02-00
पाप ने संसार में प्रवेश किया
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि मनुष्यों ने पाप करना कैसे आरम्भ किया” या “मनुष्य पाप कैसे करने लगे?”
02-01
सुंदर वाटिका
यह पेड़-पौधों के एक विशेष संग्रह को संदर्भित करता है जिनको परमेश्वर ने आदम और हव्वा द्वारा आनन्द लेने और इसलिए तैयार किया था कि वे उसमें से खाएँ। यह वही शब्द होना चाहिए जिसे 01:11 में उपयोग किया गया था। देखें कि आपने वहाँ इसका अनुवाद कैसे किया था।
लज्जा
वह भावना जो यह जानने के द्वारा आती है कि हमने पाप किया है या हम किसी रीति से पतित हो गए हैं।
परमेश्वर से बात की
बातचीत करने के लिए वही शब्द होना चाहिए जो किसी मनुष्य से बात करने को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। हो सकता है कि परमेश्वर ने पुरुष और स्त्री से बात करने के लिए एक शारीरिक रूप धारण किया हो क्योंकि पाठ इस बात की ओर संकेत करता है कि उन्होंने उससे आमने-सामने बातें की थीं।
02-02
सर्प
यह एक लम्बे और बिना पैर वाले प्राणी को संदर्भित करता है जो अब अपने पेट के बल हिलते-डुलते हुए चलता है। हालाँकि कहानी में बाद में यह पता चलता है कि शैतान ने सांप के माध्यम से बातें की थीं, यह बात यहाँ इस प्रारूप में नहीं कही जानी चाहिए।
धूर्त
धोखा देने की मंशा रखने वाला चालाक और धूर्त
उसने स्त्री से पूछा, “क्या परमेश्वर ने वास्तव में तुम से कहा है कि वाटिका के किसी भी पेड़ का फल मत खाना?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “उसने स्त्री से पूछा कि क्या परमेश्वर ने वास्तव में उसे वाटिका के किसी भी पेड़ का फल खाने से मना किया है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
क्या परमेश्वर ने वास्तव में तुम से कहा है कि वाटिका के किसी भी पेड़ का फल मत खाना?
यह एक आलंकारिक प्रश्न है। सांप ने स्त्री से पूछा कि क्या परमेश्वर ने वास्तव में वाटिका के किसी भी पेड़ से खाने के लिए मना किया है। परन्तु वह केवल इस बात का दिखावा कर रहा था कि वह नहीं जानता कि परमेश्वर ने क्या कहा क्योंकि वह स्त्री के मन में संदेह उत्पन्न करना चाहता था। सांप चाहता था कि स्त्री परमेश्वर की भलाई के बारे में प्रश्न करे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
तुम
यदि आपकी भाषा में लक्षित लोगों की संख्या के आधार पर तुम के लिए अलग-अलग शब्द हैं, तो उसके बहुवचन रूप का उपयोग करें। परमेश्वर ने यह आज्ञा पुरुष और स्त्री दोनों को दी थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
किसी भी पेड़ का फल
यह वाटिका के विभिन्न पेड़ों में से प्रत्येक के विभिन्न प्रकार के फलों को संदर्भित करता है।
02-03
स्त्री ने उत्तर दिया, “परमेश्वर ने हमसे कहा है कि वे भले और बुरे के ज्ञान के पेड़ को छोड़कर किसी भी पेड़ का फल खा सकते हैं। परमेश्वर ने हमसे कहा है कि ‘यदि तुम उस फल को खाओगे या फिर उसे छू भी लोगे, तो तुम मर जाओगे।’”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “स्त्री ने उत्तर दिया कि परमेश्वर ने उनसे कहा है कि वे भले और बुरे के ज्ञान के पेड़ को छोड़कर किसी भी पेड़ का फल खा सकते हैं, और यह कि यदि उन्होंने उस फल को खाया या फिर उसे छू भी लिया तो वे मर जाएँगे।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
यदि तुम उस फल को खाओगे या फिर उसे छू भी लोगे, तो तुम मर जाओगे
यदि आपकी भाषा में लक्षित लोगों की संख्या के आधार पर तू के लिए अलग-अलग शब्द हैं, तो उसके बहुवचन रूप का उपयोग करें। परमेश्वर ने यह आज्ञा पुरुष और स्त्री दोनों को दी थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
फल
हम नहीं जानते कि यह किस प्रकार का फल था। हम केवल इतना जानते हैं कि यह उस पेड़ पर उगता है। यदि सम्भव हो तो, किसी विशिष्ट प्रकार के फल के लिए एक शब्द का उपयोग करने के बजाए यहाँ उस फल के लिए एक सामान्य शब्द का उपयोग करना सबसे अच्छा होगा।
भले और बुरे के ज्ञान का पेड़
स्त्री इस बात को ठीक-ठीक समझ गई थी कि उन्हें इस एकमात्र पेड़ से खाने की अनुमति नहीं है जो उन्हें बुरे के साथ-साथ भले को भी समझने में सक्षम बनाता है।
तुम मर जाओगे
