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2 Peter

2 Peter front

2 पतरस: प्रस्तावना 

भाग 1: सामान्य परिचय

2 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-2)  2. ईश्वरभक्ति का जीवन जीने के लिए स्मरण पत्र क्योंकि परमेश्वर ने हमें सक्षम किया है(1: 3-15)  3.प्रीरितों की शिक्षा की सच्चाई का स्मरण पत्र (1:16-21) 4. झूठे शिक्षकों की पूर्व सूचना (2: 1-3)  5.परमेश्वर के दंड के उदाहरण (2:4-10)  6. झूठे शिक्षकों का वर्णन और प्रत्याख्यान (2:10-22) 7. यीशु के यथासमय लौट आने का स्मरण पत्र (3:1-13)  ईश्वरभक्ति का जीवन जीने के प्रबोधन के साथ समापन (3:14-17)

2 पतरस की पुस्तक किसने लिखी?

लेखक अपना परिचय शमौन पतरस कह कर कराता है। शमौन पतरस एक प्रेरित था। उसने 1 पतरस भी लिखा। पतरस ने यह पत्र अपनी मृत्यु से ठीक पहले लिखा जब वह रोम में एक कारावास में था। पतरस ने इस पत्र को अपना दूसरा पत्र कहा, इसलिए हम इसका लेखन काल 1 पतरस के बाद मान सकते हैं। उसने यह पत्र उन्हीं प्राप्तिकर्ताओं को लिखा था जिनको उसने पहला पत्र लिखा था। पत्र के प्राप्तिकर्ता संभवतः एशिया माइनर में बिखरे हुए मसीही विश्वासी थे।

2 पतरस की पुस्तक का विषय क्या है?

पतरस ने विश्वासियों को ईश्जीवरभक्वति का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु यह पत्र लिखा था। उसने उन्हें झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी दी जो कह रहे थे कि यीशु लौटने में बहुत समय ले रहा था। उसने उनसे कहा कि यीशु लौटने में विलंभ नहीं कर रहा है अपितु परमेश्वर मनुष्यों को समय दे रहा है कि वे मन फिरा कर उद्धार पाएं।

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, "2 पतरस" या "दूसरा पतरस" के नाम से पुकार सकते हैं। या वे एक अधिक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे "पतरस द्वारा दूसरा पत्र" या "दूसरा पत्र जो पतरस ने लिखा।" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें )

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाऐं

पतरस किन लोगों के विरुद्ध प्रबोधन कर रहा था?

यह संभव है कि जिन लोगों के विरुद्ध पतरस प्रबोधन कर रहा था वे लोग आगे चलकर ग्यान्वादी कहलाएंगे। इन शिक्षकों ने अपने लाभ के लिए पवित्रशास्त्र की शिक्षाओं को तोड़-मरोड़ दिया। वे अनैतिक जीवन जी रहे थे और दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देते थे।

इसका क्या अर्थ है कि पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है?

पवित्रशास्त्र का सिद्धांत बहुत ही महत्वपूर्ण है। 2 पतरस पाठकों यह समझने में पाठकों की सहायता करता है कि पवित्रशास्त्र के प्रत्येक लेखक की अपनी विशिष्ट लेखन शैली थी परन्तु परमेश्वर पवित्रशास्त्र का वास्तविक लेखक है (1: 20-21)।

भाग 3: अनुवाद की महत्वपूर्ण समस्याएँ 

एकवचन और बहुवचन "तुम"

इस पुस्तक में, "मैं" शब्द पतरस को संदर्भित करता है। इसके साथ ही "तुम" शब्द  सदैव बहुवचन है और पतरस के पाठकों को संदर्भित करता है। (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’ और तुम के प्रारूप)

2 पतरस की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के सम्बन्ध में, बाइबिल की कुछ प्राचीन हस्रतलिपियों में अंतर हैं। ULT में उस पाठ को रखा गया है जिसको अधिकाँश बाईबलविद  मौलिक मानते हैं और शेष अन्यों को पाद टिप्पणियों में रखा गया है। यदि आपकी भाषा में कोई व्यापक संचारण हेतु बाइबल का अनुवाद विद्यमान है, तो अनुवाद उस संस्करण में पाए जाने वाले पाठ का उपयोग कर सकते हैं। यदि नहीं, तो अनुवादकों को सुझाव दिया जाता है कि वे ULT के पाठ का अनुसरण करें।

