हिन्दी, हिंदी (Hindi): Open Bible Stories Translation Notes

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28-00

धनी जवान शासक

इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि कैसे एक धनवान और महत्वपूर्ण जवान पुरुष यीशु से बात करने के लिए आया” या “क्या घटित हुआ जब एक धनवान और महत्वपूर्ण जवान पुरुष यीशु से बात करने के लिए आया था?”

28-01

एक दिन

यह वाक्यांश अतीत में घटी एक घटना का परिचय देता है, परन्तु विशिष्ट समय नहीं बताता है। कई भाषाओं में सच्ची कहानी कहने का तरीका एक जैसा होता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])

एक धनी जवान शासक

यह व्यक्ति पहले से ही एक धनी और शक्तिशाली राजनीतिक अधिकारी था, भले ही वह अभी जवान ही था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])

यीशु के पास आया

इसका अर्थ हो सकता है ‘यीशु के पास पहुँचा।’

उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन पाने के लिए मैं क्या करूँ?”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उससे पूछा कि अनन्त जीवन पाने के लिए उसे क्या करना चाहिए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

हे उत्तम गुरु

इसका अर्थ हो सकता है ‘हे धर्मी गुरु।’ वह यह नहीं कह रहा था कि यीशु मात्र एक कुशल शिक्षक था।

अनन्त जीवन पाने के लिए

इसका अर्थ हो सकता है ‘अनन्त जीवन लेने के लिए’ या ‘सदाकाल तक परमेश्वर के साथ रहने के लिए।’ इस पर भी ध्यान दें कि 27:01 में अनन्त जीवन का अनुवाद कैसे किया गया था और वहाँ उसके विषय में नोट देखें।

यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है? केवल एक ही है जो उत्तम है, और वह परमेश्वर है। परन्तु यदि तू अनन्त जीवन चाहता है, तो परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उससे पूछा कि वह उसे ‘उत्तम’ क्यों कहता है, क्योंकि केवल एक ही है जो उत्तम है, और वह परमेश्वर है। फिर उसने उससे कहा कि अनन्त जीवन पाने के लिए परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है?

यीशु इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि वह उत्तम है। बल्कि, वह यह पूछ रहा है कि क्या वह शासक इस बात को समझता है कि यीशु ही परमेश्वर है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])

केवल एक ही है जो उत्तम है, और वह परमेश्वर है

इस कहने के दूसरे तरीके हैं: “जो वास्तव में उत्तम है वह केवल परमेश्वर ही है” या “केवल परमेश्वर ही है जो वास्तव में उत्तम है।”

28-02

उसने पूछा, “मुझे किन-किन आज्ञाओं का पालन करने की आवश्यकता है?”

इसका अर्थ हो सकता है ‘अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मुझे कौन सी व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है?’ यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उसने उससे पूछा कि उसे कौन सी व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

यीशु ने प्रतिउत्तर दिया, “हत्या न करना। व्यभिचार न करना। चोरी न करना। झूठ न बोलना। अपने पिता और माता का सम्मान करना, और अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करना जैसे तू अपने आप से प्रेम करता है।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने प्रतिउत्तर दिया कि उस हत्या नहीं करनी है, या व्यभिचार नहीं करना है, या चोरी नहीं करनी है, या झूठ नहीं बोलना है, और अपने पिता और माता का सम्मान करना है, और अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करना है जैसे वह अपने आप से प्रेम करता है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

जैसे तू अपने आप से प्रेम करता है

इसका अर्थ हो सकता है ‘उतना ही जितना प्रेम तू स्वयं से करता है’ या ‘उसी मात्रा में जितना प्रेम तू स्वयं से करता है।’ (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-simile/01.md]])

28-03

उस जवान पुरुष ने कहा, “मैंने बचपन से ही इन सभी व्यवस्थाओं का पालन किया है। सदाकाल तक जीवित रहने के लिए अब भी मुझे और क्या करने की आवश्यकता है?”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उस जवान पुरुष ने कहा कि उसने बचपन से ही इन सभी व्यवस्थाओं का पालन किया था, और उसने पूछा कि सदाकाल तक जीवित रहने के लिए अब भी उसे और क्या करने की आवश्यकता है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

बचपन से ही

इस कहने का दूसरा तरीका होगा: “जब मैं बालक ही था उस समय से लेकर अब तक।”

अब भी मुझे और क्या करने की आवश्यकता है

इसका अर्थ हो सकता है ‘मुझे और क्या करने की आवश्यकता है’ या ‘मुझे इनके अलावा और क्या करने की आवश्यकता है।’

उससे प्रेम किया

यीशु को उस पर तरस आया। प्रेम के लिए एक ऐसा शब्द चुनें जो लोगों के लिए परमेश्वर के प्रेम के प्रकार के अनुरूप हो।

