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इफिसियों का परिचय
भाग 1: सामान्य परिचय
इफिसियों की पुस्तक की रूपरेखा
- अभिवादन और मसीह में आत्मिक आशीषों के लिए प्रार्थना (1:1-23)
- पाप और उद्धार (2:1-10)
- एकता और शान्ति (2:11-22)
- तुम में मसीह का भेद, प्रकट किया गया है (3:1-13)
- उनको सामर्थी बनाने के लिए उसकी महिमा के धन के लिए प्रार्थना (3:14-21)
- आत्मा के साथ एकता, मसीह की देह का निर्माण (4:1-16)
- नया जीवन (4:17-32)
- परमेश्वर का अनुकरण करने वाले (5:1-21) 1 . पत्नियाँ और पति, बच्चे और माता-पिता, दास और स्वामी (5:22-6:9)
- परमेश्वर के हथियार (6:10-20)
- अंतिम अभिवादन (6:21-24)
इफिसियों की पुस्तक किसने लिखी?
इफिसियों का पत्र पौलुस ने लिखा था। पौलुस तरसुस नगर का निवासी था। प्रारंभिक जीवन में वह शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके मसीही बनने के बाद, लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, उसने कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।
अपनी यात्राओं में से एक में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया आरम्भ करने में मदद की। वह इफिसुस में डेढ़ साल तक रहा और वहाँ के विश्वासियों की सहायता की। सम्भवतः पौलुस ने यह पत्र उस समय लिखा जब वह रोम के कारागार में था।
इफिसियों की पुस्तक किस विषय में है?
पौलुस ने यह पत्र इफिसुस के मसीहियों को लिखा कि उनके लिए मसीह यीशु में परमेश्वर के प्रेम को समझाए। उसने उन आशीषों का वर्णन किया जो परमेश्वर उन्हें दे रहा था क्योंकि वे अब मसीह के साथ एक हो गए थे। उसने समझाया कि सभी विश्वासी एक दूसरे के साथ जुड़ गए हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्यजाति। पौलुस उन सबको इस तरह से जीने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहता था कि परमेश्वर प्रसन्न हो।
इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस तरह होना चाहिए?
अनुवादक इसे इसके परम्परागत नाम “इफिसियों” के नाम से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""इफिसियों की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" इफसुस के मसीहियों के लिए एक पत्र।"" \n(देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)
भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ
इफिसियों की पुस्तक मे ""भेद "" क्या था?
यूएलटी में जिस अभिव्यक्ति का अनुवाद ""भेद "" या ""छिपा हुआ"" किया गया है, वह छह बार प्रकट होती है।इसके द्वारा पौलुस का अर्थ सदा ही किसी ऐसी बात से था जिसे परमेश्वर को मनुष्यों पर प्रकाशित करना होता था क्योंकि वे उसे स्वयं से नहीं जान सकते थे। वह सदा ही उस बात को सन्दर्भित करता था जो इस बारे में है कि कैसे परमेश्वर ने मानवजाति को बचाने के लिए योजना बनाई थी। कभी-कभी यह उसके और मानवजाति के बीच शांति स्थापित करने के लिए उसकी योजना के बारे में था। कभी-कभी यह अधिक विशेष रूप में मसीह के माध्यम से यहूदियों और अन्यजातियों को एकजुट करने के द्वारा उन दोनों के उद्धार की उसकी योजना के बारे में था। यह छिपा हुआ भेद था कि अन्यजातियाँ अब यहूदियों के समान मसीह के वादों से लाभ प्राप्त करने में उनके बराबर हैं।
पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में क्या कहा?
पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में इस पत्री में और उसकी कई महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ बहुत कुछ कहा है। उसने कहा कि परमेश्वर बहुत कृपालु रहा है और मसीहियों को बचाया क्योंकि वे यीशु में विश्वास करते थे। इसलिए, मसीही बनने के बाद, उन्हें मसीह में विश्वास दिखाने के लिए धार्मिक आचरण का जीवन जीना चाहिए। \n(देखें: धर्मी, धार्मिकता, अधर्मी, अधर्म, खरा, खराई)
भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण मुद्दे
एकवचन और बहुवचन ""तुम""
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को सन्दर्भित करता है। ""तुम"" शब्द अधिकांश समय बहुवचन में है और उन विश्वासियों को संदर्भित करता है जो इस पत्र को पढेंगे। इसके तीन अपवाद हैं: 5:14, 6:2, और 6:3. (देखें: तुम के प्रारूप)
""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" से पौलुस का क्या तात्पर्य है?
जब पौलुस ने ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" की बात की तब उसका मतलब उस नए स्वभाव से था जो एक विश्वासी पवित्र आत्मा से प्राप्त करता है। यह नया स्वभाव परमेश्वर के स्वरुप में सृजा गया था (देखें: 4:24)।\n यह उक्ति ""नया मनुष्यत्व"" परमेश्वर द्वारा यहूदियों और अन्यजातियों के बीच शांति उत्पन्न करने के लिए भी उपयोग की गई है। परमेश्वर ने उन्हें जो उसके हैं, एक जाति के रूप में इकट्ठा किया है (देखें: 2:15)।
यूएलटी में, इफिसियों में “पवित्र” और “शुद्ध करने” के विचारों को किस प्रकार प्रस्तुत किया गया है?
पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों को उनके संस्करणों में इन शब्दों को अच्छी तरह से व्यक्त करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करते समय, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करती है:
- कभी-कभी किसी वाक्य में इनका अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत देता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से ""पवित्र"" शब्द का उपयोग महत्वपूर्ण है जो इस तथ्य को व्यक्त करने के लिए है कि परमेश्वर मसीहियों को पाप रहित मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। शब्द ""पवित्र"" का एक और उपयोग इस विचार को व्यक्त करना है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोषरहित है। एक तीसरा उपयोग इस विचार को व्यक्त करने के लिए है कि मसीहियों को अपना जीवन-आचरण निर्दोष, त्रुटिरहित रखना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों,” या “पवित्र लोगों” का उपयोग करती है। (देखें: 1:1, 4)
- कभी-कभी किसी गद्यांश में इसका अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ को दर्शाता है जो उनके द्वारा किसी विशेष भूमिका को पूरा करने का अभिप्राय प्रकट नहीं करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करती है।
- कभी कभी किसी वाक्यांश में इसके अर्थ का अभिप्राय केवल परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित"" "" के लिए आरक्षित""जैसी उक्तिओं का इस्तेमाल करती है। (देखें: 3:5)
\nयूएसटी अधिकतर तब उपयोगी होगी जब अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे व्यक्त किया जाए।
""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसी अभिव्यक्तियों के उपयोग से पौलुस का क्या अभिप्राय था?
इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:1, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 15, 20; 2:6, 7, 10, 13, 15, 16, 18, 21, 22; 3:5, 6, 9, 11, 12, 21; 4:1, 17, 21, 32; 5:8, 18, 19; 6:1, 10, 18, 21 में आती है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक घनिष्ट संगति के विचार को व्यक्त करना था। इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए कृपया रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।
इफिसियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
""इफिसुस में"" (1:1). कुछ शुरुआती हस्तलिपियों में यह अभिव्यक्ति शामिल नहीं है, संभवतः पौलुस चाहता था कि यह पत्र अनेक कलीसियाओं में पढ़ा जाए, इफिसुस में और साथ ही साथ अनेक कलीसियाओं में भी। संभवतः आरंभ में उसने नगरों के नाम के लिए खाली स्थान छोड़ दिए होंगे। परन्तु हस्तलिपियों में जिनमें नगरों के नामों का उल्लेख किया गया है वह केवल ""इफिसुस"" का ही है। यही कारण यह है कि यूएलटी, यूएसटी और कई आधुनिक संस्करणों में यही एक नाम है।
""क्योंकि हम उसकी देह के अंग है"" (5:30)। \nअधिकांश आधुनिक संस्करणों, यूएलटी और यूएसटी में भी, इसी तरह से पढ़ते हैं। कुछ पुराने संस्करणों इस तरह से लिख हैं, ""क्योंकि हम उसके शरीर और उसकी हड्डियों के अंग हैं।"" यदि अनुवादकों के क्षेत्रों में अन्य संस्करण में ऐसा है तो वे दूसरी अभिव्यक्ति चुनने का निर्णय ले सकते हैं। यदि अनुवादक दूसरी अभियक्ति को चुनता है, \nउसे कोष्ठक ([]) के अंदर अतिरिक्त शब्दों को इंगित करना चाहिए कि वे संभवतः इफिसियों की पुस्तक के मूल में नहीं हैं।
(देखें: [[rc:/hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
Ephesians 1
इफिसियों 01 सामान्य नोटस्
संरचना और विन्यास शैली
""मैं प्रार्थना करता हूँ""
पौलुस इस अध्याय के हिस्सों को परमेश्वर की प्रशंसा की प्रार्थना की तरह करते हुए बाँटता है। लेकिन पौलुस केवल परमेश्वर से ही बात नहीं कर रहा है। वह इफिसुस की कलीसिया को शिक्षा दे रहा है। वह इफिसियों को यह भी बताता है कि वह उनके लिए कैसे प्रार्थना कर रहा है।
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
पूर्वनिर्धारण
कई विद्वानों का मानना है कि यह अध्याय"" पूर्वनिर्धारण"" के रूप में जाने जाने वाले विषय पर शिक्षा देता है। शब्द ""पूर्वनिर्धारण"" के उपयोग को 1:5, 11 में देखें। कुछ विद्वानों ने यह संकेत करने के लिए लिया कि परमेश्वर ने संसार की नींव रखने से पहले कुछ लोगों को अनंत काल के लिए चुना है। इस विषय पर बाइबल क्या शिक्षा देती है, इस पर मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं, इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देख: पहले से ठहराना, पहले से ठहराया)
Ephesians 1:1
पौलुस इफिसुस की कलीसिया के (और अन्य स्थानों के) विश्वासियों को अपना नाम इस पत्र के लेखक के रूप में दर्शाता है। जहाँ उल्लेख किया गया है, केवल उसे छोड़कर “तुम"" और ""तम्हारे"" के सभी सन्दर्भ इफिसुस के विश्वासियों तथा अन्य सब विश्वासियों के सन्दर्भ में है इसलिए बहुवचन में हैं। (देखें: तुम के प्रारूप)
Παῦλος, ἀπόστολος Χριστοῦ Ἰησοῦ…τοῖς ἁγίοις τοῖς οὖσιν ἐν Ἐφέσῳ
आपकी भाषा में पत्र के लेखक और उसके लक्षित पाठकों का परिचय कराने का एक निजी तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस, एक प्रेरित … इफिसुस में परमेश्वर के पवित्र लोगों को यह पत्र लिखता हूँ
ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ
मसीह यीशु में और इसके समान वाली अभिव्यक्तियाँ रूपक हैं जो नए नियम की पत्रियों में बार-बार आती हैं। वे मसीह और उनके बीच विश्वास करने वालों के बीच सबसे मजबूत तरह के संबंध को व्यक्त करती हैं, जो विश्वासियों को मसीह से घिरे होने के रूप में चित्रित करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""मसीह यीशु के निकट संबंध में"" (देखें: रूपक)
Ephesians 1:2
χάρις ὑμῖν καὶ εἰρήνη
यह एक सामान्य अभिवादन और आशीष वचन है जिसका उपयोग पौलुस अधिकतर अपने पत्रों के आरम्भ में करता है। आप अपनी भाषा में ऐसा रूप को काम में ले सकते हैं जिससे ये स्पष्ट हो कि ये शब्द अभिवादन और आशीष वचन है।
Ephesians 1:3
इस पुस्तक में, जब तक कि अन्यथा टिप्पणी न की जाए, ""हमें"" और ""हम"" शब्द पौलुस, इफिसुस के विश्वासियों, साथ ही साथ सभी विश्वासियों को भी संदर्भित करते हैं। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)
पौलुस अपनी पत्री का आरम्भ परमेश्वर के समक्ष विश्वासियों की स्थिति और उनकी सुरक्षा के बारे में बात करने से करता है।
εὐλογητὸς ὁ Θεὸς καὶ Πατὴρ τοῦ Κυρίου ἡμῶν, Ἰησοῦ Χριστοῦ
इसे कर्ताप्रधान रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: आओं हम हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता की स्तुति करें"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ὁ εὐλογήσας ἡμᾶς
“क्योंकि परमेश्वर ने हमें आशीष दी है”
πάσῃ εὐλογίᾳ πνευματικῇ
“परमेश्वर के आत्मा से आनेवाली हर आशीष”
ἐν τοῖς ἐπουρανίοις
“अलौकिक संसार में।” शब्द स्वर्गीय उस स्थान को सन्दर्भित करता है जहाँ परमेश्वर है।
ἐν Χριστῷ
सम्भावित अर्थ हैं 1) मसीह में यह शब्दावली सामान्य अर्थ में मसीह के साथ हमारे घनिष्ट सम्बन्ध के सन्दर्भ में काम में ली गई है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें मसीह के साथ जोड़ने के द्वारा"" या ""क्योंकि हम मसीह के साथ जोड़े गए हैं"" या 2) मसीह में वाक्यांश यह संदर्भित करता है कि मसीह ने क्या किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मसीह के द्वारा"" या ""मसीह ने जो किया उसके द्वारा"" ( देखे:रूपक)
Ephesians 1:4
ἁγίους καὶ ἀμώμους
पौलुस नैतिक अच्छाई पर जोर देने के लिए इन दो समान शब्दों का उपयोग करता है। यदि आपकी भाषा में दो एक से शब्द नहीं हैं तो आप दोनों के लिए एक ही शब्द का उपयोग कर सकते हैं, जैसे यूएसटी में किया गया है।(देखें: दोहरात्मक)
ἀμώμους
शब्द निर्दोष में दो नकारात्मक विचार निहित हैं: “दोष” और “त्रुटी।” अत: यदि आपकी भाषा में अधिक स्पष्ट है तो इन दो नकारात्मक विचारों के स्थान में समरूप सकारात्मक विचार “सिद्ध” के साथ व्यक्त किये जा सकते हैं। (देखें: दोहरे नकारात्मक)
Ephesians 1:5
उसके,""वह"" और ""वह"" शब्द परमेश्वर को सन्दर्भित करते हैं।
προορίσας ἡμᾶς εἰς υἱοθεσίαν
शब्द हम पौलुस, इफिसुस की कलीसिया और सभी विश्वासियों को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने हमें अपनाने के लिए बहुत पहले योजना बनाई"" (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)
προορίσας ἡμᾶς
“परमेश्वर ने हमें समय से पहले चुना या” परमेश्वर ने हमें बहुत पहले चुना
εἰς υἱοθεσίαν
लेपालक यहाँ परमेश्वर के परिवार का हिस्सा बनने के लिए एक रूपक है। यहाँ शब्द ""पुत्र"" का तात्पर्य पुरुषों और स्त्रियों से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी संतान हो जाना"" (देखें: रूपक)
διὰ Ἰησοῦ Χριστοῦ
परमेश्वर ने मसीह के काम के द्वारा विश्वासियों को अपने परिवार में ले लिया था।
Ephesians 1:6
ἐχαρίτωσεν ἡμᾶς ἐν τῷ ἠγαπημένῳ
“वह जिससे उसने प्रेम किया उसके द्वारा उसने हमे दयापूर्वक दिया”
τῷ ἠγαπημένῳ
“जिससे वह प्रेम करता है, यीशु मसीह” या ""उसका पुत्र जिससे वह प्रेम करता है।
Ephesians 1:7
διὰ τοῦ αἵματος αὐτοῦ
यीशु का लहू उसकी मृत्यु के लिए लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि वह मर गया” (देखें: लक्षणालंकार)
τὸ πλοῦτος τῆς χάριτος αὐτοῦ
पौलुस परमेश्वर के अनुग्रह के बारे में इस प्रकार चर्चा करता है कि जैसे वह भौतिक धन है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर के अनुग्रह की महानता” या “परमेश्वर के अनुग्रह की विपुलता” (देखें: रूपक)
Ephesians 1:8
ἧς ἐπερίσσευσεν εἰς ἡμᾶς
“उसने हमें दया का यह महान धन दे दिया” या ""वह हम पर अत्याधिक दयावान था
ἐν πάσῃ σοφίᾳ καὶ φρονήσει
संभावित अर्थ हैं (1) ""क्योंकि उसके पास सारी बुद्धि और समझ है"" (2) ""ताकि हमारे पास बहुत बुद्धि और समझ हो
σοφίᾳ καὶ φρονήσει
बुद्धि और समझ के तात्पर्य अत्यधिक समानार्थक हैं। यदि आपकी भाषा में दो समानार्थक शब्द नहीं हैं, तो आप दोनों के लिए एक ही शब्द काम में ले सकते हैं। (देखें: दोहरात्मक)
Ephesians 1:9
κατὰ τὴν εὐδοκίαν αὐτοῦ
संभावित अर्थ हैं: (1)""क्योंकि वह इसे हमसे परिचित कराना चाहता था "" या (2) ""जो वह चाहता था।
ἣν προέθετο ἐν αὐτῷ
“उसने मसीह में इस उद्देश्य का प्रदर्शन किया”
ἐν αὐτῷ
“मसीह के द्वारा”
Ephesians 1:10
εἰς οἰκονομίαν
यहाँ एक नया वाक्य आरम्भ किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “उसने प्रबन्धन के विचार से ऐसा किया या” ""एक भंडारीपन के बारे में सोचकर, उसने ऐसा किया।
τοῦ πληρώματος τῶν καιρῶν
“जब समय सही है” या ""उस समय पर जिसे उसने नियुक्त किया है
ἐν αὐτῷ
“उसके शासनाधीन” या “उसके अधिकार के अधीन”
Ephesians 1:11
ἐκληρώθημεν, προορισθέντες
इस पद में ये सर्वनाम हम और हम समावेशी हैं। पौलुस उन सब विश्वासियों के सन्दर्भ में कह रहा है जो मसीह के होने के लिए पूर्वनियत हैं। पद 12 और 13 में वह इस समूह को ""हम"" (विशिष्ट), यहूदी विश्वासी और ""तुम"" अन्यजाति विश्वासी में विभाजित कर देगा। (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’)
ἐκληρώθημεν
इसे कर्ताप्रधान रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: (1) ""परमेश्वर ने भी हमें अपनी सम्पत्ति होने के लिए चुना"" या (2) परमेश्वर ने हमें अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए चुना।"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
προορισθέντες
इसे कर्ताप्रधान रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने हमें समय से पहले चुना"" या ""परमेश्वर ने हमें बहुत पहले चुना"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 1:12
ἡμᾶς…τοὺς προηλπικότας ἐν τῷ Χριστῷ