  • "अँधेरे कुण्डों में डाल दिया ताकि न्याय के दिन तक बंदी रहें"(2:4)। कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में इस प्रकार है, ""न्याय के होने तक गहरे अन्धकार के गर्त में रखे जाएं"
  • "जब वे तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी और से प्रेम भोज करके भोग-विलास करते हैं" (2:13)। कुछ हस्तलिपियों में इस प्रकार है,"वे प्रेम भोज में तुम्हारे साथ सहभागी होकर वे अपने कृत्यों का आनंद लेते हैं"
  • "बओर" (2:15)। कुछ अन्य हस्त्लिप्यों में इस प्रकार है, "बिओर"
  • ""तत्व बहुत ही तप्त होकर पिघल जाएंगे और पृथ्वी और उसके काम जल जाएंगे"(3:10)। अन्य हस्त्ल्पियों में इस प्रकार है, "तत्व आग से जलाए जाएंगे, और पृथ्वी और उसके कर्मों को जला दिया जाएगा।"

(देखें: लेखों के भेद)

2 Peter 1

2 पतरस 01 निर्विशेष टिप्पणियाँ

रचना एवं विन्यास शैली 

1. प्रस्तावना (1:1-2)

2. ईश्वरभक्ति का जीवन जीने का स्मरण पत्र क्योंकि परमेश्वर ने हमें इसमें सक्षम किया है (1:3-15) 3. प्रेरितों की शिक्षाओं की सच्चाई का स्मरण पत्र (1:16-21) 

पतरस इस पत्र के आरम्भ में - 1:1-2 में अपना नाम प्रकट करता है और जिनको वह पत्र लिखता है उनकी पहचान को भी प्रकट करता है, साथ ही वह अभिवादन करता है| यह उस युग के पत्र लेखन का विशिष्ट रूप था| 

इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

परमेश्वर का ज्ञान

परमेश्वर का अनुभवात्मक ज्ञान होने का अर्थ है, उसके होना या उसके साथ सम्बन्ध में अवस्थित रहना| यहाँ "पहचान" का अर्थ है, परमेश्वर के बारे में बौद्धिक ज्ञान मात्र से अधिक। यह, उस व्यक्तिगत सम्बन्ध का ज्ञान है जिसके अंतर्गत परमेश्वर मनुष्य का उद्धार करता है और उसको अनुग्रह एवं शान्ति प्रदान करता है। (देखें: जानना, जानता है, जानता था, जानना, ज्ञान, ज्ञात, प्रकट करना, ज्ञात करता है, ज्ञात करता है, अज्ञात, पहले से जानना, पूर्वज्ञान)

ईश्वर परायण जीवन शैली 

पतरस सिखाता है कि परमेश्वर ने विश्वासियों को ईश्वर परायण जीवन जीने के लिए सब आवश्यकताओं की पूर्ति की है। इसलिए, विश्वासियों को परमेश्वर का अधिकाधिक आज्ञापालन करने का  यथासंभव प्रयास करना आवश्यक है। यदि विश्वासियों ने ऐसा करते रहेंगे तो वे यीशु के साथ अपने सम्पूर्ण जीवन में प्रभावी और फल्वंत रहेंगे। परन्तु, यदि  विश्वासी ईश्वर परायण जीवन जीना अनवरत नहीं रखते हैं तो वह ऐसा है कि जैसे वे भूल गए कि परमेश्वर ने यीशु के माध्यम से उनके उद्धार के लिए क्या किया है। (देखें: धर्मी, भक्ति और बचाना, बचाया, सुरक्षित, उद्धार)

