46-00
शाऊल यीशु का अनुयायी बन गया
इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि शाऊल मसीह का अनुयायी कैसे बन गया” या “शाऊल मसीह का अनुयायी कैसे बना?”
46-01
वहाँ शाऊल नाम का एक व्यक्ति था जो यीशु पर विश्वास नहीं करता था
यह शाऊल को कहानी में एक नये चरित्र के रूप में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
जब वह जवान था, तो उसने उन लोगों के कपड़ों की रखवाली की थी, जिन्होंने स्तिफनुस को मार डाला था
यह शाऊल के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-background/01.md]])
उन लोगों के कपड़ों की रखवाली की थी, जिन्होंने स्तिफनुस को मार डाला था
45:06 देखें।
घर-घर से
इसका अर्थ हो सकता है ‘बहुत से घरों में से।’
कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों को बंदी बना ले
यह उन पुरुषों और स्त्रियों को संदर्भित करता है जो यीशु पर विश्वास करते थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
दमिश्क
दमिश्क आज सीरिया देश की राजधानी है। शाऊल के समय में, यह रोमी साम्राज्य का एक नगर था। वहाँ के अधिकांश लोग यहूदी नहीं थे, परन्तु वहाँ कुछ यहूदी रहते थे और यीशु के कुछ अनुयायी भी वहाँ रहते थे।
कि उन्हें लेकर यरूशलेम वापस आए
पौलुस के उद्देश्य को यह बात जोड़कर स्पष्ट किया जा सकता है “ताकि यहूदी अगुवे उनका न्याय करके उन्हें दंड दे सकें।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
46-02
उसके शहर पहुँचने से ठीक पहले
यह एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो इस बात को प्रकट करने के लिए कहानी में एक बदलाव को चिन्हित करती है कि कुछ अलग होने वाला है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
तू मुझे क्यों सताता है?
यह आलंकारिक प्रश्न शाऊल के लिए एक डांट का संचार करता है। कुछ भाषाओं में एक कथन अधिक स्वाभाविक होगा। वैकल्पिक अनुवाद: “तू मुझे सता रहा है!” या एक आदेश “मुझे सताना बंद कर!” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-rquestion/01.md]])
46-03
शाऊल ने तीन दिन तक न तो कुछ खाया और न पिया
यह नहीं बताया गया है कि उसने आराधना स्वरूप नहीं खाने-पीने का चुनाव किया था, या फिर उसे इस कारण भूख नहीं लगी थी क्योंकि वह अपनी स्थिति से बहुत परेशान था। कारण न बताना ही बेहतर होगा। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md]])
46-04
वहाँ दमिश्क में हनन्याह नाम का एक चेला रहता था
यह हनन्याह को कहानी में एक नये चरित्र के रूप में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-participants/01.md]])
परन्तु हनन्याह ने कहा
यदि यह बात स्पष्ट न हो कि यहाँ परन्तु शब्द का उपयोग क्यों किया गया है, तो इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “परन्तु हनन्याह डर गया था, इसलिए उसने कहा।”
परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया
इस बात को स्पष्ट करने के लिए कि परमेश्वर ने ऐसा क्यों कहा, इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “हनन्याह को आश्वस्त करने के लिए, परमेश्वर ने कहा”
जा!
यह एक आज्ञा है और विस्मयकारी बोध भी है। परमेश्वर इस बात पर जोर दे रहा है कि हनन्याह को आपत्ति करना बंद करके शाऊल के पास इसलिए जाना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने उसे ऐसा करने का निर्देश दिया है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])
कि मेरे नाम की घोषणा करे
इसका अर्थ हो सकता है ‘कि मेरे विषय में शिक्षा दे’ या ‘कि मुझे प्रसिद्ध करे।’
मेरे नाम के लिए
यहाँ “मेरा नाम” एक समानार्थी शब्द है जो यीशु को संदर्भित करता है। शाऊल बहुत दु:ख इसलिए उठाएगा क्योंकि वह लोगों को यीशु के विषय में बताएगा। वैकल्पिक अनुवाद: “मेरे लिए” या “मेरे कारण” या “क्योंकि वह मेरी सेवा करता है” या “क्योंकि वह मेरे बारे में दूसरों को सिखाता है।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-metonymy/01.md]])
46-05
उस पर अपने हाथ रखे
हनन्याह ने अपने हाथ शाऊल पर रखे। यह शाऊल को आशीष देने का प्रतीक था। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
यहाँ
इसका अर्थ हो सकता है ‘दमिश्क को।’
तुरन्त
यह एक समकालीन उपवाक्य को प्रस्तुत करता है। जैसे ही हनन्याह ने उसे छुआ शाऊल देखने में सक्षम हो गया। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-time-simultaneous/01.md]])
46-06
तुरन्त
यह एक नयी घटना को प्रस्तुत करता है। इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “उसी समय” या “तभी।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