यहाँ भी शब्द हम विशिष्ट है और उन यहूदी विश्वसियों के सन्दर्भ में है जिन्होंने सबसे पहले सुसमाचार सुना था, न कि इफिसुस के विश्वासी। (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’)
εἰς τὸ εἶναι ἡμᾶς, εἰς ἔπαινον δόξης αὐτοῦ
“ताकि हम… उसकी महिमा के निमित्त उसकी स्तुति करने के लिए जीएँ”
Ephesians 1:13
पौलुस पहले दो पदों में अपने और अन्य यहूदी विश्वासियों के बारे में बोलता रहा है, लेकिन अब वह इफिसुस के विश्वासियों के बारे में बोलना शुरू करता है।
τὸν λόγον τῆς ἀληθείας
संभावित अर्थ हैं (1) ""सत्य के बारे में संदेश"" या (2) ""एक सच्चा संदेश।
ἐσφραγίσθητε τῷ Πνεύματι τῆς ἐπαγγελίας, τῷ Ἁγίῳ
इस रूपक में पौलुस एक मोहर के रूप में पवित्र आत्मा की कल्पना करता है, और उसकी तुलना उस लाख से करता है जिसे पत्र पर लगा कर पत्र लिखने वाले के प्रतीक की छाप लगा दी जाती थी। पौलुस इस प्रथा को एक उपमा के चित्र को दिखाने के लिए काम में लेता है, यह दर्शाने के लिए कि परमेश्वर ने हमें आश्वस्त करने के लिए पवित्र आत्मा का उपयोग किया है कि हम उससे संबंधित है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने पवित्र आत्मा को रखा है जिसका उसने वादा किया था जैसे कि वह मानो तुम एक छाप था"" (देखें: रूपक)
ἐσφραγίσθητε
इस को कर्ताप्रधान रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने तुम पर छाप लगा दी है” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 1:14
ἀρραβὼν τῆς κληρονομίας ἡμῶν
परमेश्वर के वादे को प्राप्त करने के बारे में ऐसे बताया गया है जैसे कि कोई अपने परिवार के किसी सदस्य से कोई सम्पत्ति या धन विरासत में प्राप्त करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक आरम्भिक हिस्सा कि परमेश्वर ने हमसे जो प्रतिज्ञा की है उसका हम एक आरंभिक अंश प्राप्त करते हैं"" या ""एक गारंटी है कि हमें वह मिलेगा जिसे परमेश्वर ने हमें देने का वादा किया है"" (देखें: रूपक)
Ephesians 1:15
पौलुस इफिसुस के विश्वासियों के लिए प्रार्थना करता है और मसीह के द्वारा विश्वासियों को जो सामर्थ्य प्राप्त है उसके लिए वह परमेश्वर की स्तुति करता है।
διὰ τοῦτο
यह संयोजक वाक्यांश इस कारण कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण तो यह है कि इफिसुस के विश्वासियों ने सुसमाचार पर विश्वास किया और पवित्र आत्मा की मोहर उन पर लगाईं गई है। परिणाम यह है कि पौलुस परमेश्वर की स्तुति करता है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति का उपयोग करें जो परिणाम के साथ कारण के साथ सम्पर्क स्थापित करती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 1:16
οὐ παύομαι εὐχαριστῶν
पौलुस जोर देने के लिए इस उक्ति नहीं छोड़ता का उपयोग करता है कि प्रकट हो कि वह परमेश्वर का धन्यवाद करना जारी रखता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता रहता हूँ"" (देखें: विडंबना)
οὐ παύομαι εὐχαριστῶν
पौलुस इस अतिशयोक्ति का उपयोग इस तथ्य पर बल देने के लिए करता है कि वह अधिकतर प्रार्थना ही किया करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं परमेश्वर को अक्सर धन्यवाद देता हूँ” (देखें: अतिशयोक्ति)
Ephesians 1:17
ἵνα
यह संयोजक उक्ति जिससे कि कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि पौलस इफिसुस के विश्वासियों के लिए प्रार्थना करता है। परिणाम यह है कि परमेश्वर इफिसुस के विश्वासियों को उन सब उपकारों के लिए आलोकित करे जो उसने मसीह के द्वारा उन पर किये हैं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति का उपयोग करें जो परिणाम के साथ कारण को जोड़ दे। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
πνεῦμα σοφίας καὶ ἀποκαλύψεως, ἐν ἐπιγνώσει αὐτοῦ
“उसके प्रकाशन को समझने हेतु आत्मिक ज्ञान”
Ephesians 1:18
πεφωτισμένους τοὺς ὀφθαλμοὺς τῆς καρδίας
यहाँ मन मनुष्य की मनोवृत्ति या मानसिकता के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि तुम्हें समझ प्राप्त हो"" (देखें: लक्षणालंकार)
πεφωτισμένους τοὺς ὀφθαλμοὺς τῆς καρδίας
इसे कर्ताप्रधान वाक्य में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि परमेश्वर तुम्हारे मन में आत्मिक ज्ञानोदय करे"" या ""कि परमेश्वर तुम्हारी समझ को ग्यानोदीप्त करे"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
τοὺς ὀφθαλμοὺς τῆς καρδίας
उक्ति **तुम्हारे मन की आँखें,” मनुष्य की समझ प्राप्ति के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि तुम समझ प्राप्त करो और ज्ञानोदीप्त हो जाओ” (देखें: रूपक)
πεφωτισμένους
“तुम्हें दिखाया”
τῆς κλήσεως αὐτοῦ
परमेश्वर की बुलाहट का सन्दर्भ उसमें विश्वास हेतु मनुष्यों के चुने जाने से है। वैकल्पिक अनुवाद: “जो तुम्हारे पास है उसका कारण यह है कि उसने तुम को अपनी प्रजा होने के लिए चुन लिया है।”
τῆς κληρονομίας
परमेश्वर ने जो वादा विश्वासियों से किया है उसे प्राप्त करने को ऐसे बताया गया है जैसे कि कोई अपने परिवार के किसी सदस्य से कोई सम्पत्ति या धन को विरासत में प्राप्त कर रहा हो। (देखें:rc:रूपक)
ἐν τοῖς ἁγίοις
“जिन्हें उसने अपने लिए अलग कर लिया है” या “वे जो पूरी तरह से उसके हैं
Ephesians 1:19
τὸ ὑπερβάλλον μέγεθος τῆς δυνάμεως αὐτοῦ
“परमेश्वर की सामर्थ्य, जो अन्य सभी सामर्थ्य से परे है”
εἰς ἡμᾶς, τοὺς πιστεύοντας
“हमारे लिए जो विश्वास करते हैं”
τὴν ἐνέργειαν τοῦ κράτους τῆς ἰσχύος αὐτοῦ
“उसकी महान सामर्थ्य जो हमारे लिए काम कर रही है”
τοῦ κράτους τῆς ἰσχύος αὐτοῦ
बल और शक्ति ये दोनों शब्द समानार्थक हैं और संयोजित किये जा सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “उसकी महान सामर्थ्य” (देखें: दोहरात्मक)
Ephesians 1:20
ἐγείρας αὐτὸν ἐκ νεκρῶν
“जब उसने उसे फिर से जीवित कर दिया”
ἐκ νεκρῶν
उन सभी लोगों में से जो मर गए हैं। यह अभिव्यक्ति अधोलोक में सभी मृत लोगों को एक साथ व्यक्त करती है। उन में से वापस आना, फिर से जी उठने को दर्शाता है। (देखें: आम विशेषण)
καθίσας ἐν δεξιᾷ αὐτοῦ, ἐν τοῖς ἐπουρανίοις
जो व्यक्ति राजा के ""दाहिने हाथ"" बैठता है, वह राजा के दाईं ओर बैठता है और राजा के सम्पूर्ण अधिकार के साथ शासन करता है जिसके दाहिने हाथ या पार्श्व में वह बैठता है। यह उस स्थान के लिए लाक्षणिक रूप है जो उस स्थान में उपस्थित व्यक्ति के अधिकार का प्रतिनिधित्व दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे पूरा अधिकार दिया कि वह स्वर्ग से शासन करे"" (देखें: लक्षणालंकार)
καθίσας ἐν δεξιᾷ αὐτοῦ
परमेश्वर के ""दाहिने हाथ"" पर बैठना परमेश्वर से महान सम्मान और अधिकार प्राप्त करने का एक प्रतीकात्मक कार्य है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु को परमेश्वर के साथ सम्मान और अधिकार के स्थान पर बैठाया गया"" (देखें: प्रतीकात्मक कार्य)
ἐν τοῖς ἐπουρανίοις
“अलौकिक संसार मे।” यहाँ शब्द ""स्वर्गीय"" उस स्थान को सन्दर्भित करता है जहाँ परमेश्वर है। देखें कि आपने इसका अनुवाद इफिसियों 1:3 में कैसे किया गया है।
Ephesians 1:21
ὑπεράνω πάσης ἀρχῆς, καὶ ἐξουσίας, καὶ δυνάμεως, καὶ κυριότητος
ये सब शब्द अलौकिक प्राणियों की पदवियों के लिए हैं चाहे वे स्वर्गदूत हों या शैतानी शक्तियाँ हों। यदि आपकी भाषा में शासकों और अधिकारों के लिए चार अलग अलग शब्द नहीं हैं तो आप उन्हें संयोजित कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""सब प्रकार के अलौकिक प्राणियों से बहुत ऊपर"" (देखें: दोहरात्मक)
παντὸς ὀνόματος ὀνομαζομένου
इसे कर्ता प्रधान रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: सम्भावित अर्थ हैं (1) ""प्रत्येक नाम जो मनुष्य देता है"" या (2) ""हर एक नाम जो परमेश्वर देता है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ὀνόματος
संभावित अर्थ हैं (1) पदवी या (2) अधिकार की स्थिति। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἐν τῷ αἰῶνι τούτῳ
“इस समय”
ἐν τῷ μέλλοντι
“भविष्य में”
Ephesians 1:22
πάντα ὑπέταξεν ὑπὸ τοὺς πόδας αὐτοῦ
यहाँ शब्द पाँव मसीह की प्रभुता, अधिकार और सामर्थ्य को दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद:"" सब कुछ मसीह के सामर्थ्य के आधीन कर दिया” (देखें: लक्षणालंकार)
κεφαλὴν ὑπὲρ πάντα
यहाँ शब्द सिर अगुवे या प्रभारी के सन्दर्भ में एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी चीजों पर शासक"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 1:23
τὸ σῶμα αὐτοῦ
जिस प्रकार की मानवीय देह में सब कामों को सिर (पद 22) नियंत्रित करता है, ठीक उसी प्रकार मसीह देह रुपी कलीसिया का सिर है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
τὸ πλήρωμα τοῦ τὰ πάντα ἐν πᾶσιν πληρουμένου
“मसीह कलीसिया को अपने जीवन एवं सामर्थ्य से वैसे ही भर देता है जैसे कि वह सब को जीवन देता है”
τὸ πλήρωμα
इसका अर्थ या तो (1) कर्मवाच्य भावार्थ हो सकता है अर्थात, मसीह कलीसिया को भरता या पूर्ण करता है या (2) कृतवाच्य हो सकता है अर्थात, कलीसिया मसीह की परिपूरक है (जैसे देह सिर की परिपूरक है)।
Ephesians 2
इफिसियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
संरचना एवं विन्यास शैली
यह अध्याय यीशु पर विश्वास में आने से पहले एक मसीही के जीवन पर ध्यान केंद्रित करता है। पौलुस इस जानकारी का उपयोग यह बताने के लिए करता है कि मनुष्य की जीवन शैली जो यीशु में विश्वास करने से पहले थी वह ""मसीह में"" उसकी नई मसीही पहचान से भिन्न थी। (देखें: विश्वास)
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
एक देह
इस अध्याय में पौलुस कलीसिया के बारे में सिखाता है। कलीसिया लोगों के दो अलग-अलग वर्ग से बनी है (यहूदियों और अन्यजातियों)। अब वे एक समुदाय या ""देह"" है। कलीसिया मसीह की देह के रूप में भी जानी जाती है। यहूदी और अन्यजाति मसीह में एक किये गए हैं।
इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार
""अपराधों और पापों के कारण मरे हुए""
पौलुस सिखाता है कि जो मसीही नहीं हैं वे अपने पाप में ""मृत"" हैं। \nपाप उन्हें बांधता है या उन्हें दास बनाता है। यह उन्हें आत्मिक रूप से ""मृतक"" बना देता है। पौलुस लिखता है कि परमेश्वर मसीहियों को मसीह में जीवित करता है। (देखें: मरना, मृतक, प्राणघातक, मृत्यु,औरपाप, पापी, पापी, पाप करते रहनाऔर विश्वास औररूपक)
सांसारिक जीवन का वर्णन
गैर-मसीही कैसे कार्य करते हैं इसका वर्णन करने के लिए पौलुस कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है। वे ""इस संसार की रीतियों के अनुसार रहते थे"" और ""आकाश के अधिकारियों के शासक के अनुसार जीवन जी रहे थे,"" ""हमारे पापी स्वभाव की बुरी इच्छाओं को पूरा कर रहे थे"" और ""शरीर, और मन की इच्छाओं को पूरी करते थे।""
इस अध्याय में अनुवाद की अन्य संभावित कठिनाइयां
\n""यह परमेश्वर का वरदान है""
कुछ विद्वानों का मानना है कि शब्द ""यह"" यहाँ बचाए जाने के सन्दर्भ में है। अन्य विद्वानों का मानना है कि यह विश्वास है जो परमेश्वर का वरदान है। क्योंकि यूनानी भाषा में समय और कार्य इस बात पर सहमत हैं कि ""यह"" शब्द यहाँ संभवतः दोनों विचारों को व्यक्त करता है: वरदान यह है कि हम विश्वास के द्वारा परमेश्वर के अनुग्रह से बचाए गए हैं।
शरीर
“शरीर” कभी-कभी मनुष्य के पापी स्वभाव को व्यक्त करने के लिए एक रूपक स्वरुप काम में लिया गया है। ""शारीरिक से अन्यजाति” इस उक्ति से संकेत मिलता है कि इफिसुस के विश्वासी एक समय परमेश्वर के विचार से रहित जीवन जी रहे थे। परन्तु इस पद में ""शरीर"" शब्द का उपयोग “मनुष्य के शरीर के अंग” के सदृश्य शारीरिक मनुष्य के लिए किया गया है। (देखें: माँस,देह)
Ephesians 2:1
पौलुस विश्वासियों को उनके अतीत का और जिस तरह से वे अब परमेश्वर के सामने हैं उसका स्मरण कराता है।
ὑμᾶς ὄντας νεκροὺς τοῖς παραπτώμασιν καὶ ταῖς ἁμαρτίαις ὑμῶν
यह प्रकट करता है कि पापी मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा मानने में कैसे असमर्थ हैं, जैसे कोई मृतक शारीरिक प्रतिक्रिया दिखाने में असमर्थ में होता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तूम आत्मिक रूप से मृत थे, पाप को छोड़कर बस कुछ करने में असमर्थ थे"" (देखें: रूपक)
τοῖς παραπτώμασιν καὶ ταῖς ἁμαρτίαις ὑμῶν
अपराधों और पापों शब्दों के अर्थ समान हैं। लोगों के अत्यधिक पापों पर जोर देने के लिए पौलुस दोनों शब्दों का उपयोग साथ साथ करता है। यदि आपकी भाषा में इसके लिए एक ही शब्द है तो उनको संयोजित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम्हारे अनेक पापों” (देखें: दोहरात्मक)
τοῖς παραπτώμασιν καὶ ταῖς ἁμαρτίαις ὑμῶν
अपराधों और पापों ये शब्द भाववाचक संज्ञा हैं जो काम का होना दर्शाते हैं। यदि आपके लिये विशेषण शब्द या क्रिया शब्द भाव को अधिक स्पष्ट करते हैं तो आप उनको काम में ले सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “वे पापी काम जो तुमने किये” या ”परमेश्वर के विरुद्ध सदैव पाप करते रहे हो” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 2:2
ἐν αἷς ποτε περιεπατήσατε
“चलना” मनुष्य के जीवन-आचरण के लिए प्रयुक्त एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: इसी प्रकार तुम जी रहे थे” या “ यही तुम व्यवहार करते थे” (देखें: रूपक)
κατὰ τὸν αἰῶνα τοῦ κόσμου τούτου
प्रेरितों ने इस संसार में रहने वाले मनुष्यों के स्वार्थी स्वभावों और भ्रष्ट मान्यताओं का संदर्भ देने के लिए प्राय: शब्द संसार का उपयोग किया था। वैकल्पिक अनुवाद: “संसार के मनुष्यों की मान्यताओं के अनुसार” या “इस वर्तमान संसार के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए” (देखें: लक्षणालंकार)
τὸν ἄρχοντα τῆς ἐξουσίας τοῦ ἀέρος
यह दुष्टात्मा या शैतान के सन्दर्भ में है।
τοῦ πνεύματος τοῦ νῦν ἐνεργοῦντος
“शैतान की आत्मा, जो वर्तमान में काम कर रही है”
τοῖς υἱοῖς τῆς ἀπειθείας
“मनुष्य जिनका नियमित अभ्यास परमेश्वर की अवज्ञा करना है” (देखें: मुहावरे)
Ephesians 2:3
τὰ θελήματα τῆς σαρκὸς καὶ τῶν διανοιῶν
शरीर और मन शब्द पूरे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “मनुष्य जो स्वार्थी कामों को करना चाहते हैं” (देखें: लक्षणालंकार)
τέκνα…ὀργῆς
“मनुष्य जिनसे परमेश्वर क्रोधित है” (देखें: मुहावरे)
Ephesians 2:4
δὲ
परन्तु एक संयोजक शब्द है जो विषम सम्बन्ध को परिचित कराता है। परमेश्वर का प्रेम और उसकी दया इफिसुस के विश्वासियों के पूर्वकालिक दुराचारी जीवन के भेद निरूपण को परिचित कराता हैं जिन्होंने परमेश्वर में विश्वास किया था। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Θεὸς πλούσιος ὢν ἐν ἐλέει
शब्द “दया” भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर दया का धनी है"" या “परमेश्वर की दया अपरम्पार है” ( देखें: भाववाचक संज्ञा)
διὰ τὴν πολλὴν ἀγάπην αὐτοῦ, ἣν ἠγάπησεν ἡμᾶς
प्रेम भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि उसने हमसे इतना अधिक प्रेम किया” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 2:5
χάριτί ἐστε σεσῳσμένοι
इसे कर्ताप्रधान रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने अनुग्रहकारी होते हुए तुम्हारा उद्धार किया है।"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
χάριτί ἐστε σεσῳσμένοι
अनुग्रह भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने अत्यधिक दयालु होते हुए तुम्हारा उद्धार किया है” या “परमेश्वर ने मुफ्त वरदान स्वरुप तुम्हारा उद्धार किया है” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 2:6
συνήγειρεν
जी उठाना यहाँ किसी मरे हुए व्यक्ति का फिर से जीवित हो जाने का कारण होने के लिए यह एक मुहावरा है। (देखें: मुहावरे)
συνήγειρεν
संभावित अर्थ हैं (1) क्योंकि परमेश्वर ने मसीह को पुन: जीवित कर दिया, इसलिए परमेश्वर ने पौलुस और इफिसुस के विश्वासियों को आत्मिक नवजीवन प्रदान किया है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने ही इफिसियों को नवजीवन प्रदान किया है क्योंकि हम मसीह के हैं” या (2) क्योंकि परमेश्वर ने मसीह को पुन: जीवित कर दिया है, इसलिए इफिसुस के विश्वासी मान सकते हैं कि मरणोपरांत वे मसीह के साथ वास करेंगे, \nऔर पौलुस विश्वासियों के लिए कह सकता है कि वे पुनर्जीवित हैं जैसे कि ऐसा हो चुका है। वैकल्पिक अनुवाद: “हमें पूरा विश्वास हो कि परमेश्वर हमें वैसे ही जीवित करेगा जैसे उसने मसीह को पुन: जीवित हो जाने का कारण उत्पन्न किया” (देखें: भविष्यसूचक अतीत)
συνεκάθισεν
पौलुस विश्वासियों के विषय इस प्रकार कहता है कि जैसे वे मसीह के साथ स्वर्ग में विराजमान हैं। यद्यपि यह एक भावी घटना है, तथापि इसकी गारंटी मसीह के अतीत में किए गए कार्य द्वारा दी गई है। वैकल्पिक अनुवाद: “यह ऐसा है जैसे कि मानो परमेश्वर ने हमें मसीह के पार्श्व में बैठा दिया है” (देखें: भविष्यसूचक अतीत)