किसी व्यक्ति के शारीरिक जीवन को समाप्त करने वाले, मृत्यु के लिए अपने सामान्य शब्द का प्रयोग करें। इस शब्द को सिर्फ इसलिए न टालें क्योंकि मृत्यु का विचार बहुत कठोर लगता है।
02-04
सांप ने स्त्री को प्रतिउत्तर दिया, “यह सत्य नहीं है! तुम नहीं मरोगे। परमेश्वर जानता है कि जैसे ही तुम उस फल को खा लोगे, तो तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे और जैसे परमेश्वर भले-बुरे को समझता है, वैसे ही तुम भी समझने लगोगे।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “सांप ने स्त्री को प्रतिउत्तर दिया कि यह सत्य नहीं है! वे नहीं मरेंगे। परमेश्वर जानता है कि जैसे ही वे उस फल को खाएँगे, वे परमेश्वर के समान हो जाएँगे और जैसे परमेश्वर भले-बुरे को समझता है, वैसे ही वे भी समझने लगेंगे।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तुम नहीं मरोगे। परमेश्वर जानता है कि जैसे ही तुम उस फल को खा लोगे, तो तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे
यदि आपकी भाषा में लक्षित लोगों की संख्या के आधार पर तू के लिए अलग-अलग शब्द हैं, तो उसके बहुवचन रूप का उपयोग करें। शैतान इस बारे में बात कर रहा था कि पुरुष और स्त्री के साथ क्या घटित होगा। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
परमेश्वर के समान
पुरुष और स्त्री को पहले से ही परमेश्वर की समानता में रचा गया था। सांप यह बता रहा था कि यदि स्त्री को बुराई की समझ हो जाए तो वह और भी अधिक परमेश्वर के समान हो जाएगी। हालाँकि, परमेश्वर की यह मंशा कभी नहीं रही कि वह उस ज्ञान को प्राप्त करे।
भले और बुरे को समझने लगोगे
व्यक्तिगत अनुभव से यह जानना कि कौन सी बातें भली हैं और कौन सी बातें बुरी हैं, या यह जानने में सक्षम होना कि कोई वस्तु भली है या बुरी।
भला और बुरा
यह एक अवयव है। भला और बुरा ये दो चरम सीमाएँ हैं जो उनके बीच की हर वस्तु का प्रतिनिधित्व करती हैं। शैतान कह रहा है कि वे इस बारे में सब कुछ समझ जाएँगे कि क्या सही है और क्या गलत। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-merism/01.md]])
02-05
बुद्धिमान
स्त्री चाहती थी कि उसके पास भी वैसी अंतर्दृष्टि और समझ हो जैसी सांप के पास लग रही थी, और जैसी परमेश्वर के पास है।
वह उसके साथ ही था
यह महत्वपूर्ण जानकारी इसलिए है क्योंकि इससे प्रकट होता है कि जब स्त्री ने फल खाने का निर्णय लिया तो पुरुष उपस्थित था।
02-06
उनकी आँखें खुल गईं
इस अभिव्यक्ति का अर्थ है कि वे अब पहली बार किसी बात को समझे हैं। इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “उन्होंने सब वस्तुओं को अलग प्रकार से देखा।” आपकी भाषा में, इसके समान अर्थ वाली कोई अभिव्यक्ति हो सकती है जिसका उपयोग आप इसका अनुवाद करने के लिए कर सकते हैं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-idiom/01.md]])
उन्हें मालूम हो गया कि वे नंगे हैं
जब पुरुष और स्त्री ने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी, तो वे नंगे होने के कारण लज्जित हुए। इसी कारण से उन्होंने अपने नंगे शरीरों को ढकने के लिए पत्तियों का उपयोग किया।
उन्होंने अपने शरीरों को ढकने का प्रयास किया
पुरुष और स्त्री ने परमेश्वर से छिपने के लिए अपने शरीरों को ढकने का प्रयास इसलिए किया क्योंकि वे नंगे होने के कारण लज्जित थे। आप इसे स्पष्ट करने की इच्छा कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “वे नंगे होने के कारण लज्जित थे, और उन्होंने परमेश्वर से छिपने के लिए अपने शरीरों को ढकने का प्रयास किया” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
02-07
परमेश्वर टहलने आया
ऐसा लगता है कि परमेश्वर नियमित रूप से वाटिका में पुरुष और स्त्री के साथ टहलने और बात करने आता था। हम यह नहीं जानते कि यह कैसा दिखता था। यदि ऐसा सम्भव हो, तो उसी शब्द का उपयोग करना सबसे अच्छा होगा जो टहलने वाले व्यक्ति के बारे में बात करने के लिए उपयोग किया जाए।
तब परमेश्वर ने आदम को पुकारा, “तू कहाँ है?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “तब परमेश्वर ने आदम को पुकारा और उससे पूछा कि वह कहाँ है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तूू कहाँ है?
