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Ezra

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एज्रा: प्रस्तावना 

भाग 1: अप्रधान प्रस्तावना 

एज्रा की रूपरेखा 
  1. निर्वासित यहूदियों का पहला दल फारस से यरूशलेम लौट रहा है (1:1–2:70)

  2. वे लोग यरूशलेम में मंदिर का पुनः निर्माण करते हैं और उसका समर्पण करते हैं (3:1–6:22)

  3. और अधिक निर्वासितों का लौटना, एज्रा यहोवा की व्यवस्था की शिक्षा देता है (7:1-8:36)

  4. उनमें अन्य जाती विवाह की समस्या और उसका समाधान (9:1–10:44) 

  5. एज्रा की पुस्तक किस विषय पर है? 

एज्रा के पुस्तक में वर्णन किया गया है कि इस्राएली बेबीलोन से कैसे लौटे और व्यवस्था की अनिवार्यता के अनुसार उन्होंने पुनः यहोवा की आराधना करने का प्रयास किया| ऐसा करने के लिए, आवश्यक था कि वे अपने मंदिर का पुनः निर्माण करें जिससे कि वे यहोवा के लिए बालियाँ चढ़ा सकें| (देखें: मन्दिर, भवन, परमेश्वर का भवन)

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?
एज्रा नामक पुस्तक याजक एज्रा के नाम पर है| वह यहूदियों के पहले दल को निर्वासन से लौटा कर यहूदा लाया था|अनुवादक पारंपरिक शीर्षक, "एज्रा" को ही रख सकते हैं या अधिक स्पष्ट शीर्षक काम में ले सकते हैं जैसे, "एज्रा के बारे में पुस्तक|"

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक संकल्पनाएँ

इस्राएलियों को अन्य जातियों में विवाह करने की अनुमति क्यों नहीं थी? अन्य जातियां अनेक झूठे देवी देवताओं की पूजा करती थीं| यहोवा ने अपने लोगों को अन्य जातियों में विवाह करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि वह जानता था कि यह इस्राएलियों के लिए झूठे देवी-देवताओं की पूजा का कारण हो जाएगा| (देखें: देवता, झूठे देवता, देवियाँ, मूर्ति, मूर्तिपूजक, मूर्ति पूजा)
क्या सब इस्राएली अपनी मातृभूमि लौट आए थे?

अनेक यहूदी इस्राएल देश लौटने की अपेक्षा बेबीलोन में ही रह गए थे| उनमें से अनेक बेबीलोन में अत्यधिक फूलने फलने लगे थे इसलिए वहीं रहने की कामना की| इसका अर्थ था कि वे अपने पूर्वजों के सदृश्य यरूशलेम में यहोवा की उपासना नहीं कर सकते थे|

भाग 3: अनुवाद सम्बंधित महत्वपूर्ण विचार विषय 

एज्रा की पुस्तक में "इस्राएल" शब्द का उपयोग कैसे किया गया है?

एज्रा की पुस्तक में "इस्राएल" शब्द का उपयोग यहूदा राज्य के सन्दर्भ में किया गया है| यहूदा में अधिकाँश जन यहूदा और बिम्यामीन के गोत्र के लोग थे| अन्य दस गोत्रों ने तो दाऊदवंशी राजाओं से स्वामिभक्ति का त्याग कर दिया था| परमेश्वर ने अश्शूरों के हाथों उन दस गोत्रों को पराजित कर विस्थापित कर दिया था| परिणामस्वरूप वे अन्य जातियों में घुल-मिल गए थे और इस्राएल देश कभी नहीं लौटे| (देखें: इस्राएल, इस्राएली)

एज्रा की पुस्तक में क्या घटनाएं उसी क्रम में घटी थीं जिस क्रम में उनका वर्णन किया गया है?

एज्रा की पुस्तक में कुछ घटनाएं उनके घटने के क्रम में नहीं दर्शाई गई हैं अपितु उनको प्रसंग के आधार पर समूहों में रखा गया है| अतः आवश्यक है कि अनुवादक टिप्पणियों पर ध्यान दें जो घटनाओं के अव्यवस्थित कालक्रम का संकेत देती हैं|

Ezra 1

एज्रा 01 निर्विशेष टिप्पणियाँ

रचना एवं आरूपण 

इस अध्याय में फारस से यहूदा लौटने वाले यहूदियों के पहले दल का विवरण दिया गया है|.