ἐν τοῖς ἐπουρανίοις
“अलौकिक संसार में” यहाँ शब्द स्वर्गीय उस स्थान को सन्दर्भित करता है जहाँ परमेश्वर है। देखें कि इसका अनुवाद इफिसियों 1:3 में कैसे किया गया है।
ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ
मसीह यीशु में और इसके समान अन्य सब अभिव्यक्तियाँ रूपक हैं जो नए नियम की पत्रियों में बार-बार आती हैं। वे मसीह और उस पर विश्वास करने वालों के बीच यथासंभव दृढ संबंध को व्यक्त करती हैं।
Ephesians 2:7
ἵνα
संयोजक उक्ति जिससे कि एक लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। विश्वासियों को उठा कर स्वर्ग में मसीह के साथ बैठाने में परमेश्वर का उद्देश्य मसीह में उसके अनुग्रह के विस्तार को दर्शाना है। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἐν τοῖς αἰῶσιν, τοῖς ἐπερχομένοις
“भविष्य में”
Ephesians 2:8
γὰρ
इसलिए यह संयोजक शब्द कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि इफिसुस के विश्वासियों का उद्धार परमेश्वर से हुआ है, न कि उनके भले कामों से। परिणाम यह है कि मनुष्य देखें कि हमें मसीह में अनुग्रह प्राप्त है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
τῇ γὰρ χάριτί ἐστε σεσῳσμένοι διὰ πίστεως
इसे कर्ताप्रधान रूप में अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उस में तुम्हारे विश्वास के कारण परमेश्वर ने अनुग्रह से तुम्हारा उद्धार किया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
τῇ γὰρ χάριτί ἐστε σεσῳσμένοι
अनुग्रह भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने मुफ्त वरदान स्वरुप तुम्हारा उद्धार किया है” या “परमेश्वर ने तुम्हारे लिए अपनी अपरम्पार दया के कारण तुम्हारा उद्धार किया है” देखें कि आपने इसका अनुवाद इफिसियों 2:5 में कैसे किया है। (देखें भाववाचक संज्ञा)
τοῦτο
यह शब्द विश्वास के द्वारा अनुग्रह से तुम्हारा उद्धार हुआ है को संदर्भित करता है।
Ephesians 2:9
οὐκ ἐξ ἔργων, ἵνα μή τις καυχήσηται
आप यहाँ एक नया वाक्य आरम्भ करना चाहेंगे। वैकल्पिक अनुवाद: “उद्धार कार्यों द्वारा नहीं होता है ताकि कोई घमंड न करे” या “परमेश्वर किसी व्यक्ति को उसके कामों के कारण नहीं बचाता, इसलिए कोई घमंड करके यह नहीं कह सकता है कि उसने अपना उद्धार अर्जित किया है
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, जिससे कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। कर्मों से अनुग्रह द्वारा विश्वासियों के उद्धार में परमेश्वर का लक्ष्य या उद्देश्य यह है ताकि कोई भी घमंड न करने पाए। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Ephesians 2:10
γάρ
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि परमेश्वर ही है जिसने हमें रचा ताकि हम भले काम करें। परिणाम यह है कि मनुष्य घमंड न करने पाए। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति का उपयोग करें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ
मसीह यीशु में और इसके समान अन्य सब अभिव्यक्तियाँ रूपक हैं जो नए नियम की पत्रियों में बार-बार आती हैं। वे मसीह और उस पर विश्वास करने वालों के बीच सबसे मजबूत संबंध को व्यक्त करती हैं।
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, जिससे कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। हमें रचने में, जैसा उसने किया है, परमेश्वर का लक्ष्य या उद्देश्य है कि हम उन भले कामों को करें जो हमारे करने के लिए उसकी इच्छा में हैं। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἐν αὐτοῖς περιπατήσωμεν
मार्ग में चलना एक मुहावरा है जो मनुष्य की जीवन शैली के लिए काम में लिया जाता है। यहाँ उनमें का अर्थ भले कामों से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम हमेशा और लगातार उन भले कामों को करें"" (देखें: रूपक)
Ephesians 2:11
διὸ
यहाँ इसलिए एक संयोजक शब्द है जो कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि वे परमेश्वर द्वारा उद्धार पाए थे न कि उनके द्वारा किये गए किसी भी कर्मों से। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासियों को स्मरण रखना है कि वे कभी परमेश्वर से पृथक थे। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
पौलुस इन विश्वासियों को याद दिलाता है कि अब परमेश्वर ने अन्यजातियों और यहूदियों को मसीह और उसके क्रूस के द्वारा एक देह बना दिया है।
τὰ ἔθνη ἐν σαρκί
यह उन लोगों को सन्दर्भित करता है, जो जन्म से यहूदी नहीं थे। (देखें: रूपक)
ἀκροβυστία
गैर-यहूदियों का शिशु अवस्था में खतना नहीं किया गया था, इसलिए यहूदी उन लोगों को परमेश्वर के किसी भी नियम का पालन करने वाले नहीं मानते थे। वैकल्पिक अनुवाद: “खतनारहित अन्यजाति"" (देखें: लक्षणालंकार)
περιτομῆς
यहूदी लोगों के लिए यह एक और संबोधन शब्द था क्योंकि उनके सभी नर शिशुओं का खतना किया गया था। वैकल्पिक अनुवाद: “खतना किए गए लोग"" (देखें: लक्षणालंकार)
ὑπὸ τῆς λεγομένης
इसका अनुवाद कर्ताप्रधान रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “जिसके द्वारा मनुष्य पुकारते हैं” या “उनके द्वारा जिन्हें मनुष्य पुकारते हैं” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
τῆς λεγομένης περιτομῆς ἐν σαρκὶ χειροποιήτου
सम्भावित अर्थ हैं (1)”यहूदी जो मनुष्यों द्वारा खतना किए गए हैं"" या (2) ""यहूदी, जो भौतिक शरीर का खतना करते है।
Ephesians 2:12
ὅτι
यह संयोजक शब्द,इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि वे यहूदियों का भाग नहीं थे, जिनका खतना किया गया था। परिणाम यह है कि अन्यजाति इफिसुसवासी परमेश्वर से पृथक थे। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति का प्रयोग करें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
χωρὶς Χριστοῦ
“अविश्वासी”
ξένοι τῶν διαθηκῶν τῆς ἐπαγγελίας
पौलुस अन्यजातियों के विश्वासियों से ऐसे बात करता है जैसे कि वे परदेशी थे, जिनको परमेश्वर की वाचा और प्रतिज्ञा के देश से बाहर रखा गया था। (देखें: रूपक)
Ephesians 2:13
δὲ
यहाँ संयोजक शब्द परन्तु सम्बन्ध में विषमता को दर्शाता है। मसीह में विश्वास करने के बाद इफिसुस के अन्यजाति विश्वासियों की वर्तमान स्थिति परमेश्वर की निकटता है। यह विषमता उनकी पहले की स्थिति के विपरित है जब वे मसीह में विश्वास करने से पूर्व, परमेश्वर से पृथक थे। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ὑμεῖς οἵ ποτε ὄντες μακρὰν, ἐγενήθητε ἐγγὺς ἐν τῷ αἵματι τοῦ Χριστοῦ
पाप के कारण परमेश्वर से सम्बन्धित न होने को ऐसा कहा गया है जैसे कि परमेश्वर से बहुत दूर होना। मसीह के लहू के द्वारा परमेश्वर के हो जाने को ऐसा कहा गया है जैसे परमेश्वर के निकट लाए गए। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम जो पहले परमेश्वर के नहीं थे अब मसीह के लहू के द्वारा परमेश्वर के हो गए हो"" (देखें: रूपक)
ἐν τῷ αἵματι τοῦ Χριστοῦ
मसीह का लहू उसकी मृत्यु के लिए लाक्षणिक उक्ति है। वैकल्पिक अनुवाद: “मसीह की मृत्यु द्वारा"" या ""जब मसीह हमारे लिए मरा"" (देखें: लक्षणालंकार)
Ephesians 2:14
γάρ
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि मसीह ने स्वयं उनको यहूदी विश्वासियों के साथ जोड़ दिया है। परिणाम यह है कि इफिसुस के अन्यजाति विश्वासी परमेश्वर के निकट लाए गए हैं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
αὐτὸς…ἐστιν ἡ εἰρήνη ἡμῶν
“यीशु हमें अपनी शान्ति देता है”
ἡ εἰρήνη ἡμῶν
शब्द हमारा पौलुस और उसके पाठकों को संदर्भित करता है, इसलिए यह शब्द समावेशी है। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)
ὁ ποιήσας τὰ ἀμφότερα ἓν
“जिसने यहूदियों और अन्यजातियों को एक कर दिया”
ἐν τῇ σαρκὶ αὐτοῦ
उसकी देह, उसका भौतिक शरीर, उसके मर जाने के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्रूस पर उसके शरीर की मृत्यु के द्वारा"" (देखें: लक्षणालंकार)
τὸ μεσότοιχον τοῦ φραγμοῦ…τὴν ἔχθραν
यहूदियों और अन्य्जातिओं के बीच जो बैरभाव था उसकी तुलना एक दीवार से की गई है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह बैरभाव विभाजन करने वाले एक दीवार के समान था” (देखें: रूपक)
Ephesians 2:15
τὸν νόμον τῶν ἐντολῶν ἐν δόγμασιν καταργήσας
यीशु के लहू ने मूसा की व्यवस्था को संतुष्ट किया ताकि यहूदी और अन्यजाति दोनों परमेश्वर में शान्ति से जी सकें। वैकल्पिक अनुवाद : ""उसने मूसा की व्यवस्था की अनिवार्यताओं को उठा लिया।
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। व्यवस्था को निरस्त करने का लक्ष्य या उद्देश्य यह था कि यहूदियों और अन्यजातियों को एक समुदाय में संगठित करे। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἕνα καινὸν ἄνθρωπον
पौलुस यहूदियों और अन्जायतियों की एकता को ऐसे व्यक्त करता है जैसे कि वे एक मनुष्य हो गए हैं। वैकल्पिक अनुवाद : ""एक अकेली नए लोग"" (देखें: रूपक)
ἐν αὑτῷ
यह मसीह के साथ जुड़ना है जो यहूदियों और अन्यजातियों के बीच मेल को संभव बनाता है। पौलुस इस सम्बन्ध का वर्णन इस प्रकार करता है कि मानो मसीह ने हम सबको चारों और से घेर लिया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि उसने इसे संभव कर दिया है"" (देखें :रूपक)
Ephesians 2:16
ἀποκαταλλάξῃ τοὺς ἀμφοτέρους
“मसीह यहूदियों और अन्यजातियों को शांति में एक साथ ले आए”
ἐν ἑνὶ σώματι
कलीसिया को अधिकतर मसीह की देह स्वरुप चित्रित किया गया है, वह उसका सिर है। यहाँ वह यहूदियों और अन्यजातियों दोनों के समावेश से बनी है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
διὰ τοῦ σταυροῦ
क्रूस यहाँ पर क्रूस मसीह की मृत्यु को दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्रूस पर मसीह की मृत्यु के माध्यम से"" (देखें: लक्षणालंकार)
ἀποκτείνας τὴν ἔχθραν
उनके आपसी बैर को समाप्त करने को इस प्रकार कहा गया है कि जैसे उसने उनके बैर की हत्या कर दी। क्रूस पर मर जाने के द्वारा यीशु ने यहूदियों और अन्यजातियों के आपसी बैरभाव के कारण को निरस्त कर दिया। अब दोनों में से किसी को भी मूसा की व्यवस्था के अनुसार जीने की आवश्यकता नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक दूसरे से घृणा करने से रोकना"" (देखें: रूपक)
Ephesians 2:17
पौलुस इफिसुस के विश्वासियों को बताता है कि आज के अन्यजाति विश्वासी भी अब परमेश्वर के लोगों का उतना ही भाग हैं जितना कि यहूदी विश्वासी हैं। यहूदी प्रेरित और भविष्यद्वक्ता उनके ही हैं, जैसे मसीह है, और वे सब आत्मा में परमेश्वर के लिए एक मंदिर बनाते हैं।
εὐηγγελίσατο εἰρήνην
“शांति के सुसमाचार की घोषणा की” या “शांति के सुसमाचार का प्रचार किया”
ὑμῖν τοῖς μακρὰν
पौलुस अन्यजातियों (गैरयहूदियों) का, जो परमेश्वर के लोगों का भाग नहीं थे, चित्रण ऐसे प्रस्तुत करता है जैसे कि वे सशरीर परमेश्वर से दूर हैं। (देखें: रूपक)
τοῖς ἐγγύς
पौलुस यहूदियों का जो जन्म से ही परमेश्वर के लोग थे, ऐसा चित्रण प्रस्तुत करता है कि जैसे वे सशरीर परमेश्वर के निकट थे। (देखें: रूपक)
Ephesians 2:18
ὅτι δι’ αὐτοῦ ἔχομεν τὴν προσαγωγὴν, οἱ ἀμφότεροι
हम दोनों यहाँ पौलुस, विश्वास करने वाले यहूदियों तथा विश्वास करने वाले गैर-यहूदियों को संदर्भित करता है। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)
ὅτι
यह संयोजक शब्द,क्योंकि कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि वह स्वयं ही है जिसने यहूदियों और अन्यजातियों को सक्षम किया कि पिता के निकट आने पाएँ। परिणाम यह है कि मसीह ने यहूदियों और अन्यजातियों में शांति का सुसमाचार सुनाया। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण और परिणाम को जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἐν ἑνὶ Πνεύματι
सब विश्वासियों को, यहूदियों और अन्यजातियों दोनों को परमेश्वर पिता की उपस्थिति में एक ही पवित्र आत्मा के द्वारा प्रवेश करने में सक्षम किया गया है। वैकल्पिक अनुवाद : ""उसी आत्मा के द्वारा
Ephesians 2:19
ἄρα οὖν
यह संयोजक उक्ति, इसलिए तब कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि मसीह ने आत्मा के द्वारा उनको परमेश्वर के निकट आने दिया। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासी अब आगे को परमेश्वर से पृथक नहीं हैं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ξένοι καὶ πάροικοι
विदेशी और मुसाफिर, इन दोनों शब्दों के अर्थ समान है और संयोजित किये जा सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “मनुष्य जिनका परमेश्वर से कोई सम्बन्ध नहीं था” (देखें: दोहरात्मक)
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द की अपेक्षा सम्बन्ध में विषमता को परिचित कराता है। इफिसुस के विश्वासियों की परमेश्वर से पूर्व में पृथकता उनकी वर्तमान स्थिति, परमेश्वर के राज्य के नागरिक और उसके परिवार के सदस्य की विषमता में पाई जाती है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἐστὲ συνπολῖται τῶν ἁγίων καὶ οἰκεῖοι τοῦ Θεοῦ
पौलुस फिर से अन्यजातियों के विश्वासी बनने के बाद उनकी आत्मिक स्थिति की बात ऐसे कर रहा है जैसे कि वह विदेशियों की चर्चा कर रहा हो जो किसी दूसरे देश के नागरिक बन गए। (देखें: रूपक)
Ephesians 2:20
ἐποικοδομηθέντες ἐπὶ τῷ θεμελίῳ
पौलुस परमेश्वर के लोगों की बात ऐसे करता है जैसे कि वे एक इमारत हों। कोने का पत्थर मसीह है, और प्रेरित उसकी नींव हैं, और विश्वासी भवन हैं। वैकल्पिक अनुवाद : ""तुम शिक्षा पर निर्भर करते हो "" (देखें: रूपक)
ἐποικοδομηθέντες
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने तुम्हें बनाया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 2:21
πᾶσα οἰκοδομὴ συναρμολογουμένη, αὔξει εἰς ναὸν ἅγιον
पौलुस मसीह के परिवार की बात करना ऐसे जारी रखता है जैसे कि वह एक भवन हो। जिस तरह से एक निर्माण करनेवाला बनाते समय पत्थरों को एक साथ जोड़ता है उसी तरह मसीह भी हमें एक साथ जोड़ रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: हम सब, एक साथ विकास करते हुए एक पवित्र समुदाय बनते हैं जो परमेश्वर की आराधना करता है। (देखें: रूपक)
ἐν ᾧ…ἐν Κυρίῳ
“मसीह में … प्रभु यीशु में” ये रूपक मसीह और उस पर विश्वास करने वालों के बीच सर्वाधिक दृढ़ सम्बन्ध को व्यक्त करते हैं। (देखें: रूपक)
Ephesians 2:22
ἐν ᾧ
“मसीह में"" यह रूपक मसीह और उस पर विश्वास करने वालों के बीच सर्वाधिक दृढ़ सम्बन्ध को व्यक्त करता है। (देखें: रूपक)
καὶ ὑμεῖς συνοικοδομεῖσθε, εἰς κατοικητήριον τοῦ Θεοῦ ἐν Πνεύματι
यह वर्णन करता है कि कैसे विश्वासियों को एक साथ संयोजित किया जा रहा है कि वे एक ऐसा स्थान बनें जहाँ परमेश्वर पवित्र आत्मा की शक्ति के माध्यम से स्थायी रूप से रहेगा। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम भी इस समूह में जोड़े जा रहे हो जहाँ परमेश्वर अपने आत्मा द्वारा वास करता है। (देखें: रूपक)
καὶ ὑμεῖς συνοικοδομεῖσθε
इसे कर्ताप्रधन रूप भी में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर तुम्हें भी एक साथ बना रहा है” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 3
इफिसियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
संरचना एवं विन्यास शैली
""मैं प्रार्थना करता हूँ""
पौलुस इस अध्याय के एक भाग को परमेश्वर से प्रार्थना के रूप में रचता है। परन्तु पौलुस सिर्फ परमेश्वर से बात नहीं कर रहा है। वह इफिसुस की कलीसिया के लिए प्रार्थना तो कर रहा है साथ ही निर्देश भी दे रहा है।
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
भेद
पौलुस कलीसिया को ""भेद "" के रूप में संदर्भित करता है। परमेश्वर की योजनाओं में कलीसिया की भूमिका किसी समय अज्ञात थी। लेकिन परमेश्वर न उसे प्रकट कर दिया है। इस भेद की एक बात यह है कि अन्यजातियाँ परमेश्वर की योजना में यहूदियों के साथ बराबर का स्थान रखती हैं।
Ephesians 3:1
कलीसिया के छिपे हुए भेद को विश्वासियों पर प्रकट करने के लिए, पौलुस यहूदियों और अन्यजातियों की एकता का और उन दोनों वर्गों के विश्वासियों द्वारा परमेश्वर की आराधना करने वाले एक ही समुदाय के अभिन्न अंग होने का पुनः सन्दर्भ देता है, जैसे पत्थर जो एक मंदिर बनाते हैं।
τούτου χάριν
यह संयोजक उक्ति, इस कारण कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है जिसकी चर्चा पौलुस ने अध्याय 2 में की थी, कि मसीह ने यहूदियों और अन्यजातियों में भेद का निवारण करके उनको एक समुदाय बनाकर अपना अनुग्रह दर्शाया है। परिणाम यह है कि पौलुस अन्यजातियों के लिए प्रार्थना करता है। अपनी भाषा में आप ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण और परिणाम को जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
