंकी व्यों नाव घणीयेे बड्डी थी| नुह ने माणस को बाडै के बारै म्है चेतावनी दई, अरै कहया कि पणमेश्वर की और मन फिरणा परै उंताही नूह पे विश्वास ना करेया |

Frame 03-05

नूह अरै उसके घरआणा ने जानवरों की खातेर पर्याप्त खाणा इक्ट्ठा करेया | जदै सरेया किम्मै तायेर था , जदै पणमेश्वर ने नूह ते कहया कि इबै समय सै कि वयो अपणी घरआणी , तीनं छोरे,अरैै बहुया गलेया नाव म्है जायै | वे सबै आठ माणस थएै |

Frame 03-06

पणमेश्वर ने धरती पै रेंगण आणेे पशु अरै पक्षियों के सारै नर अर मादा ने नूह के धोरै जहाज म्है भेजेया जदै की वयो बाडै के पाच्छा बचया रहै सकै | पणमेश्वर ने सारै ढाळ के पशुओं के सात नर अर सात मादा ने भेजेया जिनको बलिदान के खातेर बरता ज्या सकैै | जिब वे सारे जहाज म्ह चढ़ ग्ये फेर पणमेश्वर ने जहाज का किवाड बंद कर दिया |

Frame 03-07

फेर जल प्रलय का सहरु होया | जल प्रलय धरती पै बिना थमैै चालीस दिन अर चालीस रात तक होंदा रह्या | धरती पे प्रलय होंदा रहया , अरै पाणी बहुत घणा बढता ए गैया | जल धरती पै घणायैै बढ़ गैया , अर अडै तक कि सारी धरती पै जितनै बडे बडे पहाड़ थे, सारै डूब गयै |

Frame 03-08

अरै क्या पक्षी अरै क्या घरेलू पशु, अरै पृथ्वी पै सारै चालाण आणै प्राणी, अरै जितणै जंतु धरती पै बहुतायत पे भरै गयै थे, वयो सबै अरै सबै माणस मर गयै , जाै जहाज म्है थै केवल वयो जीवत थै | जहाज जल पै चालण लगेया अरै वयो सबै ज्यों जहाज म्है था वयो डूबणै ते सुरक्षित रहैया |

Frame 03-09

वर्षा थमंणै कब बादै , जहाज जल पै पांच महीने तकै तेरदा रहा , एक दिन जहाज पहाड़ पै टिक गया , फेर जदै भी संसार जल ते भरा था | तीन महीने के बाद पहाड़ो की चोटिया देखणै लागै |

Frame 03-10

चालीस दिन के बाद नूह ने अपणै बणायै होयै जहाज की खिड़की को खोलै, एक कौआ पक्षी उड़ा दैया यों देखणै के खातेर की घणयै धरती पै सूख गैया या ना | कौआ शुष्क भूमि की तलाश म्है इधर-उधर उड़ा, जदै सूखी भूमि को ना पाया |

Frame 03-11

फेर नूह ने कबूतर पक्षी को उड़ा देया | लेकण जदै कबुतर को अपणै परै टेकण के खातेर कोयै आधार ना मिलेया तो वयो जहाज म्है उसके धोरैै लोट आईया | जदै सात दिन के बाद उस्नै उसै पक्षी को फेर उड़ा देईया,, अरै जदै कबुतर साँझझ के समय उसके धोरे आ गयै , त्यों के देख्या की उसकी चोंच में जैतून का एक नया पत्तेया सै ! जद़ै नूह ने जाणै लैया कि जल धरती पै घटया से|

Frame 03-12

फेर उस्नै सात दिन अरै रहै के उसै कबुतर को उडा देया | इसै बारै, वयो लोट के उल्टा ना आईया | पाणी सूख गैया था |

Frame 03-13

  1. बाढ़:13 — Haryanvi

दो महीने बाद पणमेश्वर ने नूह ते कहया की तयै अपणै छोरेया , लुगाई अरै बहुओ गल्या जहाज म्है तयै लिकड़ आ | पणमेश्वर ने नूह को आशीष दयै '' फलों - फूलों , अरै बढाै , अरै धरती म्है भर जाओ | जदै नूह अरै उसका परिवार जहाज म्हैै तै लिकड आयै |

Frame 03-14

उस्नै एक वेदी बणायी , जदै बलिदान की खातेर इस्तेमाल करेया जा सकै अरै सारै ढाणै के जन्तुओ का बलिदान दैया | पणमेश्वर उसै बलिदान ते खुश होया अरै नूह अरै उसके परिवार को आशिष देई |

Frame 03-15

फेर पणमेश्वर ने कहया '' कि थमै ते यों वाचा बाधू सू कि सारै माणस फेर जल प्रलय ते ख्तेम ना होवेगे अरै धरती का नाश करणै की खातेर फेर जल प्रलय ना होवेगा ; फेर अाच्छै ही माणस सुरु ताहि पाप क्यों ना करै रहै होवै |"

Frame 03-16

पणमेश्वर ने कहया कि म्हैै ने बादल म्है अपणा धनुष रख्या सै , वयो म्हारे अरै धरती के बीच म्है वाचा का निशान होवेगा अरै जदै म्ह धरती पै बादण फलावागे जदै बादल म्ह धनुष दीखणै लागै गा | जदै मेरी जयाै वाचा थारै अरै सबै जीवित शरीरधारी प्राणियों के गेल्या बँधी सै; उस्नै म्है याद कारागे, जदै ऐसा जल -प्रलय फेर ना होवेगा जिस्सै सारै प्राणियों का नाशै होवेगा |

बाइबिल की कहानी में : उत्पति 6-8