यह एक आलंकारिक प्रश्न है। परमेश्वर इस प्रश्न का उत्तर पहले से ही जानता था। इस प्रश्न का उद्देश्य पुरुष और स्त्री को यह बताने के लिए विवश करना था कि वे क्यों छिपे हुए हैं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
तू
यदि आपकी भाषा में लक्षित लोगों की संख्या के आधार पर तू के लिए अलग-अलग शब्द हैं, तो उसके एकवचन रूप का उपयोग करें। परमेश्वर केवल पुरुष से बात कर रहा था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
आदम ने प्रतिउत्तर दिया, “मैंने वाटिका में तेरे आने का शब्द सुना, और क्योंकि मैं नंगा था इसलिए मैं डर गया। इसी कारण से मैं छिप गया।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “आदम ने प्रतिउत्तर दिया कि उसने परमेश्वर का वाटिका में आने का शब्द सुना, और क्योंकि वह नंगा था इसलिए वह डर गया। इसी कारण से वह छिप गया।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
02-08
तब परमेश्वर ने पूछा, “तुझसे किसने कहा कि तू नंगा है? क्या तूने वह फल खा लिया है जिसे खाने के लिए मैंने तुझे मना किया था?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “तब परमेश्वर ने आदम से पूछा कि उसे किसने बताया कि वह नंगा है, और क्या उसने वह फल खा लिया है जिसे खाने के लिए परमेश्वर ने उसे मना किया था।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तुझसे किसने कहा कि तू नंगा है?
या, “तुझे कैसे पता चला कि तू नंगा है?” परमेश्वर पहले से ही उसके सभी प्रश्नों का उत्तर जानता है। इस प्रश्न को और अगले प्रश्न को पूछकर, वह आदम को उसकी अनाज्ञाकारिता के पाप को स्वीकार करने का अवसर दे रहा था। नंगा होना कोई पाप नहीं था। परमेश्वर ने उन्हें ऐसे ही रचा था। उनके नंगपेन का उनका ज्ञान समस्या था। उनकी लज्जा ने इस बात को प्रकट किया कि उन्होंने पाप किया था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
क्या तूने वह फल खा लिया है जिसे खाने के लिए मैंने तुझे मना किया था?
यह एक आलंकारिक प्रश्न है। परमेश्वर पहले से ही जानता था कि आदम ने वह फल खा लिया है जिसे खाने के लिए परमेश्वर ने मना किया था। इसका अनुवाद एक कथन के रूप में इस प्रकार किया जा सकता है: “क्या तूने वह फल खा लिया है जिसे खाने के लिए मैंने तुझे मना किया था!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
स्त्री ने मुझे वह फल दिया था
पुरुष ने अपनी अनाज्ञाकारिता का अंगीकार करने और परमेश्वर की आज्ञा न मानने की जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाए स्त्री पर दोष लगा दिया।
तब परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, “तूने क्या किया है?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “तब परमेश्वर ने स्त्री से पूछा कि उसने क्या किया है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तूने क्या किया है?
या, “तूने ऐसा क्यों किया?” परमेश्वर इस प्रश्न का उत्तर पहले से ही जानता था। यह प्रश्न पूछकर वह स्त्री को अपना अपराध स्वीकार करने का अवसर प्रदान कर रहा था। वह यह भी कह रहा था कि जो उसने किया, उसे वह नहीं करना चाहिए था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
मुझे सांप ने धोखा दिया
सांप ने उसे धोखा दिया या उसे पथभ्रष्ट किया था। उसने उससे झूठ बोला। ऐसे शब्द का उपयोग न करें जो इस बात का संकेत करे कि उसने उस पर जादू कर दिया था या उसे सम्मोहित कर लिया था। स्त्री ने अपनी अनाज्ञाकारिता का अंगीकार करने और परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करने की जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाए सांप पर दोष लगा दिया।
02-09
तू श्रापित है!