τούτου χάριν
आपको स्पष्ट करना होगा कि कारण क्या है। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम पर परमेश्वर के अनुग्रह के कारण” आपको यहाँ परिणाम को भी स्पष्ट करने की आवश्यकता होगी, जैसा यूएसटी में है, क्योंकि पौलुस 3:14 तक परिणाम का उल्लेख नहीं करता है, कि वह उनके लिए प्रार्थना करता है। (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
ὁ δέσμιος τοῦ Χριστοῦ Ἰησοῦ
“वह जो बंदीगृह में है क्योंकि मैं मसीह यीशु की सेवा करता हूँ”
Ephesians 3:2
τὴν οἰκονομίαν τῆς χάριτος τοῦ Θεοῦ, τῆς δοθείσης μοι εἰς ὑμᾶς
अनुग्रह का यहाँ सन्दर्भ हो सकता है : (1) सुसमाचार का वरदान जो पौलुस अन्यजातियों के लिए ला रहा है और आप इसका अनुवाद कर सकते हैं, ""वह उत्तरदायित्व जो परमेश्वर ने मुझे सौंपा कि उसका अनुग्रह तुम तक पहुँचाऊँ "" या (2) अन्यजातियों के लिये सुसमाचार का भंडारी होने हेतु पौलुस को वरदान, और आप अनुवाद कर सकते हैं, ""वह उत्तरदायित्व जो तुम्हारे लाभ के लिए परमेश्वर ने बड़ी कृपा से मुझे सौंपा है
Ephesians 3:3
κατὰ ἀποκάλυψιν ἐγνωρίσθη μοι
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने मुझ पर जो प्रकट किया उसके अनुसार"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
καθὼς προέγραψα ἐν ὀλίγῳ
पौलुस यहाँ एक अन्य पत्र को संदर्भित करता है जो उसने इन लोगों को लिखा था।
Ephesians 3:5
ὃ ἑτέραις γενεαῖς οὐκ ἐγνωρίσθη τοῖς υἱοῖς τῶν ἀνθρώπων
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने पूर्वकाल में इन बातों को मनुष्यों पर प्रकट नहीं किया था” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ὡς νῦν ἀπεκαλύφθη…ἐν Πνεύματι
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु अब आत्मा ने इसे प्रकट कर दिया है"" या ""परन्तु अब आत्मा ने इसे ज्ञात कराया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 3:6
εἶναι τὰ ἔθνη, συνκληρονόμα…διὰ τοῦ εὐαγγελίου
यह वह छिपा हुआ सत्य है जिसे पौलुस ने पिछले पद में समझाना शुरू किया था। मसीह को ग्रहण करनेवाली अन्यजातियों को भी वह सब कुछ मिलता है जो यहूदी विश्वासी परमेश्वर से प्राप्त करते हैं।
σύνσωμα
कलीसिया को अक्सर मसीह की देह के रूप में संदर्भित किया गया है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ
मसीह यीशु में और इसके समान अन्य सब अभिव्यक्तियाँ रूपक हैं जो नए नियम की पत्रियों में बार-बार आती हैं। वे मसीह और उस पर विश्वास करने वालों के बीच सर्वाधिक दृढ़ सम्बन्ध को व्यक्त करती हैं।
διὰ τοῦ εὐαγγελίου
सम्भावित अर्थ हैं: (1) सुसमाचार के कारण, अन्यजाति प्रतिज्ञा की सहभागी हैं या (2) सुसमाचार के द्वारा, अन्यजाति लोग सहउत्तराधिकारी और देह के सदस्य और प्रतिज्ञा में साझेदार हैं।
Ephesians 3:8
ἀνεξιχνίαστον
पौलुस उस प्रत्येक वस्तु की जो मसीह देता है इस प्रकार चर्चा करता है कि जैसे वह भौतिक रूप से इतनी अधिक विस्तृत है कि उसे पूर्णतया खोज पाना असंभव है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पूर्णतया जानने में अक्षम होना"" (देखें: रूपक)
πλοῦτος τοῦ Χριστοῦ
पौलुस मसीह के बारे में सच और उन आशीषों के बारे में जो वह लाता है ऐसे बोलता है जैसे कि वे भौतिक धन हैं। (देखें: रूपक)
Ephesians 3:9
τοῦ μυστηρίου, τοῦ ἀποκεκρυμμένου ἀπὸ τῶν αἰώνων ἐν τῷ Θεῷ, τῷ τὰ πάντα κτίσαντι
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद : ""परमेश्वर जिसने सब वस्तुओं का सृजन किया, इस योजना को अतीत में लंबे समय तक छिपाए रखा"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 3:10
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, ताकि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। पौलुस पर कलीसिया के भेद को प्रकट करने में परमेश्वर का उद्देश्य है कि स्वार्गिक स्थानों में शासकों को सक्षम किया जाए कि वे परमेश्वर की बुद्धि को देखने में सक्षम हों। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
γνωρισθῇ…ταῖς ἀρχαῖς καὶ ταῖς ἐξουσίαις ἐν τοῖς ἐπουρανίοις…ἡ πολυποίκιλος σοφία τοῦ Θεοῦ
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर अपने महान ज्ञान को स्वार्गिक स्थानों में उन प्रधानों और अधिकारियों पर प्रकट कर सके” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ταῖς ἀρχαῖς καὶ ταῖς ἐξουσίαις
ये शब्द समान अर्थों को साझा करते हैं। पौलुस इस बात पर ज़ोर देने के लिए इसका उपयोग एक साथ करता है कि हर एक आत्मिक प्राणी परमेश्वर के ज्ञान को जानेगा। यदि आपकी भाषा में इसके लिए दो अलग अलग शब्द नहीं हैं तो आप एक ही शब्द काम में ले सकते हैं। (देखें: दोहरात्मक)
ἐν τοῖς ἐπουρανίοις
“स्वर्गीय स्थानों में।” यहाँ ""स्वर्गीय"" शब्द उस स्थान को सन्दर्भित करता है जहाँ परमेश्वर है। देखें कि इसका अनुवाद इफिसियों 1:3 में कैसे किया गया है।
ἡ πολυποίκιλος σοφία τοῦ Θεοῦ
पौलुस परमेश्वर के ज्ञान के बारे में ऐसे कहता है कि जैसे वह अनेक सतहों कि कोई वस्तु है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर का जटिल ज्ञान"" या ""परमेश्वर कैसा नितांत बुद्धिमान है"" (देखें: रूपक)
Ephesians 3:11
κατὰ πρόθεσιν τῶν αἰώνων
“अनन्त योजना के अनुरूप रहना” या “अनन्त योजना के साथ अटल बने रहना ”
Ephesians 3:12
इस अगले भाग में, पौलुस कष्टों में भी परमेश्वर की स्तुति करता है और इफिसुस के इन विश्वासियों के लिए प्रार्थना करता है।
ἔχομεν τὴν παρρησίαν
“हम बिना डर के हैं” या ""हम में साहस है
τὴν παρρησίαν καὶ προσαγωγὴν
ये दो शब्द एक ही विचार को व्यक्त करने हेतु आपस में जुड़ जाते हैं: “साहसी पहुँच” या “प्रवेश करने में निर्भीक होना” (देखें: हेन्डियडिस)
προσαγωγὴν ἐν πεποιθήσει
स्पष्ट रूप से यह बताना सहायक हो सकता है कि पहुँचने का अर्थ, परमेश्वर की उपस्थिति में पहुँचना है। वैकल्पिक अनुवाद: “आत्मविश्वास के साथ परमेश्वर की उपस्थिति में आना” या “परमेश्वर की उपस्थिति में आत्मविश्वास से प्रवेश करने की स्वतंत्रता” (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
πεποιθήσει
“निश्चितता” या ""आश्वासन
Ephesians 3:13
διὸ
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि विश्वासियों को मसीह के पास आने में आत्मविश्वास है। परिणाम यह है कि विश्वासियों को हताश नहीं किया जाएगा। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को को काम में लाएं जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ὑπὲρ ὑμῶν, ἥτις ἐστὶν δόξα ὑμῶν
यहाँ तुम्हारी महिमा जो उस उद्धार और अनंत जीवन के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है जिसे इफिसुस के विश्वासी मसीह के बारे में पौलुस के प्रचार कार्य के कारण प्राप्त करेंगें जिसके परिणामस्वरूप वह बन्दीगृह में कष्ट भोग रहा है। इसे एक नए वाक्य में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हारे लिए। वे तुम्हारे निमित्त अद्भुत लाभ लाते हैं"" या ""तुम्हारे लिए। उनका परिणाम तुम्हारा उद्धार है"" (देखें: लक्षणालंकार)
Ephesians 3:14
τούτου χάριν
यह संयोजक उक्ति, इसी कारण कारण-परिणाम को परिचित कराता है। कारण यह है कि पौलुस के कष्ट विश्वासियों के लिए महिमा का कारण हुआ था। परिणाम यह है कि पौलुस पिता से प्रार्थना करता है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
τούτου χάριν
आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि कारण क्या है। वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे लिए यह सब किया है” (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
κάμπτω τὰ γόνατά μου πρὸς τὸν Πατέρα
घुटने टेकना मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को प्रार्थना के मनोभाव में चित्रित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं पिता के सामने घुटने टेक कर विनती करता हूँ” या “मैं दीन मन से पिता से प्रार्थना करता हूँ” (देखें: उपलक्षण अलंकार)
Ephesians 3:15
ἐξ οὗ πᾶσα πατριὰ ἐν οὐρανοῖς καὶ ἐπὶ γῆς ὀνομάζεται
यहाँ नामकरण का कार्य संभवतः सृजन के कार्य का भी प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “जिसने स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने को रचा और उसका नाम रखा"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 3:16
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। पौलूस की प्रार्थना का लक्ष्य या उद्दश्य है कि इफिसुस के विश्वासी अपने विश्वास और प्रेम में परमेश्वर से दृढ़ता पाएँ। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
δῷ ὑμῖν κατὰ τὸ πλοῦτος τῆς δόξης αὐτοῦ, δυνάμει κραταιωθῆναι
“परमेश्वर क्योंकि इतना महान और शक्तिशाली है, इसलिए वह तुम्हें अपनी शक्ति के द्वारा बलवन्त होने देगा”
δῷ
“देगा”
Ephesians 3:17
पौलुस इफिसियों 3:14 में आरम्भ की गई अपनी प्रार्थना को जारी रखता है।
κατοικῆσαι τὸν Χριστὸν διὰ τῆς πίστεως ἐν ταῖς καρδίαις ὑμῶν ἐν ἀγάπῃ, ἐρριζωμένοι καὶ τεθεμελιωμένοι
यह वह दूसरी बात है जिसके लिए पौलुस प्रार्थना करता है कि परमेश्वर इफिसुस के विश्वासियों को अपनी महिमा के धन के अनुसार दान दे। पहली यह है कि वे ""बलवन्त किए जाएं"" (इफिसियों3:16)।
κατοικῆσαι τὸν Χριστὸν διὰ τῆς πίστεως ἐν ταῖς καρδίαις ὑμῶν
यहाँ मन भीतरी मनुष्यत्व को दर्शाता है, और ""के द्वारा"" उस माध्यम को व्यक्त करता है जिसके द्वारा मसीह विश्वासी के भीतर वास करता है। मसीह विश्वासियों के मनों में रहता है क्योंकि परमेश्वर कृपालु होकर उन्हें विश्वास करने देता है। वैकल्पिक अनुवाद: "" मसीह तुम्हारे भीतर रहे क्योंकि तुम उस में विश्वास रखते हो"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἐν ἀγάπῃ, ἐρριζωμένοι καὶ τεθεμελιωμένοι
पौलुस उनके विश्वास को ऐसे कहता है जैसे कि वह एक वृक्ष हो जिसकी जड़ें गहराई में है, या दृढ़ नींव पर बना हुआ एक घर हो। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम एक दृढ़ जड़ वाले पेड़ और पत्थर पर बनी एक इमारत की तरह होगे” (देखें: रूपक)
Ephesians 3:18
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि कारण-परिणाम को परिचित कराता है। कारण यह है कि मसीह उनके मनों में वास करे। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासी परमेश्वर के प्रेम को पूर्णत: जान सकें और परमेश्वर की पूर्णता से परिपूरित हो जाएं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोडती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
καταλαβέσθαι
यह तीसरी बात है जिसके लिए पौलुस घुटने टेककर प्रार्थना करता है; पहली यह है कि परमेश्वर उन्हें ऐसा होने दे कि वे बलवन्त हों (इफिसियों 3:16) और दूसरी यह कि मसीह उनके विश्वास के कारण उनके मनों में वास करे (इफिसियों3:17)
πᾶσιν τοῖς ἁγίοις
“मसीह में सब विश्वासियों”
τὸ πλάτος, καὶ μῆκος, καὶ ὕψος, καὶ βάθος
इस रूपक में पौलुस किसी ऐसी वस्तु की कल्पना करता है जो भौतिक नहीं है या किसी ऐसी भौतिक वस्तु को नापने की जो चारों दिशाओं में फैली हुई होने के कारण बहुत बड़ी है। संभावित अर्थ हैं: (1) ये शब्द हमारे लिए मसीह के प्रेम की प्रबलता का वर्णन करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “मसीह हमें कैसा महान प्रेम करता है। या (2) ये शब्द परमेश्वर की बुद्धि की महानता का वर्णन करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर कैसा अति बुद्धिमान है” (देखें: रूपक)
τὸ πλάτος, καὶ μῆκος, καὶ ὕψος, καὶ βάθος
यह स्पष्ट करना अति आवश्यक हो सकता है कि ये शब्द किसका सन्दर्भ देते हैं। यदि ऐसा है, तो आप इसको अगले पद के वाक्यांश के साथ जोड़ सकते हैं और कह सकते हैं: ""की चौड़ाई और लम्बाई और ऊँचाई और गहराई, और मसीह के उस प्रेम को यथार्थ में जान लें” या ""यथार्थ में जान लें, मसीह के प्रेम की चौड़ाई और लम्बाई और ऊँचाई और गहराई"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
Ephesians 3:19
γνῶναί…ἀγάπην τοῦ Χριστοῦ
यह पिछले पद के विचार को ही आगे बढ़ाता है। वे दोनों मसीह के प्रेम की महानता को जानने के संदर्भ में हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि तुम जान सको कि हमारे लिए मसीह का प्रेम कैसा महान है
ἵνα πληρωθῆτε εἰς πᾶν τὸ πλήρωμα τοῦ Θεοῦ
यह चौथी बात है जिसके लिए पौलुस घुटने टेककर प्रार्थना करता है (इफिसियों 3:14)। पहली यह है कि वे बलवन्त किया जाएँ"" (इफिसियों3:16), और दूसरी यह है कि ""मसीह विश्वास के द्वारा उनके मनों में वास करेगा"" (इफिसियों3:18) और तीसरी यह है कि वे मसिह् के प्रेम को समझने पाएँ (इफिसियों 3:18)
ἵνα πληρωθῆτε εἰς πᾶν τὸ πλήρωμα τοῦ Θεοῦ
इस रूपक में पौलुस कल्पना करता है कि इफिसुस के विश्वासी पात्र हैं जिनमें परमेश्वर स्वयं को उंडेल सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि परमेश्वर तुम को वह सब दे सके जो उसे देना है” (देखें: रूपक)
ἵνα πληρωθῆτε
इस को सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि परमेश्वर तुम्हे भर सके” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
εἰς πᾶν τὸ πλήρωμα τοῦ Θεοῦ
भरपूरी भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “हर एक वस्तु से परमेश्वर भरा हुआ है” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि इफिसुस के विश्वासी मसीह के प्रेम को जानें। परिणाम यह है कि वे परमेश्वर की भरपूरी से परिपूर्ण हो जाएं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जो जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 3:20
इस पुस्तक में शब्द “हम” और “हमारा” पौलुस और सभी विश्वासियों को शामिल करना जारी रखते हैं। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)
पौलुस अपनी प्रार्थना को आशीष वचन के साथ समाप्त करता है।
τῷ δὲ
“अब परमेश्वर को, जो”
ποιῆσαι ὑπέρ ἐκ περισσοῦ ὧν αἰτούμεθα ἢ νοοῦμεν
“वह सब जो हम माँगते या सोचते हैं उससे कहीं अधिक करने के लिए” या ""जो हम उससे माँगते हैं या जिनके बारे में सोचते हैं उससे कहीं अधिक महान कामों को करने के लिए
Ephesians 3:21
αὐτῷ ἡ δόξα ἐν τῇ ἐκκλησίᾳ
महिमा भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “हो सके तो परमेश्वर के लोग उसका महिमान्वन करें” या “हो सके तो परमेश्वर के लोग उसकी स्तुति करें कि वह कैसा महान है” देखें यूएसटी (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4
इफिसियों 04 की सामान्य टिप्पणियाँ
संरचना एवं विन्यास शैली
कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ने पद 8 के साथ ऐसा ही किया है, जो पुराने नियम का उद्धरण है।
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान विशिष्ट अलौकिक क्षमताएँ हैं जो पवित्र आत्मा मसीहियों को यीशु में विश्वास करने के बाद देता है। ये आत्मिक वरदान कलीसिया को विकसित करने के लिए मूलभूत थे। पौलुस यहाँ केवल कुछ ही आत्मिक वरदानों की सूची देता है। (देखें: विश्वास)
एकता
पौलुस के लिए बहुत महत्वपूर्ण था कि कलीसिया एकजुट हो। यह इस अध्याय का प्रमुख विषय है।
इस अध्याय में अनुवाद की अन्य संभावित कठिनाइयाँ
पुराना मनुष्य और नया मनुष्य
शब्द ""पुराना मनुष्य"" संभवतः उस पापी स्वभाव को संदर्भित करता है जिसके साथ मनुष्य पैदा होता है। ""नया मनुष्य"" नए स्वभाव या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद मनुष्य को देता है।
Ephesians 4:1
पौलुस इफिसुस के विश्वासियों को जो लिखता रहा था, उसी के कारण, वह उनको निर्देश देता है कि विश्वासी होने के कारण उन्हें अपना जीवन कैसे जीना है और वह फिर से इस बात पर जोर देता है कि विश्वासियों को आपस में सहमत होना है।
οὖν
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित करता है। कारण यह है कि परमेश्वर पीढ़ी से पीढ़ी तक कलीसिया में महिमान्वित हो। परिणाम यह है कि विश्वासी ऐसा आचरण रखें जो प्रभु के योग्य हो। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को आपस में परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ὁ δέσμιος ἐν Κυρίῳ
“कोई बंदीगृह में है क्योंकि वह प्रभु की सेवा करता है”
ἀξίως περιπατῆσαι τῆς κλήσεως
चलना किसी व्यक्ति की जीवन शैली के विचार को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है। (देखें: रूपक)
τῆς κλήσεως ἧς ἐκλήθητε
यहाँ बुलाहट का सन्दर्भ उस तथ्य से है कि परमेश्वर ने उनको अपनी प्रजा होने के लिए चुन लिया है। वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि परमेश्वर ने तुमको अपनी प्रजा होने के लिए चुना है”
Ephesians 4:2
μετὰ πάσης ταπεινοφροσύνης καὶ πραΰτητος
दीनता नम्रता, और *धीरज *भाववाचक संज्ञा हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""दीन, नम्र, और धीरजवंत होना सीखना” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:3
