42-01
दो शागिर्द रास्ते में चलते चलते किस मौज़ू पर बात करते जा रहे थे ?
जो कुछ येसु के साथ हुआ उसकी बाबत बात कर रहे थे
42-02
दो शागिर्दों ने क्या सोचा कि हमारी जिस से बात चल रही थी वह कौन था ?
उन्होंने सोचा था कि वह कोई अजनबी होगा जो नहीं जानता था कि येरूशलेम में क्या कुछ हुआ था -
42-03
नबियों ने क्या कहा था कि मसीहा का क्या हाल होगा ?
मसीहा दुःख उठाएगा और मरेगा मगर वह तीसरे दिन मुर्दों में से ज़िन्दा होगा -
42-04
जब दो शागिर्दों ने येसु को पहचान लिया तब वह क्या कर रहा था ?
वह रोटी तोड़ रहा था और उसके लिए ख़ुदा का शुक्रिया अदा कर रहा था -
42-05
येसु ने जब उन दो शागिर्दों से विदा ली तो उस के जाने के बाद उन्होंने क्या किया ?
वह येरूशलेम लौटे और दीगर शागिर्दों को बताया कि येसु ज़िन्दा था और उन्हों ने उसे देखा था -
42-06
येसु ने शागिर्दों को कैसे साबित किया कि वह कोई भूत नहीं है ?
उसने एक भुनी हुई मछली का क़तला लेकर खाया -
42-07
किस बात ने शागिर्दों को इस क़ाबिल किया कि वह ख़ुदा के कलाम को समझ पाए ?
येसु ने उनके दिमाग़ को खोला -
42-08
वह कौनसा पैग़ाम था जो येसु के शागिर्दों को मनादी करना था ?
वह मनादी करेंगे कि हर एक को अपने गुनाहों की मुआफ़ी हासिल करने के लिए तौबा करनी चाहिए -
येसु के शागिर्दों को कहां पर इस पैग़ाम की मनादी करनी थी ?
सबसे पहले उनको येरूशलेम में और फिर दुनिया के तमाम लोगों में -
42-09
कितने अरसे तक येसु लगातार शागिर्दों पर ज़ाहिर होता रहा ?
वह उनपर लगातार 40 दिन तक ज़ाहिर होता रहा -
शागिर्दों की कितनी बड़ी जमाअत थी जो उस वक़्त येसु ने देखी ?
वह 500 से ज़ियादा शागिर्दों पर एक ही वक़्त में ज़ाहिर हुआ था -
42-10
येसु ने अपने शागिर्दों को क्या करने का हुक्म दिया ?
उसने उनसे कहा “तुम जाकर सब क़ौमों को शागिर्द बनाओ ,और उनको बाप बेटे और रूहुलक़ुदुस के नाम से बपतिस्मा दो और उनको यह तालीम दो कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैं ने तुमको हुक्म दिया”-
42-11
येसु ने अपने शागिर्दों से यह क्यूँ कहा कि येरूशलेम में ठहरे रहो ?
जब तक कि बाप की तरफ़ से उन्हें रूहुल क़ुदुस की क़ुव्वत नहीं मिल जाती उन्हें इंतज़ार करना ज़रूरी था -
येसु अपने जी उठने के चालीस दिन बाद कहाँ गया ?
वह आसमान पर चला गया -
अभी इसी वक़्त येसु क्या कर रहा है ?
वह ख़ुदा के दहनी तरफ़ बैठ कर सारी चीज़ों पर हुकूमत कर रहा है -