45-00
स्तिफनुस और फिलिप्पुस
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि स्तिफनुस और फिलिप्पुस ने लोगों को यीशु के बारे में कैसे बताया” या “क्या घटित हुआ जब स्तिफनुस और फिलिप्पुस ने लोगों को यीशु के बारे में बताया था?”
45-01
यीशु के प्रथम अनुयायियों में से एक अगुवा स्तिफनुस नाम का एक व्यक्ति था।
यह स्तिफनुस को कहानी में एक नये चरित्र के रूप में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
सब लोग उसका आदर किया करते थे
यह इस बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है कि स्तिफनुस किस प्रकार का व्यक्ति था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
45-02
एक दिन
यह वाक्यांश अतीत में घटी एक घटना का परिचय देता है, परन्तु विशिष्ट समय नहीं बताता है। कई भाषाओं में सच्ची कहानी कहने का तरीका एक जैसा होता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
इसलिए वे धार्मिक अगुवों के पास गए और उसके विषय में झूठी बातें कहीं।
यह इसलिए शब्द कारण और परिणाम के सम्बन्ध को प्रस्तुत करता है। इसका कारण यह है कि यहूदी स्तिफनुस से बहुत क्रोधित थे क्योंकि वे उससे तर्क-वितर्क में जीत नहीं पाए थे। इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने उसके बारे में झूठ बोला। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
हमने स्तिफनुस को मूसा और परमेश्वर के विषय में बुरी बातें कहते सुना है!
उन्होंने इस विस्मयकारी बोध का उपयोग यह व्यक्त करने के लिए किया कि वे स्तिफनुस से कितने क्रोधित थे, और अन्य लोगों को भी उससे क्रोधित करने की कोशिश करते थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
45-03
हमेशा पवित्र आत्मा को अस्वीकार किया
इसका अर्थ हो सकता है ‘पवित्र आत्मा की आज्ञा का कभी पालन नहीं किया’ या ‘पवित्र आत्मा की बात सुनने से हमेशा इन्कार कर दिया।’
हमारे पूर्वजों ने
इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “हमारे इस्राएली पूर्वजों ने।”
परन्तु तुमने उनकी तुलना में और भी बुरा किया! तुमने मसीह को मार डाला!
स्तिफनुस ने इन विस्मयकारी बोधों का उपयोग यहूदियों पर उस मसीह की हत्या करने का आरोप लगाने के लिए किया जिसे परमेश्वर ने उनके पास भेजा था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
45-04
अपने कानों को ढाँप लिया
यह इस बात को प्रकट करने की एक प्रतीकात्मक कार्रवाई थी कि वे स्तिफनुस द्वारा कही गई बातों को सुनना नहीं चाहते थे। इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “उन्होंने अपने कानों पर अपने हाथ रख लिए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
ऊँचे स्वर में चिल्लाए
वे क्रोध में चिल्ला रहे थे। इसका अनुवाद इस प्रकार से करें जिससे मालूम हो कि वे बहुत परेशान थे।
45-05
जब स्तिफनुस मरने को हुआ
इसका अर्थ हो सकता है ‘स्तिफनुस के मरने से ठीक पहले।’
पुकार उठा
इसका अर्थ हो सकता है ‘ऊँचे स्वर में चिल्लाया’ या ‘बड़े ऊँचे स्वर में बोला।’
हे यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर
इसका अर्थ हो सकता है ‘मेरी आत्मा ले ले।’ इस बात को प्रकट करने के लिए कि यह एक अनुरोध था, ‘कृपया’ जोड़ना सहायक हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “कृपया मेरी आत्मा को ग्रहण कर”
वह अपने घुटनों पर गिरा
यह परमेश्वर के प्रति समर्पण का एक कार्य है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
यह पाप उन पर मत लगा
इसका अर्थ हो सकता है ‘उन्हें मेरी हत्या के पाप का दोषी मत समझ।’ इसे सकारात्मक तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “इस पाप के लिए उन्हें क्षमा कर” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-litotes/01.md]])
तब वह मर गया
यह स्तिफनुस की कहानी का अंत है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-endofstory/01.md]])
45-06
