30-01
येसू ने अपने रसूलों को गाँव देहात में किस लिए भेजा ?
उसने उन्हें भेजा कि मनादी करें और उन्हें कलाम सिखाएं
येसू अपने रसूलों को झील के उस पार क्यूँ ले गया ?
उसने उन्हें तन्हा मक़ाम में थोड़ी देर आराम करने की दावत दी -
30-02
क्या येसु और उसके रसूल तन्हा रहने और आराम करने पाए थे ?
नहीं - बल्कि बहुत से लोग उन से मिलने को दूसरे रस्ते से दौड़े चले आए -
30-03
उस बड़ी भीड़ के लिए येसू का क्या बर्ताव था जो उसका इंतज़ार करती थी ?
उसने उनपर तरस का इज़हार किया -
येसू ने लोगों पर तरस का इज़हार कैसे किया ?
उसने उन्हें कलाम सिखाया और बीमारों को शिफ़ा बख़्शी
कितने लोग उसके खिलाए हुए खाने से आसूदा हुए ?
पांच हज़ार मर्द , औरतों और बच्चों की गिनती इस में शामिल नहीं है -
30-04
शागिर्द लोग लोगों को क्यूँ जल्दी वापस भेजना चाहते थे ?
क्यूंकि बहुत शाम हो चुकी थी और उन्हें खाना ख़रीदने के लिए जाना ज़रूरी था -
30-05
शागिर्द लोग लोगों को क्यूँ नहीं खिला सकते थे ?
क्यूंकि उनके पास सिर्फ़ पांच रोटी और दो छोटी मछली थीं -
30-07
येसू ने उन पांच रोटी और दो मछलियों के साथ क्या किया ?
उसने खाने पर ख़ुदा से बरकत मांगी , रोटी और मछली को तोड़ा और शागिर्दों से कहा कि वह लोगों में बाँट दे -
30-08
येसू ने उन पांच रोटी और दो मछलियों के साथ क्या किया ?
उसने खाने पर ख़ुदा से बरकत मांगी , रोटी और मछली को तोड़ा और शागिर्दों से कहा कि वह लोगों में बाँट दे -
30-09
जब सब लोग खाना खा चुके तो कितना खाना बच गया था ?
भरी हुई बारह टोकरियाँ -