32-00
यीशु ने एक दुष्टात्मा-ग्रस्त पुरुष और एक बीमार स्त्री को चंगा किया
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि कैसे यीशु ने एक बीमार स्त्री और दुष्टात्मा से ग्रस्त एक पुरुष को चंगा किया” या “क्या घटित हुआ जब यीशु ने एक बीमार स्त्री और दुष्टात्मा से ग्रस्त एक पुरुष को चंगा किया था?”
32-01
गिरासेन के लोग
गिरासेनी लोग गलील की झील के पूर्वी तट के साथ एक क्षेत्र में रहते थे। वे यहूदियों के वंशज थे, परन्तु हम उनके बारे में बहुत कम विवरण जानते हैं।
32-02
दुष्टात्मा से ग्रस्त था
इसका अर्थ हो सकता है ‘उसमें दुष्टात्माएँ थीं’ या ‘बुरी आत्माओं के वश में था।’
32-03
यह पुरुष इतना बलशाली था कि कोई भी इसे नियंत्रित नहीं कर सकता था। कई बार लोगों ने उसके हाथ-पैर भी जंजीरों से जकड़ दिए थे, परन्तु वह उन्हें तोड़ दिया करता था।
यह उस पुरुष के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है जो दुष्टात्मा से ग्रस्त था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
उसके हाथ-पैर भी जंजीरों से जकड़ दिए थे
इसका अर्थ हो सकता है ‘संयमित कर दिए थे’ या ‘बांध दिए थे।’
उन्हें तोड़ दिया करता था
कुछ भाषाओं में यह कहने की आवश्यकता हो सकती है: “जंजीरों को तोड़ दिया करता था।”
32-04
कब्रों में
इसका अर्थ हो सकता है ‘कब्रों के निकट’ या ‘कब्रों के आसपास।’
32-05
उसके सामने घुटने टिका दिए
यह इस बात को प्रकट करने का एक प्रतीकात्मक कार्य था कि वह यीशु के अधीन हो रहा था और उसकी सहायता माँग रहा था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
कहा, “इस मनुष्य में से निकल जा!”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “उसे उस मनुष्य में से निकल जाने के लिए कहा!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
32-06
चिल्लाई
इसका अर्थ हो सकता है ‘पुकार उठी’ या ‘चिल्लाने लगी।’
हे यीशु, परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र, तू मुझसे क्या चाहता है?
यह जानकारी माँगने वाला वास्तविक प्रश्न नहीं है। वह दुष्टात्मा डर गई थी कि यीशु उसे दंड देगा। कुछ भाषाओं को इसे एक कथन के रूप में व्यक्त करना होगा जैसे कि: “हे यीशु, परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र, कृपया मुझे दंड न दे!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
तू मुझसे क्या चाहता है
इस अभिव्यक्ति का अर्थ है ‘तू मेरे साथ क्या करने जा रहा है?’ (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-idiom/01.md]])
परम प्रधान परमेश्वर का पुत्र
यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md]])
परम प्रधान परमेश्वर
इसका अर्थ हो सकता है ‘सर्वोच्च परमेश्वर’ या ‘परम सम्प्रभु परमेश्वर’ या ‘सर्व-शक्तिमान परमेश्वर।’ यहाँ प्रधान का अर्थ परमेश्वर की महानता को संदर्भित करता है। यह ऊँचाई को या लम्बे होने का संदर्भित नहीं करता है।
“मेरा नाम सेना है, क्योंकि हम बहुत हैं।”
एक सेना रोमी सैन्य टुकड़ी में कई हजार सैनिकों का एक समूह था। यह सेना नाम एक रूपक है जो उन दुष्टात्माओं के बारे में ऐसे बात करता है जैसे कि वे सैनिकों का एक बड़ा समूह थीं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-metaphor/01.md]])
सेना
यह उन दुष्टात्माओं के समूह का नाम था, परन्तु इससे यह भी पता चलता है कि वे दुष्टात्माएँ संख्या में बहुत अधिक थीं। यदि नीचे दी गई टिप्पणी आपकी भाषा में अर्थ को स्पष्ट करे तो नाम का प्रयोग करें। यदि नहीं, तो आपको इस शब्द का अनुवाद ‘सेना’ या ‘भीड़’ या ‘हजारों’ के रूप में करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
हम बहुत हैं
इसका अर्थ हो सकता है ‘हम बहुत सारी हैं’ या ‘हम बहुत सारी दुष्टात्माएँ हैं।’
32-07
हमें मत भेज
