48-01
जब ख़ुदा ने पहली बार दुनिया को बनाया तो वह दुनया कैसी थी ?
वह कामिल थी बग़ैर गुनाह के बग़ैर बीमारी या मौत के -
48-02
ज़मीन पर लोग क्यूँ बीमार पड़ते हैं और हर कोई क्यूँ मरता है ?
क्यूंकि आदम और हव्वा ने ख़ुदा के ख़िलाफ़ गुनाह किया था -
48-03
हर कोई शख़्स जो पैदा होता है उसकी क्या हालत होती है ?
उनके अन्दर गुनाह की फ़ितरत होती है और वह ख़ुदा के दुशमन होते हैं -
48-04
इसके क्या मायने हैं कि शैतान हव्वा की नस्ल को उनकी “एड़ी पर डसेगा” ?
मतलब यह कि शैतान मसीहा को मारेगा मगर ख़ुदा उसको फिर से ज़िन्दा करेगा -
48-05
किन मायनों में येसु उस कश्ती की मानिंद है जिसका ख़ुदा ने इंतज़ाम किया था जब उसने सैलाब के ज़रिये से ज़मीन को तबाह किया था ?
ख़ुदा ने येसु को उन लोगों को बचाने के लिये जो उस पर ईमान लायें , एक राह के तौर पर मुहय्या किया -
48-06
येसु उन काहिनों से कैसे फ़र्क़ है जो उस से पहले आए थे ?
उसने खुद को वाहिद क़ुर्बानी बतौर पेश किया जो तमाम लोगों के गुनाहों को उठाकर ले जा सका -
48-07
ख़ुदा का वायदा जो अब्रहाम के लियें था वह येसु के वसीले से कैसे पूरा हुआ ?
हर कोई शख़्स चाहे वह किसी भी जमाअत का क्यूँ न हो जो येसु पर ईमान लाता है वह गुनाह से बच जाता है और अब्रहाम की एक रूहानी औलाद बन जाता है -
48-08
येसु को कैसे उस बर्रे की तरह है जिसे इज़्हाक़ के बदले क़ुर्बान किया गया था ?
येसु ख़ुदा का बर्रा है जिसकी हमारे मक़ाम पर क़ुर्बानी दी गई थी -
48-10
येसु किस तरह फ़सह का बर्रा है ?
येसु कामिल और बे गुनाह था , और उसका ख़ून (उसकी मौत) ख़ुदा की सज़ा का सबब है जो उसपर ईमान लाता है उस हर एक पर से गुज़र जाता है -
48-11
ख़ुदा के लोगों का हिस्सा कौन बन सकता है ?
किसी भी जमाअत के लोगों में से कोई भी शख़्स येसु पर ईमान लाकर नए अहद के ज़रिये से ख़ुदा के लोगों का एक हिस्सा बन सकता है -
48-12
किन मायनों में येसु तमाम नबियों से बड़ा है ?
वह ख़ुदा है , इसलिए उसने जो कुछ किया और कहा वह ख़ुदा के अलफ़ाज़ और काम थे -
48-13
किस तरह से येसु ने उस वायदे को पूरा किया जो ख़ुदा ने दाऊद बादशाह से किया था ?
इसलिए कि वह ख़ुदा का बेटा है ,वह दाऊद की नस्ल में से है जो हमेशा के लिए बादशाही कर सकता है -
48-14
किस मायने में येसु दाऊद बादशाह से भी बड़ा है ?
येसु तमाम कायनात का बादशाह है -