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1 Peter

1 Peter front

1 पतरस का परिचय

भाग 1: सामान्य परिचय

1 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2) 1। विश्वासियों के उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति (1:3-2:10) 1। मसीही जीवन (2:11-4:11) 1। कष्टों में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहन (4:12-5:11) 1। समापन (5:12-14)

1 पतरस की पुस्तक को किसने लिखा?

1 पतरस की पुस्तक को प्रेरित पतरस ने लिखा। उसने इस पुस्तक को सम्पूर्ण एशिया माइनर में तित्तर-बित्तर होकर रह रहे अन्यजातीय मसीहियों को लिखा।

1 पतरस किसके विषय में है?

पतरस ने कहा कि उसने इस पत्र को ""संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।"" (5:12)। उसने मसीहियों को प्रोत्साहित किया कि वे पीड़ा में होने पर भी निरंतर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते रहें। उसने उन्हें यह इसलिए करने के लिए कहा क्योंकि यीशु शीघ्र ही वापस आएगा। पतरस ने अधिकार वाले व्यक्तियों के अधीन रहने के विषय में भी मसीहियों को निर्देश दिए।

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""1 पतरस"" या ""पहला पतरस"" कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""पतरस की ओर से पहला पत्र"" या ""पतरस द्वारा लिखित पहला पत्र।"" (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं### रोम में मसीहियों से कैसा व्यवहार किया गया?

जब पतरस ने इस पत्र को लिखा तब वह सम्भवतः रोम में था। उसने रोम को प्रतीकात्मक नाम ""बाबेल"" दिया (5:13)। ऐसा प्रतीत होता है कि जब पतरस ने इस पत्र को लिखा, तब रोमी मसीहियों को बुरी तरह से सता रहे थे।

भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

एकवचन और बहुवचन ""तुम''

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द केवल दो स्थानों को छोड़कर, पतरस को संदर्भित करता है: 1 पतरस 1:16 और 1 पतरस 2:6। शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के श्रोताओं को संदर्भित करता है। (देखें: तुम के प्रारूप)

1 पतरस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?
  • ""तुमने सत्य की आज्ञा मानकर अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है। यह सत्य के निष्कपट भाईचारे की प्रीति का उद्देश्य था। तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।""(1:22)। यूएलटी, यूएसटी, और अन्य आधुनिक संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, ""निष्कपट भाईचारे की प्रीति के उद्देश्य के लिए तुमने सत्य की आज्ञाकारिता से अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है, इसलिए तन-मन से एक दूसरे से प्रेम करो।""

यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल के अनुवाद का अस्तित्व है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिले अध्ययन के उपयोग का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: लेखों के भेद)

1 Peter 1

1 पतरस 01 सामान्य टिप्पणियाँ

संरचना और संरूपण

पतरस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। पूर्व में प्राचीन लेखकों ने प्रायः इस तरह से पत्र आरम्भ किए।

कुछ अनुवादों ने पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए, शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को आगे दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम 1:24-25 में से लिया गया है।

इस अध्याय की विशेष अवधारणाएं

परमेश्वर क्या प्रकट करता है

जब यीशु फिर से आएगा, तो हर कोई देखेगा कि परमेश्वर के लोगों के लिए कितना अच्छा था कि यीशु पर विश्वास करते थे। तब परमेश्वर के लोग देखेंगे कि परमेश्वर उनके लिए कितना अनुग्रहकारी है, और सभी लोग परमेश्वर और उसके लोगों की प्रशंसा करेंगे।

पवित्रता

परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग पवित्र हों क्योंकि परमेश्वर पवित्र है। (देखें: पवित्र, पवित्रता, अपवित्र,)

अनन्तकाल

पतरस मसीहियों को उन बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए कहता है जो सर्वदा रहेंगी और इस संसार की बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए मना करता है, जिनका अन्त हो जाएगा। (देखें: सनातन, अनन्त, अनंत काल)

इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

विरोधाभास

एक विरोधाभास सत्य कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। पतरस लिखता है कि उसके पाठक एक ही समय में आनन्दित और दु:खी हैं (1 पतरस 1:6)। वह ये इसलिए कह सकता है क्योंकि वे दु:खी हैं क्योंकि वे पीड़ा में हैं, परन्तु वे आनंदित हैं क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें ""अन्तिम समय में"" बचाएगा (1 पतरस 1: 5)

1 Peter 1:1

पतरस स्वयं की लेखक के रूप में पहचान करता है और विश्वासियों की पहचान करता है और उनका अभिवादन करता है जिनके लिए वह लिख रहा है।

παρεπιδήμοις διασπορᾶς

पतरस अपने पाठकों को ऐसे लोग कहता है जो कई अलग-अलग देशों में अपने घरों से दूर रहते हैं। (देखें: रूपक)