τηρεῖν τὴν ἑνότητα τοῦ Πνεύματος ἐν τῷ συνδέσμῳ τῆς εἰρήνης
यहाँ पौलुस शान्ति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह एक बंधन हो जो लोगों को एक साथ जोड़ता है। यह अन्यों के साथ शांति से रहकर एकजुट होने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: “शांतिपूर्वक एक दूसरे के साथ जीना और एकजुट रहें जैसा कि आत्मा ने सम्भव किया है"" (देखें: रूपक)
τηρεῖν τὴν ἑνότητα τοῦ Πνεύματος ἐν τῷ συνδέσμῳ τῆς εἰρήνης
एकता और शांति भाववाचक संज्ञा शब्द हैं। वैकल्पिक अनुवाद: एक दूसरे के साथ शांतिपूर्वक रहो जैसा कि आत्मा ने संभव किया है, संगठित बने रहो” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:4
ἓν σῶμα
कलीसिया को अक्सर मसीह की देह के रूप में संदर्भित किया गया है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἓν Πνεῦμα
“केवल एक ही पवित्र आत्मा”
ἐκλήθητε ἐν μιᾷ ἐλπίδι τῆς κλήσεως ὑμῶν
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हारे बुलाए जाने में एक निश्चित आशा बनाए रखने के लिए परमेश्वर ने तुम्हें बुलाया है।"" या ""एक बात यह है कि परमेश्वर ने भी तुम्हें चुना है कि तुम उस पर विश्वास करें और उससे अपेक्षा करो"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 4:6
Πατὴρ πάντων…ἐπὶ πάντων…διὰ πάντων…ἐν πᾶσιν
यहाँ शब्द सब का अर्थ है, हर एक वस्तु
Ephesians 4:7
यहाँ यह उद्धरण राजा दाऊद के लिखे एक गीत से है।
पौलुस विश्वासियों को उन वरदानों का स्मरण कराता है जिन्हें मसीह कलीसिया में विश्वासियों को उपयोग के लिए देता है जो कि उसकी सम्पूर्ण देह है।
ἑνὶ…κάστῳ ἡμῶν ἐδόθη ἡ χάρις
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने हम में से हर एक को अनुग्रह दिया है"" या ""परमेश्वर ने प्रत्येक विश्वासी को एक वरदान दिया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ἑνὶ…κάστῳ ἡμῶν ἐδόθη ἡ χάρις
अनुग्रह भाववाचक संज्ञा है जिसका सन्दर्भ यहाँ परमेश्वर के वरदान से है वैकल्पिक अनुवाद “परमेश्वर ने हर एक विश्वासी को एक वरदान दिया है” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:8
διὸ
यह संयोजक शब्द इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि प्रत्येक विश्वासी को एक आत्मिक वरदान प्राप्त है। परिणाम यह है कि पवित्रशास्त्र कहता है कि यीशु ने मनुष्यों को वरदान दिए हैं। अपने भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἀναβὰς εἰς ὕψος
“जब मसीह ऊपर स्वर्ग में गया”
Ephesians 4:9
ἀνέβη
“मसीह ऊपर गया”
καὶ κατέβη
“मसीह नीचे भी आया”
εἰς τὰ κατώτερα μέρη τῆς γῆς
सम्भावित अर्थ हैं (1) निचली जगह पृथ्वी का एक भाग हैं या (2) निचली क्षेत्र पृथ्वी को ही संदर्भित करने का एक और तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""निचली जगहों, पृथ्वी में
Ephesians 4:10
ἵνα πληρώσῃ τὰ πάντα
“वह अपनी सामर्थ्य में सब जगह कार्यरत् रहे”
πληρώσῃ
“सम्पूर्ण” या ""संतुष्ट
Ephesians 4:12
πρὸς τὸν καταρτισμὸν τῶν ἁγίων
“उन लोगों को तैयार करने के लिए जिनको उसने अलग किया है” या “विश्वासियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रदान करने के लिए
εἰς ἔργον διακονίας
“कि वे अन्यों की सेवा कर सकें”
εἰς οἰκοδομὴν τοῦ σώματος τοῦ Χριστοῦ
पौलुस उन लोगों की बात ऐसा कर रहा है जो आत्मिक रूप से बढ़ते हैं जैसे कि वे अपने भौतिक शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए व्यायाम कर रहे थे। (देखें: रूपक)
οἰκοδομὴν
“उन्नति”
σώματος τοῦ Χριστοῦ
मसीह की देह मसीह की कलीसिया के हर एक सदस्य को संदर्भित करती है।
Ephesians 4:13
καταντήσωμεν…εἰς τὴν ἑνότητα τῆς πίστεως, καὶ τῆς ἐπιγνώσεως τοῦ Υἱοῦ τοῦ Θεοῦ
विश्वासियों के लिए आवश्यक है कि वे मसीह को परमेश्वर के पुत्र के रूप में जानें। यदि उनको विश्वास में एकजुट होना है और विश्वासियों के रूप में परिपक्व होना हैं।
καταντήσωμεν οἱ πάντες εἰς τὴν ἑνότητα τῆς πίστεως
एकता भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम सब विश्वास में समान रूप से बलवंत होते हैं या ""हम सब विश्वास में एकजुट होते हैं।"" (देखें:[[rc//hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])
καταντήσωμεν…εἰς τὴν ἑνότητα τῆς πίστεως
विश्वास भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनूवाद: “विश्वासी होने के कारण एक साथ संगठित हो जाओ” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
καὶ τῆς ἐπιγνώσεως τοῦ Υἱοῦ τοῦ Θεοῦ
ज्ञान भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “और सब परमेश्वर के पुत्र को भली भांति जान लें”(देखें: भाववाचक संज्ञा)
τοῦ Υἱοῦ τοῦ Θεοῦ
यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: पुत्र और पिता का अनुवाद करना)
εἰς ἄνδρα τέλειον
“एक परिपक्व विश्वासी”
τέλειον
“पूरी तरह से विकसित” या ""वयस्क"" या “परिपूर्ण”
Ephesians 4:14
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, ताकि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। कलीसिया में वरदान प्राप्त लोगों के लिए लक्ष्य या उद्देश्य है कि वे सब विश्वासियों को आत्मिक परिपक्वता में लाएँ। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ὦμεν νήπιοι
पौलुस उन विश्वासियों को जो आत्मिक रूप से व्यस्क नहीं हुए हैं ऐसे संदर्भित करता है कि जैसे वे ऐसे बच्चे हों जिन्हें जीवन में बहुत कम अनुभव है। वैकल्पिक अनुवाद: बच्चों की तरह बनो"" (देखें: रूपक)
κλυδωνιζόμενοι καὶ περιφερόμενοι παντὶ ἀνέμῳ τῆς διδασκαλίας
पौलुस उस विश्वासी का जो परिपक्व नहीं हुआ है और विभिन्न गलत शिक्षाओं का अनुसरण करता है, इस प्रकार वर्णन करता है कि जैसे वह एक नाव है और गलत शिक्षाएँ हवा और लहरें हैं जो नाव को पानी पर अलग-अलग दिशा में बहा रही हैं। देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
ἐν τῇ κυβίᾳ τῶν ἀνθρώπων, ἐν πανουργίᾳ πρὸς τὴν μεθοδίαν τῆς πλάνης
ठग विद्या, चतुराई, और युक्तियों भाववाचक संज्ञा शब्द हैं। वैकल्पिक अनुवाद: चतुर लोगों के द्वारा जो चतुराई से गढ़ी हुई झूठ से विश्वासियों को भ्रम में डालते हैं"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:15
δὲ
यह संयोजक शब्द,वरन् विषम सम्बन्ध को परिचित कराता है। प्रत्येक परिवर्तनकारी शिक्षा का अनुसरण करना मसीह में परिपक्व होने और उसकी देह के विकास के विपरीत है। अपनी भाषा में ऐसे शब्द को काम में लें जो विषमता को दर्शाता है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἀληθεύοντες
सच्चाई भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “सत्यनिष्ठा से बोलना” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἐν ἀγάπῃ
प्रेम भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “जैसे सदस्य एक दूसरे से प्रेम रखते हैं” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
εἰς αὐτὸν…ὅς ἐστιν ἡ κεφαλή
मानवीय शरीर की उपमा देकर पौलुस वर्णन करता है कि मसीह कैसे विश्वासियों को प्रेरित करता है कि सामंजस्य में एक साथ काम करें जैसे सिर शरीर के अंगों को उकसाता है कि स्वस्थ रहने के लिए एक साथ काम करें। देखें यूएसटी (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 4:16
ἐξ οὗ πᾶν τὸ σῶμα…τὴν αὔξησιν τοῦ σώματος ποιεῖται
पौलुस मसीह को सिर और विश्वासियों को मानवीय शरीर ही की उपमा दे रहा है कि यह वर्णन करे कि मसीह कैसे विश्वासियों के लिए एकजुट होकर सामंजस्य में काम करने का कारण है, ठीक वैसे ही जैसे शरीर का सिर अंगों को उकसाता है कि स्वस्थ रहने के लिए एक साथ काम करें। देखें यूएसटी (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
εἰς οἰκοδομὴν ἑαυτοῦ ἐν ἀγάπῃ
जिससे एक उद्देश्य गर्भित वाक्यांश का संकेत देता है। सब विश्वासियों का उद्देश्य सामंजस्य में जुड़ना है ताकि सब विश्वासी पारस्परिक प्रेम और परमेश्वर से प्रेम की क्षमता में विकास करें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो उद्देश्य गर्भित वाक्यांश हो। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἐν ἀγάπῃ
प्रेम भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “जैसे सदस्य एक दूसरे से प्रेम रखते हैं” या “एक दूसरे से अधिकाधिक प्रेम करने में सक्षम हों” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
διὰ πάσης ἁφῆς τῆς ἐπιχορηγίας
पौलुस विश्वासियों की तुलना मानवीय देह के साथ ही कर रहा है। स्नायु एक मजबूत तंत्र है जो हड्डियों या अंगों को शरीर में यथास्थान जोड़कर रखता है। जिस प्रकार शरीर दृढ स्नायु तंत्रों द्वारा बंधा रहता है, ठीक उसी प्रकार विश्वासी प्रेम के द्वारा एक साथ बंधे रहते हैं, जब देह विकसित होती है और एकजुट काम करती है तो प्रेम अधिकाधिक बलवंत होता जाता है। देखें यूएसटी (देखेँ:बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 4:17
पौलुस उन्हें बताता है कि उन्हें अब क्या नहीं करते रहना चाहिए क्योंकि विश्वासी होने के कारण उन पर परमेश्वर के पवित्र आत्मा द्वारा मोहर लगा दी गई है।
οὖν
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि मसीह चाहता है कि प्रत्येक विश्वासी आत्मिक रूप से परिपक्व हो जाए और अन्य विश्वासियों की सेवा करे। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासी अब आगे को अन्यजाति का सा आचरण न रखें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
τοῦτο οὖν λέγω καὶ μαρτύρομαι
“जो मैंने अभी कहा है इस कारण, मैं तुम्हें अत्यधिक प्रोत्साहित करने के लिए अब कुछ और कहूँगा”
ἐν Κυρίῳ
इसका अर्थ या तो यह हो सकता है, (1) ""प्रभु के अधिकार से"" या (2) “क्योंकि हम सब प्रभु के हैं”
μηκέτι ὑμᾶς περιπατεῖν, καθὼς καὶ τὰ ἔθνη περιπατεῖ ἐν ματαιότητι τοῦ νοὸς αὐτῶν
पौलुस इस रूपक का उपयोग बहुधा तब करता है जब वह किसी की जीवन शैली की तुलना चलने से करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""निकम्मे विचार रखनेवाले अन्यजातियों के सामान जीवन जीना त्याग दो""(देखें: रूपक)
Ephesians 4:18
ἐσκοτωμένοι τῇ διανοίᾳ
इस रूपक द्वारा अनुचित विचारों की तुलना अन्धकार से की गई है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वे अब न तो स्पष्ट सोच सकते हैं न ही स्पष्ट तर्क कर सकते हैं"" या ""वे समझने में सक्षम ही नहीं हैं"" (देखें: रूपक)
ἐσκοτωμένοι τῇ διανοίᾳ
इसे कर्ताप्रधान रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “उनकी सोच का तरीका अंधकारपूर्ण हो गया है” या “वे अब स्पष्ट सोचने और तर्क करने योग्य नहीं रहे” या “वे समझने योग्य ही नहीं हैं” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ἀπηλλοτριωμένοι τῆς ζωῆς τοῦ Θεοῦ, διὰ τὴν ἄγνοιαν τὴν οὖσαν ἐν αὐτοῖς
इसे कर्ताप्रधान रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: क्योंकि वे परमेश्वर को नहीं जानते, वे उस तरह से नहीं जी सकते जैसा परमेश्वर अपने लोगों से चाहता है"" या ""उन्होंने अपनी अज्ञानता के कारण स्वयं को परमेश्वर के जीवन से अलग कर लिया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ἀπηλλοτριωμένοι
“सम्बन्ध तोड़ दिया” या ""अलग कर लिया
ἄγνοιαν
“ज्ञान की कमी” या ""जानकारी की कमी
διὰ τὴν πώρωσιν τῆς καρδίας αὐτῶν
उनके मनों की कठोरता यह वाक्यांश एक रूपक है जिसका अर्थ है, ""हठ।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि वे हठी हैं"" या ""क्योंकि वे परमेश्वर को सुनने से इन्कार करते हैं"" (देखें: रूपक)
διὰ
यह संयोजक शब्द,क्योंकिकारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। पहला कारण यह है कि वे उससे अनभिज्ञ हैं। परिणाम यह है कि अन्यजातियाँ परमेश्वर से अलग हैं। आपकी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
διὰ
या संयोजक शब्द,क्योंकि कारण-सम्बन्ध को परिचित कराता है। दूसरा कारण यह है कि उनके हृदय कठोर किए गए हैं। परिणाम यह है कि अन्यजातियाँ परमेश्वर से अलग है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 4:19
ἑαυτοὺς παρέδωκαν τῇ ἀσελγείᾳ
पौलुस इन लोगों के लिए ऐसे कहता है जैसे कि वे कोई वस्तु हों जिसे वे स्वयं ही अन्यों को दे रहे हों, और वह उनकी शारीरिक अभिलाषाओं को संतुष्ट करने के तरीकों के बारे में ऐसे बताता है जैसे कि वे कोई व्यक्ति हैं जिन्हें वे स्वयं को सौंप देते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रत्येक शारीरिक अभिलाषा के अधीन हो गए हैं"" या ""केवल अपनी शारीरिक अभिलाषाओं को संतुष्ट करना चाहते हैं"" (देखें: रूपक)
Ephesians 4:20
ὑμεῖς δὲ οὐχ οὕτως ἐμάθετε τὸν Χριστόν
*ऐसी * यह शब्द अन्यजाति लोगों की जीवन शैली को संदर्भित करता है, जिसका वर्णन इफिसियों 4:17-19 में किया गया है। यह इस बात पर जोर देता है कि विश्वासियों ने मसीह से जो सीखा है वह उसके विपरीत है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लेकिन तुमने मसीह के मार्गों के बारे में जो सीखा वह ऐसा नहीं था
δὲ
यह संयोजक शब्द,परविषमता का सम्बंध को परिचित कराता है। अन्यजातियों की पापमय जीवन शैली पौलुस द्वारा इफिसुस के विश्वासियों को सिखाई गई यीशु के सत्य के अनुरूप जीवन शैली के विपरीत है। अपनी भाषा में ऐसा शब्द काम में लें जो यहाँ विषमता दर्शाए (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Ephesians 4:21
εἴ γε αὐτὸν ἠκούσατε καὶ ἐν αὐτῷ ἐδιδάχθητε
पौलुस जानता है कि जिन लोगों को वह लिख रहा है उन्होंने इन बातों को सुना है और उन्हें सिखाया भी गया है। वह झिड़की के रूप में उपहास कर रहा है-यदि वे मसीह के मार्ग के विपरीत चल रहे हैं तो वे जानते हैं कि उससे अच्छा क्या है और उन्हे परित्याग करने की आवश्यकता है। देखें यूएसटी (देखें: व्यंग्यात्मक)
ἐν αὐτῷ ἐδιδάχθητε
इसको कर्ताप्रधान रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है। संभावित अर्थ हैं (1) ""उसके मार्गों में शिक्षा पाई है"" या (2) ""यीशु के लोगों ने तुम्हें सिखाया है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
καθώς ἐστιν ἀλήθεια ἐν τῷ Ἰησοῦ
“जैसे यीशु हमें जीने के लिए सच्चे मार्ग की शिक्षा देता है” या ""यीशु के बारे में हर एक बात सच है"" देखें यूएसटी।
Ephesians 4:22
ἀποθέσθαι ὑμᾶς κατὰ τὴν προτέραν ἀναστροφὴν
पौलुस नैतिक गुणों के विषय ऐसे कह रहा है जैसे वे वस्त्र के अंश हों। वैकल्पिक अनुवाद: “अपनी पुरानी जीवन शैली के अनुसार जीना त्याग दो"" (देखें: रूपक)
ἀποθέσθαι…τὸν παλαιὸν ἄνθρωπον
पौलुस जीवन शैली के लिए ऐसे कह रहा है कि जैसे वह कोई मनुष्य है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन बातों का करना त्याग दो जिन्हें तुम्हारा पूर्ववर्ती मनुष्यत्व करता था"" या ""उन कामों को करना त्याग दो जिन्हे तुम किया करते थे"" (देखें: रूपक)
τὸν παλαιὸν ἄνθρωπον
पुराना मनुष्यत्व, ""पुराने स्वभाव"" या ""पुराने व्यक्तित्व"" को संदर्भित करता है, मसीह में विश्वासी हो जाने से पूर्व मनुष्य जैसा था (देखें: रूपक)
τὸν φθειρόμενον κατὰ τὰς ἐπιθυμίας τῆς ἀπάτης
पौलुस पापमय जीवन शैली के विषय ही चर्चा कर रहा है जैसे कि वह कोई मनुष्य है जो दुष्टता के काम करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब तुमने इस विचार से स्वयं को मूर्ख बनाया कि तुम जो भी दुष्टता के काम करना चाहते थे उन्हें करना अच्छा है"" देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
Ephesians 4:23
ἀνανεοῦσθαι…τῷ πνεύματι τοῦ νοὸς ὑμῶν
इसका अनुवाद कर्ताप्रधान रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर को तुम्हारे स्वभाव और विचारों को बदलने दो"" या ""परमेश्वर को तुम्हें नया स्वभाव और नए विचार प्रदान करने दो"" देखें यूएसटी (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 4:24
ἐν δικαιοσύνῃ καὶ ὁσιότητι τῆς ἀληθείας
धार्मिकता, पवित्रता और सत्य ये शब्द भाववाचक संज्ञा हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""यथार्थ में धर्मी और पवित्र"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἐνδύσασθαι τὸν καινὸν ἄνθρωπον
पौलुस जीवन शैली को इस प्रकार व्यक्त करता जा रहा है कि जैसे वह कोई मनुष्य है और यह भी कि वह वस्त्र स्वरूप है जिससे कि नए मनुष्य को कोई बागे के सदृश्य पहन सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “नए मनुष्य हो जाओ” या “नई जीवन शैली में जीना आरंभ कर दो” (देखें: रूपक)
Ephesians 4:25
διὸ
यह संयोजक शब्द, इस कारणकारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि परमेश्वर ने विश्वासियों को नया, पवित्र जन रच दिया है। परिणाम यह है कि वे अपने पहले के जीवन का अनैतिक व्यवहार त्याग दें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἀποθέμενοι τὸ ψεῦδος
