40-01
जब सिपाही येसु को मस्लूब करने शहर से बाहर ले जा रहे थे तो क्या चीज़ येसु को अपने साथ लेकर जाने के लिए मजबूर किया ?
उन्होंने एक भारी सलीब ले कर चलने के लिए मजबूर किया जिस पर उसको मरना था -
40-02
येसु को जहां सलीब दी गयी थी उस जगह का नाम क्या था ?
खोपड़ी की जगह
सिपाहियों ने येसू को सलीब पर कैसे बांधा (जोड़ा) ?
उन्होंने येसु के हाथ और पांव में कीलें जड़ दीँ -
जो लोग येसु को मस्लूब कर रहे थे उनके लिए उस ने क्या दुआ की ?
उसने इस तरह से दुआ की “ऐ बाप तू इन्हें मुआफ़ कर क्यूंकि यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं -
येसु के सर के ऊपर सलीब के ऊपरी हिस्से में निशानी बतौर क्या लिखा हुआ था ?
यहूदियों का बादशाह
40-03
येसु के कपड़ों को सिपाहियों ने किस तरह बांटा ?
उन्होंने उसके कपड़ों पर क़ुरआ डाला जिस तरह से नबुव्वत हुई थी -
40-04
उस डाकू ने जिस ने येसु का मज़ाक़ नहीं उड़ाया था येसु से क्या करने को कहा ?
उसने येसु से कहा कि जब तू अपनी बादशाही में आए तो मुझे याद करना -
डाकू की दरख़ास्त के लिए येसु का क्या जवाब था ?
उसका जवाब था “तू आज ही मेरे साथ जन्नतुल फ़िरदौस में होगा -
40-05
ख़ुदा का बेटा होने को साबित करने के लिए भीड़ येसु से क्या चाहती थी ?
उन्होंने येसु से कहा सलीब से नीचे उतर आ और ख़ुद को बचा -
40-06
दोपहर के वक़्त में आसमान पर कौनसी ग़ैरमामूली बात वाक़े हुई ?
दोपहर से लेकर दोपहर के बाद तीन बजे तक सारे मुल्क में अँधेरा छाया रहा -
40-07
येसु का आख़री कलिमा क्या था जो उस ने सलीब पर से चिल्लाकर कहा ?
“पूरा हुआ , ऐ बाप मैं अपनी रूह तेरे हाथों में सौंपता हूँ -
येसु के मरने के फ़ौरन बाद कौनसे मोजिज़ाना वाक़ियात वाक़े हुए ?
एक ज़लज़ला आया और मंदिर का जो बड़ा पर्दा था वह ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया -
40-08
येसु ने अपनी मौत के वसीले से किस बात को पूरा किया ?
येसु ने लोगों को ख़ुदा के पास आने का एक रास्ता खोल दिया -
40-09
येसु कि लाश को मांगने के लिए पिलातुस के पास कौन आया ?
यूसुफ़ और निकुदीमुस
उन्होंने लाश के साथ क्या किया ?
उन्होंने लाश को कपड़े में लपेटा और उसे पत्थरों से तराशी हुई एक क़ब्र में रखा और उसके मुंह पर यानि कि उसके मद्खल पर एक बड़ा गोल पत्थर रख दिया -