Καππαδοκίας…Βιθυνίας

उन अन्य स्थानों के साथ-साथ जिनका वर्णन पतरस करता है, ""कप्पदूकिया"" और ""बितूनिया"" रोमी प्रान्त थे जो अब तुर्की के देश में स्थित हैं।

ἐκλεκτοῖς

वे जिन्हें पिता परमेश्वर ने चुना है। परमेश्वर ने उन्हें अपने स्वयं के भविष्य ज्ञान के अनुसार चुना है।

1 Peter 1:2

κατὰ πρόγνωσιν Θεοῦ Πατρός

अपने स्वयं के भविष्य ज्ञान के अनुसार

πρόγνωσιν Θεοῦ Πατρός

भाववाचक संज्ञा "" भविष्य ज्ञान"" मौखिक वाक्यांश के साथ अनुवाद किया जा सकता है। संभावित अर्थ 1) परमेश्वर ने निर्धारित किया था कि समय से पहले क्या होगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर पिता ने जो निर्णय पहले लिया"" या 2) परमेश्वर जानता था कि समय से पहले क्या होगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे पिता परमेश्वर पहले से जानता था"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

ῥαντισμὸν αἵματος Ἰησοῦ Χριστοῦ

यहाँ ""लहू"" यीशु की मृत्यु को दर्शाता है। जैसे मूसा ने इस्राएल के लोगों पर परमेश्वर के साथ उनकी वाचा का प्रतीक होने के लिए लहू छिड़का, उसी तरह विश्वासी भी यीशु की मृत्यु के कारण परमेश्वर के साथ वाचा में हैं। (देखें: लक्षणालंकार और रूपक)

χάρις ὑμῖν καὶ εἰρήνη πληθυνθείη

यह वाक्यांश अनुग्रह की बात करता है मानो कि यह एक ऐसी वस्तु थी जिसे विश्वासी प्राप्त कर सकते थे, और शान्ति की, मानो कि यह कोई ऐसी वस्तु थी जो मात्रा में बढ़ सकती थी। नि:सन्देह, अनुग्रह वास्तव में परमेश्वर के द्वारा विश्वासियों के प्रति काम करने का एक तरीका है, और शान्ति यह है कि विश्वासी परमेश्वर के साथ किस प्रकार सुरक्षित और आनन्द में रहते हैं। (देखें: भाववाचक संज्ञा)

1 Peter 1:3

पतरस विश्वासियों के उद्धार और विश्वास के विषय में बात करना शुरू कर देता है। यहाँ वह एक उपमा पर विस्तार से बात करता है जिसे करने की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने सभी विश्वासियों से की है, उसे ऐसा बताया गया है मानो कि यह एक मीरास थी जिसे उसने उन्हें सौंप दिया।

τοῦ Κυρίου ἡμῶν, Ἰησοῦ Χριστοῦ…ἀναγεννήσας ἡμᾶς

शब्द ""हमारा"" और ""हम"" पतरस और उन लोगों को संदर्भित करता है जिनके लिए वह लिख रहा है। (देखें: समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’)

ἀναγεννήσας ἡμᾶς

उसके कारण हमें नया जन्म मिला

1 Peter 1:4

εἰς κληρονομίαν

आप एक क्रिया का उपयोग करके इसका अनुवाद कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम हियाव सहित मीरास को प्राप्त करने की आशा रखते हैं"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

κληρονομίαν

उसे प्राप्त करने के लिए जिसकी परमेश्वर ने विश्वासियों से प्रतिज्ञा की है को इस प्रकार बताया गया है मानो यह एक परिवार के सदस्य से संपत्ति और धन के तौर पर मिली मीरास थी। (देखें: रूपक)

ἄφθαρτον, καὶ ἀμίαντον, καὶ ἀμάραντον

पतरस मीरास का वर्णन करने के लिए तीन समान वाक्यांशों का उपयोग करता है ऐसी किसी वस्तु के समान जो सिद्ध और अनन्त है। (देखें: रूपक)

τετηρημένην ἐν οὐρανοῖς εἰς ὑμᾶς

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर इसे तुम्हारे लिए स्वर्ग में सुरक्षित रख रहा है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)

1 Peter 1:5

τοὺς ἐν δυνάμει Θεοῦ φρουρουμένους

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर तुम्हारी रक्षा कर रहा है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)

ἐν δυνάμει Θεοῦ

यहाँ ""सामर्थ्य"" यह कहने का एक तरीका है कि परमेश्वर सामर्थी और विश्वासियों की रक्षा करने में सक्षम है। (देखें: भाववाचक संज्ञा)

διὰ πίστεως

यहाँ ""विश्वास"" इस तथ्य को संदर्भित करता है कि विश्वासी मसीह पर भरोसा रखते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हारे विश्वास के कारण"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

ἑτοίμην ἀποκαλυφθῆναι

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि परमेश्वर प्रकट करने के लिए तैयार है"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य)