उस दिन यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना आरम्भ कर दिया, इसलिए विश्वासी दूसरे स्थानों मेंभाग गए। परन्तु विरोध के बावजूद, वे जहाँ कहीं भी गए, वहाँ उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।
यह स्तिफनुस की मृत्यु के बाद विश्वासियों के उत्पीड़न के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
परन्तु विरोध के बावजूद
यहूदी अगुवों ने सोचा कि वे यीशु के अनुयायियों को सताने के द्वारा यीशु की शिक्षाओं के प्रसार को रोक सकते हैं। बजाए इसके, इस बात ने उन्हें संदेश को और भी व्यापक रूप से बांटने और फैलाने के लिए प्रेरित किया।
45-07
वहाँ फिलिप्पुस नाम का एक यीशु का विश्वासी था
यह फिलिप्पुस को कहानी में एक नये चरित्र के रूप में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
एक दिन
यह वाक्यांश अतीत में घटी एक घटना का परिचय देता है, परन्तु विशिष्ट समय नहीं बताता है। कई भाषाओं में सच्ची कहानी कहने का तरीका एक जैसा होता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
यह व्यक्ति इथोपिया देश का एक महत्वपूर्ण अधिकारी था।
यह इथोपिया के अधिकारी के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
इथोपिया
इथोपिया एक देश है जो पूर्वी अफ्रीका में स्थित है।
45-08
इथोपियावासी
अर्थात्, इथोपिया देश में रहने वाला एक व्यक्ति। 45:07 में नोट देखें।
वध होने वाले एक मेम्ने के समान उसे ले गए, और जैसे एक मेम्ना चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी एक शब्द न कहा। उन्होंने उसके साथ बुरा बर्ताव किया और उसका अनादर किया। उन्होंने उसका प्राण ले लिया।
ये सर्वनाम उसने, उसके, और उसका इस उद्धरण में मसीह को संदर्भित करते हैं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])
जैसे एक मेम्ना चुपचाप रहता है
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “उस मेम्ने के समान जो वध किए जाने के समय पर भी चुपचाप रहता है।”
45-09
“जो तू पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?”
वह इथोपियावासी बुद्धिमान व्यक्ति था और पढ़ना जानता था, परन्तु उसके पास आत्मिक विवेक की कमी थी। वैकल्पिक अनुवाद: “जो तू पढ़ रहा है क्या तू उसका अर्थ भी समझता है?” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
कृपया आकर मेरे पास बैठ
यहाँ यह बात निहित है कि फिलिप्पुस पवित्रशास्त्र की व्याख्या करने के लिए उसके साथ उस सड़क पर यात्रा करने के लिए सहमत हो गया था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
जिसके बारे में यशायाह लिख रहा था
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “जिसे यशायाह संदर्भित कर रहा था।”
45-11
कुछ पानी
एक ऐसे शब्द का उपयोग करें जिसका अर्थ पानी का एक बड़ा आकर हो जैसे तालाब, झील या नहर।
क्या मैं बपतिस्मा ले लूँ?
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “क्या कोई ऐसा कारण है जिससे मैं बपतिस्मा नहीं ले सकता?”
45-12
अतः वे पानी में उतर गए
यह जोड़ने वाला शब्द अतः कारण और परिणाम के सम्बन्ध को प्रस्तुत करता है। इसका कारण यह था कि उस इथोपियावासी ने फिलिप्पुस की कही बात पर विश्वास किया और जब उन्होंने पास में पानी देखा तो बपतिस्मा लेने के लिए कहा। इसका परिणाम यह हुआ कि फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
फिलिप्पुस को उठा ले गया
इसका अर्थ हो सकता है ‘फिलिप्पुस को ले गया’ या ‘फिलिप्पुस को खींच ले गया।’
वहाँ फिलिप्पुस ने लोगों को यीशु के बारे में बताना जारी रखा
यह फिलिप्पुस की कहानी का अंत है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-endofstory/01.md]])
45-13
उस इथोपियावासी ने अपने घर की ओर यात्रा को जारी रखा। वह प्रसन्न था कि अब वह यीशु को जानता है।
यह इथोपिया के अधिकारी की कहानी का अंत है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-endofstory/01.md]])
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।