27-00
भले सामरी की कहानी
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि सामरिया के रहने वाले एक भले व्यक्ति ने एक यहूदी व्यक्ति की कैसे सहायता की” या “क्या घटित हुआ जब सामरिया के रहने वाले एक भले व्यक्ति ने एक यहूदी व्यक्ति की सहायता की थी?”
27-01
एक दिन
यह वाक्यांश अतीत में घटी एक घटना का परिचय देता है, परन्तु विशिष्ट समय नहीं बताता है। कई भाषाओं में सच्ची कहानी कहने का तरीका एक जैसा होता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
यहूदी व्यवस्था का विशेषज्ञ
यह व्यक्ति एक ऐसा जन था जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी गई व्यवस्था के साथ-साथ अन्य यहूदी व्यवस्थाओं का अध्ययन किया हुआ था और उनकी शिक्षा भी प्रदान की थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
उसने कहा, “हे गुरु, विरासत में अनन्त जीवन पाने के लिए मैं क्या करूँ?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु को गुरु कहकर पुकारा और पूछा कि विरासत में अनन्त जीवन पाने के लिए उसे क्या करना पड़ेगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
विरासत में अनन्त जीवन पाने के लिए
इसका अर्थ हो सकता है ‘परमेश्वर के साथ सदाकाल का जीवन पाने के लिए’ या ‘ताकि परमेश्वर मुझे उसके साथ सदाकाल का जीवन प्रदान करे’ या ‘परमेश्वर की ओर से अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए।’ यह व्यवस्था का विशेषज्ञ पूछ रहा था कि वह परमेश्वर पिता से विरासत के रूप में अनन्त जीवन प्राप्त करने के योग्य कैसे हो सकता है।
अनन्त जीवन
यह इस नश्वर शरीर के मरने के बाद परमेश्वर के साथ सदाकाल के जीवन को संदर्भित करता है। अनन्त जीवन के लिए मुख्य शब्द वाला पृष्ठ देखें।
यीशु ने उत्तर दिया, “परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उससे पूछा कि परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा हुआ है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?
इसका अर्थ हो सकता है ‘इसके विषय में परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?’ यीशु ने यह प्रश्न इसलिए पूछा क्योंकि वह चाहता था कि वह व्यक्ति इस बारे में सोचे कि परमेश्वर की व्यवस्था वास्तव में क्या सिखाती है।
क्या लिखा है
इसे सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर ने क्या कहा है” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])
27-02
उस व्यक्ति ने कहा, “वह कहती है, ‘प्रभु अपने परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण हृदय, प्राण, सामर्थ्य, और मन से प्रेम करो। और अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।’”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उस व्यक्ति ने कहा कि हमें प्रभु अपने परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण हृदय, प्राण, सामर्थ्य, और मन से प्रेम करना चाहिए। और अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करना चाहिए।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
प्रभु अपने परमेश्वर से प्रेम करो
आप यह कहने का चुनाव कर सकते हैं: “हमें प्रभु अपने परमेश्वर से प्रेम करना चाहिए।” इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐसा न लगे कि वह व्यक्ति यीशु को आदेश दे रहा है। बल्कि, वह यह उद्धृत कर रहा है कि परमेश्वर की व्यवस्था लोगों को क्या करने की आज्ञा देती है।
अपने सम्पूर्ण हृदय, प्राण, सामर्थ्य, और मन से
इसका अर्थ हो सकता है ‘अपने सम्पूर्ण व्यक्तित्व से’ या ‘अपने प्रत्येक अंग से।’ कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “अपने सम्पूर्ण कलेजे, सांस, बल, और विचारों से।” ध्यान का केंद्र इनमें से प्रत्येक अंग पर नहीं है, बल्कि हमारी सम्पूर्ण देह पर है। अपनी भाषा में उन अवधारणाओं का उपयोग करें जो सम्पूर्ण व्यक्ति का निर्माण करती हों।
हृदय
हृदय एक व्यक्ति के उस भाग को संदर्भित करता है जिसमें इच्छाएँ और भावनाएँ होती हैं।
प्राण
प्राण एक व्यक्ति के गैर-भौतिक, आत्मिक भाग को संदर्भित करता है।
सामर्थ्य
सामर्थ्य भौतिक शरीर और उसकी सभी क्षमताओं को संदर्भित करती है।
मन
मन एक व्यक्ति के उस भाग को संदर्भित करता है जो सोचता है, योजना बनाता है और विचार करता है।
पड़ोसी
यद्यपि पड़ोसी शब्द आमतौर पर एक ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करता है जो हमारे समीप रहता है, परन्तु यहूदियों ने इस शब्द को करीबी रिश्तेदारों, विदेशियों और दुश्मनों को छोड़कर सभी के लिए लागू किया था।
अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो
यह एक दीर्घवृत्त है। छूटी हुई जानकारी को बताया जा सकता है: “अपने पड़ोसी को ऐसे प्रेम करो जैसे तुम अपने आप से प्रेम करते हो।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-ellipsis/01.md]])
अपने समान
अर्थात् वह अपने पड़ोसी से उसी सीमा तक प्रेम करे जितना वह स्वयं से प्रेम करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-simile/01.md]])
यीशु ने उत्तर दिया, “तूने ठीक उत्तर दिया है! यदि तू ऐसा ही करे, तो तुझे अनन्त जीवन मिलेगा।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उसे बताया कि उसने ठीक उत्तर दिया था! यदि वह ऐसा ही करे, तो उसे अनन्त जीवन प्राप्त होगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तुझे अनन्त जीवन मिलेगा
इसे सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “परमेश्वर तुझे अनन्त जीवन देगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])
27-03
व्यवस्था का विशेषज्ञ
इसका अर्थ हो सकता है ‘यहूदी व्यवस्था का विशेषज्ञ।’ देखें कि आपने इस शब्द का अनुवाद 27:01 में कैसे किया है।
उसने यीशु से पूछा, “तो फिर, मेरा पड़ोसी कौन है?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उसने यीशु से पूछा कि उसका पड़ोसी कौन है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
मेरा पड़ोसी कौन है?
