26-00
यीशु ने अपनी सेवकाई को आरम्भ किया
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि यीशु ने यहूदियों की सेवा करना कैसे आरम्भ किया” या “क्या घटित हुआ जब यीशु ने यहूदियों की सेवा करना आरम्भ किया था?”
26-01
यीशु द्वारा शैतान की परीक्षाओं से इन्कार कर देने के बाद, वह लौट आया
आप इसे छोटे-छोटे वाक्यों में बनाना पसंद कर सकते हैं और कह सकते हैं: “यीशु ने उन गलत कामों को नहीं किया जिन्हें शैतान ने उससे करवाने का प्रयास किया था। यीशु ने शैतान को पराजित कर दिया। उसके बाद, यीशु वापस लौट गया।” इस इन्कार कर दिया का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “ठुकरा दिया” या “विरोध किया।”
यीशु द्वारा शैतान की परीक्षाओं से इन्कार कर देने के बाद
यह एक नयी घटना को आरम्भ करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
एक स्थान से दूसरे स्थान पर गया
अर्थात्, उसने “अलग-अलग कस्बों और दूसरे स्थानों की यात्रा की।”
सब लोग
इसका अर्थ हो सकता है ‘सब लोग जो उसे जानते थे या उसके बारे में सुना था.’
26-02
आराधना करने का स्थान
इसका अर्थ हो सकता है ‘वह भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए इकट्ठा होते थे।’ इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “आराधना का भवन।”
एक पुस्तक
वह पुस्तक लिपटी हुई कागज या चमड़े की एक लम्बी पत्री होती थी और उस पर लिखा होता था।
यशायाह भविष्यद्वक्ता के संदेशों वाली एक पुस्तक
इसका अर्थ हो सकता है ‘एक पुस्तक जिसमें वे शब्द थे जिनको यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लिखा था।’ यशायाह ने सैंकड़ों वर्ष पहले एक पुस्तक में लिखा था। यह उस पुस्तक की नकल थी।
उस पुस्तक को खोलकर
इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “उस पुस्तक को पलट कर खोल दिया” या “उस पुस्तक को उलट दिया।”
26-03
यीशु ने पढ़ा, “परमेश्वर ने मुझे अपना आत्मा दिया है कि मैं कंगालों को शुभ संदेश सुनाऊँ। उसने मुझे बन्दियों को छुड़ाने, अंधों को फिर से देखने, और जिन पर दूसरे अन्धेर करते हैं उन्हें छुड़ाने के लिए भेजा है। यही वह समय है जब यहोवा हम पर दया करेगा और हमारी सहायता करेगा।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने पढ़ा कि परमेश्वर ने उसे अपना आत्मा दिया है ताकि वह कंगालों को शुभ संदेश सुनाए। उसने उसे बन्दियों को छुड़ाने, अंधों को फिर से देखने, और जिन पर दूसरे अन्धेर करते हैं उन्हें छुड़ाने के लिए भेजा था। यही वह समय है जब यहोवा हम पर दया करेगा और हमारी सहायता करेगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
कंगालों को शुभ संदेश सुनाए
इसका अर्थ हो सकता है ‘कंगालों को वह भला समाचार बताए कि परमेश्वर उनकी सहायता करेगा।’
बंदियों को छुड़ाने
इसका अर्थ हो सकता है ‘उन लोगों को बताए जो गलत तरीके से बंदीगृह में हैं कि वे स्वतंत्र हो जाएँगे’
26-04
यीशु ने कहा, “जिन बातों को मैंने अभी तुम्हारे लिए पढ़ा, वे इस समय घट रही हैं।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने कहा कि जिन बातों को उसने अभी उनके लिए पढ़ा, वे इस समय घट रही हैं।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
जिन बातों को मैंने अभी तुम्हारे लिए पढ़ा, वे इस समय घट रही हैं।
इसका अनुवाद करने के दूसरे तरीके होंगे “जिन बातों को अभी तुमने मुझे पढ़ते हुए सुना वे इस समय पूरी हो रही हैं” या “आज जो बातें मैंने तुम्हारे लिए पढ़ीं वे तुम्हारे सुनते-सुनते ही सच हो गई हैं।”
चकित हो गए
इस चकित हो गए शब्द का अनुवाद एक ऐसे शब्द से करें जिसका अर्थ यह हो कि वे इस बारे में अचम्भित हो गए, चौंक गए और भ्रमित हो गए कि यह कैसे सम्भव हो सकता है।
क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं?