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “मैं तुझे श्राप देता हूँ!” या “तेरी बड़ी हानि होगी।” ऐसे शब्द का प्रयोग न करें जिसका अर्थ जादू-टोना हो।
एक दूसरे से बैर करेंगे
स्त्री सांप से बैर करेगी और सांप स्त्री से बैर करेगा। स्त्रियों के वंशज भी सांप के वंशजों से बैर करेंगे, और सांप के वंशज उनसे बैर करेंगे।
स्त्री का वंश
यह विशेष रूप से स्त्री के वंशजों में से एक को संदर्भित करता है।
तेरे सिर को कुचलेगा
स्त्री का वंश सांप के वंश का नाश करेगा।
उसकी एड़ी को घायल करेगा
सांप का वंश स्त्री के वंश को घायल करेगा।
02-10
बच्चे को जन्म देना बहुत पीड़ादायक
कुछ भाषाओं में शायद इसे एक क्रिया के रूप में व्यक्त करने की आवश्यकता पड़े। आप कह सकते हैं: ‘जब तू संतान उत्पन्न करेगी उस समय मैं तुझे बहुत पीड़ित करूँगा।’
02-11
भूमि श्रापित है
आदम की अनाज्ञाकारिता के दंड स्वरूप, अब पृथ्वी फल उत्पन्न नहीं करेगी। आदम को खाने के लिए पर्याप्त भोजन उगाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।
तू मर जाएगा
उनकी अनाज्ञाकारिता के लिए अंतिम दंड मृत्यु था। परमेश्वर से हमारा अलग होना आत्मिक मृत्यु होती है। हमारे शरीर से हमारा अलग होना शारीरिक मृत्यु होती है।
फिर से मिट्टी बन जाएगा
परमेश्वर ने मिट्टी से आदम की रचना करके उसे जीवन प्रदान किया। पाप के परिणामस्वरूप, उससे उसका जीवन ले लिया जाएगा और उसका शरीर सड़कर फिर से मिट्टी बन जाएगा।
हव्वा, जिसका अर्थ “जीवनदायिनी” होता है
परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जीवन प्रदान किया, और संतान उत्पन्न करने के माध्यम से इसे हर व्यक्ति तक आगे बढ़ाया गया।
सब जातियों की आदिमाता
इसका अर्थ है कि वह सभी मनुष्यों की महिला पूर्वज होगी। कुछ भाषाओं में इस प्रकार से कहा जा सकता है ‘वह सब मनुष्यों की दादी होगी।’
02-12
भले और बुरे को जानने के द्वारा हमारे समान
यहाँ, यह वाक्यांश एक नए तरीके की ओर संकेत करता है कि आदम और हव्वा परमेश्वर के समान होंगे। क्योंकि उन्होंने पाप किया था, वे बुराई के बारे में जानते थे और उसका अनुभव कर सकते थे। आप कह सकते हैं: “क्योंकि अब वे भले और बुरे दोनों को जानते थे।”
हमारे समान
बाइबल सिखाती है कि परमेश्वर एक ही है, परन्तु पुराने नियम का ‘परमेश्वर’ शब्द बहुवचन रूप है, और परमेश्वर ने स्वयं से बात करते समय बहुवचन सर्वनामों का उपयोग किया। कुछ लोग इसे बोलने के एक ऐसे विशेष तरीके के रूप में समझते हैं जो परमेश्वर की महिमा को व्यक्त करता है, और अन्य लोग इसे ऐसे समझते हैं कि जैसे परमेश्वर पिता पुत्र और आत्मा से बात कर रहा है, जो सब के सब परमेश्वर हैं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
भला और बुरा
यह एक अवयव है। भला और बुरा यह दो चरम सीमाएँ हैं जो उनके बीच की हर वस्तु का प्रतिनिधित्व करती हैं। परमेश्वर कह रहा है कि वे इस बारे में सब कुछ समझ जाएँगे कि क्या सही है और क्या गलत। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-merism/01.md]])
उन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए
इसे सक्रिय रूप में व्यक्ति किया जा सकता है: “हमें उन्हें अनुमति नहीं देनी चाहिए” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])
फल
इस विशिष्ट प्रकार के फल को प्रकट नहीं किया गया है, इसलिए फल के लिए किसी सामान्य शब्द का उपयोग करके इसका अनुवाद करना सबसे अच्छा होगा।
जीवन का वृक्ष
यह फल वाला एक वास्तविक पेड़ था (देखें: 01:11)। यदि इस फल को किसी व्यक्ति ने खा लिया, तो वह निरंतर जीवित ही रहेगा और कभी नहीं मरेगा।
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।