32-02
येसु जब गरासीनियों के इलाक़े में पहुंचा तो वहां पर क्या हुआ था ?
बदरूह से समाया हुआ एक शख़्स दौड़ता हुआ येसु के पास चला आया -
32-03
बदरूह से समाया हुआ शख़्स क्या करता था ?
बदरूह उसकी ज़नजीरों को तोड़ डालता था ,क़ब्रों में रहता था , दिन रात चिल्लाया करता था , कपड़े नहीं पहनता था , पत्थरों से अपने आप को ज़ख़्मी कर लेता था -
32-04
बदरूह से समाया हुआ शख़्स क्या करता था ?
बदरूह उसकी ज़नजीरों को तोड़ डालता था ,क़ब्रों में रहता था , दिन रात चिल्लाया करता था , कपड़े नहीं पहनता था , पत्थरों से अपने आप को ज़ख़्मी कर लेता था
32-06
उस बदरूह का नाम क्या था ?
उस का नाम लश्कर था
“लश्कर” के मायने क्या थे ?
इस के मायने यह हैं कि उस शख़्स में बहुत सी बदरूहें थीं
32-07
जब बदरूहों ने उस शख़्स को छोड़ दिया तो उन्होंने उन्हें कहां भेजने की मिन्नत की ?
उन्हों ने 2000 सुअरों के एक ग़ोल में भेजने की मिन्नत की -
32-08
जब बदरूहों ने उस शख़्स को छोड़ दिया तो उन्होंने उन्हें कहां भेजने की मिन्नत की ?
उन्हों ने 2000 सुअरों के एक ग़ोल में भेजने की मिन्नत की -
उन सुअरों का क्या हाल हुआ जब बदरूहें उनमें दाख़िल हुईं ?
वह करारे पर से झपट कर झील में कूद पड़ीं और डूब मरीं -
32-09
जब बदरूहों ने उस शख़्स को छोड़ दिया था तो उसका बर्ताव कैसा था ?
वह चुप चाप बैठा करता था , कपड़े पहने हुए एक हस्बे मामूल शख़्स कि तरह -
32-10
लोगों ने उस शिफ़ा पाए हुए शख़्स और मरे हुए सुअरों कि बाबत कैसा रद्दे अमल पेश किया ?
वह बहुत डर गए और येसु से मिन्नत की कि वह वहां से चला जाए -
32-11
येसु ने उस शिफ़ा पाए शख़्स से उस के साथ चलने के बजाए क्या कहा ?
येसु ने उस से कहा कि वह अपने घर जाए ,अपने दोस्तों और ख़ानदान के लोगों से वह सारी बातें कहे जो ख़ुदा ने उस के लिए कीं -
32-14
वह औरत जिसे ख़ून जारी रहने की परेशानी थी येसु के पास क्यूँ आई ?
उसने सोचा कि अगर मैं येसु के कपड़ों को ही छू लूंगी तो मैं शिफ़ा पा जाऊंगी -
जैसे ही औरत ने येसु के कपड़े छुए तो क्या हो गया था ?
उसका खून बहना बंद होगया -
32-15
येसु ने कैसे मालूम किया कि किसी ने उसको छुआ था ?
उसने महसूस किया था कि उसमें से क़ुव्वत निकली थी -
32-16
जब औरत ने येसु के सामने गिर कर सिजदा किया तो उसने औरत से क्या कहा ?
उसने उससे कहा “तेरे ईमान ने तुझे अच्छा किया , ,सलामत चली जा -