झूठ बोलने को पौलुस इस प्रकार कह रहा है कि जैसे वे वस्तुएँ हैं जिन्हें विश्वासी रद्द कर सकते है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अब कभी झूठ नहीं बोलना” या ""झूठ बोलने की अपेक्षा"" (देखें: रूपक)
λαλεῖτε ἀλήθειαν
सच भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “सच बोला करें” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ὅτι
यह संयोजक शब्द, इस कारण कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि विश्वासी मसीह की एक ही देह के सदस्य हैं। परिणाम यह है कि विश्वासी आपस में सच बोलें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἐσμὲν ἀλλήλων μέλη
यहाँ पौलुस विश्वासियों की पारस्परिक घनिष्ठ एकता को इस प्रकार व्यक्त करता है कि उनमे तो हर एक जन एक ही देह का अंग है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम एक दूसरे के हैं"" या ""हम सब परमेश्वर के परिवार के सदस्य हैं"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 4:26
ὀργίζεσθε, καὶ μὴ ἁμαρτάνετε
“तुम क्रोधित हो सकते हो, परन्तु पाप नहीं करना” या ""यदि तुम क्रोधित हो जाते हो, तो पाप न करो
ὁ ἥλιος μὴ ἐπιδυέτω ἐπὶ παροργισμῷ ὑμῶν
सूर्य का अस्त होना रात होने, या दिन के समाप्त होना का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हें रात होने से पहले, अपने क्रोध को शान्त करना आवश्क है"" या ""दिन के समाप्त होने से पहले अपने गुस्से का त्याग कर दो"" (देखें: लक्षणालंकार)
Ephesians 4:27
μηδὲ δίδοτε τόπον τῷ διαβόλῳ
“और शैतान को अवसर न दो कि कहीं वह तुम्हे पाप में गिराने पाए”
Ephesians 4:28
μᾶλλον δὲ
यह संयोजक उक्ति,वरन् विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। पूर्वकालिक चोर को कठोर परिश्रम करना है कि अन्यों के साथ बाँटने के लिए उसके पास कुछ हो, यह उसके द्वारा अपने लिए चोरी करने की विषमता में है।(देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, इसलिए कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। किसी को अपने हाथों से परिश्रम करने का लक्ष्य या उद्देश्य यह होता है कि वह दूसरों की आवश्यकताओं को पूरा कर पाए। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Ephesians 4:29
λόγος σαπρὸς
यह उस भाषा को संदर्भित करती है जो क्रूर या रूखी होती है।
ἀλλ’
यह संयोजक शब्द, पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। अभद्र भाषा बोलना दूसरों के विकास हेतु अच्छी बातें बोलने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
πρὸς οἰκοδομὴν
“प्रोत्साहित करने के लिए” या ""सामर्थी बनाने के लिए
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, ताकि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। अन्यों के विकास हेतु शब्दोच्चारण का लक्ष्य या उद्देश्य है कि शब्दों को सुनने वालों पर अनुग्रह हो। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
τῆς χρείας, ἵνα δῷ χάριν τοῖς ἀκούουσιν
“जरूरतमंद। इस प्रकार तुम उनकी सहायता करोगे जो तुम्हे सुनते हैं”
ἵνα δῷ χάριν τοῖς ἀκούουσιν
अनुग्रह भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “जिससे कि तुम्हें सुनने वाले आत्मिकता में प्रोत्साहित हों” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:30
μὴ λυπεῖτε
“हताश न हो” या ""परेशान न हो
ἐν ᾧ ἐσφραγίσθητε εἰς ἡμέραν ἀπολυτρώσεως
पवित्र आत्मा विश्वासियों को विश्वास दिलाता है कि परमेश्वर उनका उद्धार करेगा। पौलुस पवित्र आत्मा के विषय इस प्रकार कहता है कि जैसे वह एक ऐसा चिन्ह है जिसे परमेश्वर विश्वासियों पर लगा देता है, यह दिखाने के लिए कि वह उनका मालिक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि वह एक छाप है जो तुम्हें विश्वास दिलाती है कि परमेश्वर तुम्हें छुटकारे के दिन छुड़ाएगा"" या ""क्योंकि वही है जो तुम्हें आश्वासन दिलाता है कि परमेश्वर तुम्हें छुटकारे के दिन छुड़ाएगा"" (देखें: रूपक)
ἐν ᾧ ἐσφραγίσθητε εἰς ἡμέραν ἀπολυτρώσεως
इसे कर्ताप्रधान रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि उसने मुक्ति के दिन के लिए तुम पर मोहर लगा दी है”(देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
Ephesians 4:31
पौलुस अपने निर्देशों के समापन में कहता है कि विश्वासियों को क्या नहीं करना चाहिए और अंत में कहता है कि उन्हें क्या करना चाहिए।
ἀρθήτω
पौलुस स्वभाव और व्यवहार के विषय इस प्रकार कहता है जैसे वे भौतिक वस्तुएँ हों जिन्हें हटाया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हें नहीं होने देना है... अपने जीवन का भाग” (देखें: रूपक)
πικρία, καὶ θυμὸς, καὶ ὀργὴ
ये भाववाचक संज्ञा शब्द है जिन्हें विशेषण रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कड़वाहट भरा होना, और भयंकर क्रोध करना, और क्रोध करना"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)
κακίᾳ
द्वेष भाववाचक संज्ञा है जिसे विशेषण रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “द्वेषपूर्ण होना” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 4:32
δὲ
यह संयोजक शब्द, वरन् विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। आपस में क्रोध और कड़वाहट भरी बातें करना दयालु और मधुर वचन बोलने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
εὔσπλαγχνοι
“दूसरों के प्रति कोमल एवं करुणामय होना”
Ephesians 5
इफिसियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
संरचना एवं विन्यास शैली
कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ऐसा पद 14 के शब्दों के साथ करता है।
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
मसीह के राज्य की विरासत
कुछ विद्वानों का मानना है कि जो लोग 5:5 में दी गई सूची की बातों का अभ्यास करते रहते हैं, उन्हें अनन्त जीवन नहीं मिलेगा। परन्तु परमेश्वर इस पद में सूचीबद्ध सभी पापों को क्षमा कर सकता है। इसलिए व्यभिचारी, अशुद्ध काम करने वाले या लोभी लोग अभी भी अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे पश्चाताप करें और यीशु पर विश्वास करें। परमेश्वर ही है जो इसका निर्णय लेगा। (देखें: क्षमा करना, क्षमाप्राप्त, क्षमा, क्षमादान, सनातन, अनन्त, अनंत काल और जीवन, जीना, रहते थे, जीवित और अधिकारी होना, भाग, वारिस)
इस अध्याय में अनुवाद की अन्य संभावित कठिनाइयाँ
\nपत्नियों, अपने अपने पति के अधीन रहो
विद्वान इस गद्यांश को इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रसंग में समझने के बारे में विभाजित हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि स्त्री और पुरुष सभी बातों में पुर्णतः एक सामान हैं। अन्य विद्वान मानते हैं कि परमेश्वर ने स्त्रियों और पुरुषों को विवाह और कलीसिया में स्पष्ट रूप से भिन्न भिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए रचा है। अनुवादकों को सावधान रहना होगा कि वे इस मुद्दे को जिस तरह समझते हैं उससे इस गद्यांश के अनुवाद पर प्रभाव न पड़े।
Ephesians 5:1
पौलुस विश्वासियों को बताना जारी रखता है कि उन्हें परमेश्वर की संतान के रूप में कैसे रहना चाहिए और कैसे नहीं रहना चाहिए।
γίνεσθε οὖν μιμηταὶ τοῦ Θεοῦ
नकल करने वाले यह एक क्रियार्थक संज्ञा है और इसका अनुवाद क्रिया में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए परमेश्वर की नक़ल करो"" या ""इसीलिए तुम्हें वही करना चाहिए जो परमेश्वर करता है।
οὖν
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण (इफिसियों 4:32 में व्यक्त) यह है कि परमेश्वर ने मसीह के द्वारा हमें क्षमा कर दिया है। परिणाम (यहाँ प्रकट है) यह है कि परमेश्वर कैसा है, उसका विश्वासियों को अनुकरण करना है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ὡς τέκνα ἀγαπητά
परमेश्वर चाहता है कि हम उसकी नकल या अनुसरण करें क्योंकि हम उसकी आत्मिक सन्तान हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसे अति प्रिय बच्चे अपने पिताओं की नकल करते हैं"" या ""क्योंकि तुम उसके बच्चे हो और वह तुम से बहुत अधिक प्रेम रखता है"" (देखें: उपमा)
Ephesians 5:2
περιπατεῖτε ἐν ἀγάπῃ
चलना किसी व्यक्ति के जीवन जीने की धारणा को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रेम का जीवन जियो"" या ""हमेशा एक दूसरे से प्रेम करो"" (देखें: रूपक)
προσφορὰν καὶ θυσίαν τῷ Θεῷ εἰς ὀσμὴν εὐωδίας
हमारे पापों के लिए मसीह के क्रूस पर मरने की तुलना इस रूपक के द्वारा पुराने नियम में पापों की बलि से की गई है, जिन्हे आग में फेका जाता था और उससे मनमोहक सुगंध उठती थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के लिए मनमोहक सुगंध वाली भेंट और बलि के तुल्य"" या ""परमेश्वर के लिए एक भेंट और बलि जिसने परमेश्वर को अत्यधिक प्रसन्न किया"" देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
Ephesians 5:3
πορνεία δὲ, καὶ ἀκαθαρσία πᾶσα, ἢ πλεονεξία, μηδὲ ὀνομαζέσθω ἐν ὑμῖν
इस को कर्ताप्रधान रूप में व्यक्त किया जा सकता है:.""ऐसा कुछ मत करो जो किसी को सोचने पर विवश करे कि तुम योनाचार की अनैतिकता के या किसी भी प्रकार की अशुद्धता या लोभ के दोषी हो"" ( देखें:कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
δὲ
यह संयोजक शब्द, परन्तु विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। परमेश्वर के लिए मनमोहक सुगंध की भेंट और बलि पवित्र जनों के लिए अनुपयुक्त पापी कामों और विचारों के विपरीत हैं। ऐसा संयोजक शब्द काम में लें जो आपकी भाषा में विषमता दर्शाता है।
ἀκαθαρσία πᾶσα
“कैसी भी नैतिक अशुद्धता”
Ephesians 5:4
ἀλλὰ μᾶλλον εὐχαριστία
धन्यवाद एक क्रियार्थक संज्ञा शब्द है, और इसका अनुवाद क्रिया रूप में किया जा सकता है: ""उन बातों की अपेक्षा तुम्हें परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहिए
ἀλλὰ μᾶλλον
यह संयोजक उक्ति, परन्तु इसकी अपेक्षा विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। पापे से भरे हुए काम और विचार परमेश्वर को धन्यवाद देने के विपरीत है। अपनी भाषा में ऐसा संयोजक शब्द काम में लें जो विषमता का संकेत दे। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Ephesians 5:5
ἀκάθαρτος
यहाँ शब्द अशुद्ध (गंदगी) एक रूपक है जो पापमय होने का बोध कराता है। (देखें: रूपक)
οὐκ ἔχει κληρονομίαν
परमेश्वर ने विश्वासियों से जो वादा किया है उसे प्राप्त करने को ऐसे कहा गया है जैसे परिवार के किसी सदस्य से सम्पत्ति और धन विरासत में पाना हो। वैकल्पिक अनुवाद: ""कुछ नहीं पाओगे"" या ""कोई भाग नहीं है"" देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
Ephesians 5:6
κενοῖς λόγοις
“शब्द जिनमें कोई सच्चाई नहीं है” या ""शब्द जो सच नहीं हैं
γὰρ
यह संयोजक शब्द, क्योंकि कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण पहले दिया गया है: इफिसुस के विश्वासी किसी को अवसर न दें कि उनको व्यर्थ बातों से धोखा दे। तब कारण बताया गया है: परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़केगा। ऐसी उक्ति को काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है और आपकी भाषा में अत्यधिक सामान्य है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἔρχεται ἡ ὀργὴ τοῦ Θεοῦ ἐπὶ
क्रोध भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर निश्चय ही दंड देगा” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
τοὺς υἱοὺς τῆς ἀπειθείας
यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है, “मनुष्य जो स्वभाव से ही अवज्ञाकारी हैं” या “मनुष्य जिनका चरित्र चित्रण ही अवज्ञा है” वैकल्पिक अनुवाद: “वे जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते हैं” (देखें: मुहावरे)
Ephesians 5:7
οὖν
यह संयोजक उक्ति, इसलिए कारण-परिणाम सम्बंध को परिचित कराता है। कारण यह है कि परमेश्वर उन लोगों को अपने क्रोध में दंड देगा। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासियों को दुष्ट जनों के साथ सहभागी नहीं होना है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जों कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 5:8
ἦτε γάρ ποτε σκότος
जिस प्रकार मनुष्य अन्धकार में देख नहीं सकता उसी प्रकार पाप करने के प्रेमी लोग परमेश्वर की बातों को देख नहीं सकते और समझ नहीं सकते। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि पहले तुम परमेश्वर के बारे में कुछ नहीं समझते थे"" देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
γάρ
यह संयोजक उक्ति, क्योंकि कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। परिणाम पहले बताया गया है (पद7): इफिसुस के विश्वासियों को दुष्ट जनों के साथ सहभागी नहीं होना है। कारण बाद में (पद 8) में कहा गया है: इफिसुस के विश्वासी अब अंधे नहीं रहे हैं, अब वे ज्योति हैं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ है और आपकी भाषा में अत्यधिक सामान्य है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
νῦν δὲ φῶς ἐν Κυρίῳ
जिस प्रकार एक व्यक्ति प्रकाश में देख सकता है, उसी प्रकार जिन लोगों को परमेश्वर ने बचाया है वे परमेश्वर को प्रसन्न करने की समझ रखते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु अब तुम परमेश्वर को जानते हो और उसके लिए जी सकते हो"" (देखें: रूपक)
δὲ
यह संयोजक शब्द, परन्तु विषमता का सम्बन्ध को परिचित कराता है। यह तथ्य कि इफिसुस के विश्वासी पहले अंधे थे उस तथ्य की विषमता में है कि वे अब ज्योति हैं। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ὡς τέκνα φωτὸς περιπατεῖτε
मार्ग में चलना मनुष्य की जीवन शैली के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ऐसे लोगों के समान जियो जो समझते हैं कि प्रभु उनसे क्या करवाना चाहता है"" (देखें: रूपक)
ὡς τέκνα φωτὸς
परमेश्वर की इच्छा है कि हम उसका अनुसरण करें क्योंकि हम उसकी आत्मिक संतान हैं। वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर की संतान होने के कारण जो सत्य की पहचान रखते हैं” या “क्योंकि तुम परमेश्वर की संतान हो और सत्य को समझते हो” (देखें: उपमा)
Ephesians 5:9
ὁ…καρπὸς τοῦ φωτὸς ἐν πάσῃ ἀγαθωσύνῃ, καὶ δικαιοσύνῃ, καὶ ἀληθείᾳ
फल यहाँ ""प्रतिफल"" या ""परिणाम"" के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ज्योति में जीवन जीने का अर्थ है, अच्छे काम करना, खरा जीवन,और सच्चा व्यवहार” (देखें: रूपक)
γὰρ
यह संयोजक शब्द, क्योंकि कारण-परिणाम सम्बन्ध के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि ज्योति का फल भलाई और धार्मिकता और सत्य है। परिणाम यह है कि इफिसुस के विश्वासी ज्योति की संतान स्वररूप आचरण रखें. अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 5:11
μὴ συνκοινωνεῖτε τοῖς ἔργοις τοῖς ἀκάρποις τοῦ σκότους
पौलुस अविश्वासयों द्वारा किये जाने वाले निकम्मे और पापी कार्यों के बारे में ऐसे कहता है कि मानो वे ऐसे बुरे कर्म हैं जिन्हें लोग अंधेरे में करते हैं कि कोई उन्हें न देख सके। वैकल्पिक अनुवाद: ""अविश्वासियों के साथ निकम्मे, पापी कार्यों को मत करो"" (देखें: रूपक)
ἔργοις τοῖς ἀκάρποις
यहाँ पौलुस बुरे कामों कि तुलना एक निकम्मे पेड़ से करता है जो कुछ भी अच्छा उत्पन्न नहीं करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कार्य जिनमें कुछ भी अच्छा,उपयोगी, या लाभकारी"" नहीं है (देखें: रूपक)
τοῖς ἔργοις τοῖς ἀκάρποις τοῦ σκότους
शब्द अन्धकार अधिकतर पाप का प्रतिनिधित्व करता है। इस परिदृश्य में, ये कार्य पापी प्रयोजनों का परिणाम हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “कार्य जो निकम्मे हैं क्योंकि वे पापी प्रयोजनों से किए गए थे” (देखें: रूपक)
μᾶλλον δὲ
यह संयोजक उक्ति,वरन्विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। अन्धकार के कामों में सहभागी होना उनको उजागर करने के विपरीत है। (देख:संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἐλέγχετε
अंधकार के कार्यों के विरुद्ध बोलने को ऐसे व्यक्त किया गया है कि जैसे उन्हें प्रकाश में लाया जा रहा है कि मनुष्य उन्हें देख पाए। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन्हें प्रकाश में लाना"" या ""उन्हें उजागर करना"" या ""लोगों को दिखाना और बताना कि ये कार्य कितने गलत हैं"" (देखें: रूपक)
Ephesians 5:12
αὐτῶν
उनके का सन्दर्भ अवज्ञा के पुत्रों से है जिनकी चर्चा 5:6 में की गई है और 5:7 में उन्हें शब्द उनके द्वारा संदर्भित किया गया है। यदि स्पष्ट न हो कि दोनों स्थानों में उनके का सन्दर्भ किससे है तो उनके स्थानों पर “वे जो परमेश्वर की अवज्ञा करते हैं” या ऐसा ही कोई वाक्यांश काम में लिया जा सकता है। (देखें: सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें)