इस अध्याय में विशिष्ठ संकल्पनाएँ 

राजा कुस्रू 

राजा कुस्रू ने यहूदियों को स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी थी क्योंकि वह चाहता था कि वे अपने मंदिर का पुनः निर्माण करें| जो रुके रह गए उन्होंने जाने वालों को दान दिए कि उनकी यात्रा और पुनर्वास में सहायता मिले| यह अभ्यास कुस्रू के राज्यकाल में एक आम अभ्यास था और उसके सम्पूर्ण साम्राज्य में शान्ति बनाए रखने का एक उपाय था| (देखें: मन्दिर, भवन, परमेश्वर का भवन)

इस अध्याय में अनुवाद की संभावित कठिनाइयां 

यहूदी 

उनके यहूदिया लौट आने के बाद, शेष पुराने नियम का ध्यान केंद्र यहूदियों पर है|

Ezra 1:1

וּ⁠בִ⁠שְׁנַ֣ת

तब शब्द कहानी में एक नाई घटना का प्रवेश कराता है| अपनी भाषा में सच्ची कहानी को प्रवेश कराने की अपनी प्रचलित विधि काम में लें| (देखें: नर्इ घटनाओं का परिचय)

וּ⁠בִ⁠שְׁנַ֣ת אַחַ֗ת לְ⁠כ֨וֹרֶשׁ֙ מֶ֣לֶךְ פָּרַ֔ס

इस पुस्तक के मूल यहूदी पाठक जानते होंगे कि यह उस वर्ष के सन्दर्भ में नहीं है जब कुस्रू फारसियों का राजा बना था| अपेक्षा इसके, यह उस वर्ष के सन्दर्भ में है जब बेबीलोन पर विजय प्राप्त करके वह यहूदियों पर भी राजा हुआ था क्योंकि बेबीलोन वह देश था जो पूर्व काल में यहूदियों पर विजयी होकर उनको निर्वासन में ले गया था| यदि आपके पाठकों के लिए सहायक सिद्ध हो तो आप इसको स्पष्ट व्यक्त कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "फारस के राजा द्वारा बेबीलोन पर विजय प्राप्त करने की बाद कुस्रू के पहले वर्ष में जब वह यहूदियों पर राज कर रहा था" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

וּ⁠בִ⁠שְׁנַ֣ת אַחַ֗ת לְ⁠כ֨וֹרֶשׁ֙ מֶ֣לֶךְ פָּרַ֔ס

इस अभिव्यक्ति का अर्थ हो सकता है कि यहूदियों पर उसके राज के पहले वर्ष में किसी समय कुस्रू ने उस राजाज्ञा को निकाला जिसका वर्णन इस पद में है| तथापि इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि ज्यों ही वह उन पर राजा हुआ त्यों ही उसने यह राजाज्ञा निकाली थी| वैकल्पिक अनुवाद: "फारस के राजा कुस्रू के बेबीलोन जीतते ही और यहूदियों पर शासक होते ही"

וּ⁠בִ⁠שְׁנַ֣ת אַחַ֗ת

इब्रानी भाषा में जो शब्द काम में लिया गया है वह है, गणन संख्या, एक परन्तु इब्रानी भाषा में इसके और क्रमसूचक संख्या, "पहले" के उपयोग में में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं होता है, यदि कहीं और ऐसे ही प्रसंग में काम में लिया जाए| यदि आपकी भाषा में वर्षों की संख्या के लिए क्रमसूचक संख्या काम में ली जाती है तो आप अपने अनुवाद में यहाँ उसका उपयोग कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "पहले वर्ष में" (देखें: क्रमसूचक संख्याएँ)

לְ⁠כ֨וֹרֶשׁ֙

कुस्रू एक पुरुष का नाम है (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

פָּרַ֔ס

फारस एक साम्राज्य का नाम है (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

דְּבַר־יְהוָ֖ה

यहाँ वचन शब्द का सन्दर्भ उस बात से है जिसकी चर्चा यहोवा ने की| वैकल्पिक अनुवाद: "यहोवा ने जो प्रतिज्ञा की थी" (देखें: लक्षणालंकार)

דְּבַר־יְהוָ֖ה

यहोवा ने निश्चित रूप से जो कहा था, वह था कि बन्धुआई के सत्तर वर्ष बाद यहूदियों को उनकी मातृभूमि में लौटने दिया जाएगा| यदि आपके पाठकों के लिए सहायक सिद्ध हो तो आप इसको स्पष्ट कर सकते हैं या आप इस जानकारी को पद टिप्पणी में रख सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "जो प्रतिज्ञा यहोवा ने की थी कि बन्धुआई में सत्तर वर्ष रहने के बाद यहूदियों को उनकी मातृभूमि में लौटने दिया जाएगा" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

יְהוָ֖ה

यहोवा परमेश्वर का नाम है जिसका प्रकाशबं उसने अपने लोगों पर, पुराने नियम में किया था| इस पुस्तक में यह अनेक बार प्रकाथोता है| यदि आप इसका अनुवाद अपरिवर्तनीय रखें तो आपके पाठकों के लिए सहायक ही होगा| (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

מִ⁠פִּ֣י יִרְמְיָ֑ה

यहाँ मुंह शब्द का अर्थ है, शब्दोच्चारण वैकल्पिक अनुवाद: “जिसकी चर्चा यिर्मयाह ने की थी" या “जिओस्की घोषणा यिर्मयाह ने की थी” (देखें: लक्षणालंकार)

