हिन्दी, हिंदी (Hindi): Open Bible Stories Translation Notes

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03-00

भोजन

इश शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि परमेश्वर ने महाप्रलय की रचना की” या “क्या हुआ जब परमेश्वर ने महाप्रलय की रचना की?”

03-01

बहुत समय बाद

यह कहानी सृष्टि के कई पीढ़ियों (अर्थात् सैकड़ों वर्ष) बाद घटित हुई।

बहुत दुष्ट और उपद्रवी

यह कहना अधिक सामान्य होगा: “दुष्ट हो गए और उपद्रवी काम किए।”

वह बहुत बुरी हो गई थी

यह कहना अधिक स्पष्ट होगा: “मनुष्य ऐसे हानिकारक और दुष्ट तरीकों से व्यवहार कर रहे थे।”

परमेश्वर ने नाश करने का निर्णय लिया

इसका अर्थ यह नहीं है कि पृथ्वी पूरी रीति से नष्ट हो जाएगी। बल्कि परमेश्वर ने उन सभी लोगों को नष्ट करने की योजना बनाई जिन्होंने उसके खिलाफ विद्रोह किया था और जिन्होंने ऐसी दुष्टता और उपद्रव किया था। यह जलप्रलय भूमि पर पाए जाने वाले सब पशु-पक्षियों को भी मार डालेगा।

विशाल जलप्रलय

बहुत गहरा पानी जो पृथ्वी को ढक देगा, यहाँ तक कि उन स्थानों को भी जहाँ भूमि सामान्य रूप से सूखी रहती थी, और यहाँ तक कि सबसे ऊँचे पहाड़ों की चोटियों को भी ढक लेगा।

03-02

परमेश्वर नूह से प्रसन्न था

परमेश्वर नूह से प्रसन्न था क्योंकि उसने परमेश्वर का भय मानकर उसकी आज्ञा का पालन किया था। इसलिए भले ही नूह निष्पाप नहीं था, परमेश्वर ने उस पर अनुग्रह किया और विनाशकारी जलप्रलय से उसके परिवार को बचाने के लिए एक योजना बनाई। इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐसा न लगे कि नूह भाग्यशाली था या ऐसा कि बस उसे ही बचाया जाना था। बल्कि, यह परमेश्वर का चुनाव था।

बड़ा जलप्रलय करने जा रहा था

परमेश्वर ने बहुतायत की वर्षा भेजकर पृथ्वी को गहरे पानी से ढकने की योजना बनाई। अर्थात्, उसने बहुतायत की वर्षा करने के द्वारा जलप्रलय का कारण उत्पन्न करने की योजना बनाई।

बड़ा जलप्रलय

देखें कि आपने इसका अनुवाद 03:01 में कैसे किया है।

03-03

नाव

यह नाव इतनी बड़ी थी कि इसमें आठ लोगों के सवार होने के साथ-साथ, हर प्रकार के पशु का जोड़ा और लगभग एक वर्ष तक का उनका भोजन रखा जा सकता था।

03-04

नूह ने लोगों को चेतावनी दी

नूह से सब लोगों को बताया कि परमेश्वर ने पाप के कारण इस संसार का नाश करने की योजना बनाई है।

परमेश्वर की ओर फिरो

इसका अर्थ था कि वे पाप करना छोड़कर परमेश्वर की बातों का पालन करने आरम्भ करें।

03-06

परमेश्वर ने भेजा

नूह को पशुओं को ढूँढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी। परमेश्वर ने उन्हें उसके पास भेजा।

बलिदान चढ़ाने के लिए उपयोग किया

कुछ भाषाओं में, इस बात को कुछ इस रीति से कहना बेहतर हो सकता है, ‘ऐसे पशु जो परमेश्वर को बलिदान के लिए स्वीकार्य थे।’ परमेश्वर ने यह निर्णय लिया था कि लोग उसके लिए पशुओं का बलिदान चढ़ाएँ, परन्तु उसने उन्हें केवल कुछ प्रकार के पशुओं की बलि चढ़ाने की अनुमति ही प्रदान की थी।

