43-01
शागिर्द लोग जब येरुशलेम में पाक रूह के नाज़िल होने का इंतज़ार कर रहे थे तो वह क्या कर रहे थे ?
वह हमेशा दुआ और इबादत के लिए जमा होते थे -
43-02
यहूदी लोग पेंतिकुस्त का दिन कब मनाते थे ?
वह हर साल फ़सह के पचास दिन के बाद मानाते थे -
येसु के मुर्दों में से जी उठने के बाद पेंतिकुस्त के दिन ईमानदारों को क्या हो गया था ?
तेज़ आंधी की सी आवाज़ आई , उनके सिरों के ऊपर आग की लपटें दिखाई दीं और वह रूहुलक़ुदुस से भर गए थे और ग़ैर जुबानें बोलने लगे थे -
43-04
भीड़ में लोग हैरत ज़दा क्यूँ होने लगे थे ?
उन्होंने शागिर्दों के मुंह से उनकी अपनी ज़बान में बात करते सुना -
43-05
कुछ लोगों ने क्या सोचा कि शागिर्दों के इस तरह से बात करने की क्या वजह थी ?
उन्होंने शागिर्दों पर इलज़ाम लगाया कि वह शराब के नशे में थे -
पतरस ने क्या कहा कि उनके इस तरह से ग़ैर ज़ुबानों में बात करने का क्या सबब था ?
पतरस ने कहा कि ख़ुदा उनपर अपना पाक रूह नाज़िल कर रहा था -
43-06
पतरस ने क्या कहा कि येसु को सलीब पर चढ़ाने के ज़िम्मेदार कौन थे ?
भीड़ के लोग
43-07
पतरस ने क्या कहा कि येसु मरने के बाद फिर कैसे ज़िन्दा हुआ ?
ख़ुदा ने उसको मुर्दों में से ज़िन्दा किया -
43-08
क्या सबब था कि शागिर्द लोग ग़ैर जुबानें बोलने लगे थे ?
रूहुल क़ुदुस के नाज़िल होने के सबब से वह लोग ग़ैर जुबानें बोलने लगे थे -
43-09
पतरस ने क्या कहा कि येसु की मस्लूबियत के लिए कौन लोग ज़िम्मेदार थे
भीड़ के लोग
कौनसी दो बातें थीं जो पतरस ने कहीं कि ख़ुदा ने येसु को कौनसा रुतबा पाने का हक़ बख़्शा ?
ख़ुदावंद और मसीहा -
43-10
पतरस के पैग़ाम का लोगों ने कैसा रद्देअमल पेश किया ?
उन के दिलों पर चोट लगी और वह पूछने लगे थे कि ‘भाइयो हम क्या करें’? -
43-11
पतरस ने लोगों से क्या करने को कहा ?
उस ने उन से कहा कि तौबा करो और नजात के लिए येसु मसीह के नाम से बपतिस्मा लो ताकि ख़ुदा तुम्हारे गुनाह मुआफ़ करे -
43-12
उस दिन कितने लोग येसु पर ईमान लाए और बपतिस्मा लिया ?
43-13
शागिर्द लोग क्या कुछ करने में अपना वक़्त गुज़ारते थे ?
रसूलों से तालीम पाने में , एक दूसरे के लिए दुआ करने में ,एक साथ मिलकर खाना खाने में , मिलकर ख़ुदा की हम्द ओ सिताइश करने में, सब चीज़ों में शरीक होने में अपना वक़्त गुज़ारते थे -