हिन्दी, हिंदी (Hindi): translationNotes

Updated ? hours ago # views See on DCS Draft Material

Philippians

Philippians front

फिलिप्पियों: प्रस्तावना 

भाग 1: सामान्य परिचय

फिलिप्पियों की पुस्तक की रूपरेखा

1 अभिवादन, धन्यवाद और प्रार्थना (1:1-11) 

2. पौलुस द्वारा अपनी सेवा का विवरण (1:12-26) 

3. निर्देश 

        दृढ़ रहना(1:27-30)

  • एकजुट होना (2:1-2)
  • दीन बनना (2:3-11)
  • तुम में क्रियाशील परमेश्वर के साथ अपने उद्धार का कार्य पूरा करो (2:12-13)
  • ज्योति और निर्दोष होना, और ज्योति के सदृश्य चमकना (2:14-18) 
  • 4. तीमुथियुस और इपफ्रुदीतुस (2:19-30) 
  • 5. झूठे शिक्षकों के विषय में चेतावनी (3:1-4:1) 
  • 6. व्यक्तिगत निर्देश (4:2-5) 
  • 7. आनन्दित रहें और चिंतित न हों (4:4-6) 
  • 8. अंतिम टिप्पणियाँ
  • मान्यताएं (4:8-9)
  • संतुष्टि (4:10-20)
  • अन्तिम अभिवादन (4:21-23)
फिलिप्पियों की पुस्तक का लेखक कौन है?

यह पत्र पौलुस ने फिलिप्पियों को लिखा था। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने आरंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही को ग्रहण करने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीही विश्वासियों को सताता था। मसीह को ग्रहण करने के बाद, उसने सम्पूर्ण रोमी साम्राज्य में यात्रा करके मनुष्यों में यीशु का प्रचार किया।

रोम के बन्दीगृह में पौलुस ने यह पत्र लिखा।

फिलिप्पियों की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने मकिदुनिया के एक नगर, फिलिप्पी के विश्वासियों को यह पत्र लिखा था। उसने इसे फिलिप्पी के विश्वासियों को, उनके द्वारा भेजी गई भेंट के लिए धन्यवाद देने हेतु यह पत्र लिखा था। वह उन्हें बताना चाहता था कि वह बन्दीगृह मैं उसका हाल कैसा है और वह उन्हें प्रोत्साहित करना चाहता था कि यदि वे दुःख सह रहे हों तो भी आनन्दित रहें। उसने इपफ्रुदितुस नाम के एक व्यक्ति के विषय में भी उन्हें लिखा। यह वह व्यक्ति था जो पौलुस के लिए भेंट लेकर आया था। पौलुस के पास आकर इपफ्रुदीतुस बीमार पड़ गया था। अतः, पौलुस ने उसे वापस फिलिप्पी भेजने का निर्णय लिया। पौलुस ने फिलिप्पी में विश्वासियों को, प्रोत्साहित किया कि जब इपफ्रुदीतुस वापस जाए तो वे उसका स्वागत करें और उसके प्रति दयावान रहें

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक का शीर्षक पारम्परिक रख सकते हैं,"फिलिप्पियों" अथवा वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे "फिलिप्पी की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र," या "फिलिप्पी में मसीही विश्वासियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें )

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

फिलिप्पी नगर कैसा था?

सिकन्दर महान के पिता फिलिप्पुस ने मकिदुनिया के क्षेत्र में फिलिप्पी नगर की स्थापना की थी। इसका अर्थ था कि फिलिप्पी के नागरिकों को रोम के नागरिक भी माना जाता था। फिलिप्पी के लोगों को, रोम के नागरिक होने पर गर्व था। पर पौलुस ने विश्वासियों से कहा कि स्वर्ग के नागरिक होना कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं (3:19).

भाग 3: अनुवाद की महत्वपूर्ण समस्याएँ 

एकवचन और बहुवचन "तुम"

इस पुस्तक में, "मैं" शब्द पौलुस का सन्दर्भ देता है। "तुम" शब्द सदैव ही फिलिप्पी के विश्वासियों का सन्दर्भ देता है, एक सन्दर्भ को छोड़ कर- 4:3. (देखें: तुम के प्रारूप)

इस पत्र में "मसीह के क्रूस के बैरी" (3:18) कौन थे?