स्वयं परमेश्वर ने द्वार बंद कर दिया

यह इस बात पर जोर देता है कि वह परमेश्वर ही था जिसने द्वार बंद किया था।

03-07

वर्षा होती गई, और होती गई, और होती ही गई

यह इस बात पर जोर देता है कि वर्षा असामान्य रूप से और अत्यधिक मात्रा में हुई थी। अन्य भाषाओं में इस बात पर जोर देने का एक अलग तरीका हो सकता है।

उमड़ने लगा

यह इस बात की ओर संकेत करता है कि वहाँ बड़ी मात्रा में पानी निकल रहा था।

समूचा संसार डूब गया

यह इस बात को संदर्भित करता है कि जलप्रलय के पानी से पृथ्वी के सब प्राणी ढक गए थे।

03-09

वर्षा होना बंद हो गया

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “वर्षा रुक गई।”

वह नाव टिक गई

वर्षा से इतना पानी बरसा था कि उससे पहाड़ भी ढक गए। वह जहाज़ पहाड़ों के ऊपर तैरता रहा और जब पानी कम होने लगा तो जहाज़ भी पानी के साथ नीचे गया और एक पहाड़ पर जाकर टिक गया।

और तीन महीने बाद

अगले तीन महीनों के दौरान, पानी लगातार कम होता रहा।

दिखने लगीं

इसका अनुवाद करने के अन्य तरीके होंगे “दिखने लगे” या “प्रकट हुए” या “देखे जा सकते थे।” यह कहना अधिक स्पष्ट होगा: “तीन महीनों के बाद, पानी इतना कम हो गया था कि नूह और उसका परिवार पहाड़ों की चोटियों को स्पष्ट रूप से देख सकता था।”

03-10

कौआ

एक काला पक्षी जो उड़ता था और जो मृत पशुओं के सड़े हुए मांस सहित विभिन्न प्रकार के पौधों और पशुओं के भोजन को खाता था।

03-11

कबूतरी

एक छोटा सफेद या धूसर रंग का उड़ने वाला पक्षी जो बीज या फल खाता था।

जैतून की टहनी

जैतून के पेड़ के फल में तेल होता है जिसे लोग खाना पकाने या त्वचा पर लगाने के लिए उपयोग करते हैं। यदि आपकी भाषा में जैतून की टहनी के लिए कोई शब्द न हो, तो आप इसका अनुवाद इस प्रकार से कर सकते हैं: “‘जैतून’ नाम के पेड़ की एक टहनी” या “तेल वाले पेड़ की एक टहनी।”

पानी घटने लगा था

आपकी भाषा में यह कहना अधिक सामान्य होगा: “पानी हट गया था” या “पानी का स्तर घट रहा था।”

03-12

एक और सप्ताह प्रतीक्षा की

आप कह सकते हैं: “सात दिन और प्रतीक्षा की।” यह प्रतीक्षा की शब्द इस बात को प्रकट करता है कि कबूतरी को फिर से बाहर भेजने से पहले नूह जलप्रलय के पानी को कम होने का समय दे रहा था।

03-13

दो महीने बाद

इसका अर्थ है कि दो महीने बाद नूह ने उस कबूतरी को जहाज़ से छोड़ दिया। यदि यह स्पष्ट न हो तो इसे स्पष्ट रूप से कहना आवश्यक हो सकता है।

परमेश्वर ने नूह से कहा, “अब तू और तेरा परिवार और सब पशु नाव को छोड़ सकते हैं। बहुत सी संतानें और नाती-पोते उत्पन्न करो और पृथ्वी को भर दो।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर ने नूह से कहा कि वह और उसका परिवार जहाज़ को छोड़ सकते हैं, और फिर बहुत सी संतानें और नाती-पोते उत्पन्न कर सकते हैं, और पृथ्वी को भर सकते हैं।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