इस अध्याय में अनुवाद की अन्य संभावित कठिनाइयाँ

पवित्रशास्त्र का सत्य

पतरस सिखाता है कि पवित्रशास्त्र में भविष्यद्वाणियाँ मनुष्यों द्वारा नहीं गढ़ी गई थीं। पवित्र आत्मा ने उन लोगों पर परमेश्वर का संदेश प्रकट किया जिन्होंने उसे सुनाया था या लिखा था। यह भी कि पतरस और अन्य प्रेरितों ने मनुष्यों को जो वृत्तांत सुनाए वे मनगढ़ंत कहानियाँ नहीं थीं। उन्होंने यीशु के कामों को अपनी आँखों से देखा था और सुना कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा था|

2 Peter 1:1

Σίμων Πέτρος

उस संस्कृति में पत्र के लेखक पहले अपना नाम प्रकट करते थे और अपने लिए तृतीय पुरुष रूप काम में लेते थे| यदि आपकी भाषा में यह उलझन का कारण हो तो आप प्रथम पुरुष रूप काम में ले सकते हैं| यदि आपकी भाषा में पत्र के लेखक की पहव्हान की अपने ही शैली है तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "मैं, शमौन पतरस यह पत्र लिखता हूँ" या "शमौन पतरस की और से" (देखें: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष)

δοῦλος καὶ ἀπόστολος Ἰησοῦ Χριστοῦ

इस वाक्यांश में शमौन पतरस के बारे में अतिरिक्त जानकारी दी गई है| वह अपने बारे में कहता है कि वह यीशु मसीह का दास है और मसीह का प्रेरित होने का अधिकार भी प्राप्त कर चुका है। (देखें: सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना)

τοῖς ἰσότιμον ἡμῖν λαχοῦσιν πίστιν

उन लोगों ने विश्वास प्राप्त किया है इसका अभिप्रेत अर्थ हियो, परमेश्वर ने उन को वह विश्वास दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन लोगों को जिन्हें परमेश्वर ने हमारे तुल्य विश्वास दिया है" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना )

τοῖς…λαχοῦσιν

उस संस्कृति में, अपना नाम प्रकट करने के बाद पत्र के लेखक प्राप्तिकर्ताओं का उल्लेख करते थे और उनको तृतीय पुरुष में दर्शाते थे| यदि आपकी भाषा में यह उलझन का कारण हो तो आप द्वितीय पुरुष का उपयोग कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "तुमको जिन्होंने ... प्राप्त किया है" (देखें: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष)

ἡμῖν

यहाँ हम शब्द पतरस और अन्य प्रेरितों को संदर्भित करता है न कि पात्र के प्राप्तिकर्ताओं को| वैकल्पिक अनुवाद: "जितना हम प्रेरितों ने प्राप्त किया है" (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’ )

Σίμων Πέτρος

शमौन पतरस एक पुरुष का नाम है| वह यीशु का शिष्य था| उसके विषय जानकारी हेतु देखें 2 पतरस: प्रस्तावना, भाग 1. (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

τοῖς ἰσότιμον…λαχοῦσιν πίστιν

यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इस भाववाचक संज्ञा शब्द, विश्वास में निहित विचार का अनुवाद "भरोसा" या विश्वास करना" जैसी क्रियाओं के द्वारा कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "उनकू जिन्हें परमेश्वर ने विश्वास करने हेतु ठहराया है" या "उनको जिन्हें परमेश्वर ने आस्था का आत्मा दिया है" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

ἐν δικαιοσύνῃ

यह शब्द, द्वारा उस माध्यम का संकेत देता है जिससे होकर उन्होंने विश्वास प्राप्त किया है|वैकल्पिक अनुवाद: "धार्मिकता के माध्यम से"

δικαιοσύνῃ τοῦ Θεοῦ ἡμῶν καὶ Σωτῆρος

यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इस भाववाचक संज्ञा शब्द, धार्मिकता में निहित विचार का अनुवाद विशेषण शब्दों, जैसे "धर्मी" या "न्यायोचित" द्वारा कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "हमारे परमेश्वर और उद्धारक के न्यायोचित कृत्यों के माध्यम से" या "हमारे परमेश्वर और उद्धारक की धर्मी शैली के द्वारा" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