परमेश्वर का पुत्र
यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md]])
क्योंकि शाऊल ने विश्वासियों को मार डालने का प्रयत्न किया था
यह जोड़ने वाला शब्द क्योंकि कारण को (शाऊल का परिवर्तन, कि उसने उन लोगों को मार डालने का प्रयत्न किया था जो यीशु पर विश्वास करते थे, और अब वह स्वयं यीशु पर विश्वास करता था), परिणाम से (यहूदी चकित थे) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])
यहूदियों के साथ वाद-विवाद किया
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “यहूदियों को यीशु पर विश्वास करने के अच्छे कारण दिए” या “यहूदियों से कायल करने वाली बातें कहीं।”
46-07
कई दिन बाद
यह एक नयी घटना को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
यहूदियों ने शाऊल को मार डालने की योजना बनाई
यहाँ यहूदियों यहूदियों के अगुवों को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “यहूदी अगुवों” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-synecdoche/01.md]])
नगर के फाटकों पर उसकी निगरानी करने के लिए
चारदीवारी से घिरे नगरों में प्रवेश करने या बाहर निकलने का एकमात्र सामान्य मार्ग ये फाटक ही थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-explicit/01.md]])
उसे एक टोकरी में नगर की शहरपनाह पर से नीचे उतार दिया
इसे कहने का दूसरा तरीका यह होगा: “उसे एक बड़ी टोकरी में बैठने में सहायता की और उस टोकरी को उसके साथ नगर की शहरपनाह पर से नीचे लटका दिया।"”
46-08
शाऊल यरूशलेम को चला गया
यह एक नयी घटना को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
परन्तु वे उससे डरते थे
यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु विपरीत सम्बन्ध को प्रस्तुत करता है। शाऊल अब एक चेला था इसलिए आप अपेक्षा करेंगे कि प्रेरित उससे मिलना चाहते होंगे, परन्तु बजाए इसके वे डर गए थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])
शाऊल को ग्रहण कर लिया
इसका अर्थ हो सकता है ‘विश्वास कर लिया कि शाऊल भी यीशु का एक विश्वासी हो गया है।’
46-09
अंताकिया नगर
यह एक प्राचीन नगर था जो अब तुर्की के आधुनिक देश का सबसे दक्षिणी सिरा है, जो सीरिया के साथ इसकी सीमा के पास और भूमध्य सागर के निकट है। यह यरूशलेम से लगभग 450 मील उत्तर-पश्चिम में था।
कि कलीसिया को दृढ़ करे
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “कि कलीसिया को आत्मिक रूप से मजबूत होने में सहायता करे” या “कि यीशु के विश्वासियों को उनके विश्वास में मजबूत होने में सहायता करे” या “कि लोगों को यीशु पर अधिक दृढ़ता से विश्वास करने में सहायता करे।”
यीशु पर विश्वास करने वाले सबसे पहले ‘मसीही’ कहलाए।
इसका अर्थ यह है कि अन्य लोग विश्वासियों को इसी नाम से पुकारते थे। इसे सक्रिय रूप में व्यक्त किया जा सकता है: “अंताकिया के लोगों ने यीशु पर विश्वास करने वालों को सबसे पहले ‘मसीही’ कहा।’” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-activepassive/01.md]])
46-10
एक दिन
यह वाक्यांश अतीत में घटी एक घटना का परिचय देता है, परन्तु विशिष्ट समय नहीं बताता है। कई भाषाओं में सच्ची कहानी कहने का तरीका एक जैसा होता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/writing-newevent/01.md]])
बरनबास और शाऊल को मेरे लिए उस काम के लिए अलग करो जिसके लिए मैंने उन्हें बुलाया है।
इस वाक्य का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “पौलुस और बरनबास को उस विशेष कार्य के लिए नियुक्त करो जिसे करने के लिए मैंने उन्हें चुना है।”
कलीसिया
इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “विश्वास करने वाले लोग” या “यीशु के अनुयायी।”
उन पर अपने हाथ रखे
इस कार्यवाई ने इस बात को प्रकट किया कि अगुवे इस बात से सहमत थे कि पवित्र आत्मा ने बरनबास और शाऊल को यह कार्य करने के लिए बुलाया था। इसका अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “उन पर हाथ रखकर उन्हें पवित्र आत्मा की सामर्थ्य और अधिकार से आशीषित किया” या “आत्मा में उनकी एकता के प्रतीक स्वरूप उन पर अपने हाथ रखे।” कुछ भाषाओं को यह कहना पड़ सकता है कि उन्होंने अपने हाथ कहाँ रखे थे। यदि ऐसा है, तो आप कह सकते हैं कि उन्होंने अपने हाथ उनके सिर, कंधे या पीठ पर रखे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-symaction/01.md]])
उन्हें भेज दिया
इसका अर्थ हो सकता है ‘उन्हें विदा किया’ या ‘उन्हें उनकी यात्रा पर भेज दिया।’
से ली गई बाइबल की कहानी
ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।