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2 Thessalonians

2 Thessalonians front

2 थिस्सलुनिकियों का परिचय

भाग 1: सामान्य परिचय

2 थिस्सलुनिकियों की पुस्तक की रुपरेखा

1। अभिवादन और धन्यवाद (1:1-3) 1। उत्पीड़न से पीड़ित मसीही - वे परमेश्वर के राज्य और परिक्षाओं में उसके राहत के वायदे के योग्य ठहरे (1:4-7) - परमेश्वर उन लोगों का न्याय करेगा जो मसीहियों को सताते हैं (1:8-12) 1। मसीह के द्वितीय आगमन के विषय में कुछ विश्वासियों की गलत धारणा - मसीह की वापसी अभी तक नहीं हुई है (2:1-2) - मसीह की वापसी से पहले होने वाली घटनाओं के विषय में निर्देश (2:3-12) 1। पौलुस का दृढ़विश्वास कि परमेश्वर थिस्सलुनिकियों के मसीहियों को बचाएगा - ""दृढ़ बने रहने"" के लिए उसकी बुलाहट (2:13-15) - उसकी प्रार्थना कि परमेश्वर उन्हें सांत्वना दे (2:16-17) 1। पौलुस ने थिस्सलुनिकियों के विश्वासियों से अनुरोध किया कि वे उसके लिए प्रार्थना करें(3:1-5) 1। पौलुस निकम्मे विश्वासियों के विषय में आदेश देता है (3:6-15) 1। समापन (3:16-17)

2 थिस्सलुनिकियों को किसने लिखा?

पौलुस ने 2 थिस्सलुनिकियों को लिखा था। वह तरसुस शहर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीहियों को सताया करता था। एक मसीही बनने के बाद, उसने रोमी साम्राज्य में लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

पौलुस ने कुरिन्थुस शहर में रहते हुए यह पुस्तक लिखी थी।

2 थिस्सलुनिकियों की पुस्तक किस विषय में है?

पौलुस ने यह पत्री थिस्सलुनीके के शहर के विश्वासियों को लिखी। उसने विश्वासियों को उत्साहित किया क्योंकि उन्हें सताया जा रहा था। उसने उन्हें उस प्रकार जीने के लिए कहा कि जिस से परमेश्वर प्रसन्न हो सकें। और वह उन्हें मसीह की वापसी के विषय में फिर से सिखाना चाहता था।

इस पुस्तक का शीर्षक का किस प्रकार से अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारंपरिक शीर्षक, “2 थिस्सलुनिकियों” या “दूसरा थिस्सलुनिकियों” कह सकता हैं। या वे, ""पौलुस की थिस्सलुनीके की कलीसिया को दूसरी पत्री"" या ""थिस्सलुनीके के मसीहियों को दूसरी पत्री"" जैसा स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें )

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएं

यीशु का ""दूसरा आगमन"" क्या है?

पौलुस ने इस पत्री में यीशु की पृथ्वी पर अंतिम वापसी के विषय में बहुत कुछ लिखा है। जब यीशु वापस आएगा, तो वह सारी मानव जाति का न्याय करेगा। वह सृष्टि पर शासन भी करेगा। और वह हर जगह शांति बनाएगा। पौलुस ने यह भी समझाया कि मसीह की वापसी से पहले एक ""अधर्मी पुरुष"" आएगा। यह पुरुष शैतान की आज्ञा का पालन करेगा और कई लोगों के लिए परमेश्वर का विरोध करने का कारण बनेगा। लेकिन यीशु जब वापिस आएगा तब वह इस पुरुष को नष्ट कर देगा।

भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

पौलुस का ”मसीह में’ और ”प्रभु में” जैसी अभिव्यक्तियों से क्या अर्थ था?

पौलुस का इससे मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत करीबी संगति के विचार को व्यक्त करने का अर्थ था। कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

2 थिस्सलुनिकियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के नवीन संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को नये पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है।

  • ""और अधर्मी पुरुष का प्रगट होना"" (2:3). यूएलटी, यूएसटी, और अधिकतर नवीन संस्करण इस तरह से लिखते हैं। पुराने संस्करणों में, ""और अधर्मी पुरुष के प्रगट होने।""
  • ""क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हे उद्धार के लिए पहले फल के रूप में चुना है"" (2:13) यूएलटी, यूएसटी, और कुछ अन्य संस्करण इस तरह से लिखते हैं। अन्य संस्करणों में, ""परमेश्वर ने आदि से तुम्हे उद्धार के लिए चुन लिया है।""

(देखें: लेखों के भेद )

2 Thessalonians 1

2 थिस्सलुनिकियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ

संरचना एवं स्वरूपण

पद 1-2 औपचारिक रूप से इस पत्र का परिचय देते हैं। प्राचीन पूर्व के निकट के भागों के पत्रियों में सामान्यत: इस प्रकार के परिचय होते थे।

इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

विरोधाभास

विरोधाभास एक सत्य कथन होता है जो कुछ असंभव वर्णन करने का प्रयास करता है। पद 4-5 में विरोधाभास पाया जाता है: ""हम सताव में तुम्हारे धीरज और विश्वास के विषय में बात करते हैं। हम तुम्हारे द्वारा उठाए जाने वाले दुःखों के विषय में बात करते हैं। यह परमेश्वर के धर्मी न्याय का प्रमाण है।"" लोग आम तौर पर यह नहीं सोचेंगे कि सताए जाने पर परमेश्वर पर विश्वास रखना परमेश्वर के धर्मी न्याय का प्रमाण है। लेकिन पद 5-10 में, पौलुस बताता है कि किस प्रकार परमेश्वर उन लोगों को प्रतिफल देगा जो उस पर विश्वास रखते हैं और कैसे उन लोगों का न्याय करेगा जो उन्हें दुःख पहूँचाते हैं। (2 थिस्सलुनिकियों 1:4-5)

