38-01
फ़सह के क्या मायने थे जिसे यहूदी हर साल मनाते थे ?
फ़सह इस याद में मनाया जाता है कि किस तरह ख़ुदा ने यहूदियों के बाप दादाओं को मिस्र की ग़ुलामी से बचाया
38-02
येसु को धोके से पकड़वा कर मज़हबी रहनुमाओं के हाथ सौंपने के इवज़ में यहूदा क्या चाहता था ?
इसके इवज़ में यहूदा को पैसे चाहिए थे -
38-03
यहूदी रहनुमाओं ने येसू को धोके से पकड़वाने के लिए क्या क़ीमत दी ?
उन्होंने उसे पूरे तीस चांदी के सिक्के दिए -
38-04
फ़सह का खाना खाते वक़्त येसु ने रोटी के लिए क्या कहा ?
उस ने कहा “यह मेरा जिस्म है जो तुम्हारे लिए दिया जाता है -
38-05
येसु ने प्याले की बाबत क्या कहा ?
उसने कहा यह मेरे ख़ून में नया अहद है जो गुनाहों की मुआफ़ी के लिए बहाया जाता है -
38-06
यहूदा को क्या हुआ जब उस ने येसु से रोटी का निवाला लिया ?
शैतान यहूदा में समा गया -
38-07
यहूदा को क्या हुआ जब उसने येसु से रोटी का निवाला लिया ?
शैतान यहूदा में समा गया -
38-08
येसु ने शागिर्दों की बाबत क्या पेशगोई की कि उन के साथ उस रात क्या होने वाला था ?
वह सब के सब येसु को छोड़ देंगे -
38-09
येसु ने पतरस से क्या कहा कि मुर्ग़ के बांग देने पहले वह क्या करेगा ?
पतरस तीन बार इनकार करेगा कि वह येसु को जानता है -
38-10
शागिर्दों ने उन से मुताल्लिक़ येसु की पेशगोई का क्या जवाब दिया ?
उन्होंने उससे कहा येसु का इंकार करने से अच्छा तो हम मर जाएंगे -
38-12
येसु ने गतसमनी में ख़ुदा बाप से क्या दुआ की ?
येसु ने बाप से कहा अगर हो सके तो यह मुसीबत का प्याला टल जाए , पर अगर लोगों के गुनाहों कि मुआफ़ी का कोई और ज़रिया नहीं है तो तेरी ही मर्ज़ी पूरी हो -
38-13
जब येसु दुआ कर रहा था तो शागिर्द लोग क्या कर रहे थे ?
वह सो रहे थे -
38-14
सिपाहियों ने कैसे मालूम किया कि येसु कि क्या पहचान थी ?
येसु को गिरफ़्तार करने के लिए एक निशानी बतौर यहूदा ने येसु का बोसा लिया -
38-15
येसु पर हमले को रोकने के लिए पतरस ने क्या किया ?
उसने तलवार खींची और सरदार काहिन के नौकर पर चलाकर उसका दहना कान उड़ा दिया -
येसु ने पतरस से कयूँ कहा कि उसे हमले से बचाने की कोई ज़रुरत नहीं है ?
क्यूंकि येसु ख़ुदा बाप से फ़रिश्तों की एक बहुत बड़ी फ़ौज बुला सकता था -
जब येसु गिरफ़्तार हुआ तो शागिर्दों ने क्या किया ?
वह सब के सब छोड़ कर भाग गए -