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Nehemiah

Nehemiah front

नहेम्याह: प्रस्तावना

भाग 1: निर्विशेष भूमिका

नहेम्याह की पुस्तक की रूपरेखा
  1. नहेम्याह लौट कर यरूशलेम अता है और शहरपनाह का निरीक्षण करता है (1:1-2:20)
  2. लोग यरूशलेम की शहरपनाह का पुनरुद्धार करते हैं (3:1-4:23)
  3. नहेम्याह गरीबों की सहायता करता है और निःस्वार्थ जीवन का उदाहरण प्रस्तुत करता है (5:1–19) 4.क्षत्रु कार्य में बाधा डालते हैं, परन्तु वे लोग शहरपनाह को अंततः पूरा ही बना लेते हैं (6:1–19)
  4. नहेम्याह निर्वासन से लौटे हुए लोगों की सूची तैयार करता है (7:6–73)
  5. एज्रा यहोवा की व्यवस्था पढ़ कर सुनाता है और लोग प्रतिक्रया दिखाते हैं (8:1-10:39)
  6. नहेम्याह यरूशलेम में और यरूशलेम के आस पास रहने वालों की सूची तैयार करता है (11:1–36)
  7. नहेम्याह याजकों और लेवीयों की सूची तैयार करता है (12:1–26)
  8. लोग यरूशलेम की शहरपनाह का समर्पण करते हैं (12:27–47)
  9. नहेम्याह समस्याओं का निवारण करता है (13:1–31)
नहेमायाह की पुस्तक का विषय क्या है?

नहेम्याह नामक एक यहूदी फारस में रहता था और राजा अर्तक्षत्र का सेवक था| नहेम्याह को समाचार मिला कि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी पडी है| नहेम्याह यरूशलेम लौटा कि शहरपनाह के पुनः निर्माण में सहायता करे| शहरपनाह सेनाओं और घुसपैठियों से नगर की रक्षा करने में सहायक सिद्ध होती थी|

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे करें?

नहेम्याह की पुस्तक एक यहूदी अगुवे, नहेम्याह के नाम पर नामांकित है| अनुवादक इस पारंपरिक नाम, "नहेम्याह" को ही रख सकते हैं या वे और भी अधिक पूर्ण शीर्षक का चयन कर सकते हैं, जैसे, "नहेम्याह के बारे में पुस्तक|" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक अवधारणाएं

इस्राएलियों को अन्य जातियों में विवाह करने की अनुमति क्यों नहीं थी?

अन्य जातियां अनेक झूठे देवी-देवताओं की पूजा करती थीं| यहोवा ने अपनी प्रजा को अन्य जातियों में विवाह करने की अनुमति नहीं दी थी| वह जानता था कि ऐसा होने पर इस्राएली झूठे देवी-देवताओं की पूजा करने लगेंगे (देखें: देवता, झूठे देवता, देवियाँ, मूर्ति, मूर्तिपूजक, मूर्ति पूजा)

क्या सब इस्राएली अपनी मातृभूमि को लौट आए थे?

अनेक यहूदी प्रतिज्ञा के देश में लौट कर आने की अपेक्षा बेबीलोन में ही रहा गए थे| उनमें से अनेक बेबीलोन में सफल हो गए थे इसलिए उन्होंने वहीं रुक जाने का निर्णय ले लिया था| अतः इसका अर्थ यह हुआ कि वे अपने पूर्वजों के सदृश्य यरूशलेम में यहोवा की आराधना करने के योग्य नहीं रहे थे| (देखें: प्रतिज्ञा का देश)

भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण

नहेम्याह की पुस्तक में "इस्राएल" शब्द का उपयोग कैसे किया गया है?