28-04

यीशु ने उत्तर दिया, “यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो जाकर अपना सब कुछ बेचकर कंगालों में बांट दे, और तुझे स्वर्ग में खजाना मिलेगा। फिर आकर मेरे पीछे हो ले।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उत्तर दिया कि यदि वह सिद्ध होना चाहता है, तो जाकर अपना सब कुछ बेचकर कंगालों में बांट दे, और उसे स्वर्ग में खजाना मिलेगा। तब उसे आकर उसके पीछे हो लेना चाहिए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

तू

यदि आपकी भाषा में तू के लिए लक्षित लोगों की संख्या के आधार पर अलग-अलग शब्द हैं, तो उसके एकवचन रूप का उपयोग करें। यीशु यह आदेश इस एक व्यक्ति को दे रहा था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-pronouns/01.md]])

सिद्ध

इसका अर्थ हो सकता है ‘पूर्ण रीति से धर्मी।’

अपना सब कुछ

इसका अर्थ हो सकता है ‘तेरी सारी सम्पत्ति।’

कंगालों को

अर्थात्, कंगाल लोगों को। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-nominaladj/01.md]])

स्वर्ग में खजाना

यह वाक्यांश स्वर्ग में खजाना एक रूपक है जो परमेश्वर की ओर से प्रतिफल को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर तुझे स्वर्ग में प्रतिफल देगा” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-metaphor/01.md]])

खजाना

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “बहुतायत” या “बड़ी धन-सम्पदा।”

स्वर्ग में

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “स्वर्ग में रखा हुआ है जो तेरे वहाँ पहुँचने पर मिलेगा।” यह खजाना ‘वहीं और तभी’ अस्तित्व में आएगा, उस धन के विपरीत जिसे यीशु ने उस जवान पुरुष को ‘यहीं और अभी’ त्यागने के लिए कहा था।

28-05

सुना जो यीशु ने कहा था

इसका अर्थ हो सकता है ‘सुना कि यीशु ने उससे कहा कि जो कुछ उसके पास है उसे दे दो।’

28-06

यीशु ने अपने चेलों से कहा, “धनी लोगों के लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना अत्यंत कठिन है! हाँ, परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊँट का सूई के नाके में होकर से निकल जाना सहज है।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने अपने चेलों से कहा कि धनी लोगों के लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना अत्यंत कठिन है! उसने कहा कि परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊँट का सूई के नाके में से होकर निकल जाना सहज है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

धनी लोगों के लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना अत्यंत कठिन है!

यह एक दृढ़ कथन है कि धनी लोगों के लिए उद्धार पाना अत्यंत कठिन है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])

परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “परमेश्वर के राज्य का नागरिक बन पाना।”

परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊँट का सूई के नाके में से होकर निकल जाना सहज है

एक धनी व्यक्ति के उद्धार पाने की कठिनाई पर जोर देने के लिए यह एक अतिशयोक्तिपूर्ण कथन है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-hyperbole/01.md]])

ऊँट

ऊँट बहुत बड़े पशु होते हैं जिनका उपयोग अक्सर भारी बोझ ढोने के लिए किया जाता है। यदि आपके भाषा क्षेत्र में ऊँटों को नहीं जाना जाता है, तो ‘एक बहुत बड़ा पशु’ या ‘बोझ उठाने वाला पशु’ जैसे वाक्यांश का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप किसी अन्य बड़े पशु, जैसे ‘बैल’ या ‘गधे’ के नाम को बदलना चुनते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करें कि वह पशु उन लोगों के द्वारा जाना जाता हो जिनसे यीशु बात कर रहा था।

सुई का नाका

यह एक सिलाई वाली सुई के अंत में छोटे छेद को संदर्भित करता है। सूई के नाके से होकर ऊँट जितनी बड़ी वस्तु के निकल जाने का विचार किसी ऐसी बात का प्रतिनिधित्व करने के लिए है जो असम्भव है।

28-07

वे चकित हो गए

इसका अर्थ हो सकता है ‘बड़े विस्मित हो गए।’ उनका मानना था कि परमेश्वर ने लोगों को समृद्ध इसलिए बनाया क्योंकि वे अन्य लोगों की तुलना में अधिक धर्मी थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])

उन्होंने कहा, “यदि ऐसा है, तो परमेश्वर किसका उद्धार करेगा?”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उन्होंने पूछा कि यदि ऐसा था तो परमेश्वर किसका उद्धार करेगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

यदि ऐसा है, तो परमेश्वर किसका उद्धार करेगा?

