हिन्दी, हिंदी (Hindi): translationNotes

Updated ? hours ago # views See on DCS Draft Material

Luke

Luke front

लूका के सुसमाचार का परिचय

भाग 1: सामान्य परिचय

लूका की पुस्तक की रूपरेखा

1। लेखन का परिचय और उद्देश्य (1:1-4) 1। यीशु का जन्म और सेवा के लिए उसकी तैयारी (1:5 - 4:13) 1। गलील में यीशु की सेवा (4:14–-9:50) 1। यरूशलेम की ओर यीशु की यात्रा - शिष्यता (9:51 - 11:13) - संघर्ष और यीशु का दुख (11:14 - 14:35) - खोई और पाई गई वस्तुओं के बारे में दृष्टांत। ईमानदारी और बेईमानी के बारे में दृष्टांत (15:1–-16:31) - परमेश्वर का राज्य (17:1–-19:27) - यरूशलेम में यीशु का प्रवेश (19:28–-44) 1. यरूशलेम में यीशु (19:45 - 21:4) 1. यीशु का उसके दूसरे आगमन के बारे में शिक्षा देना (21:5–-36) 1. यीशु की मृत्यु, गाडा जाना, और पुनरुत्थान (22:1–-24:53)

लूका का सुसमाचार किस के बारे में है?

लूका का सुसमाचार नए नियम की चार पुस्तकों में से एक है, जो यीशु मसीह के जीवन में से कुछ का वर्णन करती है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन था और उसने क्या किया। लूका ने थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति के लिए अपना सुसमाचार लिखा था। लूका ने यीशु के जीवन का सटीक वर्णन लिखा ताकि थियुफिलुस सत्य के बारे में निश्चित् हो सके। यद्यपि, लूका ने थियुफिलुस से नहीं वरण सभी विश्वासियों को अपने सुसमाचार के द्वारा उत्साहित होने की अपेक्षा की है।

इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारम्परिक शीर्षक से पुकारे जाना चुन सकते हैं, ""लूका रचित सुसमाचार ""या"" लूका के अनुसार लिखा हुआ सुसमाचार। "" या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो अत्याधिक स्पष्ट हो सकता है, उदाहरण के लिए, ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे लूका ने लिखा था।"" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

लूका की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यह वही व्यक्ति है जिसने प्रेरितों के काम की पुस्तक को भी लिखा है। प्रेरितों के काम की पुस्तक के कुछ भागों में लेखक ""हम"" शब्द का प्रयोग करता हैं। यह संकेत देता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की थी। अधिकांश विद्वानों का यह मानना है यह व्यक्ति लूका ही था जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, आरम्भिक मसीही समय के दिनों से ही, अधिकांश मसीहियों ने यह सोचा है कि लूका ही लूका की पुस्तक और प्रेरितों के काम की पुस्तक दोनों का लेखक था।

लूका एक चिकित्सक अर्थात् डॉक्टर था। उसके लेखनकार्य के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह शायद एक अन्यजति था। शायद लूका ने जो कुछ यीशु ने कहा और किया वह नहीं देखा था। परन्तु वह कहता है कि उसने कई ऐसे लोगों से बात की जिन्होंने उसे देखा था

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणा

लूका के सुसमाचार में महिलाओं की भूमिका क्या है?

लूका ने महिलाओं को अपने सुसमाचार में बहुत ही सकारात्मक तरीके से वर्णित किया। उदाहरण के लिए, वह अक्सर महिलाओं को अधिकांश पुरुषों की तुलना में परमेश्वर के प्रति अधिक विश्वासयोग्य दिखाता है। (देखें: विश्वासयोग्य, विश्वासयोग्यता)

लूका ने यीशु के जीवन के अन्तिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखा है?

लूका ने यीशु के अन्तिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा है। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अन्तिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: पाप, पापी, पापी, पाप करते रहना)

भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है, क्योंकि उनके कई प्रसंग एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या लगभग दो या तीनों सुसमाचारों के जैसे होते हैं। समानांतर प्रसंगो का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्द का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासंभव एक जैसा रखना चाहिए।

यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में संदर्भित क्यों करता है?

सुसमाचार में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7: 13-14 का सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदैव के लिए जातियों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के लिए भी शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं को यह समझने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: मनुष्य का पुत्र, मनुष्य का पुत्र)

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक इसके लिए शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मानव।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

लूका की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

ये निम्नलिखित वचन सबसे पुरानी पाण्डुलिपियों में नहीं मिलते हैं। यूएलटी और यूएसटी अनुवाद में इन वचनों को सम्मिलित किया गया है, परन्तु कुछ अन्य अनुवाद में ये नहीं हैं।

  • ""फिर स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूंदों के समान भूमि पर गिर रहा था।"" (22:43–44) *"" यीशु ने कहा, ""हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।"" (23:34)

निम्नलिखित वचन कई आधुनिक अनुवादों में सम्मलित नहीं है। कुछ अनुवाद इसे वर्गाकार कोष्ठक में डाल देते हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे इस वचन का अनुवाद न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने अनुवाद हैं जिनमें यह वचन सम्मिलित है, अनुवादक इसे सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो इन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([]) के भीतर रखा जाना चाहिए ताकि यह इंगित किया जा सके कि यह शायद लूका के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

  • ""पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था"" (23:17)

    (देखें: लेखों के भेद)

Luke 1

लूका 01 सामान्य टिप्पणियाँ

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए कविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 1: 46-55, 68-79 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है।

इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

""उसे यूहन्ना पुकारा जाएगा""

