परमेश्वर ने यूसुफ अरै उसके कुनबा को बचाया
घणै साल बाद, जदै याकूब बूढया हो गया, त्यो उस्नै अापणै लाडला छोरा यूसुफ को खन्दाया कि वयो जाकै अपणै भाइयो को देख्यै ज्यो भेड़ बकरियों के झुंड की रख वाणी करणै लागै रे थै |
यूसुफ के भाई उस्तै बैर राख थे क्युॅकी जदै यूसुफ के भाइयो ने देख्या कि म्हारे बाप अपणी सब्तै घणी उसतै लगाव रख्या सै, अर यूसुफ ने सपणा म्ह दिख्या था कि व्यो अपणै भाइयो पै राज कयरेगा | जद यूसुफ अपणै भाइयो के धोरेय आया त्यो उनताही उस्तै अगवा करके उसताही किस्सै व्यपारी को बेच दिया |
जदै उसक भाई घर उल्टे आयै त्यो उनताही यूसुफ के लते लेयै, अर एक बकरे को मार के उसकै खून म्ह उस्तै डुबा देया | अर उनताही उस लतया को बाप को दिखायकै कहयै देया कि किसी दुष्ट पशु ने यूसुफ को खा लेया सै | याकूब घणया दुखी होया |
अर व्यापारी यूसुफ को मिस्र लेय गए | मिस्र नील नदी के किनारे स्थित एक बढया , शक्तिशाली देश था | दास व्यापारियों ने यूसुफ को एक धनी सरकारी अधिकारी को गुलाम के रूप म्ह बेच देया | यूसुफ अपणै मिस्री स्वामी के घरया रहन्दा था, अर पणमेश्वर उस्तै आशीष देवया था |
उसके मालिक की लुगाई ने यूसुफ तै कहया कि “म्हारे ग्लेया सो”, परै यूसुफ ने महन्या करैया अर कहया कि “म्ह इसी बडयी दुष्टता करै के पणमेश्वर का अपराधी क्यों बणयू |” वयो घणये गुस्साया होये अर यूसुफ पै झूठया दोष लगाया अर उसताही जेलखाणै म्ह गैर दैया | यडयै तकै की जेलखाणे म्ह भी यूसुफ पणमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहया अर पणमेश्वर ने उसताही आशीष दई |
दो साल बाद भी, निर्दोष होणै के बावजूद यूसुफ जेणखाणे म्ह था | एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसताही फ़िरौन कहवै सै उसने रात म्ह दो सपणे देखए ज्यो उसे लगातार दुखी कर रहे थे | ज्यो सपणा उसताहि देख्या उसका फण बताण आळोा कोयै भी ना सै |
पणमेश्वर ने यूसुफ को यह खूबी दी थी कि वयो सपणा का मतलब जाण सकै, जदै फ़िरौन ने यूसुफ को जेलखाणा ते बुलाण भेज्या | यूसुफ ने उसके खातेर सपणे की व्याख्या की अर कहया कि” सारै मिस्र देश म्ह सात वर्ष तयै घणयै की उपज के होवगी, अर उनके बाद सात वर्ष अकाल के आवेगै |”
फ़िरौन यूसुफ ते घणया प्रभावित होया , अर उस्तै मिस्र का दूसरा सबतै बलसाळी माणस नियुक्त करैया |
यूसुफ ने सात वर्ष आछी उपज के दिन्या म्ह खाणैै समाण कठया करणय के खातेर माणस ते कहया | अकाल के ग्लेया साला म्ह जद माणस के धोरय खाणा के खातेर किम्मे ना था अर सारी धरती पै अकाल पडयै गया त्यो यूसुफ मिस्रियो को अन्न बेचणै लाग्या |
अकाल न बलके मिस्र जदै कनान म्ह भी पडया था, जडयै यूसुफ का कुणबा रहवैै था |
याकूब ने अपना छोरा ने मिस्र ते अन्न लाणै के खातेर भेज्या | यूसुफ के भाइयो ने उसताहि न पिछाणा जद वयो अनाज मोल लेणै के खातेर उसके आगेय खडया थे | जदै यूसुफ ने उनताहि पिछाण लैया |
के उसके भाई बदलीये गए स यो आजमान के बाद, यूसुफ ने उन्तै कहया ,” मैं थारैया भाई यूसुफ सू ! डरो मत | “थमनै मूर्खता के खातेर मिस्र आळ आळे के हाथ मन्ये बेच दैया था, परन्तु पणमेश्वर ने अाच्छे के खातेर ही बुरैया की !” आओ आ र मिस्र में रहयो, ताकै म्ह थारते अर थयारै कुणबा को ज्यों किम्मे मिस्र देश म्ह सै अाच्छे ते अाच्छा थारतै दयूगा |”
जद यूसुफ के भाई अपणै बाप याकूब के धोरय पहोचया अर उसताहि कहया , यूसुफ इब तकै जिन्दा सै, यो सुन्या वयो घणया खुश होया |
याकूब बूढया हो गया था, वयो अपणै कुणबा के गल्या मिस्र देश गया अर वयो सारेय उडडयै रहण लागै | याकूब ने मोत ते पहल्या अपणै सारै छोरा ने आशीर्वाद दैया |
पणमेश्वर ने ज्यों वाचा अब्राहम ते बाँधी थी , अब्राहम के बाद इसहाक ते, इसहाक के बाद याकूब अर उसकै बारह छोरे व उसकै कुणबा ते | बारह छोरे की ओलाद से इस्राएल के बारह गोत्र बणै गए |
बाइबिल की कहानी में : उत्पति 37-50