नहेम्याह की पुस्तक में "इस्राएल" शब्द का उपयोग यहूदा राज्य के सन्दर्भ में किया गया है| वह अधिकाँश रूप से यहूदा और बिन्यामीन के गोत्रों का राज्य था| अन्य दस गोत्रों ने तो दाऊद के वंश से उदय होने वाले राजाओं के साथ स्वामिभक्ति का अंत कर दिया था| परमेश्वर ने उन दस गोत्रों को अश्शूरों के हाथों पराजित होने दिया था| वे तो लगभग 275 वर्ष पूर्व ही अश्शूरों द्वारा विस्थापित कर दी गए थे| इसके परिणामस्वरूप वे अन्य जातियों में मिल गए और इस्राएल देश नहीं लौटे| (देखें: इस्राएल, इस्राएली)

नहेम्याह की पुस्तक में जिन घटनाओं का वर्णन है क्या वे उसी क्रम में घटी थीं जिस क्रम में उनका वर्णन किया गया है?

नहेम्याह की पुस्तक में कुछ घटनाओं का वर्णन जिस क्रम में किया गया है वह उनके घटने के वास्तविक क्रम से भिन्न है, अतः उन घटनाओं को उनके प्रसंग के अनुसार समूह में रखा जा सकता है| अनुवादकों को टिप्पणियों पर ध्यान देना आवश्यक है जो उनकी कालक्रम आधारित अव्यवस्था की और संकेत करती हैं|

Nehemiah 1

नहेम्याह 01 निर्विशेष टिप्पणियाँ

रचना एवं आरूपण

“हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के वचन”

यह वाक्यांश इस सम्पूर्ण पुस्तक की भूमिका बांधता है|

इस अध्याय में विशिष्ठ अवधारणाएं

प्रायश्चित

यह अध्याय इस्राएलियों के निमित्त नहेम्याह के प्रायश्चित एक लंबा लेखा है| (देखें: मन फिराना, (पश्चाताप),मन फिराव)

इस अध्याय में अनुवाद की अन्य संभावित समस्याएँ|

मैं

Iइस पुस्तक में, "मैं" शब्द सदैव ही नहेम्याह के सन्दर्भ में है|

इस्राएल

इस पुस्तक में, "इस्राएल" शब्द संभवतः उत्तरी राज्य इस्राएल के सन्दर्भ में नहीं है और न ही यह शब्द इस्राएल के बारह गोत्रों के सन्दर्भ में प्रतीत होता है| इसकी अपेक्षा, यह इस्राएल अर्थात, दक्षिणी राज्य,  यहूदा के बचे हुए लोगों के सन्दर्भ में होने की अधिक संभाना रखता है| नहेम्याह के समय में, ये लोग यहूदा और बिन्यामीन के गोत्रों से थे जो 586 ई.पू. में बेबीलोनियों के द्वारा यरूशलेम के ध्वंस किए जाने के बाद बच गए थे और इनमें से अनेकों को विस्थापित करके बेबीलोन ले जाया गया था| अन्य गोत्रों को तो पहले ही सम्पूर्ण मध्य एशिया में विसर्जित कर दिया गया था जहां उनमें से अधिकाँश लोग अपनी इस्राएली पहचान से वंचित हो गए थे|

Nehemiah 1:1

נְחֶמְיָ֖ה בֶּן־חֲכַלְיָ֑ה

नहेम्याह एक पुरुष का नाम है और हकल्याह उसके पिता का नाम है| (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

וַ⁠יְהִ֤י

ऐतिहासिक वृत्तांत आरम्भ करने का यह एक सर्वनिष्ठ रूप है| किसी सत्य घटना को आरम्भ करने के लिए व्यावहारिक विधि काम में लें| वैकल्पिक अनुवाद: "मरी कहानी आरम्भ होती है" (देखें: नर्इ घटनाओं का परिचय)

בְ⁠חֹֽדֶשׁ־כִּסְלֵיו֙

किसलेव इब्रानी कैलेण्डर का नौंवा महीना है| (देखें: इब्रानी महीने)

שְׁנַ֣ת עֶשְׂרִ֔ים

यह अर्तक्षत्र के राज्यकाल के वर्षों की संख्या के सन्दर्भ में है| आप स्पष्टता हेतु इस जानकारी को समाहित कर सकते हैं| अधिकाँश विद्वानों के मतानुसार यह वर्ष, 445 ई.पू. का है| वैकल्पिक अनुवाद: "फारस के राजा, अर्तक्षत्र के राज्य काल के बीसवें वर्ष में" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

