23-01
यूसुफ़ किस तरह का शख़्स था ?
वह एक रास्तबाज़ शख़्स था -
जब मरयम हम्ल से थी तो यूसुफ़ ने क्या करने का मंसूबा किया ?
उसने मंसूबा किया कि वह मरयम को चुप चाप से छोड़ देगा -
23-02
क्या वजह थी कि यूसुफ़ मरयम से शादी करने को राज़ी हुआ ?
एक फ़रिश्ते ने ख़्वाब में आकर उस से कहा कि मरयम को अपनी बीवी बनाकर घर ले आने से मत डर -
“येसु” के नाम के क्या मायने हैं ?
इस के मायने हैं “यह वह बचाता है”-
23-04
मरयम और यूसुफ़ ने बैतलहम का एक लम्बा सफ़र क्यूँ तै किया ?
क्यूंकि रोमी सरकार कि तरफ़ से यह हुक्म जारी हुआ कि हर एक को उनके बाप दादा जहां रहते थे उस के मुताबिक उन्हें इस्म नवीसी कराने वहाँ जाना था -
23-05
येसु कैसी जगह में पैदा हुआ था ?
वह एक ऐसी जगह में पैदा हुआ जहां जानवर बंधे हुए थे
23-06
चरवाहों के लिए फ़रिश्ते का क्या पैग़ाम था ?
उस ने कहा “मैं तुम्हें बशारत देता हूँ कि मसीहा जो मालिक है वह बैतलहम में पैदा हुआ है –“
23-08
वह कैसे मालूम करेंगे कि वह जिस बच्चे को देखने जा रहे थे वह वही बच्चा है ?
फ़रिश्ते ने कहा था कि तुम उस बच्चे को कपड़े में लिपटा चरनी में पड़ा पाओगे -
बच्चे को देखने के बाद चरवाहों ने क्या किया ?
उन्होंने जो कुछ सुना और देखा उस के लिए ख़ुदा की हम्द करते हुए अपने मैदानों को लौटे -
23-09
बाद में मशरिक़ से मजूसियों ने कैसे मालूम किया कि यहूदियों का एक नया बादशाह पैदा हुआ है ?
उन्होंने आसमान में एक ग़ैर मामूली तारा देखा था -
23-10
मजूसियों ने जब येसु को देखा तो उन्होंने क्या किया ?
उन्होंने ज़मीन पर गिर कर उसे सजदा किया और येसु को क़ीमती तोहफ़े दिए -