प्राचीन निकट पूर्व में अधिकांश लोग एक बच्चे को उनके परिवार में से ही किसी के जैसा नाम देते थे। लोग आश्चर्यचकित थे कि एलीशिबा और जकर्याह ने अपने पुत्र को यूहन्ना नाम दिया क्योंकि उसके नाम जैसा उनके परिवार में कोई और नहीं था।

इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

लूका की भाषा सरल और सीधा है। वह भाष्य के लिए कई पात्रों का उपयोग नहीं करता है।

Luke 1:1

लूका व्याख्या करता है कि उसने थियुफिलुस को क्यों लिखा था।

περὶ τῶν πεπληροφορημένων ἐν ἡμῖν πραγμάτων

उन बातों के बारे में जो हमारे बीच में बीती हैं या ""उन घटनाओं के बारे में जो हमारे बीच हुए हैं

ἐν ἡμῖν

कोई भी सुनिश्चित नहीं है कि थियुफिलुस कौन था। यदि वह एक मसीही था, तो यहाँ ""हम"" शब्द उसे सम्मिलित करेगा और इसलिए वह इसमें समावेशी होगा, और यदि नहीं, तो यह बाहर होगा। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’ और विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’)

Luke 1:2

οἱ…αὐτόπται…γενόμενοι

एक ""प्रत्यक्षदर्शी"" वह व्यक्ति होता है जिसने कुछ घटित होते हुए देखा हो, और वचन का एक सेवक वह व्यक्ति होता है जो लोगों को परमेश्वर का संदेश बताकर परमेश्वर की सेवा करता है। आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि वे वचन के सेवक कैसे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्या घटित हुआ था और लोगों को परमेश्वर का संदेश बताकर परमेश्वर की सेवा की"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ὑπηρέται…τοῦ λόγου

शब्द ""वचन"" कई शब्दों से बने संदेश के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""संदेश के सेवक"" या ""परमेश्वर के संदेश के सेवक"" (देखें: उपलक्षण अलंकार)

Luke 1:3

παρηκολουθηκότι ἄνωθεν πᾶσιν ἀκριβῶς

ध्यान से शोध किया हुआ। लूका वास्तव में क्या घटित हुआ इसे पता लगाने के लिए सावधान था। उसने शायद विभिन्न लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या घटित हुआ था बात की थी जिन्होंने देखा था कि जिन घटनाओं के बारे में उसने लिखा है वे सही थी।

κράτιστε Θεόφιλε

लूका ने ऐसा थियुफिलुस को सम्मान देने और आदर दिखाने के लिए कहा। इसका अर्थ यह हो सकता है कि थियुफिलुस एक महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी था। इस भाग में उस शैली का उपयोग करना चाहिए जो आपकी संस्कृति उच्च पदवी वाले लोगों को सम्बोधित करने के लिए उपयोग करती है। कुछ लोग आरम्भ में ही इस अभिभादन को लिखना पसन्द कर सकते हैं और कह सकते हैं, ""कि... थियुफिलुस ""या"" प्रिय ... थियुफिलुस

κράτιστε

सम्मानीय और ""कुलीन

Θεόφιλε

इस नाम का अर्थ ""परमेश्वर का मित्र"" है। यह इस व्यक्ति के चरित्र का वर्णन कर सकता है या हो सकता है कि यही उसका वास्तविक नाम हो। अधिकांश अनुवादों में यह एक नाम के रूप में है। (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

Luke 1:5

जकर्याह और एलीशिबा को परिचित कराया गया है। ये वचन उनके बारे में पृष्ठभूमि की सूचनाओं को प्रदान करते हैं। (देखें: पृष्ठभूमि की जानकारी)

स्वर्गदूत यूहन्ना के जन्म की भविष्यद्वाणी करता है।

ἐν ταῖς ἡμέραις Ἡρῴδου βασιλέως τῆς Ἰουδαίας

वाक्यांश ""के समय में"" का प्रयोग एक नई घटना को इंगित करने के लिए किया जाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उस समय के दौरान जब राजा हेरोदेस ने यहूदिया पर शासन किया"" (देखें: नर्इ घटनाओं का परिचय)

ἐγένετο…ἱερεύς τις

एक विशेष व्यक्ति था या ""एक था।"" यह एक कहानी में एक नए पात्र को प्रस्तुत करने का एक तरीका है। विचार करें कि आपकी भाषा में इसे कैसे व्यक्त किया जाता है। (देखें: नए एवं पुराने सहभागियों का परिचय)

ἐξ ἐφημερίας Ἀβιά

यह समझा जाता है कि यह याजकों को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""याजकों का मंडल"" या ""याजकों का समूह"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

Ἀβιά

जो अबिय्याह के वंश से आया था। अबीय्याह याजकों के इस समूह का पूर्वज था और वे सभी हारून के वंश से आए थे, जो इस्राएल का पहला याजक था।

ἐκ τῶν θυγατέρων Ἀαρών

उसकी पत्नी हारून के वंश से आई थी। इसका अर्थ है कि वह जकर्याह याजकों के वंश से ही थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी पत्नी हारून के वंश की थी,"" या ""जकर्याह और उसकी पत्नी एलीशिबा दोनों ही हारून के वंश से आए थे"" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

γυνὴ αὐτῷ ἐκ τῶν θυγατέρων Ἀαρών

हारून के वंश से

Luke 1:6

ἐναντίον τοῦ Θεοῦ

परमेश्वर की दृष्टि में या ""परमेश्वर के विचार में

πάσαις ταῖς ἐντολαῖς καὶ δικαιώμασιν τοῦ Κυρίου

सब कुछ जिसका परमेश्वर ने आदेश दिया था और जो आवश्यक था