इसका अर्थ हो सकता है ‘हमें मत जाने दे।’
वहाँ पहाड़ी के पास सूअरों का एक झुंड चर रहा था।
यह सूअरों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
कृपया हमें भेज दे
इसका अर्थ हो सकता है ‘कृपया हमें जाने दे।’ यहाँ हमें अनन्य है। यह केवल दुष्टात्माओं को संदर्भित करता है, और इसमें यीशु शामिल नहीं है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclusive/01.md]])
के बजाए
इसका अर्थ हो सकता है ‘हमें कहीं और जाने देने के बजाए।’
32-08
2,000 सूअर
इसे शब्दों में लिखा जा सकता है: “दो हजार सूअर” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-numbers/01.md]])
झुंड
इसका अर्थ हो सकता है ‘सूअरों का झुंड’ या ‘सूअरों का समूह।’ कई भाषाओं में जानवरों के समूहों के लिए विशिष्ट नाम होते हैं, जैसे “भेड़ों का झुंड” “मवेशियों का झुंड,” “कुत्तों का झुंड,” और “मछलियों का झुंड।” एक ऐसे शब्द का प्रयोग करें जो सूअरों के एक बड़े समूह के लिए उपयुक्त रूप से उपयोग किया जा सके।
32-09
जो घटित हुआ था
इसका अर्थ हो सकता है ‘कैसे यीशु ने दुष्टात्माओं को उस मनुष्य में से निकालकर सूअरों में भेजा था।’
जिसमें दुष्टात्माएँ थीं
इसका अर्थ हो सकता है ‘जिसमें दुष्टात्माएँ रहती थीं’ या ‘जो बुरी आत्माओं के वश में था।’
32-10
लोग
कुछ भाषाएँ यह कहना पसंद कर सकती हैं: “उस प्रदेश के लोग” या “गिरासेनी लोग।”
बहुत डर गए और यीशु से चले जाने की विनती की
यह एक दीर्घवृत्त है। छूटी हुई जानकारी को बताया जा सकता है: “यीशु से बहुत डर गए और उससे चले जाने की विनती की।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-ellipsis/01.md]])
यीशु के साथ-साथ चलने का अनुरोध किया
इसका अर्थ हो सकता है ‘यीशु के साथ-साथ जाने के लिए उससे अनुरोध किया’ या ‘यीशु से गम्भीरतापूर्वक पूछा कि क्या वह उसके साथ जा सकता है।’
32-11
यीशु ने उससे कहा, “नहीं, मैं चाहता हूँ कि तू घर जाकर सबको बताए कि परमेश्वर ने तेरे लिए क्या किया है। उन्हें बता कि उसने तुझ पर कैसे दया की है।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उससे कहा कि वह घर जाकर सबको यह बताए कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है, और उन्हें बताए कि उसने उस पर कैसे दया की है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
उसने तुझ पर कैसे दया की है
इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “उसने तुझ पर कैसे दया प्रकट की” या “कि वह तुझ पर दयालु रहा।”
32-12
उसकी कहानी सुनी
इसका अर्थ हो सकता है कि ‘उस व्यक्ति को यह कहते सुना कि उसके साथ क्या घटित हुआ था।’
32-13
यीशु झील की दूसरी ओर लौट गया
इसमें निहित है कि चेले यीशु के साथ ही थे। इस बात को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु और उसके चेले झील की दूसरी ओर लौट गए” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
उसे दबाते थे
इसका अर्थ हो सकता है ‘उसे जोर से धकेलते थे’ या ‘उसके चारों ओर घनी भीड़ लगा ली।’
उस भीड़ में एक स्त्री थी
यह उस स्त्री को एक नये चरित्र के रूप में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
लहू बहने की समस्या
उस स्त्री को कोई खुला घाव नहीं था; बल्कि, उसके लहू का मासिक प्रवाह बंद नहीं होता था। इस स्थिति को संदर्भित करने के लिए आपकी भाषा में कोई विनम्र तरीका हो सकता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-euphemism/01.md]])
वह और भी बुरी हो गई थी
इसका अर्थ हो सकता है कि ‘उसकी स्थिति और भी बुरी हो गई थी’ या ‘उसका स्वास्थ्य बेहतर होने के बजाए और भी बुरा हो गया था’ या ‘बजाए इसके वह और बीमार हो गई थी।’
32-14
मुझे निश्चय है कि यदि मैं केवल यीशु के कपड़ों को ही छू लूँ, तो मैं भी चंगी हो जाऊँगी!