2 Peter 1:2

χάρις…καὶ εἰρήνη πληθυνθείη

परमेश्वर ही है जो विश्वासियों को अनुग्रह और शान्ति देगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर अपने अनुग्रह और शान्ति में वृद्धि करे"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना )

χάρις…καὶ εἰρήνη πληθυνθείη

पतरस अनुग्रह और शान्ति को ऐसे व्यक्त करता है कि जैसे वे आकार और संख्या में बढ़ सकते हैं| यदि आपकी भाषा में यह उलझन का कारण हो तो आप किसी और रूपक का प्रयोग कर सकते है जिसका अर्थ हो कि वे बढ़ सकते हैं या साधान भाषा काम में ले सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "परमेश्वर अपना अनुग्रह और अपनी शांति को बढाता जाए" (देखें: रूपक )

ἐν ἐπιγνώσει τοῦ Θεοῦ, καὶ Ἰησοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν

यदि आप यहाँ भाववाचक संज्ञा का उपयोग नहीं कर पाते हैं तो आप पहचान शब्द का अनुवाद क्रिया पदबंध में कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "क्योंकि तुम परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु को जानते हो" (देखें: भाववाचक संज्ञा )

χάρις ὑμῖν καὶ εἰρήνη πληθυνθείη

उस संस्कृति में पत्र के लेखक पत्र की विषयवस्तु के समावेश से पूर्व प्राप्तिकर्ताओं को शुभ कामनाएं देते थे| अपनी भाषा में ऎसी शल्य को काम में लें जिससे प्रकट हो कि यह अभिवादन एवं आशीर्वाद है| वैकल्पिक अनुवाद: "परमेश्वर तुम पर कृपा के कर्मों की बहुतायत करे और तुम्हे शान्ति दे" (देखें: INVALID translate/translate-blessing)

χάρις ὑμῖν καὶ εἰρήνη πληθυνθείη

यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इन भाववाचक संज्ञा शब्दों, अनुग्रह और शांति में निहित विचारों का अनुवाद समानार्थक अभिव्यक्तियों द्वारा कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "परमेश्वर अपनी कृपा कृत्यों को तुम पर अधिकाधिक बरसाए और तुमको शांति की आत्मा प्रदान करे"(देखें: भाववाचक संज्ञा)

ὑμῖν

(See: तुम के प्रारूप)यहाँ तुम शब्द बहुवचन में है क्योंकि पतरस यीशु के विश्वासियों के समुदाय को पत्र लिख रहा है| सामान्यतः, इस सम्पूर्ण पत्र में ये सर्वनाम शब्द, तुम और तुम्हारे शब्द बहुवचन में हैं जिसका कारण भी यही है| (देखें: तुम के प्रारूप)

ἐν ἐπιγνώσει τοῦ Θεοῦ, καὶ Ἰησοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν

इसके अर्थ हो सकते हैं: (1) हमारे परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु की जानने के कारण" या (2)परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु को जानने के द्वारा"

τοῦ Κυρίου ἡμῶν

यहाँ हमारे प्रभु से अभिप्राय है, "वह मनुष्य जो हमारा स्वामी है" या वह मनुष्य जो हम पर प्रभुता करता है"(देखें: स्वत्वबोधन)

2 Peter 1:3

ὡς…ἡμῖν τῆς θείας δυνάμεως αὐτοῦ…δεδωρημένης

यहाँ, क्योंकि शब्द से संकेत मिलता है कि इस पद में अपेक्षित परिणाम का कारण दिया गया है जो 1:5–7में पतरस का आदेश है| वैकल्पिक अनुवाद: "क्योंकि उसके अलौकिक सामर्थ्य ने हमको दे दिया है" (देखें: संयोजक - कारण और परिणाम संबंध)

πρὸς ζωὴν καὶ εὐσέβειαν

यहाँ भक्ति शब्द जीवन का वर्णन करता है। वैकल्पिक अनुवाद: "ईश्वर परायण जीवन के लिए" (देखें: हेन्डियडिस )