08-00
परमेश्वर ने यूसुफ और उसके परिवार की रक्षा की
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि परमेश्वर ने यूसुफ और उसके परिवार की देखभाल कैसे की” या “परमेश्वर ने यूसुफ और उसके परिवार को कैसे बचाया?”
08-01
कई वर्ष बाद, जब याकूब बूढ़ा हो गया
यह एक नयी घटना को आरम्भ करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
भेजा
इस शब्द का अर्थ है कि याकूब ने यूसुफ से जाने के लिए कहा, और यूसुफ चला गया।
उसका पसंदीदा पुत्र
यह चरण एक सामाजिक सम्बन्ध को संदर्भित करता है —अर्थात् वह पसंदीदा पुत्र जो उससे उत्पन्न हुआ था। इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “जिस पुत्र से वह अपनी सब संतानों में से अधिक प्रेम करता था।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-possession/01.md]])
जाँच करे
इसका अर्थ यह है कि यूसुफ को जाकर देखना था कि उसके भाइयों के साथ सब कुछ ठीक है या नहीं। कुछ भाषाएँ कुछ ऐसा कह सकती हैं: “अपने भाइयों का हालचाल देखने के लिए।”
उसके भाई
ये यूसुफ के बड़े भाई थे।
भेड़-बकरियों की देखभाल कर रहे थे
चूँकि यह कई दिनों की यात्रा जितनी दूरी पर था, इसलिए यह कहना आवश्यक हो सकता है: “जो दूर थे और … की देखभाल कर रहे थे।”
08-02
क्योंकि उनका पिता उससे सबसे अधिक प्रेम करता था, और क्योंकि यूसुफ ने स्वप्न देखा था
यह शब्द क्योंकि उन दो कारणों को (कि यूसुफ का पिता उससे सबसे अधिक प्रेम करता था और उसके स्वप्न के कारण) यूसुफ के भाई उससे बैर करते थे, परिणाम से (उन्होंने उससे बैर रखा) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
जब यूसुफ आया
यह शब्द जब घटनाओं के क्रम की ओर संकेत करता है। यूसुफ के आने के बाद उसके भाइयों ने उसे बंदी बनाकर बेच दिया। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-time-sequential/01.md]])
अपने भाइयों के पास आया
जिस दूसरे तरीके से इसका अनुवाद किया जा सकता है वह है: “उस स्थान पर पहुँच गया जहाँ उसके भाई थे।”
उसे बंदी बना लिया
उन्होंने उसकी इच्छा के विपरीत उसे पकड़ लिया। उनके लिए ऐसा करना सही नहीं था।
दासों के व्यापारी
ये वही लोग थे जिन्होंने लोगों को एक स्वामी से खरीदकर उसे दूसरे स्वामी को दास के रूप में बेचने को धंधा बना लिया था।
08-03
यूसुफ के भाइयों को घर लौटने से पहले
यह जोड़ने वाला शब्द पहले घटनाओं के क्रम की ओर संकेत करता है। यूसुफ के भाइयों ने उसके बागे को फाड़कर लहू में डुबो दिया। फिर वे घर लौट आए। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-time-sequential/01.md]])
बकरी का लहू
यह उस लहू को बकरी से जोड़ता है, जिसका वह एक भाग था। उसके भाई चाहते थे कि याकूब यह समझे कि कपड़ों पर लगा लहू यूसुफ का लहू है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-possession/01.md]])
इसलिए वह सोचेगा कि किसी जंगली पशु ने
यह जोड़ने वाला शब्द इसलिए उस कारण को (याकूब को लहू में डूबा हुआ फटा हुआ बागा दिखाना), उसके वांछित परिणाम के साथ (याकूब सोचता है कि एक जंगली पशु ने यूसुफ को मार डाला) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
08-04
मिस्र नील नदी के किनारे पर बसा एक बड़ा और शक्तिशाली देश था।
यह मिस्र देश के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है जहाँ दासों के व्यापारी यूसुफ को लेकर गए थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
एक धनवान सरकारी अधिकारी
यह एक ऐसा व्यक्ति था जो मिस्र सरकार का भाग था। इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “मिस्री सरकार में एक अगुवा।”
यूसुफ ने अपने स्वामी की सेवा अच्छे से की, और परमेश्वर ने यूसुफ को आशीष दी।
यह जोड़ने वाला शब्द और उन दो घटनाओं की ओर संकेत करता है जो यूसुफ के दास बनने पर घटित हुई थीं। इनके कारण और प्रभाव का कोई संकेत नहीं मिलता। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-time-sequential/01.md]])
08-05
यूसुफ के साथ सोने का प्रयास किया
इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “यूसुफ को अपने साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए बहकाने का प्रयास किया।” के साथ सोने इस बात को व्यक्त करने का एक तरीका है ताकि यह अशिष्ट या अपमानजनक न लगे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-euphemism/01.md]])
परन्तु यूसुफ ने परमेश्वर के विरोध में पाप करने से इन्कार कर दिया
यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु एक विरोध को प्रकट करता है। आप आशा करेंगे कि जब यूसुफ के स्वामी की पत्नी ने उसके साथ सोने का प्रयास किया, तो इस पर यूसुफ सहमत हो जाएगा, परन्तु बजाए इसके उसने अप्रत्याशित काम करते हुए इसके लिए मना कर दिया। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])
परमेश्वर के विरोध में पाप
यदि लोग एक दूसरे से विवाहित नहीं हैं तो उनका एक साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना परमेश्वर की व्यवस्था के विरुद्ध होता है। यूसुफ ने परमेश्वर की व्यवस्था का उल्लंघन करके पाप नहीं करना चाहा।
यहाँ तक कि बंदीगृह में भी
यह जोड़ने वाला शब्द यहाँ तक कि एक विरोध को प्रकट करता है। आप आशा करेंगे कि यूसुफ बंदीगृह में कड़वाहट से भर जाएगा, परन्तु बजाए इसके, वह विश्वासयोग्य बना रहा और परमेश्वर ने उसे आशीष देना जारी रखा। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])
परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहा
इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “परमेश्वर की आज्ञा मानता रहा।”
08-06
जिनको मिस्र के लोग अपने राजा कहा करते थे
यह ‘फ़िरौन’ शीर्षक के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
उसे बड़ा परेशान कर दिया
इसका अर्थ यह है कि राजा ने (जो सपने में देखा था उसके कारण) बहुत भयभीत और भ्रमित महसूस किया।
उसका कोई भी सलाहकार उसे उन स्वप्नों का अर्थ नहीं बता पाया।
प्राचीन निकट पूर्व में सपनों की व्याख्या करना महत्वपूर्ण होता था। इसे ईश्वरीय शक्ति के माध्यम से ही सम्भव होते देखा गया था। इसे स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर ने अपने किसी सलाहकार को स्वप्नों का अर्थ बताने में सक्षम नहीं किया था ...’” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
उसके सलाहकार
ये विशेष शक्तियों और ज्ञान वाले पुरुष होते थे जो कभी-कभी यह बता सकते थे कि सपनों का क्या अर्थ था। कुछ अनुवाद उन्हें ‘पंडितों’ के रूप में संदर्भित करते हैं।
उन स्वप्नों का अर्थ
मिस्र में रहने वाले लोग विश्वास करते थे कि सपने देवताओं के संदेश होते हैं जो उन्हें इसके बारे में बताते हैं कि भविष्य में क्या घटित होगा। परमेश्वर ने फ़िरौन के सपनों का उपयोग उसे यह बताने के लिए किया कि क्या घटित होगा।
08-07
परमेश्वर ने यूसुफ को स्वप्नों की व्याख्या करने की योग्यता प्रदान की थी
यहोवा ने यूसुफ को सपनों की व्याख्या करने की सामर्थ्य प्रदान की थी ताकि वह अपनी महिमा करवाए और यूसुफ एवं इब्रानी लोगों की रक्षा कर सके। इसे स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर ने यूसुफ और इब्रानी लोगों की रक्षा करने के लिए यूसुफ को स्वप्नों की व्याख्या करने की योग्यता प्रदान की थी।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
स्वप्नों की व्याख्या करना
व्याख्या करना यह बताना होता है कि किसी बात का क्या अर्थ है। इसलिए यूसुफ लोगों को बता पाया कि उनके स्वप्नों का क्या अर्थ था।
यूसुफ को उसके पास लाया जाए
इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “अपने सेवकों को आदेश दिया कि यूसुफ को उसके पास लेकर आएँ।”
और कहा, “परमेश्वर सात वर्षों तक भरपूर फसल देने वाला है, जिसके बाद सात वर्षों का अकाल पड़ेगा।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “और उसे बताया कि परमेश्वर सात वर्षों तक भरपूर फसल देने वाला है, जिसके बाद सात वर्षों का अकाल पड़ेगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
परमेश्वर देने वाला है
परमेश्वर सात वर्षों तक फसलों को अच्छी रीति से उगने देगा, और उसके बाद वह उन्हें बहुत कम भोजन उगाने देगा, जिससे लोगों को और पशुओं को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा।
अकाल
वाटिकाओं और खेतों में इतना कम भोजन उत्पन्न होगा कि लोगों और पशुओं के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं होगा।
08-08
यूसुफ से बहुत प्रभावित हो गया
फ़िरौन यूसुफ की बुद्धि से चकित हुआ, और उसका आदर करने लगा; उसने यूसुफ पर भरोसा किया कि वह बुद्धिमानी से निर्णय लेगा जिससे लोगों को लाभ मिलेगा। यह कहना अधिक स्पष्ट हो सकता है: “यूसुफ की बुद्धि से प्रभावित हुआ।”
उसने उसे समूचे मिस्र का दूसरा सबसे शक्तिशाली पुरुष करके नियुक्त कर दिया!