"मसीह के क्रूस के बैरी" सम्भवतः वे लोग थे जिन्होंने स्वयं को विश्वासी कहा, पर वे परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं करते थे। उनके विचार में, मसीह में स्वतंत्रता का अर्थ है कि विश्वासी जो कुछ भी वे चाहते हैं, कर सकते हैं और परमेश्वर उन्हें दण्ड नहीं देगा (3:19)।

इस पत्र में "आनन्द" और "आनन्दित रहो" शब्दों का उपयोग बार-बार क्यों किया गया था?

जब पौलुस ने यह पत्र लिखा तब वह बन्दीगृह में था (1:7)। यद्यपि उसने दुःख सहा, उस ने कई बार कहा कि वह आनन्दित है क्योंकि परमेश्वर यीशु मसीह के माध्यम से उसके प्रति दयालु रहा था। वह अपने पाठकों को यीशु मसीह में वैसा ही विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता था। 

इन उक्तियों, "मसीह में", "प्रभु में" द्वारा पौलुस का क्या अभिप्राय है?

ऎसी उक्तियाँ, 1:1, 8, 13, 14, 26, 27; 2:1, 5, 19, 24, 29; 3:1, 3, 9, 14; 4:1, 2, 4, 7, 10, 13, 19, 21में प्रकट होटी है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकट संगति के विचार को व्यक्त करना था। इन उक्केतियों के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

फिलिप्पियों की पुस्तक के मूल पाठ में मुख्य वाद क्या हैं?
  • कुछ संस्करणों में, पत्र के अन्तिम पद (4:23) के अन्त में "आमीन" है। ULT, UST, और अन्य कुछ आधुनिक संस्करणों में इस शब्द को समाहित किया गया है परन्तु अन्य अनेक संस्करण इसको समाहित नहीं करते हैं। (देखें: लेखों के भेद)

Philippians 1

फिलिप्पियों 01 निर्विशेष टिप्पणियाँ

संरचना एवं विन्यास शैली 

पौलुस उस युग के प्रचलित अभ्यास का अनुसरण करता है अर्थात पत्र का आरम्भ करते समय प्रेषकों और प्राप्तिकर्ताओं के नाम लिखना और उस संस्कृति के अनुसार, प्रेषक तदोपरांत प्राप्तिकर्ताओं के लिए शुभ कामना लिकता था| पौलुस मसीही आशीर्वाद देकर ऐसा करता है|

इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं हैं
मसीह का दिन

यह उस दिन को संदर्भित करता है जब मसीह का पुनरागमन होगा। पौलुस प्रायः पवित्र जीवन की प्रेरणा के साथ मसीह के पुनरागमन को जोड़ता है। (देखें: धर्मी, भक्ति)

इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

मिथ्याभास 

मिथ्याभास एक सत्य कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करता प्रतीत होता है। पद 21 का यह कथन,: "मरना लाभ है।" पद 23 में पौलुस बताता है कि यह सच क्यों है। (फिलिप्पियों 1:21)

Philippians 1:1

Παῦλος καὶ Τιμόθεος

पौलुस और तीमुथियुस पुरुषों के नाम हैं| (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ

वैकल्पिक अनुवाद: "मसीह यीशु में एकता"

Philippians 1:2

χάρις ὑμῖν καὶ εἰρήνη

यह अभिवादन और आशीर्वाद है जिसका प्रयोग पौलुस अपने पत्रों के आरम्भ में सदैव करता है| अपनी भाषा में आप ऐसी शैली काम में लें जो दर्शाए कि यह अभिवादन और आशीर्वाद है| वैकल्पिक अनुवाद: "तुम अपने भीतर करुना, कृपा और शांति का अनुभव प्राप्त करो" या "मैं प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हें अनुग्रह, दया और शांति मिले" (देखें: INVALID translate/translate-blessing)

