39-01
वह कौनसा वक़्त था जब यहूदी रहनुमाओं ने येसु से सवालात पूछना शुरू किया था ?
वह आधी रात का वक़्त था -
39-02
यहूदी रहनुमा क्यूँ इस बात को साबित न कर सके कि येसु में किसी तरह का जुर्म नहीं पाया जाता ?
झूठे गवाहों के बयानात एक दूसरे से मेल नहीं खाते थे -
39-03
आख़िरकार सरदार काहिन ने येसु से क्या सवाल पूछा ?
“ हमको बता , क्या तू ज़िन्दा ख़ुदा का बेटा मसीहा है ?
39-04
येसु ने सरदार काहिन को क्या जवाब दिया ?
उसने कहा ,”मैं हूँ और तुम मुझे ख़ुदा के दहनी तरफ़ उसके साथ तख़्तनशीन पाओगे और आसमान से आते हुए देखोगे -
सरदार काहिन कि नज़र में वह कौनसा जुर्म था जो येसु से सरज़द हुआ ?
येसु ने कहा कि वह ख़ुदा का बेटा है -
39-06
जब येसु का मुक़द्दमा चल रहा था तो उस वक़्त पतरस कहां था ?
पतरस सरदार काहिन के घर के बाहर इंतज़ार कर रहा था -
लोगों ने क्यूँ सोचा कि पतरस येसु के साथ रहा करता था ?
क्यूंकि पतरस और येसु दोनों गलील से थे -
39-07
जब लोगों ने पतरस से पूछा कि क्या वह येसु को जानता है तो पतरस ने क्या जवाब दिया ?
पतरस ने तीन बार इंकार किया कि वह येसु को जानता था -
जब पतरस ने तीन बार येसु का इंकार किया तो अचानक क्या हुआ ?
एक मुर्ग़ ने बांग दी और येसु ने पतरस की तरफ़ मुड़ कर देखा -
39-08
यहूदा ने क्या किया जब उस ने देखा कि यहूदी रहनुमाओं ने येसु को मुजरिम क़रार दिया ?
यहूदा बहुत ज़ियादा ग़मगीन हुआ और बाहर जाकर खुद को फांसी लगाई -
39-09
यहूदी रहनुमाओं ने येसु को रोमी गवर्नर पिलातुस के यहाँ क्यूँ ले गए ?
उन्हें यह उम्मीद थी कि पिलातुस येसु को मुजरिम क़रार देगा और मौत की सज़ा सुनाएगा -
पिलातुस ने येसु से पहला सवाल क्या पूछा ?
“क्या तू यहूदियों का बादशाह है”
39-10
येसु ने क्या कहा कि उसके ज़मीन पर आने का क्या मक़सद था ?
ख़ुदा की बाबत सच्चाई का ऐलान करे -
39-11
कितनी मर्तबा पिलातुस ने भीड़ के लोगों से कहा कि येसु बे गुनाह है ?
तीन मर्तबा
39-12
फिर क्यूँ पिलातुस ने येसु को मस्लूब होने दिया ?
क्यूंकि पिलातुस को डर था कि भीड़ के लोग कहीं दंगा फ़साद न शुरू कर दें -
रोमी सिपाहियों ने येसु के साथ कैसा बर्ताव किया ?
उन्होंने येसु के कोड़े मारे , शाही पोशाक पहनाई ,काँटों का ताज उस के सर पर रखा और उसका मज़ाक़ उड़ाया -