בְּ⁠שׁוּשַׁ֥ן הַ⁠בִּירָֽה

राजगढ़ एक सुरक्षित दृढ गढ़ या महाल होता था जो सामान्तः नगर के मध्य होता था, इस स्थिति में जिस नगर में यह किला था वह भी शूशन कहलाता था क्योकी नगर राजगढ़ से सम्बंधित था|क्योंकि यहाँ फारस का राजा रहता था इसलिए यह उस साम्राज्य की राजधानी थी|| वैकल्पिक अनुवाद: "शूशन राजधानी" (देखें: लक्षणालंकार)

בְּ⁠שׁוּשַׁ֥ן

यह फारस के राजाओं का राजसी नगर था| (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

הַ⁠בִּירָֽה

इसका अर्थ है, "किला," या "राजमहल," या "दृढ़ गढ़|" ये प्रायः नगर के मध्य होते थे और इनमें राजा निवास करते थे| (देखें: अज्ञात का अनुवाद)

Nehemiah 1:2

חֲנָ֜נִי

यह एक पुरुष का नाम है| (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

חֲנָ֜נִי אֶחָ֧ד

इस पुस्तक में भाई शब्द अधिकतर लाक्षणिक प्रयोग में है परन्तु यहाँ सर्वसंभावना में हनानी नहेम्याह का निजि भाई प्रतीत होता है|

ה֥וּא וַ⁠אֲנָשִׁ֖ים

यह एक प्रतिनिधि मंडल था जो संसार के एक दूरस्थ भाग में एक यहूदी समुदाय से भेंट करने के लिए दुसरे यहूदी समुदाय से आया था| अतः संभावना है की इस प्रतिनिधि मंडल में स्त्रियाँ भी थीं| वैकल्पिक अनुवाद: "कुछ एनी लोगों के साथ" (देखें: जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं)

מִֽ⁠יהוּדָ֑ה

यहूदा पूर्वकाल में इस्राएल का दक्षिणी राज्य था| अब यह राज्य फारस का एक प्रांत था| वैकल्पिक अनुवाद: "यहूदा प्रान्त" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

הַ⁠יְּהוּדִ֧ים הַ⁠פְּלֵיטָ֛ה אֲשֶֽׁר־נִשְׁאֲר֥וּ מִן־הַ⁠שֶּׁ֖בִי

इन दोनों वाक्यांशों के अर्थ एक ही हैं|नहेम्याह इनका संयोजित उपयोग इसलिए करता है कि लोगों के एक विशिष्ट समूह का स्पष्ट वर्णन किया जा सके, और संभवतः उनके लिए विशेष चिंता प्रकट की जाए| यदि आपके पाठकों के लिए उलझन उत्पन्न हो तो आवश्यक नहीं कि आप अपने अनुवाद में इन दोनों को रखें| वैकल्पिक अनुवाद: "यहूदी जो निर्वासन से निकल आए थे" (देखें: समरूपता)

הַ⁠יְּהוּדִ֧ים הַ⁠פְּלֵיטָ֛ה אֲשֶֽׁר־נִשְׁאֲר֥וּ מִן־הַ⁠שֶּׁ֖בִי

ये दोनों वाक्यांश एक ही जनसमूह के सन्दर्भ में हैं| इसके अर्थ हो सकते हैं: (1) वे यहूदी जिनको बंदी बना कर बेबीलोन ले जाया गया था परन्तु उनमें से कुछ यरूशलेम लौटकर बस जाने में सफल हुए थे| या (2) वे कुछ यहूदी जो बेबीलोन निर्वासन हेतु ले जाने वालों से बच गए थे इसलिए वे यरूशलेम ही में रहते थे| अतः सर्वोत्तम अनुवाद तो यही होगा कि किसी प्रकार इन दोनों समूहों को समाहित किया जाए| वैकल्पिक अनुवाद: "वे यहूदी जो निर्वासन से बच गए थे और यरूशलेम में रहा रहे थे" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