ὑμῖν

यहाँ, तुम्हें शब्द फिलिप्पी के विश्वासियों के लिए है और पौलुस के मूल पत्र की भाषा में बहुवचन में है|एक स्थान को छोड़ कर इस पत्र में सर्वत्र तुम और तुम्हारे शब्द बहुवचन में हैं और फिलिप्पी के विश्वासियों के सन्दर्भ में हैं| यदि आपकी भाषा में एक मनुष्य का लिए प्रयुक्त तू और तेरा शब्द और एक से अधिक के लिए प्रयुक्त इन शब्दों में अंतर है तो आप इस सन्दर्भ में अपनी भाषा में बहुवचन का प्रयोग करें वरन इस पत्र के अन्य सब सन्दर्भों में "तुम" और "तुम्हारे" के लिए भी बहुवचन का प्रयोग करें, केवल 4:3 को छोड़ कर| 4:3 में एकमात्र अपवाद पर टिपण्णी दी गई है| (देखें: ‘तुम’ के रूप - एकवचन)

Πατρὸς ἡμῶν

यदि आपकी भाषा में श्रोताओं को समाहित करने और अपवर्जित करने के लिए भिन्न-भिन्न रूप हैं तो हमारे शब्द के लिए यहाँ वरन सम्पूर्ण पत्र में समावेशी रूप का प्रयोग करें| (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’)

Philippians 1:3

ἐπὶ πάσῃ τῇ μνείᾳ ὑμῶν

यहाँ ""तुम्हें स्मरण करता हूँ"" का अर्थ है, पौलुस प्रार्थना करते समय, जब फिलिप्पियों के विषय में सोचता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हर समय मैं तुम्हारे विषय में सोचता हूँ""

τῷ Θεῷ μου

अपने परमेश्वर का अर्थ यह नहीं है कि परमेश्वर पौलुस का है अपितु यह कि पौलुस परमेश्वर का है| कहने का अर्थ है कि परमेश्वर ही है जिसकी उपासना पौलुस अनन्य रूप से करता है| वैकल्पिक अनुवाद: "वह एकमात्र जो मेरा परमेश्वर है" (देखें: स्वत्वबोधन)

ὑμῶν

देखें कि आपने तुम्हें शब्द का अनुवाद 1:2 में कैसे किया है| इस पत्र में तुम्हें और तुम्हारे का प्रत्येक उपयोग बहुवचन में है और फिलिप्पी के विश्वासियों के सन्दर्भ में है , एकमात्र 4:3 को छोड़ कर जिसके लिए परिचर्चा हेतु टिप्पणी दी गई है| (देखें: ‘तुम’ के रूप - एकवचन)

Philippians 1:5

τῇ κοινωνίᾳ ὑμῶν εἰς τὸ εὐαγγέλιον

यहाँ, यह वाक्यांश, सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहायक फिलिप्पी के विश्वासियों के सन्दर्भ में है जिन्होंने सुसमाचार प्रचार में किए जाने वाले अनेक कामों में पौलुस का साथ दिया था, जैसे उन्होंने पौलुस को आर्थिक भेंट दी थी(देखें 4:15-18). यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इसका सविस्तार वर्णन कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: "सुसमाचार प्रचार की प्रगति में मेरे साथ सहभागिता की" या "यीशु के बारे में शुभ सन्देश फैलाने में मेरे साथ तुम्हारी सहकारीता" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ἐπὶ τῇ κοινωνίᾳ ὑμῶν εἰς τὸ εὐαγγέλιον, ἀπὸ τῆς πρώτης ἡμέρας ἄχρι τοῦ νῦν

यहाँ कारण शब्द का सन्दर्भ हो सकता है: (1) उस कारण से जिसके लिए पौलुस परमेश्वर का धन्यवाद करता है| वैकल्पिक अनुवाद: "पहले दिन से आज तक सुसमाचार में तुम्हारी सहभागिता के लिए मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ" (2) पौलुस के आनंद के कारण से