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “‘पड़ोसी’ से तेरे कहने का क्या अर्थ है?” या “मेरे पड़ोसी कौन लोग हैं?” वह जानता था कि वह हर किसी से प्रेम नहीं करता है, और पूछ रहा था कि उसे किन लोगों से प्रेम करने की आवश्यकता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
27-04
सामान्य जानकारी
इस तस्वीर के चारों ओर बादल जैसा ढांचा इस बात की ओर संकेत करता है कि यीशु एक कहानी कह रहा है, और आवश्यक रूप से वह किसी ऐतिहासिक घटना की व्याख्या नहीं कर रहा है।
व्यवस्था का विशेषज्ञ
देखें कि आपने इस शब्द का अनुवाद 27:01 में कैसे किया है।
एक कहानी
यह कहानी एक दृष्टांत के रूप में है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-parables/01.md]])
वहाँ एक यहूदी व्यक्ति था।
यह एक नये चरित्र को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
यरूशलेम से यरीहो को
कुछ भाषाओं में आप इसका अनुवाद इस प्रकार से कर सकते हैं: “यरूशलेम की नगरी से यरीहो की नगरी को” या “यरूशलेम नगर से यरीहो नगर को”
27-05
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
जो कुछ उसके पास था
इसका अर्थ हो सकता है ‘सब कुछ जो उसके पास में था, उन कपड़ों समेत जो उसने पहने हुए थे।’
27-06
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
इसके तुरन्त बाद, एक यहूदी याजक
यह एक नये चरित्र को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
चलता हुआ आया
इसका अर्थ हो सकता है ‘यात्रा करता हुआ आया।’ कुछ भाषाओं के लिए, चलता के बजाए ‘यात्रा’ जैसे किसी शब्द का उपयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि वह याजक केवल सड़क पर चल नहीं रहा था बल्कि दूसरे नगर जाने के लिए यात्रा कर रहा था।
चलता ही गया
इसका अर्थ हो सकता है ‘सड़क पर यात्रा करना जारी रखा।’
उसने उस व्यक्ति को पूरी रीति से अनदेखा कर दिया
यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि याजक बहुत धार्मिक होते थे, और उनसे अपने साथी यहूदी की सहायता करने की अपेक्षा की जाती थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
उस व्यक्ति को अनदेखा कर दिया
इसका अर्थ हो सकता है ‘उस व्यक्ति की सहायता नहीं की’ या ‘उस व्यक्ति के लिए कोई चिंता प्रकट नहीं की।’
27-07
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
उसके कुछ ही समय बाद, एक लेवी
यह एक नये चरित्र को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
उस सड़क पर आया
इसका अर्थ हो सकता है ‘उसी सड़क पर यात्रा कर रहा था।’
(लेवी लोग यहूदियों का ही एक गोत्र थे जो मंदिर में याजकों की सहायता करते थे।)
यह पृष्ठभूमि की जानकारी पाठक को यह बताने के लिए है कि लेवी लोग कौन थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
लेवी लोग यहूदियों का ही एक गोत्र थे
इसका अर्थ हो सकता है ‘लेवी लोग इस्राएलियों के लेवी गोत्र से थे’ या ‘लेवी लोग इस्राएलियों के लेवी वंश से थे’
उसने भी उस व्यक्ति को अनदेखा कर दिया
यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि लेवी लोग मंदिर में सेवा करते थे, और उनसे अपने साथी यहूदी की सहायता करने की अपेक्षा की जाती थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
अनदेखा कर दिया
इसका अर्थ हो सकता है ‘सहायता नहीं की।’
27-08
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
अगला व्यक्ति जो उस सड़क पर चलता हुआ आया वह सामरिया का रहने वाला पुरुष था।
यह एक नये चरित्र को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
चलता हुआ आया
इसका अर्थ हो सकता है ‘यात्रा करता हुआ।’ ये लोग एक नगर से दूसरे नगर की यात्रा कर रहे थे। इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐसा सुनाई न दे कि वे केवल टहल रहे थे।
(सामरी लोग और यहूदी लोग एक दूसरे से घृणा किया करते थे।)
यह पृष्ठभूमि की जानकारी पाठक को यह बताने के लिए है कि सामरी लोग और यहूदी लोग शत्रु थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
उसने देखा कि वह एक यहूदी था, परन्तु फिर भी उसके मन में उसके लिए बहुत गहरा तरस उत्पन्न हुआ
यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि यहूदी लोग और सामरी लोग एक दूसरे से घृणा करते थे, इसलिए उससे यहूदी व्यक्ति की सहायता करने की अपेक्षा नहीं की जाती थी। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
27-09
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
अपने गधे पर
इस बात को सुनिश्चित करें कि यह स्पष्ट हो कि अपने सामरी व्यक्ति को संदर्भित करता है।
सड़क के किनारे एक सराय
इसका अर्थ हो सकता है ‘सड़क के पास एक ठहरने का स्थान।’ यह एक ऐसा स्थान होता है जहाँ यात्री लोग भोजन ले सकते हैं और रात में रुक सकते हैं।
27-10
सामान्य जानकारी
यीशु वह कहानी बताना जारी रखता है।
अपनी यात्रा को जारी रखने के लिए
इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “अपनी मंजिल की ओर यात्रा करना जारी रखने के लिए।”
के प्रभारी
इसका अर्थ हो सकता है ‘जो प्रबन्धन करता था।’ ऐसा हो सकता है कि वह व्यक्ति उस ठहरने के स्थान का स्वामी भी हो।
उसने उससे कहा, ‘इस व्यक्ति की देखभाल करना। यदि तू इससे अधिक धन खर्च करे, तो मैं वापस आने पर उन खर्चों को चुका दूँगा।’
यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इस सम्पूर्ण उद्धरण को फिर से व्यक्त किया जा सकता है ताकि यह भाग एक अप्रत्यक्ष उद्धरण हो: “उसने उससे कहा कि उस व्यक्ति की देखभाल करना, और यदि उसने इससे अधिक धन खर्च किया, तो वह वापस लौटने पर उन खर्चों को चुका देगा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotesinquotes/01.md]])
इस व्यक्ति की देखभाल करना
इस बात के स्पष्ट होने के लिए कि यह एक आदेश नहीं, परन्तु विनम्र अनुरोध था, कुछ भाषाओं के लिए, यह कहना बेहतर हो सकता है: “कृपया इस व्यक्ति की देखभाल करना।”
उन खर्चों को चुका दूँगा
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “तुझे चुका दूँगा” या “उस धन का वापस भुगतान कर दूँगा” या “वह चुका दूँगा।”
27-11
यीशु ने उस विशेषज्ञ से पूछा, “तू क्या सोचता है? इन तीन व्यक्तियों में से कौन उस व्यक्ति का पड़ोसी था जिसे लूटा और पीटा गया था?”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उस विशेषज्ञ से पूछा कि उसके विचार में इन तीन व्यक्तियों में से कौन उस व्यक्ति का पड़ोसी था जिसे लूटा और पीटा गया था।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
व्यवस्था का विशेषज्ञ
इसका अर्थ हो सकता है ‘यहूदी व्यवस्था का विशेषज्ञ।’ देखें कि आपने इस शब्द का अनुवाद 27:01 में कैसे किया है।
इन तीन व्यक्तियों
ये तीन व्यक्ति याजक, लेवी, और सामरी थे।
पड़ोसी था
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “पड़ोसी के समान बर्ताव किया” या “एक मित्र था” या “प्रेमपूर्वक तरीके से व्यवहार किया।” देखें कि आपने पड़ोसी का अनुवाद 27:02 और 27:03 में कैसे किया है।
पड़ोसी
27:02 की तुलना में यीशु ने पड़ोसी शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में किया है। यहाँ पड़ोसी हम से मिलने वाले किसी ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करता है जिसे हमारी सहायता की आवश्यकता है।
उसने प्रतिउत्तर दिया, “वही जिसने उस पर दया की थी।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उसने प्रतिउत्तर दिया कि वही वह जन था जिसने उस पर दया की थी।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
यीशु ने उससे कहा, “तू जा और ऐसा ही कर।”
यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “यीशु ने उससे जाकर ऐसा ही करने के लिए कहा।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])
तू जा ओर कर
इसका अर्थ हो सकता है ‘तुझे भी जाकर करना चाहिए’ या ‘अब तू भी कर।’ यीशु उस व्यवस्था के विशेषज्ञ को वैसा ही करने की आज्ञा दे रहा था जैसा सामरी व्यक्ति ने किया था।
ऐसा ही कर
इसका अर्थ हो सकता है ‘दूसरों से प्रेम कर, यहाँ तक कि अपने शत्रुओं से भी प्रेम कर।’ इस बात को सुनिश्चित करें कि “ऐसा ही” इस प्रकार से सुनाई न दे कि यह केवल एक घायल व्यक्ति की सहायता करने को संदर्भित कर रहा है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-ellipsis/01.md]])
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।