הֵעִ֣יר יְהוָ֗ה אֶת־ר֨וּחַ֙ כֹּ֣רֶשׁ

यहाँ, इस पुस्तक में कुस्रू के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का एक ही पक्ष संदर्भित किया गया है, उसका मन| वैकल्पिक अनुवाद:“यहोवा ने कुस्रू में कुछ करने की इच्छा जागृत की” (देखें: उपलक्षण अलंकार)

הֵעִ֣יר יְהוָ֗ה אֶת־ר֨וּחַ֙ כֹּ֣רֶשׁ

यहाँ इस पुस्तक में, यहोवा द्वारा कुस्रू को किसी काम के लिए प्रेरित करने को लाक्षणिक रूप में प्रस्तुत किया गया है, उसका मन उभारा* जैसे वायु शांत जल को उभार कर हलचल उत्पन्न करती है| कहने का अर्थ है कि यहोवा ने कुस्रू के मन और इच्छा को सीधा प्रभावित किया कि वह कुछ करे|वैकल्पिक अनुवाद: "यहोवा ने कुस्रू में कुछ करने की इच्छा उत्पन्न की" (देखें: रूपक)

וַ⁠יַּֽעֲבֶר

यह शब्द, इसलिए संकेत देता है कि वह अब जिस वाक्य को प्रस्तुत कर रहा है उसके द्वारा पिछले वाक्य में वर्णित बातों के परिणाम को दर्शाया गया है| वैकल्पिक अनुवाद: “परिनाम्स्वरूप, उसने...करवाया" (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)

וַ⁠יַּֽעֲבֶר־קוֹל֙ בְּ⁠כָל־מַלְכוּת֔⁠וֹ

यहाँ, उसने का अर्थ है, कुस्रू ने| इस प्रकरण में, प्रचार सन्देश प्रसारण की वाणी है, और वाणी लाक्षणिक रूप में उच्चारित सन्देश प्रतिरूप है| अब क्योंकि संदेश स्वयं प्रसारित नहीं हो सकता इसलिए उसके उद्घोषक को संदर्भित किया गया है| वैकल्पिक अनुवाद: “कुस्रू ने अपने सम्पूर्ण साम्राज्य में इस आदेश के घोषणा करने के लिए संदेशवाहक भेजे" (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/hi _ta/src/branch/master/translate/figs-metonymy/01.md]])

וְ⁠גַם־בְּ⁠מִכְתָּ֖ב

यहाँ इस पुस्तक में कुछ शब्द छोड़ दिए गए हैं जिनकी आवश्यकता सामान्यतः वाक्य पूर्ति के लिए पड़ती है| कहने का अर्थ है कि कुस्रू ने अपना आदेश लिख भी दिया| यदि आपके पाठकों के लिए सहायक सिद्ध् हो तो आप इसको स्पष्ट व्यक्त कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "और कुस्रू ने अपने आदेश की लिखित प्रतिलिपियाँ भी भेजीं" या "कुस्रू ने अपने लिपिकों से अधिकृत अभिलेखों में उस आदेश को लिखवा भी दिया" (देखें: पदन्यूनता)

Ezra 1:2

יְהוָ֖ה אֱלֹהֵ֣י הַ⁠שָּׁמָ֑יִם

यहाँ कुस्रू अपनी प्रजा के लिए कुछ पाशर्व जानकारी देता है कि यहोवा कौन है| वैकल्पिक अनुवाद:"सर्वोच्च परमेश्वर, यहोवा" या "स्वर्ग में राज करने वाला परमेश्वर, यहोवा" (देखें: सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना)

כֹּ֚ל מַמְלְכ֣וֹת הָ⁠אָ֔רֶץ

सम्पूर्ण शब्द एक अतिशयोक्ति हैजिसके द्वारा बल दिया गया है| पृथ्वी पर अब भी कुछ राज्य थे जिन पर कुस्रू का राज नहीं था, तथापि, उसने संसार के उस भाग में जो उसके परिवेश में था,प्रत्येक बड़े राज्य को जीत लिया था अर्थात उनको जो उसके लिए ख़तरा बने हुए थे| वैकल्पिक अनुवाद: "उस सम्पूर्ण भूभाग पर चुनौती मुक्त शासक होने के लिए" (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/ hi_ta/src/branch/master/translate/figs-hyperbole/01.md]])

נָ֣תַן לִ֔⁠י

यह एक मुहावरा है| वैकल्पिक अनुवाद: "मुझे उस पर राजा नियुक्त किया है" (देखें: मुहावरे)

לִ⁠בְנֽוֹת־ל֣⁠וֹ בַ֔יִת

कुस्रू अपने हाथों से तो निर्माण कार्य नहीं करेगा| उसके कहने का अर्थ है कि वह यहोवा के उपासकों, यहूदियों को अनुमति और सहयोग दे रहा है कि वे उसके मंदिर का पुनः निर्माण करें जिसको बेबीलोनीयों ने नष्ट कर दिया था| यदि आपके पाठकों के लिए सहायक सिद्ध हो तो आप इसको स्पष्ट कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: " उसके उपासकों, यहूदियों के लिए मंदिर के पुनः निर्माण को संभव करने हेतु" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)