Links:

2 Thessalonians 1:1

पौलुस इस पत्री का लेखक हैं, लेकिन उसने सिलवानुस और तीमुथियुस को पत्री के प्रेषकों के रूप में सम्मिलित किया है। वह थिस्सलुनीके में कलीसिया को अभिवादन देने से शुरू करता है। ""हम"" और ""हमारे"" शब्द, पौलुस, सिलवानुस और तीमुथियुस को संदर्भित करते हैं, जब तक अन्यथा टिप्पणी न की गई हो। इसके अलावा, ""तुम"" शब्द बहुवचन है और थिस्सलुनिकियों की कलीसिया के विश्वासियों को दर्शाता है। (देखें: विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’ और तुम के प्रारूप)

Σιλουανὸς

यह ""सिलास"" का लैटिन शब्द रूप है। यह वह व्यक्ति है जो प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के संगी यात्री के रूप में सूचीबद्ध है।

2 Thessalonians 1:2

χάρις ὑμῖν

पौलुस सामान्यत: अपनी पत्रियों में इस अभिवादन का प्रयोग करता है।

2 Thessalonians 1:3

पौलुस थिस्सलुनीके में विश्वासियों के लिए धन्यवाद देता है।

εὐχαριστεῖν ὀφείλομεν τῷ Θεῷ πάντοτε

पौलुस ""अक्सर"" या ""नियमित"" के स्थान पर, ""सदा/हमेशा"" का सामान्यकरण के रूप में उपयोग करता है। यह वाक्य थिस्सलुनिकियों के विश्वासियों के जीवन में परमेश्वर क्या कर रहा है उसकी महानता पर बल देता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें अक्सर परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए"" (देखें: अतिशयोक्ति )

ἀδελφοί

यहाँ ""भाइयों"" का अर्थ साथी मसीही है, जिसमे पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""भाइयों और बहनों"" (देखें: जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं )

καθὼς ἄξιόν ἐστιν

यह करना उचित है या ""यह अच्छा है

πλεονάζει ἡ ἀγάπη ἑνὸς ἑκάστου, πάντων ὑμῶν, εἰς ἀλλήλου

तुम आपस में निष्ठा से एक दुसरे से प्रेम करते हो।

ἀλλήλους

यहाँ ""आपस में"" का अर्थ साथी मसीही है।

2 Thessalonians 1:4

αὐτοὺς ἡμᾶς

यहाँ पौलुस के घमंड पर जोर देने के लिए ""हम आप"" का उपयोग किया गया है। (देखें: कर्मकर्त्ता सर्वनाम )

2 Thessalonians 1:5

καταξιωθῆναι ὑμᾶς τῆς Βασιλείας τοῦ Θεοῦ

इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि परमेश्वर तुम्हे अपने राज्य का भागी होने योग्य पाएगा"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य )

2 Thessalonians 1:6

जब पौलुस आगे बढ़ता है, वह परमेश्वर के न्यायी होने के विषय में कहता है।

εἴπερ δίκαιον παρὰ Θεῷ

परमेश्वर सही है या ""परमेश्वर न्यायी है

παρὰ Θεῷ, ἀνταποδοῦναι τοῖς θλίβουσιν ὑμᾶς θλῖψιν

यहाँ ""बदले में"" एक रूपक है जिसका अर्थ यह है कि किसी को उसी बात का अनुभव कराना जो उन्होंने किसी और के साथ किया हो। वैकल्पिक अनुवाद: "" जो तुम्हें क्लेश देते हैं, परमेश्वर उन्हें बदले में क्लेश दे।"" (देखें: रूपक )

2 Thessalonians 1:7

καὶ ὑμῖν…ἄνεσιν

ये शब्द उस विवरण को जारी रखते हैं कि परमेश्वर लोगों को ""बदले में"" देने के लिए न्यायी है (पद 6)। यह एक रूपक है जिसका अर्थ यह है कि किसी को उसी बात का अनुभव कराना जो उन्होंने किसी और के साथ किया हो। वैकल्पिक अनुवाद: ""और तुम्हे चैन दे"" (देखें: रूपक )

ὑμῖν…ἄνεσιν

तुम इसे ऐसे व्यक्त कर सकते हो कि परमेश्वर वह है जो राहत/शांति प्रदान करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि परमेश्वर तुम्हे राहत/शांति प्रदान करे"" (देखें: पदन्यूनता )

ἀγγέλων δυνάμεως αὐτοῦ

उसके सामर्थी स्वर्गदूतों

2 Thessalonians 1:8

ἐν πυρὶ φλογός διδόντος ἐκδίκησιν τοῖς μὴ εἰδόσι Θεὸν, καὶ τοῖς

जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वह उन्हें धधकती हुई आग के साथ दंडित करेगा और या “फिर धधकती हुई आग से वह उन लोगों को दंडित करेगा जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं

2 Thessalonians 1:9

οἵτινες δίκην τίσουσιν

यहाँ ""वे"" उन लोगों को संदर्भित करता है जो सुसमाचार का पालन नहीं करते हैं। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर उन्हें दण्डित करेगा"" (देखें: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य )