यह एक दृढ़ कथन है जो इस बात पर बल देता है कि एक दास के लिए फ़िरौन के द्वारा इतना सम्मानित होना कितनी असामान्य बात थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
दूसरा सबसे शक्तिशाली पुरुष
फ़िरौन ने यूसुफ को समूचे मिस्र पर एक बहुत शक्तिशाली और महत्वपूर्ण शासक बनाकर नियुक्त कर दिया। केवल फ़िरौन ही यूसुफ से अधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण था।
08-09
बड़ी मात्रा में भोजन को जमा करना
प्रचुर मात्रा में हुई उपज से, वे भोजन को नगरों में ले गए और वहाँ उसका भंडारण किया। वह भोजन तब फ़िरौन का हो गया था।
अकाल
देखें कि आपने इसका अनुवाद 08:07 में कैसे किया है।
08-10
अकाल भीषण था
अकाल बहुत भयंकर था। भोजन बहुत कम होने के कारण मिस्र के बाहर बहुत से लोग भूख से मर रहे थे।
मिस्र में, परन्तु कनान में भी
कुछ भाषाओं में, यह कहना अधिक स्पष्ट या अधिक स्वाभाविक हो सकता है: “मिस्र देश में, परन्तु कनान देश में भी।”
08-11
इसलिए, याकूब ने अपने बड़े पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए मिस्र में भेजा।
यह जोड़ने वाला शब्द इसलिए उस परिणाम को (याकूब ने अपने पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए भेजा), कारण से (कनान में अकाल भयंकर था) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
अपने बड़े पुत्रों को
ये यूसुफ के बड़े भाई ही थे जिन्होंने उसे दासत्व में बेच दिया था।
यूसुफ को नहीं पहचाना
वे नहीं जानते थे कि वह पुरुष यूसुफ ही है, क्योंकि जब उन्होंने उसको अंतिम बार देखा था, तब से लेकर अब वह बहुत आयु का हो गया था, और वह मिस्री शासक का वस्त्र धारण किए हुए था।
परन्तु यूसुफ उन्हें पहचान गया।
यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु विपरीत सम्बन्ध की ओर संकेत करता है। यह यूसुफ के भाइयों के उसे न पहचानने के विरोध में यूसुफ के उन्हें पहचान लेने को प्रकट करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])
08-12
अपने भाइयों की परीक्षा लेने के बाद
यह जोड़ने वाला शब्द बाद में एक क्रमबद्ध उपवाक्य को आरम्भ करता है। यूसुफ ने अपने भाइयों की यह जानने के लिए परीक्षा ली कि क्या वे बदल गए हैं और तब उसने इस बात को प्रकट किया कि वह कौन है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-time-sequential/01.md]])
अपने भाइयों की परीक्षा ली
यूसुफ ने अपने बड़े भाइयों को यह जानने के लिए एक कठिन परिस्थिति में रखा कि क्या वे अपने सबसे छोटे भाई की रक्षा करेंगे या उसके साथ भी वैसा ही बुरा बर्ताव करेंगे जैसा बर्ताव उन्होंने यूसुफ के साथ किया था। जब उन्होंने अपने सबसे छोटे भाई की रक्षा की, तो यूसुफ जान गया कि वे बदल गए हैं।
यदि वे बदल गए हैं
इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “यदि वे उससे बदल गए थे जैसे वे पहले हुआ करते थे।” कई वर्षों पहले यूसुफ के भाइयों ने उसे दासत्व में बेच दिया था। यूसुफ यह पता लगाना चाहता था कि क्या वे इस समय पर वही करेंगे जो सही था।
मैं तुम्हारा भाई, यूसुफ हूँ!