यीशु के वस्त्र को छूने से पहले उसने अपने आप से यह बात कही थी। यह बताता है कि उसने यीशु के वस्त्र को क्यों छुआ था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-events/01.md]])
यदि मैं केवल यीशु के कपड़ों को ही छू लूँ
यहूदी व्यवस्था के अनुसार, उसे किसी व्यक्ति को छूना नहीं था। वह उसके कपड़ों को इसलिए छुआ ताकि यीशु की सामर्थ्य उसे चंगा कर दे और फिर भी (उसने सोचा) उसे पता नहीं चलेगा कि उसने उसे छुआ था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
तो मैं चंगी हो जाऊँगी
इसे सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “यह मुझे चंगा कर देगा” या “उसकी सामर्थ्य मुझे चंगा कर देगी” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])
32-15
उसमें से सामर्थ्य निकली है
इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “उसमें से चंगा करने की सामर्थ्य बहकर किसी दूसरे व्यक्ति में गई है” या “उसकी सामर्थ्य ने किसी व्यक्ति को चंगा किया है।” इस कारण से यीशु ने कोई सामर्थ्य नहीं खोई थी।
उसने पीछे मुड़कर पूछा, “मुझे किसने छुआ है?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “उसने पीछे मुड़कर पूछा कि उसे किसने छुआ है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तू क्यों पूछता है कि ‘मुझे किसने छुआ है?’
यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “तू क्यों पूछता है कि तुझे किसने छुआ है?” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotesinquotes/01.md]])
32-16
अपने घुटनों पर गिरी
इसका अर्थ हो सकता है ‘तुरन्त घुटने टिका दिए।’ उसने यीशु के सामने सम्मान और अधीनता के कार्य के रूप में घुटने टिका दिए। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
यीशु के आगे
इसका अर्थ हो सकता है ‘यीशु के सामने।’
कांपने लगी और बहुत डर गई
इसका अर्थ हो सकता है ‘डर से कांपने लगी’ या ‘थरथराने लगी क्योंकि वह डर गई थी।’
तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है
यहाँ विश्वास एक भाववाचक संज्ञा है। इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “परमेश्वर ने तुझे चंगा किया है क्योंकि तूने उस पर भरोसा रखा था।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-abstractnouns/01.md]])
शांति से चली जा
लोग यह पारम्परिक आशीर्वाद तब बोलते हैं जब वे एक-दूसरे से विदा होते हैं। दूसरी भाषाएँ कुछ ऐसा ही कह सकती हैं जैसे कि: “अच्छे से जा” या “परमेश्वर के साथ जा” या “शांति हो।” इसका अनुवाद करने के दूसरे तरीके हो सकते हैं: “जब तू जाए तो तुझे शांति मिले” या “चला जा और यह जान ले कि हमारे बीच में सब कुछ ठीक है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-idiom/01.md]])
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।