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “यदि परमेश्वर धनी लोगों को अनन्त जीवन पाने की अनुमति नहीं देता है, तो कोई और कैसे उद्धार पा सकता है?” यह सम्भवतः एक आलंकारिक प्रश्न है जिसका अर्थ है ‘यदि परमेश्वर धनी लोगों का उद्धार नहीं करता है, तो ऐसा लगता है कि वह किसी का भी उद्धार नहीं करेगा!’ (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])

उद्धार

यहाँ यह परमेश्वर द्वारा उनके पाप के लिए उनका न्याय नहीं करने या उन्हें दंड नहीं देने और उन्हें अपने राज्य का नागरिक होने की अनुमति देने को संदर्भित करता है।

28-08

कहा, “लोगों के लिए स्वयं का उद्धार कर पाना सम्भव नहीं है। परन्तु परमेश्वर के लिए कुछ भी करना असम्भव नहीं है।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “कहा कि लोगों के लिए स्वयं का उद्धार कर पाना सम्भव नहीं है, परन्तु परमेश्वर के लिए कुछ भी करना असम्भव नहीं है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

परमेश्वर के लिए कुछ भी करना असम्भव नहीं है

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “परमेश्वर कुछ भी करने में सक्षम है, यहाँ तक कि वह धनी व्यक्ति का उद्धार करने में भी सक्षम है” या “परमेश्वर असम्भव कार्यों तो करने में सक्षम है, इसलिए वह एक धनी व्यक्ति का उद्धार भी कर सकता है।”

28-09

यीशु से कहा, “हम चेले तो सब कुछ छोड़कर तेरे पीछे हो लिए हैं। तो हमें क्या प्रतिफल मिलेगा?”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु से कहा कि चेले तो सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो लिए हैं, और यह पूछा कि उनका क्या प्रतिफल होगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

सब कुछ छोड़कर

इसका अर्थ हो सकता है ‘सब कुछ पीछे छोड़कर’ या ‘जो हमारे पास था वह सब कुछ त्यागकर।’

हमें क्या प्रतिफल मिलेगा?

इसे कहने के दूसरे तरीके हैं: “हम कौन सा प्रतिफल प्राप्त करेंगे” या “हमें प्रतिफल कैसे दिया जाएगा?” या “प्रतिफल के रूप में परमेश्वर हमें क्या देगा?” इसे जोड़ना भी आवश्यक हो सकता है, “क्योंकि हमने ऐसा किया है?”

28-10

यीशु ने उत्तर दिया, “जिस किसी ने मेरे निमित्त घरों, भाइयों, बहनों, पिता, माता, बच्चों या सम्पत्ति को छोड़ दिया है, वह 100 गुना अधिक प्राप्त करेगा और अनन्त जीवन भी प्राप्त करेगा। परन्तु बहुत से जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे, और बहुत से जो अंतिम हैं, पहले होंगे।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उनसे कहा कि जिस किसी ने उसके निमित्त घरों, भाइयों, बहनों, पिता, माता, बच्चों या सम्पत्ति को छोड़ दिया है, वह 100 गुना अधिक प्राप्त करेगा और अनन्त जीवन भी प्राप्त करेगा। उसने कहा कि बहुत से जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे, और बहुत से जो अंतिम हैं, वे पहले होंगे।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

छोड़ दिया है

इसका अर्थ हो सकता है ‘पीछे छोड़ दिया है’ या ‘त्याग दिया है’ या ‘परमेश्वर की तुलना में कम महत्वपूर्ण माना है।’

मेरे निमित्त

इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “मेरे कारण” या “मेरे लेखे में।”

100 गुना अधिक

इसका अर्थ हो सकता है ‘जितना उसके पास पहले था उसकी तुलना में बहुत अधिक।’ (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-numbers/01.md]])

बहुत से जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे, और बहुत से जो अंतिम हैं, वे पहले होंगे

यहाँ पहले और अंतिम लोगों की हैसियत या महत्व को संदर्भित करता है। यीशु लोगों की इस समय की हैसियत की तुलना स्वर्ग के राज्य में उनकी हैसियत से कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: “परन्तु बहुत से जो अब महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं वे सबसे कम महत्वपूर्ण होंगे, और बहुत से जो अब महत्वहीन प्रतीत होते हैं वे बहुत महत्वपूर्ण होंगे” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])

बहुत से जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे

इसका अर्थ हो सकता है ‘बहुत से लोग जो इस समय पर महत्वपूर्ण हैं, वे उस समय महत्वपूर्ण नहीं रहेंगे।’

बहुत से जो अंतिम हैं, वे पहले होंगे

इसका अर्थ हो सकता है ‘बहुत से लोग जिन्हें पृथ्वी पर बहुत महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, उन्हें स्वर्ग में बहुत महत्वपूर्ण माना जाएगा’ या ‘बहुत से लोग जिन्हें इस समय पृथ्वी पर कम मूल्य का माना जाता है, वे स्वर्ग में अत्यधिक मूल्य वाले होंगे।’

से ली गई बाइबल की कहानी

ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।