46-01
साउल दमिश्क़ को क्यूँ जारहा था ?
मसीहियों को गिरफ़्तार करने और उन्हें वापस येरूशलेम लाने के लिए -
46-02
दमिश्क़ के रास्ते में येसु ने साउल से क्या सवाल पूछा ?
उसने पूछा ,कि तू मुझे क्यूँ सताता है ?
46-03
तेज़ रौशनी को देखने के बाद जब वह ज़मीन पर से उठा तो साउल को क्या होगया था ?
साउल देख नहीं सकता था उसके दोस्त लोग उसको दमिश्क़ ले गए और उसने तीन दिन तक न तो कुछ खाया और न पिया -
46-04
हननिया साउल से से बात करने से क्यूँ डरता था ?
उसने सुन रखा था कि साउल मसीहियों को सता रहा था
ख़ुदा ने क्या कहा था कि साउल के चुने जाने का क्या मक़सद था ?
साउल यहूदियों के बीच में और दीगर क़ौमों में भी ख़ुदा के नाम का ऐलान करेगा -
46-05
हनानियाह ने किस तरह से साउल को फिर से देखने के क़ाबिल किया ?
उसने उसपर अपने हाथ रखे थे -
साउल जब फिर से देखने लगा तो हनानियाह ने उसके लिए क्या किया ?
हनानियाह ने उसको बपतिस्मा दिया -
46-06
साउल ने फ़ौरन ही यहूदियों को अपनी मनादी में क्या पैग़ाम देना शुरू किया ?
उसने पैग़ाम दिया कि ‘येसु ख़ुदा का बेटा है !’
46-07
साउल की मनादी का यहूदियों ने कैसा रद्देअमल पेश किया ?
उन्होंने साउल को हलाक करने का मंसूबा बनाया -
साउल दमिश्क़ से कैसे बच निकला ?
उसके दोस्तों ने उसको एक टोकरी में बिठाया और टोकरी को एक रस्सी के सहारे शहर के दीवार से नीचे कर दिया
46-08
येरूशलेम में रसूलों के ज़रिए क़बूल किये जाने में साउल की मदद किस ने की ?
बरनाबास साउल को रसूलों के पास ले गया और उनसे कहा कि साउल ने किस तरह दमिश्क़ में दिलेरी के साथ मनादी की थी -
46-09
अन्ताकिया में जो लोग मसीही हुए थे उनमें और दूसरे मसीहियों में क्या फ़र्क़ था ?
वह यहूदियों में से नहीं थे -
अन्ताकिया के ईमानदारों को सब से पहले क्या नाम दिया गया ?
मसीही लोग
46-10
अन्ताकिया की कलीसिया के लोग क्या कर रहे थे जब रूहुलक़ुदुस ने उनसे कहा कि बरनाबास और साउल को मेरे लिए अलग करदो ?
वह दुआ कर रहे थे और रोज़ा रख रहे थे -
अन्ताकिया की कलीसिया ने साउल और बरनाबास को किस मक़सद से बाहर भेजा ?
उन्होंने उन दोनों को बहुत सी और जगहों में येसु की ख़ुशख़बरी की मनादी के लिए भेजा -