27-01
यहूदी शरा’ के आलिम ने येसू से क्या सवाल पूछा ?
“उस्ताद हमेशा की ज़िन्दगी पाने के किये मैं क्या करूं” ?
उसके जवाब में येसू ने आलिम से क्या सवाल पूछा ?
उस ने पूछा “ख़ुदा की शरियत में क्या लिखा है ?”
27-02
ख़ुदा कि शरियत किस से मोहब्बत रखने को कहती है ?
खुदावंद अपने ख़ुदा से और अपने पड़ौसी से -
27-03
यहूदी शरियत के आलिम ने यह सवाल क्यूँ पूछा कि उसका पड़ौसी कौन था ?
वह साबित करना चाहता था कि वह एक रास्तबाज़ शख़्त था -
27-05
येसू की कहानी में उस यहूदी शख़्त को क्या हो गया था जो सफ़र कर रहा था ?
उस पर डाकुओं का हमला हुआ था जिन्होंने उस का सब कुछ छीन लिया था जो उसका था ,और उसको मारा पीटा भी था जब तक कि वह अध्मुआ न हो गया था -
27-06
वह पहला शख़्त कौन था जिसने उस ज़ख़्मी आदमी को देखा था ?
एक यहूदी काहिन -
काहिन ने क्या किया जब उसने ज़ख़्मी शख़्त को देखा ?
वह उससे कतराकर ,नज़र अंदाज़ करते हुए सड़क कि दूसरी तरफ़ चल दिया -
27-07
वह दूसरा शख़्त कौन था जो उस ज़ख़्मी आदमी को देखकर कतराकर चला गया था ?
एक लावी था -
लावी ने क्या किया जब उसने उस ज़ख़्मी आदमी को देखा ?
वह भी नज़र अंदाज़ करके कतराकर सड़क की दूसरी तरफ़ चल दिया -
27-08
वह तीसरा शख़्त कौन था जिस ने उस ज़ख़्मी आदमी को देखा था ?
एक सामरी
यहूदियों और सामरियों का रिश्ता क्या था ?
वह एक दुसरे से नफ़रत करते थे -
27-09
सामरी ने ज़ख़्मी आदमी की किस तरह से मदद की?
उसने ज़ख़्मों पर मरहम पट्टी की और सड़क की एक सराय में ले गया और उसकी देख रेख करी -
27-10
सामरी ने ज़ख़्मी आदमी की किस तरह से मदद की?
उसने ज़ख़्मों पर मरहम पट्टी की और सड़क की एक सराय में ले गया और उसकी देख रेख की -
27-11
तीन आदमियों में से किस ने उस ज़ख़्मी आदमी की मदद करके एक अच्छा पड़ौसी होने का किरदार निभाया ?
वह सामरी जिस ने उस पर तरस खाया -