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मरकुस के सुसमाचार का परिचय

भाग 1: सामान्य परिचय

मरकुस की पुस्तक की रूपरेखा
  1. परिचय (1:1––13)
  2. गलील में यीशु की सेवकाई
    • आरम्भिक सेवकाई (1:14––3:6)
  3. यीशु लोगों के मध्य अधिक लोकप्रिय हो जाता है (3:7––5:43)
  4. गलील से दूर जाना और फिर लौटना (6:1––8:26)
  5. यरूशलेम की ओर बढ़ना, बार-बार जब यीशु ने अपनी मृत्यु की भविष्यद्वाणी की; शिष्यों ने गलत समझा, और यीशु उन्हें सिखाता है कि उसका अनुसरण करना कितना कठिन होगा (8:27––10:52)
  6. सेवकाई के अन्तिम दिन और यरूशलेम में अन्तिम संघर्ष की तैयारी (11:1-13:37)
  7. मसीह की मृत्यु और खाली क्रब (14:1––16:8)
मरकुस की पुस्तक में क्या है?

मरकुस का सुसमाचार नए नियम में चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन से कुछ का वर्णन करता है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन है और उन्होंने क्या किया। मरकुस क्रूस पर यीशु की पीड़ा और मृत्यु के बारे में बहुत कुछ लिखता है। उसने अपने उन पाठकों को उत्साहित करने के लिए ऐसा किया जो सताए जा रहे थे। मरकुस ने यहूदी रीति-रिवाजों और कुछ अरामी शब्दों को भी समझाया है। यह संकेत दे सकता है कि मरकुस ने अपने अधिकांश पहले पाठकों के गैर-यहूदी होने की अपेक्षा की थी।

इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मरकुस का सुसमाचार , ""या"" मरकुस के अनुसार सुसमाचार"" से पुकारना चुन सकते हैं। वे एक ऐसा शीर्षक भी चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""वह शुभ सन्देश जिसे मरकुस लिखा था।"" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

मरकुस की पुस्तक किसने लिखी थी?

पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा कि इसका लेखक मरकुस था। मरकुस को यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता था। वह पतरस का घनिष्ठ मित्र था। मरकुस ने शायद वह नहीं देखा होगा जो यीशु ने कहा और किया था। परन्तु कई विद्वानों का सोचना है कि मरकुस ने अपने सुसमाचार में वह लिखा था जो पतरस ने उसे यीशु के बारे में बताया था।

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में माना। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक होता है। यीशु ने उसी तरह के तरीकों से शिक्षा दी जैसे इस्राएल में अन्य धार्मिक शिक्षक देते थे। उनके पास ऐसे विद्यार्थी थे, जो जहाँ कहीं वह गया उसके पीछे गए। इन विद्यार्थियों को चेले कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टान्त बताता था। दृष्टान्त वे कहानियाँ हैं जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: व्यवस्था, मूसा की व्यवस्था, परमेश्वर की व्यवस्था, यहोवा की व्यवस्था और चेला, चेले और दृष्टान्त, दृष्टान्तों)

भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण विषय

समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या दो या तीन सुसमाचारों में लगभग एक जैसे होते हैं। समानान्तर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासम्भव समान बनाना चाहिए।

यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" क्यों कहा?

सुसमाचार में, यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहते हैं। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति ऐसा था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को राष्ट्रों पर सर्वदा के लिए शासन करने का अधिकार दिया। और सभी जातियाँ व लोग सर्वदा उसकी आराधना करेंगी।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के भी लिए शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने अपने आप को यह समझाने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: मनुष्य का पुत्र, मनुष्य का पुत्र)

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक शायद एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य""। शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

मरकुस अक्सर समय की छोटी अवधियों का संकेत देने वाले शब्दों का उपयोग क्यों करता है?

मरकुस का सुसमाचार ""तुरन्त"" शब्द का उपयोग चालीस बार करता है। वह घटनाओं को और अधिक रोमांचक और ज्वलंत बनाने के लिए ऐसा करता है। यह पाठक को तुरन्त एक घटना से अगली घटना की तरफ ले जाता है।

मरकुस की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं परन्तु इन्हें सबसे आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है । अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि इन वचनों को सम्मिलित न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें इनमें से एक या अधिक वचन सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि वे सम्मिलित किए गए हैं, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्ग कोष्ठक ([ ]) के भीतर रखा जाना चाहिए कि वे कदाचित् मरकुस के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

*""यदि किसी के सुनने के कान हों तो सुन ले।"" (7:16) *""जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती"" (9:46) *""तब पवित्रशास्त्र का वह वचन पूरा हुआ जो कहता है कि वह अपराधियों के संग गिना गया,' (15:28)

