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इब्रानियों का परिचय

भाग 1: सामान्य परिचय

इब्रानियों की पुस्तक की रूपरेखा
  1. यीशु परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं और स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है (1:1-4:13)
  2. यीशु यरूशलेम में मंदिर में सेवा करने वाले याजकों से श्रेष्ठ है (4:14-7:28)
  3. यीशु की सेवा उस पुरानी वाचा से बेहतर है जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ बाँधा था (8:1-10:39)
  4. विश्वास किसके समान है (11:1-40)
  5. परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य होने के लिए प्रोत्साहन (12:1-29)
  6. अंतिम प्रोत्साहन और अभिवादन (13:1-25)
इब्रानियों की पुस्तक किसने लिखी?

कोई नहीं जानता कि इब्रानियों को किसने लिखा। विद्वानों ने कई अलग-अलग लोगों का सुझाव दिया है जो सम्भवतः लेखक हो सकते हैं। सम्भावित लेखक पौलुस, लुका और बरनबास हैं। इसे लिखने की तिथि भी ज्ञात नहीं है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि इसे 70 इस्वी से पहले लिखा गया था। यरूशलेम को 70 इस्वी में नष्ट कर दिया गया था, लेकिन इस पत्र के लेखक ने यरूशलेम के विषय में इस प्रकार बात की जैसे कि उसको तब तक नष्ट नहीं किया गया था।

इब्रानियों की पुस्तक किस विषय में है?

इब्रानियों की पुस्तक में, लेखक दिखाता है कि यीशु ने पुराने नियम की भविष्यवाणियों को पूरा किया है। लेखक ने यहूदी मसीहियों को प्रोत्साहित करने और यह समझाने के लिए ऐसा किया कि यीशु हर प्रकार से पुरानी वाचा की तुलना में बेहतर है। यीशु सिद्ध महायाजक है। यीशु सिद्ध बलिदान भी था। पशु के बलिदान व्यर्थ हो गए क्योंकि यीशु का बलिदान एक बार और हमेशा के लिए था। इसलिए, लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा स्वीकार किए जाने हेतु यीशु ही अकेला और एकमात्र मार्ग है।

इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""इब्रानियों” द्वारा बुलाना चुन सकते हैं। या वे “इब्रानियों को लिखा गया पत्र” या “यहूदी मसीहियों को लिखा गया पत्र” जैसा एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

पुराने नियम में महायाजक द्वारा आवश्यक बलियों और कार्यों के विषय में जाने बिना क्या पाठक इस पुस्तक को समझ सकते हैं?

इन विषयों को समझे बिना पाठकों के लिए इस पुस्तक को समझना काफी कठिन होगा। अनुवादक टिप्पणियों में या इस पुस्तक के परिचय में इनमें से कुछ विषयों को समझाने का विचार कर सकते हैं।

इब्रानियों की पुस्तक में लहू के विचार का किस प्रकार प्रयोग किया गया है?

इब्रानियों 9:7 से आरम्भ होकर, लहू के विचार का प्रयोग, इस्राएल के साथ परमेश्वर की वाचा के अनुसार किसी जानवर की बलि को दर्शाने के लिए समानार्थी के रूप में किया गया है। लेखक ने यीशु मसीह की मृत्यु को दर्शाने के लिए भी लहू का उपयोग किया है। यीशु सिद्ध बलिदान बन गया ताकि परमेश्वर उसके विरुद्ध पाप करने के लिए लोगों को क्षमा कर दे। (देखें: लक्षणालंकार)

इब्रानियों 9:19 से आरम्भ होकर, लेखक ने छिड़काव के विचार का प्रयोग एक प्रतीकात्मक कार्रवाई के रूप में किया है। पुराने नियम के याजकों ने बलि चढ़ाए गए जानवरों के लहू को छिड़का था। यह जानवर की मृत्यु का लोगों या किसी वस्तु पर लागू होने वाले लाभों का प्रतीक था। इससे यह ज्ञात होता था कि वे लोग या वह वस्तु परमेश्वर को स्वीकार्य थी। (देखें: प्रतीकात्मक कार्य)

भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

यूएलटी में, इब्रानियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक को इंगित करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनका अच्छे से वर्णन करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

  • कभी-कभी किसी अंश के अर्थ का तात्पर्य नैतिक पवित्रता होता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण यह तथ्य है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र लोग"" या ""पवित्र प्रजा"" का उपयोग करता है।
  • कभी-कभी इसका अर्थ सरल रूप से मसीहियों को, बिना उनके द्वारा किसी भी विशेष भूमिका की ओर संकेत करते हुए, सरल संदर्भ इंगित करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है. (देखें: 6:10; 13:24)
  • कई बार इसका अर्थ परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार की ओर संकेत करता है. इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र"", ""अलग किए गए"", ""समर्पित,"" या ""बचा कर रखे गए"" का उपयोग करता है। (देखें: 2:11: 9:13; 10:10, 14, 29; 13:12)