यह एक आलंकारिक प्रश्न है। इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “यह व्यक्ति तो केवल यूसुफ का पुत्र है!” या “सब लोग जानते थे कि वह केवल यूसुफ का पुत्र है!” लोग यह नहीं पूछ रहे थे कि वह यूसुफ का पुत्र है या नहीं। वे इस बात पर अचम्भा कर रहे थे कि वह मसीह कैसे हो सकता है क्योंकि वे सोचते थे कि वह तो केवल एक साधारण मनुष्य का पुत्र है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
26-05
तब यीशु ने कहा, “यह बात सच है कि एक भविष्यद्वक्ता जिस नगर में पला-बढ़ा हो, उस नगर के लोग कभी भी उस भविष्यद्वक्ता को स्वीकार नहीं करते। एलिय्याह भविष्यद्वक्ता के समय में इस्राएल में बहुत सी विधवाएँ थीं। परन्तु जब साढ़े तीन वर्ष तक वर्षा नहीं हुई, तब परमेश्वर ने एलिय्याह को इस्राएल की किसी विधवा की सहायता करने के लिए नहीं भेजा। बजाए इसके, उसने एलिय्याह को किसी दूसरे देश में एक विधवा के पास भेज दिया।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने कहा कि यह बात सच है कि एक भविष्यद्वक्ता जिस नगर में पला-बढ़ा हो, उस नगर के लोग कभी भी उस भविष्यद्वक्ता को स्वीकार नहीं करते। उसने यह भी कहा कि एलिय्याह भविष्यद्वक्ता के समय में इस्राएल में बहुत सी विधवाएँ थीं, परन्तु जब साढ़े तीन वर्ष तक वर्षा नहीं हुई, तब परमेश्वर ने एलिय्याह को इस्राएल की किसी विधवा की सहायता करने के लिए नहीं भेजा। बजाए इसके, उसने एलिय्याह को किसी दूसरे देश में एक विधवा के पास भेज दिया।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
एक भविष्यद्वक्ता जिस नगर में पला-बढ़ा हो, उस नगर के लोग कभी भी उस भविष्यद्वक्ता को स्वीकार नहीं करते
इस कहावत का अर्थ है कि ‘लोग उस भविष्यद्वक्ता के अधिकार को नहीं पहचानते जो उनके बीच पला बढ़ा हो।’ (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-proverbs/01.md]])
एलिय्याह भविष्यद्वक्ता के समय में
यह इस बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है कि एलिय्याह के जीवित रहने के समय में क्या घटित हुआ था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
26-06
यीशु ने यह कहते हुए जारी रखा, “और उस समय में
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने यह कहते हुए जारी रखा कि उस समय में …” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
एलीशा भविष्यद्वक्ता के समय में
यह इस बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है कि एलीशा के जीवित रहने के समय में क्या घटित हुआ था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
एलीशा
एलीशा परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता था जो एलिय्याह के बाद आया था। एलिय्याह के समान, एलीशा ने भी उन इस्राएली राजाओं का सामना किया जो परमेश्वर के विरुद्ध पाप कर रहे थे और उसने ऐसे-ऐसे चमत्कार किए जिन्हें करने के लिए परमेश्वर ने उसे सामर्थ्य प्रदान की थी।
एक सेनापति
इसका अर्थ हो सकता है ‘एक सैन्य अगुवा।’
वे उस पर क्रोधित हो गए
यहूदी यह नहीं सुनना चाहते थे कि परमेश्वर ने उनके अलावा और किसी जाति को भी आशीष दी है, इसलिए वे यीशु की बातों से बहुत क्रोधित हुए।
26-07
आराधना करने का स्थान
इसका अर्थ हो सकता है ‘वह भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए इकट्ठा होते थे।’ इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “आराधना का भवन।” देखें कि आपने इसका अनुवाद 26:02 में कैसे किया है।
परन्तु यीशु भीड़ में से होकर निकल गया
इस बात को प्रकट करने के लिए कि वे लोग यीशु के साथ वह करने में सक्षम नहीं हुए जो उन्होंने करने की योजना बनाई थी, परन्तु का अनुवाद एक दृढ़ विपरीत शब्द या वाक्यांश के साथ किया जा सकता है जैसे: “परन्तु बजाए इसके” या “हालाँकि।”
26-08
सम्पूर्ण गलील प्रदेश में फिरा
इसका अर्थ हो सकता है ‘गलील के चारों ओर’ या ‘गलील में एक स्थान से दूसरे स्थान पर।’
26-09
जिसमें दुष्टात्माएँ थीं
इसका अर्थ हो सकता है ‘जो दुष्टात्माओं के वश में था’
यीशु ने उन दुष्टात्माओं को आदेश दिया
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “यीशु ने उन दुष्टात्माओं को आज्ञा दी।”
वे दुष्टात्माएँ बार-बार चिल्ला रही थीं, “तू परमेश्वर का पुत्र है!”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “वे दुष्टात्माएँ बार-बार चिल्ला रही थीं कि वह परमेश्वर का पुत्र है!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
“तू परमेश्वर का पुत्र है!”
यह एक दृढ़ कथन है कि यीशु ही मसीह है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
परमेश्वर का पुत्र
यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md]])
26-10
उससे सीखीं
इसका अर्थ हो सकता है ‘जो उसने उनको शिक्षा दी थी उससे सीखीं’ या ‘जो कुछ भी उसने कहा और किया उससे सीखीं’
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।