निम्नलिखित अनुच्छेद आधुनिक पाण्डुलिपियों में नहीं मिलता है। अधिकांश बाइबलों में इस अनुच्छेद को सम्मिलित किया गया है, परन्तु आधुनिक बाइबल में इसे कोष्ठक में रखते हैं ([]) या किसी भी तरह से यह संकेत देते हैं कि यह अनुच्छेद मरकुस के सुसमाचार के मूल में नहीं रहा है। अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों के जैसा ही कुछ कार्य करें।

*""सप्ताह के पहले दिन भोर होते ही वह जी उठ कर पहले-पहल मरियम मगदलीनी को जिसमें से उसने सात दुष्टात्माएँ निकाली थीं, दिखाई दिया। वह चली गयी और उन लोगों से कहा जो उसके साथ थे, जबकि वे शोक करते और रोते थे। उन्होंने सुना कि वह जीवित था और यह कि उसको दिखाई दिया था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया। इन बातों के बाद जब वे देश में से बाहर निकल रहे थे, तब वह उनमें से दो को एक अलग रूप में दिखाई दिया। वे चले गए और बाकी के चेलों को बताया, परन्तु उन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया। बाद में यीशु ग्यारह को दिखाई दिया जब वे मेज पर बैठे थे, और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए डाँटा, क्योंकि उन लोगों पर उन्होंने विश्वास नहीं किया था जिन्होंने मृतकों से जी उठने के बाद उसे देखा था। उसने उनसे कहा, ""तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा। ये चिन्ह उन लोगों के साथ प्रगट होंगे जो विश्वास करते हैं: मेरे नाम पर वे दुष्टात्माओं को बाहर निकाल देंगे। वे नई भाषाओं में बात करेंगे। वे अपने हाथों से साँपों को उठा लेंगे, और यदि वे प्राणनाशक वस्तु भी पी जाएँ तो भी उनकी कुछ हानि न होगी। वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।' उनसे बात करने के बाद प्रभु, स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठ गया। चेलों ने उस स्थान से निकल कर सब जगह प्रचार किया, जबकि प्रभु ने उनके साथ काम किया और उनके साथ जाने वाले चिन्हों के द्वारा वचन की पुष्टि की।"" (16:9-20)

(देखें: लेखों के भेद)

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मरकुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ

संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं ताकि पढ़ने में आसानी हो। यूएलटी काव्य साहित्य के साथ 1:2-3 में यही करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

""तू मुझे शुद्ध कर सकता है""

कुष्ठ त्वचा का एक रोग था जो एक व्यक्ति को अशुद्ध और परमेश्वर की सही रीति से आराधना करने में असमर्थ बना देता था। यीशु लोगों को शारीरिक रूप से ""शुद्ध"" या चंगा बनाने के साथ-साथ आत्मिक रूप से ""शुद्ध"" या परमेश्वर के साथ सही बनाने में सक्षम हैं। (देखें: शुद्ध, शोधन)

""परमेश्वर का राज्य निकट है""

विद्वान विवाद करते हैं कि इस समय ""परमेश्वर का राज्य"" उपस्थित था या ऐसा कुछ है जो अभी भी आ रहा है। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु यह अनुवादकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। अन्य संस्करण ""आ रहा है"" का उपयोग करते हैं और ""निकट आ गया है।

Mark 1:1

मरकुस की पुस्तक भविष्यद्वक्ता यशायाह के यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के आने की भविष्यद्वाणी के साथ आरम्भ होती है, जो यीशु को बपतिस्मा देता है। मरकुस लेखक है, जिसे यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता है, जो चार सुसमाचारों में वर्णित मरियम नाम की कई स्त्रियों में से एक का पुत्र है। वह बरनबास का भतीजा भी है।

Υἱοῦ Θεοῦ

यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण पदवी है। (देखें: पुत्र और पिता का अनुवाद करना)

Mark 1:2

πρὸ προσώπου σου

यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ""तुझ से आगे।"" (देखें: मुहावरे)

προσώπου σου…τὴν ὁδόν σου

यहाँ ""तेरे"" शब्द यीशु को सन्दर्भित करता है और एकवचन है। जब आप इसका अनुवाद करते हैं, तो सर्वनाम ""तेरे"" का प्रयोग करें क्योंकि यह एक भविष्यवक्ता से उद्धरण है, और उसने यीशु के नाम का उपयोग नहीं किया। (देखें: तुम के प्रारूप)