Ephesians 5:13
यह अज्ञात है कि यह उद्धरण यशायाह भविष्यद्वक्ता के उद्धरणों का संयोजन है या विश्वासियों द्वारा गाए गए किसी एक भजन का उद्धरण है।
δὲ
यह संयोजक शब्द, पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। इस समय अन्धकार के लज्जाजनक कामों को छिपाना उत्तरकाल में ज्योति द्वारा उनको उजागर किए जाने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
πᾶν…τὸ φανερούμενον φῶς ἐστιν
पौलुस के इस सामान्य कथन का अभिप्रेत अर्थ है कि परमेश्वर का वचन मनुष्य के कामों को प्रकट करता है कि वे अच्छे हैं या बुरे हैं। बाइबल अधिकतर परमेश्वर के सत्य का इस प्रकार वर्णन करती है कि मानो वह ज्योति है जो किसी का चरित्र प्रकट कर सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “यदि तुम हर एक बात की तुलना परमेश्वर के वचन से करो तो तुम समझ पाओगे कि वह अच्छा है या बुरा” देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
Ephesians 5:14
διὸ
यह संयोजक शब्द, इस कारण कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि उनके पाप ज्योति द्वारा प्रकट किए जाएंगे। परिणाम यह है कि पापी मसीह को उनके ऊपर चमकने दें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἔγειρε, ὁ καθεύδων, καὶ ἀνάστα ἐκ τῶν νεκρῶν
सम्भावित अर्थ हैं: (1) पौलुस विश्वासियों को संबोधित कर रहा है और उनकी आत्मिक दुर्बलताओं के क्षेत्रों के लिए मृत्यु को एक रूपक स्वरुप काम में ले रहा है कि वे उनके प्रति सचेत हों और उनका परित्याग करें, या (2) पौलुस अविश्वासियों को संबोधित कर रहा है कि उन्हें आत्मिक रूप से मरे हुए होने से जी उठने की आवश्यकता है, ठीक वैसे ही जैसे एक मरे हुए व्यक्ति को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए जीवित होना पड़ता है। देखें यूएसटी (देखें: संबोधक चिन्ह)
ὁ καθεύδων
पौलुस इस टिपण्णी को सीधा संबोधित करता है (1) उन विश्वासियों को जो इस पत्र को पढ़ रहे हैं या सुन रहे हैं, या (2) उन अविश्वासियों को जो नहीं हैं। (देखें: संबोधक चिन्ह)
ἐκ τῶν νεκρῶν
“उन सब लोगों में से जो मर गए हैं।” यह अभिव्यक्ति अधोलोक में सब मृत लोगों का एक साथ वर्णन करती है। उनमें से उठना फिर से जीवित होने की बात करता है और यह आत्मिक रूप से जीवित होने और परमेश्वर के लिए जीने का रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उनमें से जो आत्मिकता में मृतक हैं"" (देखें: रूपक)
ἐπιφαύσει σοι
यहाँ तुझ का सन्दर्भ सोनेवाले से है और यह शब्द एकवचन में है। (देखें: तुम के प्रारूप)
ἐπιφαύσει σοι ὁ Χριστός
मसीह एक अविश्वासी को यह समझने में सक्षम करेगा कि उसके कर्म कितने बुरे हैं और मसीह कैसे उसे क्षमा करेगा और नया जीवन देगा, ठीक वैसे ही जैसे प्रकाश दिखा देता है कि वहाँ क्या है जिसे अन्धकार ने छिपा रखा था। यह उस हर एक बात के प्रसंग में भी है जिसे विश्वासी ने अब तक नहीं पहचाना है कि वह पाप है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मसीह तुम को दिखाएगा कि उचित क्या है"" (देखें: रूपक)
Ephesians 5:15
βλέπετε…ἀκριβῶς πῶς περιπατεῖτε, μὴ ὡς ἄσοφοι, ἀλλ’ ὡς σοφοί
निर्बुद्धि लोग स्वयं को पाप से नहीं बचाते हैं। परन्तु बुद्धिमान लोग पाप की पहचान कर सकते हैं और उससे बचकर भाग सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए सावधान रहो कि तुम मुर्ख मनुष्य की अपेक्षा बुद्धिमान मनुष्य के समान जीओ
οὖν
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध को परिचित कराता है। कारण यह है कि मसीह ने उस पर ज्योति चमकाई है। परिणाम यह है कि पापी ज्योति में सावधानीपूर्वक चलेगा। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἀλλ’
यह संयोजक शब्द, पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। निर्बुद्धि होना बुद्धिमान होने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ὡς σοφοί
क्रिया शब्द “चलो” को छोड़ दिया गया है। इसे स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “बुद्धिमान के सामान चलो” (देखें: पदन्यूनता)
Ephesians 5:16
ἐξαγοραζόμενοι τὸν καιρόν
समय का बुद्धिमानी से उपयोग करने को ऐसे कहा गया है जैसे कि वह समय को बचाना हो। वैकल्पिक अनुवाद: “अपने समय के साथ सबसे अच्छी चीजें करना जो तुम कर सकते हो"" या ""समय का बुद्धिमानी से उपयोग करो"" या ""समय का सबसे अच्छा उपयोग करो"" (देखें: रूपक)
ὅτι αἱ ἡμέραι πονηραί εἰσιν
शब्द दिन लाक्षणिक प्रयोग है जिसका उपयोग उन दिनों में मनुष्यों द्वारा किये गए कामों से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि तुम्हारे आस-पास के लोग हर तरह के बुरे काम लगातार किये जा रहे हैं। और अच्छे काम करने के अवसर जो तुम्हारे पास होंगे वे थोड़े ही रह जायेंगे"" (देखें: लक्षणालंकार)
ὅτι
यह संयोजक शब्द इसलिए कारण-सम्बन्ध के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि दिन बुरे हैं। परिणाम यह है कि विश्वासी समय को बहुमूल्य समझें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 5:17
διὰ τοῦτο
यह संयोजक शब्द, इस कारण कारण-परिणाम के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि दिन बुरे हैं। परिणाम यह है कि विश्वासी मूर्ख न हों, परन्तु परमेश्वर की इच्छा को जानें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द, पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। मूर्ख होना परमेश्वर की इच्छा को जानने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Ephesians 5:18
पौलुस इस विषय पर अपने निर्देशों को समाप्त करता है कि सभी विश्वासियों को कैसे जीना चाहिए।
καὶ μὴ μεθύσκεσθε οἴνῳ
“तुम को दाखरस पीकर मतवाले नहीं होना चाहिए”
ἐν ᾧ ἐστιν ἀσωτία
उतावलापन भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “जो उतावला व्यवहार करवाती है” या “क्योंकि वह तुमको नष्ट कर देगी” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἀλλὰ πληροῦσθε ἐν Πνεύματι
“इसकी अपेक्षा, तुम्हें पवित्र आत्मा के द्वारा नियंत्रित होना चाहिए”
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द,पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। मतवाले होना आत्मा से परिपूर्ण होने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Ephesians 5:19
ψαλμοῖς, καὶ ὕμνοις, καὶ ᾠδαῖς πνευματικαῖς
सम्भावित अर्थ हैं (1) पौलुस इन शब्दों का उपयोग ""परमेश्वर की स्तुति करने के लिए सभी प्रकार के गीतों” के लिए एक विभज्योतक के रूप में कर रहा है या (2) पौलुस संगीत के विशिष्ट रूपों को सूचीबद्ध कर रहा है। (देखें: विभज्योतक)
ψαλμοῖς
ये सम्भवतः पुराने नियम की भजन संहिता पुस्तक के गीत हैं जिन्हें मसीही लोग गाते थे।
ὕμνοις
ये स्तुति और आराधना के गीत हैं जो विशेष रूप से मसीहियों द्वारा गाने के लिए लिखे गए होंगे।
ᾠδαῖς πνευματικαῖς
सम्भावित अर्थ हैं (1) ये ऐसे गीत हैं जो पवित्र आत्मा किसी व्यक्ति को ठीक उसी क्षण गाने के लिए प्रेरित करता है या (2) आत्मिक गीत और भजन युग्मक हैं। इनका अर्थ मूल रूप से एक ही है, आप इनके लिए दो के स्थान में एक ही शब्द काम में ले सकते हैं। (देखें: दोहरात्मक)
τῇ καρδίᾳ ὑμῶν
मन यहाँ मनुष्य के विचारों या भीतरी मनुष्यत्व के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। इस वाक्यांश, ""अपने मन में "" का अर्थ या तो यह है (1) सच्ची मंशा और सत्यनिष्ठा के साथ"" वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने व्यक्तित्व की गहराई से"" या ""सत्यनिष्ठा में” या उत्साह से, वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने पूरे जी जान से"" या ""बड़े जोश के साथ"" देखें यूएसटी (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 5:20
ἐν ὀνόματι τοῦ Κυρίου ἡμῶν, Ἰησοῦ Χριστοῦ
यहाँ ""नाम"" स्वयं यीशु के सन्दर्भ में हो सकता है, वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के हो"" या (2) यीशु मसीह के अधिकार के, वैकल्पिक अनुवाद: ""हमारे प्रभु यीशु मसीह के अधिकार के साथ"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
τῷ Θεῷ καὶ Πατρί
“परमेश्वर का, जो हमारा पिता है।
Ephesians 5:22
पौलुस मसीहियों को समझाना आरम्भ करता है कि उन्हें कैसे एक दूसरे के अधीन रहना है (इफिसियों 5:21)। वह पत्नियों और पतियों के लिए निर्देश के साथ शुरू करता है कि उन्हें एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार रखना चाहिए।
Ephesians 5:23
ὅτι
यह संयोजक शब्द, क्योंकि कारण-परिणाम सम्बन्ध के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि पति उसी प्रकार पत्नी का सिर है जिस प्रकार मसीह कलीसिया का सिर है। परिणाम यह है कि पत्नियाँ अपने-अपने पति के अधीन रहें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
κεφαλὴ τῆς γυναικὸς…κεφαλὴ τῆς ἐκκλησίας
यहाँ शब्द सिर अगुवे का प्रतिनिधित्व करता है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
τοῦ σώματος
कलीसिया को अक्सर अधिकतर मसीह की देह कहा जाता है। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 5:25
यहाँ शब्द ""स्वयं"" और ""वह"" मसीह को सन्दर्भित करते हैं। शब्द ""उसके"" कलीसिया को सन्दर्भित करता है।
ἀγαπᾶτε τὰς γυναῖκας
यहाँ पति के लिए “प्रेम” का अर्थ है, पत्नि द्वारा निःस्वार्थ सेवा के निमित्त निःस्वार्थ सर्वोत्तम व्यवहार या पत्नियों से प्रेम करना।
ἑαυτὸν παρέδωκεν
“लोगों को उसे मार डालने भी दिया”
ὑπὲρ αὐτῆς
पौलुस विश्वासियों की सभा को एक स्त्री के समान बताता है जिससे मसीह विवाह करेगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमारे लिए"" (देखे:रूपक)
Ephesians 5:26
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। मसीह द्वारास्वयं को मरने के लिए दे देने का लक्ष्य या उद्देश्य है कि कलीसिया को पवित्र बनाना। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
αὐτὴν ἁγιάσῃ, καθαρίσας
पौलुस विश्वासियों की सभा को एक स्त्री के समान बताता है जिससे मसीह विवाह करेगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें पवित्र करता है… हमें शुद्ध करने के द्वारा” (देखें: रूपक)
καθαρίσας τῷ λουτρῷ τοῦ ὕδατος ἐν ῥήματι
संभावित अर्थ हैं (1) पौलुस परमेश्वर द्वारा मसीह के लोगों का सुसमाचार में परमेश्वर के वचन के प्रचार और ग्रहण करने तथा मसीह में जल के बपतिस्मे के द्वारा शुद्ध होने के सन्दर्भ में कह रहा है, या (2) परमेश्वर के हमें सन्देश के द्वारा पापों से आत्मिक शुद्धता प्रदान करता है तो पौलुस इसे ऐसे कहता है कि जैसे परमश्वर हमारे शरीरों को पानी से धोकर शुद्ध कर रहा हो। (देखें: रूपक)
Ephesians 5:27
ἵνα
यह संयोजक शब्द,जिससे किलक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। वचन के द्वारा कलीसिया को शुद्ध करने में मसीह का लक्ष्य या उद्देश्य है कि कलीसिया को अपने लिए एक महिमामय वधु के सामान उपस्थित करे। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
μὴ ἔχουσαν σπίλον, ἢ ῥυτίδα
पौलुस कलीसिया को एक वस्त्र के समान बताता है जो साफ और उत्तम स्थिति में है। वैकल्कपिक अनुवाद: ""किसी प्रकार का दोष न हो"" (देखें: रूपक)
μὴ ἔχουσαν σπίλον, ἢ ῥυτίδα
कलंकऔर झुर्रीदोष के ही विचार को दो रूप में प्रकट करते हैं कि कलीसिया की शुद्धता पर बल दिया जाए। यदि आपकी भाषा में दो अलग-अलग शब्द न हों तो एक ही शब्द का उपयोग किया जा सकता है। (देखें: दोहरात्मक)
ἀλλ’
यह संयोजक शब्द, वरन् विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। कलिसिया पर पाप के कलंक और झुर्रियाँ कलीसिया के पवित्र और निर्दोष होने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἵνα
यह संयोजक शब्द, जिससे कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। कलीसिया को धोने में मसीह का लक्ष्य या उद्देश्य है कि कलीसिया को पवित्र और निर्दोष बनाए। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἁγία καὶ ἄμωμος
निर्दोष का अर्थ मूल रूप से वही है जो पवित्र का है। कलीसिया की पवित्रता पर जोर देने के लिए पौलुस इन दोनों शब्दों का उपयोग करता है। यदि आपकी भाषा में दो अलग अलग शब्द नहीं है तो आप एक ही शब्द का उपयोग कर सकते है। (देखें: दोहरात्मक)
Ephesians 5:28
ὡς τὰ ἑαυτῶν σώματα
कि लोग अपने शरीरों से प्रेम करते हैं इसको स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “जैसे पति अपने अपने शरीर से प्रेम करते हैं।"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
Ephesians 5:29
ἀλλὰ ἐκτρέφει
“वरन् वह पालन-पोषण करता है”
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द, वरन विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। अपने शरीर से घृणा करना उसके पालन-पोषण के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
Ephesians 5:30
ὅτι
यह संयोजक शब्द,इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि कलीसिया मसीह की देह है। परिणाम यह है कि मसीह कलीसिया की सुधि लेता है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
μέλη ἐσμὲν τοῦ σώματος αὐτοῦ
यहाँ पौलुस मसीह के साथ विश्वासियों के घनिष्ठ सम्बन्ध को ऐसे व्यक्त करता है। जैसे कि वे उसकी ही देह के अंग हों, जिसकी वह स्वाभाविक रूप से देखभाल करेगा। (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
Ephesians 5:31
यह उद्धरण पुराने नियम में मूसा के लेखों से है।
वह और वह स्वयं ये दोनों शब्द विश्वासी पुरुष के सन्दर्भ में हैं जो विवाह करता है।
ἀντὶ τούτου
यह वाक्यांश, इस कारण कारण-परिणाम के परिणाम को परिचित कराता है। इस स्थिति में, यह वाक्यांश उत्पत्ति 2:24 के संदर्भ का अंश है, इसलिए कारण का उल्लेख नहीं किया गया है, परन्तु उत्पत्ति 2:23 में है कि स्त्री पुरुष में से रची गई थी। \nपरिणाम यह है कि पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा। यदि कारण का उल्लेख करना उलझन का कारण हो तो आप एक पाद टिप्पणी लिख सकते हैं, “इसका कारण यह है कि स्त्री पुरुष में से रची गई थी। देखें उत्पत्ति 2:23” (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 6
इफिसियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ
दासत्व
दासत्व अच्छा है या बुरा है पौलुस इस अध्याय में इसके बारे में नहीं लिखता है। पौलुस परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए कार्य करना सिखाता है चाहे दास हो या स्वामी। पौलुस ने यहाँ दासत्व के बारे में जो सिखाया है वह आश्चर्यचकित करने वाला रहा होगा। उनके समय में, स्वामियों से यह आशा नहीं की जाती थी कि वे अपने दासों के साथ सम्मान का व्यवहार करें और उन्हें धमकी न दें।
इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार
परमेश्वर का हथियार
यह विस्तरित रूपक वर्णन करता है कि जब विश्वासियों पर आत्मिक क्षेत्र में हमला किया जाता है तो वे कैसे अपनी रक्षा कर सकते हैं। (देखें: आत्मा, हवा, सांस)
Ephesians 6:1
पहले पद में आज्ञा बहुवचन में है। तदोपरांत पद दो और तीन में पौलुस मूसा की व्यवस्था से उद्धरण देता है। मूसा इस्राएल के लोगों से ऐसे बात कर रहा था कि जैसे वे एक व्यक्ति हों, इसलिए तुम्हारे और तुम एकवचन में हैं। यदि यह सुझाव सार्थक न हो तो आपको उन्हें बहुवचन में अनुवाद करना होगा। (देखें: तुम के प्रारूप)
पौलुस अब भी समझा ही रहा है कि मसीही जन कैसे एक दूसरे के अधीन रहें। वह संतानों को, पिताओं को, दासों को, और स्वामियों को निर्देश देता है।
ἐν Κυρίῳ
“क्योंकि तुम प्रभु के हो” या ""प्रभु के अनुयायी होने के कारण
γάρ
यह संयोजक शब्द, क्योंकि कारण-सम्बन्ध के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि संतान वह करें जो उचित है। परिणाम यह है कि संतान अपने माता पिता का सम्मान करें। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
Ephesians 6:3
ἵνα
यह संयोजक शब्द कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। माता पिता की आज्ञा मानने का लक्ष्य या उद्देश्य है कि पृथ्वी पर उनका भला हो और वे बहुत दिन जीवित रहें। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Ephesians 6:4
μὴ παροργίζετε τὰ τέκνα ὑμῶν
“अपने बच्चों को क्रोधित न करो” या ""अपने बच्चों के लिए क्रोध का कारण उत्पन्न न करो
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द, परन्तु विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। पिताओं का अपनी संतान के लिए क्रोध का कारण उत्पन्न करना अपनी संतान को अनुशासन और निर्देशनों में पालन करने के विपरीत है। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ἐκτρέφετε αὐτὰ ἐν παιδείᾳ καὶ νουθεσίᾳ Κυρίου