यह एक दृढ़ कथन है कि यूसुफ वास्तव में उनका भाई था, भले ही वह जानता था कि उनके लिए इस बात पर विश्वास करना बहुत कठिन होगा। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
भयभीत न हो
यूसुफ ने अपने भाइयों को यह आज्ञा दी, जो इस कारण से डर गए थे कि उन्होंने यूसुफ के साथ बहुत गलत किया था। इस समय पर एक महान शासक के रूप में, उसके पास उन्हें दण्ड देने की शक्ति थी। यूसुफ उन्हें खाना बेचने से मना कर सकता था, या उन्हें बंदीगृह में भी डाल सकता था या उनकी हत्या भी कर सकता था। इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “तुम्हें मुझसे किसी दंड के लिए डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।”
परन्तु परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का उपयोग किया!
यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु यूसुफ के भाइयों की बुराई करने की इच्छा के विरोध में उसे परमेश्वर द्वारा भलाई के लिए उपयोग करने को प्रकट करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])
परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का उपयोग किया!
यह एक दृढ़ कथन इसलिए है, क्योंकि यह आश्चर्य की बात है कि यूसुफ के भाइयों ने उसके साथ जो बुरा काम किया था, उससे परमेश्वर भलाई करने में सक्षम था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
भलाई के लिए बुराई
यूसुफ के भाइयों ने उस समय एक बुरा काम किया था जब उन्होंने यूसुफ को दास के रूप में बेच दिया और वह मिस्र ले जाया गया। परन्तु परमेश्वर ने इसे होने की अनुमति इसलिए दी ताकि यूसुफ अपने परिवार सहित हजारों लोगों को अकाल के दौरान भूख से मरने से बचा सके। यह बहुत भली बात थी।
08-14
भले ही याकूब बूढ़ा हो गया था, तौभी वह मिस्र चला गया
मिस्र कनान से बहुत दूरी पर था, और एक बुजुर्ग व्यक्ति के लिए इतनी दूर तक चलकर जाना या गाड़ी चलाकर जाना कठिन होता।
याकूब के मरने से पहले
याकूब की मृत्यु मिस्र में हुई। उसे कनान देश में वापस लौटने को न मिला, जिसे देने की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने उससे और उसके वंशजों से की थी।
08-15
वाचा की प्रतिज्ञाएँ
बहुत समय पहले परमेश्वर ने अब्राहम के साथ एक वाचा बांधकर उससे प्रतिज्ञा की थी कि वह उसे बहुत से वंशज देगा; वे कनान देश के अधिकारी होंगे और एक बड़ी जाति बनेंगे। परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा भी की थी कि सारी जातियाँ अब्राहम के कुल के द्वारा आशीषित होंगी (देखें: 07:10)।
को पहुँचा दीं
इसे कहने के दूसरे तरीके हैं: “को आगे बढ़ाया” या “को दे दिया” या “को लागू किया।” अब्राहम से की गई परमेश्वर की प्रतिज्ञा अब्राहम की संतानों, नाती-पोतों और उसके बाकी सभी वंशजों के लिए भी थी (देखें: 06:04)।
इस्राएल के 12 गोत्र
परमेश्वर ने अब्राहम, इसहाक और याकूब से प्रतिज्ञा की थी कि उनके वंशज एक बड़ी जाति बनेंगे। परमेश्वर ने बाद में याकूब का नाम बदलकर इस्राएल रख दिया। याकूब के 12 पुत्रों के वंशज 12 बड़े गोत्र बने। इन 12 गोत्रों से इस्राएल नामक प्राचीन राष्ट्र बना, जिसका नाम याकूब के नये नाम पर रखा गया था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-names/01.md]])
12
इसे शब्दों में भी लिखा जा सकता है: “बारह।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-numbers/01.md]])
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।