4.अब्राम के साथ परमेश्वर की वाचा
बाढ़ के घणयै साल बाद , जगत म्है घणयै माणस थै, अरै सारै धरती पै एक ही भाषा अरै एक ही बोलेये थै | माणस ने पणमेश्वर की आज्ञा ना मान्यी | पणमेश्वर ने धरती को माणस ते भरणै की आज्ञा दई थयी ,-; वयो एक गेल्या इकट्ठे होयै अरै एक शहर का निर्माण करेया |
उनताही घणयै घमंड थया , पणमेश्वर ने जियो कहया था उनताही उसकी परवाह ना की | फेर उनताही सूर्ग तक लंबी चोटी बनाणै का निर्माण करैया | पणमेश्वर ने देख्या कि '' सबै एक ही दल के सै अरै भाषा भी उनकी एक ही सै , अरै उनताही इसा ही काम सुरु भी करैया ; अरै इबै जओ वो करणैै का प्रयास कारागे , उस्मेह ते उनके खातेर किम्मै भी अनहोना ना होवेगा |
जदै पणमेश्वर ने उनकी बोळीको घणीयै बोलिया म्है बदल देया , अरै उनताही वहा ते सारै धरती पै बखेर देया | जिसै शहर का वयो निर्माण करै रहै थै उसका नाम बेबीलोन था , जिसका अर्थ सै –“अस्पष्ट “
सैकड़ों वर्षों के बाद, पणमेश्वर ने एक माणस ते बात की जिसका नाम अब्राम था | पणमेश्वर ने अब्राम ते कहया कि ,'' अपणै देश अरै अपणै कुणबा अरै अपणै बाप के घर को छोड़कर उसै देश म्है चालैया जा जों तनेय देखवांगे
पणमेश्वर के वचन के मुताबिक अब्राम चालया | इसै प्रकार अब्राम अपणी लुगाई सारै , अरै जओ धन उनताही इकट्ठा करैया था , अरै जेओ प्राणी उनताही हारान म्है प्राप्त करै थे , सबै को लेकर कनान देश म्है जो पणमेश्वर ने उस्सै दिख्या था जाणै को लिकड चालैया; अब्राम उडडै घणयै साल रहैया | फेर पणमेश्वर ने आब्रम के गेल्या वाचा बाँधी| वाचा एक सम्मति से दो साझी के बीच |
पणमेश्वर ने उस्से कहया कि,'' अपणै चारों और देख '' क्युकी जितणी धरती तनैय दिखणै लागै सै, उसै सबै को तनै अरै थारै वंश को देयुगा | म्है तनै आशीष दूँगा अरै थारै नाम बडैया करुॅगा |
म्हैै थारैैै ते एक बड़ी जाति बणावागा अरै मे थ़़ारै या पणमेश्वर होवगा | ज्यों थमणै आशीर्वाद दे उनताही म्है आशिष देयुगा अरै तनै ज्यों कोसै गा , उनताही म्है शाप देउगा | अरै भूमंडल के सारै कुल थारैै कारण आशीष पावांगै'' | पणमेश्वर ने आब्रम ते कहया कि थारै म्है ते एक एक माणस का खतणा हो | ज्यों वाचा मन्यै अरै थारै बीच म्है सै , उसका यहो चिन्ह होवेगा | अरै आब्रम ने आज्ञा मानी
आब्रम ने पणमेश्वर की वाचा पै विश्वास करैया | पणमेश्वर ने घोषित करैया कि अब्राम धर्मी से, क्युँकी उस्नै पणमेश्वर की वाचा पै भरोसा करेया सै | लिकणै एक समस्या थी | आब्रम अरै उसकी लुगाई को कोई बाणकै ना हो सकै से | जदै य्यो ना हो सकै था कि आब्रम घणयै जातियों का बाप बणै पान्दांं लिकिण उनताही धीरज राखेया अरै , उसै वायदे पै ज्यों पणमेश्वर ने उनतै करैया था भरोसा करैया |
एक दिन , अब्राम मलिकिसिदक , पणमेश्वर के परमप्रधान याजक ते मिल्या | मलिकिसिदक ने अब्राम को यह आशीर्वाद दईया ,” परमप्रधान ईशवर की ओर ते, ज्यों आकाश अरै धरती का अधिकारी से, तयै धन्य हो” | जदै अब्राम ने उसको सबै वस्तुओ का दशमांश दईया|
बाइबिल की कहानी में : उत्पति 11-15