הַ⁠שֶּׁ֖בִי

बन्धुआई भाववाचक संज्ञा है जिसका सन्दर्भ उन यहूदियों से है जिनको अपनी मातृभूमि से विस्थापित कर दूर देश को ले जाया गया था| यहूदा को इससे पूर्व 150 वर्ष पहले बेबीलोनियों ने जीत लिया था| उस समय बेबीलोनियों ने अनेकों को यहूदा से ले जाकर उनके साम्राज्य में विभिन्न स्थानों में बसा दिया था| लगभग 50 वर्ष बाद फारसी साम्राज्य ने बेबीलोन को जीत लिया था और इस प्रकार बेबीलोन साम्राज्य फारस का साम्राज्य हो गया था| जिन यहूदियों को बेबीलोन ने बंदी बना लिया था, अब फारस में रहा रहे थे जबकी कुछ यहूदी तब से यहूदा लौट आए थे| आप बन्धुआई के विचार को "वह समय जब यहूदी दूर ले जाए गए थे" या "वह समय जब सैनिकों ने अनेक यहूदियों को बेबीलोन जाने के ली विवश किया था" जैसे वाक्यांशों से अनुवाद कर सकते हैं| (देखें: भाववाचक संज्ञा)

וְ⁠עַל־יְרוּשָׁלִָֽם

यरूशलेम यहूदा राज्य की राजधानी थी| नहेम्याह यहूदा में यहूदी समुदाय के कल्याण के साथ साथ, विशेष रूप से नगर की इमारतों और शहरपनाह के बारे में जाकारी ले रहा था| वैकल्पिक अनुवाद: "यारूशालें की दशा के बारे में" (देखें: अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना)

Nehemiah 1:3

הַֽ⁠נִּשְׁאָרִ֞ים אֲשֶֽׁר־נִשְׁאֲר֤וּ מִן־הַ⁠שְּׁבִי֙

इन दोनों वाक्यांशों के अर्थ एक ही हैं| नहेम्याह एक ही बात को दो बार कहता है परन्तु कुछ भिन्न रूपों में की इस समूह के प्रति चिंता प्रकट करे| यदि आपके पाठकों को इन दोनों वाक्यांशों के कारण उलझन हो तो आवश्यक नहीं कि आप इन दोनों को अपने अनुवाद में रखें| वैकल्पिक अनुवाद: "वे यहूदी जो निर्वासन से बाच कर वहीं रह रहे थे" (देखें: समरूपता)

בַּ⁠מְּדִינָ֔ה

यहाँ प्रान्त शब्द फारसी साम्राज्य के प्रशासनिक खंड यहूदा के सन्दर्भ में है| हनानी यहूदा की चर्चा करते समय उससे सम्बंधित किसी वस्तु-उसका प्रान्त होने के स्तर- के सन्दर्भ द्वारा उसका वर्णन करता है| वैकल्पिक अनुवाद: "यहूदा प्रान्त में" या "यहूदा में" (देखें: लक्षणालंकार)

בְּ⁠רָעָ֥ה גְדֹלָ֖ה וּ⁠בְ⁠חֶרְפָּ֑ה

दुर्दशा और निंदा का अर्थ एक ही है| हनानी इन दोनों शब्दों के संयोजित उपयोग के द्वारा प्रकट करना चाहता है कि उन लोगों की दशा कैसी दयनीय है| यदि आपके पाठकों के लिए इनका दोहरा उपयोग उलझन उत्पन्न करे तो आवश्यक नहीं की आप इनदोनों का उपयोग अपने अनुवाद में करें| वैकल्पिक अनुवाद: "संकटपूर्ण स्थिति में" (देखें: दोहरात्मक)

בְּ⁠רָעָ֥ה גְדֹלָ֖ה וּ⁠בְ⁠חֶרְפָּ֑ה

यह भाववाचक संज्ञासहबद, दुर्दशा उस स्थिति का वर्णन करता है जिसमें मनुष्य का जीवन निर्वाह दुर्लभ हो जाता है| इसके द्वारा ऐसी स्थिति का वर्णन होता है जिसमें मनुष्य का जीवन संकटों से घिरा और अरक्षित होता है|आप इसका नौवाद विशेषण शब् जैसे,"बहुत बुरा" से कर सकते हैं| वैकल्पिक अनुवाद: "बहुत ही बुरी दशा में" (देखें: भाववाचक संज्ञा)