ὑμῶν

यहाँ यह शब्द, तुम बहुवचन में है और फिलिप्पी के विश्वासियों के सन्दर्भ में है| इस पत्र में एक स्थान को छोड़ कर तुम और तुम्हारे शब्द बहुवचन में है और सदैव फिलिप्पी के विश्वासियों के सन्दर्भ में हैं| यदि आपकी भाषा में "तुम" और "तुम्हारे का प्रयोग एक मनुष्य के लिए और अधिक अमनुष्यों के लिए भिन्न भिन्न रूपों में हो तो आप 4:3 को छोड़ कर इस सम्पूर्ण पत्र में जहां जहां भी "तुम" और 'तुम्हारा" शब्द आते हैं वहाँ वहाँ बहुवचन का प्रयोग करें| एकमात्र अपवाद जो [4:3] (../04/03.md) में है उस पर टिप्पणी दी गई है| (देखें: ‘तुम’ के रूप - एकवचन)

ἀπὸ τῆς πρώτης ἡμέρας

पहले दिन से का सन्दर्भ उस समय से है जिस समय पौलुस द्वारा सुनाए गए सुसमाचार पर फिलिप्पी के विश्वासियों ने आरम्भ में विओश्वास किया था| हो सकता है कि यह पहला दिन ही था जब पौलुस ने फिलिप्पी नगर में प्रचार किया था| वैकल्पिक अनुवाद: "जिस समय से तुमने मेरे द्वारा सुनाए गए सुसमाचार पर विश्वास किया था" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ἄχρι τοῦ νῦν

आज तक का अर्थ यह नहीं कि फिलिप्पी के विश्वासियों ने पौलुस के सात सहभागिता का त्याग कर दिया था अपितु यह कि वे एबीएन भी पौलस के साथ सहभागिता में थे| वैकल्पिक अनुवाद: "जिसको हम अब तक साझा करते हैं" (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/hi _ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])

Philippians 1:6

πεποιθὼς αὐτὸ τοῦτο

मुझे इस बात का भरोसा है , इस उक्ति से उस कारण का संकेत मिलता है जिसके लिए पौलुस परमेश्वर को धन्यवाद देता है| यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इसका सुस्पष्ट वर्णन कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद:" "मैं परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ क्योंकि मैं इस एकमात्र बात पर पूर्ण आश्वस्त हूँ" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ὁ ἐναρξάμενος ἐν ὑμῖν ἔργον ἀγαθὸν, ἐπιτελέσει

यहाँ, जिसने शब्द का सन्दर्भ परमेश्वर से है| यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इसको सुव्यक्त कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "कि परमेश्वर ने जो तुम में भला काम आरम्भ किया है, उसको वह संपन्न भी करेगा" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ὅτι ὁ ἐναρξάμενος ἐν ὑμῖν ἔργον ἀγαθὸν

तुम में अछा काम का सन्दर्भ फिलिप्पी के विश्वासियों में का प्रारम्भिक मन परिवर्तान और पवित्र आत्मा के द्वारा उनके जीवनों में परमेश्वर का अनवरत कार्य| यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इसको सुपष्ट कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "कि परमेश्वर ने तुम में मन फिराव के समय जिस अछे काम को आरम्भ किया है उसको वह पवित्र आत्मा के कार्य द्वारा करता जा रहा है" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ὑμῖν

देखें कि आपने इस शब्द, तुम का अनुवाद फिलिप्पियों 1:2.में कैसे किया है|

ἐπιτελέσει

पूरा करेगा से यहाँ तात्पर्य है, परमेश्वर उस कार्य को संपन्न करेगा जो उसने फिलिप्पी के विश्वासियों के जीवनों में मन फिराव के दिन आरम्भ किया था और आज भी कर रहा है| यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो सके तो आप इसका सुस्पष्ट अनुवाद कर सकते हैं| (See: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

ἡμέρας Χριστοῦ Ἰησοῦ

यीशु मसीह के दिन का सन्दर्भ उस समय से हैं जब मसीह यीशु इस संसार का न्याय करने और विश्वासियों को बचाने के लिए पुनः आएगा| यदि आपकी भाषा में स्पष्ट हो तो आप इसको सुस्पष्ट व्यक्त कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "जिस समय मसीह यीशु लौट कर आएगा" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)