इसमें यूएसटी अक्सर सहायक होगा जब अनुवादक विचार करेंगे कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

इब्रानियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के नए संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए| यदि नहीं, तो अनुवादकों को नए पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है|

  • ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा"" (2:7). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा और उसे अपनी हाथों की रचना के ऊपर रखा।""
  • ""जो आज्ञापालन करने वालों के साथ विश्वास में एकजुट नहीं हुए"" (4:2). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""जिन्होंने बिना विश्वास को उसके साथ जोड़े उसको सुना।""
  • ""जो अच्छी वस्तुए आ गई हैं, मसीह उनका महायाजक होकर आया"" (9:11)। कुछ नए और पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मसीह आनेवाली अच्छी वस्तुओं का महायाजक होकर आया।""
  • ""उनके लिए जो कैदी थे"" (10:34)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मेरा, मेरी जंजीरों में।""
  • ""उनका पत्थराव किया गया था। वे आरे से काट दिए गए। वे तलवार से मारे गए"" (11:37)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""उन पर पत्थराव किया गया। वे आरे से काट दिए गए। उनकी परीक्षा हुई। वे तलवार से मारे गए।""
  • ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए"" (12:20)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए या उसे तीर से मारा जाए""

(देखें: लेखों के भेद)

Hebrews 1

इब्रानियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ

संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय हमें समझाता है कि यीशु किस प्रकार हमारे लिए स्वर्गदूतों से अधिक महत्वपूर्ण है।

कुछ अनुवाद, पढ़ने की सरलता के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी यह 1:5, 7-13 की कविता के साथ करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए शब्द है।

""हमारे पूर्वज""

लेखक ने यह पत्र मसीहियों को लिखा जिनका यहूदियों के रूप में पालण-पोषण हुआ था। इसलिए यह पत्र “इब्रानियों” कहलाया है।

इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

अलंकारिक प्रश्न

लेखक अलंकारिक प्रश्नों के माध्यम से यह प्रमाणित करता है कि यीशु स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है। वह स्वयं और उसके पाठक दोनों इन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, और लेखक जानता है कि जब पाठक प्रश्नों के उत्तर के विषय में विचार करेंगे तो वे समझ जाएँगे कि परमेश्वर का पुत्र किसी भी स्वर्गदूत से अधिक महत्वपूर्ण है।

कविता

यहूदी शिक्षक, पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं के समान अपनी अधिकांश शिक्षाओं को कविता के रूप में प्रस्तुत करते थे ताकि सुनने वाले उनसे सीख सकें और याद भी रख सकें।

Hebrews 1:1

यद्यपि यह पत्र उन प्राप्तकर्ताओं का उल्लेख नहीं करता है जिन्हें इसे भेजा गया था, लेखक ने इसे विशेष रूप से इब्रानियों (यहूदियों) को लिखा, जो पुराने नियम के कई उद्धरणों को समझते होंगे।

यह प्रस्तावना पूरी किताब के लिए पृष्ठभूमि रखती है: पुत्र की अनोखी महानता — पुत्र सबसे महान है। यह पुस्तक इस बात पर जोर देते हुए आरम्भ होती है कि पुत्र भविष्यद्वक्ताओं और स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है।

Hebrews 1:2

ἐπ’ ἐσχάτου τῶν ἡμερῶν τούτων

इन अंतिम दिनों में। यह वाक्यांश उस समय को संदर्भित करता है जब यीशु ने अपनी सेवा आरम्भ की, और तब तक जब कि परमेश्वर अपनी सृष्टि में अपना पूरा राज्य स्थापित नहीं कर लेता।

ἐν Υἱῷ

पुत्र यहाँ परमेश्वर के पुत्र यीशु, के लिए एक महत्वपूर्ण पदवी है। (देखें: पुत्र और पिता का अनुवाद करना)

ἔθηκεν κληρονόμον πάντων

लेखक पुत्र के विषय में इस प्रकार बोलता है जैसे कि वह अपने पिता की ओर से धन और संपत्ति का वारिस होगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी चीज़ों को प्राप्त करने के लिए"" (देखें: रूपक)

δι’ οὗ καὶ ἐποίησεν τοὺς αἰῶνας;