भाववाचक संज्ञाओं अनुशासन और निर्देश इन शब्दों को क्रियाओं के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: "" उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए वयस्क बनना सिखाएँ कि वे जानते हैं और वही करते हैं जो प्रभु उन्हें करना चाहते हैं"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 6:5
φόβου καὶ τρόμου
भय और काँपते हुए इस उक्ति में दो समानार्थक विचारों को काम में लिया गया है कि उनके स्वामियों के सम्मान के महत्व पर बल दिया जाए। वैकल्पिक अनुवाद: ""गहन सम्मान के साथ"" (देखें: दोहरात्मक)
καὶ τρόμου
यहाँ काँपना एक अतिशयोक्ति है जो इस बात पर जोर देने के लिए उपयोग की गई है कि दासों द्वारा उनके स्वामियों का आज्ञापालन कैसा महत्वपूर्ण है। वैकल्पिक अनुवाद: ""और गहन सम्मान"" या ""जैसे कि तुम डर से काँप रहे हो"" (देखें: अतिशयोक्ति)
ἐν ἁπλότητι τῆς καρδίας ὑμῶν
यहाँ मन मनुष्य के दिमाग या मंशाओं के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सच्चाई के साथ"" या ""निष्ठा के साथ"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἐν ἁπλότητι
सच्चाई से भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “निष्कपट होकर” या “निष्ठापूर्वक” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ὡς τῷ Χριστῷ
इस स्पष्ट करने के लिए आप यहाँ क्रिया शब्द का भी उपयोग करना चाहेंगे: “जैसे तुम मसीह की आज्ञा मानते हो” (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
Ephesians 6:6
ἀλλ’
यह संयोजक शब्द, पर विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों के सामान अपने स्वामियों की आज्ञा मानना, उनकी आज्ञा मानना क्योंकि हम मसीह के दास हैं। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
ὡς δοῦλοι Χριστοῦ
“जैसे कि तुम्हारा सांसारिक स्वामी स्वयं मसीह है”
ἐκ ψυχῆς
यहाँ प्राण, ""मनोवृति "" या ""मंशाओं"" के लिए लाक्षणिक प्रयोग है वैकल्पिक अनुवाद: ""पूरे मन से "" या ""उत्साहपूर्वक"" (देखें: लक्षणालंकार)
Ephesians 6:9
τὰ αὐτὰ ποιεῖτε πρὸς αὐτούς
वैसा ही इसका सन्दर्भ पूर्वोक्त पद, ""यदि वह कोई अच्छा काम करता है"" (इफिसियों 6:8) से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आवश्यक है कि तुम भी अपने दासों के साथ अच्छा व्यवहार करो"" या ""जैसे दासों को अपने स्वामियों का भला करना आवश्यक है वैसे ही तुम्हे भी अपने दासों का भला करना आवश्यक है"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
εἰδότες ὅτι καὶ αὐτῶν καὶ ὑμῶν ὁ Κύριός ἐστιν ἐν οὐρανοῖς
“तुम जानते हो कि मसीह दासों और उनके स्वामियों, दोनों का स्वामी है और कि वह स्वर्ग में है”
προσωπολημψία οὐκ ἔστιν παρ’ αὐτῷ
“वह सबका निष्पक्ष न्याय करता है”
Ephesians 6:10
पौलुस विश्वासियों को निर्देश देता है कि वे उस युद्ध में जिसमें हम परमेश्वर की ओर हैं, बलवन्त किए जाएँ।
τῷ κράτει τῆς ἰσχύος αὐτοῦ
ये दो शब्द अर्थ में अत्यधिक समानार्थक हैं। एक साथ रखने पर वे एक दूसरे को प्रभावी बनाते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी महान सामर्थ्य"" देखें कि इफिसियों1:21 के अंत में आपने इस वाक्यांश का अनुवाद कैसे किया है (देखें: दोहरात्मक)
Ephesians 6:11
ἐνδύσασθε τὴν πανοπλίαν τοῦ Θεοῦ, πρὸς τὸ δύνασθαι ὑμᾶς στῆναι πρὸς τὰς μεθοδίας τοῦ διαβόλου
इस रूपक में, पौलुस उन आत्मिक संसाधनों की कल्पना करता है जिन्हें परमेश्वर सब विश्वासियों को एक सैनिक के हथियारों के तुल्य देता है। वैकल्पिक अनुवाद: “जैसे एक सैनिक शत्रु के आक्रमण से बचने के लिए स्वयं को हथियारों से लैस कर लेता है, ठीक वैसे ही शैतान के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े रहने के लिए परमेश्वर के सब संसाधनों का उपयोग करो।” (देखें: रूपक)
τὰς μεθοδίας
“युक्तियों”
Ephesians 6:12
ὅτι
यह संयोजक उक्ति, क्योंकि कारण-परिणाम के कारण को परिचित कराता है। कारण यह है कि हम अन्धकार की शक्तिओं के विरुद्ध संघर्ष में हैं। परिणाम यह है कि हमें परमेश्वर के सब हाथियार बान्ध लेना हैं। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
αἷμα καὶ σάρκα
यह अभिव्यक्ति मनुष्यों को संदर्भित करती है न कि आत्माओं को जिनके पास मानवीय देह नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मनुष्य"" (देखें: उपलक्षण अलंकार)
ἀλλὰ
यह संयोजक शब्द, परन्तु विषमता के सम्बन्ध को परिचित कराता है। मांस और लहू में सृजे गए मनुष्य आत्मिक शक्तियों की विषमता में हैं। (देखें: संयोजक - तुलनात्मक संबंध)
πρὸς τοὺς κοσμοκράτορας
यहाँ निहितार्थ यह है कि विश्व-के-शासकों का सन्दर्भ शक्तिशाली आत्मिक प्राणियों से है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मनुष्यों पर शासन करनेवाले शक्तिशाली आत्मिक प्राणियों के विरुद्ध” (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
τοῦ σκότους τούτου
यहाँ अन्धकार दुष्टता की बातों के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: “इस वर्तमान बुरे समय में” (सीखें:रूपक)
Ephesians 6:13
διὰ τοῦτο, ἀναλάβετε τὴν πανοπλίαν τοῦ Θεοῦ
विश्वासी को शैतान के सामने दृढ़ता से खड़े रहने के लिए परमेश्वर प्रदत्त सब संसाधनों का उपयोग करना चाहिए, जैसे एक सैनिक शत्रु के आक्रमण से अपना बचाव करने के लिए सुरक्षा कवच पहन लेता है। (देखें: रूपक)
διὰ τοῦτο
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम सम्बन्ध के परिणाम को परिचित कराता है। कारण यह है कि हम दुष्टता की आत्मिक शक्तियों के विरुद्ध युद्ध में हैं। परिणाम यह है कि हमें परमेश्वर के सब हथियार बाँध लेना आवश्यक है। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है। (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
ἵνα δυνηθῆτε ἀντιστῆναι ἐν τῇ ἡμέρᾳ τῇ πονηρᾷ
शब्द स्थिर रहो सफलतापूर्वक किसी का विरोध करने का अर्थ प्रकट करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिससे कि जब बुराई तुम पर वार करे तो तुम उसका विरोध करने में सक्षम हो सको” (देखें: रूपक)
ἵνα δυνηθῆτε ἀντιστῆναι
विश्वासियों को जिसके प्रति स्थिर रहना है, उसका विशेष वर्णन करना सहायक होगा। वैकल्पिक अनुवाद: “जिससे कि तुम शैतान के वारों का सफलतापूर्वक सामना कर पाओ” (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
ἵνα
यह संयोजक शब्द, इसलिए लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। परमेश्वर के सब हथियार बांध लेने का लक्ष्य या उद्देश्य है कि अन्धकार की आत्मिक शक्तियों के आक्रमण का सफलतापूर्वक सामना करने में स्थिर रह पाएँ। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Ephesians 6:14
στῆτε οὖν
यहाँ शब्द स्थिर सही और सच्चे और सफलतापूर्वक उस स्थिति का सामना करने वाली शक्तियों के विरूद्ध एक स्थिरता लाने का प्रतिनिधित्व करता है जो उस स्थिति में विश्वासियों को समझौता करने की कोशिश करती हैं। देखें कि आपने स्थिर रहो का अनुवाद इफिसियों 6:13 में कैसे किया है। ""अत: बुराई का विरोध करो” (देखें: रूपक)
οὖν
यह संयोजक शब्द, इसलिए कारण-परिणाम के संबम्ध के परिणाम को परिचित कराता है। कारण यह है कि हम विश्वासियों ने अपने आत्मिक हथियार बांध लिए हैं। परिणाम यह है कि हम दुष्टता की आत्मिक शक्तियों का डट कर सामना करेंगे। अपनी भाषा में ऐसी उक्ति काम में लें जो कारण को परिणाम से जोड़ती है।(देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)
περιζωσάμενοι τὴν ὀσφὺν ὑμῶν ἐν ἀληθείᾳ
यह एक रूपक है, जिसमें सत्य की तुलना सैनिक के कटिबंध से की गई है। सत्य विश्वासी के लिए सब कुछ ठीक वैसे ही थामे रहता है जैसे सैनिक का कटिबंध उसके सब वस्त्रों को एक साथ थामे रहता है। देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
ἀληθείᾳ
सत्य भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “जो सत्य है” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἐνδυσάμενοι τὸν θώρακα τῆς δικαιοσύνης
इस रूपक में, धार्मिकता की तुलना सैनिक की झिलम से की गई है। जिस प्रकार सैनिक झिलम पहन कर शत्रु के वार से अपनी रक्षा करते हैं, उसी प्रकार विश्वासियों को धार्मिकता का व्यवहार करना है कि स्वयं को आत्मिक वार से बचा पाएँ। देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
δικαιοσύνης
धार्मिकता भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “उचित जीवन शैली” (देखें:भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 6:15
ὑποδησάμενοι τοὺς πόδας ἐν ἑτοιμασίᾳ τοῦ εὐαγγελίου τῆς εἰρήνης
इस रूपक में, शान्ति के सुसमाचार की तुलना सैनिक के जूतों से की गई है। जैसे सैनिक मजबूती से खड़े रहने के लिए दृढ जूते पहनता है कि वह पाँव जमा कर चल सके वरन् दूर-दूर तक जा सके, ठीक वैसे ही विश्वासी को शान्ति के सुसमाचार का ठोस ज्ञान होना आवश्यक है और परमेश्वर उसे प्रचार के लिए जहाँ भी भेजे वह वहाँ जाने के लिए तैयार रहे। देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
εἰρήνης
शांति भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “मनुष्यों और परमेश्वर के मध्य सब कुछ यथा उचित कर देना” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 6:16
ἐν πᾶσιν ἀναλαβόντες τὸν θυρεὸν τῆς πίστεως
यह एक रूपक है, जिसमें विश्वास की तुलना सैनिक की ढाल से की गई है। सैनिक ढाल का उपयोग करके क्षत्रु के वार से स्वयं की रक्षा करता है, ठीक वैसे ही विश्वासी को परमेश्वर द्वारा दिए गए विश्वास का उपयोग अपनी सुरक्षा के लिए करना चाहिए जब शैतान वार करता है। देखें यूएसटी (देखें: रूपक)
τῆς πίστεως
विश्वास भाववाचक संज्ञा है जिसका अनुवाद क्रिया रूप में भी किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “वह दर्शाता है कि तुम प्रभु में कितना विश्वास करते हो” देखें यूएसटी (देखें: भाववाचक संज्ञा)
τὰ βέλη τοῦ πονηροῦ πεπυρωμένα
विश्वासी पर शैतान के आक्रमण वैसे ही होते हैं जैसे शत्रु द्वारा किसी सैनिक पर अग्निबाण चलाए जाते हैं। (देखें: रूपक)
Ephesians 6:17
τὴν περικεφαλαίαν τοῦ σωτηρίου δέξασθε
परमेश्वर द्वारा दिया गया उद्धार विश्वासी के मन की रक्षा वैसे ही करता है जैसे टोप एक सैनिक के सिर की रक्षा करता है। (देखें: रूपक)
τοῦ σωτηρίου
उद्धार भाववाचक संज्ञा है जिसका अनुवाद क्रिया रूप में भी किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “उससे यह तथ्य प्रकट होता है कि परमेश्वर ने तुम्हारा उद्धार किया है” देखें यूएसटी (देखें: भाववाचक संज्ञा)
τὴν…μάχαιραν τοῦ Πνεύματος, ὅ ἐστιν ῥῆμα Θεοῦ
इस रूपक में,परमेश्वर के संदेश की तुलना सैनिक की तलवार से की गई है। जैसे सैनिक तलवारों को चला कर अपने क्षत्रु से युद्ध करते और उनको पराजित करते हैं, वैसे ही एक विश्वासी बाइबल में दिए गए परमेश्वर के सन्देश को शैतान से लड़ने के लिए काम में ले सकता है। (देखें: रूपक)
Ephesians 6:18
διὰ πάσης προσευχῆς καὶ δεήσεως, προσευχόμενοι ἐν παντὶ καιρῷ ἐν Πνεύματι
“जब तुम प्रार्थना करो तब सदैव आत्मा में प्रार्थना करो और विशेष निवेदन रखो”
εἰς αὐτὸ
यह संयोजक उक्ति इसी लिए लक्ष्य या उद्देश्य को दर्शाती है। लक्ष्य वह है जिसका उल्लेख अभी-अभी किया गया है: कि सदैव आत्मा में प्रार्थना किया करो। ऐसा करने के लिए आवश्यक है कि विश्वासी सब पवित्र जनों के लिए विनती करने में जागरूक और यत्नशील रहें। वैकल्पिक अनुवाद:""इस कारण""या ""ऐसा करने के लिए"" (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἀγρυπνοῦντες ἐν πάσῃ προσκαρτερήσει καὶ δεήσει περὶ πάντων τῶν ἁγίων
यत्न यह शब्द भाववाचक संज्ञा है जिसका अनुवाद क्रिया रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जागरूक रहने में यत्नशील रहो, और परमेश्वर के सब पवित्र जनों के लिए प्रार्थना करो” या “लगातार सतर्क रह कर सब विश्वासियों के लिए प्रार्थना करो"" देखें यूएसटी (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 6:19
इस पत्र के समापन में, पौलुस अपने पाठकों से अपेक्षा करता है कि वे उसके सुसमाचार प्रचार में साहस के लिए प्रार्थना करें, जब तक कि वह बंदीगृह में है और वह कहता है कि उन्हें ढाढ़स बंधाने के लिए वह तुखिकुस को भेज रहा है।
ἵνα μοι δοθῇ λόγος
इसको कर्ताप्रधान रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कि परमेश्वर मुझे अपना वचन दे” या “परमेश्वर मुझे अपना सन्देश दे” (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। पौलुस के लिए विश्वासियों की प्रार्थना का लक्ष्य या उद्देश्य है कि वह साहसपूर्वक सुसमाचार सुनाने योग्य हो। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἀνοίξει τοῦ στόματός μου
यह बोलने के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: ""बोलना"" (देखें: लक्षणालंकार)
Ephesians 6:20
ὑπὲρ οὗ πρεσβεύω ἐν ἁλύσει
जंजीरों में ये शब्द कैद में होने के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: “जिसके कारण मैं अभी बंदीगृह में हूँ” (देखें: लक्षणालंकार)
ἵνα ἐν αὐτῷ παρρησιάσωμαι, ὡς δεῖ με λαλῆσαι
शब्द प्रार्थना को पद 18 से समझा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रार्थना करो कि मैं जब भी सुसमाचार की शिक्षा दूँ, तो मैं यथासंभव साहस के साथ बोल पाऊँ"" या ""प्रार्थना करो कि मैं यथासंभव साहस के साथ सुसमाचार सुना पाऊँ"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)
ἵνα
यह संयोजक उक्ति,जिसके लिए लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। पौलुस के लिए विश्वासियों द्वारा प्रार्थना का लक्ष्य या उद्देश्य है कि वह यद्यपि बंदीगृह में है, साहसपूर्वक ही सुसमाचार प्रचार कर पाए। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
ἐν αὐτῷ
उसके यह शब्द पद 19 में प्रयुक्त शब्द वचनका सन्दर्भ देता है। यदि आपकी भाषा में अधिक स्पष्ट हो तो आप “वचन” शब्द को दोहरा सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “मेरे सन्देश में” (देखें: सर्वनाम)
Ephesians 6:21
ἵνα
यह संयोजक उक्ति, कि लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। तुखिकुस को इफिसुस भेजने में पौलुस का लक्ष्य या उद्देश्य था कि इफिसुस के विश्वासियों को वह बताए कि पौलुस के साथ क्या हो रहा है। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Τυχικὸς
तुखिकुस उन अनेक सेवकों में से था जो पौलुस के साथ सेवा कर रहे थे। (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)
ἀδελφὸς
पौलुस तुखिकुस के लिए इस प्रकार कहता है कि जैसे वह परमेश्वर के आत्मिक परिवार में सब विश्वासियों का भाई हो। वैकल्पिक अनुवाद: “सहविश्वासी” (देखें: रूपक)
Ephesians 6:22
παρακαλέσῃ τὰς καρδίας ὑμῶν
यहाँ शब्द मनों लोगों के भीतरी मनुष्यत्वों के लिए एक लाक्षणिक प्रयोग है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह तुम को प्रोत्साहित करे"" (देखें: बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण)
ἵνα
यह संयोजक उक्ति,इसी लिए लक्षित सम्बन्ध को परिचित कराता है। तुखिकुस को इफिसुस भेजने में पौलुस का लक्ष्य या उद्देश्य है कि उनके मानों को शान्ति दे और उनको बताए कि पौलुस और उसके साथियों के साथ क्या हो रहा है। (देखें: संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध)
Ephesians 6:23
इफिसुस के विश्वासियों को लिखे अपने पत्र के समापन में पौलुस मसीह से प्रेम करने वाले सभी विश्वासियों को शांति और अनुग्रह की आशीष देता है।
εἰρήνη
शांति भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “शांति की आत्मा” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἀδελφοῖς
पौलुस विश्वासियों के लिए इस प्रकार कहता है कि मानो वे परमेश्वर के आत्मिक परिवार में अन्य सब विश्वासियों के भाई हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “सहविश्वासी” (देखें: रूपक)
ἀγάπη
प्रेम भाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम सब एक दूसरे से प्रेम रखो” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
μετὰ πίστεως
विश्वास भाववाचक संज्ञा है जिसका अनुवाद क्रिया रूप में भी किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “जब तुम प्रभु में विश्वास करते हो” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
Ephesians 6:24
ἡ χάρις
अनुग्रह भाववाचक संज्ञा है जिसका अनुवाद क्रिया रूप में भी किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर अनुग्रह दर्शाए” (देखें: भाववाचक संज्ञा)
ἐν ἀφθαρσίᾳ
भ्रष्टताभाववाचक संज्ञा है। वैकल्पिक अनुवाद: “इस प्रकार कि कोई तुम्हें भ्रष्ट करने में सक्षम न होने पाए” या “इतना कि उनको उससे प्रेम करने में कोई भी रोकने न पाए” देखें यूएसटी (देखें: भाववाचक संज्ञा)