बहुत सारी संतानें उत्पन्न करो

इस बात की स्पष्टता को सुनिश्चित करने के लिए कि यह परमेश्वर की आज्ञा थी, आप कह सकते हैं: “तुम्हें बहुत सारी संतानें उत्पन्न करनी हैं” या “मैं चाहता हूँ कि तुम बहुत सारी संतानें उत्पन्न करो।”

पृथ्वी को भर दो

यदि यह बात स्पष्ट नहीं है, तो यह कहना आवश्यक हो सकता है: “और इस पृथ्वी को मनुष्यों से भर दो” या “ताकि इस पृथ्वी पर रहने वाले बहुत सारे लोग हो जाएँ।”

निकल आए

बजाए इसके कुछ भाषाओं में कहा जाएगा: “चले गए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-go/01.md]])

03-14

जिस पशु का उपयोग बलिदान चढ़ाने के लिए किया जा सकता था

इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “वे लोग उसे बलिदान चढ़ाते थे।”

परमेश्वर प्रसन्न हुआ

इन पशुओं का बलिदान चढ़ाने के कारण परमेश्वर नूह से प्रसन्न हुआ।

03-15

परमेश्वर ने कहा, “मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि उन बुरे कामों के कारण जिनको लोग करते हैं मैं फिर कभी भूमि को श्राप नहीं दूँगा, या जलप्रलय से संसार को नष्ट नहीं करूँगा, भले ही मनुष्य अपने बचपन से ही पापी हो जाए।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि उन बुरे कामों के कारण जिनको लोग करते हैं वह फिर कभी भी भूमि को श्राप नहीं देगा, या जलप्रलय से संसार को नष्ट नहीं करेगा, भले ही मनुष्य अपने बचपन से ही पापी हो जाए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

फिर कभी नहीं

इसका अर्थ है ‘फिर कभी नहीं’ या ‘किसी भी समय फिर दोबारा नहीं’ या ‘वास्तव में फिर कभी नहीं।’ इसके उदाहरण हैं: ‘मैं फिर कभी भूमि को श्राप नहीं दूँगा’ या ‘मैं किसी भी समय फिर दोबारा भूमि को श्राप नहीं दूँगा’ या ‘मैं वास्तव में फिर कभी भूमि को श्राप नहीं दूँगा।’

भूमि को श्राप

मनुष्य के पाप के कारण पृथ्वी और अन्य प्राणियों ने दुःख उठाया।

संसार

यह पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवित प्राणियों को संदर्भित करता है।

मनुष्य अपने बचपन से ही पापी होते हैं

इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “मनुष्य अपने सम्पूर्ण जीवन में पापी कार्य करते हैं।”

03-16

मेघधनुष

यह प्रकाश का बहुरंगी चाप है जो अक्सर वर्षा के तूफान के बाद आकाश में दिखाई देता है।

चिन्ह

यह चिन्ह कोई ऐसी बात है (जैसे कि एक वस्तु या घटना) जो एक निश्चित अर्थ प्रदान करती है या जो किसी ऐसी बात की ओर संकेत करती है जो सच है या घटित होने वाली है।

उसकी प्रतिज्ञा का

कुछ भाषाओं में, यह कहना बेहतर होगा: “यह प्रकट करने के लिए कि उसने प्रतिज्ञा की है।”

जब भी

इस बात की स्पष्टता को सुनिश्चित करें कि इसका अर्थ है कि उस समय से लेकर हर बार जब-जब मेघधनुष दिखाई दिया। इस बात को जोड़ना आवश्यक हो सकता है: “तब से लेकर, सब समयों तक...”

जो प्रतिज्ञा उसने की थी

यह उस पिछले प्रारूप को वापस संदर्भित करता है जिसमें परमेश्वर ने फिर कभी जलप्रलय से पृथ्वी को नष्ट न करने की प्रतिज्ञा की थी।

से ली गई बाइबल की कहानी

ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।