ὃς

यह सन्देशवाहक को प्रकट करता है।

κατασκευάσει τὴν ὁδόν σου

ऐसा करना प्रभु के आगमन के लिए लोगों की तैयारी का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तेरे आगमन के लिए लोगों को तैयार करेगा"" (देखें: रूपक)

Mark 1:3

φωνὴ βοῶντος ἐν τῇ ἐρήμῳ

इसे एक वाक्य के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जंगल में बुलाए जाने वाले की आवाज़ सुनी जाती है"" या ""वे जंगल में बुलाए जाने वाले किसी की आवाज़ सुनते हैं

ἑτοιμάσατε τὴν ὁδὸν Κυρίου, εὐθείας ποιεῖτε τὰς τρίβους αὐτοῦ

इन दो वाक्यांशों का अर्थ एक ही बात है। (देखें: समरूपता)

ἑτοιμάσατε τὴν ὁδὸν Κυρίου

प्रभु के लिए मार्ग तैयार करो। ऐसा करना प्रभु के आने पर उसके सन्देश को सुनने के लिए तैयार होने का प्रतिनिधित्व करता है। लोग अपने पापों से पश्चाताप करके ऐसा करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के आने पर उसके सन्देश को सुनने के लिए तैयार रहो"" या ""पश्चाताप करो और परमेश्वर के आने के लिए तैयार रहो"" (देखें: रूपक और अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

Mark 1:4

इन वचनों में ""वह,"" ""उसे,"" और ""उसका"" शब्द यूहन्ना के सन्दर्भ में हैं।

ἐγένετο Ἰωάννης

सुनिश्चित करें कि आपका पाठक समझता है कि पिछले वचन में यशायाह भविष्यवक्ता द्वारा बोले जाने वाला सन्देशवाहक यूहन्ना था।

Mark 1:5

πᾶσα ἡ Ἰουδαία χώρα καὶ οἱ Ἱεροσολυμεῖται πάντες

पूरे देश"" शब्द उस देश में रहने वाले लोगों के लिए एक रूपक हैं और एक सामान्यकरण है जो कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए नहीं, अपितु बड़ी सँख्या में लोगों को दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यहूदिया और यरूशलेम के बहुत से लोग"" (देखें: रूपक और अतिशयोक्ति)

ἐβαπτίζοντο ὑπ’ αὐτοῦ ἐν τῷ Ἰορδάνῃ ποταμῷ, ἐξομολογούμενοι τὰς ἁμαρτίας αὐτῶν

उन्होंने एक ही समय में यह सब किया। लोगों ने बपतिस्मा लिया क्योंकि उन्होंने अपने पापों से पश्चाताप किया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब उन्होंने अपने पापों से पश्चाताप किया, तो यूहन्ना ने उन्हें यरदन नदी में बपतिस्मा दिया"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)

Mark 1:7

ἐκήρυσσεν

यूहन्ना ने घोषणा की

οὗ οὐκ εἰμὶ ἱκανὸς, κύψας λῦσαι τὸν ἱμάντα τῶν ὑποδημάτων αὐτοῦ

यूहन्ना स्वयं को एक दास से तुलना यह दिखाने के लिए कर रहा है कि यीशु कितना महान है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं उसके जूते उतारने जैसा निम्न स्तर का काम करने के योग्य भी नहीं हूँ"" (देखें: रूपक)

τὸν ἱμάντα τῶν ὑποδημάτων αὐτοῦ

जब यीशु पृथ्वी पर था, तब लोग अक्सर चमड़े की बनी हुई जूतियाँ पहनते थे और चमड़े के पट्टियों से अपने पैरों को बाँधते थे।

κύψας

झुक कर

Mark 1:8

αὐτὸς δὲ βαπτίσει ὑμᾶς ἐν Πνεύματι Ἁγίῳ

यह रूपक यूहन्ना के पानी से बपतिस्मा की तुलना भविष्य के पवित्र आत्मा से बपतिस्मा से करता है। इसका अर्थ है कि यूहन्ना का बपतिस्मा लोगों को केवल प्रतीकात्मक रूप से उनके पापों से शुद्ध करता है। पवित्र आत्मा का बपतिस्मा वास्तव में लोगों को उनके पापों से शुद्ध करेगा। यदि सम्भव हो, तो यहाँ ""बपतिस्मा"" के लिए एक ही शब्द का उपयोग करें जैसा कि आपने दोनों के मध्य तुलना रखने के लिए यूहन्ना के बपतिस्मा के लिए उपयोग किया था। (देखें: रूपक)

Mark 1:9

ἐγένετο ἐν ἐκείναις ταῖς ἡμέραις

यह कहानी में एक नई घटना के आरम्भ को चिन्हित करता है। (देखें: नर्इ घटनाओं का परिचय)