हिन्दी, हिंदी (Hindi): Open Bible Stories Translation Notes

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10-00

दस विपत्तियाँ

इस शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार से भी किया जा सकता है: “इस विषय में कि परमेश्वर ने मिस्रियों को दस विपत्तियों से कैसे पीड़ित किया” या “जब परमेश्वर ने मिस्रियों को दस विपत्तियों से पीड़ित किया तो क्या घटित हुआ था?”

10-01

हठीला

इसका अर्थ यह है कि फ़िरौन परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने से इन्कार कर देगा। आप इसे भी जोड़ने की इच्छा कर सकते हैं: “हठीला हो गया और सुनने से (या मानने से) इन्कार कर दिया।”

फ़िरौन से

यह कहना अधिक स्पष्ट हो सकता है: “फ़िरौन से बात करने के लिए उसके महल गया”

इस्राएल का परमेश्वर यह कहता है, ‘मेरे लोगों को जाने दे!’

यह एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण है। इस सम्पूर्ण उद्धरण को फिर से व्यक्त किया जा सकता है ताकि यह भाग एक अप्रत्यक्ष उद्धरण हो: “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है कि मेरे लोगों को जाने दे!’” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotesinquotes/01.md]])

इस्राएल का परमेश्वर

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “वह परमेश्वर, जिसने इस्राएलियों का उसके लोग होने के लिए चुनाव किया” या “वह परमेश्वर, जो इस्राएल के लोगों पर शासन करता है” या “वह परमेश्वर जिसकी इस्राएल के लोग आराधना करते हैं।”

मेरे लोगों को जाने दे!

इसे कहने के दूसरे तरीके हैं: “मेरे लोगों को स्वतंत्र होकर जाने की अनुमति प्रदान कर!” या “मिस्र से निकल जाने के लिए मेरे लोगों को स्वतंत्र कर!”

मेरे लोगों को

09:13 में मेरे लोगों को देखें।

परन्तु फ़िरौन ने नहीं सुना

यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु उस बात को जो मूसा और हारून ने कही थी जिसे करने के लिए परमेश्वर ने फ़िरौन से कहा था (उसके लोगों को जाने दे), जो उसने किया (उसने उनकी बात नहीं सुनी) से जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])

सुन

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “ध्यान दे” या “पालन कर।”

इस्राएलियों को स्वतंत्र होकर जाने देने के बजाए

यह जोड़ने वाला शब्द के बजाए मूसा और हारून ने फ़िरौन से जो करने को कहा (परमेश्‍वर की सुन और उसके लोगों को जाने दे), को जो फ़िरौन ने किया (उनसे कठिन परिश्रम करवाया) से जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])

उसने उन्हें और भी कठिन परिश्रम करने के लिए विवश किया!

यह एक दृढ़ कथन है कि फ़िरौन ने न केवल इस्राएलियों को स्वतंत्र नहीं किया, बल्कि उनके जीवन को और भी कठिन बना दिया! (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-exclamations/01.md]])

10-02

लोगों को

यह इस्राएल के लोगों को संदर्भित करता है, जिन्हें ‘इस्राएली’ भी कहा जाता था।

इसलिए परमेश्वर ने भेजीं

यह जोड़ने वाला शब्द इसलिए उस कारण को (फ़िरौन ने इस्राएलियों को जाने देने के बजाए उनसे कठिन परिश्रम करवाया), परिणाम से (परमेश्‍वर ने मिस्र पर दस भयानक विपत्तियाँ भेजीं) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])

दस भयानक विपत्तियाँ

विपत्ति (अर्थात् महामारी) बहुत बुरी या भयानक होती है जो किसी व्यक्ति को या किसी वस्तु को होती है। विपत्ति (अर्थात् महामारी) शब्द आमतौर पर किसी ऐसी बात को संदर्भित करता है जो कई लोगों को प्रभावित करती है या एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में घटित होती है। विपत्ति के लिए दूसरा शब्द ‘आपदा’ होगा।

मिस्र के सब देवता

यह कहना अधिक स्पष्ट होगा: “जिन सब देवताओं की मिस्र के लोग उपासना करते थे।” मिस्र के लोग कई अलग-अलग झूठे देवताओं की उपासना किया करते थे। इनमें से कुछ झूठे देवताओं का तो अस्तित्व ही नहीं था। अन्य झूठे देवता जिनकी वे उपासना किया करते थे वास्तव में शैतान थे। दुष्टात्माएँ इस्राएल के परमेश्वर के समान शक्तिशाली नहीं रहती हैं।

10-03

नील नदी को लहू में परिवर्तित कर दिया

कुछ भाषाओं में यह कहने की आवश्यकता पड़ सकती है: “नील नदी के जल को लहू में बदल दिया।” नदी में जल के स्थान पर लहू था, इसलिए मछलियाँ मर गईं और लोगों के पास पीने के लिए पानी नहीं था।

परन्तु तब भी फ़िरौन

यह जोड़ने वाला शब्द परन्तु परमेश्वर द्वारा नदी को लहू में बदल देने और फ़िरौन द्वारा इस्राएलियों को जाने न देने के बीच विरोध प्रकट करता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md]])

10-04

परमेश्वर ने मिस्र में सब जगह मेंढ़क भेजे

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “परमेश्वर ने समूचे मिस्र में बहुत सारे मेंढ़क भेजे।”

अपने हृदय को कठोर कर लिया

वह फिर से हठीला हो गया और उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने से इन्कार कर दिया। यहाँ, हृदय एक पर्यायवाची है जो फ़िरौन को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “फ़िरौन ने अपने आप को कठोर कर लिया।” (दखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-synecdoche/01.md]])

