हिन्दी, हिंदी (Hindi): Open Bible Stories Translation Notes

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11-00

फसह

इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि परमेश्वर ने फसह के पर्व की रचना कैसे की” या “परमेश्वर ने फसह के पर्व की रचना क्यों की?”

फसह

यह शब्द फसह एक यहूदी पर्व का नाम है जिसमें वे लोग उस बात का उत्सव मनाते हैं कि परमेश्वर उस समय उनके घरों के ऊपर से होकर गुजरा और उनके पहिलौठे पुत्रों को नहीं मारा, जब उसने मिस्रियों के पहिलौठों को मारा था।

11-01

मिस्र के लोगों और पशुओं के पहिलौठे नर

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “हर मिस्री परिवार का सबसे बड़ा पुत्र और उनके किसी भी पशु की पहली नर संतान।”

11-02

परमेश्वर ने प्रावधान किया

परमेश्वर ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जो इस्राएलियों के पुत्रों को मृत्यु से बचाने का मार्ग प्रदान कर सकता है।

जिस किसी ने भी उस पर विश्वास किया उनके पहिलौठे पुत्र को बचाने के लिए

इसे सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने पहलौठे पुत्र को बचाने के लिए उस पर विश्वास किया” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])

सिद्ध मेम्ना

इसका अर्थ ‘एक युवा भेड़ या बकरी जिसमें कोई कलंक या दोष न हो’ हो सकता है।

11-03

अख़मीरी रोटी

अख़मीरी रोटी वह रोटी होती है जो बिना ख़मीर के तैयार की जाती है। इस रोटी के आटे में ख़मीर मिलाया जाता है ताकि आटा पकाए जाने पर फैल जाए और फूल जाए। इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “किसी ऐसी वस्तु के बिना बनाया गया जो इसे फुला दे।” ख़मीर के साथ रोटी बनाने की तुलना में इसके बिना रोटी बनाने में अधिक समय लगता है, इसलिए अख़मीरी रोटी से पता चलता है कि यह भोजन अति-आवश्यक था और लोगों को इसे शीघ्रता से खाने की आवश्यकता थी।

इस भोजन को खाने के बाद वे तुरन्त ही निकल जाने के लिए तैयार रहें

इसका अर्थ है कि उन्हें इसे खाना आरम्भ करने से पहले ही निकलने के लिए तैयार होने की आवश्यकता थी।

11-04

प्रत्येक पहिलौठा पुत्र

इसका अर्थ है उन परिवारों का प्रत्येक पहलौठा पुत्र, जिन्होंने लहू का बलिदान नहीं चढ़ाया था, अर्थात् वे मिस्रवासी थे। इसे स्पष्ट करने के लिए आप इसे जोड़ने की इच्छा कर सकते हैं: “प्रत्येक मिस्रवासी का पहिलौठा पुत्र” (क्योंकि सभी इस्राएली परिवारों ने उस लहू को अपनी चौखटों पर लगाया था)।

11-05

होकर चला गया

इसका अर्थ है कि परमेश्वर उन घरों के पास से होकर गुजरा और वहाँ किसी को मार डालने के लिए नहीं रुका। यही वाक्यांश यहूदी त्योहार, ‘फसह’ का नाम बन गया।

उन्हें बचा लिया गया

परमेश्वर ने उनके पहिलौठे पुत्र को नहीं मारा।

मेम्ने के लहू के कारण

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “क्योंकि मेम्ने का लहू उनके द्वार पर लगा हुआ था।” परमेश्वर ने देखा कि उन्होंने उसकी आज्ञा के अनुसार मेम्ने को बलिदान किया था, इसलिए उसने उनके पुत्र को नहीं मारा।

11-06

परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया या उसकी आज्ञाओं को नहीं माना

कुछ भाषाओं में यह कहना अधिक स्वाभाविक या स्पष्ट हो सकता है: “परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे और इसलिए उन्होंने उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं किया।”

होकर नहीं चला गया

वह उनके घरों से आगे नहीं बढ़ा। बजाए इसके, उसने हर एक घर पर रुककर उनके सबसे बड़े पुत्र को मार डाला।

11-07

बंदीगृह के बंदियों के पहिलौठे से लेकर फ़िरौन के पहिलौठे तक

यह इस बात को कहने का एक तरीका है कि सभी लोगों — अर्थात् सबसे कम महत्वपूर्ण व्यक्ति के पुत्र से लेकर सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के पुत्र तक, और उनके बीच में आने वाले सब लोगों के पहिलौठे पुत्र की मृत्यु हो गई।

11-08

को बुलाया

इसका अर्थ है कि फ़िरौन ने अपने सेवकों से कहा कि वे मूसा और हारून से फ़िरौन के पास आने के लिए कहें।

और कहा

जब मूसा और हारून उसके पास आए तो फ़िरौन ने उनसे यह शब्द कहे। कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद इस प्रकार से होगा, “और उनसे कहा,” या “जब वे आए, तो फ़िरौन ने उनसे कहा।”

और कहा, “इस्राएलियों को लेकर तुरन्त मिस्र से निकल जाओ!”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “और उनसे कहा कि वे इस्राएलियों को लेकर तुरन्त ही मिस्र से निकल जाएँ!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

इस्राएलियों को लेकर तुरन्त मिस्र से निकल जाओ!

यह एक आज्ञा है। इसे विस्मयकारी बोध के रूप में कहा गया है क्योंकि फ़िरौन अंत में परमेश्वर से डर गया था और यह चाहता था कि इस्राएली लोग तुरन्त ही मिस्र से निकल जाएँ। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])

लेकर

यह प्रस्ताव वक्ता अर्थात् फ़िरौन से दूर है। मूसा को आज्ञा दी गई है कि वह इस्राएलियों को फ़िरौन के पास से ले जाए और उनके साथ तब तक चले जब तक कि वे सम्पूर्ण मिस्र देश से निकल न जाएँ, अर्थात् वह देश जिसमें वह वक्ता निवास करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-go/01.md]])

से ली गई बाइबल की कहानी

ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।