पुत्र के द्वारा ही परमेश्वर ने सभी चीज़ों को बनाया

Hebrews 1:3

ἀπαύγασμα τῆς δόξης

उसकी महिमा का प्रकाश। परमेश्वर की महिमा एक बहुत तेज़ प्रकाश से जुडी हुई है। लेखक कह रहा है कि पुत्र उस प्रकाश का प्रतीक है और पूरी तरह से परमेश्वर की महिमा को दर्शाता है।

τῆς δόξης καὶ χαρακτὴρ τῆς ὑποστάσεως αὐτοῦ

महिमा, परमेश्वर के अस्तित्व का प्रतिरूप। ""उसके अस्तित्व का सटीक चित्रण"" का अर्थ ""परमेश्वर की महिमा के तेज़"" के समान है। पुत्र परमेश्वर के चरित्र और तत्व को अवतरित करता है और पूरी तरह से परमेश्वर जो कुछ है उसको दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""महिमा और परमेश्वर के समान है"" या ""महिमा, और जो कुछ परमेश्वर के विषय में सत्य है, वह पुत्र के विषय में भी सत्य है

τῷ ῥήματι τῆς δυνάμεως αὐτοῦ

उसका सामर्थी वचन ""वचन"" यहाँ एक संदेश या आज्ञा को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी सामर्थी आज्ञा"" (देखें: लक्षणालंकार)

καθαρισμὸν τῶν ἁμαρτιῶν ποιησάμενος

भाववाचक संज्ञा ""धोकर"" को ""साफ करना"" क्रिया के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसके हमें पापों से शुद्ध करने के बाद "" या ""उसके हमारे पापों से हमें शुद्ध करने के बाद"" (देखें: भाववाचक संज्ञा)

καθαρισμὸν τῶν ἁμαρτιῶν ποιησάμενος

लेखक पाप क्षमा करने की बात इस प्रकार करता है जैसे कि वह व्यक्ति को साफ करना था। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने परमेश्वर के लिए हमारे पापों को क्षमा करना संभव बना दिया"" (देखें: रूपक)

ἐκάθισεν ἐν δεξιᾷ τῆς Μεγαλωσύνης ἐν ὑψηλοῖς

परमेश्वर के दाहिने हाथ"" पर बैठना, परमेश्वर से महान सम्मान और अधिकार प्राप्त करने का एक प्रतीकात्मक कार्य है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह महामहिमन् के साथ, सम्मान और अधिकार के स्थान पर जा बैठा"" (देखें: प्रतीकात्मक कार्य)

δεξιᾷ τῆς Μεγαλωσύνης ἐν ὑψηλοῖς

महामहिमन्"" यहाँ परमेश्वर को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सर्वोच्च परमेश्वर "" (देखें: लक्षणालंकार)

Hebrews 1:4

पहला भविष्यवाणी का उद्धरण (तू मेरा पुत्र है) भजन संहिता से आता है। दूसरा वाला भविष्यवक्ता शमूएल ने लिखा था (मैं उसका पिता हूँगा)। “वह” के सभी उल्लेख पुत्र यीशु, को संदर्भित करते हैं। “तू” शब्द यीशु को संदर्भित करता है, और “मैं” और “मेरा” शब्द पिता परमेश्वर को संदर्भित करते हैं|

γενόμενος

पुत्र बन गया

ὅσῳ διαφορώτερον παρ’ αὐτοὺς, κεκληρονόμηκεν ὄνομα

“नाम” यहाँ सम्मान और अधिकार को संदर्भित करता है. वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि जिस सम्मान और अधिकार को उसने विरासत में पाया है वह उनके सम्मान और अधिकार से श्रेष्ठ है"" (देखें: लक्षणालंकार)

κεκληρονόμηκεν

लेखक सम्मान और अधिकार प्राप्त करने के विषय में इस प्रकार बोलता है जैसे कि वह अपने पिता से धन और संपत्ति विरासत में प्राप्त कर रहा था। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने प्राप्त किया"" (देखें: रूपक)

Hebrews 1:5

τίνι γὰρ εἶπέν ποτε τῶν ἀγγέλων, Υἱός μου εἶ σύ…μοι εἰς Υἱόν?

यह प्रश्न इस बात पर जोर देता है कि परमेश्वर किसी भी स्वर्गदूत को अपना बेटा नहीं बुलाता। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि परमेश्वर ने कभी अपने किसी स्वर्गदूत से नहीं कहा “तू मेरा पुत्र है ... मेरे लिए एक पुत्र।” (देखें: उत्तर की अपेक्ष किए बिना प्रभावोत्पादक प्रश्न)

Υἱός μου εἶ σύ…ἐγὼ…γεγέννηκά σε

ये दोनों वाक्यांश एक ही अर्थ रखते हैं। (देखें: समरूपता)