अपने हृदय को कठोर कर लिया

वह फिर से हठीला हो गया और उसने परमेश्वर की आज्ञा मानने से इन्कार कर दिया। फ़िरौन के हठीले बर्ताव के बारे में ऐसा कहा जाता है कि मानो उसका हृदय कठोर हो गया था। वैकल्पिक अनुवाद: “फ़िरौन हठीला हो गया।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-metaphor/01.md]])

10-05

परमेश्वर ने एक विपत्ति भेजी

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “परमेश्वर ने वहाँ विपत्ति भेजी” या “परमेश्वर ने मिस्र देश पर विपत्ति (अर्थात् कुटकियों को) आने दिया।”

कुटकियाँ

ये छोटे-छोटे, काटने वाले कीड़े थे जो बड़े झुंड में उड़ रहे थे, जो कष्टदायी थे और मिस्र के सभी लोगों और पशुओं पर बैठ रहे थे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-unknown/01.md]])

डाँस

ये बहुत बड़े-बड़े उड़ने वाले कीड़े थे जो कष्टदायी और विनाशकारी दोनों थे। इन डाँसों की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्होंने सब कुछ ढक दिया, यहाँ तक कि मिस्रियों के घरों को भी भर दिया।

अपने हृदय को कठोर कर लिया

10:04 का नोट देखें।

10-06

पालतु पशु

यह उन बड़े पशुओं को संदर्भित करता है जिनकी मिस्रवासी अपने काम में सहायता लेते थे, जैसे कि घोड़े, गधे, ऊँट, मवेशी, भेड़ और बकरियाँ।

हृदय कठोर हो गया

10:04 का नोट देखें।

10-07

परमेश्वर ने फ़िरौन को हृदय को कठोर कर दिया

परमेश्वर ने फ़िरौन को हठीला बना रहने दिया। 10:04 का नोट भी देखें।

10-08

इसके बाद

यह उस समय को संदर्भित करता है जब परमेश्वर ने मिस्रियों की त्वचा पर पीड़ादायक फफोले और फोड़ों को प्रकट किया।

परमेश्वर ने ओले भेजे

परमेश्वर ने आसमान से ओले गिराए।

ओले

ओले बर्फ के टुकड़ों के समान होते हैं जो वर्षा के समान बादलों से नीचे गिरते हैं। ये टुकड़े बहुत छोटे या बहुत बड़े हो सकते हैं। बड़े ओले जिस वस्तु पर गिरेंगे उसे चोट पहुँचाएँगे या मार डालेंगे। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-unknown/01.md]])

फ़िरौन ने मूसा और हारून को बुलाकर उनसे कहा, “मैंने पाप किया है। तुम लोग जा सकते हो।”

यह प्रत्यक्ष उद्धरण है। इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है: “फ़िरौन ने मूसा और हारून को बुलाकर कहा कि उसने पाप किया है, और कहा कि वे लोग जा सकते हैं।” (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/figs-quotations/01.md]])

तुम लोग जा सकते हो

यह शब्द तुम मूसा, हारून, और इस्राएलियों को संदर्भित करता है।

10-09

उसके हृदय को कठोर कर दिया

10:04 का नोट देखें।

10-10

टिड्डियों के झुंड

टिड्डियाँ टिड्डे ही होते हैं जो झुंडों या बड़े-बड़े समूहों में एक साथ उड़ते हैं, और जो सभी प्रकार के पौधों और खाद्य फसलों के बड़े क्षेत्रों को खाकर नष्ट कर सकते हैं। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/translate-unknown/01.md]])

ओले

ओले बर्फ के टुकड़ों के समान होते हैं जो वर्षा के समान बादलों से नीचे गिरते हैं।

10-11

परमेश्वर ने अंधकार भेजा

परमेश्वर ने अधिकांश मिस्र को अंधकार से ढक दिया या उसमें अंधकार को फैला दिया। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर ने मिस्र के इस भाग से प्रकाश को हटा लिया था।

वह तीन दिनों तक बना रहा

यह अंधकार सामान्य रात के अंधकार से गहरा था, और पूरे तीन दिनों तक पूर्ण रीति से अंधकार बना रहा।

10-12

ये नौ विपत्तियाँ

इसका अर्थ है: ‘ये नौ आपदाएँ जो परमेश्वर ने भेजी थीं।’

चूँकि फ़िरौन नहीं सुनेगा, इसलिए परमेश्वर ने एक अंतिम विपत्ति भेजने की योजना बनाई। इससे फ़िरौन का मन बदल जाएगा।

यह जोड़ने वाला शब्द चूँकि उस क्रिया को (परमेश्वर एक अंतिम विपत्ति भेजता है), कारण से (फ़िरौन ने इस्राएलियों को स्वतंत्र होकर जाने देने से इन्कार कर दिया) जोड़ता है। (देखें: [[https://git.door43.org/Door43-Catalog/*_ta/src/branch/master/translate/grammar-connect-logic-result/01.md]])

चूँकि फ़िरौन नहीं सुनेगा

इसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है: “चूँकि परमेश्वर फ़िरौन से जो काम करने के लिए कह रहा था, फ़िरौन उसे नहीं करेगा” या “चूँकि फ़िरौन ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने से इन्कार कर दिया था।”

इससे फ़िरौन का मन बदल जाएगा

इसे कहने का दूसरा तरीका होगा: “यह अंतिम विपत्ति फ़िरौन को परमेश्वर के बारे में अपने विचार बदलने के लिए प्रेरित करेगी और, इसके परिणामस्वरूप, वह इस्राएलियों को स्वतंत्र होकर जाने देगा।”

से ली गई बाइबल की कहानी

ये संदर्भ बाइबल के कुछ अनुवादों में थोड़े से अलग हो सकते हैं।